0:00:00.000,0:00:03.000 आप यात्रा से होने वाले आनंद को जानते हैं 0:00:03.000,0:00:05.000 तथा नृवंशी अध्ययन के शोध का एक आनंददायक अवसर 0:00:05.000,0:00:07.000 प्राचीन ढंग से जीवन व्यतीत करने वाले लोगों 0:00:07.000,0:00:09.000 के बीच रहना है, 0:00:09.000,0:00:12.000 वे लोग जो अब भी अपने बीते हुए समय को महसूस कर रहे हों 0:00:12.000,0:00:15.000 और पाषाण युग का अनुभव व 0:00:15.000,0:00:17.000 पत्तियों का स्वाद चख कर जीवन व्यतीत कर रहे हों। 0:00:17.000,0:00:21.000 यह जानने के लिए कि जगुआर शमनस अब भी आकाश गंगा के परे यात्रा करता है 0:00:21.000,0:00:25.000 या फिर पूर्वजों की भावनात्मक अर्थपूर्ण 0:00:25.000,0:00:27.000 कल्पनाओं अब भी प्रतिध्वनित हो रही है, 0:00:28.000,0:00:32.000 या फिर हिमालय पर्वत में बौद्ध आज भी धर्म का अनुसरण कर रहे हैं, 0:00:32.000,0:00:35.000 यह मानव शास्त्र के मूल भाव को वास्तविक तौर पर याद रखना है। 0:00:35.000,0:00:37.000 इससे यह भी अनुमान लगाया जा सकता है कि 0:00:38.000,0:00:40.000 हम जिस संसार में जीवन व्यतीत कर रहे हैं 0:00:40.000,0:00:41.000 वह निश्चित तौर पर वैसा ही नहीं है अपितु वह तो वास्तविकता का एक नमूना है, 0:00:41.000,0:00:45.000 हमारे पूर्वजों ने जो परंपरा बनाई वह अनुकूलक विकल्पों 0:00:45.000,0:00:49.000 के एक निश्चित समूह का परिणाम है हालांकि वह अनेक पुश्तों पहले सफल था। 0:00:50.000,0:00:54.000 और हां, हम सभी उन अति आवश्यक अनुकूलकों का प्रयोग कर रहे हैं। 0:00:54.000,0:00:56.000 हम सभी ने जन्म लिया है। हम सभी अपने बच्चों को इस संसार में लाते हैं। 0:00:56.000,0:00:58.000 हम दीक्षा के रीति रिवाजों से गुजरते हैं। 0:00:58.000,0:01:00.000 हमें मृत्यु की कबेरता के कारण अलग होने को पीड़ा का सामना करना पड़ता है, 0:01:00.000,0:01:04.000 इसलिए हमें आश्चर्य चकित नहीं होना चाहिए कि हम गाना गाते हैं, 0:01:04.000,0:01:06.000 हम सभी नाचते हैं और हम सभी को कला का ज्ञान है। 0:01:06.000,0:01:09.000 परंतु इसमें रोचक बात यह है कि सभी संस्कृतियों में गीत का आलाप, 0:01:09.000,0:01:11.000 नृत्य की लय अनोखी होती है। 0:01:11.000,0:01:14.000 चाहे इसमें बोरनियो के वनों में की जाने वाली 0:01:14.000,0:01:17.000 तपस्या हो, या हैती में तंत्रमंत्र 0:01:18.000,0:01:22.000 का अनुसरण हो, या उत्तरी केनिया के कैसुत मरूस्थल में 0:01:24.000,0:01:26.000 यौद्धा हो, ऐंडिस पर्वतों में कुरानडेरो हो, या 0:01:27.000,0:01:32.000 सहारा रेगिस्थान के मध्य में कैसवैन सेराऐ हो। 0:01:32.000,0:01:34.000 यह शायद वह सहयात्री था जिसके साथ मैंने एक 0:01:34.000,0:01:35.000 महीना पहले रेगिस्थान की यात्रा की है या फिर 0:01:35.000,0:01:38.000 वास्तव में यह क्योमोलंगमा की ढालानों पर एक याक चराने वाला है। 0:01:38.000,0:01:40.000 एवरेस्ट चोटी विश्व की देवी भी है। 0:01:40.000,0:01:43.000 ये सभी लोग हमें यह शिक्षा देते हैं कि जीवन 0:01:43.000,0:01:44.000 व्यतीत करने के अन्य तरीके भी हैं, सोचने के 0:01:44.000,0:01:46.000 अन्य तरीके भी हैं, धरती पर रहने के अन्य तरीके भी है 0:01:46.000,0:01:48.000 अगर आप इसके विषय में विचार करें तो यह आपके 0:01:48.000,0:01:50.000 भीतर आशा की किरण उत्पन्न कर सकता है। 0:01:50.000,0:01:53.000 अब आप विश्व की असंख्य संस्कृतियों को एकत्रित करें 0:01:53.000,0:01:57.000 और आध्यामिक जीवन तथा सांस्कृतिक जीवन का जाल बुनें 0:01:57.000,0:01:59.000 जो कि इस ग्रह को घेरती हैं, 0:01:59.000,0:02:01.000 तथा वह ग्रह को बेहतर बनाने के लिए उतने आवश्यक हो 0:02:01.000,0:02:04.000 जितने जीवन में मौजूद जीव जिन्हें हम बतौर जीव मंडल जानते हों। 0:02:04.000,0:02:07.000 जीवन के इस सांस्कृतिक जाल को 0:02:07.000,0:02:08.000 शायद आप नृवंशी समझ बैठें 0:02:08.000,0:02:10.000 तथा आप विचारों व स्वपनों, 0:02:10.000,0:02:13.000 कल्पनाओं, प्रेरणाओं, अंर्तज्ञान 0:02:13.000,0:02:16.000 और जो भी कुछ चेतना की प्रारंभिक अवस्था से 0:02:16.000,0:02:20.000 मानव कल्पना में मौजूद हो को एक साथ लेकर नृवंशी को परिभाषित करे 0:02:20.000,0:02:23.000 नृवंशी होना मानवता की सबसे बड़ी विरासत है । 0:02:23.000,0:02:25.000 हम सब क्या हैं यह उसका चिन्ह है 0:02:25.000,0:02:29.000 तथा हम कितनी जिज्ञासु प्रजाति के हो सकते हैं । 0:02:30.000,0:02:33.000 जैसे कि जीवनमंडल अत्यधिक नष्ट हो चुका है 0:02:33.000,0:02:35.000 ठीक वैसे ही नृवंशीमंडल भी एक बहुत 0:02:35.000,0:02:37.000 ही तेज गति से नष्ट हो चुका है । 0:02:37.000,0:02:39.000 कोई भी जीव-वैज्ञानिक यह कहने का दुस्साहस नहीं करेगा 0:02:39.000,0:02:42.000 कि सभी प्रजातियों में से 50 प्रतिशत या उससे अधिक प्रजातियां लुप्त होने 0:02:42.000,0:02:44.000 की कगार पर खड़ी हैं क्योंकि यह बिल्कुल सही बात नहीं है; 0:02:44.000,0:02:46.000 इसके साथ-साथ जैविक विविधता की प्रभुता 0:02:46.000,0:02:49.000 में यह भविष्य सूचक परिदृश्य है । 0:02:49.000,0:02:52.000 जिसे हम अत्यधिक आशावादी परिदृश्य मानते हैं 0:02:52.000,0:02:54.000 यह उस सांस्कृतिक विविधता का बहुत ही छोटा अंश है । 