WEBVTT 00:00:00.000 --> 00:00:03.000 आप यात्रा से होने वाले आनंद को जानते हैं 00:00:03.000 --> 00:00:05.000 तथा नृवंशी अध्ययन के शोध का एक आनंददायक अवसर 00:00:05.000 --> 00:00:07.000 प्राचीन ढंग से जीवन व्यतीत करने वाले लोगों 00:00:07.000 --> 00:00:09.000 के बीच रहना है, 00:00:09.000 --> 00:00:12.000 वे लोग जो अब भी अपने बीते हुए समय को महसूस कर रहे हों 00:00:12.000 --> 00:00:15.000 और पाषाण युग का अनुभव व 00:00:15.000 --> 00:00:17.000 पत्तियों का स्वाद चख कर जीवन व्यतीत कर रहे हों। 00:00:17.000 --> 00:00:21.000 यह जानने के लिए कि जगुआर शमनस अब भी आकाश गंगा के परे यात्रा करता है 00:00:21.000 --> 00:00:25.000 या फिर पूर्वजों की भावनात्मक अर्थपूर्ण 00:00:25.000 --> 00:00:27.000 कल्पनाओं अब भी प्रतिध्वनित हो रही है, 00:00:28.000 --> 00:00:32.000 या फिर हिमालय पर्वत में बौद्ध आज भी धर्म का अनुसरण कर रहे हैं, 00:00:32.000 --> 00:00:35.000 यह मानव शास्त्र के मूल भाव को वास्तविक तौर पर याद रखना है। 00:00:35.000 --> 00:00:37.000 इससे यह भी अनुमान लगाया जा सकता है कि 00:00:38.000 --> 00:00:40.000 हम जिस संसार में जीवन व्यतीत कर रहे हैं 00:00:40.000 --> 00:00:41.000 वह निश्चित तौर पर वैसा ही नहीं है अपितु वह तो वास्तविकता का एक नमूना है, 00:00:41.000 --> 00:00:45.000 हमारे पूर्वजों ने जो परंपरा बनाई वह अनुकूलक विकल्पों 00:00:45.000 --> 00:00:49.000 के एक निश्चित समूह का परिणाम है हालांकि वह अनेक पुश्तों पहले सफल था। NOTE Paragraph 00:00:50.000 --> 00:00:54.000 और हां, हम सभी उन अति आवश्यक अनुकूलकों का प्रयोग कर रहे हैं। 00:00:54.000 --> 00:00:56.000 हम सभी ने जन्म लिया है। हम सभी अपने बच्चों को इस संसार में लाते हैं। 00:00:56.000 --> 00:00:58.000 हम दीक्षा के रीति रिवाजों से गुजरते हैं। 00:00:58.000 --> 00:01:00.000 हमें मृत्यु की कबेरता के कारण अलग होने को पीड़ा का सामना करना पड़ता है, 00:01:00.000 --> 00:01:04.000 इसलिए हमें आश्चर्य चकित नहीं होना चाहिए कि हम गाना गाते हैं, 00:01:04.000 --> 00:01:06.000 हम सभी नाचते हैं और हम सभी को कला का ज्ञान है। NOTE Paragraph 00:01:06.000 --> 00:01:09.000 परंतु इसमें रोचक बात यह है कि सभी संस्कृतियों में गीत का आलाप, 00:01:09.000 --> 00:01:11.000 नृत्य की लय अनोखी होती है। 00:01:11.000 --> 00:01:14.000 चाहे इसमें बोरनियो के वनों में की जाने वाली 00:01:14.000 --> 00:01:17.000 तपस्या हो, या हैती में तंत्रमंत्र 00:01:18.000 --> 00:01:22.000 का अनुसरण हो, या उत्तरी केनिया के कैसुत मरूस्थल में 00:01:24.000 --> 00:01:26.000 यौद्धा हो, ऐंडिस पर्वतों में कुरानडेरो हो, या 00:01:27.000 --> 00:01:32.000 सहारा रेगिस्थान के मध्य में कैसवैन सेराऐ हो। 00:01:32.000 --> 00:01:34.000 यह शायद वह सहयात्री था जिसके साथ मैंने एक 00:01:34.000 --> 00:01:35.000 महीना पहले रेगिस्थान की यात्रा की है या फिर 00:01:35.000 --> 00:01:38.000 वास्तव में यह क्योमोलंगमा की ढालानों पर एक याक चराने वाला है। 00:01:38.000 --> 00:01:40.000 एवरेस्ट चोटी विश्व की देवी भी है। NOTE Paragraph 00:01:40.000 --> 00:01:43.000 ये सभी लोग हमें यह शिक्षा देते हैं कि जीवन 00:01:43.000 --> 00:01:44.000 व्यतीत करने के अन्य तरीके भी हैं, सोचने के 00:01:44.000 --> 00:01:46.000 अन्य तरीके भी हैं, धरती पर रहने के अन्य तरीके भी है 00:01:46.000 --> 00:01:48.000 अगर आप इसके विषय में विचार करें तो यह आपके 00:01:48.000 --> 00:01:50.000 भीतर आशा की किरण उत्पन्न कर सकता है। 00:01:50.000 --> 00:01:53.000 अब आप विश्व की असंख्य संस्कृतियों को एकत्रित करें 00:01:53.000 --> 00:01:57.000 और आध्यामिक जीवन तथा सांस्कृतिक जीवन का जाल बुनें 00:01:57.000 --> 00:01:59.000 जो कि इस ग्रह को घेरती हैं, 00:01:59.000 --> 00:02:01.000 तथा वह ग्रह को बेहतर बनाने के लिए उतने आवश्यक हो 00:02:01.000 --> 00:02:04.000 जितने जीवन में मौजूद जीव जिन्हें हम बतौर जीव मंडल जानते हों। 00:02:04.000 --> 00:02:07.000 जीवन के इस सांस्कृतिक जाल को 00:02:07.000 --> 00:02:08.000 शायद आप नृवंशी समझ बैठें 00:02:08.000 --> 00:02:10.000 तथा आप विचारों व स्वपनों, 00:02:10.000 --> 00:02:13.000 कल्पनाओं, प्रेरणाओं, अंर्तज्ञान 00:02:13.000 --> 00:02:16.000 और जो भी कुछ चेतना की प्रारंभिक अवस्था से 00:02:16.000 --> 00:02:20.000 मानव कल्पना में मौजूद हो को एक साथ लेकर नृवंशी को परिभाषित करे 00:02:20.000 --> 00:02:23.000 नृवंशी होना मानवता की सबसे बड़ी विरासत है । 00:02:23.000 --> 00:02:25.000 हम सब क्या हैं यह उसका चिन्ह है 00:02:25.000 --> 00:02:29.000 तथा हम कितनी जिज्ञासु प्रजाति के हो सकते हैं । NOTE Paragraph 00:02:30.000 --> 00:02:33.000 जैसे कि जीवनमंडल अत्यधिक नष्ट हो चुका है 00:02:33.000 --> 00:02:35.000 ठीक वैसे ही नृवंशीमंडल भी एक बहुत 00:02:35.000 --> 00:02:37.000 ही तेज गति से नष्ट हो चुका है । 00:02:37.000 --> 00:02:39.000 कोई भी जीव-वैज्ञानिक यह कहने का दुस्साहस नहीं करेगा 00:02:39.000 --> 00:02:42.000 कि सभी प्रजातियों में से 50 प्रतिशत या उससे अधिक प्रजातियां लुप्त होने 00:02:42.000 --> 00:02:44.000 की कगार पर खड़ी हैं क्योंकि यह बिल्कुल सही बात नहीं है; 00:02:44.000 --> 00:02:46.000 इसके साथ-साथ जैविक विविधता की प्रभुता 00:02:46.000 --> 00:02:49.000 में यह भविष्य सूचक परिदृश्य है । 00:02:49.000 --> 00:02:52.000 जिसे हम अत्यधिक आशावादी परिदृश्य मानते हैं 00:02:52.000 --> 00:02:54.000 यह उस सांस्कृतिक विविधता का बहुत ही छोटा अंश है । 