सुगाता मित्रा (Sugata Mitra) के स्वयं-शिक्षण में नए प्रयोग
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0:02 - 0:04यह कथन अपने आप में स्पष्ट है.
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0:04 - 0:07मैंने इस कथन से शुरुआत कुछ 12 साल पहले की थी,
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0:07 - 0:10और शुरुआत की थी
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0:10 - 0:12विकासशील देशों में,
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0:12 - 0:15पर आप लोग दुनिया के हर एक कोने से यहाँ आये हैं.
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0:15 - 0:18अगर आप अपने देश के मानचित्र को देखेंगे,
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0:18 - 0:20तो ये पायेंगे कि
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0:20 - 0:22धरती पर हर एक देश के लिए,
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0:22 - 0:24आप छोटे-छोटे क्षेत्र चुन सकते हैं,
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0:24 - 0:27"ये वो क्षेत्र हैं जहाँ अच्छे शिक्षक नहीं जाते."
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0:28 - 0:30ऊपर से,
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0:30 - 0:33ये ऐसी जगह हैं जहाँ अपराध पनपता है.
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0:33 - 0:35तो यह एक व्यांगिक समस्या है.
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0:35 - 0:37अच्छे शिक्षक उन्ही जगहों पर
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0:37 - 0:40नहीं जाना चाहते जहाँ उनकी ज़रुरत सबसे ज़्यादा है.
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0:40 - 0:431999 में मैंने
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0:43 - 0:46एक प्रयोग द्वारा इस समस्या को सुलझाने की कोशिश की,
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0:46 - 0:49जो बहुत ही साधारण सा प्रयोग था नई दिल्ली में.
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0:51 - 0:54मैंने नई दिल्ली की एक झोपड़-पट्टी में
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0:54 - 0:57दीवार में एक कंप्यूटर जड़वा दिया.
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0:58 - 1:01यहाँ के बच्चे स्कूल नहीं जाते थे. उन्हें अंग्रेजी नहीं आती थी.
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1:01 - 1:03उन्होंने पहले कभी कंप्यूटर नहीं देखा था,
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1:03 - 1:06और उन्हें ये भी नहीं पता था कि इंटरनेट क्या होता है.
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1:06 - 1:09मैंने उसे उच्चतम इन्टरनेट से जोड़ दिया -- ये ज़मीन से लगभग तीन फीट ऊपर है --
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1:09 - 1:11कंप्यूटर चलाया और वहीँ छोड़ दिया.
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1:11 - 1:13इसके बाद,
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1:13 - 1:16हमने कुछ दिलचस्प चीज़ें देखी, जो आप भी देखेंगे.
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1:16 - 1:19पर मैंने इसे पूरे भारत में दोहराया
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1:19 - 1:21और उसके बाद
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1:21 - 1:23विश्व के एक बड़े हिस्से में,
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1:23 - 1:25और यह निष्कर्ष निकाला कि
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1:25 - 1:27बच्चे वो चीज़ें सीख जायेंगे
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1:27 - 1:30जो वो सीखना चाहते हैं.
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1:30 - 1:32यह हमारा पहला प्रयोग था --
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1:32 - 1:34आपके दाहिने ओर एक 8 साल का लड़का
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1:34 - 1:37एक 6 साल की लड़की को
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1:37 - 1:40browse (ब्राउस) करना सिखा रहा था.
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1:41 - 1:44यह मध्य भारत का लड़का --
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1:45 - 1:47राजस्थान के एक गाँव में,
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1:47 - 1:50यहाँ बच्चों ने अपना खुद का संगीत रिकॉर्ड किया
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1:50 - 1:53और उसे एक दूसरे को सुनाया,
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1:53 - 1:55और इस प्रक्रिया में,
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1:55 - 1:57बच्चों ने खूब मजे लिए.
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1:57 - 1:59उन्होंने ये सब केवल चार घंटों में कर लिया,
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1:59 - 2:02वो भी कंप्यूटर को पहली बार देखने के बाद.
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2:02 - 2:05दक्षिण भारत के एक और गाँव में,
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2:05 - 2:07इन लड़कों ने
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2:07 - 2:09एक विडियो कैमरा जोड़ लिया
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2:09 - 2:11और एक मधुमक्खी की तस्वीर लेने की कोशिश कर रहे थे.
