मानवता, यश और प्रेम पर विचार
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0:00 - 0:06नमस्कार।
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0:06 - 0:10मैं एक फ़िल्म स्टार हूँ,
मैं 51 वर्ष का हूँ, -
0:10 - 0:12और मैंने अभी तक
बोटोक्स इस्तेमाल नहीं किया है। -
0:12 - 0:13(हँसी)
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0:13 - 0:18मैं शालीन हूँ, पर जैसा फ़िल्मों में देखा
होगा मैं 21 वर्षीय जैसा व्यवहार करता हूँ। -
0:18 - 0:20हाँ, मैं वह सब करता हूँ।
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0:20 - 0:24मैं सपने बेचता हूँ और
भारत के करोड़ों लोगों में प्रेम बाँटता हूँ -
0:24 - 0:27जो मानते हैं
कि मैं सँसार का सबसे बेहतर प्रेमी हूँ। -
0:27 - 0:30(हँसी)
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0:30 - 0:33अगर आप किसी से कहेंगे नहीं,
तो आपको बता दूँ कि मैं ऐसा नहीं हूँ, -
0:33 - 0:35पर मैं इस मान्यता ऐसे ही रहने देता हूँ।
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0:35 - 0:36(हँसी)
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0:36 - 0:37मुझे यह भी समझाया गया है
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0:37 - 0:40कि आपमें से बहुत लोग ऐसे हैं
जिन्होंने मेरा काम नहीं देखा है, -
0:40 - 0:41और मुझे आपके लिए सच में खेद है।
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0:41 - 0:44(हँसी)
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0:44 - 0:49(तालियाँ)
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0:49 - 0:52पर इसका मतलब यह नहीं है
कि मैं अपनी धुन में मस्त नहीं रहता, -
0:52 - 0:54जैसा एक फ़िल्म स्टार को होना चाहिए।
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0:54 - 0:55(हँसी)
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0:55 - 0:57ऐसे समय में मेरे दोस्तों, क्रिस और जुलियेट
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0:57 - 1:00ने भविष्य के "आप" के बारे
में बात करने मुझे यहाँ बुलाया। -
1:00 - 1:03स्वाभाविक है, मैं वर्तमान
के "स्वयं" के बारे में बात करूँगा। -
1:03 - 1:07(हँसी)
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1:07 - 1:10क्योंकि सच में मैं यह मानता हूँ
कि मानवता मेरे ही जैसी है। -
1:10 - 1:11(हँसी)
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1:11 - 1:13हाँ, ऐसा ही है।
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1:13 - 1:15वह एक बूढ़े हो रहे
फ़िल्म स्टार की तरह है, -
1:15 - 1:18अपने आस-पास की नवीनता से जूझती हुई,
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1:18 - 1:21सोचती हुई कि उसने पहली बार
में सही किया या नहीं, -
1:21 - 1:23और अभी भी रास्ता ढूँढती हुई
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1:23 - 1:26इस सबके बावजूद, चमकते रहने के लिए।
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1:26 - 1:30मैं भारत की राजधानी, नई दिल्ली
की एक शरणार्थी बस्ती में पैदा हुआ। -
1:30 - 1:32और मेरे पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे।
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1:32 - 1:38मेरी माँ भी,
हर माँ की तरह एक लड़ाकू थीं। -
1:38 - 1:41और मौलिक मानव जाति की तरह,
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1:41 - 1:43हम जीने के लिए संघर्ष करते थे।
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1:43 - 1:45जब मेरी उम्र 20 के आस-पास थी,
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1:45 - 1:47मैंने अपने माता-पिता को खो दिया,
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1:47 - 1:50जो मुझे मानना होगा
अब कुछ हद तक मेरी लापरवाही लगती है, -
1:50 - 1:52परंतु...
