आलेन दे बत्तन :एक दयालु और कोमल सफलता की विचारधारा ।
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0:00 - 0:03मेरे अनुसार ये चीजे सामान्य रूप से होती हैं.. जिन्हें हम करियर संकट कह सकते हैं
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0:03 - 0:05और ये ज्यादातर,वास्तव में , रविवार के शाम से
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0:05 - 0:07ठीक सूर्य अस्त के शुरूआत के समय हॊते है ,
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0:07 - 0:10और मेरी खुद के लिए मेरी उम्मीदों का अंतर ,
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0:10 - 0:14और मेरे जीवन की सच्चाई ऐसे दर्दनाक तरीके से बिखरने लगती है कि
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0:14 - 0:17मैं अंत मे तकिया ले कर रो पड़ता हूँ ।
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0:17 - 0:19मैं इस सब का उल्लेख कर रहा हूँ ,
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0:19 - 0:22इस सब का उल्लेख कर रहा हूँ, क्योकि मुझे लगता है कि यह महज एक व्यक्तिगत समस्या नहीं है ।
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0:22 - 0:24. आप सोच सकते है की मैं इस बारे में गलत हूँ,
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0:24 - 0:26लेकिन मुझे लगता है कि हम एक ऐसे युग मे रहते है जहाँ हमारा जीवन नियिमत रूप से,
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0:26 - 0:28कैरियर संकट से घिरा रहता है
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0:28 - 0:30कितने पल जब हम सोचते थे की हम जानते हैं
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0:30 - 0:32हमारे जीवन के बारे मे .... अपने कैरियर के बारे मे
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0:32 - 0:36एक भयावह कर देने वाली सच्चाई हमारे सामने आ जाती है!
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0:36 - 0:39जबकि अगर देखा जाये तो पहले की तुलना में एक अच्छा जीवन पाना आज शायद ज्यादा आसान है।
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0:39 - 0:42लेकिन ये पहले की तुलना में शायद कहीं ज्यादा मुश्किल है की हम,
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0:42 - 0:45की हम शांत रह पायें और करियर की चिंताओं से खुद को मुक्त रख सकें
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0:45 - 0:47मैं देखना चाहता हूँ, अगर मैं कर सकता हूँ तो..
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0:47 - 0:49कि वो कौनसे कारण हैं ,
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0:49 - 0:52जिनकी वजह से हम अपने करियर (व्यवसाय) में चिंताएं महसूस कर रहे हैं ।
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0:52 - 0:54हम इन कैरियर संकटों के शिकार क्यों हो सकते है,
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0:54 - 0:58जबकि हम धीरे से तकिये में सर रख कर रो रहे हों...
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0:58 - 1:01हमारे दुखों के कारणों मे से एक हो सकता है कि..
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1:01 - 1:03हम मिथ्याभिमानी (झूठा अभिमान करने वाले) लोगों से घिरे हैं ।
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1:03 - 1:06अब...., एक तरह से, मेरे पास कुछ बुरी खबर है..
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1:06 - 1:09मुख्य रूप से उसके लिए जो बाहर से ऑक्सफोर्ड आ रहा है,
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1:09 - 1:11वहां पर लोगो को कम आंकना एक मुख्य समस्या है
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1:11 - 1:13क्योकि ब्रिटेन से बाहर के लोग कभी कभी..
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1:13 - 1:15कल्पना करते है कि दंभ मुख्य तौर पे ब्रिटेन में होने वाली एक घटना है
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1:15 - 1:18जो कि वहां के घरों और खिताबों पर छपी हुयी हैं
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1:18 - 1:20बुरी खबर यह है कि ये सच नहीं है
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1:20 - 1:22दंभ एक वैश्विक घटना है |
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1:22 - 1:24हम एक वैश्विक संगठन हैं | यह एक वैश्विक घटना है.
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1:24 - 1:26यह मौजूद है | एक मिथ्याभिमानी (झूठा अभिमानी ) क्या है?
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1:26 - 1:29एक मिथ्याभिमानी वो है जो आपका एक छोटा सा हिस्सा लेता है
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1:29 - 1:32और उसका प्रयोग करके आपकी पूरी छवि बना लेता है
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1:32 - 1:34ये दंभ है
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1:34 - 1:36और दंभ का प्रमुख प्रकार
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1:36 - 1:38जो आज कल मौजूद है , नौकरी की दंभ है
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1:38 - 1:40किसी भी पार्टी में आप इससे कुछ ही पलों में रूबरू हो जाते हैं
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1:40 - 1:43जब आपसे वो मशहूर और एकलौता प्रश्न पुछा जाता है
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1:43 - 1:46२१वी सदी कि शुरुवात का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न.."आप क्या करते हैं?"
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1:46 - 1:48और आप इस प्रश्न का किस प्रकार से उत्तर देते हैं उसी अनुसार
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1:48 - 1:50लोग या तो आप को देख कर अविश्वनीय रूप से खुश होते हैं
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1:50 - 1:52या फिर अपनी घडी में देख कर कुछ बहाना बनाना शुरू कर देते हैं..
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1:52 - 1:53(हँसी)
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1:53 - 1:56अब एक घमंडी/मिथ्याभिमानी का विपरीत है, आपकी माँ
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1:56 - 1:58(हँसी)
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1:58 - 2:01जरुरी नहीं है कि आप कि और कहने को मेरी माँ हो..
