विश्व की पहली भूमिगत रेल प्रणाली का निर्माण कैसे हुआ - क्रिस्चियन वोल्मर
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0:07 - 0:091863 की उस सुबह
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0:09 - 0:12लन्दन की एक ऐसी भूमिगत रेल प्रणाली ने
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0:12 - 0:16सारे शहर में कोलाहल मचा रखा था
जो अभी तक खुली भी नहीं थी। -
0:16 - 0:20शहर के नीचे सुरँग खोदना
और उसमें रेल-मार्ग बिछाना -
0:20 - 0:23सपने जैसा लगता था।
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0:23 - 0:25मयख़ानों में लोगों ने उपहास किया
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0:25 - 0:30और एक स्थानीय मन्त्री ने रेलवे कम्पनी पर
सत्यानाश करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। -
0:30 - 0:32ज़्यादातर लोग सोचते थे कि यह परियोजना,
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0:32 - 0:35जिसकी लागत आज के समय के
10 करोड़ डॉलर से भी ज़्यादा थी, -
0:35 - 0:37कभी काम ही नहीं करेगी।
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0:37 - 0:39लेकिन उसने किया।
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0:39 - 0:4110 जनवरी 1863 को
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0:41 - 0:4630,000 लोगों ने भूमि के नीचे विचरण किया,
विश्व की पहली भूमिगत रेल में -
0:46 - 0:50एक चार मील लम्बे मार्ग पर
यात्रा करने क लिए। -
0:50 - 0:53तीन वर्षों के निर्माण
और कुछ असफलताओं के बाद -
0:53 - 0:56मेट्रोपोलिटन रेलवे
व्यापार के लिए तैयार थी। -
0:56 - 0:59शहर के अधिकारियों को राहत की साँस मिली।
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0:59 - 1:01वह सड़कों पर यातायात के
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1:01 - 1:04भीषण अतिप्रजन को कम करने का
तरीका ढूँढने के लिए बेकरार थे। -
1:04 - 1:08उस समय का सबसे बड़ा
और समृद्ध शहर लन्दन, -
1:08 - 1:11गत्यवरोध की स्थायी स्थिति में था,
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1:11 - 1:12जहाँ छकड़े,
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1:12 - 1:13सब्ज़ी वाले,
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1:13 - 1:13गाय,
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1:13 - 1:16और यात्री, रास्ता जाम कर देते थे।
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1:16 - 1:20वह एक विक्टोरिया युग के दूरदर्शी
चार्ल्स पीयर्सन थे -
1:20 - 1:23जिन्होंने पहली बार रेलवे को
धरती के नीचे लाने का सोचा। -
1:23 - 1:27उन्होंने 1840 के दशक के दौरान,
भूमिगत रेल के समर्थन में पैरवी की -
1:27 - 1:30लेकिन प्रतिद्वन्दियों को
यह विचार असाध्य लगा -
1:30 - 1:34क्योंकि उस समय रेलमार्ग में पहाड़ियों के नीचे
केवल छोटी सुरँगें होती थीं। -
1:34 - 1:38आखिर रेलवे एक शहर के बीच में से
कैसे निकाला जा सकता था। -
1:38 - 1:42इसका उत्तर एक सरल प्रणाली थी
जिसका नाम था, "काटो और भरो"। -
1:42 - 1:45मज़दूरों को एक बड़ी खाई खोदनी थी
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1:45 - 1:47ईंटों के मेहराबदार रास्ते से
एक सुरँग का निर्माण करना था -
1:47 - 1:51और फिर नई निर्मित सुरँग के ऊपर की सुराख़ को
फिर से भर देना था। -
1:51 - 1:53क्योंकि यह विध्वंसकारक था
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1:53 - 1:56और इसके लिए सुरँगों के ऊपर की
इमारतों का विनाश करना पड़ता -
1:56 - 1:58ज़्यादातर रास्ते मौजूदा सड़कों के
नीचे से निकाले गए। -
1:58 - 2:01बेशक, दुर्घटनाएँ हुईं।
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2:01 - 2:05एक बार, भारी बारिश से
पास के नाले भर गए -
2:05 - 2:07और खुदाई के अन्दर से फूट पड़े,
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2:07 - 2:10जिससे परियोजना में
कुछ माह का विलम्ब आ गया। -
2:10 - 2:13परन्तु जैसे ही मेट्रोपॉलिटन रेलवे खुली,
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2:13 - 2:16लन्दन के लोग
नई रेलों में सफ़र करने दौड़ पड़े। -
2:16 - 2:20जल्द ही लन्दन की यातायात प्रणाली का,
मेट्रोपॉलिटन, महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई। -
2:20 - 2:22जल्द ही और रेलमार्ग निर्मित हुए
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2:22 - 2:26और स्टेशनों के आस-पास
नए उपनगर बढ़ने लगे। -
2:26 - 2:28रेलमार्ग के पास
बड़े डिपार्टमेंट स्टोर खुल गए -
2:28 - 2:31और रेलवे कम्पनी ने
रेल से पर्यटकों को लाने के लिए -
2:31 - 2:37आकर्षण स्थल भी निर्मित किये,जैसे
अर्ल्स कोर्ट में 30 मँज़िल की फेरिस व्हील। -
2:37 - 2:3930 वर्षों के अन्दर,
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2:39 - 2:41लन्दन की भूमिगत रेल प्रणाली
80 किलोमीटर तक फैल चुकी थी, -
2:41 - 2:44जिसमें शहर के बीच से निकलते हुए मार्ग
सुरँगों से होते हुए जाते थे -
2:44 - 2:49और उपनगरों की रेल, भूमि पर चलती थी,
ज़्यादातर तटबन्धों पर। -