00:02:54.000 --> 00:02:57.000 भाषा की हानि इसकी उत्तम सूचक है । NOTE Paragraph 00:02:57.000 --> 00:03:00.000 इस कमरे में मौजूद सभी लोगों का जब 00:03:00.000 --> 00:03:03.000 जन्म हुआ था तो उस समय इस ग्रह पर 6000 भाषाएं बोली जाती थी । 00:03:03.000 --> 00:03:06.000 आजकल भाषा मात्र एक शब्द संग्रह नहीं है 00:03:06.000 --> 00:03:08.000 या फिर वह व्याकरण नियमावली भी नहीं है । 00:03:08.000 --> 00:03:10.000 भाषा मानव आत्मा की चमक है । 00:03:10.000 --> 00:03:13.000 भाषा एक माध्यम है जिसके द्वारा किसी विशिष्ट संस्कृति की आत् 00:03:13.000 --> 00:03:14.000 एक अनात्मवादी संसार में प्रवेश करती है । 00:03:14.000 --> 00:03:17.000 प्रत्येक भाषा दिमाग के भीतर 00:03:17.000 --> 00:03:21.000 प्राचीन वन, जल-संभर, एक विचार, आध्यात्मिक संभावनाओं के परितंत्र की भांति होती है । NOTE Paragraph 00:03:21.000 --> 00:03:25.000 जैसे कि आज हम मोनटेरे में 00:03:25.000 --> 00:03:29.000 बैठकर देख सकते हैं कि उन 6000 भाषाओं में से आधी भाषाएं बच्चों 00:03:29.000 --> 00:03:32.000 के कानों तक नहीं पहुंच रही हैं । वे शिशुओं को 00:03:32.000 --> 00:03:34.000 भी अब पढ़ाई नहीं जा रही हैं; जिसका अर्थ यह हुआ कि अगर कोई प्रभावशाली 00:03:34.000 --> 00:03:35.000 बदलाव नहीं होंगे तो वे पहले ही समाप्त हो जाएंगी । 00:03:35.000 --> 00:03:39.000 चुप्पी से घिरे रहने से ज्यादा अकेलापन और क्या होगा, आप अप 00:03:39.000 --> 00:03:41.000 भाषा बोलने वाले अपने लोगों में से आखिरी होंगे, आपके पास अपने 00:03:41.000 --> 00:03:44.000 पूर्वजों के ज्ञान को आगे पहुंचाने का या अपने बच्चों के 00:03:44.000 --> 00:03:47.000 इरादों का अनुमान लगाने को का कोई माध्यम नहीं होगा । 00:03:47.000 --> 00:03:50.000 तब भी यह भयानक किस्मत पृथ्वी पर कहीं न कहीं 00:03:50.000 --> 00:03:52.000 किसी की दर्दनाक अवस्था है; क्योंकि प्रत्येक दो 00:03:52.000 --> 00:03:54.000 सप्ताह में कोई ना कोई बड़ा व्यक्ति प्राण त्याग देता है और 00:03:54.000 --> 00:03:56.000 अपने साथ अपनी प्राचीन भाषा का 00:03:56.000 --> 00:03:58.000 ज्ञान ले जाता है । NOTE Paragraph 00:03:58.000 --> 00:04:00.000 और मैं यह जानता हूं कि आप में से कुछ लोग कहेंगे; 00:04:00.000 --> 00:04:01.000 "क्या यह सही नहीं होगा ? 00:04:01.000 --> 00:04:04.000 क्या संसार बेहतर नहीं हो जाएगा अगर हम सभी लोग एक ही भाषा बोलेंगे ?" 00:04:04.000 --> 00:04:07.000 मैं भी यही कहता हूं कि बहुत अच्छे, हमें योरुबा भाषा को उस भाषा का दर्जा दे देना चाहिए । 00:04:07.000 --> 00:04:08.000 हमें कैनटोनीस को वह भाषा बनानी चाहिए । हमें कोगी को वह भाषा बनानी चाहिए । 00:04:08.000 --> 00:04:10.000 और तभी अचानक आप पाएंगे कि ऐसा हो जाएगा 00:04:10.000 --> 00:04:13.000 कि मानो आप अपनी खुद की भाषा को ही नहीं बोल पा रहे हैं। NOTE Paragraph 00:04:13.000 --> 00:04:16.000 आज मैं आपके साथ जो भी करने जा रहा हूं 00:04:16.000 --> 00:04:20.000 वह एक प्रकार से नृवंशी की यात्रा------- नृवंशी में से एक लघ 00:04:20.000 --> 00:04:22.000 यात्रा करवाने जा रहा हूं; इसके माध्यम से मैं आपको यह समझाने का 00:04:22.000 --> 00:04:26.000 प्रयास कर रहा हूं कि आप क्या खो रहे हैं । 00:04:27.000 --> 00:04:34.000 जब मैं यह कहता हूं कि जीवन व्यतीत करने के विभिन्न तरीके हैं तो बहुत 00:04:34.000 --> 00:04:36.000 से लोग इसे कुछ भूल सा जाते हैं; मैं वास्तव में कहना चाहता हूं कि 00:04:36.000 --> 00:04:38.000 जीवन व्यतीत करने के अनेक तरीके होते हैं । NOTE Paragraph 00:04:39.000 --> 00:04:44.000 उदारहण के तौर पर उत्तर-पूर्वी एमैज़ोन के बरसाना के एक बालक को 00:04:44.000 --> 00:04:45.000 ले लीजिए, अनाकोंडा के लोगों को लीजिए जो यह मानते हैं 00:04:45.000 --> 00:04:47.000 कि पौराणिक कथा के अनुसार वे पूर्व दिशा से 00:04:47.000 --> 00:04:50.000 दुग्ध नदी के पवित्र सापों के पेट से उत्पन्न हुए हैं । 00:04:50.000 --> 00:04:53.000 यही वे लोग हैं जो नीले रंग की पहचाने 00:04:53.000 --> 00:04:55.000 हरे रंग से अलग नहीं कर पा रहे हैं 00:04:55.000 --> 00:04:57.000 क्योंकि स्वर्ग की छतरी को वनों की 00:04:57.000 --> 00:04:58.000 छतरी के समान माना गया है, 00:04:58.000 --> 00:05:00.000 जिस पर लोग निर्भर हैं । 00:05:00.000 --> 00:05:03.000 इनका भाषा और विवाह के लिए एक अलग ही नियम है 00:05:03.000 --> 00:05:05.000 जिसे भाषा के आधार पर जाति के बाहर विवाह करना कहा जाता है, 00:05:05.000 --> 00:05:08.000 आप उसी से विवाह कर सकते हैं जो आपसे विभिन्न भाषा बोलता हो । 00:05:08.000 --> 00:05:10.000 यह सभी कुछ पौराणिक है, 00:05:10.000 --> 00:05:12.000 फ़िर भी इन घरों में आशचर्य की बात ये है 00:05:12.000 --> 00:05:14.000 कि जहां इन घरों में अंतर्जातीय विवाह के कारण 6 या 7 भाषाएं बोली जाती हैं, 00:05:14.000 --> 00:05:16.000 आप कभी भी किसी को कोई एक भाषा प्रयोग करता हुआ नहीं सुन पाएंगे । 00:05:16.000 --> 00:05:19.000 वे पहले सुनते हैं 00:05:19.000 --> 00:05:22.000 फिर बोलना प्रारंभ करते हैं । NOTE Paragraph 00:05:22.000 --> 00:05:24.000 उत्तर-पूर्वी इक्वाडोर की वाओरानी जाति एक ऐसी रोमांचकारी प्रजाति है, 00:05:24.000 --> 00:05:28.000 जिसके साथ मैं पहले कभी नहीं रहा हूं । 00:05:28.000 --> 00:05:31.000 सन् 1958 में कुछ विचित्र लोगों में शांतिपूर्ण ढंग से इन लोगों से संपर्क किया । 00:05:31.000 --> 00:05:35.000 सन् 1957 में पांच धर्म प्रचारकों ने इनसे संपर्क करने का प्रयास किया 00:05:35.000 --> 00:05:36.000 और एक गंभीर गलती कर दी । 