विलुप्तप्रायः संस्कृतियों के बारे में वेड डेविस
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0:00 - 0:03आप यात्रा से होने वाले आनंद को जानते हैं
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0:03 - 0:05तथा नृवंशी अध्ययन के शोध का एक आनंददायक अवसर
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0:05 - 0:07प्राचीन ढंग से जीवन व्यतीत करने वाले लोगों
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0:07 - 0:09के बीच रहना है,
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0:09 - 0:12वे लोग जो अब भी अपने बीते हुए समय को महसूस कर रहे हों
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0:12 - 0:15और पाषाण युग का अनुभव व
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0:15 - 0:17पत्तियों का स्वाद चख कर जीवन व्यतीत कर रहे हों।
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0:17 - 0:21यह जानने के लिए कि जगुआर शमनस अब भी आकाश गंगा के परे यात्रा करता है
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0:21 - 0:25या फिर पूर्वजों की भावनात्मक अर्थपूर्ण
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0:25 - 0:27कल्पनाओं अब भी प्रतिध्वनित हो रही है,
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0:28 - 0:32या फिर हिमालय पर्वत में बौद्ध आज भी धर्म का अनुसरण कर रहे हैं,
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0:32 - 0:35यह मानव शास्त्र के मूल भाव को वास्तविक तौर पर याद रखना है।
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0:35 - 0:37इससे यह भी अनुमान लगाया जा सकता है कि
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0:38 - 0:40हम जिस संसार में जीवन व्यतीत कर रहे हैं
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0:40 - 0:41वह निश्चित तौर पर वैसा ही नहीं है अपितु वह तो वास्तविकता का एक नमूना है,
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0:41 - 0:45हमारे पूर्वजों ने जो परंपरा बनाई वह अनुकूलक विकल्पों
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0:45 - 0:49के एक निश्चित समूह का परिणाम है हालांकि वह अनेक पुश्तों पहले सफल था।
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0:50 - 0:54और हां, हम सभी उन अति आवश्यक अनुकूलकों का प्रयोग कर रहे हैं।
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0:54 - 0:56हम सभी ने जन्म लिया है। हम सभी अपने बच्चों को इस संसार में लाते हैं।
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0:56 - 0:58हम दीक्षा के रीति रिवाजों से गुजरते हैं।
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0:58 - 1:00हमें मृत्यु की कबेरता के कारण अलग होने को पीड़ा का सामना करना पड़ता है,
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1:00 - 1:04इसलिए हमें आश्चर्य चकित नहीं होना चाहिए कि हम गाना गाते हैं,
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1:04 - 1:06हम सभी नाचते हैं और हम सभी को कला का ज्ञान है।
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1:06 - 1:09परंतु इसमें रोचक बात यह है कि सभी संस्कृतियों में गीत का आलाप,
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1:09 - 1:11नृत्य की लय अनोखी होती है।
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1:11 - 1:14चाहे इसमें बोरनियो के वनों में की जाने वाली
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1:14 - 1:17तपस्या हो, या हैती में तंत्रमंत्र
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1:18 - 1:22का अनुसरण हो, या उत्तरी केनिया के कैसुत मरूस्थल में
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1:24 - 1:26यौद्धा हो, ऐंडिस पर्वतों में कुरानडेरो हो, या
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1:27 - 1:32सहारा रेगिस्थान के मध्य में कैसवैन सेराऐ हो।
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1:32 - 1:34यह शायद वह सहयात्री था जिसके साथ मैंने एक
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1:34 - 1:35महीना पहले रेगिस्थान की यात्रा की है या फिर
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1:35 - 1:38वास्तव में यह क्योमोलंगमा की ढालानों पर एक याक चराने वाला है।
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1:38 - 1:40एवरेस्ट चोटी विश्व की देवी भी है।
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1:40 - 1:43ये सभी लोग हमें यह शिक्षा देते हैं कि जीवन
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1:43 - 1:44व्यतीत करने के अन्य तरीके भी हैं, सोचने के
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1:44 - 1:46अन्य तरीके भी हैं, धरती पर रहने के अन्य तरीके भी है
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1:46 - 1:48अगर आप इसके विषय में विचार करें तो यह आपके
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1:48 - 1:50भीतर आशा की किरण उत्पन्न कर सकता है।
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1:50 - 1:53अब आप विश्व की असंख्य संस्कृतियों को एकत्रित करें
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1:53 - 1:57और आध्यामिक जीवन तथा सांस्कृतिक जीवन का जाल बुनें
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1:57 - 1:59जो कि इस ग्रह को घेरती हैं,
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1:59 - 2:01तथा वह ग्रह को बेहतर बनाने के लिए उतने आवश्यक हो
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2:01 - 2:04जितने जीवन में मौजूद जीव जिन्हें हम बतौर जीव मंडल जानते हों।
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2:04 - 2:07जीवन के इस सांस्कृतिक जाल को
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2:07 - 2:08शायद आप नृवंशी समझ बैठें
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2:08 - 2:10तथा आप विचारों व स्वपनों,
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2:10 - 2:13कल्पनाओं, प्रेरणाओं, अंर्तज्ञान
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2:13 - 2:16और जो भी कुछ चेतना की प्रारंभिक अवस्था से
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2:16 - 2:20मानव कल्पना में मौजूद हो को एक साथ लेकर नृवंशी को परिभाषित करे
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2:20 - 2:23नृवंशी होना मानवता की सबसे बड़ी विरासत है ।
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2:23 - 2:25हम सब क्या हैं यह उसका चिन्ह है
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2:25 - 2:29तथा हम कितनी जिज्ञासु प्रजाति के हो सकते हैं ।
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2:30 - 2:33जैसे कि जीवनमंडल अत्यधिक नष्ट हो चुका है
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2:33 - 2:35ठीक वैसे ही नृवंशीमंडल भी एक बहुत
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2:35 - 2:37ही तेज गति से नष्ट हो चुका है ।
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2:37 - 2:39कोई भी जीव-वैज्ञानिक यह कहने का दुस्साहस नहीं करेगा
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2:39 - 2:42कि सभी प्रजातियों में से 50 प्रतिशत या उससे अधिक प्रजातियां लुप्त होने
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2:42 - 2:44की कगार पर खड़ी हैं क्योंकि यह बिल्कुल सही बात नहीं है;
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2:44 - 2:46इसके साथ-साथ जैविक विविधता की प्रभुता