0:02:54.000,0:02:57.000 भाषा की हानि इसकी उत्तम सूचक है । 0:02:57.000,0:03:00.000 इस कमरे में मौजूद सभी लोगों का जब 0:03:00.000,0:03:03.000 जन्म हुआ था तो उस समय इस ग्रह पर 6000 भाषाएं बोली जाती थी । 0:03:03.000,0:03:06.000 आजकल भाषा मात्र एक शब्द संग्रह नहीं है 0:03:06.000,0:03:08.000 या फिर वह व्याकरण नियमावली भी नहीं है । 0:03:08.000,0:03:10.000 भाषा मानव आत्मा की चमक है । 0:03:10.000,0:03:13.000 भाषा एक माध्यम है जिसके द्वारा किसी विशिष्ट संस्कृति की आत् 0:03:13.000,0:03:14.000 एक अनात्मवादी संसार में प्रवेश करती है । 0:03:14.000,0:03:17.000 प्रत्येक भाषा दिमाग के भीतर 0:03:17.000,0:03:21.000 प्राचीन वन, जल-संभर, एक विचार, आध्यात्मिक संभावनाओं के परितंत्र की भांति होती है । 0:03:21.000,0:03:25.000 जैसे कि आज हम मोनटेरे में 0:03:25.000,0:03:29.000 बैठकर देख सकते हैं कि उन 6000 भाषाओं में से आधी भाषाएं बच्चों 0:03:29.000,0:03:32.000 के कानों तक नहीं पहुंच रही हैं । वे शिशुओं को 0:03:32.000,0:03:34.000 भी अब पढ़ाई नहीं जा रही हैं; जिसका अर्थ यह हुआ कि अगर कोई प्रभावशाली 0:03:34.000,0:03:35.000 बदलाव नहीं होंगे तो वे पहले ही समाप्त हो जाएंगी । 0:03:35.000,0:03:39.000 चुप्पी से घिरे रहने से ज्यादा अकेलापन और क्या होगा, आप अप 0:03:39.000,0:03:41.000 भाषा बोलने वाले अपने लोगों में से आखिरी होंगे, आपके पास अपने 0:03:41.000,0:03:44.000 पूर्वजों के ज्ञान को आगे पहुंचाने का या अपने बच्चों के 0:03:44.000,0:03:47.000 इरादों का अनुमान लगाने को का कोई माध्यम नहीं होगा । 0:03:47.000,0:03:50.000 तब भी यह भयानक किस्मत पृथ्वी पर कहीं न कहीं 0:03:50.000,0:03:52.000 किसी की दर्दनाक अवस्था है; क्योंकि प्रत्येक दो 0:03:52.000,0:03:54.000 सप्ताह में कोई ना कोई बड़ा व्यक्ति प्राण त्याग देता है और 0:03:54.000,0:03:56.000 अपने साथ अपनी प्राचीन भाषा का 0:03:56.000,0:03:58.000 ज्ञान ले जाता है । 0:03:58.000,0:04:00.000 और मैं यह जानता हूं कि आप में से कुछ लोग कहेंगे; 0:04:00.000,0:04:01.000 "क्या यह सही नहीं होगा ? 0:04:01.000,0:04:04.000 क्या संसार बेहतर नहीं हो जाएगा अगर हम सभी लोग एक ही भाषा बोलेंगे ?" 0:04:04.000,0:04:07.000 मैं भी यही कहता हूं कि बहुत अच्छे, हमें योरुबा भाषा को उस भाषा का दर्जा दे देना चाहिए । 0:04:07.000,0:04:08.000 हमें कैनटोनीस को वह भाषा बनानी चाहिए । हमें कोगी को वह भाषा बनानी चाहिए । 0:04:08.000,0:04:10.000 और तभी अचानक आप पाएंगे कि ऐसा हो जाएगा 0:04:10.000,0:04:13.000 कि मानो आप अपनी खुद की भाषा को ही नहीं बोल पा रहे हैं। 0:04:13.000,0:04:16.000 आज मैं आपके साथ जो भी करने जा रहा हूं 0:04:16.000,0:04:20.000 वह एक प्रकार से नृवंशी की यात्रा------- नृवंशी में से एक लघ 0:04:20.000,0:04:22.000 यात्रा करवाने जा रहा हूं; इसके माध्यम से मैं आपको यह समझाने का 0:04:22.000,0:04:26.000 प्रयास कर रहा हूं कि आप क्या खो रहे हैं । 0:04:27.000,0:04:34.000 जब मैं यह कहता हूं कि जीवन व्यतीत करने के विभिन्न तरीके हैं तो बहुत 0:04:34.000,0:04:36.000 से लोग इसे कुछ भूल सा जाते हैं; मैं वास्तव में कहना चाहता हूं कि 0:04:36.000,0:04:38.000 जीवन व्यतीत करने के अनेक तरीके होते हैं । 0:04:39.000,0:04:44.000 उदारहण के तौर पर उत्तर-पूर्वी एमैज़ोन के बरसाना के एक बालक को 0:04:44.000,0:04:45.000 ले लीजिए, अनाकोंडा के लोगों को लीजिए जो यह मानते हैं 0:04:45.000,0:04:47.000 कि पौराणिक कथा के अनुसार वे पूर्व दिशा से 0:04:47.000,0:04:50.000 दुग्ध नदी के पवित्र सापों के पेट से उत्पन्न हुए हैं । 0:04:50.000,0:04:53.000 यही वे लोग हैं जो नीले रंग की पहचाने 0:04:53.000,0:04:55.000 हरे रंग से अलग नहीं कर पा रहे हैं 0:04:55.000,0:04:57.000 क्योंकि स्वर्ग की छतरी को वनों की 0:04:57.000,0:04:58.000 छतरी के समान माना गया है, 0:04:58.000,0:05:00.000 जिस पर लोग निर्भर हैं । 0:05:00.000,0:05:03.000 इनका भाषा और विवाह के लिए एक अलग ही नियम है 0:05:03.000,0:05:05.000 जिसे भाषा के आधार पर जाति के बाहर विवाह करना कहा जाता है, 0:05:05.000,0:05:08.000 आप उसी से विवाह कर सकते हैं जो आपसे विभिन्न भाषा बोलता हो । 0:05:08.000,0:05:10.000 यह सभी कुछ पौराणिक है, 0:05:10.000,0:05:12.000 फ़िर भी इन घरों में आशचर्य की बात ये है 0:05:12.000,0:05:14.000 कि जहां इन घरों में अंतर्जातीय विवाह के कारण 6 या 7 भाषाएं बोली जाती हैं, 0:05:14.000,0:05:16.000 आप कभी भी किसी को कोई एक भाषा प्रयोग करता हुआ नहीं सुन पाएंगे । 0:05:16.000,0:05:19.000 वे पहले सुनते हैं 0:05:19.000,0:05:22.000 फिर बोलना प्रारंभ करते हैं । 0:05:22.000,0:05:24.000 उत्तर-पूर्वी इक्वाडोर की वाओरानी जाति एक ऐसी रोमांचकारी प्रजाति है, 0:05:24.000,0:05:28.000 जिसके साथ मैं पहले कभी नहीं रहा हूं । 0:05:28.000,0:05:31.000 सन् 1958 में कुछ विचित्र लोगों में शांतिपूर्ण ढंग से इन लोगों से संपर्क किया । 0:05:31.000,0:05:35.000 सन् 1957 में पांच धर्म प्रचारकों ने इनसे संपर्क करने का प्रयास किया 0:05:35.000,0:05:36.000 और एक गंभीर गलती कर दी । 