सफ़ीना हुसैन TED2019 में
-
0:02 - 0:05आज की दुनिया में बहुत सी समस्याएँ हैं।
-
0:05 - 0:10यह सारी एक दूसरे से सम्बंधित
पेचीदा और मुश्किल हैं। -
0:10 - 0:13लेकिन हम कुछ कर सकते हैं।
-
0:13 - 0:14मुझे लगता है
-
0:14 - 0:19कि लड़कियों की शिक्षा
उस चाँदी के गोली के करीब है -
0:19 - 0:23जो दुनिया की सबसे मुश्किल समस्याएँ
हल कर सकता है। -
0:23 - 0:25लेकिन आपको मुझपर यकीन करने की ज़रूरत नहीं।
-
0:25 - 0:27दी वर्ल्ड बैंक के अनुसार
-
0:27 - 0:30लड़कियों की शिक्षा
एक देश के सबसे बेहतरीन इन्वेस्टमेंट -
0:30 - 0:32में से एक है।
-
0:32 - 0:34वह 17 में से 9 सतत विकास के लक्ष्यों को
-
0:34 - 0:38सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
-
0:38 - 0:42सबमें, स्वास्थ्य से लेके
पोषण, रोज़गार -- -
0:42 - 0:46इन सब पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है
जब लड़कियाँ शिक्षित होती हैं। -
0:48 - 0:53उसके साथ, जलवायु वैज्ञानिकों ने
ग्लोबल वार्मिंग को उल्टा करने के -
0:53 - 0:5980 क्रियाओं में से लड़कियों की शिक्षा को
छटा स्तर दिया है। -
0:59 - 1:04छटे नंबर पर, उसका स्तर सोलर पैनल
और इलेक्ट्रिक गाड़ियों से भी ऊँचा है। -
1:06 - 1:08और यह इसलिए है क्योंकि
जब लड़कियाँ शिक्षित होंगी, -
1:08 - 1:10उनके परिवार छोटे होंगे,
-
1:10 - 1:14और आबादी में कमी होगी
-
1:14 - 1:17जो कार्बन के उत्सर्जन बहुत कम कर देगा।
-
1:18 - 1:23लेकिन उससे ज़्यादा, यह एक ऐसी समस्या है
जो हमें एक बार हल करनी है। -
1:23 - 1:27क्योंकि एक शिक्षित माँ का
अपने बच्चों को शिक्षा करने की -
1:27 - 1:29संभावना दुगनी है।
-
1:29 - 1:31मतलब एक बार करके,
-
1:31 - 1:35हम लैंगिक और साक्षरता का अंतर
हमेशा के लिए ख़त्म कर देंगे। -
1:35 - 1:37मैं भारत में काम करती हूँ,
-
1:37 - 1:40जिसने सबके लिए प्राथमिक शिक्षा लाने में
-
1:40 - 1:43बहुत प्रगति की है।
-
1:43 - 1:47लेकिन, हमारे पास अब भी
चालीस लाख लड़कियाँ स्कूल के बाहर हैं, -
1:47 - 1:49दुनिया में सबसे अधिक में से एक।
-
1:50 - 1:54और लड़कियाँ स्कूल के बाहर
गरीबी, सामाजिक और -
1:54 - 1:56सांस्कृतिक पहलूओं के कारण हैं।
-
1:56 - 1:59लेकिन एक मानसिकता का भी पहलू है।
-
2:00 - 2:04मैं एक लड़की से मिली थी
जिसका नाम था नाराज़ नाथ। -
2:04 - 2:06नाराज़ मतलब गुस्सा होना।
-
2:06 - 2:08जब मैंने उससे पूछा,
"तुम्हारा नाम 'नाराज़' क्यों है? -
2:08 - 2:13उसने कहा, "क्योंकि सब बहुत नाराज़ थे
जब एक लड़की का जन्म हुआ था।" -
2:14 - 2:17दूसरी लड़की जिसका नाम था अंतिम बाला
-
2:17 - 2:19मतलब आखरी लड़की।
-
2:19 - 2:22क्योंकि सबकी उम्मीद थी
कि वह आखरी पैदा होने वाली लड़की हो। -
2:24 - 2:25एक लड़की जिसका नाम था आचुकी।
-
2:26 - 2:28मतलब कोई जो आ गई।
-
2:28 - 2:32उसका आना कोई न चाहता, पर आ गई।
-
2:32 - 2:34और यही मानसिकता है
-
2:34 - 2:37जो लड़कियों को पढ़ाई करने से रोकती है
जिससे वे स्कूल नहीं आती। -
2:37 - 2:40यह मान्यता है कि एक बकरी संपत्ति है
-
2:40 - 2:42और एक लड़की बोझ।
-
2:45 - 2:48मेरा संसथान "एड्यूकेट गर्ल्स"
इसे बदलने के लिए काम करता है। -
2:48 - 2:51और हम कुछ बहुत मुश्किल,
ग्रामीण, दूरस्थ -
2:51 - 2:53और आदिवासी गाँवों में काम करते हैं।
-
2:54 - 2:56कैसे?
