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जल्द ही हम एक गोली से नहीं, बल्कि एक पेशी के साथ बीमारियों की इलाज करेंगे

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    मैं आप लोगों से चिकित्सा की भविष्य
    के बारे मे बात करना चाहता हूँ|
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    लेकिन इस से पहले मैं अतीत के बारे में
    थोड़ा बहुत बात करना चाहता हूँ।
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    अब, चिकित्सा के हाल
    के अधिकांश इतिहास में,
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    हम ने गहराई से साधारण मॉडल
    के संदर्भ में बीमारी
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    और उपचार के बारे में सोचा था।
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    असल में, मॉडल बहुत आसान
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    आप इसे छे शब्दों मे सारांश निकाल सकते है:
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    बीमारी पाना, गोली लेना, कुछ वध|
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    ये मॉडल के प्राबल्य के लिए कारण
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    अक्सर प्रतिजैविक क्रांति है|
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    आप में से कई को ये पता नहीं हो सकता,
    लेकिन हमें संयुक्त राज्य
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    अमेरिका में एंटीबायोटिक दवाओं की
    शुरूआत के सौवें साल का जश्न मनाना होगा।
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    लेकिन क्या आप जानते हैं कि
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    शुरूआत परिवर्तनकारी से कम नही था।
  • 0:53 - 0:57
    यहाँ आप एक रासायनिक,
    या तो प्राकृतिक दुनिया से
  • 0:57 - 0:59
    या कृत्रिम रूप से प्रयोगशाला में संश्लेषित
  • 1:00 - 1:03
    और यह होगा बेशक अपने शरीर के माध्यम से,
  • 1:03 - 1:06
    यह अपने लक्ष्य मिल जाएगा
  • 1:06 - 1:07
    अपने लक्ष्य में बंद--
  • 1:07 - 1:09
    एक सूक्ष्म जीव या
    एक सूक्ष्म जीव का हिस्सा -
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    और फिर एक ताला और
    एक चाबी बंद कर देते हैं
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    उत्तम निपुणता,
    उत्तम विशिष्टता के साथ।
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    और आप एक पहले से जो
    प्राणघातक, घातक व्याधि होगी उसे लेंगे--
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    एक न्युमोनिया, सिफिलिस ,ट्युबरक्युलोसिस--
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    और उसे चंगा होने के योग्य या
    इलाज के योग्य व्याधि मेँ बदल देंगे|
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    आपको न्युमोनिया है,
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    आप पेंसिलिन लेंगे,
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    आप सूक्ष्म जीवि को मार देंगे,
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    और आप व्याधि का इलाज करेंगे|
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    ताला और चाबी के इतने शक्तिशाली रूपक,
    और किसीको मारना
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    ये विचार इतना आकर्षक थी कि,
  • 1:45 - 1:46
    यह वास्तव में जीवशास्त्र
  • 1:46 - 1:48
    के माध्यम से बह रही थी।
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    यह किसी और रूपांतर जैसा नही था|
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    और हम सच मेँ पिछले १०० साल
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    फिर से उस मॉडल को दौहराने मेँ
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    गैर संक्रामक रोगों मेँ,
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    पुराने रोगोँ जैसे मधुमेह,और उच्च रक्तचाप
    और दिल की बीमारी|
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    और यह काम किया,
    लेकिन अंशिक रूप मेँ काम किया|
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    मुझे आपको दिखाने दीजिये|
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    आप जानते हैँ, अगर आपके शरीर के लिए
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    सक्षम है कि हर रासायनिक प्रतिक्रिया के,
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    सम्पूर्ण ब्रह्मांड लेंगे,
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    ज्यादा लोग ये सोचते है कि
    वो संख्या दस लाख के करीब होगा |
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    हम उसे एक कुछ दशलक्ष कहेंगे|
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    अब आप प्रश्न ये पूछेंगे,
  • 2:27 - 2:29
    कौनसी संख्या या
    प्रतिक्रिया के खंड को पूरे
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    औषधिशास्त्र,औषधीय रसायन शास्त्र
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    वास्तव मेँ लक्ष्य बना सकते हैँ?