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1:52 - 1:57(हँसी)
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1:57 - 1:59मुझे याद है वह रात
जब मेरे पिता की मृत्यु हुई, -
1:59 - 2:04और मुझे याद है वह पड़ोसी का ड्राइवर
जो हमें अस्पताल लेकर जा रहा था। -
2:04 - 2:07उसने कुछ बड़बड़ाया
"मरे हुए लोग टिप भी अच्छी नहीं देते" -
2:07 - 2:09और अँधेरे में चला गया।
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2:09 - 2:11और मैं तब सिर्फ़ 14 का था,
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2:11 - 2:14और मैंने अपने पिता के मृत शरीर
को कार की पिछली सीट में रखा, -
2:14 - 2:16और मेरी माँ मेरे साथ बैठीं,
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2:16 - 2:18मैंने अस्पताल से घर की ओर
चलाना शुरू कर दिया। -
2:18 - 2:22और माँ ने सुबकते हुए मेरी ओर देखकर कहा,
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2:22 - 2:26"बेटा, तुमने गाड़ी चलाना कब सीखा?"
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2:26 - 2:29और मैंने उस बारे में सोचा और एहसास हुआ,
और माँ से कहा, -
2:29 - 2:31"बस अभी, माँ।"
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2:31 - 2:33(हँसी)
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2:33 - 2:35तो उस रात के बाद से,
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2:35 - 2:37मानवता की किशोरावस्था की तरह,
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2:37 - 2:41मैने जीने के रूखे तरीके सीख लिए।
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2:41 - 2:45और सच कहूँ तो,
उस समय जीने का अंदाज़ बहुत ही साधारण था। -
2:45 - 2:48जानते हैं, आपको जो मिलता था वह खा लेते थे
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2:48 - 2:50और जो कहा जाता था वह कर देते थे।
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2:50 - 2:53मैं "सिलिएक" को एक सब्ज़ी समझता था,
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2:53 - 2:58और "वीगन", तो अवश्य ही स्टार ट्रेक
के मि. स्पॉक का बिछड़ा हुआ यार था। -
2:58 - 2:59(हँसी)
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2:59 - 3:01तुम शादी उस लड़की से करते थे
जिससे पहली बार मिलते थे, -
3:01 - 3:07और तुम "टैकी" थे अगर
अपनी कार के कॉर्बुरेटर को ठीक कर सकते थे। -
3:07 - 3:12मैं सच में सोचता था
कि "गे" खुश के लिए एक गूढ़ शब्द था। -
3:12 - 3:15और "लेस्बियन" तो अवश्य ही पुर्तगाल की
राजधानी थी, जैसा आप सब जानते हैं। -
3:15 - 3:16(हँसी)
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3:16 - 3:21मैं कहाँ था?
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3:21 - 3:23हम उन प्रणालियों पर निर्भर थे
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3:23 - 3:27जो हमारी रक्षा के लिए पहले की पुश्तों
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3:27 - 3:28ने मेहनत और त्याग से बनाई थीं,
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3:28 - 3:32और हम सोचते थे
कि सरकारें हमारे भले के लिए काम करती हैं। -
3:32 - 3:34विज्ञान सरल और तार्किक था,
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3:34 - 3:37"एप्पल" तब भी एक फल ही था
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3:37 - 3:39जो ईव के बाद न्यूटन का था,
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3:39 - 3:42तब तक स्टीव जॉब्स का नहीं हुआ था।
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3:42 - 3:43और तुम यूरेका चिल्लाते थे
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3:43 - 3:46जब गलियों में नंगे भागना चाहते थे।
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3:46 - 3:50काम के लिए ज़िंदगी जहाँ ले जाती,
वहाँ चले जाते थे, -
3:50 - 3:53और लोग तुम्हारा स्वागत करते थे।
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3:53 - 3:55तब प्रवासन एक शब्द था
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3:55 - 3:58साइबेरिया की ट्रेनों के संदर्भं में
इस्तेमाल होता था, मनुष्यों के लिए नहीं। -
3:58 - 4:01सबसे अहम, तुम वह थे जो तुम थे
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4:01 - 4:03और वही बोलते थे जो सोचते थे।
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4:03 - 4:05फिर मेरे 20 के बाद के वर्षों में,
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4:05 - 4:08मैं विशाल महानगर मुंबई चला गया,
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4:08 - 4:10मेरा सोचने-विचारने का तरीका,
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4:10 - 4:13एक नई औद्योगिकृत आकांक्षाओं
से भरी हुई मानवता, -
4:13 - 4:15की तरह परिवर्तित होने लगा।
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4:15 - 4:18अधिक आलंकृत जीवन की शहरी रफ्तार में,
