रूसी क्रांति सोशल मीडिया पर कैसे दिखती
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0:01 - 0:02इतिहास क्या है?
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0:03 - 0:06यह विजेताओं द्वारा लिखित कुछ है।
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0:08 - 0:13एक रूढ़िवादी धारणा है कि इतिहास
शासकों पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए , -
0:13 - 0:15लेनिन या ट्रॉटस्की की तरह।
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0:15 - 0:19नतीजतन, कई देशों में लोगों ने ,
मेरी तरह, रूस, -
0:20 - 0:23में इतिहास को जिस रूप में देखा
वह पूर्व निर्धारित था -
0:23 - 0:25या नेताओं द्वारा निर्धारित था,
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0:26 - 0:29और आम लोग इसे किसी भी तरह से
प्रभावित नहीं कर सके। -
0:30 - 0:33आज कई रूसी विश्वास नहीं करते हैं
कि रूस कभी -
0:33 - 0:36सही मायने में लोकतांत्रिक राष्ट्र था
या कभी होगा, -
0:36 - 0:39और यह इसलिए है क्योंकि इतिहास ने
ऐसा बना दिया है -
0:39 - 0:41रूस के नागरिकों के लिए।
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0:41 - 0:42और यह सच नहीं है।
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0:43 - 0:49ये साबित करने के लिए, मैंने जीवन के दो साल
बिताए सौ साल पीछे जाने की कोशिश में. -
0:49 - 0:51वर्ष 1 9 17 में,
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0:51 - 0:54रूसी क्रांति का वर्ष।
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0:54 - 0:59मैंने पूछा, क्या होता यदि सौ साल पहले
इंटरनेट और फेसबुक अस्तित्व में होते? -
1:00 - 1:05तो पिछले साल, हमने बनाया
मृत लोगों के लिए एक सोशल नेटवर्क, -
1:05 - 1:08प्रोजेक्ट 1 9 17.com नामित
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1:10 - 1:13मेरी टीम और मैंने अपना सॉफ्टवेयर बनाया,
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1:13 - 1:18डिजिटली कृत और अपलोड किया
सभी संभव असली डायरी और पत्रों से -
1:18 - 1:21जो तीन हज़ार से अधिक लोगों द्वारा
लिखे गए थे -
1:21 - 1:23सौ साल पहले।
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1:23 - 1:26तो हमारी वेबसाइट या एप्लीकेशन का
कोई भी उपयोगकर्ता -
1:26 - 1:30एक न्यूज़ फ़ीड का पालन कर सकते हैं
1 9 17 के प्रत्येक दिन के लिए -
1:30 - 1:35और पढ़ सके जो
स्त्रविन्सकी या ट्रोट्स्की जैसे , -
1:35 - 1:38लेनिन या पावलोवा जैसे
और दूसरों ने जो सोचा और महसूस किया। -
1:39 - 1:44हमने उन सभी लोगों को आपके और मेरे जैसे
साधारण लोग होते हुए देखा, -
1:44 - 1:46देवता की तरह नहीं,
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1:46 - 1:53और हम देखते हैं कि इतिहास बना है
उनकी गलतियों, भय, कमजोरियों से , -
1:53 - 1:55न केवल उनके "प्रतिभाशाली विचारों " से ।
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1:57 - 1:59हमारा प्रोजेक्ट कई रूसियों के लिए
एक झटका था, -
1:59 - 2:04जो सोचते थे कि हमारा देश हमेशा से
एक निरंकुश साम्राज्य रहा है -
2:04 - 2:08और इसमें स्वतंत्रता और लोकतंत्र के विचार
कभी प्रबल नहीं हो सकते, -
2:08 - 2:11क्योंकि लोकतंत्र
हमारी नियति नहीं थी। -
2:12 - 2:13लेकिन अगर हम एक व्यापक रूप में देखें ,
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2:14 - 2:16तो यह स्पष्ट नहीं है।
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2:18 - 2:22हां, 1 9 17 आगे जाकर 70 साल का
कम्युनिस्ट तानाशाही बना । -
2:24 - 2:28पर इस प्रोजेक्ट से, हमने देखा कि रूस का
एक अलग इतिहास हो सकता था -
2:28 - 2:32और किसी अन्य देश की तरह एक लोकतांत्रिक भविष्य
हो सकता था या हो सकता है। -
2:33 - 2:371 9 17 के पोस्ट को पढ़कर,
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2:37 - 2:40आपने जाना कि रूस
दुनिया का पहला देश था -
2:40 - 2:42जिसने मृत्युदंड को खत्म किया,
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2:42 - 2:46या शुरू करने वालों में से एक था
जिसने महिलाओं को मतदान अधिकार दिया। -
2:47 - 2:54इतिहास को जान कर और ये समझ कर कि
सामान्य लोगों ने इसे कैसे प्रभावित किया -
2:54 - 2:55बेहतर भविष्य बनाने में मदद हो सकती है,
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2:55 - 2:59क्योंकि जो कुछ भी अभी हो रहा है
इतिहास उसका एक रिहर्सल है। -
3:00 - 3:03हमें इतिहास को बताने के नए तरीकों
की ज़रूरत है, -
3:03 - 3:05और इस साल, उदाहरण के लिए,
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3:05 - 3:11हमने एक नई ऑनलाइन प्रोजेक्ट शुरू किया
जिसे 1 9 68Digital.com कहा जाता है, -
3:12 - 3:17और यह एक ऑनलाइन डाक्यूमेंट्री श्रृंखला है
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3:17 - 3:20जो आपको वर्ष 1 9 68 का एक इंप्रेशन देता है
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3:20 - 3:24जो विश्व सामाजिक परिवर्तन द्वारा चिह्नित
एक वर्ष है, -
3:24 - 3:28इसने कई मायनों में, दुनिया को बनाया
जैसा हम इसे अब जानते हैं। -
3:28 - 3:31लेकिन हम उस इतिहास को जीवित बना रहे हैं
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3:31 - 3:36ये कल्पना कर कि क्या होता यदि सभी
मुख्य पात्र मोबाइल फोन का इस्तमाल करते ... -
3:37 - 3:38ऐसे ही?
