1 00:00:06,645 --> 00:00:08,984 1863 की उस सुबह 2 00:00:08,984 --> 00:00:11,935 लन्दन की एक ऐसी भूमिगत रेल प्रणाली ने 3 00:00:11,935 --> 00:00:16,184 सारे शहर में कोलाहल मचा रखा था जो अभी तक खुली भी नहीं थी। 4 00:00:16,184 --> 00:00:20,094 शहर के नीचे सुरँग खोदना और उसमें रेल-मार्ग बिछाना 5 00:00:20,094 --> 00:00:22,557 सपने जैसा लगता था। 6 00:00:22,557 --> 00:00:24,755 मयख़ानों में लोगों ने उपहास किया 7 00:00:24,755 --> 00:00:29,625 और एक स्थानीय मन्त्री ने रेलवे कम्पनी पर सत्यानाश करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। 8 00:00:29,625 --> 00:00:31,923 ज़्यादातर लोग सोचते थे कि यह परियोजना, 9 00:00:31,923 --> 00:00:35,425 जिसकी लागत आज के समय के 10 करोड़ डॉलर से भी ज़्यादा थी, 10 00:00:35,425 --> 00:00:36,994 कभी काम ही नहीं करेगी। 11 00:00:36,994 --> 00:00:38,732 लेकिन उसने किया। 12 00:00:38,732 --> 00:00:41,107 10 जनवरी 1863 को 13 00:00:41,107 --> 00:00:46,254 30,000 लोगों ने भूमि के नीचे विचरण किया, विश्व की पहली भूमिगत रेल में 14 00:00:46,254 --> 00:00:49,654 एक चार मील लम्बे मार्ग पर यात्रा करने क लिए। 15 00:00:49,654 --> 00:00:52,676 तीन वर्षों के निर्माण और कुछ असफलताओं के बाद 16 00:00:52,676 --> 00:00:56,197 मेट्रोपोलिटन रेलवे व्यापार के लिए तैयार थी। 17 00:00:56,197 --> 00:00:58,605 शहर के अधिकारियों को राहत की साँस मिली। 18 00:00:58,605 --> 00:01:00,545 वह सड़कों पर यातायात के 19 00:01:00,545 --> 00:01:03,853 भीषण अतिप्रजन को कम करने का तरीका ढूँढने के लिए बेकरार थे। 20 00:01:03,853 --> 00:01:08,345 उस समय का सबसे बड़ा और समृद्ध शहर लन्दन, 21 00:01:08,345 --> 00:01:10,826 गत्यवरोध की स्थायी स्थिति में था, 22 00:01:10,826 --> 00:01:11,685 जहाँ छकड़े, 23 00:01:11,685 --> 00:01:12,703 सब्ज़ी वाले, 24 00:01:12,703 --> 00:01:13,471 गाय, 25 00:01:13,471 --> 00:01:16,143 और यात्री, रास्ता जाम कर देते थे। 26 00:01:16,143 --> 00:01:20,163 वह एक विक्टोरिया युग के दूरदर्शी चार्ल्स पीयर्सन थे 27 00:01:20,163 --> 00:01:23,335 जिन्होंने पहली बार रेलवे को धरती के नीचे लाने का सोचा। 28 00:01:23,335 --> 00:01:26,932 उन्होंने 1840 के दशक के दौरान, भूमिगत रेल के समर्थन में पैरवी की 29 00:01:26,932 --> 00:01:29,907 लेकिन प्रतिद्वन्दियों को यह विचार असाध्य लगा 30 00:01:29,907 --> 00:01:34,444 क्योंकि उस समय रेलमार्ग में पहाड़ियों के नीचे केवल छोटी सुरँगें होती थीं। 31 00:01:34,444 --> 00:01:37,754 आखिर रेलवे एक शहर के बीच में से कैसे निकाला जा सकता था। 32 00:01:37,754 --> 00:01:42,033 इसका उत्तर एक सरल प्रणाली थी जिसका नाम था, "काटो और भरो"। 33 00:01:42,033 --> 00:01:44,625 मज़दूरों को एक बड़ी खाई खोदनी थी 34 00:01:44,625 --> 00:01:47,354 ईंटों के मेहराबदार रास्ते से एक सुरँग का निर्माण करना था 35 00:01:47,354 --> 00:01:51,065 और फिर नई निर्मित सुरँग के ऊपर की सुराख़ को फिर से भर देना था। 36 00:01:51,065 --> 00:01:52,584 क्योंकि यह विध्वंसकारक था 37 00:01:52,584 --> 00:01:55,505 और इसके लिए सुरँगों के ऊपर की इमारतों का विनाश करना पड़ता 38 00:01:55,505 --> 00:01:58,473 ज़्यादातर रास्ते मौजूदा सड़कों के नीचे से निकाले गए। 39 00:01:58,473 --> 00:02:00,866 बेशक, दुर्घटनाएँ हुईं। 40 00:02:00,866 --> 00:02:04,840 एक बार, भारी बारिश से पास के नाले भर गए 41 00:02:04,840 --> 00:02:07,363 और खुदाई के अन्दर से फूट पड़े, 42 00:02:07,363 --> 00:02:09,973 जिससे परियोजना में कुछ माह का विलम्ब आ गया। 