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4:18 - 4:20चीज़ें कुछ अलग सी दिखने लगीं।
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4:20 - 4:24मैं सँसार भर से आए लोगों से मिला,
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4:24 - 4:27चेहरे, जातियाँ, लिंगों, साहूकारों से।
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4:27 - 4:30परिभाषाएँ बदलने लगीं।
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4:30 - 4:33उस वक्त काम आपको परिभाषित करने लगा
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4:33 - 4:36एक बहुत ही समान तरीके से,
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4:36 - 4:39और सभी प्रणालियाँ
मुझे विश्वास खोते हुए दिखाई देने लगीं, -
4:39 - 4:42मानवता की भिन्नता
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4:42 - 4:44और मनुष्य की आगे बढ़ने
और विकसित होने की ज़रूरत के लिए -
4:44 - 4:48उनका सहारा लेना मुश्किल होने लगा।
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4:48 - 4:51विचाार अधिक आज़ादी और गति से बहने लगे।
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4:51 - 4:57और मैंने मानव के नवप्रवर्तन
और सहयोग के चमत्कार को अनुभव किया, -
4:57 - 4:58और मेरी स्वयं की सृजनात्मकता,
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4:58 - 5:03ने इस सामूहिक प्रयास की
कुशलता की सहायता से -
5:03 - 5:05मुझे सर्वश्रेष्ठ सितारा बना दिया।
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5:05 - 5:08मुझे महसूस होने लगा
कि मैं मंज़िल पर पहुँच गया हूँ, -
5:08 - 5:11और सामान्यत: 40 तक पहुँचते हुए,
मैं बस सातवें आसमान पर था। -
5:11 - 5:12मेरा प्रभाव सब जगह था।
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5:12 - 5:15जानते हैं मैं तब तक 50 फ़िल्में कर चुका था
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5:15 - 5:17और 200 गाने,
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5:17 - 5:19और मुझे मलेशिया के लोगों
द्वारा सम्मानित किया गया। -
5:19 - 5:22फ़ाँस की सरकार
ने मुझे उनका सर्वोच नागरिक सम्मान दिया, -
5:22 - 5:26जिसका शीर्षक मैं आज तक
सही से बोल नहीं सकता हूँ। -
5:26 - 5:27(हँसी)
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5:27 - 5:30इसके लिए माफ़ी चाहता हूँ, फ़ाँस,
और मुझे वह देने के लिए शुक्रिया, फ़ाँस। -
5:30 - 5:34पर उससे भी ज़्यादा,
मुझे एंजेलीना जोली को मिलने का मौका मिला.. -
5:34 - 5:36(हँसी)
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5:36 - 5:38ढाई सेकंड के लिए।
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5:38 - 5:39(हँसी)
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5:39 - 5:42और मुझे विश्वास है
उन्हें भी वह मुलाकात कहीं याद होगी। -
5:42 - 5:43ठीक है, शायद नहीं होगी।
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5:43 - 5:47और मैं खाने की गोल मेज़
पर हाना मोंटाना के साथ बैठा था -
5:47 - 5:50जब अधिकतर समय उसकी पीठ मेरी तरफ़ थी।
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5:50 - 5:53जैसा मैंने कहा,
मैं माइली से जोली की तरफ़ उड़ रहा था, -
5:53 - 5:56और मानवता मेरे साथ उड़ रही थी।
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5:56 - 5:59हम दोनों काफ़ी हद तक हर जगह उड़ रहे थे।
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5:59 - 6:02और फिर आप जानते हैं क्या हुआ।
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6:02 - 6:04इंटरनेट शुरू हो गया।
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6:04 - 6:06मैं अपने 40 वें साल में था,
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6:06 - 6:09और पिंजरे में बैठे पक्षी की तरह
मैंने ट्वीट करना शुरू कर दिया -
6:09 - 6:12और यह मानकर कि जो लोग
मेरी दुनिया में ताक-झाँक करते हैं -
6:12 - 6:14उसकी प्रशंसा करेंगे
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6:14 - 6:16क्योंकि मैं उसे एक चमत्कार समझता था।
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6:16 - 6:19पर मेरे और मानवता के लिए
कुछ और ही लिखा था। -
6:19 - 6:24आप जानते हैं, हम सोचते थे
कि विचारों और सपनों का विस्तार होगा -
6:24 - 6:27सँसार में बढ़ती हुई क्नेक्टिविटी के साथ।
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6:27 - 6:33जिस जगह से आज़ादी
और क्रांति का जन्म हो रहा था, -
6:33 - 6:37हमने वहीं से गाँव की तरह
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6:37 - 6:39विचारों के, विवेक के, परिभाषा
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6:39 - 6:41के सिमटने का सौदा नहीं किया था।
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6:41 - 6:44जो कुछ मैं कहता,
उसका नया अर्थ निकाला जाता। -
6:44 - 6:48जो भी मैं करता... अच्छा, बुरा, भद्दा...