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2:46 - 2:49में यह भविष्य सूचक परिदृश्य है ।
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2:49 - 2:52जिसे हम अत्यधिक आशावादी परिदृश्य मानते हैं
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2:52 - 2:54यह उस सांस्कृतिक विविधता का बहुत ही छोटा अंश है ।
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2:54 - 2:57भाषा की हानि इसकी उत्तम सूचक है ।
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2:57 - 3:00इस कमरे में मौजूद सभी लोगों का जब
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3:00 - 3:03जन्म हुआ था तो उस समय इस ग्रह पर 6000 भाषाएं बोली जाती थी ।
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3:03 - 3:06आजकल भाषा मात्र एक शब्द संग्रह नहीं है
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3:06 - 3:08या फिर वह व्याकरण नियमावली भी नहीं है ।
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3:08 - 3:10भाषा मानव आत्मा की चमक है ।
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3:10 - 3:13भाषा एक माध्यम है जिसके द्वारा किसी विशिष्ट संस्कृति की आत्
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3:13 - 3:14एक अनात्मवादी संसार में प्रवेश करती है ।
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3:14 - 3:17प्रत्येक भाषा दिमाग के भीतर
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3:17 - 3:21प्राचीन वन, जल-संभर, एक विचार, आध्यात्मिक संभावनाओं के परितंत्र की भांति होती है ।
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3:21 - 3:25जैसे कि आज हम मोनटेरे में
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3:25 - 3:29बैठकर देख सकते हैं कि उन 6000 भाषाओं में से आधी भाषाएं बच्चों
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3:29 - 3:32के कानों तक नहीं पहुंच रही हैं । वे शिशुओं को
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3:32 - 3:34भी अब पढ़ाई नहीं जा रही हैं; जिसका अर्थ यह हुआ कि अगर कोई प्रभावशाली
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3:34 - 3:35बदलाव नहीं होंगे तो वे पहले ही समाप्त हो जाएंगी ।
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3:35 - 3:39चुप्पी से घिरे रहने से ज्यादा अकेलापन और क्या होगा, आप अप
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3:39 - 3:41भाषा बोलने वाले अपने लोगों में से आखिरी होंगे, आपके पास अपने
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3:41 - 3:44पूर्वजों के ज्ञान को आगे पहुंचाने का या अपने बच्चों के
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3:44 - 3:47इरादों का अनुमान लगाने को का कोई माध्यम नहीं होगा ।
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3:47 - 3:50तब भी यह भयानक किस्मत पृथ्वी पर कहीं न कहीं
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3:50 - 3:52किसी की दर्दनाक अवस्था है; क्योंकि प्रत्येक दो
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3:52 - 3:54सप्ताह में कोई ना कोई बड़ा व्यक्ति प्राण त्याग देता है और
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3:54 - 3:56अपने साथ अपनी प्राचीन भाषा का
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3:56 - 3:58ज्ञान ले जाता है ।
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3:58 - 4:00और मैं यह जानता हूं कि आप में से कुछ लोग कहेंगे;
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4:00 - 4:01"क्या यह सही नहीं होगा ?
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4:01 - 4:04क्या संसार बेहतर नहीं हो जाएगा अगर हम सभी लोग एक ही भाषा बोलेंगे ?"
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4:04 - 4:07मैं भी यही कहता हूं कि बहुत अच्छे, हमें योरुबा भाषा को उस भाषा का दर्जा दे देना चाहिए ।
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4:07 - 4:08हमें कैनटोनीस को वह भाषा बनानी चाहिए । हमें कोगी को वह भाषा बनानी चाहिए ।
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4:08 - 4:10और तभी अचानक आप पाएंगे कि ऐसा हो जाएगा
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4:10 - 4:13कि मानो आप अपनी खुद की भाषा को ही नहीं बोल पा रहे हैं।
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4:13 - 4:16आज मैं आपके साथ जो भी करने जा रहा हूं
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4:16 - 4:20वह एक प्रकार से नृवंशी की यात्रा------- नृवंशी में से एक लघ
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4:20 - 4:22यात्रा करवाने जा रहा हूं; इसके माध्यम से मैं आपको यह समझाने का
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4:22 - 4:26प्रयास कर रहा हूं कि आप क्या खो रहे हैं ।
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4:27 - 4:34जब मैं यह कहता हूं कि जीवन व्यतीत करने के विभिन्न तरीके हैं तो बहुत
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4:34 - 4:36से लोग इसे कुछ भूल सा जाते हैं; मैं वास्तव में कहना चाहता हूं कि
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4:36 - 4:38जीवन व्यतीत करने के अनेक तरीके होते हैं ।
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4:39 - 4:44उदारहण के तौर पर उत्तर-पूर्वी एमैज़ोन के बरसाना के एक बालक को
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4:44 - 4:45ले लीजिए, अनाकोंडा के लोगों को लीजिए जो यह मानते हैं
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4:45 - 4:47कि पौराणिक कथा के अनुसार वे पूर्व दिशा से
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4:47 - 4:50दुग्ध नदी के पवित्र सापों के पेट से उत्पन्न हुए हैं ।
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4:50 - 4:53यही वे लोग हैं जो नीले रंग की पहचाने
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4:53 - 4:55हरे रंग से अलग नहीं कर पा रहे हैं
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4:55 - 4:57क्योंकि स्वर्ग की छतरी को वनों की
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4:57 - 4:58छतरी के समान माना गया है,
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4:58 - 5:00जिस पर लोग निर्भर हैं ।
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5:00 - 5:03इनका भाषा और विवाह के लिए एक अलग ही नियम है
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5:03 - 5:05जिसे भाषा के आधार पर जाति के बाहर विवाह करना कहा जाता है,
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5:05 - 5:08आप उसी से विवाह कर सकते हैं जो आपसे विभिन्न भाषा बोलता हो ।
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5:08 - 5:10यह सभी कुछ पौराणिक है,
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5:10 - 5:12फ़िर भी इन घरों में आशचर्य की बात ये है
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5:12 - 5:14कि जहां इन घरों में अंतर्जातीय विवाह के कारण 6 या 7 भाषाएं बोली जाती हैं,
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5:14 - 5:16आप कभी भी किसी को कोई एक भाषा प्रयोग करता हुआ नहीं सुन पाएंगे ।
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5:16 - 5:19वे पहले सुनते हैं
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5:19 - 5:22फिर बोलना प्रारंभ करते हैं ।
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5:22 - 5:24उत्तर-पूर्वी इक्वाडोर की वाओरानी जाति एक ऐसी रोमांचकारी प्रजाति है,
