डिप्रेशन को चुप रहकर नहीं झेलें
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0:01 - 0:05तुम यहाँ क्या कर रही हो इस मंच पर
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0:05 - 0:09वो भी इतने सारे लोगों के सामने?
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0:09 - 0:10(ठहाका)
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0:10 - 0:11भागो
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0:11 - 0:12(ठहाका)
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0:12 - 0:13तेज़ भागो.
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0:15 - 0:18यह आवाज़ है मेरे अंदर की चिंता की
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0:19 - 0:21जब कुछ भी ग़लत ना हो, तब भी
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0:21 - 0:25मुझे कई बार एक तीव्र एहसास होता है
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0:25 - 0:28जैसे कुछ बहुत ही ग़लत होने वाला है
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0:29 - 0:31आप जानते हें कुछ साल पहले,
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0:31 - 0:34निदान हुआ .मै चिंताग्रस्त हूँ
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0:34 - 0:35निराश हू
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0:35 - 0:38यह दो स्थिती एकसाथ चलती है
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0:38 - 0:42मै यह किसीसे नहीं कहती
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0:42 - 0:45खासकर इतने बडे श्रोतो के सामने
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0:45 - 0:47एका अश्वेत महिला होने पर
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0:47 - 0:50यशस्वी होने के लिये
मुझे बहुतही प्रयास करने पडे . -
0:50 - 0:52जैसेआमतौर पर मेरे
समाज के लोगो की धारणा है -
0:52 - 0:54डिप्रेशन एक कमज़ोरी है
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0:56 - 0:57एक अवगुन है
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0:58 - 0:59लेकिन मैं कमज़ोर नहीं थी
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0:59 - 1:00मैं सफल थी
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1:00 - 1:02मैंने मीडिया स्टडीज़ में मास्टेर की
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1:02 - 1:03डिग्री पायी है और टेलिविजन और मूवी
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1:03 - 1:05बिज़्नेस में बहुत अच्छी नौकरियों
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1:05 - 1:07की क़तार थी मेरे आगे
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1:07 - 1:10यहाँ कि मैंने २ एमी अवार्ड्स भी जीते हैं
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1:11 - 1:12मैं बहुत व्यस्त थी
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1:14 - 1:16जो चीज़ें मुझे बहुत पसंद थी अब मुझे
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1:16 - 1:17उन मैं रुचि नहीं दिखती थी
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1:17 - 1:18खाना खाने का वक़्त नहीं था
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1:18 - 1:20नींद नहीं आती थी
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1:20 - 1:23बहुत अकेला और जर्जर महसूस करती थी
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1:23 - 1:25लेकिन डिप्रेस्ड ?
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1:25 - 1:26मैं ? बिलकुल नहीं
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1:27 - 1:29मुझे २ हफ़्ते से ज़्यादा लगे
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1:29 - 1:30स्वीकार करने मैं
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1:30 - 1:31लेकिन डाक्टर्ज़ सही थे
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1:32 - 1:33मुझे डिप्रेशन था
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1:33 - 1:35अभी भी मैंने किसी को अपने
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1:35 - 1:36निदान के बारे में नहीं बताया
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1:38 - 1:39मैं बहुत शर्मिंदा थी
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1:39 - 1:41मुझे लगता था मुझे कोई हक़ नहीं है
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1:41 - 1:42नीराश होने का
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1:42 - 1:44मेरी ज़िंदगी बहुत विशेष थी
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1:44 - 1:47एक प्यारा परिवार और सफल जीविका
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1:48 - 1:50और जब मैं उन अनकहे भयानक वाक़्यों को सोचती
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1:50 - 1:52जो मेरे पूर्वजों ने सहे
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1:53 - 1:55मेरे अछे भविशेय के लिए
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1:55 - 1:57मैं आत्म गलानी से भर जाती
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1:57 - 1:59मैं उनके कंधों पर खड़ी थी
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1:59 - 2:01मैं उनकी आशाएँ कैसे तोड़ सकती थी
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2:01 - 2:03मैं अपना सिर ऊँचा करके
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2:03 - 2:05चेहरे पर एक मुस्कान ला कर चल पड़ी,
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2:06 - 2:10किसी से बिना कुछ कहे
