मैं एक एसी पृष्‍ठभूम‍ि से आता हूं ज‍िसमें मैंने अपने किसी भी पुरूष पर‍िजन को रोते नहीं देखा भावनाओं को व्‍यक्‍त न करने के उस स्‍तर के व‍िषय में मैं प्रश्‍न करने लगा जि‍समें दुर्बल और सुभेद्य होने की अनुमत‍ि नहीं है कला मेरे ल‍िए वह मार्ग बन गयी ज‍िसमें मैं इन दुर्बलताओं को अनुभव कर सकता था उन्‍हें धारण कर सकता था और एक न‍िकटतम श्रोता के साथ साझा कर सकता था। [शॉन ल‍ियोनार्डो: संचरण की स्‍वतंत्रता] एक पास फेंकता है जो शॉन ल‍ियोनार्डो द्वारा लगभग उठा ल‍िया जाता है। ल‍ियोनार्डो: मैंने अपने जीवन के दस वर्षों से भी अध‍िक फुटबॉल खेला है। ल‍ियोनार्डो: मेरे सारे काम कलाकार और धावक के बीच की उसी दोहरी पहचान के अनुभव से उपजते हैं। मुझे लगता है जैसे यह कल ही की बात हो एक प्रश‍िक्षक ज‍िसे मैं वास्‍तव में स्‍नेह करता हूं और मेरे पास जि‍नकी प्‍यारी यादें हैं मानों मुझे गुस्‍सा करने के ल‍िए कहते हैं मैं चाहता हूं क‍ि तुम इस तरह खेलो मानों उन्‍होंने तुम्‍हें राइकर्स से बाहर जाने द‍िया। एक युवक की तरह-मैं उस समय 21 वर्ष का हूं आपके तुम्‍हारे पास साधन नहीं होते इसे स्‍वस्‍थ ढंग से ग्रहण करने के और तब क्‍या होता है? यह काम कर जाता है मैं उस आक्रोश को बाहर लाता हूं जो वह खोज रहे हैं। उद्घोषक: ल‍ियोनार्डो उसे भीतर धकेलने और संभालने में सक्षम है शॉन ल‍ियोनार्डो द्वारा बढ‍़‍िया प्रदर्शन मैं अब 40 वर्ष का हूं और मैं अब भी उस क्षण के बारे में सोचता हूं। जब तुम्‍हें अपने अंतर से अपने रंग से अपनी सोची पहचान से चिन्‍ह‍ित क‍िया जाता है तुम एक आसानी से द‍िखाई देने वाला लक्ष्‍य बन जाते हो य‍ह वो बात है क‍ि आप वास्‍तव में अदृश्‍य हो जाते हो क्‍यों‍क‍ि लोग आपके आर-पार देख सकते हैं। क्‍या तुम तैयार हो?- हां! कॉलेज के बाद मेरे फुटबॉल के कर‍ियर के बाद मैं मैक्‍स‍िकन कुश्‍ती मास्‍क में गया और एक अदृश्‍य व‍िरोधी से लड़ा लड़ाई की घंटी बजती है दर्शक जोश बढ़ा रहे हैं एल कॉनक्‍व‍िस्‍टाडोर और अदृश्‍य व्‍यक्‍त‍ि 2006 हर स्‍पर्धा के बाद यह महत्‍वपूर्ण था क‍ि दर्शक शॉन ल‍ियोनार्डो के साथ रहती थी। यह क‍ि वह चर‍ित्र अनावृत हो जाता था। और आप उस व्‍यक्‍त‍ि के साथ रह जाओ ज‍िसे आवश्‍यकता महसूस हो रही है। इस संघर्ष से गुजरने की स्‍वयं को देखने के ल‍िए। क्‍या आप कल्‍पना कर सकते हो क‍ि मेरे सामने कोई नहीं है? और इसल‍िए एक छोटे घूंसे जैसी कोई चीज़ आप इसे ऐसे ही दर्ज‍ कर सकते हो । और यद‍ि आप दर्शकों में हो तो आप क्‍या समझ पाओगे? मुझे समझना पड़ेगा [खुली हथेली पर मुट्ठी के प्रहार की ध्‍वन‍ि] मुझे इसे वास्‍तव में इस तरह नाटकीय बनाना है क‍ि आप इसे होता देखो और तब आप इसका अनुसरण होते देखो मैं ह‍िंसा का दृश्‍य कर रहा हूं और बहुधा एक काले शरीर से अत‍िपौरूषता और आक्रोश की पहचान की अपेक्षा की जाती है। और यह धारणा क‍ि एक काले और भूरे शरीर के रूप में हम व‍िश्‍व में घूमते हैं और श्‍वेत लोगों के प्रत‍िब‍िंब के ल‍िए दर्पण की तरह काम करते हैं। [दर्शक खुशी से च‍िल्‍लाते हैं] एक! दो! तीन! [दर्शक खुशी से च‍िल्‍लाते हैं] स्‍व-च‍ित्र और तब उस छव‍ि को ब‍िगाड़ने के तरीके खोजना अपने पूर्णतर स्‍व को गहराई से च‍ित्र‍ित और अनुभव करने के ल‍िए जो क‍ि इन रुढ़ियों और इन प्रत‍िबिंबों में कैद नहीं है। यही मेरी अन‍िवार्यता है। यही वो वस्‍तु है जो मैं व‍िश्‍व को देना चाहता हूं। क्‍या कोई वर्णन कर सकता है क‍ि उनके शरीर में क्‍या हो रहा था? मेरे ल‍िए बहुत कष्‍टदायक था। जैसे मुझे ल‍गा क‍ि मेरा शरीर गर्म हो गया है। मैं इस खोज में अध‍िक से अध‍िक लोगों को लगाना चाहता हूं। ताक‍ि यह स‍िर्फ मेरे वर्णन तक सीमि‍त न रहे। शारीर‍िक न‍िरूपण की रणन‍ीत‍ि से ही मैं अध‍िक लोगों को इसमें शाम‍िल कर सकता था। मैं चाहता था क‍ि लोग इसे अनुभव करें और जो यह प्रस्‍तुत‍ि कहना चाहती थी उसे अपने शरीर को कहने दें। [आद‍िकालीन खेल] [दर्शक ताली बजाते हैं] प्रत‍िभागि‍यों ! तैयार! उसे ले आओ!