  • 2:36 - 2:38
    वो संख्या है २५०|
  • 2:40 - 2:42
    बाकी पूरा रसायन अंधकार है|
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    दूसरे श्ब्दोँ मेँ,आपके शरीर मेँ हो रहे
    पूरे रसायन प्रतिक्रियाओँ मेँ ०.०२५ प्रतिशत
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    वास्तव मेँ इस ताला और चाबी के
    तंत्र द्वारा लक्षित हो रहे हैं।
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    आप जानते हैँ ,अगर आप
    मानव शरीर विज्ञान को
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    बातचीत नोड्स और
    बातचीत खंडोँ के साथ,
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    एक विशाल वैश्विक टेलीफोन
    नेटवर्क के रूप मेँ सोचते
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    फिर हमारा पूरा औषधीय रसायन शास्त्र
  • 3:08 - 3:10
    उस नेटवर्क की
    एक छोटे से कोने पर
  • 3:10 - 3:13
    किनारे,बाहरी छोर पर
    काम कर रहा है|
  • 3:13 - 3:17
    ये जैसे सब हमारा
    फार्मास्युटिकल रसायन शास्त्र
  • 3:17 - 3:20
    एक पोल आपरेटर विचिटा, कॅन्सास मेँ
  • 3:20 - 3:23
    जो १० या १५ टेलिफोन लाइन्स
    के साथ छेड छाड किया हो|
  • 3:25 - 3:27
    तो हम इस विचार के साथ क्या करेंगे?
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    हम अगर इस पहुंचको
    पुनरर्घठित करेंगे तो क्या होगा?
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    असल मेँ,प्राक्रुतिक दुनिया हमेँ
    बीमारी, चिकित्सा, लक्ष्य के बजाय
  • 3:35 - 3:40
    एक बिल्कुल अलग तरीके से,
  • 3:40 - 3:42
    कैसे कोई बीमारी के बारे मेँ सोचते हैँ
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    ये एहसास देता है|
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    असल मेँ,प्राक्रुतिक दुनिया पदानुक्रम
    ऊपर की ओर आयोजित किया जाता है,
  • 3:50 - 3:52
    नीचे की ओर नही,पर ऊपर की ओर,
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    और हम शुरू करते हैँ एक स्व-विनियमन,
    अर्द्ध स्वायत्त मात्रक जिसे सेल बुलाया|
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    ये स्व-विनियमन,
    अर्द्ध- स्वायत्त मात्रक
  • 4:03 - 4:08
    अंग स्व-विनियमन,अर्द्ध-स्वयत्त
    नामक मात्रकोँ को उत्पन्न करते हैँ,
  • 4:08 - 4:11
    और ये सब अंगोँ संगठित होकर
    मनुष्य नाम के चीज बनाते हैँ,
  • 4:12 - 4:16
    और ये जीवोँ जो अंशिक रूप से स्व-विनियमन
    और अंशिक रूप से अर्द्ध-स्वयत्त हैँ,
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    अंततः वातावरण में रहते हैं|
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    ये नई योजना मेँ अच्छा क्या है?,
    इस श्रेणीबद्ध योजना
  • 4:24 - 4:26
    ऊपर की ओर आयोजित किया जाता है
    नीचे की ओर नही,
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    है जो ह्मेँ व्याधी के बारे मेँ
    एक अलग तरीके से
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    सोचने की अनुमती देता है|
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    कैंसर जैसा एक व्याधी को लेलो|
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    १९५० से
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    हम ये ताला और चाबी नमूना कैंसर को
    लागू करने के लिये सख्त कोशिष कर रहे हैँ|
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    हम कोशिकाओँ को मारने की कोशिश किये
  • 4:46 - 4:50
    तरह तरह के कीमोथेरपी या
    लक्षित थेरपी इस्तेमाल करके,
  • 4:50 - 4:53
    और जैसे हम मेँ से बहुत लोग
    जानते है, वह काम किया|
  • 4:53 - 4:55
    वह ल्युकेमिया जैसे रोग केलिये काम किया|
  • 4:55 - 4:57
    वह स्तन कैंसर के कुछ रूपोँ मेँ काम किया,
  • 4:57 - 5:01
    पर अंततः आप उस दृष्टिकोण की
    छत के लिए चला रहे हैं।
  • 5:01 - 5:03
    और सिर्फ पिछले दस साल मे
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    हम प्रतिरक्षा प्रणाली को
    उपयोग करने कीबारे मेँ सोचना शुरू
  • 5:06 - 5:10
    किये,ये याद करके कि वास्तव मेँ
    कैंसर कोशिका शून्य मेँ नही उगती|
  • 5:10 - 5:12
    वह वास्तव मेँ मानव जीव मेँ उगता है|
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    और क्या आप जीवधारी
    क्षमता का उपयोग कर सकते हैँ,
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    कैंसर पर वार करने के लिये?
    ये सत्य है कि मानव का एक प्रतिरक्षा
  • 5:17 - 5:21
    प्रणाली है हालाँकि,ये कैंसर के सबसे
    शानदार नये दवाइयोँ का नेत्रुत्व किया है|
  • 5:22 - 5:26
    और अंत मेँ पर्यावरण
    का स्तर है,है कि नही?
