< Return to Video

Shaun Leonardo: The Freedom to Move | Art21 "New York Close Up"

  • 0:15 - 0:18
    मैं एक एसी पृष्‍ठभूम‍ि से आता हूं ज‍िसमें
  • 0:18 - 0:22
    मैंने अपने किसी भी पुरूष पर‍िजन को रोते नहीं देखा
  • 0:29 - 0:33
    भावनाओं को व्‍यक्‍त न करने के उस स्‍तर के व‍िषय में मैं
  • 0:33 - 0:36
    प्रश्‍न करने लगा
  • 0:39 - 0:42
    जि‍समें दुर्बल और सुभेद्य होने की अनुमत‍ि नहीं है
  • 0:47 - 0:50
    कला मेरे ल‍िए वह मार्ग बन गयी
  • 0:51 - 0:55
    ज‍िसमें मैं इन दुर्बलताओं को अनुभव कर सकता था
  • 0:55 - 0:59
    उन्‍हें धारण कर सकता था और
  • 1:00 - 1:01
    एक न‍िकटतम श्रोता के साथ साझा कर सकता था।
  • 1:02 - 1:05
    [शॉन ल‍ियोनार्डो: संचरण की स्‍वतंत्रता]
  • 1:08 - 1:09
    एक पास फेंकता है जो
  • 1:09 - 1:12
    शॉन ल‍ियोनार्डो द्वारा लगभग उठा ल‍िया जाता है।
  • 1:13 - 1:17
    ल‍ियोनार्डो: मैंने अपने जीवन के दस वर्षों से भी अध‍िक फुटबॉल खेला है।
  • 1:17 - 1:19
    ल‍ियोनार्डो: मेरे सारे काम कलाकार और धावक के
  • 1:19 - 1:21
    बीच की उसी दोहरी पहचान के अनुभव से उपजते हैं।
  • 1:21 - 1:24
    मुझे लगता है जैसे यह कल ही की बात हो
  • 1:26 - 1:29
    एक प्रश‍िक्षक ज‍िसे मैं वास्‍तव में स्‍नेह करता हूं और मेरे पास जि‍नकी प्‍यारी यादें हैं
  • 1:29 - 1:33
    मानों मुझे गुस्‍सा करने के ल‍िए कहते हैं
  • 1:33 - 1:37
    मैं चाहता हूं क‍ि तुम इस तरह खेलो
  • 1:37 - 1:41
    मानों उन्‍होंने तुम्‍हें राइकर्स से बाहर जाने द‍िया।
  • 1:46 - 1:49
    एक युवक की तरह-मैं उस समय 21 वर्ष का हूं
  • 1:50 - 1:52
    आपके तुम्‍हारे पास साधन नहीं होते
  • 1:52 - 1:55
    इसे स्‍वस्‍थ ढंग से ग्रहण करने के
  • 1:55 - 1:57
    और तब क्‍या होता है?
  • 1:57 - 1:58
    यह काम कर जाता है
  • 1:58 - 2:01
    मैं उस आक्रोश को बाहर लाता हूं जो वह खोज रहे हैं।
  • 2:01 - 2:04
    उद्घोषक: ल‍ियोनार्डो उसे भीतर धकेलने
  • 2:04 - 2:07
    और संभालने में सक्षम है
  • 2:09 - 2:11
    शॉन ल‍ियोनार्डो द्वारा बढ‍़‍िया प्रदर्शन
  • 2:11 - 2:14
    मैं अब 40 वर्ष का हूं
  • 2:15 - 2:19
    और मैं अब भी उस क्षण के बारे में सोचता हूं।
  • 2:19 - 2:22
    जब तुम्‍हें अपने अंतर से अपने रंग से अपनी सोची पहचान से चिन्‍ह‍ित क‍िया जाता है
  • 2:22 - 2:26
    तुम एक आसानी से द‍िखाई देने वाला लक्ष्‍य बन जाते हो
  • 2:28 - 2:33
    य‍ह वो बात है क‍ि आप वास्‍तव में अदृश्‍य हो जाते हो