0:05:36.000,0:05:37.000 उन्होंने वायु मार्ग से अपनी आठ-दस चमकदार तस्वीरें 0:05:37.000,0:05:39.000 इनके पास फैंक दी, जिसे हम दोस्ती का हाथ बढ़ाना कह सकते हैं; 0:05:39.000,0:05:41.000 वे यह भूल कर गए कि वर्षा-प्रचुर वन के 0:05:41.000,0:05:43.000 इन लोगों ने अपने जीवनकाल में कभी भी 0:05:43.000,0:05:46.000 द्वि-आयामी कोई भी वस्तु नहीं देखी है । 0:05:46.000,0:05:48.000 उन्होंने जमीन से इन तस्वीरों को उठाया 0:05:48.000,0:05:51.000 और तस्वीर के मुख के पीछे देख आकृति को ढूढने का प्रयास किया, उन्हें जब कुछ प्राप्त नहीं हुआ 0:05:51.000,0:05:53.000 तो उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि ये तो शैतानों का बुलावा है, 0:05:53.000,0:05:56.000 इसलिए उन्होंने उन पांच धर्म प्रचारकों को भाले मार-मार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया । 0:05:57.000,0:05:59.000 परन्तु वाओरानी बाहर के लोगों पर आक्रमण नहीं करते हैं । 0:05:59.000,0:06:00.000 वे एक दूसरे को मारते हैं । 0:06:00.000,0:06:03.000 उनमें 54 प्रतिशत मृत्यु का कारण आपसी लड़ाई है । 0:06:03.000,0:06:06.000 हमने उनकी पिछली 8 पुश्तों तक का अध्ययन किया 0:06:06.000,0:06:08.000 और पाया कि केवल दो ही मृत्यु प्राकृतिक तौर पर हुई थी तथा जब हमने उन लोगों पर दबाव 0:06:08.000,0:06:10.000 डालकर पूछताछ की, तो उन्होंने स्वीकार करते हुए बताया कि उनका एक साथी इतना बूढ़ा 0:06:10.000,0:06:12.000 हो चुका था कि वह मरने की हालत में था, 0:06:12.000,0:06:16.000 (हंसते हुए कहा) इसलिए हमने उसे मौत के घाट उतार दिया । 0:06:16.000,0:06:19.000 परन्तु साथ ही उनके पास वन के 0:06:19.000,0:06:20.000 बारे में चौका देने वाला सूक्ष्म ज्ञान था । 0:06:20.000,0:06:23.000 उनके शिकारी 40 कदम की दूरी से ही पशुओं के मूत्र की गंध पहचान सकते 0:06:23.000,0:06:26.000 थे और यह भी बता सकते थे कि मूत्र त्यागने वाला पशु कौन सा था । 0:06:26.000,0:06:28.000 80 के दशक की शुरुआत में, हमें एक अद्भुत काम करने का मौका मिला 0:06:28.000,0:06:30.000 जब मुझे हावर्ड के मेरे एक प्रोफेसर ने मुझसे पूछा 0:06:30.000,0:06:32.000 कि क्या मैं हेती जाने में, 0:06:33.000,0:06:35.000 सामाजिक समूहों के बारे में जानकारी खोजने में, 0:06:35.000,0:06:37.000 वे समूह जो कि डूबेलियर तथा टोनटोन मैकोट्स की नींव के बल थे 0:06:37.000,0:06:38.000 और जोंबी बनाने के लिए प्रयोग में 0:06:38.000,0:06:41.000 लाए जाने वाले विष के हासिल करने में रूचि है । 0:06:41.000,0:06:44.000 इस सनसनी में से सही बात जानने के लिए 0:06:44.000,0:06:47.000 मुझे वोडून के लिए इतना विश्वास रखने के बारे में तथा वूंडू 0:06:47.000,0:06:50.000 कोई काले जादू की विधि नहीं है, के बारे में समझने की जरूरत थी । 0:06:50.000,0:06:53.000 इसके विपरीत, विश्व भर में इसे पेचीदगीपूर्ण अध्यात्म विद्या समझा जाता है । 0:06:53.000,0:06:54.000 यह रूचिपूर्ण है । 0:06:54.000,0:06:55.000 अगर मैं आपको विश्व के कुछ महान धर्मों के नाम बताने को कहूंगा, 0:06:55.000,0:06:56.000 तो आपका उत्तर क्या होगा ? 0:06:56.000,0:06:59.000 ईसाई, इस्लाम, बौद्ध, जोविश और भी जो कोई धर्म हो । 0:06:59.000,0:07:01.000 हमेशा कोई न कोई महाद्वीप छूट जाता है, 0:07:01.000,0:07:03.000 ऐसा माना जाता था कि उप-सहारा वाले अफ्रीका में 0:07:03.000,0:07:05.000 धर्म का पालन नहीं किया जाता । 0:07:05.000,0:07:07.000 बिल्कुल वे भी धर्म को मानते थे तथा 0:07:08.000,0:07:09.000 जादू-टोना तो गहरे धार्मिक विचारों का शुद्धिकरण है 0:07:09.000,0:07:12.000 जो कि दास प्रथा युग की दर्दनाक समाप्ति के कारण उत्पन्न हुआ । 0:07:12.000,0:07:14.000 लेकिन क्या चीज जादू-टोने को इतना रूचिकारक बनाती है, 0:07:14.000,0:07:16.000 क्या वह उसमें मौजूद जीवित 0:07:16.000,0:07:17.000 तथा मृत के बीच का संबंध है । 0:07:17.000,0:07:18.000 आत्माओं को गहरे पानी के नीचे से भी बुलाया जा सकता है; 0:07:18.000,0:07:21.000 उन्हें लय पर नचाने से लेकर कुछ क्षणों में से जीवित व्यक्ति 0:07:21.000,0:07:23.000 में से बाहर निकालने तक प्रयोग किया जा सकता है, 0:07:23.000,0:07:25.000 ताकि उस क्षण भर की चमक 0:07:25.000,0:07:29.000 के लिए वह सेवक ईश्वर बन जाता है । 0:07:29.000,0:07:31.000 इसलिए जादू-टोना करने वाले अंग्रेजों से कहते हैं कि 0:07:31.000,0:07:34.000 "तुम गोरे लोग गिरिजाघर में जाकर भगवान के बारे में बात करते हो ।" 0:07:34.000,0:07:36.000 हम मंदिर में नाचते हैं और भगवान बन जाते हैं । 0:07:36.000,0:07:39.000 चूंकि आप आत्माग्रस्त होते हैं 0:07:39.000,0:07:40.000 इसलिए आपको हानि कैसे पहुंच सकती है? 0:07:40.000,0:07:43.000 तो आप ये अद्भुत प्रदर्शन देख सकते हैं । 0:07:43.000,0:07:45.000 जादू-टोने के अनुचर को समाधि लेते हुए, 0:07:45.000,0:07:48.000 जलते हुए कोयले के साथ सरलता से प्रयोग करते हुए, 0:07:48.000,0:07:51.000 यह दिमाग की एक अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन है 0:07:51.000,0:07:52.000 जिससे प्रभावित होने वाले शरीर के अत्यधिक उत्तेजित होने के कारण 0:07:52.000,0:07:55.000 उस पर प्रतिकूल स्थितियों का प्रभाव नहीं हो पाता है । 