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2:01 - 2:03बल्कि यहाँ हम एक आदर्श माँ कि कल्पना कर रहे हैं
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2:03 - 2:05कोई ऐसा जो आपकी उपलब्धियों के बारे में कोई परवाह नहीं करता
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2:05 - 2:07लेकिन दुर्भाग्यवश , हर कोई इस दुनिया में माँ जैसा नहीं होता
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2:07 - 2:10ज्यादातर लोग एक खास सहसंबंध बनाते है की कितना समय
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2:10 - 2:12और यदि आपको पसंद हो , प्यार ,.. प्रसंगयुक्त प्यार नहीं,
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2:12 - 2:14हालाँकि वह कुछ भी हो सकता है
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2:14 - 2:16लेकिन सामान्य रूप से प्यार , आदर
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2:16 - 2:19जो कि वो लोग हमें खुद से दे सकते हैं, उसकी कड़ी परिभाषा
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2:19 - 2:21हमारी सामाजिक स्तर से निर्धारित होगी |
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2:21 - 2:24और यही एक सबसे बड़ा कारण है जिसकी वजह से हम अपने करियर के बारे में इतना अधिक सोचते हैं
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2:24 - 2:28और वास्तव में भौतिक वस्तुओं का इतना ज्यादा ख्याल रखने लगते हैं
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2:28 - 2:31आपको मालूम है , हमें अक्सर कहा जाता है की हम भौतिक समय में रह रहे हैं
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2:31 - 2:33जहाँ हम सब कि सब लालची हैं
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2:33 - 2:35पर मैं ऐसा नहीं सोचता कि हम सभी भौतिकवादी हैं,
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2:35 - 2:37बल्कि मुझे ऐसा लगता है कि हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहाँ
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2:37 - 2:39हमने अपने आप को कुछ ऐसे भावनात्मक सुखों से जोड़ रखा है
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2:39 - 2:42जिसे आप भौतिक वस्तुओं का संग्रह बोल सकते हैं
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2:42 - 2:45वास्तविकता में हम ये वस्तुएं नहीं चाहते, बल्कि हम इनके होने से मिलने वाले आदर को चाहते हैं
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2:45 - 2:47और ये एक नया तरीका है, विलासी (महंगी) वस्तुओं के हमारे पास होने को देखने का
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2:47 - 2:49तो अगली बार अगर आप किसी को फेर्रारी (एक बहुत महंगी कार) चलाते हुए देखें
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2:49 - 2:51तो ये न सोचें कि "ये व्यक्ति तो लालची लगता है"
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2:51 - 2:54बल्कि सोचें "ये वह व्यक्ति है जो कि अंदर से बहुत अकेला है और इसे प्यार कि बहुत ज्यादा जरुरत hai"
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2:54 - 2:59दुसरे शब्दों में --(हँसी)
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2:59 - 3:01हमदर्दी रखे , घृणा नहीं .
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3:01 - 3:03कुछ और कारण भी हैं
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3:03 - 3:04हँसी
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3:04 - 3:06कुछ और भी कारण हैं जिसकी वजह से शायद आज ये बहुत मुश्किल है
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3:06 - 3:08कि पहले कि तुलना में शांत महसूस कर पाना
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3:08 - 3:11इनमे से एक, देखा जाये तो भ्रमित करने वाला है, क्यूंकि यह कुछ अच्छी चीज के साथ जुड़ा हुआ है
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3:11 - 3:14और वह है हमारे करियर के लिए हमारी आशाएं
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3:14 - 3:16इससे पहले कभी ये आशाएं इतनी ऊँची नहीं रहीं
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3:16 - 3:19कि एक इंसान अपने जीवन कल में क्या क्या पा सकता है
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3:19 - 3:22हमें कहा जाता है, बहुत सारे स्थानों पर, कि कोई इंसान कुछ भी पा सकता है
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3:22 - 3:24हम जातिवाद का अंत कर चुके हैं
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3:24 - 3:26अब हम एक ऐसी सभ्यता में हैं जहाँ कोई भी ऊपर उठ सकता है
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3:26 - 3:28उस स्थान तक, जिसे वो पसंद करते हैं
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3:28 - 3:30और यह एक बहुत ही अच्छा विचार है
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3:30 - 3:34और इसके साथ साथ एक समानता का भाव भी है; हम सब वास्तव में एक समान हैं
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3:34 - 3:36जहाँ पर कोई भी कड़ाई से लिखा हुआ
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3:36 - 3:38पदों का क्रम नहीं है
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3:38 - 3:40पर इसके साथ जुडी हुयी एक बड़ी समस्या भी है
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3:40 - 3:42और वो समस्या है, ईर्ष्या
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3:42 - 3:45इर्ष्या , इर्ष्या की चर्चा करना प्रतिबंधित माना जाता है
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3:45 - 3:48परन्तु अगर आज के समाज में कोई प्रमुख भाव बचा है, तो वो भाव ईर्ष्या का है
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3:48 - 3:52और यह समानता की भावना से जुड़ा हुआ है , चलिए मैं आपको समझाता हूँ
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3:52 - 3:55मुझे लगता है कि यह किसी के भी लिए बहुत असामान्य होगा जो यहाँ पर उपस्तिथ है या इसे देख रहा है .
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3:55 - 3:57इंग्लैंड कि महारानी से इर्शयालु होना
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3:57 - 4:00हालाँकि वो आप में से किसी कि भी तुलना में बहुत अमीर है.
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4:00 - 4:03और उनके पास एक बहुत ही बड़ा घर है.
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4:03 - 4:07हम उनसे ईर्ष्या क्यों नहीं करते है ,इसका कारण है क्योंकि वह बहुत अजीब है.