-
2:56 - 2:58सबसे पहले हम उन्ही गाँवों में से
-
2:58 - 3:02जवान, उत्साही, और पड़े लिखे
युवाओं को ढूँढते हैं। -
3:02 - 3:04लड़के और लड़कियाँ, दोनों।
-
3:04 - 3:06हम उनको टीम बालिका बुलाते हैं,
-
3:06 - 3:07बालिका मतलब बेटी,
-
3:08 - 3:10तो यह टीम हम बेटी के लिए बना रहे हैं।
-
3:11 - 3:14और जब हम इन सामुदायिक स्वयंसेवकों को
काम पर रखते हैं, -
3:14 - 3:18हम उनको तैयार करते हैं, सिखाते हैं,
उन्हें एक एक चीज़ बताते हैं। -
3:18 - 3:20तब हमारा काम शुरू होता है।
-
3:20 - 3:24सबसे पहले हम
हर उस लड़की को ढूँढते हैं -
3:24 - 3:27जो स्कूल नहीं जाती।
-
3:27 - 3:30लेकिन जिस तरह से हम करते हैं
वह थोड़ा अलग और हाई-टेक है, -
3:30 - 3:32कम से कम मेरे हिसाब से।
-
3:32 - 3:35हमारे सारे कार्यकर्ताओं के पास
एक स्मार्टफ़ोन है। -
3:35 - 3:38उन सबमें एड्यूकेट गर्ल्स एप है।
-
3:38 - 3:41और इस एप में हमारी टीम के लिए सब कुछ है।
-
3:41 - 3:46वे जहाँ पर भी सर्वेक्षण लेने जाएँगे,
उन सब जगहों के डिजिटल नक़्शे हैं, -
3:46 - 3:49उसमें वे सर्वेक्षण हैं,
सारे सवाल, -
3:49 - 3:52और कैसे अच्छे सर्वेक्षण लेने हैं,
-
3:52 - 3:56ताकि हमारे पास डाटा उसी समय पर आए
और उसकी गुणता अच्छी हो। -
3:57 - 3:58इनके साथ साथ,
-
3:58 - 4:02हमारी टीम और स्वयंसेवक
घर घर जाते हैं -
4:02 - 4:05हर घर हर उस लड़की को ढूँढने
-
4:05 - 4:08जो स्कूल में कभी दाखिल ही न हो
या जिसने स्कूल छोड़ दिया हो। -
4:08 - 4:12और चूँकि हमारे पास यह डाटा
और टेक्नोलॉजी है, -
4:12 - 4:15हम जल्द ही पता लगा सकते हैं
कि यह लड़कियाँ कौन हैं और कहाँ हैं। -
4:16 - 4:18क्योंकि हमारे सारे गाँव
जीयोटैग्ड हैं -
4:18 - 4:20और हम उस जानकारी का
-
4:20 - 4:22बहुत जल्दी पता लगवा सकते हैं।
-
4:23 - 4:25और जब हमें पता चलता है लड़कियाँ कहाँ हैं,
-
4:25 - 4:29हम उन्हें स्कूल वापस लाने की
प्रक्रिया फिर से शुरू करते हैं। -
4:29 - 4:32और यह हमारे समुदाय को
साथ लाने की भी प्रक्रिया है, -
4:32 - 4:35पहले यह गाँवों की सभा बनाकर शुरू होती है,
नगरों की सभा, -
4:35 - 4:39और फिर माता-पिताओं और परिवारों
के साथ व्यक्तित्व रूप से बातचीत, -
4:39 - 4:42ताकि हम लड़कियों को
वापस स्कूल ले आ पाएँ, -
4:42 - 4:47और यह थोड़े हफ़्तों से लेकर
महीने लगा सकती है। -
4:48 - 4:50एक बार हम लड़कियों को
स्कूल की व्यवस्था में ले आएँ, -
4:50 - 4:52हम स्कूल के साथ भी काम करते हैं
-
4:52 - 4:55यह देखने के लिए कि स्कूल में
ज़रूरी सुविधाएँ हो -
4:55 - 4:57ताकि लड़कियाँ तह पाएँ।
-
4:57 - 5:00और उनमें लड़कियों के लिए
अलग शौचालय होने चाहिए, -
5:00 - 5:02पीने का पानी,
-
5:02 - 5:05ऐसी सुविधाएँ जिनसे वे वहाँ रहें।
-
5:05 - 5:09लेकिन यह सब बेकार होगा
अगर हमारे बच्चे सीख न रहे हो। -
5:09 - 5:12तो हम एक सीखने का योजना रखते हैं।
-
5:12 - 5:14और यह एक अनुपूरक योजना है,
-
5:14 - 5:16और यह बहुत, बहुत ज़रूरी है,