00:05:36.000 --> 00:05:37.000 उन्होंने वायु मार्ग से अपनी आठ-दस चमकदार तस्वीरें 00:05:37.000 --> 00:05:39.000 इनके पास फैंक दी, जिसे हम दोस्ती का हाथ बढ़ाना कह सकते हैं; 00:05:39.000 --> 00:05:41.000 वे यह भूल कर गए कि वर्षा-प्रचुर वन के 00:05:41.000 --> 00:05:43.000 इन लोगों ने अपने जीवनकाल में कभी भी 00:05:43.000 --> 00:05:46.000 द्वि-आयामी कोई भी वस्तु नहीं देखी है । 00:05:46.000 --> 00:05:48.000 उन्होंने जमीन से इन तस्वीरों को उठाया 00:05:48.000 --> 00:05:51.000 और तस्वीर के मुख के पीछे देख आकृति को ढूढने का प्रयास किया, उन्हें जब कुछ प्राप्त नहीं हुआ 00:05:51.000 --> 00:05:53.000 तो उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि ये तो शैतानों का बुलावा है, 00:05:53.000 --> 00:05:56.000 इसलिए उन्होंने उन पांच धर्म प्रचारकों को भाले मार-मार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया । 00:05:57.000 --> 00:05:59.000 परन्तु वाओरानी बाहर के लोगों पर आक्रमण नहीं करते हैं । 00:05:59.000 --> 00:06:00.000 वे एक दूसरे को मारते हैं । 00:06:00.000 --> 00:06:03.000 उनमें 54 प्रतिशत मृत्यु का कारण आपसी लड़ाई है । 00:06:03.000 --> 00:06:06.000 हमने उनकी पिछली 8 पुश्तों तक का अध्ययन किया 00:06:06.000 --> 00:06:08.000 और पाया कि केवल दो ही मृत्यु प्राकृतिक तौर पर हुई थी तथा जब हमने उन लोगों पर दबाव 00:06:08.000 --> 00:06:10.000 डालकर पूछताछ की, तो उन्होंने स्वीकार करते हुए बताया कि उनका एक साथी इतना बूढ़ा 00:06:10.000 --> 00:06:12.000 हो चुका था कि वह मरने की हालत में था, 00:06:12.000 --> 00:06:16.000 (हंसते हुए कहा) इसलिए हमने उसे मौत के घाट उतार दिया । 00:06:16.000 --> 00:06:19.000 परन्तु साथ ही उनके पास वन के 00:06:19.000 --> 00:06:20.000 बारे में चौका देने वाला सूक्ष्म ज्ञान था । 00:06:20.000 --> 00:06:23.000 उनके शिकारी 40 कदम की दूरी से ही पशुओं के मूत्र की गंध पहचान सकते 00:06:23.000 --> 00:06:26.000 थे और यह भी बता सकते थे कि मूत्र त्यागने वाला पशु कौन सा था । NOTE Paragraph 00:06:26.000 --> 00:06:28.000 80 के दशक की शुरुआत में, हमें एक अद्भुत काम करने का मौका मिला 00:06:28.000 --> 00:06:30.000 जब मुझे हावर्ड के मेरे एक प्रोफेसर ने मुझसे पूछा 00:06:30.000 --> 00:06:32.000 कि क्या मैं हेती जाने में, 00:06:33.000 --> 00:06:35.000 सामाजिक समूहों के बारे में जानकारी खोजने में, 00:06:35.000 --> 00:06:37.000 वे समूह जो कि डूबेलियर तथा टोनटोन मैकोट्स की नींव के बल थे 00:06:37.000 --> 00:06:38.000 और जोंबी बनाने के लिए प्रयोग में 00:06:38.000 --> 00:06:41.000 लाए जाने वाले विष के हासिल करने में रूचि है । 00:06:41.000 --> 00:06:44.000 इस सनसनी में से सही बात जानने के लिए 00:06:44.000 --> 00:06:47.000 मुझे वोडून के लिए इतना विश्वास रखने के बारे में तथा वूंडू 00:06:47.000 --> 00:06:50.000 कोई काले जादू की विधि नहीं है, के बारे में समझने की जरूरत थी । 00:06:50.000 --> 00:06:53.000 इसके विपरीत, विश्व भर में इसे पेचीदगीपूर्ण अध्यात्म विद्या समझा जाता है । 00:06:53.000 --> 00:06:54.000 यह रूचिपूर्ण है । 00:06:54.000 --> 00:06:55.000 अगर मैं आपको विश्व के कुछ महान धर्मों के नाम बताने को कहूंगा, 00:06:55.000 --> 00:06:56.000 तो आपका उत्तर क्या होगा ? 00:06:56.000 --> 00:06:59.000 ईसाई, इस्लाम, बौद्ध, जोविश और भी जो कोई धर्म हो । NOTE Paragraph 00:06:59.000 --> 00:07:01.000 हमेशा कोई न कोई महाद्वीप छूट जाता है, 00:07:01.000 --> 00:07:03.000 ऐसा माना जाता था कि उप-सहारा वाले अफ्रीका में 00:07:03.000 --> 00:07:05.000 धर्म का पालन नहीं किया जाता । 00:07:05.000 --> 00:07:07.000 बिल्कुल वे भी धर्म को मानते थे तथा 00:07:08.000 --> 00:07:09.000 जादू-टोना तो गहरे धार्मिक विचारों का शुद्धिकरण है 00:07:09.000 --> 00:07:12.000 जो कि दास प्रथा युग की दर्दनाक समाप्ति के कारण उत्पन्न हुआ । 00:07:12.000 --> 00:07:14.000 लेकिन क्या चीज जादू-टोने को इतना रूचिकारक बनाती है, 00:07:14.000 --> 00:07:16.000 क्या वह उसमें मौजूद जीवित 00:07:16.000 --> 00:07:17.000 तथा मृत के बीच का संबंध है । 00:07:17.000 --> 00:07:18.000 आत्माओं को गहरे पानी के नीचे से भी बुलाया जा सकता है; 00:07:18.000 --> 00:07:21.000 उन्हें लय पर नचाने से लेकर कुछ क्षणों में से जीवित व्यक्ति 00:07:21.000 --> 00:07:23.000 में से बाहर निकालने तक प्रयोग किया जा सकता है, 00:07:23.000 --> 00:07:25.000 ताकि उस क्षण भर की चमक 00:07:25.000 --> 00:07:29.000 के लिए वह सेवक ईश्वर बन जाता है । 00:07:29.000 --> 00:07:31.000 इसलिए जादू-टोना करने वाले अंग्रेजों से कहते हैं कि 00:07:31.000 --> 00:07:34.000 "तुम गोरे लोग गिरिजाघर में जाकर भगवान के बारे में बात करते हो ।" 00:07:34.000 --> 00:07:36.000 हम मंदिर में नाचते हैं और भगवान बन जाते हैं । 00:07:36.000 --> 00:07:39.000 चूंकि आप आत्माग्रस्त होते हैं 00:07:39.000 --> 00:07:40.000 इसलिए आपको हानि कैसे पहुंच सकती है? 00:07:40.000 --> 00:07:43.000 तो आप ये अद्भुत प्रदर्शन देख सकते हैं । 00:07:43.000 --> 00:07:45.000 जादू-टोने के अनुचर को समाधि लेते हुए, 00:07:45.000 --> 00:07:48.000 जलते हुए कोयले के साथ सरलता से प्रयोग करते हुए, 00:07:48.000 --> 00:07:51.000 यह दिमाग की एक अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन है 00:07:51.000 --> 00:07:52.000 जिससे प्रभावित होने वाले शरीर के अत्यधिक उत्तेजित होने के कारण 00:07:52.000 --> 00:07:55.000 उस पर प्रतिकूल स्थितियों का प्रभाव नहीं हो पाता है । NOTE Paragraph 00:07:56.000 --> 00:07:58.000 अब तक मैं जितने भी लोगों के साथ रहा हूं 00:07:58.000 --> 00:08:00.000 उनमें से सर्वाधिक असाधारण लोग उत्तरी कोलंबिया के 00:08:00.000 --> 00:08:03.000 सिएरा नोवादा दे सांता मार्टा के कोगी होते हैं । 