  • 5:26 - 5:29
    पता है ,हम कैंसर को पर्यावरण
    मेँ बदलाव जैसा नही सोचते|
  • 5:29 - 5:34
    पर मुझे आप को गहराई से कैंसरकारी पर्यावरण
    का एक उद्धरण देने दो|
  • 5:34 - 5:35
    उस को जेल बुलाते हैँ|
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    आप अकेलापन को लेलो,
    आप मंदी को लेलो, आप कारावास को लेलो,
  • 5:41 - 5:43
    और आप उसको जोड दीजिये,
  • 5:43 - 5:46
    कागज के एक छोटे
    सफेद चादर में लुढ़का ,
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    हमारे जानकारी मेँ सबसे श्क्तिशाली
    न्युरोस्टिमुलन्ट मेँ से एक निकोटिन नाम का,
  • 5:51 - 5:56
    और उसको आप सबसे शक्तिशाली
    नशे की लत मेँ से एक को जोड दीजिये,
  • 5:56 - 5:59
    और आप पायेंगे एक
    समर्थक कैंसरकारी पर्यावरण|
  • 6:00 - 6:02
    पर आप विरोधी कैंसरकारी
    वातावरण भी पा सकते हैँ|
  • 6:02 - 6:05
    परिवेश बनाने की प्रयास कर रहे हैँ,
  • 6:05 - 6:08
    उदाहरण के लिये, स्तन कैंसर के लिये
    हार्मोनल परिवेश बदल जाना|
  • 6:08 - 6:12
    हम दूसरे तरह की कैंसरोँ मेँ चयापचय परिवेश
    को बदलने की कोशिश करते हैँ|
  • 6:12 - 6:14
    या दूसरे रोग को लो, जैसे अवसाद|
  • 6:14 - 6:17
    फिर से,ऊपर की तरफ काम करते हुए,
  • 6:17 - 6:21
    १९६० और १९७० से,हम सख्त
    फिर से कोशिश की है
  • 6:21 - 6:25
    तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संचालित
    अणुओं को बंद करने के लिए -
  • 6:25 - 6:27
    सिरोटोनिन, डोपमैन--
  • 6:27 - 6:29
    और मंदि को इस तरह से
    इलाज करने की
  • 6:29 - 6:32
    कोशिश किया,और वह काम किया,
    लेकिन वह सीमा पहुंच गयी|
  • 6:33 - 6:36
    और अब हम जानते हैँ कि वास्तव मेँ
    हमेँ क्या करने की
  • 6:36 - 6:39
    जरूरत है कि अंगोँ की,मस्तिष्क की
    शरीर विज्ञान बदलना चाहिये,
  • 6:39 - 6:41
    उसको फिरसे जोडिए करो,
    फिर से तैयार करो,
  • 6:41 - 6:43
    और वह जाहिर है, हमे पता है
    अध्ययन पर अध्ययन दिखा दिया
  • 6:43 - 6:45
    किबात चिकित्सा वोही काम करती है,
  • 6:45 - 6:47
    और अध्ययन पर अध्ययन
    ये दिखा दिया कि बात चिकिस्ता
  • 6:47 - 6:51
    दवाइयाँ, गोलियाँ के साथ मिलकर
  • 6:51 - 6:53
    वास्तव मेँ दोनोँ मेँसे एक
    अकेलेसे अधिक प्रभावी है|
  • 6:54 - 6:57
    हम अवसूद को बदलने वाला तल्लीन
    पर्यावरण कल्पना कर सकते हैँ?
  • 6:57 - 7:01
    आप अवसाद को प्रकट करनेवाला
    संकेत को ताला लगा सकते हैँ?
