रस्सी कूदने को अपनी ताल कैसे मिली
-
0:00 - 0:01यदि आप ठीक से करेंगे,
-
0:01 - 0:02तो यह ऐसा सुनाई देगा:
-
0:02 - 0:05टिक-टेट,टिक-टेट,
-
0:05 - 0:07टिक-टेट, टिक-टेट,टिक-टेट,टिक-टेट,
-
0:07 - 0:08यदि आप गलत कर रहें हैं तो
-
0:08 - 0:09यह ऐसा सुनाई देगा:
-
0:09 - 0:10टिक-टेट,टिक-टेट,टिक-टेट.
-
0:10 - 0:13[छोटी वास्तु. बड़ा विचार.]
-
0:14 - 0:15[कायरा गोंत ; रस्सी कूदना पर]
-
0:16 - 0:19रस्सी एक सरल चीज़ है.
-
0:19 - 0:21यह किसी रस्सी या
कपडे सुखाने वाली वाइर या -
0:21 - 0:23मोटी सुतली से बना सकते हैं.
-
0:23 - 0:25इस पर घुमाव होता है,
( हंसी) -
0:25 - 0:27मुझे मालूम नहीं इसे कैसे
समझाऊं. -
0:27 - 0:31ज़रूरी यह है कि इसका
कुछ वज़न होता है. -
0:31 - 0:33और इसकी एक चाबुक जैसी
आवाज़ होती है. -
0:33 - 0:34ये स्पष्ट नहीं है कि
-
0:34 - 0:37रस्सी के खेल की
शुरुआत कब हुई -
0:37 - 0:38कुछ सबूत बताते हैं
कि इसकी शुरुआत -
0:38 - 0:41प्राचीन मिस्र, फिनिशिया
में हुई थी -
0:41 - 0:42और संभावित ही
डच आदिवासी के साथ -
0:42 - 0:44उत्तरी अमरीका पहुँच गई
-
0:44 - 0:47रस्सी ज्यादा प्रचारित हो गयी
-
0:47 - 0:49जब औरतों के कपडे ज्यादा फिट हो गए
-
0:49 - 0:52और पतलून शुरू हो गयी.
-
0:52 - 0:55और तभी लड़कियां आसानी से
रस्सी कूदसकते थे. -
0:55 - 0:57अब स्कर्ट को रस्सी में
फसने का डर नहीं था. -
0:57 - 0:58गवरनेस ने रस्सी कूदने
का इस्तमाल -
0:58 - 1:01अपने वार्डों को प्रशिक्षित करने में किया.
-
1:01 - 1:02यहां तक कि पूर्व
गुलाम बनाये गए -
1:02 - 1:04अफ्रीकी बच्चों ने भी युद्ध के बाद
-
1:04 - 1:06रस्सी खेलना शुरू किया.
-
1:06 - 1:081950 के दशक में हार्लेम,
-
1:08 - 1:11ब्रोंक्स, ब्रुकलिन, क्वींस,
-
1:11 - 1:12बहुत सारी लड़कियों को
फुटपाथ पर रस्सी कूदते -
1:12 - 1:15हुए देखा जा सकता था.
-
1:15 - 1:16कभी कभी वे दो रस्सियों
को मिला कर -
1:16 - 1:19एक रस्सी बनाते थे .
-
1:19 - 1:20लेकिन आप उन्हें अलग कर भी
घूमा सकते हैं -
1:20 - 1:23एक अंडा फेंटने वाली मशीन की तरह.
-
1:23 - 1:25रस्सी कूदना एक एक
स्थिर समयरेखा की तरह था. -
1:25 - 1:27टिक, टिक, टिक, टिक --
-
1:27 - 1:31जिसपर आप कवताएँ ,गाने
और मंत्र जोड़ सकते हैं -
1:31 - 1:33वो रास्सियाँ एक ऐसा स्थान बनती थीं
-
1:33 - 1:35जहाँ हम कुछ योग्दान देने में सक्षम थे
-
1:35 - 1:37जो एक मोहल्ले से भी ज्यादा बड़ा था .
-
1:38 - 1:39डबल डच रस्सी अभी भी
संस्कृति व् पहचान का -
1:39 - 1:41एक शक्तिशाली चिह्न है
-
1:41 - 1:43काले रंग की महिलायों के लिए.