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5:24 - 5:28जिसके साथ मैं पहले कभी नहीं रहा हूं ।
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5:28 - 5:31सन् 1958 में कुछ विचित्र लोगों में शांतिपूर्ण ढंग से इन लोगों से संपर्क किया ।
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5:31 - 5:35सन् 1957 में पांच धर्म प्रचारकों ने इनसे संपर्क करने का प्रयास किया
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5:35 - 5:36और एक गंभीर गलती कर दी ।
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5:36 - 5:37उन्होंने वायु मार्ग से अपनी आठ-दस चमकदार तस्वीरें
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5:37 - 5:39इनके पास फैंक दी, जिसे हम दोस्ती का हाथ बढ़ाना कह सकते हैं;
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5:39 - 5:41वे यह भूल कर गए कि वर्षा-प्रचुर वन के
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5:41 - 5:43इन लोगों ने अपने जीवनकाल में कभी भी
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5:43 - 5:46द्वि-आयामी कोई भी वस्तु नहीं देखी है ।
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5:46 - 5:48उन्होंने जमीन से इन तस्वीरों को उठाया
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5:48 - 5:51और तस्वीर के मुख के पीछे देख आकृति को ढूढने का प्रयास किया, उन्हें जब कुछ प्राप्त नहीं हुआ
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5:51 - 5:53तो उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि ये तो शैतानों का बुलावा है,
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5:53 - 5:56इसलिए उन्होंने उन पांच धर्म प्रचारकों को भाले मार-मार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया ।
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5:57 - 5:59परन्तु वाओरानी बाहर के लोगों पर आक्रमण नहीं करते हैं ।
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5:59 - 6:00वे एक दूसरे को मारते हैं ।
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6:00 - 6:03उनमें 54 प्रतिशत मृत्यु का कारण आपसी लड़ाई है ।
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6:03 - 6:06हमने उनकी पिछली 8 पुश्तों तक का अध्ययन किया
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6:06 - 6:08और पाया कि केवल दो ही मृत्यु प्राकृतिक तौर पर हुई थी तथा जब हमने उन लोगों पर दबाव
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6:08 - 6:10डालकर पूछताछ की, तो उन्होंने स्वीकार करते हुए बताया कि उनका एक साथी इतना बूढ़ा
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6:10 - 6:12हो चुका था कि वह मरने की हालत में था,
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6:12 - 6:16(हंसते हुए कहा) इसलिए हमने उसे मौत के घाट उतार दिया ।
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6:16 - 6:19परन्तु साथ ही उनके पास वन के
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6:19 - 6:20बारे में चौका देने वाला सूक्ष्म ज्ञान था ।
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6:20 - 6:23उनके शिकारी 40 कदम की दूरी से ही पशुओं के मूत्र की गंध पहचान सकते
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6:23 - 6:26थे और यह भी बता सकते थे कि मूत्र त्यागने वाला पशु कौन सा था ।
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6:26 - 6:2880 के दशक की शुरुआत में, हमें एक अद्भुत काम करने का मौका मिला
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6:28 - 6:30जब मुझे हावर्ड के मेरे एक प्रोफेसर ने मुझसे पूछा
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6:30 - 6:32कि क्या मैं हेती जाने में,
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6:33 - 6:35सामाजिक समूहों के बारे में जानकारी खोजने में,
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6:35 - 6:37वे समूह जो कि डूबेलियर तथा टोनटोन मैकोट्स की नींव के बल थे
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6:37 - 6:38और जोंबी बनाने के लिए प्रयोग में
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6:38 - 6:41लाए जाने वाले विष के हासिल करने में रूचि है ।
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6:41 - 6:44इस सनसनी में से सही बात जानने के लिए
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6:44 - 6:47मुझे वोडून के लिए इतना विश्वास रखने के बारे में तथा वूंडू
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6:47 - 6:50कोई काले जादू की विधि नहीं है, के बारे में समझने की जरूरत थी ।
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6:50 - 6:53इसके विपरीत, विश्व भर में इसे पेचीदगीपूर्ण अध्यात्म विद्या समझा जाता है ।
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6:53 - 6:54यह रूचिपूर्ण है ।
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6:54 - 6:55अगर मैं आपको विश्व के कुछ महान धर्मों के नाम बताने को कहूंगा,
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6:55 - 6:56तो आपका उत्तर क्या होगा ?
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6:56 - 6:59ईसाई, इस्लाम, बौद्ध, जोविश और भी जो कोई धर्म हो ।
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6:59 - 7:01हमेशा कोई न कोई महाद्वीप छूट जाता है,
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7:01 - 7:03ऐसा माना जाता था कि उप-सहारा वाले अफ्रीका में
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7:03 - 7:05धर्म का पालन नहीं किया जाता ।
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7:05 - 7:07बिल्कुल वे भी धर्म को मानते थे तथा
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7:08 - 7:09जादू-टोना तो गहरे धार्मिक विचारों का शुद्धिकरण है
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7:09 - 7:12जो कि दास प्रथा युग की दर्दनाक समाप्ति के कारण उत्पन्न हुआ ।
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7:12 - 7:14लेकिन क्या चीज जादू-टोने को इतना रूचिकारक बनाती है,
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7:14 - 7:16क्या वह उसमें मौजूद जीवित
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7:16 - 7:17तथा मृत के बीच का संबंध है ।
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7:17 - 7:18आत्माओं को गहरे पानी के नीचे से भी बुलाया जा सकता है;
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7:18 - 7:21उन्हें लय पर नचाने से लेकर कुछ क्षणों में से जीवित व्यक्ति
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7:21 - 7:23में से बाहर निकालने तक प्रयोग किया जा सकता है,
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7:23 - 7:25ताकि उस क्षण भर की चमक
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7:25 - 7:29के लिए वह सेवक ईश्वर बन जाता है ।
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7:29 - 7:31इसलिए जादू-टोना करने वाले अंग्रेजों से कहते हैं कि
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7:31 - 7:34"तुम गोरे लोग गिरिजाघर में जाकर भगवान के बारे में बात करते हो ।"
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7:34 - 7:36हम मंदिर में नाचते हैं और भगवान बन जाते हैं ।
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7:36 - 7:39चूंकि आप आत्माग्रस्त होते हैं
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7:39 - 7:40इसलिए आपको हानि कैसे पहुंच सकती है?