  • 7:02 - 7:07
    फिर, संगठन के इस श्रेणीबद्ध श्रृंखला के
    साथ ऊपर की तरफ बढ़ रहा है।
  • 7:08 - 7:10
    वास्तव में यहां दांव पर क्या है
  • 7:10 - 7:14
    खुद दवाई नही बल्कि रूपंतर है|
  • 7:14 - 7:16
    गँभीर चिरकारी अपेक्षीय रोगोँ--
  • 7:16 - 7:20
    गुर्दे की विफलता, मधुमेह,
    उच्च रक्तचाप, ऑस्टियोआर्थराइटिस --
  • 7:20 - 7:23
    के मामलोँ मेँ किसी चीज को
    मारने की बजाय, हमेँ वास्तव मेँ
  • 7:23 - 7:27
    क्या करने की जरूरत है कि
    रूपांतर को बदलना नाकि किसी चीज को बढायेँ|
  • 7:27 - 7:29
    और शायद वह कुंजी है,
  • 7:29 - 7:31
    हमारे सोचने की तरीके को
    फिर से निर्माण करने के लिए|
  • 7:31 - 7:35
    अब,ये बदलने की विचार,
  • 7:35 - 7:37
    एक अवधारणात्मक पारी
    बनाने की,लगभग १० साल पहले एक
  • 7:37 - 7:40
    बहुत ही व्यक्तिगत रूप में
    बसेरा करने के लिए मेरे पास आया था|
  • 7:40 - 7:43
    लगभग दस साल पहले--
    मैँ मेरे अधिकांश जीवन एक हरकारा था--
  • 7:43 - 7:45
    मैँ शनिवार सुबह एक दौढ के लिए गया था,
  • 7:45 - 7:48
    मैँ वापस आया और जागा और मैं
    मूल रूप से हिल नहीं पारहा था।
  • 7:48 - 7:50
    मेरा दाएं घुटने, सूज गया था,
  • 7:50 - 7:53
    और आप हड्डी के खिलाफ
    हड्डी की अशुभ कमी सुन सकते हैँ।
  • 7:54 - 7:59
    और वैद्य होने का एक लाभ ये है कि
    आप अपना MRI खुद मंगा सकते हैँ|
  • 7:59 - 8:03
    और मेरा MRI अगले हफ्ते हुआ,
    और वह ऐसा दिख रहा था|
  • 8:03 - 8:07
    मूलतः, हड्डी के बीच कि
    उपास्थि का मेनिस्कस
  • 8:07 - 8:11
    पूरीतरह से टूट चुका था
    और हड्डी ही टूट गया था|
  • 8:11 - 8:13
    अब आप मेरे तरफ देख रहे हैँ
    और खेद मेहसूस कर रहे हैँ,
  • 8:13 - 8:15
    मुझे आप को कुछ बातेँ बताने दीजिये|
  • 8:15 - 8:19
    अगर मैँ यहाँ के श्रोतागण
    के हर व्यक्ति के MRI लूंगा,
  • 8:19 - 8:21
    आप मेँ से ६० प्रतिशत इसतरह के
  • 8:22 - 8:24
    हड्डी अध: पतन और उपास्थी
    अध: पतन के लक्षण दिखायेंगे|
  • 8:24 - 8:28
    ७०साल की उम्र से सभी
    महिलाओं में से ८५ प्रतिशत
  • 8:28 - 8:31
    उदार से तीव्र उपास्थि के
    अध: पतन लक्षण दिखायेंगे|
  • 8:31 - 8:34
    इस स्रोतागण के
    पुरुषोँ मेँ ५० से ६० प्रतिशत भी
  • 8:34 - 8:35
    ऐसे लक्षण दिखायेंगे|
  • 8:35 - 8:37
    ये बहुत आम रोग है|
  • 8:37 - 8:39
    खैर,वैद्य होने का दूसरा लाभ ये है
  • 8:39 - 8:42
    कि आप अपने बीमारिओँ
    पर खुद प्रयोग करने को मिलता है|
  • 8:42 - 8:44
    तो १० साल पहले हमने शुरू किया,
  • 8:44 - 8:47
    हम इस विधि को प्रयोगशालामेँ लायेँ,
  • 8:47 - 8:49
    और हम सरल प्रयोगोँ करना शुरू किये,इस
  • 8:49 - 8:51
    अध: पतन को बुद्धिरहित रूप से
    तय करने की कोशिश किया|
  • 8:51 - 8:56
    हमने जानवरोँ के घुटनोँ के रिक्थ स्थानोँ
    मेँ रसायन इंजेक्ट करने की कोशिश की हैँ
  • 8:56 - 8:59
    उपास्थि की अध: पतन
    को उल्टा करने के लिये ,
  • 8:59 - 9:03
    और एक बहुत लंबी और दर्दनाक प्रक्रिया पर
    संक्षिप्त सारांश डालने के लिये,