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4:07 - 4:09वह बस बहुत अजीब है
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4:09 - 4:11हम अपने आप को उन से जोड़ कर नहीं देख पाते,वह बहुत अजीब तरीके से बोलती है.
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4:11 - 4:13वह एक विशिष्ट जगह से आयीं हैं
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4:13 - 4:17तो हम खुद को उनसे जोड़ कर नहीं देख पाते हैं और जब आप किसी से संबंधित नहीं हो सकते हो, तो आप उन्हें ईर्ष्या नहीं करते हो.
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4:17 - 4:20जितना लोग करीब होते हैं , उम्र में,प्रष्ठभूमि में,
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4:20 - 4:23पहचानने की प्रक्रिया में ,वहां पर ईर्ष्या का और अधिक खतरा होता है.
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4:23 - 4:26संयोग से भी, आप में से किसी को भी,कभी भी,एक स्कूल के छात्रों के पुनर्मिलन के लिए जाना नहीं चाहिए.
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4:26 - 4:29क्योंकि वहाँ कोई मजबूत सन्दर्भ बिंदु नहीं है.
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4:29 - 4:31उन लोगो के अलावा जो कि आपके साथ स्कूल में पढ़े थे
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4:31 - 4:34लेकिन समस्या, आमतौर पर, आधुनिक समाज की है, जो इस पूरी दुनिया को बदल देती है
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4:34 - 4:36एक स्कूल में, हर कोई जींस पहन रहा है, हर कोई एक सामान है
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4:36 - 4:38लेकिन फिर भी, वो नहीं हैं
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4:38 - 4:41तो वहां पर समानता के भाव के साथ एक गहरी असमानता जुडी हुयी है
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4:41 - 4:44जो एक बहुत ही तनावपूर्ण स्थिति को पैदा कर सकता है
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4:44 - 4:46आजकल के समय में ये शायद असम्भव है
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4:46 - 4:48कि कोई उतना ही अमीर और प्रसिद्ध हो पाए जितना कि बिल गेट्स हैं
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4:48 - 4:50ऐसा १७ वीं सदी में होने कि संभावना नहीं थी.
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4:50 - 4:53कि आप फ्रेंच अभिजात वर्ग के रेंक को स्वीकार करोगे.
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4:53 - 4:55लेकिन मुद्दा यह है, कि इसे उस तरह से महसूस नहीं करते हैं
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4:55 - 4:58इसे पत्रिकाओं और अन्य मीडिया आउटलेट के द्वारा महसूस कराया जाता है,
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4:58 - 5:01यदि आपके पास ऊर्जा और प्रोधोगिकी के बारे में कुछ उज्जवल विचार हैं ,
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5:01 - 5:05चाहे वो एक गेराज हो, आप भी कुछ बड़ा शुरू कर सकते हैं
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5:05 - 5:06(हँसी)
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5:06 - 5:09और इस समस्या के परिणाम स्वरुप खुद को किताबों कि दुकान में महसूस करा रहे हैं
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5:09 - 5:12जब आप एक बड़ी किताबों वाली दुकान में जाते हो और स्व-सहायता वाले वर्गों को देखते हो,
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5:12 - 5:14जैसा मैं भी कभी कभी करता हूँ,
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5:14 - 5:16यदि आप स्व-सहायता वाली उत्पादित कि गयी किताबों का विश्लेषण करते हो
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5:16 - 5:18आजकी दुनिया में मूलतः दो प्रकार हैं
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5:18 - 5:21पहला प्रकार आपको बताता है , "आप यह कर सकते हो! आप यह बन सकते हो! कुछ भी संभव है!"
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5:21 - 5:24दूसरा प्रकार आपको बताता है कि आप कैसे निपट सकते हैं
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5:24 - 5:27जिसे हम विनम्रता से कह सकते हैं "आत्म-सम्मान की कमी"
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5:27 - 5:29और अविनम्रता से से बोल सकते हैं "अपने बारे में बहुत बुरा महसूस करना"
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5:29 - 5:31यहाँ पर एक वास्तविक संबंध है,
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5:31 - 5:35एक वास्तविक संबंध एक समाज के बीच में जो कि लोगों को बताता है कि वे कुछ भी कर सकते है
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5:35 - 5:37और साथ में, कम आत्म सम्मान का अस्तित्व.
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5:37 - 5:39तो यह एक दूसरा तरीका है जिसमें कुछ है जो काफी सकारात्मक है
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5:39 - 5:41लेकिन जिसके नतीजे काफी ख़राब हो सकते हैं
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5:41 - 5:44कुछ और कारण हैं जिनकी वजह से हो सकता हैं हम बहुत उद्विघन महसूस कर रहे हों
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5:44 - 5:48पहले से बहुत ज्यादा , अपने करियर के बारे में, आज कि दुनिया में अपनी स्थिति के बारे में,
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5:48 - 5:50और यह, फिरसे किसी अच्छी चीज के साथ जुड़ा हुआ है
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5:50 - 5:53और यह अच्छी चीज है जिसे हम मेरिटॉक्रसी (ऐसी स्तिथि जहाँ बुद्धि को सम्मान दिया जाता है- प्रतिभाशाली) कह सकते हैं
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5:53 - 5:55सभी लोग, सभी राजनेता बाएँ और दाएँ पर
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5:55 - 5:57सहमत है कि meritocracy एक बड़ी बात है,
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5:57 - 6:01और हम सभी को अपने समाज को वास्तव में एक प्रतिभाशाली (meritocratic) समाज बनाने की कोशिश करनी चाहिए.