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6:48 - 6:51उसपर सारा सँसार अपनी टिप्पणी करता था।
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6:51 - 6:54असलियत में,
मैं जो कुछ नहीं भी करता या कहता -
6:54 - 6:57उसका भी वही हश्र हो रहा था।
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6:57 - 6:59चार साल पहले,
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6:59 - 7:04मेरी प्यारी बीवी गौरी
और मैंने तीसरे बच्चे का निर्णय लिया। -
7:04 - 7:07नेट पर दावा किया गया
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7:07 - 7:09कि वह हमारे पहले बेटे
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7:09 - 7:11जो 15 साल का था
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7:11 - 7:13की औलाद था।
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7:13 - 7:16स्पष्ट तौर से, उसने रोमेनिया
में लड़की की कार चलाते हुए -
7:16 - 7:19ऐसा किया था।
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7:19 - 7:22और हाँ, इसके साथ एक नकली वीडियो भी था।
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7:22 - 7:23और इससे सारा परिवार परेशान था।
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7:23 - 7:25मेरा बेटा, जो अब 19 का है,
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7:25 - 7:27आप उसे अभी भी "हेलो" बोलो तो,
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7:27 - 7:28वह बस पलटकर कहता है,
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7:28 - 7:31"पर भाई, मेरे पास
तो यूरोप का ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था।" -
7:31 - 7:33(हँसी)
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7:33 - 7:35हाँ।
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7:35 - 7:37इस नए सँसार में,
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7:37 - 7:40धीरे-धीरे, हकीकत काल्पनिकता बन गई
और काल्पनिकता हकीकत, -
7:40 - 7:42और मुझे एहसास होने लगा
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7:42 - 7:45जो मैं बनना चाहता था, बन नहीं सकता,
या जो सोचता था, वह बोल नहीं सकता, -
7:45 - 7:48और इस वक्त मानवता
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7:48 - 7:50पूरी तरह से मेरी जैसी ही दिखती थी।
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7:50 - 7:54मेरे विचार में हम दोनों
अधेड़ उम्र के संक्रमण काल से गुज़र रहे थे, -
7:54 - 7:58और मानवता, मेरी ही तरह,
उद्भासित गायिका बनी जा रही थी। -
7:58 - 8:00मैंने सबकुछ बेचना शुरू कर दिया,
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8:00 - 8:03बालों के तेल से लेकर
डीज़ल के जेनरेटरों तक। -
8:03 - 8:05मानवता सब खरीद रही थी,
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8:05 - 8:08कच्चे तेल से लेकर
न्यूक्लियर रियेक्टरों तक। -
8:08 - 8:12जानते हैं, मैंने खुद
को नया परिचय देने के लिए -
8:12 - 8:14तंग सुपरहीरो सूट पहनने की कोशिश भी की।
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8:14 - 8:17मुझे मानना पड़ेगा कि बुरी तरह से असफल हुआ।
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8:17 - 8:22मैं सँसार के सभी बैटमेन, स्पाइडर-मेन
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8:22 - 8:24और सुपरमेन की तरफ़ से कहना चाहूँगा,
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8:24 - 8:26आपको उनकी प्रशंसा करनी चाहिए,
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8:26 - 8:29क्योंकि वह बहुत तंग होता है,
वह सुपरहीरो का सूट। -
8:29 - 8:30(हँसी)
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8:30 - 8:34हाँ, मैं सच कह रहा हूँ।
मुझे आपको यहाँ यह बताना होगा। -
8:34 - 8:35सच में।
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8:35 - 8:39और इत्तफाक से, मैंने नाचने
की एक नई शैली की भी रचना की -
8:39 - 8:41जो मुझे पता नहीं चला,
और वह बहुत लोकप्रिय हो गया। -
8:41 - 8:42तो अगर सही लगे तो,
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8:42 - 8:46और आप मुझे थोड़ा तो देख ही चुके हैं,
तो मैं बेशर्म तो हूँ, मैं आपको दिखाता हूँ। -
8:46 - 8:47उसे लूँगी डाँस कहते थे।
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8:47 - 8:50तो अगर सही लगे, मैं आपको अभी दिखाऊँगा।
मैं वैसे काफ़ी प्रतिभावान हूँ। -
8:50 - 8:51(चियर्स)
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8:51 - 8:53तो वह कुछ ऐसे था।