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2:11 - 2:13उन्होंने इसे Disney.com (डिस्नी डाट कौम) या ऐसी ही कोई वेबसाईट
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2:13 - 2:15से डाउनलोड किया था.
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2:15 - 2:18यह उन्होंने गाँव में कंप्यूटर लगने के सिर्फ 14 दिन में कर लिया था.
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2:21 - 2:23आखिरकार,
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2:23 - 2:25हमने निष्कर्ष निकला कि बच्चों के समूह
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2:25 - 2:28अपने आप कंप्यूटर और इंटरनेट चलाना सीख सकते हैं,
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2:28 - 2:30चाहे वो कोई भी हों
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2:30 - 2:33या कहीं से भी हों.
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2:33 - 2:36इसके बाद, मैं थोड़ा और महत्वाकांक्षी हो गया
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2:36 - 2:39और ठान ली ये देखने की
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2:39 - 2:42कि बच्चे कंप्यूटर के साथ और क्या कर सकते हैं.
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2:42 - 2:45हमने हैदराबाद, भारत में एक प्रयोग से शुरुआत की,
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2:45 - 2:48जहाँ मैंने एक बच्चों के समूह को --
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2:48 - 2:51वे एक तगड़े तेलेगु उच्चारण में अंग्रेजी बोलते थे.
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2:51 - 2:53मैंने उन्हें एक कंप्यूटर दे दिया
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2:53 - 2:55जिसमें आवाज़ को लेखन में बदलने वाला सोफ्टवेयर था,
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2:55 - 2:58जो अब windows (विंडोस) के साथ आता है,
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2:58 - 3:00और उन्हें इसमें बोलने को कहा.
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3:00 - 3:02जब उन्होंने इसमें बोला,
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3:02 - 3:04तब कंप्यूटर ने बेमतलबी शब्द दिखाए
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3:04 - 3:06तो उन्होंने कहा, "यह कंप्यूटर हमारी कोई भी बात नहीं समझता."
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3:06 - 3:08तो मैंने कहा, "हाँ, मैं इसे दो महीने के लिए यहाँ छोड़ देता हूँ.
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3:08 - 3:10आप अपने आप को कंप्यूटर द्वारा
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3:10 - 3:12समझने लायक बनवाइए."
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3:12 - 3:14तो बच्चों ने कहा, "हम ये कैसे करें."
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3:14 - 3:16और मैंने कहा,
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3:16 - 3:18"असल में, मुझे नहीं पता."
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3:18 - 3:20(ठहाके)
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3:20 - 3:22फिर मैं चला गया.
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3:22 - 3:24(ठहाके)
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3:25 - 3:27दो महीने बाद --
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3:27 - 3:29और अब इसका दस्तावेज भी है
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3:29 - 3:31Information Technology (सूचना प्रोद्योगिकी) के
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3:31 - 3:33अंतर्राष्ट्रीय विकास पत्रिका में --
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3:33 - 3:35कि उनके अंग्रेजी उच्चारण बदल गए थे
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3:35 - 3:38और सामान्य ब्रिटिश उच्चारण के काफी करीब थे
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3:38 - 3:41जिसमें मैंने आवाज़ को लेखन में बदलने वाले यन्त्र को अभ्यास कराया था.
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3:41 - 3:44दूसरे शब्दों में, वे सब James Tooley (जेम्स टूली) की तरह बोल रहे थे.
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3:44 - 3:46(ठहाके)
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3:46 - 3:48मतलब वे अपने आप ऐसा कर पाए.
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3:48 - 3:50उसके बाद, मैंने कई और चीज़ों के साथ
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3:50 - 3:52प्रयोग करने शुरू किये,
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3:52 - 3:54चीज़ें जो वे शायद अपने आप करना सीख जायेंगे.
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3:54 - 3:57एक बार मुझे कोलम्बो से एक दिलचस्प फोन कॉल आई,
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3:57 - 3:59अब मृत Arthur C. Clarke (आर्थर सी. क्लार्क) से
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3:59 - 4:01जिन्होंने कहा, "मैं जानना चाहता हूँ आप क्या कर रहे हैं."
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4:01 - 4:04वे यात्रा नहीं कर सकते थे, तो मैं ही उनके पास गया.