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6:01 - 6:05दूसरे शब्दों में, एक "meritocratic" समाज क्या है ?
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6:05 - 6:07प्रतिभाशाली (meritocratic) समाज वो है जिसमे
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6:07 - 6:09अगर आपके पास प्रतिभा और ऊर्जा और कौशल है,
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6:09 - 6:11तो आप बहुत ऊँचाइयों तक जायेंगे, कोई चीज आपको रोक नहीं सकती
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6:11 - 6:14यह एक सुंदर विचार है. समस्या यह है,
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6:14 - 6:16अगर आप सच में एक ऐसे समाज में विश्वास करते हो
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6:16 - 6:19जिसमें अगर किसी में प्रतिभा है, और उसे ऊपर जाना चाहिए, वही ऊपर जाता है
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6:19 - 6:22उसी तरीके से, आप को उस समाज में भी भरोसा करना चाहिए, हालाँकि ये काफी बुरा लग सकता है
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6:22 - 6:25जहाँ कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो हमेशा बिलकुल नीचे रहने के हकदार हैं
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6:25 - 6:28जो नीचे हैं और उन्हें वहीँ रहना चाहिए
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6:28 - 6:31दुसरे शब्दों में कहें तो आपका स्थान भी कोई अचंभित करने वाला नहीं है
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6:31 - 6:33बल्कि आपकी प्रतिभा के अनुसार है और आप इसके हकदार हैं
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6:33 - 6:36और इसी कारण से आपकी असफलता ज्यादा दुखदायी और दर्द देने वाली है
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6:36 - 6:38आप जानते हैं , कि मध्य युग में इंग्लैंड में,
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6:38 - 6:40जब आप किसी बहुत ही गरीब व्यक्ति से मिलते थे...
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6:40 - 6:43उस व्यक्ति को "बदकिस्मत" कहा जाता था
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6:43 - 6:47सच में, कोई भी जिसके साथ भाग्य नहीं है, बदकिस्मत है
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6:47 - 6:49आजकल, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में,
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6:49 - 6:51अगर आप सामाजिक तौर पर किसी निचले तबके के व्यक्ति से मिलते हो
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6:51 - 6:54अविनम्र तरीके से उन्हें "लूज़र" (हरा हुआ इन्सान) के नाम से बुलाया जाता है
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6:54 - 6:57एक बदकिस्मत और लूज़र में एक बहुत ही प्रमुख अंतर है
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6:57 - 7:00और वो अंतर समाज में 400 वर्षों के विकास को दर्शाता है
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7:00 - 7:03और हमारा विश्वास कि कौन हमारे ऐसे जीवन के लिए जिम्मेदार है
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7:03 - 7:06इसका कारण इश्वर नहीं बल्कि हम खुद हैं, और हम ही इसे आगे बढ़ा रहे हैं
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7:06 - 7:08यह सब बहुत ही अच्छा महसूस करने वाला है, अगर आप खुद बहुत अच्छा कर रहे हों
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7:08 - 7:10और बहुत ही कुचला हुआ अगर आप बहुत अच्छा नहीं कर रहे हैं, (अपने काम में)
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7:10 - 7:13एक समाजशास्त्री के विश्लेषण में, यह सबसे ख़राब मामलों में से एक होता है
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7:13 - 7:17Emil Durkheim की तरह, यह आत्महत्या के दर को बढ़ जाने का एक कारण भी होता है
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7:17 - 7:20वहाँ विकसित व्यक्तिपरक (अकेले रहना पसंद करने वाले समुदाय) देशों में अधिक लोग आत्महत्या कर रहे है
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7:20 - 7:22दुनिया के किसी अन्य भाग में की तुलना में
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7:22 - 7:24और इसके कुछ कारण ये भी हैं की लोग जो कुछ भी होता है
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7:24 - 7:26उन्हें बहुत ही व्यक्तिगत रूप से अपने ऊपर लेते हैं
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7:26 - 7:30वे अपनी सफलता के मालिक है. लेकिन अपनी असफलता के भी वही मालिक है.
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7:30 - 7:32क्या इनमे से कुछ दवाबों से कोई राहत मिल सकती है?
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7:32 - 7:34जिनकी रूपरेखा मैं यहाँ तैयार कर रहा हूँ?
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7:34 - 7:36मुझे लगता है हाँ, और मैं उनमें से कुछ की तरफ जाना चाहता हूं
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7:36 - 7:38चलो प्रतिभा (meritocracy) को लेते हैं.
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7:38 - 7:41यह विचार जो कहता है, की हर किसी को वो पाना चाहिए जिसका वो हकदार है
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7:41 - 7:44मुझे लगता है यह एक पागल विचार है, पूरी तरह से पागल
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7:44 - 7:46मैं बाएँ और दाएँ के किसी भी राजनैतिक दल का समर्थन करूँगा,
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7:46 - 7:48जिनके पास आधे अधूरे ही सही, पर सभ्य प्रतिभावान विचार हैं
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7:48 - 7:50मैं उस अर्थ में एक प्रतिभावान व्यक्ति हूँ
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7:50 - 7:52लेकिन मुझे लगता है की ये पागलपन ही होगा की हम कभी भी
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7:52 - 7:56एक ऐसा समाज बनाने की कल्पना करें जो सही मायने में प्रतिभाशाली है. यह एक असंभव सपना है
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7:56 - 7:58यह विचार है कि हम एक समाज बनायेंगे
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7:58 - 8:00जहाँ सचमुच सभी लोग वर्गीकृत है,
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8:00 - 8:02अच्छा शीर्ष पर है, और बुरा नीचे है,
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8:02 - 8:04और ये बिलकुल ऐसे ही हो, जैसा की इसे होना चाहिए, यह असंभव है
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8:04 - 8:06वहां और भी कई आकस्मिक कारक है :
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8:06 - 8:08दुर्घटनाएं, जन्म की दुर्घटनाएं,
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8:08 - 8:11लोगो के सिर पर गिरने वाली चीजों से दुर्घटनाएं, बीमारियाँ, आदि.