2:49 - 2:51लेकिन लन्दन बढ़ता चला जा रहा था
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2:51 - 2:54और हर कोई इस प्रणाली से
जुड़ा रहना चाहता था। -
2:54 - 2:551880 के दशक के अन्त की ओर
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2:55 - 3:00यह शहर इमारतों, नालों और बिजली के तारों से
इतना सघन हो चुका था -
3:00 - 3:02कि "काटो और भरो" की तकनीक
अब कारगर नहीं बची थी -
3:02 - 3:04इसलिए एक नई प्रणाली का
आविष्कार किया गया। -
3:04 - 3:07ग्रेटहेड शील्ड कहलाने वाली
एक मशीन का प्रयोग कर -
3:07 - 3:11केवल 12 मज़दूरों का समूह
लन्दन की चिकनी मिटटी में से -
3:11 - 3:15गहरी भूमिगत सुरँगें तराशते हुए
धरती में खुदाई कर सकता था। -
3:15 - 3:19यह नए, ट्यूब कहलाने वाले मार्ग
भिन्न गहराईयों पर थे -
3:19 - 3:23पर ज़्यादातर, "काटो और भरो" मार्गों से,
क़रीब 25 मीटर गहरे। -
3:23 - 3:26इसका अर्थ यह था कि इनका निर्माण
भूमि की सतह को परेशान नहीं करता था -
3:26 - 3:29और इमारतों के नीचे
खुदाई करना भी सम्भव था। -
3:29 - 3:32पहला ट्यूब मार्ग,
सिटी और साउथ लन्दन, -
3:32 - 3:361890 में खुला
और इतना सफल सिद्ध हुआ -
3:36 - 3:40की अगले 20 वर्षों में
आधा दर्ज़न और मार्ग बनाये गए। -
3:40 - 3:45इस चतुर प्रौद्योगिकी का प्रयोग
लन्दन की थेम्स नदी के नीचे भी -
3:45 - 3:47कुछ मार्ग खोदने क लिए किया गया।
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3:47 - 3:5020वें दशक की शुरुआत तक,
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3:50 - 3:51बुदापेस्ट,
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3:51 - 3:51बर्लिन,
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3:51 - 3:52पेरिस,
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3:52 - 3:53और न्यू यॉर्क,
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3:53 - 3:56सबने अपने खुद के
भूमिगत रेलमार्ग बना लिए थे। -
3:56 - 4:00और आज,
जब 55 देशों के 160 से भी ज़्यादा शहर -
4:00 - 4:03सड़कों की भीड़ से युद्ध करने क लिए
भूमिगत रेल का प्रयोग करते हैं -
4:03 - 4:07तो हम चार्ल्स पियर्सन
और मेट्रोपॉलिटन रेलवे का -
4:07 - 4:09एक सही शुरुआत कराने के लिए
धन्यवाद कर सकते हैं।
- Title:
- विश्व की पहली भूमिगत रेल प्रणाली का निर्माण कैसे हुआ - क्रिस्चियन वोल्मर
- Description:
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हमारे "छात्रों की आवाज कार्यक्रम" के बारे में और जानें, TED-Ed Clubs: http://bit.ly/2J5g4eS
पूरा पाठ देखें: https://ed.ted.com/lessons/how-the-world-s-first-subway-system-was-built-christian-wolmar
1863 की उस सुबह, लन्दन की एक ऐसी भूमिगत रेल प्रणाली ने, सारे शहर में कोलाहल मचा रखा था, जो अभी तक खुली भी नहीं थी। ज़्यादातर लोग सोचते थे कि यह परियोजना, जिसकी लागत आज के समय के 10 करोड़ डॉलर से भी ज़्यादा थी, कभी काम ही नहीं करेगी। तो यह हुआ कैसे? क्रिस्चियन वोल्मर समझाते हैं कि कैसे लन्दन अन्डरग्राउन्ड को एक ऐसे समय में बनाया गया, जब किसी ने भी एक शहर के नीचे रेलवे नहीं बनाया था।
पाठ क्रिस्चियन वोल्मर द्वारा, जीव-संचारण TED-Ed द्वारा।
हमारे पैट्रनों का उनके समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद! आपके बिना यह वीडियो सम्भव नहीं हो सकती थी! क्यैन्टा यैप, शवर खान, एलिज़ाबेथ क्रूज़, रोहन गुप्ता, सैराह लण्डीगार्ड, माइकल ब्राउन-बाघोस, यूजिंग जियैंग, औब्री ग्रोज़बेक, कैथरिन ज हैम्मन्ड, सैमी गोह, डिलीन मैककॉय, मयंक कौल, रूथ फैंग, स्कॉट गैस, मैरी सॉयर, जेसन अ सैसलो, जोऐन लूस, ऋषि पाशम, ब्रूनो पिनहो, तथा हावियेर अलदवाज़।
- Video Language:
- English
- Team:
closed TED
- Project:
- TED-Ed
- Duration:
- 04:58
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Omprakash Bisen approved Hindi subtitles for How the world's first subway system was built - Christian Wolmar | |
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Arvind Patil accepted Hindi subtitles for How the world's first subway system was built - Christian Wolmar | |
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Arvind Patil edited Hindi subtitles for How the world's first subway system was built - Christian Wolmar | |
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Arvind Patil edited Hindi subtitles for How the world's first subway system was built - Christian Wolmar | |
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Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for How the world's first subway system was built - Christian Wolmar | |
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Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for How the world's first subway system was built - Christian Wolmar | |
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Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for How the world's first subway system was built - Christian Wolmar |