  • 9:03 - 9:05
    अनिवार्य रूप से यह शून्य पर आया था।
  • 9:05 - 9:06
    कुछ भी नही हुआ|
  • 9:07 - 9:12
    और फिर सात साल पहले ,ऑस्ट्रेलिया
    से एक शोध छात्र हमारे पास आया था|
  • 9:12 - 9:13
    ऑस्ट्रेलियंस के बारे मेँ अच्छी
  • 9:13 - 9:17
    बात ये है कि उनको दुनिया को उल्टा
    देखने की आदत हो चुकी है|
  • 9:17 - 9:18
    (हँसी)
  • 9:18 - 9:22
    और इसीलिये डान ने मुझे सुझाव दिया ,"तुम
    जानते हो,शायद ये मेखानिकल समस्या नही|
  • 9:22 - 9:26
    शायद ये रसायन समस्या नही|
    शायद ये स्टेम सेल की समस्या है|"
  • 9:27 - 9:30
    अन्य श्ब्दोँ मेँ,उनके पास
    दो परिकल्पनायेँ हैँ|
  • 9:30 - 9:33
    नँबर एक,कंकाल की
    स्टेम सेल के रूप में ऐसी कोई चीज है--
  • 9:34 - 9:37
    एक कंकाल की स्टेम सेल जो
    पूरे कशेरुकी कंकाल को बनाती है,
  • 9:37 - 9:40
    हड्डी, उपास्थि और
    कंकाल की रेशेदार तत्वों,
  • 9:40 - 9:41
    ठीक जैसे एक स्टेम सेल खून मेँ है,
  • 9:42 - 9:44
    ठीक वैसा एक स्टेम सेल
    तंत्रिका व्यवस्था मे है|
  • 9:44 - 9:48
    और नंबर दो,शायद ,इस स्टेम सेल की
    अध: पतन या शिथिलता
  • 9:48 - 9:51
    आस्टियोखांड्रियल गठिया,
    एक बहुत ही आम बीमारी के कारण है।
  • 9:51 - 9:54
    तो वास्तव मेँ प्रश्न ये है था कि,
    हम एक पिल के लिये देख रहे हैँ
  • 9:54 - 9:57
    जब हमेँ वास्तव मे
    एक सेल के तरफ देखना चाहिये|
  • 9:57 - 10:00
    इसलिये हमने हमारे
    नमूने को बदल दिया,
  • 10:00 - 10:03
    और अब हम कंकाल की
    स्टेम कोशिकाओँ के लिये देख्ना शुरू किया|
  • 10:04 - 10:06
    और फिर एक लंबी कहानी संक्षेप में कटौती,
  • 10:06 - 10:09
    पांच साल पहले, हमने इन सेल्स को डूंढ लिया|
  • 10:10 - 10:12
    ओ कंकाल मेँ रहते हैँ|
  • 10:12 - 10:15
    यहाँ एक योजनाबद्ध और
    फिर एक असली फोटोग्राफ है।
  • 10:15 - 10:17
    सफेद पदार्थ हड्डी है,
  • 10:17 - 10:20
    और यह आप देख रहे हैँ
    लाल कालम्स और पीले कोशिकाओँ
  • 10:20 - 10:23
    एक ही कंकाल की स्टेम सेल से
    पैदा हुई कोशिकाओं हैं -
  • 10:24 - 10:27
    उपास्थि के कॉलम्स ,हड्डी के कॉलम्स
    एक ही कोशिका मेँ से आरहे हैँ|
  • 10:27 - 10:30
    ये कोशिकायेँ अद्भुत हैँ|
    उन्के चार गुण हैँ|
  • 10:30 - 10:34
    नंबर एक उनको जहाँ जीने
    की उम्मीद हो वो वहाँ रहते हैँ|
  • 10:34 - 10:36
    वे सिर्फ हड्डी की और उपास्थि की सतह के
  • 10:36 - 10:38
    नीचे रहते हैं,
  • 10:38 - 10:41
    आप जानते हैँ,जीव शास्त्र मेँ
    वह स्थान,स्थान,स्थान है|
  • 10:41 - 10:45
    और वे उचित क्षेत्रों पर जाते हैँ
    और उपास्थि और हड्डी बनाते हैँ|
  • 10:45 - 10:46
    वह एक है|
  • 10:46 - 10:48
    यहाँ एक दिलचस्प लक्षण है|
  • 10:48 - 10:50
    आप उनको कशेरुकी कंकाल
    के बाहर निकाल सकते हैँ,
  • 10:50 - 10:53
    आप उनको प्रयोग शाला मेँ
    पेट्रि डिषेस मेँ कल्चर करसकते,
  • 10:53 - 10:55
    और वे मरके उपास्थि का स्रुष्टि करेंगे|
  • 10:55 - 10:58
    हम कैसे उपास्थि को
    पैसे या प्यार के लिये नहीँ बना पाये?