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7:40 - 7:43तो आप ये अद्भुत प्रदर्शन देख सकते हैं ।
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7:43 - 7:45जादू-टोने के अनुचर को समाधि लेते हुए,
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7:45 - 7:48जलते हुए कोयले के साथ सरलता से प्रयोग करते हुए,
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7:48 - 7:51यह दिमाग की एक अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन है
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7:51 - 7:52जिससे प्रभावित होने वाले शरीर के अत्यधिक उत्तेजित होने के कारण
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7:52 - 7:55उस पर प्रतिकूल स्थितियों का प्रभाव नहीं हो पाता है ।
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7:56 - 7:58अब तक मैं जितने भी लोगों के साथ रहा हूं
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7:58 - 8:00उनमें से सर्वाधिक असाधारण लोग उत्तरी कोलंबिया के
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8:00 - 8:03सिएरा नोवादा दे सांता मार्टा के कोगी होते हैं ।
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8:03 - 8:06प्राचीन कठोर सभ्यता के वंशज जो किसी समय आक्रमण
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8:06 - 8:09के दृष्टिकोण से कोलंबिया के कैरेबियन तटीय
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8:09 - 8:10समतल भूभागों में बसे हुए थे; ये लोग एक वीरान ज्वालामुखी पर्वत श्रृंखला में
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8:10 - 8:13घुस गए जो कैरिबियन तटीय भूभाग के ऊपर दिखाई देती थी ।
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8:13 - 8:15खून खराबे से भरे इस महाद्वीप में,
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8:15 - 8:17केवल यही लोग थे जिन पर
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8:17 - 8:20स्पेन को कभी भी विजय प्राप्त नहीं हुई ।
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8:20 - 8:23आज तक भी एक पुरोहित ही उन पर शासन कर रहा है,
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8:23 - 8:25परन्तु पुरोहित के लिए उनकी प्रशिक्षण विधि बहुत असाधारण है ।
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8:26 - 8:28धर्म के युवा अनुचरों को तीन या चार वर्ष
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8:28 - 8:30ही आयु में ही उनके परिवार से अलग कर
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8:30 - 8:32उन्हें 18 वर्षों तक बर्फीली चट्टानों में
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8:32 - 8:36बने पत्थर के झोपड़ों में अंधकार में रखा जाता है ।
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8:36 - 8:37नौ महीनों की दो अवधियां जान-बूझकर चुनी जाती हैं
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8:37 - 8:40क्योंकि ये गर्भधारण के नौ महीनों के
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8:40 - 8:42समान दर्शायी जाती हैं ।
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8:42 - 8:45जिस दौरान वे नौ महीनों तक प्राकृतिक तौर पर
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8:45 - 8:46मां के गर्भ में रहते हैं और अब वे एक तरह से महान धरती माता के गर्भ में रहते हैं ।
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8:47 - 8:50इस संपूर्ण अवधि में उनके भीतर जीवन के अच्छी बातें भरी जाती हैं,
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8:50 - 8:52वे बातें जिनसे यह कथित होता है कि
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8:52 - 8:55उनकी इन्हीं बातों पर ही यह संसार टिका हुआ है
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8:55 - 8:57या हम यूं कहें कि पर्यावरण इन्हीं पर संतुलित हो रखा है ।
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8:58 - 8:59इस अद्भुत दीक्षा के बाद,
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8:59 - 9:01अचानक एक दिन उन्हें बाहर निकाला जाता है
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9:01 - 9:04और 18 वर्ष की आयु के पश्चात वे अपने जीवन को पहली बार सूर्योदय के दर्शन करते हैं
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9:04 - 9:08और इस जागरूकता के स्वच्छ क्षणों में
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9:08 - 9:11सूर्य की पहली किरण हैरान करने वाले खूबसूरत प्राकृतिक नजारों में
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9:11 - 9:12ढालानों पर अपनी छटा बिखेरती है,
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9:13 - 9:15उन्होंने अब तक जो कुछ भी शिक्षा ग्रहण की होती है,
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9:15 - 9:18वह अचानक ही उन्हें चौका देती है । अब पुरोहित पीछे हटकर कहता है
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9:18 - 9:20"आप देखिए ? यह बिल्कुल वैसा है जैसा मैंने आपको बताया था ।
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9:20 - 9:23वह सुंदर है । यह आपका है और आप ही को इसे बचाना है ।"
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9:23 - 9:25वे स्वयं को ज्येष्ठ भ्राता कहते हैं
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9:25 - 9:28और वे हमें कनिष्ठ भ्राता कहते हैं
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9:28 - 9:31और वे इस संसार को नष्ट करने के लिए हमें जिम्मेदार ठहराते हैं ।
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9:32 - 9:34अब तक इस श्रेणी की दीक्षा बहुत आवश्यक होती है ।
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9:34 - 9:36जब कभी भी हम स्थान विशेष के लोगों तथा प्रकृति के बारे में सोचते हैं तो
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9:36 - 9:38हम रोसेऊ का आह्वान करते हैं
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9:38 - 9:41तथा उसके साथ पुरानी निराधार क्रूरता को याद करते हैं
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9:41 - 9:43जो कि स्वयं ही एक जातिभेद पूर्ण विचार है,
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9:43 - 9:46या फिर हम थोरेयू का आह्वान करते हैं
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9:46 - 9:48और कहते हैं कि हमारी तुलना में ये लोग पृथ्वी के अधिक नजदीक हैं ।
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9:48 - 9:50हां, स्थानीय लोग न तो भावुक होते हैं
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9:50 - 9:52और न ही कमजोर होते हैं ।
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9:52 - 9:54इन दोनों अवस्थाओं के लिए,
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9:54 - 9:56न तो असमत के दलदल में और न ही तिब्बत की बर्फीली हवाओं में स्थान होता है,
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9:56 - 9:59परन्तु फिर भी उन्होंने समय
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9:59 - 10:03और रीतियों का प्रयोग कर पृथ्वी की परंपरागत रोचकता को गढ़ा है ।
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10:03 - 10:06यह स्व-योजना के विचार पर आधारित नहीं है,
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10:06 - 10:08अपितु यह दीक्षा की सूक्षमता पर आधारित है:
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10:08 - 10:11कि पृथ्वी स्वयं विराजमान रह सकती है
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10:12 - 10:14क्योंकि इसे मानव चेतना द्वारा सींचा जा रहा है ।
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10:14 - 10:16अब बताइए, इसका क्या अर्थ हुआ ?