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4:04 - 4:06उन्होंने दो दिलचस्प बातें कही,
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4:06 - 4:11"एक अध्यापक जिसका स्थान एक मशीन ले सके, उसे लेने देना चाहिए."
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4:11 - 4:13(ठहाके)
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4:13 - 4:15दूसरी बात --
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4:15 - 4:17"अगर बच्चे चाहें तो,
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4:17 - 4:20शिक्षा अपने आप मिल जाती है."
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4:20 - 4:22और मैं इसी बात पर अमल कर रहा था,
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4:22 - 4:24तो मैं जब भी इसे होते हुए देखता तो उनके बारे में सोचता था.
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4:24 - 4:27(विडिओ) आर्थर सी. क्लार्क: और ये बच्चे यक़ीनन लोगों
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4:27 - 4:29की मदद कर सकते हैं,
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4:29 - 4:31क्योंकि बच्चे जल्द ही यन्त्र चलाना और
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4:31 - 4:34उनकी मनपसंद चीज़ें ढूँढना सीख लेते हैं.
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4:34 - 4:37और जहां दिलचस्पी हो, वहाँ शिक्षा भी मिल जाती है.
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4:37 - 4:40मित्रा: मैं इस प्रयोग को दक्षिण अफ्रीका ले गया.
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4:40 - 4:42यह 15 वर्ष का एक लड़का है.
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4:42 - 4:45(विडिओ) लड़का: ... मैं खेल खेलता हूँ
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4:45 - 4:48मुझे जानवर पसंद हैं,
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4:48 - 4:51और मैं संगीत सुनता हूँ
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4:51 - 4:53मित्रा: फिर मैंने उससे पुछा, "क्या तुम ई-मेल भेजते हो?"
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4:53 - 4:56उसने कहा, "हाँ, और वे समुन्दर पार जाती हैं."
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4:57 - 4:59यह कम्बोडिया में है,
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4:59 - 5:02ग्रामीण कम्बोडिया --
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5:02 - 5:05एक साधारण सा गणित का खेल है,
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5:05 - 5:07जिसे कोई बच्चा कक्षा में या घर पर नहीं खेलेगा.
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5:07 - 5:09वे इस खेल को आप पर वापस फेंक देंगे.
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5:09 - 5:11कहेंगे, "ये दिलचस्प नहीं है."
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5:11 - 5:13अगर आप इस खेल को फर्श पर रख दें,
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5:13 - 5:15और सारे बढ़े कहीं और चले जाएँ,
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5:15 - 5:17फिर ये एक दूसरे को दिखाएँगे कि
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5:17 - 5:19ये क्या कर सकते हैं.
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5:19 - 5:21ये बच्चे यही कर रहे हैं.
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5:21 - 5:24ये गुना करने की कोशिश कर रहे हैं, मेरे ख्याल से.
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5:24 - 5:26पूरे भारत में,
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5:26 - 5:28लगभग दो साल के बाद,
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5:28 - 5:31बच्चे अपने घर पे पाठ गूगल पर पूरे करने लगे थे.
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5:31 - 5:33फलस्वरूप, अध्यापकों ने बच्चों की
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5:33 - 5:35अंग्रेजी में विशाल सुधार देखे --
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5:35 - 5:39(ठहाके)
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5:39 - 5:41तेज़ सुधार और सभी किस्म के परिवर्तन.
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5:41 - 5:44उन्होंने कहा, "बच्चे गंभीर विचारक बन गए हैं, और फलाना फलाना."
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5:44 - 5:47(ठहाके)
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5:47 - 5:49और वास्तव में वो बन गए थे.
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5:49 - 5:51मतलब, अगर चीज़ें गूगल पर मिल जाएँ,
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5:51 - 5:54तो उन्हें अपने दिमाग में याद करने की क्या ज़रुरत है?
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5:55 - 5:57अगले चार सालों के अंत में,
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5:57 - 6:00मैंने पाया कि बच्चों के समूह शिक्षा पाने के लिए
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6:00 - 6:03इन्टरनेट अपने आप चला सकते हैं.
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6:03 - 6:05उस समय, बहुत सारा पैसा
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6:05 - 6:07न्यूकैसल विश्वविद्यालय में
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6:07 - 6:10भारत में शिक्षा सुधारों के लिए आया था.