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8:53 - 8:56लुँगी डाँस। लुँगी डाँस।
लुँगी डाँस। लुँगी डाँस। -
8:56 - 8:59लुँगी डाँस। लुँगी डाँस।
लुँगी डाँस। लुँगी डाँस। -
8:59 - 9:01लुँगी डाँस। लुँगी डाँस।
लुँगी डाँस। लुँगी। -
9:01 - 9:03बस यह ही था। काफ़ी लोकप्रिय हो गया था।
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9:03 - 9:04(चियर्स)
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9:04 - 9:08सच में हो गया था।
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9:08 - 9:12जैसा आपने देखा, मेरे सिवा किसी को
कुछ पता नहीं चल रहा था कि क्या हो रहा है, -
9:12 - 9:13और मुझे परवाह नहीं, सच में,
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9:13 - 9:16क्योंकि सारा सँसार, और सारी मानवता,
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9:16 - 9:18उतनी ही उलझन में और गुमराह थी जितना मैं।
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9:18 - 9:20मैंने तब भी उम्मीद नहीं छोड़ी।
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9:20 - 9:23सोशल मीडिया पर मैंने फिर से
अपनी छवि बनाने की कोशिश की -
9:23 - 9:24जैसा कि सब करते हैं।
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9:24 - 9:27मैंने सोचा
कि अगर मैं दार्शनिक ट्वीटें डालूँगा -
9:27 - 9:28लोग सोचेंगे मैं वैसा हूँ,
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9:28 - 9:31पर उन ट्वीटों के बदले
में जो कुछ जवाब मुझे आए -
9:31 - 9:34बहुत ही उलझन भरी संक्षिप्तियाँ थीं
जो मैं समझ नहीं पाया। आपको पता है? -
9:34 - 9:36आरओएफ़एल, एलओएल।
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9:36 - 9:41किसीने मेरी एक विचारोत्तेजक ट्वीट
पर लिखा "एडीडास" -
9:41 - 9:43और मैं सोच रहा था
कि जूते का नाम क्यों लिखा होगा, -
9:43 - 9:46मेरा मतलब आप जूते का नाम लिखकर
मुझे क्यों भेजेंगे? -
9:46 - 9:49और मैंने अपनी 16-वर्षीय बेटी को पूछा,
और उसने मुझे बताया। -
9:49 - 9:52"एडीडास" का अब मतलब है
"ऑल डे आई ड्रीम अबाउट सेक्स।" -
9:52 - 9:55(हँसी)
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9:55 - 9:56सच में।
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9:56 - 9:57मुझ नहीं पता अगर आप वह जानते हैं।
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9:57 - 10:02तो मैंने मि. एडीडास को मोटे अक्षरों
में "वदफ" वापिस लिख दिया, -
10:02 - 10:07मन ही मन शुक्रिया करते हुए कि कुछ
संक्षिप्तियाँ और चीज़ें कभी बदलेंगी नहीं। -
10:07 - 10:10वदफ।
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10:10 - 10:12परंतु हम यहाँ पर हैं।
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10:12 - 10:14मैं 51 का हूँ, जैसा मैंने आपको बताया,
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10:14 - 10:18और दिमाग को हिलाने वाली संक्षिप्तियों
पर ध्यान ना देते हुए, -
10:18 - 10:19मैं बस आपको बताना चाहता हूँ
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10:19 - 10:22अगर मानवता के अस्तित्व
के लिए कोई महत्वपूर्ण समय है, -
10:22 - 10:24तो वह अभी है,
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10:24 - 10:27क्योंकि आज के आप साहसी हो।
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10:27 - 10:29आज के आप आशावादी हो।
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10:29 - 10:32आज के आप नवीन और साधन सम्पन्न हो,
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10:32 - 10:36और अवश्य ही, आज के आप अपरिभाष्य हो।
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10:36 - 10:39और इस मंत्र-मुग्ध करने वाले,
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10:39 - 10:41अस्तित्व के अपूर्ण क्षण में,
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10:41 - 10:43यहाँ आने से पहले
मैं थोड़ा सा साहसी महसूस कर रहा था, -
10:43 - 10:48मैंने अपने चेहरे पर
एक अच्छी, कड़ी निगाह डालने का निर्णय लिया। -
10:48 - 10:51और मुझे एहसास हुआ
कि मैं मैडम टुस्साड के मेरे मोम के पुतले -
10:51 - 10:54जैसा अधिक दिखने लगा हूँ।
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10:54 - 10:56(हँसी)
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10:56 - 10:59हाँ, और एहसास के उस पल में,
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10:59 - 11:04मैंने स्वयं और मानवता
से सबसे केंद्रीय और उपयुक्त सवाल पूछा: -
11:04 - 11:07मुझे अपने चेहरे को ठीक करने की ज़रूरत है?