0:07:56.000,0:07:58.000 अब तक मैं जितने भी लोगों के साथ रहा हूं 0:07:58.000,0:08:00.000 उनमें से सर्वाधिक असाधारण लोग उत्तरी कोलंबिया के 0:08:00.000,0:08:03.000 सिएरा नोवादा दे सांता मार्टा के कोगी होते हैं । 0:08:03.000,0:08:06.000 प्राचीन कठोर सभ्यता के वंशज जो किसी समय आक्रमण 0:08:06.000,0:08:09.000 के दृष्टिकोण से कोलंबिया के कैरेबियन तटीय 0:08:09.000,0:08:10.000 समतल भूभागों में बसे हुए थे; ये लोग एक वीरान ज्वालामुखी पर्वत श्रृंखला में 0:08:10.000,0:08:13.000 घुस गए जो कैरिबियन तटीय भूभाग के ऊपर दिखाई देती थी । 0:08:13.000,0:08:15.000 खून खराबे से भरे इस महाद्वीप में, 0:08:15.000,0:08:17.000 केवल यही लोग थे जिन पर 0:08:17.000,0:08:20.000 स्पेन को कभी भी विजय प्राप्त नहीं हुई । 0:08:20.000,0:08:23.000 आज तक भी एक पुरोहित ही उन पर शासन कर रहा है, 0:08:23.000,0:08:25.000 परन्तु पुरोहित के लिए उनकी प्रशिक्षण विधि बहुत असाधारण है । 0:08:26.000,0:08:28.000 धर्म के युवा अनुचरों को तीन या चार वर्ष 0:08:28.000,0:08:30.000 ही आयु में ही उनके परिवार से अलग कर 0:08:30.000,0:08:32.000 उन्हें 18 वर्षों तक बर्फीली चट्टानों में 0:08:32.000,0:08:36.000 बने पत्थर के झोपड़ों में अंधकार में रखा जाता है । 0:08:36.000,0:08:37.000 नौ महीनों की दो अवधियां जान-बूझकर चुनी जाती हैं 0:08:37.000,0:08:40.000 क्योंकि ये गर्भधारण के नौ महीनों के 0:08:40.000,0:08:42.000 समान दर्शायी जाती हैं । 0:08:42.000,0:08:45.000 जिस दौरान वे नौ महीनों तक प्राकृतिक तौर पर 0:08:45.000,0:08:46.000 मां के गर्भ में रहते हैं और अब वे एक तरह से महान धरती माता के गर्भ में रहते हैं । 0:08:47.000,0:08:50.000 इस संपूर्ण अवधि में उनके भीतर जीवन के अच्छी बातें भरी जाती हैं, 0:08:50.000,0:08:52.000 वे बातें जिनसे यह कथित होता है कि 0:08:52.000,0:08:55.000 उनकी इन्हीं बातों पर ही यह संसार टिका हुआ है 0:08:55.000,0:08:57.000 या हम यूं कहें कि पर्यावरण इन्हीं पर संतुलित हो रखा है । 0:08:58.000,0:08:59.000 इस अद्भुत दीक्षा के बाद, 0:08:59.000,0:09:01.000 अचानक एक दिन उन्हें बाहर निकाला जाता है 0:09:01.000,0:09:04.000 और 18 वर्ष की आयु के पश्चात वे अपने जीवन को पहली बार सूर्योदय के दर्शन करते हैं 0:09:04.000,0:09:08.000 और इस जागरूकता के स्वच्छ क्षणों में 0:09:08.000,0:09:11.000 सूर्य की पहली किरण हैरान करने वाले खूबसूरत प्राकृतिक नजारों में 0:09:11.000,0:09:12.000 ढालानों पर अपनी छटा बिखेरती है, 0:09:13.000,0:09:15.000 उन्होंने अब तक जो कुछ भी शिक्षा ग्रहण की होती है, 0:09:15.000,0:09:18.000 वह अचानक ही उन्हें चौका देती है । अब पुरोहित पीछे हटकर कहता है 0:09:18.000,0:09:20.000 "आप देखिए ? यह बिल्कुल वैसा है जैसा मैंने आपको बताया था । 0:09:20.000,0:09:23.000 वह सुंदर है । यह आपका है और आप ही को इसे बचाना है ।" 0:09:23.000,0:09:25.000 वे स्वयं को ज्येष्ठ भ्राता कहते हैं 0:09:25.000,0:09:28.000 और वे हमें कनिष्ठ भ्राता कहते हैं 0:09:28.000,0:09:31.000 और वे इस संसार को नष्ट करने के लिए हमें जिम्मेदार ठहराते हैं । 0:09:32.000,0:09:34.000 अब तक इस श्रेणी की दीक्षा बहुत आवश्यक होती है । 0:09:34.000,0:09:36.000 जब कभी भी हम स्थान विशेष के लोगों तथा प्रकृति के बारे में सोचते हैं तो 0:09:36.000,0:09:38.000 हम रोसेऊ का आह्वान करते हैं 0:09:38.000,0:09:41.000 तथा उसके साथ पुरानी निराधार क्रूरता को याद करते हैं 0:09:41.000,0:09:43.000 जो कि स्वयं ही एक जातिभेद पूर्ण विचार है, 0:09:43.000,0:09:46.000 या फिर हम थोरेयू का आह्वान करते हैं 0:09:46.000,0:09:48.000 और कहते हैं कि हमारी तुलना में ये लोग पृथ्वी के अधिक नजदीक हैं । 0:09:48.000,0:09:50.000 हां, स्थानीय लोग न तो भावुक होते हैं 0:09:50.000,0:09:52.000 और न ही कमजोर होते हैं । 0:09:52.000,0:09:54.000 इन दोनों अवस्थाओं के लिए, 0:09:54.000,0:09:56.000 न तो असमत के दलदल में और न ही तिब्बत की बर्फीली हवाओं में स्थान होता है, 0:09:56.000,0:09:59.000 परन्तु फिर भी उन्होंने समय 0:09:59.000,0:10:03.000 और रीतियों का प्रयोग कर पृथ्वी की परंपरागत रोचकता को गढ़ा है । 0:10:03.000,0:10:06.000 यह स्व-योजना के विचार पर आधारित नहीं है, 0:10:06.000,0:10:08.000 अपितु यह दीक्षा की सूक्षमता पर आधारित है: 0:10:08.000,0:10:11.000 कि पृथ्वी स्वयं विराजमान रह सकती है 0:10:12.000,0:10:14.000 क्योंकि इसे मानव चेतना द्वारा सींचा जा रहा है । 0:10:14.000,0:10:16.000 अब बताइए, इसका क्या अर्थ हुआ ? 0:10:16.000,0:10:18.000 इसका अर्थ हुआ कि अगर ऐंडस पर्वत के वासी किसी छोटे बच्चे का 0:10:18.000,0:10:20.000 पालन-पोषण करते हुए उसे यह बताए कि 0:10:20.000,0:10:22.000 पर्वत अपू की आत्मा होती है 0:10:22.000,0:10:25.000 जो कि उसकी किस्मत को दिशा प्रदान करेगी, 0:10:25.000,0:10:28.000 तब वह हृदय से एक भिन्न मानव होगा 0:10:28.000,0:10:30.000 और उसका इस संसाधन या स्थान के साथ एक अलग ही संबंध होगा, 0:10:30.000,0:10:33.000 जो कि मोन्टाना में पले-बड़े एक छोटे बच्चे से अलग होगा जिसे 0:10:33.000,0:10:34.000 यह बताया गया है कि पर्वत तो पत्थरों का ढेर होता है और उसमें खान खोदी जाती है । 