00:08:03.000 --> 00:08:06.000 प्राचीन कठोर सभ्यता के वंशज जो किसी समय आक्रमण 00:08:06.000 --> 00:08:09.000 के दृष्टिकोण से कोलंबिया के कैरेबियन तटीय 00:08:09.000 --> 00:08:10.000 समतल भूभागों में बसे हुए थे; ये लोग एक वीरान ज्वालामुखी पर्वत श्रृंखला में 00:08:10.000 --> 00:08:13.000 घुस गए जो कैरिबियन तटीय भूभाग के ऊपर दिखाई देती थी । 00:08:13.000 --> 00:08:15.000 खून खराबे से भरे इस महाद्वीप में, 00:08:15.000 --> 00:08:17.000 केवल यही लोग थे जिन पर 00:08:17.000 --> 00:08:20.000 स्पेन को कभी भी विजय प्राप्त नहीं हुई । 00:08:20.000 --> 00:08:23.000 आज तक भी एक पुरोहित ही उन पर शासन कर रहा है, 00:08:23.000 --> 00:08:25.000 परन्तु पुरोहित के लिए उनकी प्रशिक्षण विधि बहुत असाधारण है । 00:08:26.000 --> 00:08:28.000 धर्म के युवा अनुचरों को तीन या चार वर्ष 00:08:28.000 --> 00:08:30.000 ही आयु में ही उनके परिवार से अलग कर 00:08:30.000 --> 00:08:32.000 उन्हें 18 वर्षों तक बर्फीली चट्टानों में 00:08:32.000 --> 00:08:36.000 बने पत्थर के झोपड़ों में अंधकार में रखा जाता है । 00:08:36.000 --> 00:08:37.000 नौ महीनों की दो अवधियां जान-बूझकर चुनी जाती हैं 00:08:37.000 --> 00:08:40.000 क्योंकि ये गर्भधारण के नौ महीनों के 00:08:40.000 --> 00:08:42.000 समान दर्शायी जाती हैं । 00:08:42.000 --> 00:08:45.000 जिस दौरान वे नौ महीनों तक प्राकृतिक तौर पर 00:08:45.000 --> 00:08:46.000 मां के गर्भ में रहते हैं और अब वे एक तरह से महान धरती माता के गर्भ में रहते हैं । 00:08:47.000 --> 00:08:50.000 इस संपूर्ण अवधि में उनके भीतर जीवन के अच्छी बातें भरी जाती हैं, 00:08:50.000 --> 00:08:52.000 वे बातें जिनसे यह कथित होता है कि 00:08:52.000 --> 00:08:55.000 उनकी इन्हीं बातों पर ही यह संसार टिका हुआ है 00:08:55.000 --> 00:08:57.000 या हम यूं कहें कि पर्यावरण इन्हीं पर संतुलित हो रखा है । 00:08:58.000 --> 00:08:59.000 इस अद्भुत दीक्षा के बाद, 00:08:59.000 --> 00:09:01.000 अचानक एक दिन उन्हें बाहर निकाला जाता है 00:09:01.000 --> 00:09:04.000 और 18 वर्ष की आयु के पश्चात वे अपने जीवन को पहली बार सूर्योदय के दर्शन करते हैं 00:09:04.000 --> 00:09:08.000 और इस जागरूकता के स्वच्छ क्षणों में 00:09:08.000 --> 00:09:11.000 सूर्य की पहली किरण हैरान करने वाले खूबसूरत प्राकृतिक नजारों में 00:09:11.000 --> 00:09:12.000 ढालानों पर अपनी छटा बिखेरती है, 00:09:13.000 --> 00:09:15.000 उन्होंने अब तक जो कुछ भी शिक्षा ग्रहण की होती है, 00:09:15.000 --> 00:09:18.000 वह अचानक ही उन्हें चौका देती है । अब पुरोहित पीछे हटकर कहता है 00:09:18.000 --> 00:09:20.000 "आप देखिए ? यह बिल्कुल वैसा है जैसा मैंने आपको बताया था । 00:09:20.000 --> 00:09:23.000 वह सुंदर है । यह आपका है और आप ही को इसे बचाना है ।" 00:09:23.000 --> 00:09:25.000 वे स्वयं को ज्येष्ठ भ्राता कहते हैं 00:09:25.000 --> 00:09:28.000 और वे हमें कनिष्ठ भ्राता कहते हैं 00:09:28.000 --> 00:09:31.000 और वे इस संसार को नष्ट करने के लिए हमें जिम्मेदार ठहराते हैं । NOTE Paragraph 00:09:32.000 --> 00:09:34.000 अब तक इस श्रेणी की दीक्षा बहुत आवश्यक होती है । 00:09:34.000 --> 00:09:36.000 जब कभी भी हम स्थान विशेष के लोगों तथा प्रकृति के बारे में सोचते हैं तो 00:09:36.000 --> 00:09:38.000 हम रोसेऊ का आह्वान करते हैं 00:09:38.000 --> 00:09:41.000 तथा उसके साथ पुरानी निराधार क्रूरता को याद करते हैं 00:09:41.000 --> 00:09:43.000 जो कि स्वयं ही एक जातिभेद पूर्ण विचार है, 00:09:43.000 --> 00:09:46.000 या फिर हम थोरेयू का आह्वान करते हैं 00:09:46.000 --> 00:09:48.000 और कहते हैं कि हमारी तुलना में ये लोग पृथ्वी के अधिक नजदीक हैं । 00:09:48.000 --> 00:09:50.000 हां, स्थानीय लोग न तो भावुक होते हैं 00:09:50.000 --> 00:09:52.000 और न ही कमजोर होते हैं । 00:09:52.000 --> 00:09:54.000 इन दोनों अवस्थाओं के लिए, 00:09:54.000 --> 00:09:56.000 न तो असमत के दलदल में और न ही तिब्बत की बर्फीली हवाओं में स्थान होता है, 00:09:56.000 --> 00:09:59.000 परन्तु फिर भी उन्होंने समय 00:09:59.000 --> 00:10:03.000 और रीतियों का प्रयोग कर पृथ्वी की परंपरागत रोचकता को गढ़ा है । 00:10:03.000 --> 00:10:06.000 यह स्व-योजना के विचार पर आधारित नहीं है, 00:10:06.000 --> 00:10:08.000 अपितु यह दीक्षा की सूक्षमता पर आधारित है: 00:10:08.000 --> 00:10:11.000 कि पृथ्वी स्वयं विराजमान रह सकती है 00:10:12.000 --> 00:10:14.000 क्योंकि इसे मानव चेतना द्वारा सींचा जा रहा है । NOTE Paragraph 00:10:14.000 --> 00:10:16.000 अब बताइए, इसका क्या अर्थ हुआ ? 00:10:16.000 --> 00:10:18.000 इसका अर्थ हुआ कि अगर ऐंडस पर्वत के वासी किसी छोटे बच्चे का 00:10:18.000 --> 00:10:20.000 पालन-पोषण करते हुए उसे यह बताए कि 00:10:20.000 --> 00:10:22.000 पर्वत अपू की आत्मा होती है 00:10:22.000 --> 00:10:25.000 जो कि उसकी किस्मत को दिशा प्रदान करेगी, 00:10:25.000 --> 00:10:28.000 तब वह हृदय से एक भिन्न मानव होगा 00:10:28.000 --> 00:10:30.000 और उसका इस संसाधन या स्थान के साथ एक अलग ही संबंध होगा, 00:10:30.000 --> 00:10:33.000 जो कि मोन्टाना में पले-बड़े एक छोटे बच्चे से अलग होगा जिसे 00:10:33.000 --> 00:10:34.000 यह बताया गया है कि पर्वत तो पत्थरों का ढेर होता है और उसमें खान खोदी जाती है । 