स्थानीय समाचार के साथ लोकतंत्र का भी अंत होता है
-
0:01 - 0:04मै २३ से अधिक सालों से पत्रकार हूँ,
-
0:04 - 0:06"आर्कन्सा डेमोक्रैट-गैज़ेट",
-
0:06 - 0:08"पिट्सबर्ग ट्रिब्यून रिव्यु",
-
0:08 - 0:11और हाल ही में, "दी डैनवर पोस्ट" के लिए।
-
0:11 - 0:14(तालियां)
-
0:14 - 0:18जब मैने २००३ में "दी डैनवर पोस्ट" में
शुरुआत किया था, -
0:18 - 0:22वो देश के उच्च १० अखबारों में से था,
-
0:22 - 0:24एक विशाल लगभग ३०० पत्रकार
-
0:24 - 0:27अभिदाताओं की नीव पर है।
-
0:28 - 0:30उस समय, मै ३०-४० साल का था।
-
0:30 - 0:32उस उम्र का कोई भी महत्वाकांक्षी
-
0:32 - 0:35पत्रकार एक राष्ट्रीय अखबार जैसे, "दी न्यू
यॉर्क टाइम्स" -
0:35 - 0:37या "दी वॉल स्ट्रीट जर्नल" में काम करना
चाहेगा। -
0:38 - 0:39लेकिन मेरे "दी डैनवर पोस्ट" के
-
0:39 - 0:42पहले कुछ हफ़्तों में होश उड़ गए थे,
-
0:42 - 0:45और मैने सोचा, "यही मेरा अखबार होगा।
-
0:45 - 0:47मै अपना व्यवसाय यही बनाऊंगा।"
-
0:48 - 0:50सात साल बीत गए,
-
0:50 - 0:53हम एक हेज फंड को बिक गए,
-
0:53 - 0:54एल्डन ग्लोबल कैपिटल।
-
0:55 - 0:57कुछ सालों में --
-
0:57 - 0:58(हसी)
-
0:58 - 1:00(हसी)
-
1:00 - 1:01आप में से कुछ यह किस्सा
-
1:01 - 1:04जानते हैं। (हसी)
-
1:05 - 1:06कुछ सालों में,
-
1:06 - 1:09अभी और पहले के मालिकों की खरीदी
-
1:09 - 1:11वाचनालय को करीब आधा कर देता।
-
1:13 - 1:14और मै समझा।
-
1:14 - 1:19अंगुष्ट नियम हुआ करता थे कि अखबार की ८०
फ़ीसदी आमदनी -
1:19 - 1:22महंगे छपे हुए विज्ञापनों और क्लासफील्ड्स
से आती थी। -
1:22 - 1:26उभरती हुई बड़ी कम्पनियाँ जैसे
गूगल, फेसबुक, और क्रैगसलिस्ट -
1:26 - 1:29के आने से विज्ञापनों का पैसा गायब हो गया।
-
1:29 - 1:34पूरा व्यवसाय प्रिंट से डिजिटल की ओर
व्यापक मोड़ ले रहा था। -
1:34 - 1:37एल्डन के आदेश थे डिजिटल पहले।
-
1:37 - 1:41ब्लोग्स, वीडियो, और सोशल मीडिया के लाभ
उठाओ। -
1:41 - 1:43उन्होंने ने कहा कि एक दिन,
-
1:43 - 1:49जो आमदनी हम ऑनलाइन में कमाएंगे, वो हमारे
घाटे की भरपाई कर देगा। -
1:50 - 1:51वो दिन कभी नहीं आया।
-
1:52 - 1:55२०१३ में हमने एक पुलित्ज़र पुरुस्कार जीता
-
1:55 - 1:58औरोरा थिएटर शूटिंग प्रकाशित करने के लिए।
-
1:59 - 2:02एल्डन ने आदेश पत्रकारों की
कटौती का आदेश दिया। -
2:03 - 2:04फिर से,
-
2:04 - 2:06फिर से,
-
2:06 - 2:07फिर से,
-
2:07 - 2:08फिर से।
-
2:08 - 2:12हमें हमारे होनहार, मेहनती पत्रकारों को
अलविदा कहना पड़ा -
2:12 - 2:15जिन्हे हम मित्र नहीं
-
2:15 - 2:16परिवार मानते थे।
-
2:17 - 2:20जो हममे से बच गए, उन्हें काम के बोझ से
खींचा गया, -
2:20 - 2:24कई सारे विषयों और
अनुच्छेदों पे काम करवाया। -