0:10:34.000,0:10:38.000 चाहे वह आत्मा हो या धातु का ढेर हो यह सब बेकार की बातें हैं । 0:10:38.000,0:10:41.000 इसमें व्यक्ति विशेष तथा प्राकृतिक संसार के 0:10:41.000,0:10:43.000 बीच संबंध दर्शाने वाले लक्षण रुचिकारक हैं । 0:10:43.000,0:10:45.000 मैं ब्रिटिश कोलम्बिया के जंगलों में पला बढा़ था, 0:10:45.000,0:10:47.000 जहाँ ये माना जाता था कि जंगलों का अस्तित्व ही काटने के लिये है। 0:10:47.000,0:10:49.000 इन बातों ने मुझे अपने क्वाक्यूती मित्रों के बीच कुछ 0:10:49.000,0:10:51.000 अलग इंसान बना दिया, जो कि यह मानते थे 0:10:51.000,0:10:53.000 कि वे वन हूकूक का आवास, 0:10:53.000,0:10:54.000 स्वर्ग की टेढ़ी चोंच 0:10:54.000,0:10:57.000 तथा संसार के उत्तरी छोर पर रहने वाली नरभक्षी आत्माएं थी, 0:10:57.000,0:11:01.000 वे आत्माएं जिनकी आवश्यकता उन्हें हमेशा दीक्षा के दौरान पड़ेगी । 0:11:01.000,0:11:03.000 अगर आप इन विचारों को देखें तो पाएंगे कि 0:11:03.000,0:11:05.000 ये संस्कृतियां भिन्न-भिन्न वास्तविकताएं उत्पन्न कर सकती हैं; 0:11:05.000,0:11:06.000 आप इनकी कुछ असाधारण खोजों को समझ सकते हैं । 0:11:06.000,0:11:11.000 इस पौधे को ही लें । 0:11:11.000,0:11:13.000 मैंने पिछले साल अप्रैल में यह तस्वीर उत्तर-पश्चिमी अमेजन में खींची थी । 0:11:13.000,0:11:16.000 यह आयाहुअस्का है, जिसके बारे में 0:11:16.000,0:11:19.000 आप में से बहुत से लोगों ने सुन रखा होगा; 0:11:19.000,0:11:21.000 यह शमन के रंग पटल की सबसे शक्तिशाली दिमाग उत्तेजक पदार्थ है । 0:11:21.000,0:11:23.000 आपको आयाहुअस्का मांत्र उसके संघटक क्षमता 0:11:23.000,0:11:27.000 के कारण ही नहीं आकर्षित कर रही है, 0:11:27.000,0:11:31.000 वरन उसके बारे में विस्तृत जानकारी आपको लुभा रही है । 0:11:31.000,0:11:33.000 यह वास्तव में दो विभिन्न स्रोतों से तैयार की जानी है । 0:11:33.000,0:11:35.000 एक तरफ तो छाल है जिसमें बीटाकैरोटीन, हार्मिन; हार्मोलीन, 0:11:35.000,0:11:38.000 हल्के फुलके भ्रांतिकारक तत्वों की श्रृंखला मौजूद है। 0:11:38.000,0:11:40.000 केवल इसकी लता को ही ले तो, 0:11:40.000,0:11:42.000 ऐसा लगता है कि एक धुंधला नीला सा धुआं 0:11:42.000,0:11:44.000 आपकी चेतना को छू गया है। 0:11:44.000,0:11:47.000 परंतु इसे साईक्रोटिया विरीडिस नामक काफी के पौधे की 0:11:47.000,0:11:49.000 प्रजाति की एक बूटी के साथ मिलाया जाता है।¥ 0:11:49.000,0:11:52.000 दिमाग के सैरोटोनिन रसायन के बहुत ज्यादा समान 0:11:52.000,0:11:56.000 ट्रीपटैमाईन, डाईमिथाईलट्रीपटैमाईन-5, मिथौक्सी डाईमिथाईलट्रीपटैमाईन, 0:11:56.000,0:11:57.000 जैसे शक्तिशाली रसायन इस पौधे में मौजूद हैं। 0:11:57.000,0:11:59.000 अगर कभी आपने यानोमामीयो को 0:11:59.000,0:12:01.000 नाक से नसवार खींचते देखा हो 0:12:01.000,0:12:04.000 वे वह पदार्थ अन्य किसी उपजाति का प्रयोग कर बनाते हैं, 0:12:04.000,0:12:08.000 उसमें भी मिथोक्सी डाईमिथाईल ट्रीपटामाईन होती है। 0:12:08.000,0:12:10.000 उस पाउडर को नाक से खींचने का मतलब, 0:12:10.000,0:12:14.000 बंदूक की नली में से गोली निकलना जैसा होता है, 0:12:14.000,0:12:21.000 साथ ही भड़कीले चित्रों की कतार दिखना तथा बिजली के सागर पर गिरने के समान होता है (हंसी)। 0:12:21.000,0:12:23.000 यह वास्तविकता को भंग नहीं करता है, 0:12:23.000,0:12:24.000 यह वास्तविक का विच्छेदन करता है। 0:12:24.000,0:12:27.000 अदृश्य वस्तुओं को सुनने व देखने की बीमारी के 0:12:27.000,0:12:29.000 के युग की शुरूआत करने वाले व्यक्ति, मेरे प्रोफेसर रिचर्ड ईवान शूल्टस ने 1930 0:12:29.000,0:12:31.000 में मैक्सिको में उनके द्वारा खोजे गए 0:12:31.000,0:12:33.000 जादुई कुकुरमुतों के बारे में तर्क किया करता था। 0:12:33.000,0:12:35.000 मैं तर्क करता था कि आप इन ट्रीपटैमीन को भ्रम उत्पन्न 0:12:35.000,0:12:38.000 करने वाले पदार्थों में वर्गीकृत नहीं कर पाए 0:12:38.000,0:12:42.000 क्योंकि जब तक आप उसके प्रभाव में रहते हो तब तक कोई भी उस भ्रम की अवस्था को समझने वाला घर पर नहीं होता है (हंसते हैं)। 0:12:42.000,0:12:45.000 परंतु ट्रीपमाईन को आप मुंह के रास्ते नहीं ग्रहण कर सकते 0:12:45.000,0:12:47.000 क्योंकि हमारे उदर में मौजूद एक मोनोएमाईन ऑक्सीडेस नामक 0:12:47.000,0:12:50.000 एनजाईम द्वारा वह ग्रहण करने योग्य नहीं रहता। 0:12:50.000,0:12:53.000 इन्हें मुख के रास्ते किसी अन्य रसायन के साथ लिया जा सकता है 0:12:53.000,0:12:56.000 जो एमएओ को निष्क्रिय कर दे। 0:12:56.000,0:12:57.000 अब रोमांचित करने वाली बात है कि 0:12:57.000,0:13:01.000 बीटा-कार्बोलाईन पदार्थ जो छाल में पए जाते हैं, 0:13:01.000,0:13:04.000 वे एमएओ रोधक होते है, 0:13:05.000,0:13:08.000 जो कि एक प्रकार से ट्रीपटामाईन के क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक होते हैं। तो आप स्वयं से एक प्रश्न पूछें। 0:13:08.000,0:13:12.000 80,000 उपजातियों के पेड़ पौधों में ये लोग किस प्रकार 0:13:12.000,0:13:16.000 रचना के आधार पर भिन्न दो असंबंधित पौधों की पहचान कर लेते हैं, 0:13:16.000,0:13:17.000 जिन्हें जब मिलाया जाता है तो वे एक जैविक रसायन उत्पन्न करते हैं, 0:13:17.000,0:13:19.000 जो कि जोड़े गए पदार्थों से 0:13:19.000,0:13:21.000 कई गुणा अधिक प्रभावशाली होता है? 