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6:10 - 6:13तो न्यूकैसल ने मुझे कॉल किया. मैंने कहा, "मैं दिल्ली से काम करूंगा."
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6:13 - 6:15उन्होंने कहा, "किसी भी तरीके से आप दिल्ली में बैठे-बैठे
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6:15 - 6:18विश्वविद्यलाय के करोडों रूपए
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6:18 - 6:20खर्च नहीं कर सकते."
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6:20 - 6:22इसीलिए 2006 में,
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6:22 - 6:24मैंने एक भारी ओवरकोट ख़रीदा
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6:24 - 6:26और न्यूकैसल चला आया.
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6:27 - 6:29मैं इस पद्धति की सीमाएं
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6:29 - 6:31जाचना चाहता था.
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6:31 - 6:33न्यूकैसल से जो मैंने पहला प्रयोग किया
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6:33 - 6:35वो दरअसल भारत में किया गया था.
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6:35 - 6:38और मैंने अपने लिए एक नामुमकिन लक्ष्य तय किया:
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6:38 - 6:41क्या 12 -साल के
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6:41 - 6:43तमिल बोलने वाले,
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6:43 - 6:46एक दक्षिण भारतीय गाँव का बच्चे
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6:46 - 6:48अंग्रेजी में खुद को जीव-तकनीकी (biotechnology)
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6:48 - 6:50सिखा सकते हैं?
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6:50 - 6:53मैंने सोचा, "मैं बच्चों की परीक्षा लूँगा. वे फेल हो जायेंगे.
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6:53 - 6:55मैं उन्हें पढाई की सामग्री दूंगा, वापस आऊँगा और फिर उनकी परीक्षा लूँगा.
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6:55 - 6:57वे फिर फेल हो जायेंगे.
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6:57 - 7:01मैं भारत वापस जाऊंगा और कहूँगा, "हाँ, कुछ चीज़ों के लिए हमें अध्यापक चाहियें."
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7:01 - 7:03मैंने 26 बच्चों को बुलाया.
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7:03 - 7:05वे सब वहां आये, और मैंने उनसे कहा कि
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7:05 - 7:07इस कंप्यूटर पर कुछ बहुत कठिन पाठ्यक्रम है.
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7:07 - 7:10मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर आप कुछ भी समझ न पाएं.
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7:10 - 7:13सब कुछ अंग्रेजी में है, और मैं जा रहा हूँ.
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7:13 - 7:15(ठहाके)
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7:15 - 7:17तो मैंने उन्हें कंप्यूटर के साथ छोड़ दिया.
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7:17 - 7:19मैं दो महीने बाद लौटा,
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7:19 - 7:21और वो 26 बच्चे चुपचाप मेरे पास आये.
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7:21 - 7:24मैंने पूछा, "तो बच्चों, क्या तुमने कंप्यूटर पर कुछ देखा?"
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7:24 - 7:26उन्होंने कहा, "हाँ, हमने देखा."
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7:26 - 7:29"कुछ समझ में आया?" "नहीं, कुछ भी नहीं."
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7:29 - 7:31तो मैंने पूछा,
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7:31 - 7:33"यह निर्णय करने के पहले कि तुम्हे कुछ समझ नहीं आया
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7:33 - 7:35तुमने कितने समय तक अभ्यास किया?"
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7:35 - 7:38उन्होंने कहा, "हम इसे हर रोज़ देखते हैं."
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7:38 - 7:40तो मैंने पूछा, "दो महीने से आप एक ऐसी चीज़ देख रहे हैं जो आपको समझ नहीं आई?
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7:40 - 7:42इस पर एक 12 वर्ष की लड़की ने अपना हाथ उठाया और बोली,
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7:42 - 7:44सचमुच,
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7:45 - 7:48(अंग्रेजी में) "इसके अलावा कि डी.एन.ए अणु की अनुचित प्रतिकृति से
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7:48 - 7:50आनुवंशिक बीमारी होती है,
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7:50 - 7:52हमने और कुछ नहीं सीखा."
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7:52 - 7:54(ठहाके)
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7:54 - 8:01(अभिवादन)
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8:01 - 8:04(ठहाके)
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8:04 - 8:06मुझे इस परिणाम को प्रकाशित करने में 3 साल लगे.