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11:07 - 11:11सच में। मैं एक अभिनेता हूँ,
जैसा मैंने आपको बताया, -
11:11 - 11:14मानव की सृजनात्मकता
की एक आधुनिक अभिव्यक्ति। -
11:14 - 11:16मैं जिस देश का वासी हूँ
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11:16 - 11:22अकथनीय परंतु अत्यंत
सरल आध्यात्मिकता का स्त्रोत है। -
11:22 - 11:24उसकी असीम उदारता में,
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11:24 - 11:27भारत ने किसी तरह निर्णय लिया
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11:27 - 11:31कि मैं, एक स्वतंत्रता सेनानी
का मुस्लिम बेटा -
11:31 - 11:36जो अनजाने में सपने बेचने
के कारोबार में आ गया, -
11:36 - 11:41को इसके रोमाँच का राजा बनना चाहिए,
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11:41 - 11:44बॉलीवुड का बादशाह,
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11:44 - 11:48देश का सबसे बेहतरीन प्रेमी...
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11:48 - 11:49इस चेहरे के साथ।
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11:49 - 11:51हाँ।
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11:51 - 11:52(हँसी)
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11:52 - 11:55जिसे बदले में भद्दा, अपरम्परागत,
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11:55 - 11:56और हैरानी की बात है
इतना चॉक्लेटी नहीं कहा गया है। -
11:56 - 12:02(हँसी)
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12:02 - 12:04इस प्राचीन भूमि के लोगों ने
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12:04 - 12:07अपने असीमित प्रेम से मुझे गले लगाया,
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12:07 - 12:09और मैंने इन लोगों से सीखा है
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12:09 - 12:12कि ना सत्ता ना ही गरीबी
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12:12 - 12:14आपके जीवन को अधिक शानदार
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12:14 - 12:16या कम जटिल बना सकते हैं।
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12:16 - 12:19मैंने अपने देश के वासियों से सीखा है
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12:19 - 12:21कि एक जीवन, एक मनुष्य,
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12:21 - 12:25एक संस्कृति, एक धर्म, एक देश की शान
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12:25 - 12:28उसकी करूणा और सहानुभूति
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12:28 - 12:31की क्षमता में ही बसती है।
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12:31 - 12:33मैंने सीखा है कि जो आपको हिला सकता है,
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12:33 - 12:36जो आपको प्रेरित करता है,
रचना और निर्माण करने के लिए, -
12:36 - 12:38जो आपको असफलता से बचाता है,
-
12:38 - 12:40जो आपको जीना सिखाता है,
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12:40 - 12:44वह है मानवता की सबसे पुरानी और सरल भावना,
-
12:44 - 12:48और वह है प्रेम।
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12:48 - 12:50मेरे देश के एक आध्यात्मिक कवि ने लिखा था,
-
12:50 - 12:54पोथी पढ़ी-पढ़ी जग मुआ,
-
12:54 - 12:55पंडित भया ना कोई,
-
12:55 - 12:57पोथी पढ़ी-पढ़ी जग मुआ,
-
12:57 - 12:59भया ना पंडित कोई।
-
12:59 - 13:01ढाई आखर प्रेम के
-
13:01 - 13:03पढ़े सो पंडित होय।
-
13:03 - 13:05जिसका अनुवाद है कि जो भी...