  • 10:58 - 11:00
    इन सेल्स मरके
    उपास्थि को बनायेंगे |
  • 11:00 - 11:03
    वे अपने चारोँ ओर
    खुद के उपास्थि के फर्ल्स बनायेंगे|
  • 11:03 - 11:04
    वे ,नँबर तीन,
  • 11:04 - 11:08
    भंग के मरम्मत के सबसे निपुण
    जो हमने कभी भी सामना किया|
  • 11:09 - 11:12
    ये बहुत छोटा हड्डी है,
    एक मौस का हड्डी जो हमने तोडा और फिर खुद
  • 11:12 - 11:13
    मरम्मत करने
    के लिये छोड दिया|
  • 11:13 - 11:16
    ये स्टेम कोशिकायेँ
    आयेँ और हलदी मेँ, हड्डी,
  • 11:16 - 11:19
    सफेद मेँ ,उपास्थी,लगभग
    पूरी तरह से मरम्म्त किया|
  • 11:19 - 11:23
    इतना तो है कि यदि आप एक
    फ्लोरोसेंट डाई के साथ उन्हें लेबल
  • 11:23 - 11:26
    आप उन्हेएक तरह के
    अजीब सेलुलर गोंद जैसे देख सकते हैँ
  • 11:26 - 11:28
    फ्राक्चर के जगह मेँ आते हैँ,
  • 11:28 - 11:31
    स्थानीय स्थर पर फिक्स करते हैँ
    और उन्के काम रोकते हैँ|
  • 11:31 - 11:34
    अब,चौधा वाला सबसे भयंकर है,
  • 11:34 - 11:38
    और वह ये है कि उनकी
    संख्या तेजी सेगिरती है,
  • 11:38 - 11:42
    तेजी से,दस गुना,पचास गुना,
    जैसे आप बडे होते हैँ|
  • 11:43 - 11:44
    और वास्तव मेँ क्या हुआ,
  • 11:44 - 11:47
    कि हम खुद को एक
    अवधारणात्मक पाली मेँ पाते हैँ।
  • 11:47 - 11:50
    हम पिल्स को डूँढ्ने गये
  • 11:50 - 11:52
    पर हम सिद्धंतोँ को
    खोज करते हुये खत्म कर दिये|
  • 11:52 - 11:53
    और कुछ मायनोँ मेँ
  • 11:54 - 11:56
    हम इस विचार पर खुद वापस झुके थे:
  • 11:56 - 11:59
    कोशिकायेँ, जीवोँ, वातावरण,
  • 11:59 - 12:02
    क्योंकि हम अब हड्डी के
    स्टेम सेल्स के बारे मेँ
  • 12:02 - 12:05
    सोच रहे थे, हम गठिया को एक
    सेलुलर रोग के रूप मेँ सोच रहे थे|
  • 12:06 - 12:08
    और फिर अगला सवाल है
    कि वो अवयव हैं क्या?
  • 12:08 - 12:10
    क्या आप शरीर के बाहर अंग का
    निर्माण कर सकते हो?
  • 12:10 - 12:14
    क्या आप आघात के क्षेत्रों में उपास्थि
    प्रत्यारोपण कर सकते हो?
  • 12:14 - 12:16
    और शायद बहुत दिलचस्पी से,
  • 12:16 - 12:19
    क्या आप ठीक ऊपर चढ़ कर
    वातावरण की रचना कर सकते हो?
  • 12:19 - 12:22
    आप को पता और हमें भी पता
    कि व्यायाम से हड्डीयों का पुनर्निर्माण
  • 12:22 - 12:24
    होगा लेकिन हम मे से
    कोई भी व्यायाम नहीं करते|
  • 12:24 - 12:29
    इसलिये आप हड्डी के लोडिंग और अनलोडिंग
    के तरीकोँ के कल्पना कर सकते हो
  • 12:29 - 12:34
    ताकि आप अध: पतन उपास्थी का
    पुन:सृष्ट या पुनरुद्धार कर सकते हैँ?
  • 12:34 - 12:37
    और शायद अधिक दिलचस्प है,
    और अधिक महत्वपूर्ण बात,
  • 12:37 - 12:40
    सवाल ये है कि क्या आप इस मॉडल को
    अधिक विश्व स्तर पर लागू कर सकते हैं?
  • 12:40 - 12:44
    जैसे कि मैंने पहले कहा था,
    कुछ चीज को मारना नही
  • 12:44 - 12:46
    बल्कि बढा करना दांव पर है|
  • 12:46 - 12:51
    और यह मुझे लगता है, चिकित्सा के बारे
    में सोचने के तरीके के बारे में
  • 12:51 - 12:54
    सबसे दिलचस्प सवालों की एक
    श्रृंखला को जन्म देती है।
  • 12:55 - 12:58
    क्या आपकी दवा एक सेल
    और गोली नही हो सकता है?
  • 12:59 - 13:01
    कैसे हम इन कोशिकाओं को विकसित करेंगे?
  • 13:01 - 13:04
    हम इन कोशिकाओं की हानिकारक
    व्रुद्धी को कैसे रोक सकते है?
  • 13:04 - 13:08
    हम ने विकास छेडऩे की समस्याओं
    के बारे में सुना है।
  • 13:08 - 13:11
    क्या हम बढ़नते हुए इन कोशिकाओं को
    रोकने के लिए आत्महत्या
  • 13:11 - 13:12
    जीन प्रत्यारोपण कर सकते हैं?