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10:16 - 10:18इसका अर्थ हुआ कि अगर ऐंडस पर्वत के वासी किसी छोटे बच्चे का
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10:18 - 10:20पालन-पोषण करते हुए उसे यह बताए कि
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10:20 - 10:22पर्वत अपू की आत्मा होती है
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10:22 - 10:25जो कि उसकी किस्मत को दिशा प्रदान करेगी,
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10:25 - 10:28तब वह हृदय से एक भिन्न मानव होगा
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10:28 - 10:30और उसका इस संसाधन या स्थान के साथ एक अलग ही संबंध होगा,
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10:30 - 10:33जो कि मोन्टाना में पले-बड़े एक छोटे बच्चे से अलग होगा जिसे
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10:33 - 10:34यह बताया गया है कि पर्वत तो पत्थरों का ढेर होता है और उसमें खान खोदी जाती है ।
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10:34 - 10:38चाहे वह आत्मा हो या धातु का ढेर हो यह सब बेकार की बातें हैं ।
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10:38 - 10:41इसमें व्यक्ति विशेष तथा प्राकृतिक संसार के
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10:41 - 10:43बीच संबंध दर्शाने वाले लक्षण रुचिकारक हैं ।
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10:43 - 10:45मैं ब्रिटिश कोलम्बिया के जंगलों में पला बढा़ था,
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10:45 - 10:47जहाँ ये माना जाता था कि जंगलों का अस्तित्व ही काटने के लिये है।
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10:47 - 10:49इन बातों ने मुझे अपने क्वाक्यूती मित्रों के बीच कुछ
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10:49 - 10:51अलग इंसान बना दिया, जो कि यह मानते थे
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10:51 - 10:53कि वे वन हूकूक का आवास,
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10:53 - 10:54स्वर्ग की टेढ़ी चोंच
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10:54 - 10:57तथा संसार के उत्तरी छोर पर रहने वाली नरभक्षी आत्माएं थी,
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10:57 - 11:01वे आत्माएं जिनकी आवश्यकता उन्हें हमेशा दीक्षा के दौरान पड़ेगी ।
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11:01 - 11:03अगर आप इन विचारों को देखें तो पाएंगे कि
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11:03 - 11:05ये संस्कृतियां भिन्न-भिन्न वास्तविकताएं उत्पन्न कर सकती हैं;
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11:05 - 11:06आप इनकी कुछ असाधारण खोजों को समझ सकते हैं ।
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11:06 - 11:11इस पौधे को ही लें ।
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11:11 - 11:13मैंने पिछले साल अप्रैल में यह तस्वीर उत्तर-पश्चिमी अमेजन में खींची थी ।
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11:13 - 11:16यह आयाहुअस्का है, जिसके बारे में
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11:16 - 11:19आप में से बहुत से लोगों ने सुन रखा होगा;
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11:19 - 11:21यह शमन के रंग पटल की सबसे शक्तिशाली दिमाग उत्तेजक पदार्थ है ।
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11:21 - 11:23आपको आयाहुअस्का मांत्र उसके संघटक क्षमता
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11:23 - 11:27के कारण ही नहीं आकर्षित कर रही है,
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11:27 - 11:31वरन उसके बारे में विस्तृत जानकारी आपको लुभा रही है ।
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11:31 - 11:33यह वास्तव में दो विभिन्न स्रोतों से तैयार की जानी है ।
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11:33 - 11:35एक तरफ तो छाल है जिसमें बीटाकैरोटीन, हार्मिन; हार्मोलीन,
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11:35 - 11:38हल्के फुलके भ्रांतिकारक तत्वों की श्रृंखला मौजूद है।
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11:38 - 11:40केवल इसकी लता को ही ले तो,
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11:40 - 11:42ऐसा लगता है कि एक धुंधला नीला सा धुआं
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11:42 - 11:44आपकी चेतना को छू गया है।
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11:44 - 11:47परंतु इसे साईक्रोटिया विरीडिस नामक काफी के पौधे की
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11:47 - 11:49प्रजाति की एक बूटी के साथ मिलाया जाता है।¥
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11:49 - 11:52दिमाग के सैरोटोनिन रसायन के बहुत ज्यादा समान
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11:52 - 11:56ट्रीपटैमाईन, डाईमिथाईलट्रीपटैमाईन-5, मिथौक्सी डाईमिथाईलट्रीपटैमाईन,
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11:56 - 11:57जैसे शक्तिशाली रसायन इस पौधे में मौजूद हैं।
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11:57 - 11:59अगर कभी आपने यानोमामीयो को
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11:59 - 12:01नाक से नसवार खींचते देखा हो
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12:01 - 12:04वे वह पदार्थ अन्य किसी उपजाति का प्रयोग कर बनाते हैं,
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12:04 - 12:08उसमें भी मिथोक्सी डाईमिथाईल ट्रीपटामाईन होती है।
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12:08 - 12:10उस पाउडर को नाक से खींचने का मतलब,
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12:10 - 12:14बंदूक की नली में से गोली निकलना जैसा होता है,
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12:14 - 12:21साथ ही भड़कीले चित्रों की कतार दिखना तथा बिजली के सागर पर गिरने के समान होता है (हंसी)।
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12:21 - 12:23यह वास्तविकता को भंग नहीं करता है,
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12:23 - 12:24यह वास्तविक का विच्छेदन करता है।
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12:24 - 12:27अदृश्य वस्तुओं को सुनने व देखने की बीमारी के
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12:27 - 12:29के युग की शुरूआत करने वाले व्यक्ति, मेरे प्रोफेसर रिचर्ड ईवान शूल्टस ने 1930
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12:29 - 12:31में मैक्सिको में उनके द्वारा खोजे गए
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12:31 - 12:33जादुई कुकुरमुतों के बारे में तर्क किया करता था।
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12:33 - 12:35मैं तर्क करता था कि आप इन ट्रीपटैमीन को भ्रम उत्पन्न
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12:35 - 12:38करने वाले पदार्थों में वर्गीकृत नहीं कर पाए
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12:38 - 12:42क्योंकि जब तक आप उसके प्रभाव में रहते हो तब तक कोई भी उस भ्रम की अवस्था को समझने वाला घर पर नहीं होता है (हंसते हैं)।
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12:42 - 12:45परंतु ट्रीपमाईन को आप मुंह के रास्ते नहीं ग्रहण कर सकते
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12:45 - 12:47क्योंकि हमारे उदर में मौजूद एक मोनोएमाईन ऑक्सीडेस नामक
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12:47 - 12:50एनजाईम द्वारा वह ग्रहण करने योग्य नहीं रहता।
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12:50 - 12:53इन्हें मुख के रास्ते किसी अन्य रसायन के साथ लिया जा सकता है
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12:53 - 12:56जो एमएओ को निष्क्रिय कर दे।
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12:56 - 12:57अब रोमांचित करने वाली बात है कि
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12:57 - 13:01बीटा-कार्बोलाईन पदार्थ जो छाल में पए जाते हैं,
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13:01 - 13:04वे एमएओ रोधक होते है,
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13:05 - 13:08जो कि एक प्रकार से ट्रीपटामाईन के क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक होते हैं। तो आप स्वयं से एक प्रश्न पूछें।
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13:08 - 13:1280,000 उपजातियों के पेड़ पौधों में ये लोग किस प्रकार
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13:12 - 13:16रचना के आधार पर भिन्न दो असंबंधित पौधों की पहचान कर लेते हैं,
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13:16 - 13:17जिन्हें जब मिलाया जाता है तो वे एक जैविक रसायन उत्पन्न करते हैं,
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13:17 - 13:19जो कि जोड़े गए पदार्थों से
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13:19 - 13:21कई गुणा अधिक प्रभावशाली होता है?
