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[अतींद्रिय संगीत] 
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हमारे समुदाय, लोग और राज्य की कहानी 
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काफी समय पहले शुरू होता है 
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[संगीत] 
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वास्तव में 60,000 से ज़्यादा साल पहले 
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[संगीत] 
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यह वह समय था जब हमारी संस्कृति और नियम 
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पहली बार फल फूलने लगा था 
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[संगीत] 
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हमे पता था की हम कौन है और कहाँ से आये हैं 
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हम ध्यान रखते थे एक दुसरे का, 
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हमारे ज़मीन और पानी का 
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हम वह भोजन खाते थे जो हमें स्वस्थ बनाते थे 
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हम एक देश में रहते थे 
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और हम अपने नियम एवं गानों को पालन करते थे 
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हमारे परिवार, हमारे बच्चे काफी खुश थे 
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मज़बूत मन और दिल के साथ क्यूंकि 
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वो अपनों के साथ थे 
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[संगीत] 
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[हलके धड़कन की आवाज़] 
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लेकिन फिर 
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सब कुछ बदल गया 
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औपनिवेशीकरण का आगमन हुआ 
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और साथ लाया युद्ध, बीमारी, अकाल, 
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हिंसा 
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और हमारे सांस्कृतिक नियम, 
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पवित्र स्थल, 
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परिवार और समुदाय 
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की तबाही एवं उल्लंघन हुआ 
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हमें हमारे ज्ञान, भाषा, रीति रिवाज़ 
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और पहचान से नाकारा गया 
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वही चीज़े जो हमें बताती है कि 
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हम कौन है, और कहाँ से आये है 
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हमारा बंधन आपस में और धरती के साथ 
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ढीला पड़ने लगा 
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और फिर हमारे बच्चे हमसे छीन लिया गया 
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उनका नाम बदला गया 
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और उनकी पहचान हटाया गया 
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उन्हें बताया गया कि 
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अबोरिजिनल्स / आदिम समूह के लोग 
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बुरे होते है 
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सबसे बुरी बात यह है कि 
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उन्हें बताया गया कि उनके माता पिता 
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उन्हें वापस नहीं चाहते 
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सालों तक यह चलता रहा और 
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यह बच्चे "स्टोलन जनरेशन" / "छीना हुआ पीढ़ी" 
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से जाना जाने लगे 
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हमारे बच्चों को प्यार वंचित किया गया 
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और उन्हें शारीरिक, मानसिक एवं यौन उत्पीड़न 
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का अनुभव करना पड़ा 
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यह उनमे काफी गहरा, जटिल 
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और प्रत्यक्ष घाव छोड़ा 
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जिसके निशान आज भी 
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व्यक्तिगत, सामाजिक, आध्यात्मिक 
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और सामूहिक रूप से अनुभव किया जा रहा है 
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जब हमारे कहानी का शुरुआत हुई, 
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हम अपने सांस्कृतिक तरीकों से 
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बच्चो को बड़ा करते थे जिससे 
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हमारे परिवार बनी रही और समृद्ध रहा 
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कई पीडियों तक 
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हमारे लोग बलवान थे और हमारे संस्कृति 
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का प्रवाह हमें बुरे समय में सांत्वना दी 
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लेकिन उपनिवेश और स्टोलन जनरेशन के बाद 
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हम पहले कि तरह घावों को भर नहीं पाए 
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और हमने अनजाने में हमारे बच्चो को 
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दुखी कहानियां सुनाकर, हमारे दर्द का गवाह 
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और अनुभव कराकर ये घाव उनपे सौप दिया है 
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इसको अंतर पीढ़ीगत चोट कहा जाता है 
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और हम आज भी इसके लक्षण देख सकते है 
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जैसे कि टूटे हुए रिश्ते, टूटे परिवार, 
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हिंसा, आत्महत्या 
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एवं नशा और शराब के दुरुपयोग 
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लेकिन हमारी कहानी यहाँ खत्म नहीं होती 
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अभी भी हमारा सख्त मन और दिल कायम है 
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और हमे अभी भी पता है कि हम कौन थे 
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और कहा से आये है 
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एक साथ एक सुरक्षित और मज़बूत समुदाय बनाकर, 
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अपने परिवारों को दर्द से 
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मुक्त करने में साथ देकर, 
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हमारी संस्कृति में वापस लौटकर और 
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एक सख्त पहचान बनाकर 
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हम दर्द का चक्र समाप्त कर सकते है 
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और एक अच्छा अंतर-पीढ़ी बदलाव ला सकते है 
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ताकि हम अगले 60,000 साल और वृद्धि कर सके 
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ऐसे आसान चीज़े है जो हम सब कर सकते है 
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हमारे मानसिक घाव के इलाज के लिए 
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ज़्यादा जानकारी के लिए जाइये 
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healingfoundation.org.au