-
1:43 - 1:45१९५० से १९७० के दशक तक
-
1:45 - 1:47लड़कियों को खेल खेलना नहीं दिया जाता था
-
1:47 - 1:49लडके बेसबॉल बास्केटबॉल और फुटबॉल खेलते ,
-
1:49 - 1:51पर लड़कियों को यह
इजाज़त नहीं थी. -
1:51 - 1:54अब समय काफी बदल गया है,
पर उस दौर में -
1:54 - 1:56
लड़कियों का खेल के मैदान पर राज था. -
1:56 - 1:58
वे सुनिश्चित करती
कि लड़के उसमें हिस्सेदार न हों. -
1:58 - 2:01यह उनका स्थान है,
यह एक नारी-शक्ति स्थान है -
2:01 - 2:03यह वह जगह है जहां वे रौशनी बिखेरते हैं।
-
2:03 - 2:04मुझे यह भी लगता है कि
यह लड़कों के लिए है -
2:04 - 2:06
क्योंकि लड़कों ने उनको सुना -
2:06 - 2:08इसलिए मुझे लगता है,
इतने सारे हिप-हॉप कलाकारो -
2:08 - 2:11ने काली लड़कियों के गानों से मिसाल ली.
-
2:11 - 2:14
(जप) ... ठंडा, मोटी हिला,
जैसे आप फ्लिप करने के लिए कैसे जानते हैं, -
2:14 - 2:16फिश-ओ-फिश, क्वार्टर पाउंडर,
-
2:16 - 2:17फ्रेंच फ्राइज़, ठंडी बर्फ गाड़ा शेक,
-
2:17 - 2:19जैसे आप कूदना जानते हैं
-
2:19 - 2:23नेली का गाना "कंट्री ग्राम्मे"र "क्यों
ग्रैमी अवार्ड-जीतने वाला एकल बना -
2:23 - 2:25क्योंकि लोग पहले से ही उस गाने को जानते थे
-
2:25 - 2:29"वी आर गोइंग डाउन बेबी
एक रेंज रोवेर कार में .... " -
2:29 - 2:32यह शुरात थी " डाउन डाउन, बेबी
डाउन दा रोलर कोस्टर ..." -
2:32 - 2:34स्वीट स्वीट बेबी, आई विल नेवर लेट यू गो."
-
2:34 - 2:38जो लोग किसी भी
काले शहरी समुदाय में बड़े हुए हैं -
2:38 - 2:40वे यह गाना जानते होंगे.
-
2:40 - 2:42और इसलिए यह एक शुरू से ही तैयार हिट था
-
2:43 - 2:47डबल डच रस्सी के खेल ने
इन गानों को बनाए रखने में मदद की -
2:47 - 2:51और इनके मंत्रोंऔर इशारे को बनाए रखा
-
2:51 - 2:55जो बहुत स्वाभाविक है
इसे नें कहूँगी "काइनेटिक ओरलिटी " - -
2:55 - 2:57वर्ड ऑफ़ मौत और वर्ड ऑफ़ बॉडी
-
2:57 - 3:00यह पीदियों द्वारा पास किया जाता है
-
3:00 - 3:01कुछ मायनों में, रस्सी कूदने का खेल
-
3:01 - 3:03इसे ले जाने में मदद करती है
-
3:03 - 3:07आपको याद बदने के लिए कोई चेज़ चाहिए होती है
-
3:07 - 3:10एक रस्सी कई प्रकार से इस्तमाल की जा सकती हैं.
-
3:10 - 3:12यह संस्कृतियों को पार करता है
-
3:12 - 3:15और में समझती हूँ कि यह टिकी
-
3:15 - 3:17क्योंकि लोगों को आगे बदने की जरूरत थी ।
-
3:17 - 3:18और मुझे लगता है कि कभी-कभी सबसे सरल वस्तुएं
-
3:18 - 3:22सबसे रचनात्मक उपयोग कर सकते हैं।
- Title:
- रस्सी कूदने को अपनी ताल कैसे मिली
- Speaker:
- कायरा गोंत
- Description:
-
" डाउन डाउन, बेबी, डाउन डाउन दा रोलर कोस्टर ...." डबल डच की कई रानियों का कर्ज़दान है हिप हॉप . एथ्नोमुसिओकोलोगिस्त कायरा गोंत हमें रस्सी कूदने के आकर्षक इतिहास के दौरे पर ले जाती है।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TED Series
- Duration:
- 03:35
Omprakash Bisen approved Hindi subtitles for How the jump rope got its rhythm | ||
Annamraju Lalitha accepted Hindi subtitles for How the jump rope got its rhythm | ||
Annamraju Lalitha edited Hindi subtitles for How the jump rope got its rhythm | ||
Annamraju Lalitha edited Hindi subtitles for How the jump rope got its rhythm | ||
Annamraju Lalitha edited Hindi subtitles for How the jump rope got its rhythm | ||
Annamraju Lalitha edited Hindi subtitles for How the jump rope got its rhythm | ||
Annamraju Lalitha edited Hindi subtitles for How the jump rope got its rhythm | ||
Renu Chandna edited Hindi subtitles for How the jump rope got its rhythm |