2:25 - 2:29मार्च २०१८ में एक बिना खिड़की के
बैठक के कमरे में, -
2:29 - 2:33हमें ज्ञात हुआ कि हममे से
३० और को जाना पड़ेगा। -
2:34 - 2:37जिस अखबार के कभी ३०० पत्रकार थे
-
2:37 - 2:40उसके अब सिर्फ ७० बचेंगे।
-
2:41 - 2:43समझ में नहीं आ रहा था।
-
2:43 - 2:46यहां हमने पुलित्ज़र पुरस्कार जीते थे।
-
2:46 - 2:48हमारा ध्यान प्रिंट से डिजिटल की ओर गया,
-
2:48 - 2:50हम महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्राप्त करते थे
-
2:50 - 2:55और ब्रास की ई-मेल ने पोस्ट के फायदों के
बारे में बात की, -
2:55 - 2:59जिसे व्यवसाय विशेषज्ञ
लगभग २० फ़ीसदी मान रहे थे। -
3:00 - 3:04तो अगर हमारी कंपनी इतनी
फायदेमंद और सफल थी, -
3:04 - 3:08हमारा वाचनालय के परिमाण
घटता क्यों जा रहा था ? -
3:10 - 3:15मै जनता था जो कोलोराडो में हो रहा था, वही
पूरे देश में भी हो रहा था। -
3:15 - 3:17२००४ से,
-
3:17 - 3:21लगभग १८०० वाचनालय बंद हुए हैं।
-
3:22 - 3:24आप खाद्य डेजर्ट जानते होंगे।
-
3:24 - 3:26ये समाचार डेजर्ट हैं।
-
3:26 - 3:29बहुत सारे समुदाय, अधिकतर सम्पूर्ण
ज़िले जहां -
3:29 - 3:33कम या ना के बराबर अख़बार व्याप्ति है।
-
3:33 - 3:35मामलों को और बिगड़ते हुए,
-
3:35 - 3:38कई अख़बार भूतिया जहाज बन गए हैं,
-
3:38 - 3:40वाचनालय तेहराने का नाटक कर रहे हैं
-
3:40 - 3:43असल में ये पूरक कॉपियों को
विज्ञापनों से लपेट रहें हैं। -
3:44 - 3:49एल्डन और ज्यादा कंपनियां खरीद रहा है।
-
3:49 - 3:51और उस बैठक में,
-
3:51 - 3:54उनकी नियत और स्पष्ट नहीं हो सकती थी।
-
3:54 - 3:56हड़प लो जो हड़प सकते हो,
-
3:56 - 3:58बाकी सब फ़ेंक दो।
-
3:59 - 4:03तो एकांत में आठ लेखकों के दल में काम कर
के -
4:03 - 4:06हमने खास रविवार दृष्टिकोण भाग बनाया
-
4:06 - 4:08स्थानीय समाचार के महत्व पे।
-
4:08 - 4:11(हसी)
-
4:11 - 4:14डैनवर विद्रोह अस्त्र की तरह लांच हुआ,
-
4:14 - 4:16और उदजन बम की तरह फटा।
-
4:16 - 4:18[अवज्ञा के एक अद्भुत कार्य में, डैनवर
-
4:18 - 4:20पोस्ट मालिक से पेपर बेचने
का आग्रह कर रहा है।] -
4:20 - 4:23['डैनवर पोस्ट' संपादकीय मंडल ने सरे आम
मालिक का खुलासा किया। ] -
4:23 - 4:25[डैनवर पोस्ट में दरिंदे और सुपर हीरो ]
-
4:25 - 4:29(तालियां और प्रोत्साहान)
-
4:29 - 4:32स्पष्ट था कि हमारे उल्लंघन में हम अकेले
नहीं थे। -
4:33 - 4:36अपेक्षानुसार, मुझे इस्तीफा देना पड़ा।
-
4:36 - 4:38(हसी)
-
4:38 - 4:41एक साल बाद, कुछ नहीं बदला है।
-
4:41 - 4:43"दी डैनवर पोस्ट" महज कुछ पत्रकारों से बना
है -
4:43 - 4:48जो अपना सबसे बेहतरीन काम कर रहे हैं,
एक कभी-महान अख़बार के अवशेष में। -
4:49 - 4:54आप में से कुछ लोग स्वयं से सोच रहे होंगे,
-
4:54 - 4:55"तो क्या?"