-
13:05 - 13:07हाँ, अगर आप हिंदी जानते हैं,
कृपया ताली बजाएँ, हाँ। -
13:07 - 13:09(तालियाँ)
-
13:09 - 13:12याद रखना बहुत मुश्किल है।
-
13:12 - 13:14जिसका अनुवाद करें तो वास्तव में ऐसा होगा
-
13:14 - 13:17कि आप ज्ञान की कितनी भी किताबें
क्यों ना पढ़ लें -
13:17 - 13:19और फिर अपना ज्ञान बाँटें
-
13:19 - 13:23आविष्कार, सृजनात्मकता, तकनीक के द्वारा,
-
13:23 - 13:26पर मानवता अपने भविष्य
को सही से नहीं जान पाएगी -
13:26 - 13:33जब तक इनके साथ अपने साथियों के लिए
प्रेम और सहानुभूति नहीं लाएगी। -
13:33 - 13:36"प्रेम" शब्द के ढाई अक्षर,
-
13:36 - 13:38जिसका अर्थ है प्यार,
-
13:38 - 13:40अगर आप यह समझ लें
-
13:40 - 13:41और इसे अपनाएँ,
-
13:41 - 13:44मानवता को प्रबुद्ध करने के लिए
बस इतना ही काफ़ी होगा। -
13:44 - 13:48तो यह मेरी पक्की धारणा है कि भविष्य के आप
-
13:48 - 13:51एक ऐसे आप होने चाहिए जो प्रेम करे।
-
13:51 - 13:54नहीं तो यह फलना-फूलना बंद कर देगा।
-
13:54 - 13:57अपने ही स्व-अवशोषण में नष्ट हो जाएगा।
-
13:57 - 14:01तो आप अपनी शक्ति का प्रयोग कर सकते हो,
-
14:01 - 14:02दीवारें बनाने के लिए
-
14:02 - 14:05और लोगों को बाहर रखने के लिए,
-
14:05 - 14:10या आप इसका प्रयोग बाधाएँ तोड़कर
उन्हें अंदर लाने में कर सकते हो। -
14:10 - 14:12आप अपनी श्रद्धा का प्रयोग
-
14:12 - 14:14लोगों को डराने में कर सकते हो
-
14:14 - 14:16और डराकर समर्पण करवा सकते हो,
-
14:16 - 14:20या आप उसका प्रयोग
लोगों की हिम्मत बढ़ाने में कर सकते हो -
14:20 - 14:23ताकि वे प्रबुद्धता
की चरम सीमा तक पहुँच पाएँ। -
14:23 - 14:26आप अपनी शक्ति का प्रयोग
-
14:26 - 14:29परमाणु बम बनाकर
विनाश का अँधकार फैलाने में कर सकते हो, -
14:29 - 14:34या आप उसके प्रयोग से करोड़ों
के जीवन में खुशी का दीपक जला सकते हो। -
14:34 - 14:38आप संवेदनाहीन बनकर महासागरों को दूषित
कर सकते हो और वनों को नष्ट कर सकते हो। -
14:38 - 14:40आप पर्यावरण को नष्ट कर सकते हो,
-
14:40 - 14:42या उन्हें प्रेम से सींचते हुए
-
14:42 - 14:45पानी और वृक्षों से नए जीवन
का आरम्भ कर सकते हो। -
14:45 - 14:47आप मंगल ग्रह पर जा सकते हैं
-
14:47 - 14:51और सशस्त्र किले बना सकते हैं,
-
14:51 - 14:56या आप जीवन की प्रजाती और रूप ढूँढकर
उनका सम्मान करके उनसे सीख सकते हैं। -
14:56 - 15:00और आप हम सभी के कमाए
पैसे का प्रयोग करते हुए -
15:00 - 15:03व्यर्थ के युद्ध छेड़ सकते हो
-
15:03 - 15:06और नन्हें बच्चों के हाथों
में बंदूकें दे सकते हो -
15:06 - 15:08ताकि वे एक-दूसरे को मार सकें,
-
15:08 - 15:10या आप उसका प्रयोग कर सकते हैं
-
15:10 - 15:12उनका पेट भरने के लिए
-
15:12 - 15:15अधिक भोजन उगाने में।
-
15:15 - 15:17मेरे देश ने मुझे सिखाया है
-