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3:40 - 3:44और हम देखते हैं कि बहुत से लोग
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3:45 - 3:51एक जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे थे
और एक जैसे मूल्यों के लिए लड़ रहे थे, -
3:51 - 3:55इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे
अमेरिका में रहते थे या यूएसएसआर में -
3:55 - 3:58या फ्रांस या चीन में
या चेकोस्लोवाकिया में . -
3:59 - 4:02इतिहास का खुलासा करके
ऐसे लोकतांत्रिक तरीके से, -
4:02 - 4:04सोशल मीडिया के माध्यम से,
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4:05 - 4:10हम देखते हैं कि विकल्प बनाने वाले
सत्ता के लोग अकेले नहीं हैं। -
4:11 - 4:14यह किसी भी उपभोक्ता को एक संभावना देता है
इतिहास पर पुनः दावा करने का। -
4:15 - 4:16साधारण लोग मायने रखते हैं।
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4:17 - 4:18उनका असर पड़ता है।
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4:19 - 4:21विचार मायने रखते हैं ।
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4:21 - 4:26पत्रकार, वैज्ञानिक,
दार्शनिक मायने रखते है। -
4:27 - 4:28हम समाज को आकार देते हैं।
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4:29 - 4:31हम सब इतिहास बनाते हैं।
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4:31 - 4:33धन्यवाद।
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4:33 - 4:36(तालियां)
- Title:
- रूसी क्रांति सोशल मीडिया पर कैसे दिखती
- Speaker:
- मिखाइल ज़्यागर
- Description:
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इतिहास विजेताओं द्वारा लिखा गया है, जैसा कहा गया है - लेकिन यह कैसा लगता अगर यह सबके द्वारा लिखा गया होता? पत्रकार और टेड फेलो मिखाइल ज़्यागर हमें परियोजना 1 9 17 के साथ दिखाने के लिए एक मिशन पर हैं, जो "मृत लोगों के लिए सोशल नेटवर्क" है जो रूसी क्रांति के दौरान रहने वाले 3,000 से अधिक लोगों की असली डायरी और पत्र पोस्ट किये है। लेनिन, ट्रॉटस्की और कई कम जाने गए लोगों के दैनिक विचारों को दिखाकर, परियोजना इतिहास पर नई रोशनी डालती है जो की एक बार यह थी - और जैसी हो भी सकती थी। अतीत की इस डिजिटल री-टेलिंग के साथ-साथ ज़्यागर की 1 9 68 के परिवर्तनीय वर्ष के बारे में नवीनतम प्रोजेक्ट के बारे में और जानें।
itihaas vijetaon dvaara likha gaya hai, jaisa kah raha hai - lekin yah kaisa lagega agar yah sabake dvaara likha gaya tha? patrakaar aur ted phelo mikhail zyaagar hamen pariyojana 1 9 17 ke saath dikhaane ke lie ek mishan par hain, jo "mrt logon ke lie saamaajik netavark" hai jo roosee kraanti ke dauraan rahane vaale 3,000 se adhik logon kee asalee daayaree aur patr post karata hai. lenin, trotaskee aur kaee kam manae gae aankadon ke dainik vichaaron ko dikhaakar, pariyojana itihaas par naee roshanee daalatee hai kyonki yah ek baar thee - aur jaisa bhee ho sakata tha. ateet kee is dijital reeteling ke saath-saath zeegar kee 1 9 68 ke parivartaneey varsh ke baare mein naveenatam pariyojana ke baare
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 04:49
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