00:10:34.000 --> 00:10:38.000 चाहे वह आत्मा हो या धातु का ढेर हो यह सब बेकार की बातें हैं । 00:10:38.000 --> 00:10:41.000 इसमें व्यक्ति विशेष तथा प्राकृतिक संसार के 00:10:41.000 --> 00:10:43.000 बीच संबंध दर्शाने वाले लक्षण रुचिकारक हैं । 00:10:43.000 --> 00:10:45.000 मैं ब्रिटिश कोलम्बिया के जंगलों में पला बढा़ था, 00:10:45.000 --> 00:10:47.000 जहाँ ये माना जाता था कि जंगलों का अस्तित्व ही काटने के लिये है। 00:10:47.000 --> 00:10:49.000 इन बातों ने मुझे अपने क्वाक्यूती मित्रों के बीच कुछ 00:10:49.000 --> 00:10:51.000 अलग इंसान बना दिया, जो कि यह मानते थे 00:10:51.000 --> 00:10:53.000 कि वे वन हूकूक का आवास, 00:10:53.000 --> 00:10:54.000 स्वर्ग की टेढ़ी चोंच 00:10:54.000 --> 00:10:57.000 तथा संसार के उत्तरी छोर पर रहने वाली नरभक्षी आत्माएं थी, 00:10:57.000 --> 00:11:01.000 वे आत्माएं जिनकी आवश्यकता उन्हें हमेशा दीक्षा के दौरान पड़ेगी । NOTE Paragraph 00:11:01.000 --> 00:11:03.000 अगर आप इन विचारों को देखें तो पाएंगे कि 00:11:03.000 --> 00:11:05.000 ये संस्कृतियां भिन्न-भिन्न वास्तविकताएं उत्पन्न कर सकती हैं; 00:11:05.000 --> 00:11:06.000 आप इनकी कुछ असाधारण खोजों को समझ सकते हैं । 00:11:06.000 --> 00:11:11.000 इस पौधे को ही लें । 00:11:11.000 --> 00:11:13.000 मैंने पिछले साल अप्रैल में यह तस्वीर उत्तर-पश्चिमी अमेजन में खींची थी । 00:11:13.000 --> 00:11:16.000 यह आयाहुअस्का है, जिसके बारे में 00:11:16.000 --> 00:11:19.000 आप में से बहुत से लोगों ने सुन रखा होगा; 00:11:19.000 --> 00:11:21.000 यह शमन के रंग पटल की सबसे शक्तिशाली दिमाग उत्तेजक पदार्थ है । 00:11:21.000 --> 00:11:23.000 आपको आयाहुअस्का मांत्र उसके संघटक क्षमता 00:11:23.000 --> 00:11:27.000 के कारण ही नहीं आकर्षित कर रही है, 00:11:27.000 --> 00:11:31.000 वरन उसके बारे में विस्तृत जानकारी आपको लुभा रही है । 00:11:31.000 --> 00:11:33.000 यह वास्तव में दो विभिन्न स्रोतों से तैयार की जानी है । 00:11:33.000 --> 00:11:35.000 एक तरफ तो छाल है जिसमें बीटाकैरोटीन, हार्मिन; हार्मोलीन, 00:11:35.000 --> 00:11:38.000 हल्के फुलके भ्रांतिकारक तत्वों की श्रृंखला मौजूद है। 00:11:38.000 --> 00:11:40.000 केवल इसकी लता को ही ले तो, 00:11:40.000 --> 00:11:42.000 ऐसा लगता है कि एक धुंधला नीला सा धुआं 00:11:42.000 --> 00:11:44.000 आपकी चेतना को छू गया है। 00:11:44.000 --> 00:11:47.000 परंतु इसे साईक्रोटिया विरीडिस नामक काफी के पौधे की 00:11:47.000 --> 00:11:49.000 प्रजाति की एक बूटी के साथ मिलाया जाता है।¥ 00:11:49.000 --> 00:11:52.000 दिमाग के सैरोटोनिन रसायन के बहुत ज्यादा समान 00:11:52.000 --> 00:11:56.000 ट्रीपटैमाईन, डाईमिथाईलट्रीपटैमाईन-5, मिथौक्सी डाईमिथाईलट्रीपटैमाईन, 00:11:56.000 --> 00:11:57.000 जैसे शक्तिशाली रसायन इस पौधे में मौजूद हैं। 00:11:57.000 --> 00:11:59.000 अगर कभी आपने यानोमामीयो को 00:11:59.000 --> 00:12:01.000 नाक से नसवार खींचते देखा हो 00:12:01.000 --> 00:12:04.000 वे वह पदार्थ अन्य किसी उपजाति का प्रयोग कर बनाते हैं, 00:12:04.000 --> 00:12:08.000 उसमें भी मिथोक्सी डाईमिथाईल ट्रीपटामाईन होती है। 00:12:08.000 --> 00:12:10.000 उस पाउडर को नाक से खींचने का मतलब, 00:12:10.000 --> 00:12:14.000 बंदूक की नली में से गोली निकलना जैसा होता है, 00:12:14.000 --> 00:12:21.000 साथ ही भड़कीले चित्रों की कतार दिखना तथा बिजली के सागर पर गिरने के समान होता है (हंसी)। 00:12:21.000 --> 00:12:23.000 यह वास्तविकता को भंग नहीं करता है, 00:12:23.000 --> 00:12:24.000 यह वास्तविक का विच्छेदन करता है। NOTE Paragraph 00:12:24.000 --> 00:12:27.000 अदृश्य वस्तुओं को सुनने व देखने की बीमारी के 00:12:27.000 --> 00:12:29.000 के युग की शुरूआत करने वाले व्यक्ति, मेरे प्रोफेसर रिचर्ड ईवान शूल्टस ने 1930 00:12:29.000 --> 00:12:31.000 में मैक्सिको में उनके द्वारा खोजे गए 00:12:31.000 --> 00:12:33.000 जादुई कुकुरमुतों के बारे में तर्क किया करता था। 00:12:33.000 --> 00:12:35.000 मैं तर्क करता था कि आप इन ट्रीपटैमीन को भ्रम उत्पन्न 00:12:35.000 --> 00:12:38.000 करने वाले पदार्थों में वर्गीकृत नहीं कर पाए 00:12:38.000 --> 00:12:42.000 क्योंकि जब तक आप उसके प्रभाव में रहते हो तब तक कोई भी उस भ्रम की अवस्था को समझने वाला घर पर नहीं होता है (हंसते हैं)। NOTE Paragraph 00:12:42.000 --> 00:12:45.000 परंतु ट्रीपमाईन को आप मुंह के रास्ते नहीं ग्रहण कर सकते 00:12:45.000 --> 00:12:47.000 क्योंकि हमारे उदर में मौजूद एक मोनोएमाईन ऑक्सीडेस नामक 00:12:47.000 --> 00:12:50.000 एनजाईम द्वारा वह ग्रहण करने योग्य नहीं रहता। 00:12:50.000 --> 00:12:53.000 इन्हें मुख के रास्ते किसी अन्य रसायन के साथ लिया जा सकता है 00:12:53.000 --> 00:12:56.000 जो एमएओ को निष्क्रिय कर दे। 00:12:56.000 --> 00:12:57.000 अब रोमांचित करने वाली बात है कि 00:12:57.000 --> 00:13:01.000 बीटा-कार्बोलाईन पदार्थ जो छाल में पए जाते हैं, 00:13:01.000 --> 00:13:04.000 वे एमएओ रोधक होते है, 00:13:05.000 --> 00:13:08.000 जो कि एक प्रकार से ट्रीपटामाईन के क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक होते हैं। तो आप स्वयं से एक प्रश्न पूछें। 