-
4:56 - 4:57है ना?
-
4:57 - 4:58तो क्या?
-
4:58 - 5:00इस मरते हुए व्यवसाय को मरने दो।
-
5:00 - 5:01और मै समझ सकता हूँ।
-
5:02 - 5:06एक बात है, स्थानीय समाचार इतने समय से
डूब रहा है कि आप में -
5:06 - 5:08से बहुतों को याद नहीं होगा
-
5:08 - 5:11कैसा लगता है एक बढ़िया स्थानीय समाचार का
होना। -
5:12 - 5:15शायद आपने "स्पॉटलाइट" या "दी पेपर" फिल्में
-
5:15 - 5:19देखी होंगी जो रोमानी तौर से पत्रकारिता
दिखते हैं। -
5:20 - 5:23मै यहां रोमानी या उदासीन नहीं होने आया
हूँ। -
5:23 - 5:26मै चेतावनी देने आया हूँ कि जब स्थानीय
समाचार के साथ -
5:26 - 5:29लोकतंत्र भी मरता है।
-
5:29 - 5:31और यह चिंताजनक होना चाहिए --
-
5:31 - 5:37(तालियां और प्रोत्साहन)
-
5:39 - 5:40और यह चिंताजनक होना चाहिए
-
5:40 - 5:42चाहें स्वीकार करें या ना करें।
-
5:42 - 5:44कारण यह है।
-
5:44 - 5:48लोकतंत्र लोगों की सर्कार होती है।
-
5:48 - 5:52लोग ताकत और अधिकार के उत्तम स्रोत हैं।
-
5:53 - 5:56एक बेहतरीन वाचनालय आईने समान होता है।
-
5:56 - 6:00जिसके पत्रकार स्थानीय समुदाय को परावर्तित
करते हैं। -
6:00 - 6:03ये जानकारी सशक्त बनती है।
-
6:03 - 6:05देखना, जानना, समझना --
-
6:05 - 6:07इन तरीकों से अच्छे निर्णय लिए जाते हैं।
-
6:08 - 6:10जब आपका बेहतरीन स्थानीय अखबार हो,
-
6:10 - 6:14पत्रकार हर एक नगर परिषद बैठक का हिस्सा
बनेंगे। -
6:14 - 6:18वे राज्य सभाओं और सीनेट को सुनेंगे।
-
6:18 - 6:20वे आवश्यक पर, सत्य कहूँ तो
-
6:20 - 6:23कभी कभी अत्यंत उबालू कमिटी सुनवाईआं।
-
6:23 - 6:24(हसी)
-
6:24 - 6:28पत्रकार गलतियां और दुर्भावनापूर्ण उपायों
को खोजते हैं -
6:28 - 6:32और वो बिल सफल नहीं होते क्योंकि जनता
जानकार थी। -
6:32 - 6:34ग्राहक मतदान जाते हैं
-
6:34 - 6:37और वो प्रत्येक मतदान उपाय की खूबियां और
खामियां जानते हैं, -
6:37 - 6:40क्योंकि पत्रकारों ने उनका मेहनती काम कर
दिया है। -
6:41 - 6:42और बेहतर,
-
6:42 - 6:45शोधकर्ताओं ने खोजै है कि
स्थानीय अख़बार पढ़ने से -
6:45 - 6:50१३ फ़ीसदी अमतदताों का मतदान की ओर
लामबंद हो जाता है। -
6:50 - 6:52१३ प्रतिशत।
-
6:52 - 6:57(तालियां)
-
6:57 - 7:00ये ऐसा आंकड़ा है जिससे चुनाव के नतीजे बदल
सकते हैं। -
7:00 - 7:03अगर आपके पास बेहतरीन स्थानीय अख़बार ना हो,
-
7:03 - 7:05मतदाता मतदानों में असहाय, उलझे हुए
-
7:05 - 7:07रह जाते हैं,
-
7:07 - 7:11अपना उत्तम अनुमान लगते हैं, एक क़ानूनी
अनुच्छेद के अनुसार। -
7:12 - 7:14त्रुटिपूर्ण उपाय लागु होते हैं।
-
7:14 - 7:18सुनियोजित और बहुत तकीनीकी उपाय असफल रह
जाते हैं। -
7:18 - 7:20मतदाता ज्यादा पक्षपातपूर्ण हो जाते हैं।
-
7:22 - 7:25हाल ही कोलोराडो के
राज्य्पाल चुनाव में इतने -
7:25 - 7:27भागेदार थे कि कोई भी सबको याद ना कर सके।
-
7:28 - 7:29पिछेल वर्षों में,
-
7:29 - 7:32पत्रकार विस्तार से हर भागीदार का
-
7:32 - 7:35निरक्षण, जांच, रूपरेखा, और बेहेस करते
-