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8:06 - 8:09हाल ही में इसे शिक्षा प्रोद्योगिकी की ब्रिटिश पत्रिका में प्रकाशित किया गया.
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8:09 - 8:12एक पंच, जिन्होंने इस लेख का मूल्यांकन किया, ने कहा,
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8:12 - 8:15"यह वास्तविक होने के लिए कुछ ज़्यादा ही अच्छा है,"
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8:15 - 8:17ये बात मुझे अच्छी नहीं लगी.
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8:17 - 8:19एक लड़की ने खुद को
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8:19 - 8:21अध्यापक बनना सिखा दिया.
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8:21 - 8:23वो वहाँ पर यह लड़की है.
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8:31 - 8:33याद रखिये, ये बच्चे अंग्रेजी नहीं पढ़ते.
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8:46 - 8:49मैंने विडियो का आखिरी अंश बदल दिया है जिसमें मैंने पूछा, "न्यूरोन कहाँ है?"
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8:49 - 8:51उसने बोला, "न्यूरोन? न्यूरोन?"
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8:51 - 8:54फिर मेरी तरफ देखा और ऐसे इशारा किया.
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8:54 - 8:57लेकिन उसके इशारे कुछ अच्छे नहीं थे.
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8:57 - 9:00इन बच्चों के अंक शून्य से बढकर तीस प्रतिशत हो गए थे,
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9:00 - 9:03जो कि इन हालातों में असंभव है.
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9:03 - 9:06लेकिन तीस प्रतिशत से कोई पास नहीं होता.
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9:06 - 9:08फिर मैंने पाया कि उनकी एक दोस्त है,
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9:08 - 9:10एक स्थानीय मुनीम, एक युवा लड़की,
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9:10 - 9:12और वे उसके साथ फुटबाल खेलते थे.
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9:12 - 9:14मैंने उस लड़की से पूछा, "क्या तुम इन्हें इतनी जीव-तकनीकी
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9:14 - 9:16सिखाओगी कि ये पास हो जाएँ?"
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9:16 - 9:18उसने कहा, "मैं ये कैसे करूंगी? मुझे तो यह विषय नहीं आता."
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9:18 - 9:20मैंने कहा, "नहीं, दादीमाँ का तरीका अपनाओ."
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9:20 - 9:22उसने पूछा, "और वो क्या है?"
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9:22 - 9:24मैंने कहा, "तुम्हे करना यह है कि
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9:24 - 9:26उनके पीछे खड़ी हो जाओ
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9:26 - 9:29और उनकी प्रशंसा करती रहो.
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9:29 - 9:31उन्हें बस ये कहो, "बहुत खूब. लगे रहो.
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9:31 - 9:34वो क्या है? क्या तुम इसे दोबारा कर सकते हो? क्या तुम मुझे थोड़ा और दिखा सकते हो?"
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9:34 - 9:36उस लड़की ने ऐसा दो महीने तक किया.
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9:36 - 9:38अब अंक 50 तक बढ़ गए,
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9:38 - 9:40जो कि नई दिल्ली के आलिशान स्कूलों में बच्चों को मिल रहे थे,
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9:40 - 9:43जहाँ काबिल जीव-तकनीकी के अध्यापक हैं.
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9:43 - 9:45मैं इन परिणामों के साथ
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9:45 - 9:47न्यूकैसल वापस लौटा
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9:47 - 9:49और मैंने पहचाना कि
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9:49 - 9:51यहाँ कुछ अलग हो रहा है
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9:51 - 9:54जो निश्चित ही गंभीर होता जा रहा है.
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9:55 - 9:58तो हर तरह की दूर-दराज़ जगहों पर प्रयोग करने के बाद,
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9:58 - 10:01मैं ऐसी जगह पर आया जो मेरी कल्पना में सबसे दूर-दराज़ में है.
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10:01 - 10:03(ठहाके)
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10:04 - 10:07दिल्ली से लगभग 8000 किलोमीटर दूर
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10:07 - 10:09गेट्सहैड नामक एक छोटा शहर है.
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10:09 - 10:12गेट्सहैड में, मैंने 32 बच्चे लिए,
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10:12 - 10:15और मैं अपनी तकनीक को तराशने लगा.
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10:15 - 10:18मैंने उन्हें चार-चार के समूहों में बाँट दिया.