00:13:08.000 --> 00:13:12.000 80,000 उपजातियों के पेड़ पौधों में ये लोग किस प्रकार 00:13:12.000 --> 00:13:16.000 रचना के आधार पर भिन्न दो असंबंधित पौधों की पहचान कर लेते हैं, 00:13:16.000 --> 00:13:17.000 जिन्हें जब मिलाया जाता है तो वे एक जैविक रसायन उत्पन्न करते हैं, 00:13:17.000 --> 00:13:19.000 जो कि जोड़े गए पदार्थों से 00:13:19.000 --> 00:13:21.000 कई गुणा अधिक प्रभावशाली होता है? NOTE Paragraph 00:13:21.000 --> 00:13:24.000 चलिए हम मधुर शब्दों, प्रयास एवं त्रुटि का प्रयोग करते हैं, 00:13:24.000 --> 00:13:25.000 जो कि निरर्थक ही होता है। 00:13:26.000 --> 00:13:29.000 परंतु आप भारतीयों से बात करें, तो वे कहेंगे कि ‘’पौधे हमसे वार्तालाप करते है।‘’ NOTE Paragraph 00:13:29.000 --> 00:13:30.000 इसका क्या मतलब हुआ? 00:13:30.000 --> 00:13:34.000 कोफान उपजाति में आयाहुआस्का की 17 किस्में हैं 00:13:34.000 --> 00:13:37.000 जो देखने में सभी 00:13:38.000 --> 00:13:42.000 एक जैसी उपजातियां प्रतीत होती हैं। 00:13:42.000 --> 00:13:44.000 और जब आप उनसे पूछेंगे कि उन्हें इसके वर्ग की पहचान कैसे की, 00:13:44.000 --> 00:13:47.000 तो वे उत्तर देंगे कि ‘’मैंने सोचा आपको पेड़ पौधों के बारे में कुछ पता होगा। 00:13:47.000 --> 00:13:49.000 मेरे कहने का तात्पर्य है कि क्या आपको कुछ मालूम नहीं है? तब मैंने उत्तर दिया ‘’नहीं’’। 00:13:49.000 --> 00:13:52.000 तो तब आप पूर्णीमा की रात को 17 की 17 किस्में ले लेते हैं, 00:13:52.000 --> 00:13:55.000 तब इनमें से प्रत्येक अलग-अलग ताल पर गुनगुनाती है। 00:13:55.000 --> 00:13:57.000 हां, यह सब करने से आपको हावार्ड में पीएचडी की डिग्री नहीं मिलने वाली, 00:13:57.000 --> 00:14:01.000 परंतु यह फूलों पराग के सिर गिनने से कहीं ज्यादा रूचिकारक है। NOTE Paragraph 00:14:01.000 --> 00:14:02.000 अब, (धन्यवाद), समस्या ----------- समस्या यह है कि हम में से भी कुछ ½ 00:14:02.000 --> 00:14:05.000 (धन्यवाद), 00:14:05.000 --> 00:14:07.000 समस्या ----------- समस्या यह है कि हम में से भी कुछ 00:14:07.000 --> 00:14:09.000 लोग जिनको स्थानीय लोगों के साथ सहानुभूति है 00:14:09.000 --> 00:14:10.000 वे भी इसे प्राचीन और रंगीन मानते हैं, 00:14:10.000 --> 00:14:12.000 परंतु फिर भी यह इतिहास के हाशिए पर आ खड़ा हुआ है, 00:14:12.000 --> 00:14:15.000 चूंकि वास्तविक संसार, हमारा संसार तो चलता ही जा रहा है। 00:14:15.000 --> 00:14:17.000 हां, 20वी सदी ही सत्य होगी, 00:14:17.000 --> 00:14:20.000 अब से 300 वर्षों बाद, यह समय युद्धों या इसके 00:14:20.000 --> 00:14:21.000 तकनीकी क्षोध के लिए नहीं याद किया जाएगा, 00:14:21.000 --> 00:14:23.000 बल्कि इसे उस सदी की तरह से याद करेंगे, 00:14:24.000 --> 00:14:26.000 जिसमें हमने चुपचाप खड़े रहकर या उसमें क्रियाशील होकर भाग ले कर 00:14:26.000 --> 00:14:29.000 जैविक तथा सांस्कृकतिक विविधता का नाश इस ग्रह पर होते हुए देखा है। 00:14:29.000 --> 00:14:32.000 यह समस्या बदलाव नहीं है। 00:14:32.000 --> 00:14:34.000 हर समय सभी सांस्कृतियां 00:14:34.000 --> 00:14:37.000 जीवन में निरंतर 00:14:37.000 --> 00:14:38.000 बदलाव में व्यस्त रही है। NOTE Paragraph 00:14:39.000 --> 00:14:41.000 तकनीक खुद ही एक समस्या नहीं है। 00:14:42.000 --> 00:14:44.000 जब सियोक्स भारतीयों ने तीर-कमान त्याग दिया 00:14:44.000 --> 00:14:45.000 तो उन्होंने सियोक्स कहलाना बंद नहीं किया। 00:14:45.000 --> 00:14:47.000 कि अमरीकी ने धोड़ा गाड़ी को छोड़ने के बाद 00:14:47.000 --> 00:14:49.000 खुद को अमरीकी कहना बंद कर दिया। 00:14:49.000 --> 00:14:50.000 बदलाव या तकनीक से नृवंशी को 00:14:50.000 --> 00:14:54.000 किसी प्रकार का खतरा नहीं होता है। 00:14:54.000 --> 00:14:56.000 ताकत है वह चीज जो खतरनाक बन जाती है। हावी होने का घिनौना चेहरा। 00:14:56.000 --> 00:14:58.000 और जब भी अपने आसपास देखते हैं 00:14:58.000 --> 00:15:01.000 तो आपको ज्ञात होगा कि ये सांस्कृतियां मिट जाने के लिए नहीं बनी हैं। 00:15:01.000 --> 00:15:03.000 ये तेजी से प्रगति करते हुए लोग हैं 00:15:03.000 --> 00:15:06.000 जो संभाले जाने वाले बल से 00:15:06.000 --> 00:15:08.000 अधिक बल द्वारा बाहर धकेले जा रहे हैं। 00:15:08.000 --> 00:15:10.000 चाहे वह पेनान की गृहभूमि में 00:15:11.000 --> 00:15:13.000 वनों का असाधारण काटना हो; 00:15:13.000 --> 00:15:16.000 पेनान दक्षिणी पूर्वी एशिया के सारवाक के चलवासी लोग, 00:15:16.000 --> 00:15:20.000 जो एक पुश्त पहले तक वनों से आजाद घूमते थे, 00:15:20.000 --> 00:15:23.000 अब सभी कुछ नदी किनारे दासत्व व 00:15:23.000 --> 00:15:25.000 वैश्यावृत्ति में बदलकर रह गया है। 00:15:25.000 --> 00:15:29.000 यहां आप देख सकते हैं कि नदी खुद ही प्रदूषक तत्वों से गंदी हो गई है 00:15:29.000 --> 00:15:31.000 और ऐसा प्रतीत होता है मानो वह आधा बोर्नयो 00:15:31.000 --> 00:15:32.000 चीनी सागर के दक्षिण की ओर ढोकर ले जा रहा हो। 00:15:32.000 --> 00:15:34.000 जहां पर जापानी मालवाहक किनारों पर वनों से काटे गए 00:15:34.000 --> 00:15:38.000 पेड़ों के तनों को पकड़ने के लिए तैयार खड़े हो। 00:15:38.000 --> 00:15:39.000 या यानोमामी के मामले में दखें 00:15:39.000 --> 00:15:41.000 तो वहां सोने की खोज के चलते 00:15:41.000 --> 00:15:43.000 रोग के रूप में वास्तविकता सामने आई है। NOTE Paragraph 00:15:43.000 --> 00:15:45.000 या फिर हम अगर तिब्बत के पर्वतों की ओर जाएं, 00:15:45.000 --> 00:15:47.000 जहां पर मैं हाल ही में बहुत सा क्षोध कार्य कर रहा था, 00:15:48.000 --> 00:15:51.000 वहां आप राजनैतिक प्रभाव का बिगड़ा रूप देख पाएंगे। 00:15:51.000 --> 00:15:53.000 आप लोगों का लुप्त होना यानि वृंश संहार को तो समझते होगे 00:15:53.000 --> 00:15:55.000 इसकी विश्व भर में निन्दा की जाती है। 