  • 13:13 - 13:17
    क्या आपकी दवा शरीर के बाहर
    बनाया एक अंग हो सकता है जो
  • 13:17 - 13:19
    फिर शरीर में प्रत्यारोपित किया गया?
  • 13:19 - 13:22
    क्या वो कुछ भ्रष्ट होने से रोक सकता है?
  • 13:22 - 13:24
    अंग मे स्मृति होने की जरूरत क्या है?
  • 13:24 - 13:28
    तंत्रिका तंत्र के रोगों के मामलों में,
    उन अंगों के कुछ स्मृति है।
  • 13:28 - 13:31
    हम कैसे उन यादों को
    प्रत्यारोपण कर सकते है?
  • 13:31 - 13:33
    हम क्या ये अंगों को बचा रख सकते हैं?
  • 13:33 - 13:36
    क्या इन्सान की हरेक अंग को
    विकसित करके
  • 13:36 - 13:37
    और उसको वापस रखना होगा?
  • 13:39 - 13:41
    और शायद सबसे उलझन पैदा करते हुए,
  • 13:41 - 13:43
    क्या आपकी दवा एक वातावरण हो सकता है?
  • 13:44 - 13:46
    क्या आप वातावरण को पेटेंट कर सकते?
  • 13:46 - 13:49
    आप जानते है, हर संस्कृति में,
  • 13:49 - 13:52
    शामन्स दवाओं के रूप में वातावरण
    का उपयोग किया गया है।
  • 13:52 - 13:55
    हम अपने भविष्य के लिए
    क्या कल्पना कर सकते हैं?
  • 13:56 - 13:59
    मैं ने मॉडल के बारे में कई बात की।
    मैं ने मॉडल के साथ इस बातचीत शुरू की।
  • 13:59 - 14:02
    मॉडल के निर्माण के बारे में
    कुछ विचार से खत्म करूँ।
  • 14:02 - 14:04
    यहीं हमारे जैसे वैज्ञानिक करते है|
  • 14:04 - 14:08
    आप जानते है कि जब एक
    वास्तुकार मॉडल को बनाते है,
  • 14:08 - 14:11
    वह लघु में आपको एक दुनिया को दिखाने
    की कोशिश कर रहा/रही है।
  • 14:11 - 14:14
    लेकिन जब एक वैज्ञानिक मॉडल को बनाते है,
  • 14:14 - 14:16
    वह रूपक में दुनिया को दिखाने
    की कोशिश कर रहा/रही है।
  • 14:18 - 14:21
    वह नई तरह से देखने की सृजन करने
    की कोशिश कर रहा/रही है।
  • 14:21 - 14:26
    पहला पैमाने बदलाव है।
    बाद वाला एक अवधारणात्मक बदलाव है।
  • 14:27 - 14:32
    अब, एंटीबायोटिक दवा के बारे
    में पिछले सौ सालों में
  • 14:32 - 14:36
    अपनी सोच में वास्तव में
    रंगीन, विरूपित, बहुत
  • 14:36 - 14:40
    सफलतापूर्वक अवधारणात्मक
    पारी बनाया|
  • 14:40 - 14:45
    लेकिन हमें भविष्य में दवा के बारे में
    सोचने के लिए नई मॉडलों की जरूरत है|
  • 14:45 - 14:46
    कि दांव पर क्या है|
  • 14:47 - 14:51
    आप जानते है कि एक
    लोकप्रिय खीस्तयाग वहाँ है
  • 14:51 - 14:55
    जिसके कारण है कि हमें परिवर्तनकारी
    बीमारी के उपचार पर
  • 14:55 - 14:57
    प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि
  • 14:57 - 15:00
    हमारे पास पर्याप्त
    शक्तिशाली दवाओं नहीं है
  • 15:00 - 15:01
    और ये आंशिक रूप से सच है।
  • 15:02 - 15:04
    लेकिन शायद सही कारण ये है
  • 15:04 - 15:07
    कि हमारे पास दवाई के बारे में
    सोचने की शक्तिशाली तरीके नहीं है|
  • 15:09 - 15:11
    ये जरूर सच है कि
  • 15:11 - 15:15
    नई दवाई मिलने से अच्छा होगा|
  • 15:15 - 15:19
    लेकिन शायद वास्तव में दांव पर
    जो तीन अमूर्त समाप्त हैं:
  • 15:19 - 15:23
    तंत्र, नमूने, रूपकों।
  • 15:23 - 15:25
    धन्यवाद|
  • 15:25 - 15:32
    (तालियाँ)
  • 15:34 - 15:37
    क्रिस एंडरसन:
    मुझे वास्तव में इस तरह की रूपक पसंद है।
  • 15:37 - 15:39
    कैसे ये लिंक होता है?