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10:18 - 10:20मैंने कहा, "तुम खुद अपने चार-चार के समूह बनाओ.
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10:20 - 10:23हर एक समूह एक ही कंप्यूटर का इस्तेमाल कर सकता है, चार का नहीं."
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10:23 - 10:26आपको याद होगा - दीवार में जड़ा हुआ कंप्यूटर.
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10:26 - 10:28"आप समूह बदल सकते हैं.
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10:28 - 10:30अगर आपको अपना समूह पसंद न आये तो आप
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10:30 - 10:32कोई दूसरे समूह के पास जा सकते हैं.
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10:32 - 10:35किसी दूसरे समूह के पास जाकर आप झाँक कर देख सकते हैं कि वो क्या कर रहे हैं,
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10:35 - 10:38फिर अपने समूह में आकर दावा कर सकते हैं कि वह आपका खुद का विचार था."
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10:38 - 10:40मैंने उन्हें समझाया कि
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10:40 - 10:43आपको पता है? कितने ही वैज्ञानिक अनुसंधान इसी तरह किया जाते हैं.
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10:43 - 10:45(ठहाके)
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10:45 - 10:50(अभिवादन)
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10:52 - 10:54उन बच्चों ने उत्साहित होकर मुझसे पूछा,
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10:54 - 10:56"आप हमसे क्या करवाना चाहते हैं?"
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10:56 - 10:59मैंने उन्हें छह GCSE के सवाल दिए.
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10:59 - 11:01पहले समूह ने, जो सबसे अच्चा समूह था,
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11:01 - 11:03सारे सवाल 20 मिनट में हल कर दिए.
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11:03 - 11:06सबसे ख़राब समूह ने 45 मिनट लिए.
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11:06 - 11:08उन्हें जितना ज्ञान था उस सबका उन्होंने इस्तेमाल किया -
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11:08 - 11:10समाचार, गूगल, विकिपीडिया,
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11:10 - 11:12Ask Jeeves
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11:12 - 11:15अध्यापकों ने पूछा, "क्या यह गहन शिक्षा है?"
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11:15 - 11:17मैंने कहा, "चलो, परख लेते हैं.
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11:17 - 11:19मैं दो महीने बाद लौटूंगा.
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11:19 - 11:21हम उन्हें एक कागज़ी परीक्षा देंगे --
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11:21 - 11:23कोई कंप्यूटर नहीं, एक-दूसरे से बातचीत नहीं, फलाना, फलाना."
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11:23 - 11:25जब मैंने कंप्यूटर और समूहों के साथ यह किया तो औसतन अंक
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11:25 - 11:2776 प्रतिशत थे.
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11:27 - 11:29जब मैंने दो महीने बाद यह प्रयोग किया,
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11:29 - 11:32जब परीक्षा ली, तो उनके अंक
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11:32 - 11:35फिर 76 प्रतिशत थे.
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11:35 - 11:37बच्चों के दिमाग में तस्वीरों के रूप में
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11:37 - 11:39चीज़ें याद रह गईं,
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11:39 - 11:42शायद इसलिए क्योंकि बच्चे आपस में चर्चा कर रहे थे.
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11:42 - 11:44एक अकेला बच्चा कंप्यूटर के सामने बैठा हुआ
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11:44 - 11:46कभी ऐसा नहीं करेगा.
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11:46 - 11:48मेरा पास और भी परिणाम हैं,
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11:48 - 11:50अंकों के जो वक़्त के साथ बढ़ते हैं,
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11:50 - 11:52जो कि एक दम अविश्वसनीय हैं.
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11:52 - 11:54उनके अध्यापक बताते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि
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11:54 - 11:56प्रयोग ख़तम होने के बाद भी,
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11:56 - 11:59बच्चे गूगल का इस्तेमाल जारी रखते हैं.
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11:59 - 12:01मेरे कुप्पम प्रयोग के बाद, यहाँ ब्रिटेन में,
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12:01 - 12:03मैंने ब्रिटिश दादियों के लिए
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12:03 - 12:05इश्तेहार बटवाए.
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12:05 - 12:07आपको तो पता ही है,
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12:07 - 12:09ब्रिटिश दादियाँ कितनी व्यवसायिक होती हैं.