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13:21 - 13:24चलिए हम मधुर शब्दों, प्रयास एवं त्रुटि का प्रयोग करते हैं,
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13:24 - 13:25जो कि निरर्थक ही होता है।
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13:26 - 13:29परंतु आप भारतीयों से बात करें, तो वे कहेंगे कि ‘’पौधे हमसे वार्तालाप करते है।‘’
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13:29 - 13:30इसका क्या मतलब हुआ?
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13:30 - 13:34कोफान उपजाति में आयाहुआस्का की 17 किस्में हैं
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13:34 - 13:37जो देखने में सभी
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13:38 - 13:42एक जैसी उपजातियां प्रतीत होती हैं।
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13:42 - 13:44और जब आप उनसे पूछेंगे कि उन्हें इसके वर्ग की पहचान कैसे की,
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13:44 - 13:47तो वे उत्तर देंगे कि ‘’मैंने सोचा आपको पेड़ पौधों के बारे में कुछ पता होगा।
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13:47 - 13:49मेरे कहने का तात्पर्य है कि क्या आपको कुछ मालूम नहीं है? तब मैंने उत्तर दिया ‘’नहीं’’।
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13:49 - 13:52तो तब आप पूर्णीमा की रात को 17 की 17 किस्में ले लेते हैं,
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13:52 - 13:55तब इनमें से प्रत्येक अलग-अलग ताल पर गुनगुनाती है।
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13:55 - 13:57हां, यह सब करने से आपको हावार्ड में पीएचडी की डिग्री नहीं मिलने वाली,
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13:57 - 14:01परंतु यह फूलों पराग के सिर गिनने से कहीं ज्यादा रूचिकारक है।
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14:01 - 14:02अब, (धन्यवाद), समस्या ----------- समस्या यह है कि हम में से भी कुछ ½
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14:02 - 14:05(धन्यवाद),
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14:05 - 14:07समस्या ----------- समस्या यह है कि हम में से भी कुछ
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14:07 - 14:09लोग जिनको स्थानीय लोगों के साथ सहानुभूति है
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14:09 - 14:10वे भी इसे प्राचीन और रंगीन मानते हैं,
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14:10 - 14:12परंतु फिर भी यह इतिहास के हाशिए पर आ खड़ा हुआ है,
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14:12 - 14:15चूंकि वास्तविक संसार, हमारा संसार तो चलता ही जा रहा है।
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14:15 - 14:17हां, 20वी सदी ही सत्य होगी,
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14:17 - 14:20अब से 300 वर्षों बाद, यह समय युद्धों या इसके
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14:20 - 14:21तकनीकी क्षोध के लिए नहीं याद किया जाएगा,
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14:21 - 14:23बल्कि इसे उस सदी की तरह से याद करेंगे,
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14:24 - 14:26जिसमें हमने चुपचाप खड़े रहकर या उसमें क्रियाशील होकर भाग ले कर
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14:26 - 14:29जैविक तथा सांस्कृकतिक विविधता का नाश इस ग्रह पर होते हुए देखा है।
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14:29 - 14:32यह समस्या बदलाव नहीं है।
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14:32 - 14:34हर समय सभी सांस्कृतियां
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14:34 - 14:37जीवन में निरंतर
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14:37 - 14:38बदलाव में व्यस्त रही है।
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14:39 - 14:41तकनीक खुद ही एक समस्या नहीं है।
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14:42 - 14:44जब सियोक्स भारतीयों ने तीर-कमान त्याग दिया
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14:44 - 14:45तो उन्होंने सियोक्स कहलाना बंद नहीं किया।
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14:45 - 14:47कि अमरीकी ने धोड़ा गाड़ी को छोड़ने के बाद
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14:47 - 14:49खुद को अमरीकी कहना बंद कर दिया।
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14:49 - 14:50बदलाव या तकनीक से नृवंशी को
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14:50 - 14:54किसी प्रकार का खतरा नहीं होता है।
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14:54 - 14:56ताकत है वह चीज जो खतरनाक बन जाती है। हावी होने का घिनौना चेहरा।
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14:56 - 14:58और जब भी अपने आसपास देखते हैं
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14:58 - 15:01तो आपको ज्ञात होगा कि ये सांस्कृतियां मिट जाने के लिए नहीं बनी हैं।
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15:01 - 15:03ये तेजी से प्रगति करते हुए लोग हैं
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15:03 - 15:06जो संभाले जाने वाले बल से
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15:06 - 15:08अधिक बल द्वारा बाहर धकेले जा रहे हैं।
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15:08 - 15:10चाहे वह पेनान की गृहभूमि में
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15:11 - 15:13वनों का असाधारण काटना हो;
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15:13 - 15:16पेनान दक्षिणी पूर्वी एशिया के सारवाक के चलवासी लोग,
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15:16 - 15:20जो एक पुश्त पहले तक वनों से आजाद घूमते थे,
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15:20 - 15:23अब सभी कुछ नदी किनारे दासत्व व
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15:23 - 15:25वैश्यावृत्ति में बदलकर रह गया है।
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15:25 - 15:29यहां आप देख सकते हैं कि नदी खुद ही प्रदूषक तत्वों से गंदी हो गई है
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15:29 - 15:31और ऐसा प्रतीत होता है मानो वह आधा बोर्नयो
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15:31 - 15:32चीनी सागर के दक्षिण की ओर ढोकर ले जा रहा हो।
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15:32 - 15:34जहां पर जापानी मालवाहक किनारों पर वनों से काटे गए
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15:34 - 15:38पेड़ों के तनों को पकड़ने के लिए तैयार खड़े हो।
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15:38 - 15:39या यानोमामी के मामले में दखें
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15:39 - 15:41तो वहां सोने की खोज के चलते
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15:41 - 15:43रोग के रूप में वास्तविकता सामने आई है।
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15:43 - 15:45या फिर हम अगर तिब्बत के पर्वतों की ओर जाएं,
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15:45 - 15:47जहां पर मैं हाल ही में बहुत सा क्षोध कार्य कर रहा था,
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15:48 - 15:51वहां आप राजनैतिक प्रभाव का बिगड़ा रूप देख पाएंगे।
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15:51 - 15:53आप लोगों का लुप्त होना यानि वृंश संहार को तो समझते होगे
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15:53 - 15:55इसकी विश्व भर में निन्दा की जाती है।
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15:56 - 15:59परंतु, नृवंश संहार; जिसमें लोगों के जीने के तरीके का नाश हो रहा हो,
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15:59 - 16:02विश्व भर में उसकी निंदा नहीं की जाती परंतु
