भाषाएँ मरती क्यों हैं?। द इकोनोमिस्ट
-
0:01 - 0:05♪ (शास्त्रीय संगीत) ♪
-
0:06 - 0:07इरांकरपते।
-
0:07 - 0:10♪ (शास्त्रीय संगीत) ♪
-
0:10 - 0:11लिशु।
-
0:11 - 0:13♪ (शास्त्रीय संगीत) ♪
-
0:13 - 0:14डिढ़ दा।
-
0:14 - 0:16♪ (शास्त्रीय संगीत) ♪
-
0:16 - 0:18मैं ये भाषाएँ नहीं बोलता।
-
0:18 - 0:20दरअसल, बहुत ही कम लोग बोलते हैं।
-
0:20 - 0:22इनका इस्तेमाल कुछ ही लोग करते हैं,
-
0:22 - 0:25और इन सभी भाषाओं पर
विलोपन का ख़तरा मंडरा रहा है। -
0:26 - 0:29आज सम्पूर्ण विश्व में 7,000 से अधिक भाषाएँ
बोली जाती हैं, -
0:29 - 0:33मगर उनमें से एक तिहाई को बोलने वाले,
1,000 से भी कम हैं, -
0:33 - 0:34और युनेस्को के अनुसार,
-
0:34 - 0:38उनमें से 40 प्रतिशत से अधिक भाषाओं के
विलुप्त हो जाने का ख़तरा है। -
0:38 - 0:40दरअसल, प्रत्येक पखवाड़े में,
-
0:40 - 0:42विश्व की एक भाषा
सदैव के लिए विलुप्त हो जाती है। -
0:43 - 0:47जब आप मृत भाषा की बात करते हैं,
अनेक व्यक्ति लैटिन के बारे में सोचते हैं। -
0:47 - 0:49मगर लैटिन वास्तव में कभी मरी ही नहीं।
-
0:49 - 0:52वह सीज़र के समय से अनवरत बोली जाती रही है,
-
0:52 - 0:55मगर 2,000 वर्षों में वह बहुत धीरे बदली है
-
0:55 - 0:59जब तक कि वह फ़्रेंच, स्पेनिश,
या कोई दूसरी रोमांस भाषा नहीं बन गई। -
1:00 - 1:02भाषा की वास्तविक मृत्यु तब होती है
-
1:02 - 1:04जब समुदायों ने दूसरी भाषाओं को
अपना लिया, -
1:04 - 1:07और अभिभावकों ने अपनी पुरानी भाषा को बोलने के लिए
अपने बच्चों की परवरिश रोक दी। -
1:08 - 1:10जब भाषा बोलने वाला अंतिम बुजुर्ग
मर जाता है, -
1:10 - 1:14उसके बाद शायद ही कभी वह भाषा
फिर से धाराप्रवाह बोली जाएगी। -
1:15 - 1:18यदि आप इस चार्ट को देखें,
जिसमें विश्व की भाषाओं को मापा गया है -
1:18 - 1:21उनके आकार तथा उनके स्वास्थ्य के आधार पर,
-
1:21 - 1:24आप देख सकते हैं कि अधिकांश भाषाओं का
स्थान बीच में हैं। -
1:25 - 1:27अंगरेज़ी, कुछ दूसरी प्रमुख भाषाओं की तरह,
-
1:27 - 1:29वहाँ बाएँ ऊपरी कोने पर है।
-
1:29 - 1:31वह सच में मजबूत स्थिति में है।
-
1:32 - 1:33किन्तु यदि आपकी भाषा यहाँ नीचे है
-
1:33 - 1:36लेखाचित्र के दाहिने निचले कोने पर,
-
1:36 - 1:39जैसे इंडोनेशिया की कयापुलौ
या ब्राज़ील की कुरुयाया, -
1:39 - 1:41तो आप सचमुच गंभीर संकट में हैं।
-
1:42 - 1:43पुराने बुरे दिनों में,
-
1:43 - 1:46जो भाषाएं सरकारों को पसंद नहीं होती थीं
उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाता था। -
1:46 - 1:48मगर कभी कभी यह दबाव अधिक गूढ़ होता है।
-
1:48 - 1:49(टैंक गोलीबारी की आवाज़)
-
1:49 - 1:52ऐसे किशोर जिनका बचपन
सोवियत यूनियन में गुज़रा होगा -
1:52 - 1:55जल्दी ही एहसास कर लेंगे
कि घर में चाहे जो भाषा बोलें, -
1:55 - 1:58रूसी भाषा में महारत ही
सफलता की कुंजी होगी। -
1:59 - 2:01चीन के नागरिक,
जिनमें तिब्बती भी शामिल हैं, -
2:01 - 2:04तथा शंघाईनीज़ या कैंटोनीज़ भाषी भी
-
2:04 - 2:08मैंडरिन पर ध्यान देने के लिए आज
वैसा ही दबाव महसूस करते हैं। -
2:08 - 2:09♪ (शास्त्रीय संगीत) ♪
-
2:09 - 2:10जब एक बार भाषा विलुप्त हो जाती है,
-
2:10 - 2:13तो वह सामान्यतया डोडो की तरह
गुम होती है। -
2:13 - 2:14(डोडो चिल्लाता है)
-
2:14 - 2:17केवल एक भाषा है जो कभी मर कर
पुनर्जीवित हुई है: -
2:17 - 2:19हिब्रू।
-
2:19 - 2:21वह दो हज़ार वर्षों तक लुप्त रही,
-
2:21 - 2:24मगर 20वी शताब्दी की शुरुआत में फिलिस्तीन में