  • 2:33 - 2:35
    क्‍यों‍क‍ि लोग आपके आर-पार देख सकते हैं।
  • 2:35 - 2:37
    क्‍या तुम तैयार हो?- हां!
  • 2:48 - 2:49
    कॉलेज के बाद
  • 2:49 - 2:51
    मेरे फुटबॉल के कर‍ियर के बाद
  • 2:52 - 2:55
    मैं मैक्‍स‍िकन कुश्‍ती मास्‍क में गया और
  • 2:55 - 2:57
    एक अदृश्‍य व‍िरोधी से लड़ा
  • 3:00 - 3:01
    लड़ाई की घंटी बजती है
  • 3:03 - 3:04
    दर्शक जोश बढ़ा रहे हैं
  • 3:05 - 3:08
    एल कॉनक्‍व‍िस्‍टाडोर और अदृश्‍य व्‍यक्‍त‍ि 2006
  • 3:09 - 3:11
    हर स्‍पर्धा के बाद यह महत्‍वपूर्ण था क‍ि
  • 3:11 - 3:15
    दर्शक शॉन ल‍ियोनार्डो के साथ रहती थी।
  • 3:16 - 3:18
    यह क‍ि वह चर‍ित्र अनावृत हो जाता था।
  • 3:18 - 3:22
    और आप उस व्‍यक्‍त‍ि के साथ रह जाओ
  • 3:22 - 3:24
    ज‍िसे आवश्‍यकता महसूस हो रही है।
  • 3:24 - 3:26
    इस संघर्ष से गुजरने की
  • 3:29 - 3:32
    स्‍वयं को देखने के ल‍िए।
  • 3:33 - 3:37
    क्‍या आप कल्‍पना कर सकते हो
  • 3:37 - 3:41
    क‍ि मेरे सामने कोई नहीं है?
  • 3:41 - 3:45
    और इसल‍िए एक छोटे घूंसे जैसी कोई चीज़
  • 3:45 - 3:46
    आप इसे ऐसे ही दर्ज‍ कर सकते हो ।
  • 3:46 - 3:47
    और यद‍ि आप दर्शकों में हो
  • 3:47 - 3:50
    तो आप क्‍या समझ पाओगे?
  • 3:50 - 3:51
    मुझे समझना पड़ेगा
  • 3:51 - 3:54
    [खुली हथेली पर मुट्ठी के प्रहार की ध्‍वन‍ि]
  • 3:59 - 4:02
    मुझे इसे वास्‍तव में इस तरह नाटकीय बनाना है क‍ि
  • 4:02 - 4:05
    आप इसे होता देखो
  • 4:05 - 4:10
    और तब आप इसका अनुसरण होते देखो
  • 4:13 - 4:18
    मैं ह‍िंसा का दृश्‍य कर रहा हूं
  • 4:18 - 4:21
    और बहुधा एक काले शरीर से अत‍िपौरूषता
  • 4:21 - 4:24
    और आक्रोश की पहचान की अपेक्षा की जाती है।
  • 4:25 - 4:27
    और यह धारणा क‍ि एक काले और भूरे शरीर के रूप में
  • 4:27 - 4:28
    हम व‍िश्‍व में घूमते हैं और श्‍वेत लोगों के
  • 4:28 - 4:29
    प्रत‍िब‍िंब के ल‍िए दर्पण की तरह काम करते हैं।
  • 4:29 - 4:30
    [दर्शक खुशी से च‍िल्‍लाते हैं]
  • 4:30 - 4:32
    एक!
  • 4:35 - 4:38
    दो!
  • 4:40 - 4:47
    तीन!
  • 4:48 - 4:53
    [दर्शक खुशी से च‍िल्‍लाते हैं]
  • 4:54 - 4:59
    स्‍व-च‍ित्र
  • 5:02 - 5:05
    और तब उस छव‍ि को ब‍िगाड़ने के तरीके खोजना
  • 5:05 - 5:10
    अपने पूर्णतर स्‍व को गहराई से
  • 5:13 - 5:18
    च‍ित्र‍ित और अनुभव करने के ल‍िए
  • 5:18 - 5:20