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12:09 - 12:11200 दादियाँ तुरंत आगे आ गईं.
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12:11 - 12:13(ठहाके)
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12:13 - 12:16समझौता यह था कि वे घर पर बैठे हुए
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12:16 - 12:18हफ्ते में एक दिन,
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12:18 - 12:20मुझे इन्टरनेट पर
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12:20 - 12:22अपना एक घंटा देंगी.
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12:22 - 12:24उन्होंने ऐसा ही किया.
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12:24 - 12:26और पिछले दो सालों के दौरान,
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12:26 - 12:28कुल 600 घंटों का शिक्षण
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12:28 - 12:30स्काइप (Skype) पर हुआ है,
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12:30 - 12:33इसके द्वारा जिसे मेरे छात्र दादीमाँ का बादल (granny cloud) कहते हैं.
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12:33 - 12:36दादीमाँ का बादल यहाँ बैठता है.
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12:36 - 12:39मैं इन दादियों को किसी भी स्कूल से जोड़ सकता हूँ.
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12:45 - 12:47अध्यापिका (अंग्रेजी में): तुम मुझे नहीं पकड़ सकते.
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12:47 - 12:50अब तुम बोलो.
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12:50 - 12:53तुम मुझे नहीं पकड़ सकते.
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12:53 - 12:56बच्चे (अंग्रेजी में): तुम मुझे नहीं पकड़ सकते.
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12:56 - 12:59अध्यापिका (अंग्रेजी में): मैं जिंजरब्रेड मैन हूँ.
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12:59 - 13:01बच्चे (अंग्रेजी में): मैं जिंजरब्रेड मैन हूँ.
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13:01 - 13:03अध्यापिका: शाबाश. बहुत अच्छे...
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13:09 - 13:11मित्रा: और पीछे गेट्सहैड में,
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13:11 - 13:13एक दस साल की लड़की 15 मिनट में
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13:13 - 13:15हिंदुत्व के केंद्र तक पहुँच गई.
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13:15 - 13:18इतनी गहराई में, जिसका मुझे कुछ अता-पता नहीं.
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13:21 - 13:23दो बच्चों ने एक TEDTalk देखी.
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13:23 - 13:25वो पहले फुटबाल खिलाडी बनना चाहते थे.
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13:25 - 13:27आठ TEDTalks देखने के बाद,
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13:27 - 13:30वो लिओनार्दो डा विन्ची बनना चाहता है.
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13:30 - 13:33(ठहाके)
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13:33 - 13:36(अभिवादन)
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13:36 - 13:38यह काफी सरल बात है.
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13:38 - 13:40मैं अब ऐसी चीज़ें बना रहा हूँ.
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13:40 - 13:43इन्हें SOLEs (सोल्स) या स्व-संगठित शिक्षा वातावरण कहा जाता है.
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13:43 - 13:45फर्नीचर इस तरह बनाया गया है कि
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13:45 - 13:48बच्चे समूहों में, बड़े पर्दों और तेज़ इन्टरनेट
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13:48 - 13:51के सामने बैठ सकें.
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13:51 - 13:54अगर वो चाहें, तो दादीमाँ के बादल को बुला सकते हैं.
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13:54 - 13:56यह न्यूकैसल में एक सोल है.
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13:56 - 13:58यह मांझी भारत से है.
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13:58 - 14:01तो हम किस हद तक जा सकते हैं? बस एक आखिरी बात.
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14:01 - 14:04मैन मई में ट्यूरिन गया.
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14:05 - 14:08मैंने सभी शिक्षकों को मेरे दस-साल के बच्चों से दूर कर दिया.
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14:09 - 14:12मैं केवल अंग्रेजी बोलता हूँ, वे केवल इतालवी,
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14:12 - 14:14हमारे पास बातचीत करने का कोई भी तरीका नहीं था.
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14:14 - 14:17मैंने ब्लैकबोर्ड पर अंग्रेजी सवाल लिखने शुरू कर दिए.
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14:18 - 14:20बच्चों ने उसकी तरफ देखा और कहा, "क्या?"
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14:20 - 14:22मैंने कहा, "इसे हल करो."
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14:22 - 14:25उन्होंने उसे गूगल पर टाइप किया, इतालवी में उसका अनुवाद किया,
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14:25 - 14:27और फिर इतालवी गूगल पर वापस गए.