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2:10 - 2:14४ जुलाई २०१३ को
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2:14 - 2:17मेरी दुनिया बिखर गयी
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2:17 - 2:20उस दिन मेरी माँ का फ़ोन आया
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2:20 - 2:22उन्होंने बताया, मेरे २२ वर्षीय भांजे पॉल
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2:25 - 2:27ने डिप्रेशन से हार कर आत्महत्या कर ली
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2:29 - 2:30शब्दों में बयान नहीं कर सकती
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2:30 - 2:32मैं किस तरह टूट गयी थी
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2:32 - 2:34मैं और पॉल बहुत क़रीब थे, लेकिन
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2:34 - 2:36उसकी तकलीफ़ से अनजान थी
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2:37 - 2:38हम दोनो ने ही कभी एक दूसरे से
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2:38 - 2:40अपने संघर्ष के बारे मैं बात नहीं की थी
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2:40 - 2:42शर्म के कारण हम दोनो ही चुप थे
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2:44 - 2:48मुझे आदत है दुःख का डट कर सामना करने की
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2:48 - 2:51मैंने २ साल डिप्रेशन/ ऐंज़ाइयटी पर खोज करी
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2:51 - 2:54मैंने जो जाना, वो बहुत अद्भुत था
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2:55 - 2:57WHO के अनुसार डिप्रेशन दुनिया की
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2:57 - 3:00सभी बीमारियों का सबसे बड़ा रोग है
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3:04 - 3:07अभी डिप्रेशन का असली कारण नहीं साफ़ है
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3:07 - 3:09लेकिन खोज के अनुसार ज़्यादातर दिमाग़ी रोग
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3:10 - 3:13दिमाग़ में एक केमिकल असंतुलन
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3:15 - 3:17या जनन-प्रवृत्ति के कारण होता हैं
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3:19 - 3:21आप इससे एक दम से पीछा नहीं छुड़ा सकते
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3:23 - 3:25अफ़्रीकी अमेरिकन लोगों के लिए
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3:25 - 3:27जातिवाद और सामाजिक आर्थिक असमानताओं
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3:27 - 3:28के कारण दिमाग़ी रोग होने का
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3:28 - 3:30२० प्रतिशत ज़्यादा ख़तरा रहता है
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3:34 - 3:36और यह लोग अमरीकी लोगों के
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3:36 - 3:38मुक़ाबले ५० प्रतिशत कम मदद माँगते हें
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3:40 - 3:41इसका एक कारण है शर्म
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3:42 - 3:44६३ प्रतिशत नीग्रो का सोचना है कि
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3:44 - 3:47डिप्रेशन एक व्यक्तिगत कमज़ोरी है
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3:50 - 3:52बड़े दुःख की बात है, कि पीछले २० सालों में
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3:52 - 3:54नीग्रो बच्चों की आत्महत्या की संख्या
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3:54 - 3:55दुगनी हो गयी है
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3:58 - 4:00अछी ख़बर यह है कि
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4:01 - 4:03७० प्रतिशत डिप्रेशन के रोगी
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4:04 - 4:07सही इलाज और दवाई और थेरपी
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4:07 - 4:08से ठीक हो सकते हैं
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4:09 - 4:11इस जानकारी के साथ
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4:11 - 4:12मैंने एक फ़ैसला किया
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4:13 - 4:15कि अब में और चुप नहीं रहूँगी
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4:17 - 4:18मेरे परिवार के आशीर्वाद से
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4:19 - 4:20मैं अपनी कहानी लोगों के सामने लाऊँगी
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4:20 - 4:21इस उमीद से कि एक
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4:21 - 4:23विश्व जागरूकता आएगी
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4:24 - 4:26मेरी एक दोस्त केली पीरे लूई ने कहा है
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4:27 - 4:29हमारी सुदृढ़तआ हमें अंदर ही अंदर मारती है
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4:31 - 4:32उसने सही कहा है
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4:32 - 4:34हमें उन पुरानी दक़ियानूसी विचारों
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4:34 - 4:35से बाहर आना होगा
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4:36 - 4:38जहाँ औरत को मानसिक सुदृढ़ और
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4:38 - 4:39पुरुष को शारीरिक सुदृढ़ होना
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4:39 - 4:40ज़रूरी बताया गया है
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4:40 - 4:42कितनी भी मुसीबतें आएँ लेकिन
