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संघर्ष क बिना कोई प्रगति नहीं होती है|
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वह लोग जिनमे कोई व्याकुलता नहीं वह सिर्फ
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आजादी के समर्थन का ढोंग करते है|
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उनको बिना कर्म के सफलता चाहिए|
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उनको बिना गर्जन और बिजली के बारिश चाहिए|
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उनको बिना ज्वार-भाता के महासमुन्द्र चाहिए|
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फ़्रेडरिक डगलस, अगस्त ४, १८५७|
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[अबिगाइल डेविले: "लाइट ऑफ फ्रीडम "]
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[मैडीेसन चौकोर उद्यान]
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जब मैंने फ़्रेडरिक डगलस का उद्धरण पढ़ा तब
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मैंने इस गर्मी जो भी हुआ उसका संदर्भ खोजा
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मुझे लगता है की उन्होने कुछ चित्र को रंग
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दिया| मै बस आते हुए तूफान के बारे
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मे सोच रही थी, और उन लोगों की भीड़ जो
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हाथों मे हाथ लिए, अपना विरोध किए, इस
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महामारी के दौर मे| इस राष्ट्र के नीव
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को बताने के लिए, की यह किसपर निमृत है,
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और यह स्मरणोत्सव है "ब्लैक लाइव मैटर" के
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विरोध और आंदोलन का, और इस महाद्वीप पर ४००
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साल से भी ज्यादा रहने वाले ब्लैक लोगों का|
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जैसे मै उन हाथ को रख रही थी, उन सभी
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तरीकों के बारे मे सोच रही थी, जिनसे सब चीज
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नए रूप मे होती, कि इतने मौके और क्षण जो
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छूट गए, न्यू यॉर्क या इस देश के इतिहास मे,
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जब प्रगति के मौके या ऐसे मौके
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जब सब चीज सबके लिए बराबर हो जाती|
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मेरी एक बहुत बढ़िया चौथी कक्षा की अध्यापक,
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उनका नाम मिस्सस हैम्मन्द था| वह
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बहुत शानदार थी| उन्होने सच मे इतिहास
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हमारे लिए जिंदा कर दिया था| उन्होने हमारे
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लिए वाइनिल पर मार्टिन लूथर किंग का
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"मेरा एक सपना है", नाटक किया,
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और उस कक्षा मे शांति हो गई थी,
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मुझे याद है कि उस पूरे समय मै मेज के नीचे
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अपने सहेली का हाथ पकड़ी थी, और उनके
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शब्द प्रेरणा स्रोत थे| उन्होने हमारे अंदर
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एक बीज बो दिया था, इस सोच का की कैसे हम
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इस इतिहास के भागीदार है|
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उद्यान मे स्टैचू ऑफ लिबर्टी के हाथ की
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मशाल देख कर मुझे ऐसा लगा कि
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"ठीक है अब मै देखना बंद कर सकती हूँ, बस
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अब यही है"| "यही है जिसके बारे मे मै सोच
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रही थी",
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"वह सब जिसके बारे मे मुझे बात करना है"
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आजादी की मूर्ति और वह मशाल, उस पार्क मे ६
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साल तक थे (१८७६-१८८२), जब वह
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स्टैचू ऑफ लिबर्टी के मूर्तितल के लिए धन
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एकत्र कर रहे थे|
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मुझे मचान बाँधना बहुत पसंद है|
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न्यू यॉर्क सिटी मे यह हर जगह है|
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चीज़े हमेशा बनती बिगड़ती रहती है|
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और यह आजादी की सोच पीढ़ी दर पीढ़ी
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लगातार निर्माण और पुनर्निर्माण मे है,
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घंटियों को स्वतंत्रता का प्रतीक सोचना,
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लेकिन फिर मशाल से बंध जाना,
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यह सोच के की वह आवाज नहीं कर सकते|
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यह भी उस मशाल की आग है, और नीला
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आग सबसे तेज आग होता है|
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समाज ने हमे बहुत अलग करने की कोशिश की
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हमे हमारे शरीर से या हम कहाँ रहते है
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या आर्थिक रूप, शिक्षा, सब रूप से|
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पर हम सब साथ है, हाथ जोड़े, नए सोच के साथ
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मुझे यह लागू करना था| यह एक प्रार्थना
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या उम्मीद है कुछ भविष्य के लिए -
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इतिहास के कुछ नाम आज मे लाने के लिए|
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और फिर इस अवरोह को जारी रखना
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और फिर इस जिम्मेदारी को आगे बढ़ाना
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और फिर सामूहिक का सम्मान करना |