7:35 - 7:38स्थानीय अखबारों के द्वारा।
-
7:39 - 7:41"दी डैनवर पोस्ट" ने पूरा प्रयास किया।
-
7:41 - 7:45लेकिन पिछले समय की सख्त समाचार प्रेषण
और अनुसन्धान की जगह -
7:45 - 7:48जनता को अधिकतर खुद ही से
-
7:48 - 7:52विस्तृत प्रदर्शनीय भाषण और चतुर प्रचार
विज्ञापनों के अनुसार -
7:52 - 7:53निर्णय लेना होता है।
-
7:54 - 7:57विज्ञापनों के लागत को देखते हुए
-
7:57 - 7:59चुनावी क्षमता पैसों पर निर्भर है।
-
8:00 - 8:02तो प्रिमरियों के अंत तक
-
8:02 - 8:05वही भागेदार बचते हैं जो सबसे रईस और सबसे
-
8:05 - 8:07अधिक वित्त पोषित हैं।
-
8:07 - 8:10बहुत अनुभवी और काबिल-ए-तारीफ भागेदार सांस
-
8:10 - 8:12नहीं ले पाते,
-
8:12 - 8:14क्योंकि जब स्थानीय समाचार ढलता है,
-
8:14 - 8:18बड़ी-टिकट चुनाव भी पैसों का खेल बन जाते
हैं। -
8:18 - 8:21क्या यह आश्चर्यजनक है कि हमारे नए
राज्य्पाल -
8:21 - 8:25वो भागेदार थे जिनकी मूल-कीमत ३० करोड़ डॉलर
है? -
8:25 - 8:30या यह कि अरबपति बिजनेस मेन जैसे
डोनाल्ड ट्रम्प और हॉवर्ड शुल्ट्ज़ -
8:30 - 8:32राजनीतिक मंच को जीत सकते हैं?
-
8:32 - 8:36मुझे नहीं लगता कि हमारा राष्ट्रदाताओं के
मन में यह था जब वे -
8:36 - 8:38स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की बाते
करते थे। -
8:38 - 8:45(तालियां और प्रोत्साहन)
-
8:46 - 8:52यही वजह है कि हम सिर्फ बड़े राष्ट्रीय
अख़बारों पर निर्भर नहीं रह सकते -
8:52 - 8:55जैसे "दी जर्नल" और "दी टाइम्स" और
"दी पोस्ट।" -
8:55 - 8:57स्थानीय अख़बार उम्दा हैं,
-
8:57 - 9:00और हमें उनकी ज़रूरत अभी है,
ईश्वर, कभी पहले से अधिक। -
9:01 - 9:04ऐसी कोई दुनिया नहीं है जहां वो लोग
हर देश के हर -
9:04 - 9:07ज़िले के चुनाव की जांच कर सकें।
-
9:07 - 9:08नहीं।
-
9:08 - 9:12जो वाचनालय आपके स्थानीय चुनाव को जांचने
में सबसे -
9:12 - 9:14उचित है, वो है आपका स्थानीय वाचनालय।
-
9:14 - 9:17अगर भाग्य से आपके यहाँ अभी भी वाचनालय है।
-
9:17 - 9:19जब चुनाव का दिन ख़त्म हो जायेगा,
-
9:19 - 9:24एक सर्वश्रेष्ठ स्थानीय अख़बार अभी भी है,
प्रहरी सा ठहरा हुआ। -
9:25 - 9:27जब उनपे निगरानी राखी जाये,
-
9:27 - 9:29नेताओं के पास कम ताकत होती है,
-
9:29 - 9:31पुलिस जनता के साथ सही व्यवहार करती है,
-
9:31 - 9:34और बड़े व्यापारसंध भी उच्च बर्ताव करते हैं।
-
9:35 - 9:40यह तंत्र जो सदियों से हमको सूचित बनता है
और राह दिखता है -
9:40 - 9:43अब वैसे काम नहीं करता जैसे कभी करता था।
-
9:44 - 9:48आप भीतर जानते हैं एक जहरीला राष्ट्रीय
अधर्म कैसा लगता है, वह -
9:48 - 9:52तर्क सहित बहसों का मजाक बन चूका है।
-
9:52 - 9:55यही होता है जब स्थानीय वाचनालय बंद पड़
जाते हैं -
9:56 - 10:00और देशभर के समुदायों को नज़रअंदाज और अनदेखा
कर दिया जाता है। -
10:01 - 10:04जब तक हम स्थानीय समाचार के
घटौती को समझेंगे नहीं -
10:04 - 10:07इसके परिणाम समाज के लिए घातक हो सकते हैं,
-
10:07 - 10:10स्थिति बदलेगी नहीं।