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16:02 - 16:04साथ ही उस पर खुशियां मनाई जाती हैं कि वह तो विकास का एक अंश है।
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16:04 - 16:07आप उसकी जमीन से जुड़े बिना
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16:07 - 16:09तिब्बत की पीड़ा को नहीं समझ सकते हैं।
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16:09 - 16:13एक बार मैंने एक युवा साथी के
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16:13 - 16:16साथ दक्षिण पूर्वी तिब्बत से होकर पश्चिमी चीन में
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16:16 - 16:20चंगडू से लासा तक 6000 मील की यात्रा की।
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16:20 - 16:23लासा पहुंचने पर ही मै उन आंकड़ों को समझ पाया
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16:23 - 16:24जिनके बारे में आप सभी सुनते हैं।
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16:24 - 16:286000 धार्मिक इमारतों को धूल में मिलाया गया।
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16:28 - 16:31सांस्कृतिक आंदोलन के दौरान 12 लाख लोगों
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16:31 - 16:32को शासन द्वारा मौत के घाट उतारा गया।
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16:33 - 16:35इस युवक के पिता पर पांचेन लामा का आरोपण किया गया।
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16:35 - 16:37उसका अर्थ था कि उन्हें चीन द्वारा
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16:37 - 16:39आक्रमण के समय तुरंत मार दिया गया।
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16:39 - 16:41इसका रिश्तेदार जन विसर्जन के दौरान
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16:41 - 16:44धर्मगुरू के साथ नेपाल चला गया।
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16:44 - 16:46इसकी मां को कैद कर लिया गया –
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16:46 - 16:48यह उनके लिए धनवान होने की सजा थी।
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16:49 - 16:51इसे दो वर्ष की आयु में जेल के भीतर घुसा दिया गया
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16:51 - 16:53जहां इसे मां की र्स्कट के पीछे छुपना पड़ा,
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16:53 - 16:55ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि मां इसके बिना नहीं रह सकती थी।
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16:55 - 16:57जिस बहन ने यह बहादुरी का काम किया
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16:57 - 16:58उसे शिक्षा शिविर में भर्ती करा दिया गया।
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16:58 - 17:00एक दिन उसने गलती से माओ के एक बाजूबंद
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17:01 - 17:03पर पांव रख दिया, उसे इस अपराध के लिए
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17:03 - 17:06सात वर्षों का कठोर परिश्रम बतौर सजा दिया गया।
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17:06 - 17:09तिब्बत की परेशानी असहनीय थी,
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17:09 - 17:12लेकिन लोगों के जीने की इच्छा मान रखने लायक थी।
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17:13 - 17:16अंत में यह एक ही विकल्प पर पहुंचता है।
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17:16 - 17:19क्या हम एक ही ढंग से सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत करना चाहते हैं
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17:19 - 17:22या फिर हम विविधवता के संसार की रंगीनियों को अपनाना चाहते हैं?
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17:22 - 17:25अपनी मृत्यु से पहले महान मानव-शास्त्री मारग्रारेट मीड;
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17:25 - 17:28ने कहा था कि मेरा सबसे बड़ा भय यह था
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17:28 - 17:30सकल मनुष्य की सोच,
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17:30 - 17:35विश्व भर का नरम रुख छोटी
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17:35 - 17:39सोच में बदल गया,
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17:39 - 17:40परंतु हम इस स्वप्न से एक दिन जरूर जाएगा।
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17:40 - 17:43यह भूलकर की इसके अतिरिक्त और भी विकल्प मौजूद हैं।
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17:44 - 17:47यह एक विनम्र विचार है कि हमारी उपजातियां
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17:47 - 17:49लगभग 600,000 वर्षों से मौजूद हैं
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17:49 - 17:52कि ज्यों ज्यों हम पाषाण युग की क्रांति की ओर बढ़ेंगे,
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17:52 - 17:54पाषाण युग ने हमें कृषि प्रदान की,
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17:54 - 17:56उस समय हम बीज के वशीभूत हो गए।
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17:56 - 17:57शमन की कविताओं का स्थान धर्म गुरू के गद्यों ने ले लिया।
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17:57 - 18:00हमने अनुक्रमण विशेषज्ञता अधिशेष की रचना की।
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18:00 - 18:02यह केवल 10,000 वर्ष पूर्व ही हुआ था।
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18:02 - 18:04हम जानते हैं कि आधुनिक औद्योगिक
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18:04 - 18:06संसार मात्र 300 वर्ष पुराना है।
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18:06 - 18:08इस नवीन इतिहास से मुझे यह महसूस होता है
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18:08 - 18:11कि आने वाली शताब्दी में जिन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा
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18:11 - 18:13हमारे पास उनके लिए उत्तर उपलब्ध नहीं होंगे।
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18:13 - 18:15जब हम विश्व की इन असंख्य संस्कृतियों से
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18:15 - 18:18मनुष्य होने का अर्थ पूछते हैं
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18:18 - 18:20तो वे 10,000 अलग-अलग आवाजों में उत्तर देते हैं।
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18:20 - 18:26हम क्या हैं, यह सभी विकल्प हमारे पास मौजूद नहीं हैं।
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18:26 - 18:29पूर्ण सचेत उपजाति, पूर्णत:
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18:29 - 18:32यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी लोगों तथा सभी उद्यानों को
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18:32 - 18:38फलने फूलने का तरीका मिल जाए। सकारात्मकता के महान क्षण भी मौजूद हैं।
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18:38 - 18:41यह तस्वीर मैंने तब खीची थी जब मैं बैफिन टापू के उत्तरी छोर पर
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18:41 - 18:43इन्यूट प्रजाति के लोगों के साथ छोटी सफेद व्हेल के शिकार के लिए गया था,
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18:44 - 18:47तब इस व्यक्ति, ओलाया ने मुझे अपने दादाजी की एक बहुत अच्छी कहानी सुनाई।
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18:48 - 18:50कनाडा की सरकार कभी भी इन्यूट लोगों के लिए दयालु नहीं रही
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18:50 - 18:52तथा उसने वर्ष 1950 के दशक में
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18:52 - 18:55अपनी प्रधानता को स्थापित करने हेतु इन लोगों को कही और बसाने पर जोर दिया।
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18:55 - 18:59इस बुजर्ग आदमी के दादाजी ने जाने से इन्कार कर दिया।
