तुम यहाँ क्या कर रही हो इस मंच पर वो भी इतने सारे लोगों के सामने? (ठहाका) भागो (ठहाका) तेज़ भागो. यह आवाज़ है मेरे अंदर की चिंता की जब कुछ भी ग़लत ना हो, तब भी मुझे कई बार एक तीव्र एहसास होता है जैसे कुछ बहुत ही ग़लत होने वाला है आप जानते हें कुछ साल पहले, निदान हुआ .मै चिंताग्रस्त हूँ निराश हू यह दो स्थिती एकसाथ चलती है मै यह किसीसे नहीं कहती खासकर इतने बडे श्रोतो के सामने एका अश्वेत महिला होने पर यशस्वी होने के लिये मुझे बहुतही प्रयास करने पडे . जैसेआमतौर पर मेरे समाज के लोगो की धारणा है डिप्रेशन एक कमज़ोरी है एक अवगुन है लेकिन मैं कमज़ोर नहीं थी मैं सफल थी मैंने मीडिया स्टडीज़ में मास्टेर की डिग्री पायी है और टेलिविजन और मूवी बिज़्नेस में बहुत अच्छी नौकरियों की क़तार थी मेरे आगे यहाँ कि मैंने २ एमी अवार्ड्स भी जीते हैं मैं बहुत व्यस्त थी जो चीज़ें मुझे बहुत पसंद थी अब मुझे उन मैं रुचि नहीं दिखती थी नींद नहीं आती थी खाना खाने का वक़्त नहीं था बहुत अकेला और जर्जर महसूस करती थी लेकिन डिप्रेस्ड ? मैं ? बिलकुल नहीं मुझे २ हफ़्ते से ज़्यादा लगे स्वीकार करने मैं लेकिन डाक्टर्ज़ सही थे मुझे डिप्रेशन था अभी भी मैंने किसी को अपने निदान के बारे में नहीं बताया मैं बहुत शर्मिंदा थी मुझे लगता था मुझे कोई हक़ नहीं है नीराश होने का मेरी ज़िंदगी बहुत विशेष थी एक प्यारा परिवार और सफल जीविका और जब मैं उन अनकहे भयानक वाक़्यों को सोचती जो मेरे पूर्वजों ने सहे मेरे अछे भविशेय के लिए मैं आत्म गलानी से भर जाती मैं उनके कंधों पर खड़ी थी मैं उनकी आशाएँ कैसे तोड़ सकती थी मैं अपना सिर ऊँचा करके चेहरे पर एक मुस्कान ला कर चल पड़ी, किसी से बिना कुछ कहे ४ जुलाई २०१३ को मेरी दुनिया बिखर गयी उस दिन मेरी माँ का फ़ोन आया उन्होंने बताया, मेरे २२ वर्षीय भांजे पॉल ने डिप्रेशन से हार कर आत्महत्या कर ली शब्दों में बयान नहीं कर सकती मैं किस तरह टूट गयी थी मैं और पॉल बहुत क़रीब थे, लेकिन उसकी तकलीफ़ से अनजान थी हम दोनो ने ही कभी एक दूसरे से अपने संघर्ष के बारे मैं बात नहीं की थी शर्म के कारण हम दोनो ही चुप थे मुझे आदत है दुःख का डट कर सामना करने की मैंने २ साल डिप्रेशन/ ऐंज़ाइयटी पर खोज करी मैंने जो जाना, वो बहुत अद्भुत था WHO के अनुसार डिप्रेशन दुनिया की सभी बीमारियों का सबसे बड़ा रोग है अभी डिप्रेशन का असली कारण नहीं साफ़ है लेकिन खोज के अनुसार ज़्यादातर दिमाग़ी रोग दिमाग़ में एक केमिकल असंतुलन या जनन-प्रवृत्ति के कारण होता हैं आप इससे एक दम से पीछा नहीं छुड़ा सकते अफ़्रीकी अमेरिकन लोगों के लिए जातिवाद और सामाजिक आर्थिक असमानताओं के कारण दिमाग़ी रोग होने का २० प्रतिशत ज़्यादा ख़तरा रहता है और यह लोग अमरीकी लोगों के मुक़ाबले ५० प्रतिशत कम मदद माँगते हें इसका एक कारण है शर्म ६३ प्रतिशत नीग्रो का सोचना है कि डिप्रेशन एक व्यक्तिगत कमज़ोरी है बड़े दुःख की बात है, कि पीछले २० सालों में नीग्रो बच्चों की आत्महत्या की संख्या दुगनी हो गयी है अछी ख़बर यह है कि ७० प्रतिशत डिप्रेशन के रोगी सही इलाज और दवाई और थेरपी से ठीक हो सकते हैं इस जानकारी के साथ मैंने एक फ़ैसला किया कि अब में और चुप नहीं रहूँगी मेरे परिवार के आशीर्वाद से मैं अपनी कहानी लोगों के सामने लाऊँगी इस उमीद से कि एक विश्व जागरूकता आएगी मेरी एक दोस्त केली पीरे लूई ने कहा है हमारी सुदृढ़तआ हमें अंदर ही अंदर मारती है उसने सही कहा है हमें उन पुरानी दक़ियानूसी विचारों से बाहर आना होगा जहाँ औरत को मानसिक सुदृढ़ और पुरुष को शारीरिक सुदृढ़ होना ज़रूरी बताया गया है कितनी भी मुसीबतें आएँ लेकिन कमज़ोर नहीं पड़ना, लड़ते रहो भावनाएँ होना कोई कमज़ोरी नहीं है भावनाओं का मतलब है हम इंसान हैं जब हम अपनी इंसानियत को भूल जाते हें तो अंदर से खोखले हो जाते हें फिर उस कमी को पूरा करने के लिए हम बाहर ख़ुद से दवाई ढूँढते हैं मेरे लिए मेरी सफलता ही मेरी दवा थी आजकल मैं अपनी कहानी खुल कर बताती हूँ और चाहती हूँ दूसरे भी ऐसा करें मेरा यही मान ना है कि उन लोगों की मदद करना जो चुपी में इस बीमारी से अकेले जूझते हें उन्हें बताना कि वो अकेले नहीं हैं सही मदद से वो ठीक हो सकते हैं मैं अभी भी जूझ रही हूँ अपनी ऐंज़ाइयटी से, लेकिन संभाल लेती हूँ हर रोज़ ध्यान व योगा करने से और सही खाना खाने से (ठहाका) अगर कभी फिर ऐंज़ाइयटी लगती है तो अपनी थेरपिस्ट से मिलती हूँ उनका नाम है डॉन आर्म्स्ट्रॉंग बहुत ही मज़ाक़िया हैं और सुखद स्वभाव मुझे हमेशा खेद रहेगा कि मेरे भांजे के पास मैं नहीं थी लेकिन आशा करती हूँ की मेरी कहानी से दूसरे सीखें और प्रेरित हो सकें ज़िंदगी बहुत ख़ूबसूरत है कभी कभी उलझ जाती है बहुत तरंगी व मनमौजी है लेकिन आप हिम्मत रखें और सही मदद लें तो सब ठीक हो जाता है अगर सिर दर्दी बहुत बढ़ जाए तो प्लीज़ मदद ज़रूर लें धनयवाद (तालियाँ)