-
10:11 - 10:14एक यथोचित कर्मचारियों का वाचनालय फायदेमंद
नहीं होता -
10:14 - 10:16गूगल और फेसबुक के इस युग में
-
10:17 - 10:18और हो भी नहीं सकता।
-
10:19 - 10:22अगर अखबार लोकतंत्र के लिए आवश्यक हैं,
-
10:22 - 10:25हमें उनमें ऐसे निवेश करना चाहिए जैसे वे
लोकतंत्र के लिए ज़रूरी हों। -
10:25 - 10:32(तालियां और प्रोत्साहन)
-
10:32 - 10:36हम बगल में खड़े होकर हमारे प्रहारिओं को
नीचा नहीं दिखा सकते। -
10:36 - 10:39हम और समुदायों को अँधेरे में गुप्त नहीं रख
सकते। -
10:39 - 10:42हमें एक जनता निवेश उपाय के
लिए लड़ना चाहिए -
10:42 - 10:44न्यूज़ मीडिया और प्रेस के मिटने से पहले,
-
10:44 - 10:48और उसके साथ, हमारा महान लोकतांत्रिक
प्रयोग। -
10:48 - 10:50हमें विद्रोह से बढ़कर कुछ चाहिए।
-
10:50 - 10:53यह क्रांति की घड़ी है।
-
10:53 - 10:54धन्यवाद।
-
10:54 - 10:58(तालियां और प्रोत्साहन)
- Title:
- स्थानीय समाचार के साथ लोकतंत्र का भी अंत होता है
- Speaker:
- चक प्लंकेट
- Description:
-
अमरीका में २००४ से लगभग १,८०० वाचनालय बंद हो चुके हैं, जिसकी वजह से बहुत सारे समुदाय अनदेखे, अनसुने रह जाते हैं अँधेरे में। इस उत्साही भाषण और आंदोलन की पुकार में, पत्रकार चक प्लंकेट समझते हैं क्यों उन्होंने अपने नियोक्ता के ख़िलाफ़ विद्रोह किया, एक विलुप्त होने वाले कारोबार के लिए जाग्रुकता बनाने के लिए -- और वे स्थानीय समाचार की किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र में आवश्यकता का समर्थन करते हैं।
- Video Language:
- English
- Team:
closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 11:11
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Arvind Patil approved Hindi subtitles for When local news dies, so does democracy | |
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Arvind Patil edited Hindi subtitles for When local news dies, so does democracy | |
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Arvind Patil accepted Hindi subtitles for When local news dies, so does democracy | |
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Arvind Patil edited Hindi subtitles for When local news dies, so does democracy | |
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Harshit Bishnoi edited Hindi subtitles for When local news dies, so does democracy | |
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Harshit Bishnoi edited Hindi subtitles for When local news dies, so does democracy | |
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Harshit Bishnoi edited Hindi subtitles for When local news dies, so does democracy | |
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Harshit Bishnoi edited Hindi subtitles for When local news dies, so does democracy |