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8:11 - 8:13हम उन्हें कभी वर्गीकृत नहीं करेंगे,
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8:13 - 8:15और ना ही कभी इंसानों को, जैसा की उन्हें होना चाहिए
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8:15 - 8:18मैंने St. Augustine के द्वारा कही कही गयी एक कहावत से बहुत प्रभावित हुआ; "परमेश्वर का शहर "
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8:18 - 8:22जहाँ वे कहते है," कि किसी भी आदमी को उसके पद के कारण आंकना , यह एक पाप है "
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8:22 - 8:24आधुनिक अंग्रेजी में उसका मतलब होगा
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8:24 - 8:26किसी से बात करके उसके बारे में दृष्टिकोण बनाना एक पाप है,
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8:26 - 8:28जो कि केवल उनके बिज़नस (व्यावसायिक) कार्ड्स देख कर बनाया जाये
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8:28 - 8:30यह पद नहीं है जिसकी गिनती करना चाहिए
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8:30 - 8:32St. Augustine के अनुसार,
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8:32 - 8:34यह केवल परमेश्वर है जो वास्तव में सभी लोगो को उनकी जगह पर रख सकते है.
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8:34 - 8:36और वो ही न्याय के दिन वह करने वाला है
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8:36 - 8:38जब ढोल नगाडो और स्वर्ग से आये दूतों के साथ, ये आकाश खुल जायेगा
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8:38 - 8:41उन्मुक्त विचार है, अगर तुम एक धर्मनिरपेक्षतावादी व्यक्ति हो, मेरी तरह ,
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8:41 - 8:43लेकिन फिर भी, उस विचार में कुछ बहुत ही मूल्यवान है.
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8:43 - 8:47अपने आप को थोडा रोकिये जब आप किसी को आंकने का प्रयास करते हैं
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8:47 - 8:50हो सकता है आप नहीं जानते हो कि किसी की सच्ची कीमत क्या है
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8:50 - 8:52ये उनका एक अज्ञात हिस्सा हो सकता है
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8:52 - 8:55और हमें ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए कि हम ये जानते है.
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8:55 - 8:58एक और स्त्रोत है जहाँ इन सब से सांत्वना और आराममिल सकता है
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8:58 - 9:01जब हम जीवन में असफल होने के बारे में सोचते है, जब हम विफलता के बारे में सोचते है,
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9:01 - 9:03इसका एक कारण है की हमें इस बात कर डर नहीं है कि
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9:03 - 9:05हमारी कोई आय नहीं रहेगी या कोई स्तिथि नहीं रहेगी
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9:05 - 9:09हमें दूसरों के निर्णय और उपहास का डर है, और ये वास्तविकता में है
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9:09 - 9:11आप जानते होंगे, उपहास उड़ने का पहली वस्तु
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9:11 - 9:13आजकल के समय में , समाचार पत्र है.
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9:13 - 9:15और अगर आप सप्ताह के किसी भी दिन अख़बार खोलते है,
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9:15 - 9:17यह उन लोगों से भरा है, जो अपने जीवन को ख़राब कर चुके है.
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9:17 - 9:20वे गलत व्यक्ति के साथ सोये है. उन्होंने गलत पदार्थ लिया है.
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9:20 - 9:22उन्होंने कानून का गलत हिस्सा पारित किया है. यह जो भी है.
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9:22 - 9:25पर उपहास उड़ाने के लिए फिट (ठीक) है
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9:25 - 9:28दूसरे शब्दों में, वे हार चुके है. और उन्हें" हारे हुए" के रूप में वर्णित किया गया है.
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9:28 - 9:30अब, क्या हमारे पास इसके लिए कोई विकल्प है?
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9:30 - 9:32मुझे लगता है कि पश्चिमी परंपरा हमें एक शानदार विकल्प दिखाती है.
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9:32 - 9:35और वह है..दुर्घटना
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9:35 - 9:38दुखद कला, के रूप में, यह प्राचीन यूनान के थिएटरों में विकसित की गयी है.
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9:38 - 9:40पांचवी शताब्दी ई. पू. में, अनिवार्य रूप से एक कला
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9:40 - 9:43केवल इस बात के लिए समर्पित थी की लोग विफल क्यूं होते हैं
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9:43 - 9:47और उनके अनुसार सहानभूति का एक स्तर भी
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9:47 - 9:51जो की उन्हें साधारण ज़िन्दगी से शायद नहीं मिल पायेगी
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9:51 - 9:52मुझे याद है, कुछ साल पहले मैं इन सब के बारे में सोच रहा था,
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9:52 - 9:54और मैं "रविवार खेल" देखने गया था
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9:54 - 9:57एक tabloid (खबरों को बड़ा चढ़ा कर लिखने वाले) समाचार पत्र में, जिसे पड़ने को मैं आपको नहीं बोलूँगा
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9:57 - 9:59यदि आप पहले से इससे परिचित नहीं रहे है.