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14:27 - 14:3015 मिनट बाद...
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14:37 - 14:40अगला सवाल: कोलकाता कहाँ है?
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14:42 - 14:45इसके लिए उन्हें सिर्फ 10 मिनट लगे.
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14:49 - 14:52फिर मैंने एक बहुत कठिन सवाल चुना.
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14:52 - 14:55Pythagoras (पाइथागोरस) कौन थे और उन्होंने क्या किया?
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14:57 - 14:59कुछ देर के लिए ख़ामोशी थी,
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14:59 - 15:01और फिर वो बोले, "आपने गलत लिखा है.
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15:01 - 15:04Pitagora (पीतागोरा) होना चाहिए."
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15:08 - 15:10और फिर,
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15:10 - 15:1220 मिनट में,
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15:12 - 15:14समकोण त्रिकोण कंप्यूटर पर दिखाई देने लगे.
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15:14 - 15:17यह देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए.
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15:17 - 15:19ये सिर्फ दस साल के बच्चे हैं.
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15:32 - 15:35और 30 मिनट में तो ये रिलेटिविटी के सिद्धांत तक पहुँच जायेंगे. उसके बाद क्या?
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15:35 - 15:37(ठहाके)
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15:37 - 15:46(अभिवादन)
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15:46 - 15:48मित्रा: क्या आप जानते हैं ये क्या हुआ?
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15:48 - 15:50मेरे ख़याल से हमने एक अपने आप
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15:50 - 15:52संगठित होने वाला प्रणाली खोज निकाली है.
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15:52 - 15:54एक स्व- संगठनीय प्रणाली वो होती है
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15:54 - 15:56जिसमें स्पष्ट बाहरी हस्तक्षेप के
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15:56 - 15:59बिना ही एक आकार नज़र आता है.
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15:59 - 16:02ऐसी प्रणालियाँ हमेशा उभारता भी दर्शाती हैं -
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16:02 - 16:04यह प्रणाली ऐसी चीज़ें करने लगती है,
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16:04 - 16:06जिसके लिए इसे कभी बनाया ही नहीं गया था.
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16:06 - 16:08इसीलिए आप इस तरह की प्रतिक्रिया कर रहे हैं,
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16:08 - 16:11क्योंकि यह असंभव लगता है.
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16:11 - 16:14मेरे ख्याल से मैं अब एक अंदाजा लगा सकता हूँ.
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16:14 - 16:16शिक्षा एक स्व-संगठनीय प्रणाली है,
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16:16 - 16:18जिसमें सीखना एक उभरती घटना है.
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16:18 - 16:20मुझे इसे प्रायौगिक ढंग में साबित करने में कुछ साल लगेंगे,
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16:20 - 16:22पर मैं कोशिश करूंगा.
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16:22 - 16:25लेकिन इस बीच एक तरीका है.
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16:25 - 16:28100 करोड़ बच्चों के लिए हमें 10 करोड़ मांझी चाहियें --
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16:28 - 16:30इस धरती पर उससे कहीं ज्यादा हैं --
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16:30 - 16:32एक करोड़ सोल्स,
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16:32 - 16:3518 हज़ार करोड़ डॉलर और दस साल.
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16:36 - 16:38हम सब कुछ बदल सकते हैं.
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16:38 - 16:40धन्यवाद.
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16:40 - 16:51(अभिवादन)
- Title:
- सुगाता मित्रा (Sugata Mitra) के स्वयं-शिक्षण में नए प्रयोग
- Speaker:
- Sugata Mitra
- Description:
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शिक्षा वैज्ञानिक सुगाता मित्रा शिक्षा की सबसे कठिन समस्या - सर्वश्रेष्ट शिक्षक और स्कूल उन जगहों पर नहीं हैं जहां उनकी ज़रुरत सबसे ज्यादा है - को सुलझाने की कोशिश करते हैं. नई दिल्ली से लेकर दक्षिण अफ्रीका और इटली तक में उन्होंने कई वास्तविक प्रयोगों में, बच्चों को में इन्टरनेट की सुविधा पहुंचाई और ऐसे परिणाम देखे जो हमारे शिक्षा के बारे में सोचने के नज़रिए में क्रन्तिकारी बदलाव ला सकते हैं.
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 16:53