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18:59 - 19:03उस व्यक्ति का डरा हुआ परिवार अपने साथ सभी हथियार व
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19:03 - 19:04सभी औजारों को लेकर चला गया।
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19:05 - 19:07अब आपको यह समझ लेना चाहिए कि इन्यूट लोग सर्दी से नहीं घबराते हैं,
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19:07 - 19:08वे उसका लाभ उठाते हैं।
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19:08 - 19:11उनकी गाड़ी के पहियों को मूलत: मछली केरिबोऊ की
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19:11 - 19:12खाल में लपेट कर बनाया जाता था।
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19:12 - 19:17तो इस आदमी के दादाजी उत्तरी ध्रुव की रातों से डरते नहीं थे
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19:17 - 19:19और न ही वे वहां बह रही बर्फीली हवाओं से घबराते थे।
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19:19 - 19:22वे सरलता से बाहर निकलते और
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19:23 - 19:26सील मछली की खाल से बनी अपनी पतलून उतारकर अपने हाथ में विष्ठा कर लेते।
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19:26 - 19:29जैसे ही विष्ठा ठंड के कारण जमने लगती वे उसे एक ब्लेड का आकार दे देते हैं।
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19:29 - 19:31उन्होंने उस विष्ठा के चाकू के किनारे पर थूक छिड़की
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19:31 - 19:34जो अंतत: जम कर कठोर हो गई, उन्होंने उस चाकू से एक कुत्ते को काट डाला।
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19:34 - 19:37उन्होंने कुत्ते की खाल उतार कर अपनी गाड़ी की जीन को सुधारा,
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19:37 - 19:40कुत्ते की पसलियों के ढांचे का प्रयोग कर अपनी गाड़ी को बेहतर बनाया;
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19:41 - 19:42फिर पास खड़े एक कुत्ते को बांध कर बर्फ के ढेरों पर लुप्त हो गए,
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19:42 - 19:46वह विष्ठा से बना चाकू उनकी बेल्ट में लगा था।
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19:46 - 19:50खाली हाथ निकलने के बारे में कहिए (हंसते हैं)।
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19:50 - 19:51और इसी तरह, अन्य बहुत से तरीके हैं;
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19:51 - 19:53(शाबाशी मिलती है)
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19:53 - 19:55यह इन्यूट लोगों तथा संसार के
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19:55 - 19:58अन्य स्थानीय लोगों के लौटने का चिन्ह है।
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19:58 - 20:00अप्रैल 1999 में कनाडा सरकार ने
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20:00 - 20:03कैलीफोर्निया और टैकसास को जोड़कर बनने वाले
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20:03 - 20:06क्षेत्र से भी अधिक क्षेत्र इन्यूट लोगों को पूर्णत: दे दिया।
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20:06 - 20:08यह हमारी नई मातृभूमि है। इसे नूनावत कहते हैं।
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20:09 - 20:12यह एक स्वतंत्र क्षेत्र है। ये सभी खनिज संसाधनों पर नियंत्रण रखते हैं।
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20:12 - 20:14यह लोगों द्वारा प्रत्यर्पण पाने का राष्ट्र-प्रदेश
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20:14 - 20:18प्राप्त करने का एक अदभुत उदाहरण है।
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20:19 - 20:22और अंत में यह हम सभी के लिए
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20:22 - 20:23और उनके लिए जिन्होंने
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20:23 - 20:25इन दूर स्थित जगहों पर यात्रा की है;
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20:27 - 20:28उनके लिए मैं कहना चाहूंगा कि कोई भी स्थान निजर्न नहीं है।
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20:28 - 20:30वे किसी न किसी की मातृभूमि है।
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20:30 - 20:32ये सभी मानव कल्पना का प्रतिनिधित्व बहुत पहले से ही करते आ रहे हैं।
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20:32 - 20:36और हम सभी के लिए इन बच्चों के सपने,
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20:36 - 20:39जैसेकि हमारे अपने बच्चे के सपने।
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20:39 - 20:42आशा के नग्न भूगोल शास्त्र का एक भाग हैं।
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20:42 - 20:46इसलिए हम नेशनल जियोग्राफिक्स पर अंतत:,
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20:46 - 20:50प्रयास कर रहे, हमें यह विश्वास है कि इसे कोई राजनेता कभी भी पूरा नहीं कर पाएगा।
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20:50 - 20:51हम समझते हैं कि तर्क ---
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20:51 - 20:53(शाबाशी मिलती है)
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20:53 - 20:55हम सोचते हैं कि तर्क द्वारा समझाया नहीं जा सकता;
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20:55 - 20:58परंतु हमारा मानना है कि हम कहानी सुनकर संसार में बदलाव ला सकते हैं;
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20:58 - 21:01और इसलिए शायद हम विश्व का सर्वश्रेष्ठ कथा वाचक संस्थान हैं।
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21:01 - 21:04प्रतिमाह हमारी वेबसाईट 35 लाख बार खोली जाती है।
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21:04 - 21:07156 देश हमारा टेलीविजन चैनल दिखाते हैं।
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21:08 - 21:10हमारी पत्रिकाएं करोड़ों लोगों द्वारा पढ़ी जाती हैं।
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21:10 - 21:13हम यात्राओं की एक श्रृंखला तैयार कर रहे हैं
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21:13 - 21:15जिसमें हम अपने दर्शकों को अदभुत संस्कृति वाले स्थानों पर ले जाएंगे;
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21:15 - 21:17चाहे वे वहां किसी प्रकार की सहायता न दे पाए
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21:18 - 21:20परंतु वे जो कुछ भी देखें उससे चकित हो वापिस लौटें,
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21:20 - 21:22और आशा करते हैं वे मानव शास्त्र पर डाले गए प्रकाश
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21:22 - 21:25की एक के बाद एक सराहना करें
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21:25 - 21:27कि यह संसार विविधतापूर्ण होने की क्षमता रखता है।
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21:27 - 21:31हम सही तौर पर बहु-सांस्कृतिक बहुवादी
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21:31 - 21:32संसार में रहने का
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21:32 - 21:35तरीका ढूंढ़ सकते हैं
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21:35 - 21:37जहां पर सभी लोगों की बुद्धि हम
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21:37 - 21:40सभी की भलाई में अपना योगदान दे सकती हैं।
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21:40 - 21:41आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
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21:41 - 21:43शाबाशी दी गई।
- Title:
- विलुप्तप्रायः संस्कृतियों के बारे में वेड डेविस
- Speaker:
- Wade Davis
- Description:
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अद्भुत तस्वीरों और कहानियों के साथ, नॅशनल जियोग्रॅफिक के खोजी वेड डेविस दुनियाँ के देशी संस्कृतियों के अद्बूत विभिन्नता को मनाते हैं, जो बहुर्त तेज़ी से इस दुनियाँ से गायब हो रहे हैं.
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 21:44