0:13:21.000,0:13:24.000 चलिए हम मधुर शब्दों, प्रयास एवं त्रुटि का प्रयोग करते हैं, 0:13:24.000,0:13:25.000 जो कि निरर्थक ही होता है। 0:13:26.000,0:13:29.000 परंतु आप भारतीयों से बात करें, तो वे कहेंगे कि ‘’पौधे हमसे वार्तालाप करते है।‘’ 0:13:29.000,0:13:30.000 इसका क्या मतलब हुआ? 0:13:30.000,0:13:34.000 कोफान उपजाति में आयाहुआस्का की 17 किस्में हैं 0:13:34.000,0:13:37.000 जो देखने में सभी 0:13:38.000,0:13:42.000 एक जैसी उपजातियां प्रतीत होती हैं। 0:13:42.000,0:13:44.000 और जब आप उनसे पूछेंगे कि उन्हें इसके वर्ग की पहचान कैसे की, 0:13:44.000,0:13:47.000 तो वे उत्तर देंगे कि ‘’मैंने सोचा आपको पेड़ पौधों के बारे में कुछ पता होगा। 0:13:47.000,0:13:49.000 मेरे कहने का तात्पर्य है कि क्या आपको कुछ मालूम नहीं है? तब मैंने उत्तर दिया ‘’नहीं’’। 0:13:49.000,0:13:52.000 तो तब आप पूर्णीमा की रात को 17 की 17 किस्में ले लेते हैं, 0:13:52.000,0:13:55.000 तब इनमें से प्रत्येक अलग-अलग ताल पर गुनगुनाती है। 0:13:55.000,0:13:57.000 हां, यह सब करने से आपको हावार्ड में पीएचडी की डिग्री नहीं मिलने वाली, 0:13:57.000,0:14:01.000 परंतु यह फूलों पराग के सिर गिनने से कहीं ज्यादा रूचिकारक है। 0:14:01.000,0:14:02.000 अब, (धन्यवाद), समस्या ----------- समस्या यह है कि हम में से भी कुछ ½ 0:14:02.000,0:14:05.000 (धन्यवाद), 0:14:05.000,0:14:07.000 समस्या ----------- समस्या यह है कि हम में से भी कुछ 0:14:07.000,0:14:09.000 लोग जिनको स्थानीय लोगों के साथ सहानुभूति है 0:14:09.000,0:14:10.000 वे भी इसे प्राचीन और रंगीन मानते हैं, 0:14:10.000,0:14:12.000 परंतु फिर भी यह इतिहास के हाशिए पर आ खड़ा हुआ है, 0:14:12.000,0:14:15.000 चूंकि वास्तविक संसार, हमारा संसार तो चलता ही जा रहा है। 0:14:15.000,0:14:17.000 हां, 20वी सदी ही सत्य होगी, 0:14:17.000,0:14:20.000 अब से 300 वर्षों बाद, यह समय युद्धों या इसके 0:14:20.000,0:14:21.000 तकनीकी क्षोध के लिए नहीं याद किया जाएगा, 0:14:21.000,0:14:23.000 बल्कि इसे उस सदी की तरह से याद करेंगे, 0:14:24.000,0:14:26.000 जिसमें हमने चुपचाप खड़े रहकर या उसमें क्रियाशील होकर भाग ले कर 0:14:26.000,0:14:29.000 जैविक तथा सांस्कृकतिक विविधता का नाश इस ग्रह पर होते हुए देखा है। 0:14:29.000,0:14:32.000 यह समस्या बदलाव नहीं है। 0:14:32.000,0:14:34.000 हर समय सभी सांस्कृतियां 0:14:34.000,0:14:37.000 जीवन में निरंतर 0:14:37.000,0:14:38.000 बदलाव में व्यस्त रही है। 0:14:39.000,0:14:41.000 तकनीक खुद ही एक समस्या नहीं है। 0:14:42.000,0:14:44.000 जब सियोक्स भारतीयों ने तीर-कमान त्याग दिया 0:14:44.000,0:14:45.000 तो उन्होंने सियोक्स कहलाना बंद नहीं किया। 0:14:45.000,0:14:47.000 कि अमरीकी ने धोड़ा गाड़ी को छोड़ने के बाद 0:14:47.000,0:14:49.000 खुद को अमरीकी कहना बंद कर दिया। 0:14:49.000,0:14:50.000 बदलाव या तकनीक से नृवंशी को 0:14:50.000,0:14:54.000 किसी प्रकार का खतरा नहीं होता है। 0:14:54.000,0:14:56.000 ताकत है वह चीज जो खतरनाक बन जाती है। हावी होने का घिनौना चेहरा। 0:14:56.000,0:14:58.000 और जब भी अपने आसपास देखते हैं 0:14:58.000,0:15:01.000 तो आपको ज्ञात होगा कि ये सांस्कृतियां मिट जाने के लिए नहीं बनी हैं। 0:15:01.000,0:15:03.000 ये तेजी से प्रगति करते हुए लोग हैं 0:15:03.000,0:15:06.000 जो संभाले जाने वाले बल से 0:15:06.000,0:15:08.000 अधिक बल द्वारा बाहर धकेले जा रहे हैं। 0:15:08.000,0:15:10.000 चाहे वह पेनान की गृहभूमि में 0:15:11.000,0:15:13.000 वनों का असाधारण काटना हो; 0:15:13.000,0:15:16.000 पेनान दक्षिणी पूर्वी एशिया के सारवाक के चलवासी लोग, 0:15:16.000,0:15:20.000 जो एक पुश्त पहले तक वनों से आजाद घूमते थे, 0:15:20.000,0:15:23.000 अब सभी कुछ नदी किनारे दासत्व व 0:15:23.000,0:15:25.000 वैश्यावृत्ति में बदलकर रह गया है। 0:15:25.000,0:15:29.000 यहां आप देख सकते हैं कि नदी खुद ही प्रदूषक तत्वों से गंदी हो गई है 0:15:29.000,0:15:31.000 और ऐसा प्रतीत होता है मानो वह आधा बोर्नयो 0:15:31.000,0:15:32.000 चीनी सागर के दक्षिण की ओर ढोकर ले जा रहा हो। 0:15:32.000,0:15:34.000 जहां पर जापानी मालवाहक किनारों पर वनों से काटे गए 0:15:34.000,0:15:38.000 पेड़ों के तनों को पकड़ने के लिए तैयार खड़े हो। 0:15:38.000,0:15:39.000 या यानोमामी के मामले में दखें 0:15:39.000,0:15:41.000 तो वहां सोने की खोज के चलते 0:15:41.000,0:15:43.000 रोग के रूप में वास्तविकता सामने आई है। 0:15:43.000,0:15:45.000 या फिर हम अगर तिब्बत के पर्वतों की ओर जाएं, 0:15:45.000,0:15:47.000 जहां पर मैं हाल ही में बहुत सा क्षोध कार्य कर रहा था, 0:15:48.000,0:15:51.000 वहां आप राजनैतिक प्रभाव का बिगड़ा रूप देख पाएंगे। 0:15:51.000,0:15:53.000 आप लोगों का लुप्त होना यानि वृंश संहार को तो समझते होगे 0:15:53.000,0:15:55.000 इसकी विश्व भर में निन्दा की जाती है। 