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9:59 - 10:01मैं उनसे बात करने गया था
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10:01 - 10:04पश्चिमी कला कि महान त्रासदियों में से कुछ के बारे में.
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10:04 - 10:06मैं देखना चाहता था कि कैसे वे नंगे हड्डियों को जब्त करेंगे
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10:06 - 10:09उन कुछ कहानियों की जो समाचार की तरह सामने आएँगी
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10:09 - 10:12शनिवार की दोपहर newsdesk पर.
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10:12 - 10:14तो उन्हें मैंने ओथेलो (एक प्रसिद्द उपन्यास) के बारे में बताया, उन्होंने इसके बारे में सुना नहीं था, पर वे काफी प्रभावित हुए
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10:14 - 10:15(हंसी )
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10:15 - 10:18और मैंने उन्हें ओथेलो की कहानी के लिए शीर्षक लिखने को कहा
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10:18 - 10:21और उन्होंने लिखा "प्यार में पागल अप्रवासी ने सीनेटर की बेटी को मारा"
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10:21 - 10:23पूरा शीर्षक जलते बुझते हुए
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10:23 - 10:25मैंने उन्हें महोदया Bovary की कथावस्तु (plotline) दी.
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10:25 - 10:27फिर से एक और किताब जिसे खोज कर वे बहुत खुश हुए
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10:27 - 10:32और उन्होंने लिखा "धोखाधड़ी के कारण खरीदारी के लिए पागल एक लड़की ने आर्सेनिक (एक प्रकार जा ज़हर) निगला"
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10:32 - 10:33हँसी
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10:33 - 10:35और अब मेरा पसंदीदा
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10:35 - 10:37ये लोग अपने आप में एक तरह से महान लोग होते हैं
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10:37 - 10:39मेरा पसंदीदा है "Sophocles ईडिपस राजा"
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10:39 - 10:42"Sex With Mum Was Blinding"
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10:42 - 10:45हँसी
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10:45 - 10:47तालियां
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10:47 - 10:50एक तरह से, अगर आपको पसंद हो, सहानभूति के इन रंगों के एक तरफ
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10:50 - 10:52आपको tabloid (ख़बरों को बड़ा चढ़ा कर लिखने वाला) अख़बार मिल गया है
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10:52 - 10:55और स्पेक्ट्रम के दूसरे छोर पर आपको त्रासदी और दुखद कला मिल गयी है,
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10:55 - 10:57और मुझे लगता है, मैं यही बहस कर रहा हूँ, की इनसे हमें कुछ सीखना चाहिए
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10:57 - 10:59दुखद कला में क्या हो रहा है, के बारे में.
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10:59 - 11:02हेमलेट को हरा हुआ इंसान बोलना पागलपन होगा
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11:02 - 11:05वह एक हारा हुआ नहीं है, हालाँकि वह खो चुका है.
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11:05 - 11:07और मुझे लगता है कि यह हमारे लिए त्रासदी का सन्देश है,
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11:07 - 11:10और क्यों, मुझे लगता है यह तो बहुत, बहुत महत्तवपूर्ण है.
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11:10 - 11:12आधुनिक समाज के बारे में अन्य बात
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11:12 - 11:14और क्यों यह चिंता का कारण है
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11:14 - 11:17यह है कि हमारे पास गैर मानव (मनुष्य से हटकर) के केंद्र में कुछ भी नहीं है
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11:17 - 11:19हम ऐसी दुनिया के पहले समाज में रह रहे है
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11:19 - 11:22जहाँ हम खुद के अलावा और किसी की भी पूजा नहीं करते है.
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11:22 - 11:24हम खुद के लिए बहुत ज्यादा सोचते है और ऐसा करना चाहिए.
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11:24 - 11:27हमने लोगों को चाँद पर रखा है. हमने सभी प्रकार के असाधारण काम किये है.
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11:27 - 11:29और इसलिए हम खुद को पूजा करते है
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11:29 - 11:31मानव हीरो हमारा हीरो है.
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11:31 - 11:33यह एक बहुत ही नई स्थिति है.
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11:33 - 11:35बहुत से अन्य समाजों के बिलकुल मध्य में
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11:35 - 11:37कुछ उत्कृष्ट वस्तुओं की पूजा थी, इश्वर थे
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11:37 - 11:39एक भावना थी , एक प्राकृतिक बल था , ब्रहमांड था,
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11:39 - 11:42जो कुछ भी ये था, पर कुछ हमेशा ऐसा था जिसकी पूजा होती थी
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11:42 - 11:44हम इस आदत को थोडा सा खो चुके है,
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11:44 - 11:46जो की, मुझे लगता है, हमने प्रकृति से लिया है
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11:46 - 11:49अपने स्वास्थ्य के लिए नहीं, जैसा अधिकतर इसे दिखाया जाता है
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11:49 - 11:53पर इसलिए, की ये इंसानों द्वारा बनाये गए परिवेश से भागने का एक रास्ता है
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11:53 - 11:55यह हमारे खुद के बीच की प्रतियोगिता से भागने का एक रास्ता है
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11:55 - 11:57और हमारे अपने खुद के नाटकों से भी भागने का
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11:57 - 11:59और इसलिए हम ग्लेशियरो और महासागरों को देखकर आनंद लेते है
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11:59 - 12:03और प्रथ्वी को इसकी परिधि के बाहर देखने के लिए सोचकर, इत्यादि
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12:03 - 12:07हम उन वस्तुओ के संपर्क में रहना पसंद करते है जो मानवीय नहीं है,
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12:07 - 12:11और वह हमारे लिए बहुत ज्यादा महत्तवपूर्ण है.