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4:43 - 4:45कमज़ोर नहीं पड़ना, लड़ते रहो
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4:46 - 4:48भावनाएँ होना कोई कमज़ोरी नहीं है
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4:51 - 4:52भावनाओं का मतलब है हम इंसान हैं
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4:53 - 4:55जब हम अपनी इंसानियत को भूल जाते हें
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4:55 - 4:56तो अंदर से खोखले हो जाते हें
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4:57 - 4:59फिर उस कमी को पूरा करने के लिए
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4:59 - 5:00हम बाहर ख़ुद से दवाई ढूँढते हैं
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5:01 - 5:03मेरे लिए मेरी सफलता ही मेरी दवा थी
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5:04 - 5:06आजकल मैं अपनी कहानी खुल कर बताती हूँ
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5:08 - 5:09और चाहती हूँ दूसरे भी ऐसा करें
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5:10 - 5:12मेरा यही मान ना है कि
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5:12 - 5:13उन लोगों की मदद करना जो
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5:13 - 5:15चुपी में इस बीमारी से अकेले जूझते हें
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5:15 - 5:17उन्हें बताना कि वो अकेले नहीं हैं
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5:17 - 5:18सही मदद से वो ठीक हो सकते हैं
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5:20 - 5:21मैं अभी भी जूझ रही हूँ
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5:22 - 5:23अपनी ऐंज़ाइयटी से,
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5:24 - 5:26लेकिन संभाल लेती हूँ
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5:26 - 5:28हर रोज़ ध्यान व योगा करने से
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5:28 - 5:29और सही खाना खाने से
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5:31 - 5:32(ठहाका)
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5:32 - 5:34अगर कभी फिर ऐंज़ाइयटी लगती है तो
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5:34 - 5:36अपनी थेरपिस्ट से मिलती हूँ
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5:36 - 5:38उनका नाम है डॉन आर्म्स्ट्रॉंग
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5:39 - 5:41बहुत ही मज़ाक़िया हैं
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5:41 - 5:43और सुखद स्वभाव
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5:45 - 5:47मुझे हमेशा खेद रहेगा कि
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5:47 - 5:49मेरे भांजे के पास मैं नहीं थी
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5:50 - 5:52लेकिन आशा करती हूँ की मेरी कहानी से
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5:53 - 5:55दूसरे सीखें और प्रेरित हो सकें
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5:59 - 6:01ज़िंदगी बहुत ख़ूबसूरत है
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6:03 - 6:04कभी कभी उलझ जाती है
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6:04 - 6:06बहुत तरंगी व मनमौजी है
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6:07 - 6:09लेकिन आप हिम्मत रखें और सही मदद लें
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6:09 - 6:10तो सब ठीक हो जाता है
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6:12 - 6:13अगर सिर दर्दी बहुत बढ़ जाए तो
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6:14 - 6:15प्लीज़ मदद ज़रूर लें
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6:16 - 6:17धनयवाद
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6:17 - 6:18(तालियाँ)
- Title:
- डिप्रेशन को चुप रहकर नहीं झेलें
- Speaker:
- निक्की वेबर ऐलन
- Description:
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भावनाएँ होना कोई कमज़ोरी नहीं है, उनका मतलब है हम इंसान हैं, ऐसा कहना है निर्माता और समाज सेविका निक्की वेबर ऐलन का। यह पता चलने के बाद की उन्हें डिप्रेशन है, ऐलन शर्म की वजह से काफ़ी समय तक चुप रही हैं जब तक उनके काफ़ी क़रीबी परिवार के सदस्य की अचानक मिरत्यु ने उन्हें झँझोर दिया। दिमाग़ी तंडरुस्ती पर उनकी यह वार्तालाप में उन्होंने बताया अपने संघर्ष के बार में। वो सामाजिक सतिथियाँ जो डिप्रेशन को कलंक समझती हैं, कमज़ोरी समझती हैं, और उन्हें मदद लेने से रोकती हैं, वो सतिथियाँ बदलनी चाहियैं।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 06:35
Omprakash Bisen approved Hindi subtitles for Don't suffer from your depression in silence | ||
Arvind Patil accepted Hindi subtitles for Don't suffer from your depression in silence | ||
Deepti Gupta edited Hindi subtitles for Don't suffer from your depression in silence | ||
Deepti Gupta edited Hindi subtitles for Don't suffer from your depression in silence | ||
Deepti Gupta edited Hindi subtitles for Don't suffer from your depression in silence | ||
Deepti Gupta edited Hindi subtitles for Don't suffer from your depression in silence | ||
Deepti Gupta edited Hindi subtitles for Don't suffer from your depression in silence | ||
Deepti Gupta edited Hindi subtitles for Don't suffer from your depression in silence |