0:15:56.000,0:15:59.000 परंतु, नृवंश संहार; जिसमें लोगों के जीने के तरीके का नाश हो रहा हो, 0:15:59.000,0:16:02.000 विश्व भर में उसकी निंदा नहीं की जाती परंतु 0:16:02.000,0:16:04.000 साथ ही उस पर खुशियां मनाई जाती हैं कि वह तो विकास का एक अंश है। 0:16:04.000,0:16:07.000 आप उसकी जमीन से जुड़े बिना 0:16:07.000,0:16:09.000 तिब्बत की पीड़ा को नहीं समझ सकते हैं। 0:16:09.000,0:16:13.000 एक बार मैंने एक युवा साथी के 0:16:13.000,0:16:16.000 साथ दक्षिण पूर्वी तिब्बत से होकर पश्चिमी चीन में 0:16:16.000,0:16:20.000 चंगडू से लासा तक 6000 मील की यात्रा की। 0:16:20.000,0:16:23.000 लासा पहुंचने पर ही मै उन आंकड़ों को समझ पाया 0:16:23.000,0:16:24.000 जिनके बारे में आप सभी सुनते हैं। 0:16:24.000,0:16:28.000 6000 धार्मिक इमारतों को धूल में मिलाया गया। 0:16:28.000,0:16:31.000 सांस्कृतिक आंदोलन के दौरान 12 लाख लोगों 0:16:31.000,0:16:32.000 को शासन द्वारा मौत के घाट उतारा गया। 0:16:33.000,0:16:35.000 इस युवक के पिता पर पांचेन लामा का आरोपण किया गया। 0:16:35.000,0:16:37.000 उसका अर्थ था कि उन्हें चीन द्वारा 0:16:37.000,0:16:39.000 आक्रमण के समय तुरंत मार दिया गया। 0:16:39.000,0:16:41.000 इसका रिश्तेदार जन विसर्जन के दौरान 0:16:41.000,0:16:44.000 धर्मगुरू के साथ नेपाल चला गया। 0:16:44.000,0:16:46.000 इसकी मां को कैद कर लिया गया – 0:16:46.000,0:16:48.000 यह उनके लिए धनवान होने की सजा थी। 0:16:49.000,0:16:51.000 इसे दो वर्ष की आयु में जेल के भीतर घुसा दिया गया 0:16:51.000,0:16:53.000 जहां इसे मां की र्स्कट के पीछे छुपना पड़ा, 0:16:53.000,0:16:55.000 ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि मां इसके बिना नहीं रह सकती थी। 0:16:55.000,0:16:57.000 जिस बहन ने यह बहादुरी का काम किया 0:16:57.000,0:16:58.000 उसे शिक्षा शिविर में भर्ती करा दिया गया। 0:16:58.000,0:17:00.000 एक दिन उसने गलती से माओ के एक बाजूबंद 0:17:01.000,0:17:03.000 पर पांव रख दिया, उसे इस अपराध के लिए 0:17:03.000,0:17:06.000 सात वर्षों का कठोर परिश्रम बतौर सजा दिया गया। 0:17:06.000,0:17:09.000 तिब्बत की परेशानी असहनीय थी, 0:17:09.000,0:17:12.000 लेकिन लोगों के जीने की इच्छा मान रखने लायक थी। 0:17:13.000,0:17:16.000 अंत में यह एक ही विकल्प पर पहुंचता है। 0:17:16.000,0:17:19.000 क्या हम एक ही ढंग से सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत करना चाहते हैं 0:17:19.000,0:17:22.000 या फिर हम विविधवता के संसार की रंगीनियों को अपनाना चाहते हैं? 0:17:22.000,0:17:25.000 अपनी मृत्यु से पहले महान मानव-शास्त्री मारग्रारेट मीड; 0:17:25.000,0:17:28.000 ने कहा था कि मेरा सबसे बड़ा भय यह था 0:17:28.000,0:17:30.000 सकल मनुष्य की सोच, 0:17:30.000,0:17:35.000 विश्व भर का नरम रुख छोटी 0:17:35.000,0:17:39.000 सोच में बदल गया, 0:17:39.000,0:17:40.000 परंतु हम इस स्वप्न से एक दिन जरूर जाएगा। 0:17:40.000,0:17:43.000 यह भूलकर की इसके अतिरिक्त और भी विकल्प मौजूद हैं। 0:17:44.000,0:17:47.000 यह एक विनम्र विचार है कि हमारी उपजातियां 0:17:47.000,0:17:49.000 लगभग 600,000 वर्षों से मौजूद हैं 0:17:49.000,0:17:52.000 कि ज्यों ज्यों हम पाषाण युग की क्रांति की ओर बढ़ेंगे, 0:17:52.000,0:17:54.000 पाषाण युग ने हमें कृषि प्रदान की, 0:17:54.000,0:17:56.000 उस समय हम बीज के वशीभूत हो गए। 0:17:56.000,0:17:57.000 शमन की कविताओं का स्थान धर्म गुरू के गद्यों ने ले लिया। 0:17:57.000,0:18:00.000 हमने अनुक्रमण विशेषज्ञता अधिशेष की रचना की। 0:18:00.000,0:18:02.000 यह केवल 10,000 वर्ष पूर्व ही हुआ था। 0:18:02.000,0:18:04.000 हम जानते हैं कि आधुनिक औद्योगिक 0:18:04.000,0:18:06.000 संसार मात्र 300 वर्ष पुराना है। 0:18:06.000,0:18:08.000 इस नवीन इतिहास से मुझे यह महसूस होता है 0:18:08.000,0:18:11.000 कि आने वाली शताब्दी में जिन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा 0:18:11.000,0:18:13.000 हमारे पास उनके लिए उत्तर उपलब्ध नहीं होंगे। 0:18:13.000,0:18:15.000 जब हम विश्व की इन असंख्य संस्कृतियों से 0:18:15.000,0:18:18.000 मनुष्य होने का अर्थ पूछते हैं 0:18:18.000,0:18:20.000 तो वे 10,000 अलग-अलग आवाजों में उत्तर देते हैं। 0:18:20.000,0:18:26.000 हम क्या हैं, यह सभी विकल्प हमारे पास मौजूद नहीं हैं। 0:18:26.000,0:18:29.000 पूर्ण सचेत उपजाति, पूर्णत: 0:18:29.000,0:18:32.000 यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी लोगों तथा सभी उद्यानों को 0:18:32.000,0:18:38.000 फलने फूलने का तरीका मिल जाए। सकारात्मकता के महान क्षण भी मौजूद हैं। 0:18:38.000,0:18:41.000 यह तस्वीर मैंने तब खीची थी जब मैं बैफिन टापू के उत्तरी छोर पर 0:18:41.000,0:18:43.000 इन्यूट प्रजाति के लोगों के साथ छोटी सफेद व्हेल के शिकार के लिए गया था, 0:18:44.000,0:18:47.000 तब इस व्यक्ति, ओलाया ने मुझे अपने दादाजी की एक बहुत अच्छी कहानी सुनाई। 0:18:48.000,0:18:50.000 कनाडा की सरकार कभी भी इन्यूट लोगों के लिए दयालु नहीं रही 0:18:50.000,0:18:52.000 तथा उसने वर्ष 1950 के दशक में 0:18:52.000,0:18:55.000 अपनी प्रधानता को स्थापित करने हेतु इन लोगों को कही और बसाने पर जोर दिया। 