    जो क‍ि इन रुढ़ियों और इन प्रत‍िबिंबों में कैद नहीं है।
  • 5:20 - 5:21
    यही मेरी अन‍िवार्यता है।
  • 5:24 - 5:28
    यही वो वस्‍तु है जो मैं व‍िश्‍व को देना चाहता हूं।
  • 5:28 - 5:32
    क्‍या कोई वर्णन कर सकता है क‍ि उनके शरीर में क्‍या हो रहा था?
  • 5:33 - 5:38
    मेरे ल‍िए बहुत कष्‍टदायक था।
  • 5:40 - 5:44
    जैसे मुझे ल‍गा क‍ि मेरा शरीर गर्म हो गया है।
  • 5:44 - 5:47
    मैं इस खोज में अध‍िक से अध‍िक लोगों को लगाना चाहता हूं।
  • 5:49 - 5:50
    ताक‍ि यह स‍िर्फ मेरे वर्णन तक सीमि‍त न रहे।
  • 5:51 - 5:53
    शारीर‍िक न‍िरूपण की रणन‍ीत‍ि से ही
  • 5:57 - 5:58
    मैं अध‍िक लोगों को इसमें शाम‍िल कर सकता था।
  • 5:59 - 6:00
    मैं चाहता था क‍ि लोग इसे अनुभव करें और
  • 6:03 - 6:04
    जो यह प्रस्‍तुत‍ि कहना चाहती थी
  • 6:06 - 6:08
    उसे अपने शरीर को कहने दें।
  • 6:17 - 6:19
    [आद‍िकालीन खेल]
  • 6:20 - 6:23
    [दर्शक ताली बजाते हैं]
  • 6:27 - 6:31
    प्रत‍िभागि‍यों !
  • 6:31 - 6:36
    तैयार!
  • 6:37 - 6:41
    उसे ले आओ!
  • 6:41 - 6:44
  • 6:44 - 6:46
  • 6:51 - 6:53
  • 6:53 - 6:55
  • 6:59 - 7:03
  • 7:05 - 7:09
  • 7:09 - 7:11
  • 7:15 - 7:19
  • 7:19 - 7:22
  • 7:23 - 7:26
  • 7:26 - 7:27
  • 7:27 - 7:29
  • 7:32 - 7:36
  • 7:36 - 7:40
  • 7:42 - 7:45
  • 7:45 - 7:48
  • 7:48 - 7:50
  • 7:50 - 7:52
  • 7:52 - 7:54
  • 7:56 - 7:59
  • 7:59 - 8:04
  • 8:04 - 8:06
  • 8:07 - 8:08
  • 8:09 - 8:13
  • 8:14 - 8:17
  • 8:18 - 8:21
  • 8:22 - 8:24
  • 8:24 - 8:30
  • 8:31 - 8:38
  • 8:39 - 8:44
  • 8:45 - 8:48
  • 8:48 - 8:50
  • 8:50 - 8:58
  • 8:58 - 9:04
  • 9:04 - 9:08
  • 9:08 - 9:11
  • 9:13 - 9:16
  • 9:16 - 9:21
  • 9:21 - 9:26
  • 9:26 - 9:28
  • 9:28 - 9:32
  • 9:36 - 9:39
  • 9:39 - 9:42
  • 9:42 - 9:44
  • 9:44 - 9:49
  • 9:51 - 9:54
  • 9:58 - 10:00
  • 10:00 - 10:05
  • 10:05 - 10:06
  • 10:07 - 10:09
  • 10:14 - 10:19
  • 10:19 - 10:25
  • 10:25 - 10:28
  • 10:30 - 10:36
  • 10:37 - 10:41
  • 10:43 - 10:45
  • 10:45 - 10:47
  • 10:48 - 10:50
  • 10:51 - 10:56
  • 10:57 - 11:00
Title:
Shaun Leonardo: The Freedom to Move | Art21 "New York Close Up"
Description:

more » « less
Video Language:
English
Team:
Art21
Project:
"New York Close Up" series
Duration:
11:29

Hindi subtitles

Revisions Compare revisions