00:15:56.000 --> 00:15:59.000 परंतु, नृवंश संहार; जिसमें लोगों के जीने के तरीके का नाश हो रहा हो, 00:15:59.000 --> 00:16:02.000 विश्व भर में उसकी निंदा नहीं की जाती परंतु 00:16:02.000 --> 00:16:04.000 साथ ही उस पर खुशियां मनाई जाती हैं कि वह तो विकास का एक अंश है। 00:16:04.000 --> 00:16:07.000 आप उसकी जमीन से जुड़े बिना 00:16:07.000 --> 00:16:09.000 तिब्बत की पीड़ा को नहीं समझ सकते हैं। 00:16:09.000 --> 00:16:13.000 एक बार मैंने एक युवा साथी के 00:16:13.000 --> 00:16:16.000 साथ दक्षिण पूर्वी तिब्बत से होकर पश्चिमी चीन में 00:16:16.000 --> 00:16:20.000 चंगडू से लासा तक 6000 मील की यात्रा की। 00:16:20.000 --> 00:16:23.000 लासा पहुंचने पर ही मै उन आंकड़ों को समझ पाया 00:16:23.000 --> 00:16:24.000 जिनके बारे में आप सभी सुनते हैं। 00:16:24.000 --> 00:16:28.000 6000 धार्मिक इमारतों को धूल में मिलाया गया। 00:16:28.000 --> 00:16:31.000 सांस्कृतिक आंदोलन के दौरान 12 लाख लोगों 00:16:31.000 --> 00:16:32.000 को शासन द्वारा मौत के घाट उतारा गया। 00:16:33.000 --> 00:16:35.000 इस युवक के पिता पर पांचेन लामा का आरोपण किया गया। 00:16:35.000 --> 00:16:37.000 उसका अर्थ था कि उन्हें चीन द्वारा 00:16:37.000 --> 00:16:39.000 आक्रमण के समय तुरंत मार दिया गया। 00:16:39.000 --> 00:16:41.000 इसका रिश्तेदार जन विसर्जन के दौरान 00:16:41.000 --> 00:16:44.000 धर्मगुरू के साथ नेपाल चला गया। 00:16:44.000 --> 00:16:46.000 इसकी मां को कैद कर लिया गया – 00:16:46.000 --> 00:16:48.000 यह उनके लिए धनवान होने की सजा थी। 00:16:49.000 --> 00:16:51.000 इसे दो वर्ष की आयु में जेल के भीतर घुसा दिया गया 00:16:51.000 --> 00:16:53.000 जहां इसे मां की र्स्कट के पीछे छुपना पड़ा, 00:16:53.000 --> 00:16:55.000 ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि मां इसके बिना नहीं रह सकती थी। 00:16:55.000 --> 00:16:57.000 जिस बहन ने यह बहादुरी का काम किया 00:16:57.000 --> 00:16:58.000 उसे शिक्षा शिविर में भर्ती करा दिया गया। 00:16:58.000 --> 00:17:00.000 एक दिन उसने गलती से माओ के एक बाजूबंद 00:17:01.000 --> 00:17:03.000 पर पांव रख दिया, उसे इस अपराध के लिए 00:17:03.000 --> 00:17:06.000 सात वर्षों का कठोर परिश्रम बतौर सजा दिया गया। 00:17:06.000 --> 00:17:09.000 तिब्बत की परेशानी असहनीय थी, 00:17:09.000 --> 00:17:12.000 लेकिन लोगों के जीने की इच्छा मान रखने लायक थी। NOTE Paragraph 00:17:13.000 --> 00:17:16.000 अंत में यह एक ही विकल्प पर पहुंचता है। 00:17:16.000 --> 00:17:19.000 क्या हम एक ही ढंग से सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत करना चाहते हैं 00:17:19.000 --> 00:17:22.000 या फिर हम विविधवता के संसार की रंगीनियों को अपनाना चाहते हैं? 00:17:22.000 --> 00:17:25.000 अपनी मृत्यु से पहले महान मानव-शास्त्री मारग्रारेट मीड; 00:17:25.000 --> 00:17:28.000 ने कहा था कि मेरा सबसे बड़ा भय यह था 00:17:28.000 --> 00:17:30.000 सकल मनुष्य की सोच, 00:17:30.000 --> 00:17:35.000 विश्व भर का नरम रुख छोटी 00:17:35.000 --> 00:17:39.000 सोच में बदल गया, 00:17:39.000 --> 00:17:40.000 परंतु हम इस स्वप्न से एक दिन जरूर जाएगा। 00:17:40.000 --> 00:17:43.000 यह भूलकर की इसके अतिरिक्त और भी विकल्प मौजूद हैं। NOTE Paragraph 00:17:44.000 --> 00:17:47.000 यह एक विनम्र विचार है कि हमारी उपजातियां 00:17:47.000 --> 00:17:49.000 लगभग 600,000 वर्षों से मौजूद हैं 00:17:49.000 --> 00:17:52.000 कि ज्यों ज्यों हम पाषाण युग की क्रांति की ओर बढ़ेंगे, 00:17:52.000 --> 00:17:54.000 पाषाण युग ने हमें कृषि प्रदान की, 00:17:54.000 --> 00:17:56.000 उस समय हम बीज के वशीभूत हो गए। 00:17:56.000 --> 00:17:57.000 शमन की कविताओं का स्थान धर्म गुरू के गद्यों ने ले लिया। 00:17:57.000 --> 00:18:00.000 हमने अनुक्रमण विशेषज्ञता अधिशेष की रचना की। 00:18:00.000 --> 00:18:02.000 यह केवल 10,000 वर्ष पूर्व ही हुआ था। 00:18:02.000 --> 00:18:04.000 हम जानते हैं कि आधुनिक औद्योगिक 00:18:04.000 --> 00:18:06.000 संसार मात्र 300 वर्ष पुराना है। 00:18:06.000 --> 00:18:08.000 इस नवीन इतिहास से मुझे यह महसूस होता है 00:18:08.000 --> 00:18:11.000 कि आने वाली शताब्दी में जिन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा 00:18:11.000 --> 00:18:13.000 हमारे पास उनके लिए उत्तर उपलब्ध नहीं होंगे। 00:18:13.000 --> 00:18:15.000 जब हम विश्व की इन असंख्य संस्कृतियों से 00:18:15.000 --> 00:18:18.000 मनुष्य होने का अर्थ पूछते हैं 00:18:18.000 --> 00:18:20.000 तो वे 10,000 अलग-अलग आवाजों में उत्तर देते हैं। NOTE Paragraph 00:18:20.000 --> 00:18:26.000 हम क्या हैं, यह सभी विकल्प हमारे पास मौजूद नहीं हैं। 00:18:26.000 --> 00:18:29.000 पूर्ण सचेत उपजाति, पूर्णत: 00:18:29.000 --> 00:18:32.000 यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी लोगों तथा सभी उद्यानों को 00:18:32.000 --> 00:18:38.000 फलने फूलने का तरीका मिल जाए। सकारात्मकता के महान क्षण भी मौजूद हैं। NOTE Paragraph 00:18:38.000 --> 00:18:41.000 यह तस्वीर मैंने तब खीची थी जब मैं बैफिन टापू के उत्तरी छोर पर 00:18:41.000 --> 00:18:43.000 इन्यूट प्रजाति के लोगों के साथ छोटी सफेद व्हेल के शिकार के लिए गया था, 00:18:44.000 --> 00:18:47.000 तब इस व्यक्ति, ओलाया ने मुझे अपने दादाजी की एक बहुत अच्छी कहानी सुनाई। 00:18:48.000 --> 00:18:50.000 कनाडा की सरकार कभी भी इन्यूट लोगों के लिए दयालु नहीं रही 00:18:50.000 --> 00:18:52.000 तथा उसने वर्ष 1950 के दशक में 00:18:52.000 --> 00:18:55.000 अपनी प्रधानता को स्थापित करने हेतु इन लोगों को कही और बसाने पर जोर दिया। 