-
5:16 - 5:20क्योंकि हमारे बच्चे यहाँ
पहली पढ़ने वाली पीढ़ी हैं। -
5:20 - 5:23जिसका मतलब है कि घर पर
गृहकार्य में मदद करने के लिए कोई नहीं, -
5:23 - 5:25कोई नहीं जो उनकी शिक्षा का
समर्थन कर पाए। -
5:25 - 5:27उनके माँ-बाप पढ़ नहीं सकते।
-
5:27 - 5:28तो यह बहुत ज़रूरी है
-
5:28 - 5:33कि हम कक्षा में उनके सीखने की
प्रक्रिया का समर्थन करें। -
5:33 - 5:35तो यह हमारा मॉडल है,
-
5:35 - 5:37लड़कियों को ढूँढने
और उनको लाने के बारे में, -
5:37 - 5:39ताकि वह स्कूल में रहें और पढ़ें।
-
5:40 - 5:42और हमें पता है कि हमारा मॉडल काम करता है।
-
5:42 - 5:44और हमें यह पता है क्योंकि
-
5:44 - 5:47हाल ही में इसकी प्रभावकारिता
साबित करने के लिए -
5:47 - 5:49एक नियंत्रित मूल्यांकन हुआ था।
-
5:51 - 5:55हमारे मूल्यांकनकरता ने पाया
कि तीन साल के दौर में -
5:55 - 6:00एड्यूकेट गर्ल्स 92% स्कूल के बाहर
वाली लड़कियों को -
6:00 - 6:01वापस स्कूल ले आया था।
-
6:01 - 6:08(तालियाँ)
-
6:08 - 6:09और सीखने की मामले में,
-
6:09 - 6:12हमारे बच्चों की सीख
नियंत्रित स्कूलों से -
6:12 - 6:14काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई।
-
6:14 - 6:18इतनी, की जैसे किसी
औसत छात्र के लिए -
6:18 - 6:20यह स्कूल का एक और साल था।
-
6:20 - 6:21और यह बड़ी बात है,
-
6:21 - 6:25जब आप एक आदिवासी बच्चे के बारे में सोचें
जो पहली बार स्कूली व्यवस्था -
6:25 - 6:26में जा रहा हो।
-
6:27 - 6:29तो यहाँ हमारे पास एक मॉडल है
जो काम करता है; -
6:29 - 6:31हमें पता है यह बड़ा हो सकता है,
-
6:31 - 6:35क्योंकि हम पहले से ही
13,000 गाँवों में काम कर रहे हैं। -
6:35 - 6:36हमें पता है यह स्मार्ट है,
-
6:36 - 6:39क्योंकि इसमें डाटा और टेक्नोलॉजी
का उपयोग किया गया है। -
6:39 - 6:42हमें पता है यह सतत और व्यवस्थित है,
-
6:42 - 6:45क्योंकि हम समुदाय के साथ
साझेदारी से काम करते हैं, -
6:45 - 6:47इसे समुदाय ही चलता है।
-
6:47 - 6:50हम सरकार से साथ साझेदारी में काम करते हैं,
-
6:50 - 6:52तो यहाँ कोई और व्यवस्था की
रचना नहीं हुई है। -
6:53 - 6:57और क्योंकि हमारे पास
समुदाय और सरकार के साथ -
6:57 - 7:01के साथ यह नवीन साझेदारी है,
यह स्मार्ट मॉडल, -
7:01 - 7:04हमारे पास यह बड़ा, बुलंद ख्वाब है।
-
7:05 - 7:09और वह है कि हम भारत में
स्कूल के बाहरवाली लड़कियों की -
7:09 - 7:12अगले पाँच सालों में पूरी 40 प्रतिशत
समस्या हल करें। -
7:13 - 7:19(तालियाँ)
-
7:19 - 7:22और आप सोच रहे होंगे, कि यह थोड़ा...
-
7:22 - 7:25कि मैं यह करने का
सोच भी कैसे रही हूँ, -
7:25 - 7:29क्योंकि भारत कोई छोटी सी जगह नहीं हैं,
एक बड़ा देश है। -
7:30 - 7:3310 करोड़ से भी ज़्यादा लोगों का देश है।
-
7:33 - 7:37हमारे यहाँ 650,000 गाँव हैं।
-
7:37 - 7:38ऐसा कैसे है कि मैं यहाँ खड़ी हूँ,
-
7:38 - 7:40यह कहते हुए कि एक छोटा संस्थान
-
7:40 - 7:43पूरी 40% समस्या हल करेगा?