  • 15:39 - 15:42
    चिकित्सा के निजीकरण के बारे में
  • 15:42 - 15:44
    तकनीकी प्रदेश में बहुत
    कुछ बात हो रही है,
  • 15:44 - 15:47
    कि हमारे पास सब कुछ समाचार है
    और भविष्य के चिकित्सा उपहार
  • 15:47 - 15:52
    विशेष रूप से आप के लिए हो, अपने जीनोम,
    अपने वर्तमान संदर्भ में होगा।
  • 15:52 - 15:56
    क्या इस नमूना के लिए
    ये लागू हो सकता है?
  • 15:56 - 15:58
    सिद्धार्थ मुख्रर्जी:
    ये एक बहुत ही दिलचस्प सवाल है|
  • 15:58 - 16:01
    हम जीनोमिक्स के मामले में
    बहुत ज्यादा दवा के
  • 16:01 - 16:02
    निजीकरण के बारे में सोचा है।
  • 16:02 - 16:05
    ये इसलिए कि जीन एक
    ऐसा प्रभावी रूपांतर है कि,
  • 16:05 - 16:08
    फिर से,उस शब्द को इस्तेमाल करना,
    आज औषधि शास्त्र मेँ,
  • 16:08 - 16:12
    कि हम ये सोचते जीनोम चिकित्सा की
    निजीकरण को ड्राइव करेगी|
  • 16:12 - 16:15
    पर बेशक जीनोम एक
  • 16:15 - 16:19
    लंबी श्रुंखला की तल पर है,
    योँ कहिये तो|
  • 16:19 - 16:22
    वह श्रुंखला,वास्तव मेँ उसका सबसे
    पहला संगठित मात्रक, कोशिका है|
  • 16:22 - 16:25
    तो,अगर हम वास्तव में इस तरह से
    चिकित्सा में वितरित करने के लिए
  • 16:25 - 16:28
    जा रहे हैं,हम सेलुलर उपचारों को
    व्यक्तिगत के बारे में
  • 16:28 - 16:31
    सोचना है,और फिर अंग या
    जीवधारी उपचारों को व्यक्तिगत,
  • 16:31 - 16:35
    और अंत मेँ पर्यावरण के लिए इमार्शन के
    उपचारों को व्यक्तिगत रूप देना पडेगा|
  • 16:35 - 16:38
    इसलिए मुझे लगता है कि आप जानते हैं,
    हर स्तर पर लगता है कि --
  • 16:38 - 16:41
    रूपक ये है कि सभी
    तरह से कछुए वहाँ है।
  • 16:41 - 16:43
    खैर, इस में, पूरी तरह से निजीकरण है।
  • 16:43 - 16:46
    CA: तो अगर आप जब कहते हैं कि
    दवा एक सेल हो सकता है
  • 16:46 - 16:48
    और एक गोली नहीं,
    आप संभवतः
  • 16:48 - 16:50
    अपने ही सेलों के बारे में
    बात कर रहे हैं।
  • 16:50 - 16:53
    SM: बिल्कुल।
    CA: तो स्टेम सेल में परिवर्तित करके,
  • 16:53 - 16:57
    शायद सभी प्रकार के दवाओं या और कुछ के
    खिलाफ जांच करके और तैयार किया।
  • 16:57 - 17:00
    SM: और कोई शायद नहीं है।
    यही है जो हम कर रहे है।
  • 17:00 - 17:04
    यह क्या हो रहा है, और वास्तव में,
    हम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं,
  • 17:04 - 17:07
    जीनोमिक्स से दूर नही,
    बल्कि जीनोमिक्स को हम क्या कहते
  • 17:07 - 17:12
    बहु-व्यवस्था, अर्द्ध स्वायत्त, आत्म
    विनियमन प्रणालियों,मेँ शामिल करते हुये
  • 17:12 - 17:15
    जैसे कोशिकायेँ, जैसे जीवोँ, जैसे वातावरण|
  • 17:15 - 17:17
    CA: बहुत धन्यवाद|
  • 17:17 - 17:18
    SM: खुशी हुई| धन्यवाद|
Title:
जल्द ही हम एक गोली से नहीं, बल्कि एक पेशी के साथ बीमारियों की इलाज करेंगे
Speaker:
सिद्धार्थ मुखर्जी
Description:

वर्तमान चिकित्सा उपचार छे शब्दों मे सारांश निकाल सकते है: बीमारी पाना, गोली लेना, कुछ वध| लेकिन चिकित्सक सिद्धार्थ मुखर्जी दवा के भविष्य के बारे में बताते है कि हमारी इलाज करने की तरीकों मे काफी बदलाव होगी।

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
17:31

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