0:18:55.000,0:18:59.000 इस बुजर्ग आदमी के दादाजी ने जाने से इन्कार कर दिया। 0:18:59.000,0:19:03.000 उस व्यक्ति का डरा हुआ परिवार अपने साथ सभी हथियार व 0:19:03.000,0:19:04.000 सभी औजारों को लेकर चला गया। 0:19:05.000,0:19:07.000 अब आपको यह समझ लेना चाहिए कि इन्यूट लोग सर्दी से नहीं घबराते हैं, 0:19:07.000,0:19:08.000 वे उसका लाभ उठाते हैं। 0:19:08.000,0:19:11.000 उनकी गाड़ी के पहियों को मूलत: मछली केरिबोऊ की 0:19:11.000,0:19:12.000 खाल में लपेट कर बनाया जाता था। 0:19:12.000,0:19:17.000 तो इस आदमी के दादाजी उत्तरी ध्रुव की रातों से डरते नहीं थे 0:19:17.000,0:19:19.000 और न ही वे वहां बह रही बर्फीली हवाओं से घबराते थे। 0:19:19.000,0:19:22.000 वे सरलता से बाहर निकलते और 0:19:23.000,0:19:26.000 सील मछली की खाल से बनी अपनी पतलून उतारकर अपने हाथ में विष्ठा कर लेते। 0:19:26.000,0:19:29.000 जैसे ही विष्ठा ठंड के कारण जमने लगती वे उसे एक ब्लेड का आकार दे देते हैं। 0:19:29.000,0:19:31.000 उन्होंने उस विष्ठा के चाकू के किनारे पर थूक छिड़की 0:19:31.000,0:19:34.000 जो अंतत: जम कर कठोर हो गई, उन्होंने उस चाकू से एक कुत्ते को काट डाला। 0:19:34.000,0:19:37.000 उन्होंने कुत्ते की खाल उतार कर अपनी गाड़ी की जीन को सुधारा, 0:19:37.000,0:19:40.000 कुत्ते की पसलियों के ढांचे का प्रयोग कर अपनी गाड़ी को बेहतर बनाया; 0:19:41.000,0:19:42.000 फिर पास खड़े एक कुत्ते को बांध कर बर्फ के ढेरों पर लुप्त हो गए, 0:19:42.000,0:19:46.000 वह विष्ठा से बना चाकू उनकी बेल्ट में लगा था। 0:19:46.000,0:19:50.000 खाली हाथ निकलने के बारे में कहिए (हंसते हैं)। 0:19:50.000,0:19:51.000 और इसी तरह, अन्य बहुत से तरीके हैं; 0:19:51.000,0:19:53.000 (शाबाशी मिलती है) 0:19:53.000,0:19:55.000 यह इन्यूट लोगों तथा संसार के 0:19:55.000,0:19:58.000 अन्य स्थानीय लोगों के लौटने का चिन्ह है। 0:19:58.000,0:20:00.000 अप्रैल 1999 में कनाडा सरकार ने 0:20:00.000,0:20:03.000 कैलीफोर्निया और टैकसास को जोड़कर बनने वाले 0:20:03.000,0:20:06.000 क्षेत्र से भी अधिक क्षेत्र इन्यूट लोगों को पूर्णत: दे दिया। 0:20:06.000,0:20:08.000 यह हमारी नई मातृभूमि है। इसे नूनावत कहते हैं। 0:20:09.000,0:20:12.000 यह एक स्वतंत्र क्षेत्र है। ये सभी खनिज संसाधनों पर नियंत्रण रखते हैं। 0:20:12.000,0:20:14.000 यह लोगों द्वारा प्रत्यर्पण पाने का राष्ट्र-प्रदेश 0:20:14.000,0:20:18.000 प्राप्त करने का एक अदभुत उदाहरण है। 0:20:19.000,0:20:22.000 और अंत में यह हम सभी के लिए 0:20:22.000,0:20:23.000 और उनके लिए जिन्होंने 0:20:23.000,0:20:25.000 इन दूर स्थित जगहों पर यात्रा की है; 0:20:27.000,0:20:28.000 उनके लिए मैं कहना चाहूंगा कि कोई भी स्थान निजर्न नहीं है। 0:20:28.000,0:20:30.000 वे किसी न किसी की मातृभूमि है। 0:20:30.000,0:20:32.000 ये सभी मानव कल्पना का प्रतिनिधित्व बहुत पहले से ही करते आ रहे हैं। 0:20:32.000,0:20:36.000 और हम सभी के लिए इन बच्चों के सपने, 0:20:36.000,0:20:39.000 जैसेकि हमारे अपने बच्चे के सपने। 0:20:39.000,0:20:42.000 आशा के नग्न भूगोल शास्त्र का एक भाग हैं। 0:20:42.000,0:20:46.000 इसलिए हम नेशनल जियोग्राफिक्स पर अंतत:, 0:20:46.000,0:20:50.000 प्रयास कर रहे, हमें यह विश्वास है कि इसे कोई राजनेता कभी भी पूरा नहीं कर पाएगा। 0:20:50.000,0:20:51.000 हम समझते हैं कि तर्क --- 0:20:51.000,0:20:53.000 (शाबाशी मिलती है) 0:20:53.000,0:20:55.000 हम सोचते हैं कि तर्क द्वारा समझाया नहीं जा सकता; 0:20:55.000,0:20:58.000 परंतु हमारा मानना है कि हम कहानी सुनकर संसार में बदलाव ला सकते हैं; 0:20:58.000,0:21:01.000 और इसलिए शायद हम विश्व का सर्वश्रेष्ठ कथा वाचक संस्थान हैं। 0:21:01.000,0:21:04.000 प्रतिमाह हमारी वेबसाईट 35 लाख बार खोली जाती है। 0:21:04.000,0:21:07.000 156 देश हमारा टेलीविजन चैनल दिखाते हैं। 0:21:08.000,0:21:10.000 हमारी पत्रिकाएं करोड़ों लोगों द्वारा पढ़ी जाती हैं। 0:21:10.000,0:21:13.000 हम यात्राओं की एक श्रृंखला तैयार कर रहे हैं 0:21:13.000,0:21:15.000 जिसमें हम अपने दर्शकों को अदभुत संस्कृति वाले स्थानों पर ले जाएंगे; 0:21:15.000,0:21:17.000 चाहे वे वहां किसी प्रकार की सहायता न दे पाए 0:21:18.000,0:21:20.000 परंतु वे जो कुछ भी देखें उससे चकित हो वापिस लौटें, 0:21:20.000,0:21:22.000 और आशा करते हैं वे मानव शास्त्र पर डाले गए प्रकाश 0:21:22.000,0:21:25.000 की एक के बाद एक सराहना करें 0:21:25.000,0:21:27.000 कि यह संसार विविधतापूर्ण होने की क्षमता रखता है। 0:21:27.000,0:21:31.000 हम सही तौर पर बहु-सांस्कृतिक बहुवादी 0:21:31.000,0:21:32.000 संसार में रहने का 0:21:32.000,0:21:35.000 तरीका ढूंढ़ सकते हैं 0:21:35.000,0:21:37.000 जहां पर सभी लोगों की बुद्धि हम 0:21:37.000,0:21:40.000 सभी की भलाई में अपना योगदान दे सकती हैं। 0:21:40.000,0:21:41.000 आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। 0:21:41.000,0:21:43.000 शाबाशी दी गई।