-
7:44 - 7:47यह इसलिए है क्योंकि हमारे पास
एक विचार है। -
7:47 - 7:48और वह है,
-
7:48 - 7:53कि हमारे पूरे तरीके की वजह से,
जो डाटा और टेक्नोलॉजी के साथ है, -
7:53 - 7:55कि भारत के पांच प्रतिशत गाँवों में
-
7:55 - 7:5840 प्रतिशत सकूल के बाहरवाली लडकियाँ हैं।
-
7:58 - 8:01और यह एक पहेली का
बड़ा हिस्सा है। -
8:01 - 8:04जिसका मतलब है, कि मुझे
पूरे देश में काम करने की ज़रूरत नहीं। -
8:04 - 8:07मुझे उन पांच प्रतिशत गाँवों में
काम करना है, -
8:07 - 8:10लगभग 35,000 गाँव,
-
8:10 - 8:13ताकि मैं उस समस्या का
बड़ा हिस्सा हल कर पाऊँ। -
8:14 - 8:15और यह ही वह चीज़ है,
-
8:15 - 8:18क्योंकि इन्हीं गाँवों में,
-
8:18 - 8:21स्कूल के बाहरवाली लड़कियों
का बोझ ही नहीं, -
8:21 - 8:24लेकिन बहुत से दूसरे सूचक भी हैं,
-
8:24 - 8:29जैसे कुपोषण, धीमी गति से बढ़ना,
गरीबी, शिशु मृत्यु-दर, -
8:29 - 8:31बाल विवाह।
-
8:31 - 8:33तो यहाँ पर काम करने और ध्यान करने से,
-
8:33 - 8:35आप इन सब सूचकों में
एक बड़ा गुणक का -
8:35 - 8:38प्रभाव बना सकते हो।
-
8:38 - 8:39और उसका मतलब होगा
-
8:39 - 8:43कि हम 16 लाख लड़कियों को
वापस स्कूल में ला सकते हैं। -
8:45 - 8:51(तालियाँ)
-
8:52 - 8:55मैं कहना चाहूँगी,
मैं एक दशक से ज़्यादा से काम कर रही हूँ, -
8:55 - 9:00और मैं कभी किसी लड़की से नहीं मिली,
जिसने कहा हो, -
9:00 - 9:02"मैं घर पर रहना चाहती हूँ,"
-
9:02 - 9:03"मैं पशुओं को घास चराना चाहती हूँ,"
-
9:03 - 9:05"मैं अपने भाई-बहन की
देखबाल करना चाहती हूँ," -
9:06 - 9:08"मैं बालिका वधू बनना चाहती हूँ।"
-
9:08 - 9:12मैं जिस लड़की से मिलती हूँ
वह स्कूल जाना चाहती है। -
9:13 - 9:15और हम वही करना चाहते हैं।
-
9:15 - 9:19हम 1.6 मिलियन सपने
पूरे करना चाहते हैं। -
9:21 - 9:22और इसमें ज़्यादा नहीं लगता।
-
9:22 - 9:26हमारे मॉडल से एक लड़की को
ढूँढकर दाखिल कराने में 20 डॉलर लगते हैं। -
9:26 - 9:29और यह देखना कि वह सीख रही है
और उसे अच्छा पढ़ाई की योजना दिलाना, -
9:29 - 9:31में और 40 डॉलर हैं।
-
9:31 - 9:34लेकिन आज समय है इसे करने का।
-
9:34 - 9:38क्योंकि वह वाकई हमारी
सबसे बड़ी संपत्ति है। -
9:38 - 9:41मैं सफ़ीना हुसैन हूँ,
और मैं लड़कियों को शिक्षा देती हूँ। -
9:41 - 9:42धन्यवाद।
-
9:42 - 9:46(तालियाँ)
- Title:
- सफ़ीना हुसैन TED2019 में
- Speaker:
- सफ़ीना हुसैन
- Description:
-
सफ़ीना हुसैन TED2019 में
- Video Language:
- English
- Team:
closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 09:59
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Abhinav Garule edited Hindi subtitles for A bold plan to empower 1.6 million out-of-school girls in India | |
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Abhinav Garule accepted Hindi subtitles for A bold plan to empower 1.6 million out-of-school girls in India | |
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Abhinav Garule edited Hindi subtitles for A bold plan to empower 1.6 million out-of-school girls in India | |
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Gunjan Hariramani edited Hindi subtitles for A bold plan to empower 1.6 million out-of-school girls in India | |
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Gunjan Hariramani edited Hindi subtitles for A bold plan to empower 1.6 million out-of-school girls in India |