बसने वाले यहूदी अधिवासी -
2:24 - 2:27वहाँ यूरोप में दूसरी भाषा बोलते थे,
-
2:27 - 2:31और उन्होंने वहाँ पहुँचने पर हिब्रू को
बतौर अपनी सामान्य भाषा अपना लिया। -
2:31 - 2:32वह इज़राइल की आधिकारिक भाषा बन गई
-
2:32 - 2:35जब देश 1948 में पूरी तरह स्थापित हुआ,
उस समय, -
2:35 - 2:37और अब उसके 70 लाख हिब्रू भाषी हैं।
-
2:38 - 2:40अब हिब्रू विश्व की एकमात्र
पुनर्जीवित की गई भाषा है -
2:40 - 2:43किन्तु दूसरे प्रयास कर रहे हैं।
-
2:43 - 2:45कॉर्निश जिसे दक्षिणपश्चिमी इंग्लैंड में
बोला जाता था, -
2:45 - 2:47दो सदियों पहले मर गई।
-
2:47 - 2:51किंतु आज पुनर्जीवित भाषा
के सैकड़ों बोलने वाले हैं। -
2:51 - 2:52(गाय का रंभाना)
-
2:52 - 2:56व्यावहारिकता से परे मानव विविधता
अपने आप में एक अच्छी बात है। -
2:56 - 2:58कल्पना कीजिए आप एक
उत्साहजनक अवकाश पर गए -
2:58 - 3:03और आपने पाया कि वहां खाना, कपड़े, भवन, लोग,
-
3:03 - 3:05और हाँ, भाषा,
-
3:05 - 3:07बिलकुल वैसे ही है जैसी कि आपके घर में थी।
-
3:07 - 3:09ओलिवर वेंडेल होम्स ने क्या ख़ूब कहा है:
-
3:09 - 3:13"प्रत्येक भाषा एक मदिर है
जिसमें उसे बोलते वालों की आत्मा -
3:13 - 3:14प्रतिष्ठापित होती है।"
-
3:14 - 3:19लोगों की उस आत्मा को एक मंदिर से ले जाकर
संग्रहालय में रखना -
3:19 - 3:20एक ही बात नहीं है।
-
3:20 - 3:21♪ (शास्त्रीय संगीत) ♪
- Title:
- भाषाएँ मरती क्यों हैं?। द इकोनोमिस्ट
- Description:
-
भाषाएँ 7,000 से अधिक हैं। अंग्रेज़ी, स्पेनिश, तथा मैंडरिन भाषियों की संख्या बढ़ती जा रही है, मगर हर पखवाड़े में एक भाषा हमेशा के लिए लुप्त हो जाएगी। द एकोनोमिस्ट के भाषा विशेषज्ञ लें ग्रीन समझाते हैं कि ऐसा क्यों है।
द एकोनोमिस्ट को यूट्यूब पर सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें: https://econ.st/2xvTKdy
दैनिक वॉच: विचारों को विस्तार देने वाली लघु फ़िल्में पूरे कार्य सप्ताह।
एकोनोमिस्ट फ़िल्म्स से और पाने के लिए देखिये: http://films.economist.com/
द एकोनोमिस्ट का सम्पूर्ण वीडियो कैटलॉग देखिये: http://econ.st/20IehQk
फेसबुक पर द एकोनोमिस्ट को लाइक करें: https://www.facebook.com/TheEconomist/
ट्विट्टर पर द एकोनोमिस्ट को फॉलो करें: https://twitter.com/theeconomist
हमें इंस्टाग्राम पर फॉलो करें: https://www.instagram.com/theeconomist/
हमें मीडियम पर फॉलो करें: https://medium.com/@the_economist - Video Language:
- English
- Team:
Amplifying Voices
- Project:
- Endangered Languages
- Duration:
- 03:27
![]() |
Ajay Singh Rawat edited Hindi subtitles for Why do languages die? | The Economist | |
![]() |
Ajay Singh Rawat edited Hindi subtitles for Why do languages die? | The Economist | |
![]() |
Ajay Singh Rawat edited Hindi subtitles for Why do languages die? | The Economist | |
![]() |
Ajay Singh Rawat edited Hindi subtitles for Why do languages die? | The Economist | |
![]() |
Ajay Singh Rawat edited Hindi subtitles for Why do languages die? | The Economist | |
![]() |
Ajay Singh Rawat edited Hindi subtitles for Why do languages die? | The Economist | |
![]() |
Ajay Singh Rawat edited Hindi subtitles for Why do languages die? | The Economist | |
![]() |
Ajay Singh Rawat edited Hindi subtitles for Why do languages die? | The Economist |