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12:11 - 12:14मुझे क्या लगता है कि मैं वास्तव में सफलता और विफलता के बारे में बात कर रहा हूँ.
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12:14 - 12:17और सफलता के बारे में एक सबसे दिलचस्प (आकर्षित) करने वाली बात है
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12:17 - 12:19की हमें लगता है, की ये हम जानते हैं, की इसका मतलब क्या है
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12:19 - 12:21यदि मैंने आपसे ये कहा कि वहाँ परदे के पीछे कोई है
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12:21 - 12:24जो की बहुत बहुत अधिक सफल है, ये सुनकर कुछ ऐसे विचार तुरंत आपके दिमाग में आयेंगे
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12:24 - 12:26जैसे की, उस व्यक्ति ने बहुत पैसा कमाया होगा
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12:26 - 12:29या किसी क्षेत्र में बहुत नाम कमाया होगा
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12:29 - 12:31मेरी सफलता का अपना सिद्धांत है- और मैं कुछ हूँ
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12:31 - 12:34जो सफलता में बहुत रूचि लेते है. मैं वास्तव में सफल बनना चाहता हूँ.
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12:34 - 12:36मैं हमेशा सोचता हूँ कि" मैं कैसे और अधिक सफल हो सकता हूँ".
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12:36 - 12:38लेकिन जैसे जैसे मैं बड़ा हुआ, मैं उतना ही छोटा रहा
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12:38 - 12:40इस बात को समझने में की "सफलता" आखिर में क्या है
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12:40 - 12:42यहाँ एक सूक्ष्म बात है सफलता के बारे में, जो की मैंने महसूस की है
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12:42 - 12:45आप हर चीज़ में सफल नहीं हो सकते हो.
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12:45 - 12:47हम कार्य और जीवन के बीच संतुलन बनाने के लिए कई बातें सुनते हैं
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12:47 - 12:50सब बकवास है, तुम सब नहीं पा सकते हो, बस नहीं पा सकते हो!
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12:50 - 12:52तो सफलता के लिए चाहे कोई भी दृष्टिकोण हो
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12:52 - 12:54उसे यह समझना ही पड़ेगा की खोना क्या है
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12:54 - 12:56जहाँ नुकसान होने के तत्व रहते हैं
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12:56 - 12:59मुझे लगता है कोई भी बुद्धिमान जीवन इस बात को मानेगा कि
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12:59 - 13:02जैसा कि मैं कह रहा हूँ, हमेशा कोई न कोई ऐसी जगह रहेगी, जहाँ सफलता ना मिले
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13:02 - 13:04एक सफल जीवन के बारे में जो बात है
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13:04 - 13:06वो है, कि बहुत सारा समय, हमारे विचार
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13:06 - 13:09इस बारे में कि हम सफलतापूर्वक जीवन व्यतीत कर रहे हैं या नहीं, हमारे अपने विचार नहीं हैं
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13:09 - 13:11वो अन्य लोगो से (को देखकर) लिए गए हैं
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13:11 - 13:13मुख्यतः अगर तुम एक आदमी हो,तो तुम्हारे पिता,
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13:13 - 13:15और अगर तुम एक औरत हो,तो तुम्हारी माँ,
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13:15 - 13:18मनोविश्लेषण से ये बात अस्सी वर्षों में कई बार सामने आ चुकी है
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13:18 - 13:21चाहे कोई भी ध्यान से इसे सुन ना रहा हो, पर मुझे लगता है ये वाकई में बिलकुल सच है
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13:21 - 13:23और हम बहुत सारी अन्य जगहों से भी सन्देश लेते हैं
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13:23 - 13:25टेलीविजन से, लेकर विज्ञापन,
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13:25 - 13:27विपणन आदि,
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13:27 - 13:29ये सब बहुत ही शक्तिशाली ताकतें हैं
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13:29 - 13:33जो यह स्पष्ट करती है कि हम क्या चाहते है और हम खुद को कैसे देखते है.
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13:33 - 13:36जब हमें यह बताया गया कि बैंकिंग एक बहुत ही सम्मानित पेशा है
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13:36 - 13:38हममे से बहुत से लोग बैंकिंग में जाना चाहते है.
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13:38 - 13:41लेकिन जब बैंकिंग इतना सम्मानजनक पेशा नहीं रह गया है, तो हमने बैंकिंग में अपनी रूचि खो दी है.
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13:41 - 13:44हम सुझाव के लिए अत्यधिक खुले है.
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13:44 - 13:47तो मैं इसके लिए आपसे बहस नहीं करना चाहता हूँ कि हमें यह छोड़ देना चाहिए
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13:47 - 13:49सफलता के लिए हमारे खुद के विचार
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13:49 - 13:51लेकिन हमें ये पक्का करना होगा कि ये विचार हमारे खुद के हैं
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13:51 - 13:53हमें अपने विचारों पर ध्यान देना चाहिए.
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13:53 - 13:56और पक्का करना होगा इ हम उनके मालिक हैं
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13:56 - 13:58कि हम वास्तव में अपनी महत्वकांक्षाओं के लेखक है.
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13:58 - 14:00क्योंकि ये काफी बुरा है,वह ना पाना जो कि आप चाहते हो ,
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14:00 - 14:03लेकिन उससे भी अधिक बुरा होना ये है कि
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14:03 - 14:06कि आप अपनी यात्रा के अंत में ये पायें
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14:06 - 14:09कि ये भी वह सब कुछ नहीं है, जो कि आप चाहते थे
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14:09 - 14:11तो अब यहीं पर मैं इसका अंत करने जा रहा हूँ
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14:11 - 14:14पर मैं अभी भी जो बात जोर डालके कहना चाहता हूँ
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14:14 - 14:16हाँ, सफलता, हर तरह से है .