43 00:02:09,973 --> 00:02:13,036 परन्तु जैसे ही मेट्रोपॉलिटन रेलवे खुली, 44 00:02:13,036 --> 00:02:16,207 लन्दन के लोग नई रेलों में सफ़र करने दौड़ पड़े। 45 00:02:16,207 --> 00:02:20,211 जल्द ही लन्दन की यातायात प्रणाली का, मेट्रोपॉलिटन, महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई। 46 00:02:20,211 --> 00:02:22,424 जल्द ही और रेलमार्ग निर्मित हुए 47 00:02:22,424 --> 00:02:25,626 और स्टेशनों के आस-पास नए उपनगर बढ़ने लगे। 48 00:02:25,626 --> 00:02:28,312 रेलमार्ग के पास बड़े डिपार्टमेंट स्टोर खुल गए 49 00:02:28,312 --> 00:02:31,184 और रेलवे कम्पनी ने रेल से पर्यटकों को लाने के लिए 50 00:02:31,184 --> 00:02:37,275 आकर्षण स्थल भी निर्मित किये,जैसे अर्ल्स कोर्ट में 30 मँज़िल की फेरिस व्हील। 51 00:02:37,275 --> 00:02:38,624 30 वर्षों के अन्दर, 52 00:02:38,624 --> 00:02:41,415 लन्दन की भूमिगत रेल प्रणाली 80 किलोमीटर तक फैल चुकी थी, 53 00:02:41,415 --> 00:02:44,463 जिसमें शहर के बीच से निकलते हुए मार्ग सुरँगों से होते हुए जाते थे 54 00:02:44,463 --> 00:02:48,984 और उपनगरों की रेल, भूमि पर चलती थी, ज़्यादातर तटबन्धों पर। 55 00:02:48,984 --> 00:02:50,840 लेकिन लन्दन बढ़ता चला जा रहा था 56 00:02:50,840 --> 00:02:53,814 और हर कोई इस प्रणाली से जुड़ा रहना चाहता था। 57 00:02:53,814 --> 00:02:55,255 1880 के दशक के अन्त की ओर 58 00:02:55,255 --> 00:02:59,736 यह शहर इमारतों, नालों और बिजली के तारों से इतना सघन हो चुका था 59 00:02:59,736 --> 00:03:01,905 कि "काटो और भरो" की तकनीक अब कारगर नहीं बची थी 60 00:03:01,905 --> 00:03:04,375 इसलिए एक नई प्रणाली का आविष्कार किया गया। 61 00:03:04,375 --> 00:03:07,324 ग्रेटहेड शील्ड कहलाने वाली एक मशीन का प्रयोग कर 62 00:03:07,324 --> 00:03:11,164 केवल 12 मज़दूरों का समूह लन्दन की चिकनी मिटटी में से 63 00:03:11,164 --> 00:03:15,075 गहरी भूमिगत सुरँगें तराशते हुए धरती में खुदाई कर सकता था। 64 00:03:15,075 --> 00:03:19,156 यह नए, ट्यूब कहलाने वाले मार्ग भिन्न गहराईयों पर थे 65 00:03:19,156 --> 00:03:23,326 पर ज़्यादातर, "काटो और भरो" मार्गों से, क़रीब 25 मीटर गहरे। 66 00:03:23,326 --> 00:03:26,436 इसका अर्थ यह था कि इनका निर्माण भूमि की सतह को परेशान नहीं करता था 67 00:03:26,436 --> 00:03:29,335 और इमारतों के नीचे खुदाई करना भी सम्भव था। 68 00:03:29,335 --> 00:03:32,494 पहला ट्यूब मार्ग, सिटी और साउथ लन्दन, 69 00:03:32,494 --> 00:03:36,054 1890 में खुला और इतना सफल सिद्ध हुआ 70 00:03:36,054 --> 00:03:40,033 की अगले 20 वर्षों में आधा दर्ज़न और मार्ग बनाये गए। 71 00:03:40,033 --> 00:03:44,755 इस चतुर प्रौद्योगिकी का प्रयोग लन्दन की थेम्स नदी के नीचे भी 72 00:03:44,755 --> 00:03:47,393 कुछ मार्ग खोदने क लिए किया गया। 73 00:03:47,393 --> 00:03:49,824 20वें दशक की शुरुआत तक, 74 00:03:49,824 --> 00:03:50,536 बुदापेस्ट, 75 00:03:50,536 --> 00:03:51,257 बर्लिन, 76 00:03:51,257 --> 00:03:51,995 पेरिस, 77 00:03:51,995 --> 00:03:52,865 और न्यू यॉर्क, 78 00:03:52,865 --> 00:03:55,535 सबने अपने खुद के भूमिगत रेलमार्ग बना लिए थे। 79 00:03:55,535 --> 00:03:59,955 और आज, जब 55 देशों के 160 से भी ज़्यादा शहर 80 00:03:59,955 --> 00:04:02,995 सड़कों की भीड़ से युद्ध करने क लिए भूमिगत रेल का प्रयोग करते हैं 81 00:04:02,995 --> 00:04:06,805 तो हम चार्ल्स पियर्सन और मेट्रोपॉलिटन रेलवे का 82 00:04:06,805 --> 00:04:09,094 एक सही शुरुआत कराने के लिए धन्यवाद कर सकते हैं।