00:18:55.000 --> 00:18:59.000 इस बुजर्ग आदमी के दादाजी ने जाने से इन्कार कर दिया। 00:18:59.000 --> 00:19:03.000 उस व्यक्ति का डरा हुआ परिवार अपने साथ सभी हथियार व 00:19:03.000 --> 00:19:04.000 सभी औजारों को लेकर चला गया। 00:19:05.000 --> 00:19:07.000 अब आपको यह समझ लेना चाहिए कि इन्यूट लोग सर्दी से नहीं घबराते हैं, 00:19:07.000 --> 00:19:08.000 वे उसका लाभ उठाते हैं। 00:19:08.000 --> 00:19:11.000 उनकी गाड़ी के पहियों को मूलत: मछली केरिबोऊ की 00:19:11.000 --> 00:19:12.000 खाल में लपेट कर बनाया जाता था। 00:19:12.000 --> 00:19:17.000 तो इस आदमी के दादाजी उत्तरी ध्रुव की रातों से डरते नहीं थे 00:19:17.000 --> 00:19:19.000 और न ही वे वहां बह रही बर्फीली हवाओं से घबराते थे। 00:19:19.000 --> 00:19:22.000 वे सरलता से बाहर निकलते और 00:19:23.000 --> 00:19:26.000 सील मछली की खाल से बनी अपनी पतलून उतारकर अपने हाथ में विष्ठा कर लेते। 00:19:26.000 --> 00:19:29.000 जैसे ही विष्ठा ठंड के कारण जमने लगती वे उसे एक ब्लेड का आकार दे देते हैं। 00:19:29.000 --> 00:19:31.000 उन्होंने उस विष्ठा के चाकू के किनारे पर थूक छिड़की 00:19:31.000 --> 00:19:34.000 जो अंतत: जम कर कठोर हो गई, उन्होंने उस चाकू से एक कुत्ते को काट डाला। 00:19:34.000 --> 00:19:37.000 उन्होंने कुत्ते की खाल उतार कर अपनी गाड़ी की जीन को सुधारा, 00:19:37.000 --> 00:19:40.000 कुत्ते की पसलियों के ढांचे का प्रयोग कर अपनी गाड़ी को बेहतर बनाया; 00:19:41.000 --> 00:19:42.000 फिर पास खड़े एक कुत्ते को बांध कर बर्फ के ढेरों पर लुप्त हो गए, 00:19:42.000 --> 00:19:46.000 वह विष्ठा से बना चाकू उनकी बेल्ट में लगा था। 00:19:46.000 --> 00:19:50.000 खाली हाथ निकलने के बारे में कहिए (हंसते हैं)। NOTE Paragraph 00:19:50.000 --> 00:19:51.000 और इसी तरह, अन्य बहुत से तरीके हैं; 00:19:51.000 --> 00:19:53.000 (शाबाशी मिलती है) 00:19:53.000 --> 00:19:55.000 यह इन्यूट लोगों तथा संसार के 00:19:55.000 --> 00:19:58.000 अन्य स्थानीय लोगों के लौटने का चिन्ह है। 00:19:58.000 --> 00:20:00.000 अप्रैल 1999 में कनाडा सरकार ने 00:20:00.000 --> 00:20:03.000 कैलीफोर्निया और टैकसास को जोड़कर बनने वाले 00:20:03.000 --> 00:20:06.000 क्षेत्र से भी अधिक क्षेत्र इन्यूट लोगों को पूर्णत: दे दिया। 00:20:06.000 --> 00:20:08.000 यह हमारी नई मातृभूमि है। इसे नूनावत कहते हैं। 00:20:09.000 --> 00:20:12.000 यह एक स्वतंत्र क्षेत्र है। ये सभी खनिज संसाधनों पर नियंत्रण रखते हैं। 00:20:12.000 --> 00:20:14.000 यह लोगों द्वारा प्रत्यर्पण पाने का राष्ट्र-प्रदेश 00:20:14.000 --> 00:20:18.000 प्राप्त करने का एक अदभुत उदाहरण है। NOTE Paragraph 00:20:19.000 --> 00:20:22.000 और अंत में यह हम सभी के लिए 00:20:22.000 --> 00:20:23.000 और उनके लिए जिन्होंने 00:20:23.000 --> 00:20:25.000 इन दूर स्थित जगहों पर यात्रा की है; 00:20:27.000 --> 00:20:28.000 उनके लिए मैं कहना चाहूंगा कि कोई भी स्थान निजर्न नहीं है। 00:20:28.000 --> 00:20:30.000 वे किसी न किसी की मातृभूमि है। 00:20:30.000 --> 00:20:32.000 ये सभी मानव कल्पना का प्रतिनिधित्व बहुत पहले से ही करते आ रहे हैं। 00:20:32.000 --> 00:20:36.000 और हम सभी के लिए इन बच्चों के सपने, 00:20:36.000 --> 00:20:39.000 जैसेकि हमारे अपने बच्चे के सपने। 00:20:39.000 --> 00:20:42.000 आशा के नग्न भूगोल शास्त्र का एक भाग हैं। NOTE Paragraph 00:20:42.000 --> 00:20:46.000 इसलिए हम नेशनल जियोग्राफिक्स पर अंतत:, 00:20:46.000 --> 00:20:50.000 प्रयास कर रहे, हमें यह विश्वास है कि इसे कोई राजनेता कभी भी पूरा नहीं कर पाएगा। 00:20:50.000 --> 00:20:51.000 हम समझते हैं कि तर्क --- 00:20:51.000 --> 00:20:53.000 (शाबाशी मिलती है) 00:20:53.000 --> 00:20:55.000 हम सोचते हैं कि तर्क द्वारा समझाया नहीं जा सकता; 00:20:55.000 --> 00:20:58.000 परंतु हमारा मानना है कि हम कहानी सुनकर संसार में बदलाव ला सकते हैं; 00:20:58.000 --> 00:21:01.000 और इसलिए शायद हम विश्व का सर्वश्रेष्ठ कथा वाचक संस्थान हैं। 00:21:01.000 --> 00:21:04.000 प्रतिमाह हमारी वेबसाईट 35 लाख बार खोली जाती है। 00:21:04.000 --> 00:21:07.000 156 देश हमारा टेलीविजन चैनल दिखाते हैं। 00:21:08.000 --> 00:21:10.000 हमारी पत्रिकाएं करोड़ों लोगों द्वारा पढ़ी जाती हैं। 00:21:10.000 --> 00:21:13.000 हम यात्राओं की एक श्रृंखला तैयार कर रहे हैं 00:21:13.000 --> 00:21:15.000 जिसमें हम अपने दर्शकों को अदभुत संस्कृति वाले स्थानों पर ले जाएंगे; 00:21:15.000 --> 00:21:17.000 चाहे वे वहां किसी प्रकार की सहायता न दे पाए 00:21:18.000 --> 00:21:20.000 परंतु वे जो कुछ भी देखें उससे चकित हो वापिस लौटें, 00:21:20.000 --> 00:21:22.000 और आशा करते हैं वे मानव शास्त्र पर डाले गए प्रकाश 00:21:22.000 --> 00:21:25.000 की एक के बाद एक सराहना करें 00:21:25.000 --> 00:21:27.000 कि यह संसार विविधतापूर्ण होने की क्षमता रखता है। 00:21:27.000 --> 00:21:31.000 हम सही तौर पर बहु-सांस्कृतिक बहुवादी 00:21:31.000 --> 00:21:32.000 संसार में रहने का 00:21:32.000 --> 00:21:35.000 तरीका ढूंढ़ सकते हैं 00:21:35.000 --> 00:21:37.000 जहां पर सभी लोगों की बुद्धि हम 00:21:37.000 --> 00:21:40.000 सभी की भलाई में अपना योगदान दे सकती हैं। NOTE Paragraph 00:21:40.000 --> 00:21:41.000 आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। 00:21:41.000 --> 00:21:43.000 शाबाशी दी गई।