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14:16 - 14:18लेकिन उसके लिए हमें अपने विचारों में से कुछ की विचित्रिता को अपनाना होगा
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14:18 - 14:21चलिए, अपने खुद के सफलता के विचारों का विश्लेषण करते हैं
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14:21 - 14:25चलिए ये पक्का करते हैं की सफलता के लिए जो विचार हैं, वो हमारे खुद के हैं
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14:25 - 14:27बहुत, बहुत धन्यवाद.
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14:27 - 14:43(तालियां).
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14:43 - 14:45क्रिस एंडरसन: यह बहुत आकर्षक था. आप कैसे सामंजस्य करते है
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14:45 - 14:50किसी के होने का यह विचार-
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14:50 - 14:53एक हारे हुए आदमी की तरह किसी के बारे में सोचना, यह बुरा है
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14:53 - 14:57इस विचार के साथ की बहुत से लोग आपके जीवन का नियंत्रण खुद लेना चाहते हैं
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14:57 - 15:00और वह एक समाज है जो उसे प्रोत्साहित करता है
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15:00 - 15:03शायद उसमें कुछ सफल और असफल लोगो को होना ही चाहिए
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15:03 - 15:06Alain de Botton: हाँ मुझे लगता है कि यह केवल आकस्मिकता है
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15:06 - 15:08जीतना और हारना एक प्रक्रिया है जिस पर मैं प्रभाव डालना चाहता था.
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15:08 - 15:10क्योंकि आजकल बातों को जोर डालकर कहना बहुत जरुरी है
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15:10 - 15:12सब के न्याय पर,
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15:12 - 15:14और नेता हमेशा न्याय के बारे में बात करते है.
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15:14 - 15:17अब मैं न्याय में एक कठोर आस्तिक हूँ, मुझे बस यही लगता है कि यह असंभव है.
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15:17 - 15:19तो हमें वो सब करना चाहिए, जो हम कर सकते है
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15:19 - 15:21हमें वो सब करना चाहिए जिसे हम आगे बढ़ा सकते है
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15:21 - 15:23लेकिन दिन के अंत में हमें हमेशा याद रखना चाहिए
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15:23 - 15:26बाधा जो भी हमारे सामने है और जो कुछ भी उनकी जिंदगियों में हुआ है
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15:26 - 15:29जहाँ भाग्य का होना एक बहुत ही मजबूत कारण होगा
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15:29 - 15:31और उसी के लिए मैं जगह बनाने की कोशिश कर रहा हूँ
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15:31 - 15:33अन्यथा ये काफी छोटा भी हो सकता है
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15:33 - 15:35सीए;मेरा मतलब है, कि क्या आपको विश्वास है कि आप संयोजित कर सकते है
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15:35 - 15:37आपकी एक दयालु और कोमल सफलता की विचारधारा
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15:37 - 15:41एक सफल अर्थव्यवस्था के साथ?
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15:41 - 15:43क्या आपको लगता है कि आप नहीं कर सकते हो?
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15:43 - 15:45लेकिन इससे उतना फर्क नहीं पड़ता है कि हम उस पर बहुत अधिक जोर डाल रहे है.
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15:45 - 15:48AB एक बुरा सपना ही होगा
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15:48 - 15:52ये सोचना की लोगो को डरा के काम निकलना सबसे बेहतर तरीका है
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15:52 - 15:55और एक तरीके से पर्यावरण भी बहुत कठोर हो जायेगा
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15:55 - 15:57जब चुनोतियों का सामना करने के लिए अधिक से अधिक लोग खड़े हो जायेंगे
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15:57 - 16:01आप सोचना चाहेंगे, की किसको आप अपने आदर्श पिता की तरह देखते हैं ?
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16:01 - 16:04और अगर आपके आदर्श पिता कोई हैं, तो वो बहुत कठोर हैं पर कोमल भी
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16:04 - 16:06और ये बहुत ही कठिन परिस्तिथि है बनाने के लिए
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16:06 - 16:10हमें पिताजी चाहिए, लेकिन वैसे ही पिताजी जैसे समाज में थे ,जिन्हें दोहराया जा सके
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16:10 - 16:12केवल दो चरम संभावनाओं को छोड़कर
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16:12 - 16:16जो की एक तरफ सत्तावादी और अनुशासक हो
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16:16 - 16:20और दूसरी तरफ, न वह कठोर हो और ना जिनके कोई नियम हो
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16:20 - 16:22सीए:Alain de Botton.
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16:22 - 16:24AB: आपको बहुत बहुत धन्यवाद्.
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16:24 - 16:34(तालियां)
- Title:
- आलेन दे बत्तन :एक दयालु और कोमल सफलता की विचारधारा ।
- Speaker:
- Alain de Botton
- Description:
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आलेन दे बत्तन हमारे सफलता और विफलता के विचारों की जाँच करते है - और इन दो निर्णयों के अंतर्निहित मान्यताओं पर सवाल उठाते है । क्या सफलता हमेशा अर्जित की जाती है? क्या असफलता ? वे दंभ से परे होकर अपने काम में सच्चा सुख तराषने के लिए एक भाषण ,हल्के तरीके से प्रस्तुत करते हैं
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- English
- Team:
closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 16:39