15:17 - 15:22एक मनुष्य की प्रेम की क्षमता
धार्मिकता के बराबर है। -
15:22 - 15:26यह उस सँसार में दमकती है
-
15:26 - 15:33जिसे मेरे खयाल में,
सभ्यता बहुत अधिक उजाड़ चुकी है। -
15:33 - 15:35पिछले कुछ दिनों में,
यहाँ की वार्ताएँ, कमाल के लोग -
15:35 - 15:37जो आकर अपनी प्रतिभा दिखा रहे थे,
-
15:37 - 15:41व्यक्तिगत उपलब्धियों, आविष्कारों,
तकनीक, विज्ञान के बारे में बात कर रहे थै -
15:41 - 15:44यहाँ होने की वजह
से जो ज्ञान हम पा रहे हैं -
15:44 - 15:47टेड टॉक्स औऱ आप सबकी उपस्थिति में
-
15:47 - 15:50पर्याप्त कारण हैं
हमें भविष्य के "हम" का जश्न मनाने के लिए। -
15:50 - 15:52परंतु उस जश्न में
-
15:52 - 15:57हमारी प्रेम और सहानुभूति
की क्षमता को बढ़ावा देने की हमारी खोज -
15:57 - 16:01को दृढ़ता से सामने लाना होगा,
को दृढ़ता से सामने लाना होगा, -
16:01 - 16:04उतनी ही बराबरी से।
-
16:04 - 16:07तो मेरा मानना है कि भविष्य के "आप"
-
16:07 - 16:09एक अनन्त "आप" हैं।
-
16:09 - 16:12इसे भारत में चक्र कहते हैं,
एक वृत्त की तरह। -
16:12 - 16:17वह सम्पूर्ण होने के लिए
जहाँ से शुरू होता है वहीं पर अंत होता है। -
16:17 - 16:21एक "आप" जो समय और अंतरिक्ष
को अलग नज़रिये से देखते हैं -
16:21 - 16:25दोनों को समझते हैं
-
16:25 - 16:30आपका अकल्पनीय
-
16:30 - 16:32और गज़ब का महत्व
-
16:32 - 16:39और सृष्टि के संदर्भ
में आपकी पूर्ण महत्वहीनता। -
16:39 - 16:41एक "आप" जो वापिस जाते हो
-
16:41 - 16:43मानवता की मौलिक मासूमियत में,
-
16:43 - 16:46जो हृदय की पवित्रता से प्रेम करते हो,
-
16:46 - 16:49जो सत्य की आँखों से देखते हो,
-
16:49 - 16:56जो एक अक्षत दिमाग
की स्पष्टता से सपने लेते हो। -
16:56 - 16:58भविष्य के "आप"
-
16:58 - 17:01एक बूढ़े हो रहे
फ़िल्म स्टार की तरह होना चाहिए -
17:01 - 17:04जिसे यह मानने पर मजबूर किया गया है
-
17:04 - 17:07कि एक ऐसे सँसार की सम्भावना है
-
17:07 - 17:10जो पूर्ण रूप से अपने ही जुनून में
-
17:10 - 17:12अपने ही प्रेम में संलिप्त हो।
-
17:12 - 17:15एक सँसार ... सच में, एक "आप" चाहिए
-
17:15 - 17:17जो उस सँसार की रचना करे
-
17:17 - 17:20जो अपना ही बेहतरीन प्रेमी हो।
-
17:20 - 17:22मेरा मानना है, देवियों औऱ सज्जनों, वह
-
17:22 - 17:24होंगे भविष्य के "आप"।
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17:24 - 17:25बहुत-बहुत शुक्रिया।
-
17:25 - 17:26शुक्रिया।
-
17:26 - 17:28(तालियाँ)
-
17:28 - 17:30शुक्रिया।
-
17:30 - 17:33(तालियाँ)
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17:33 - 17:34शुक्रिया।
-
17:34 - 17:36(तालियाँ)
- Title:
- मानवता, यश और प्रेम पर विचार
- Speaker:
- शाहरुख खान
- Description:
-
"मैं सपनों का सौदागर हूँ और करोड़ों लोगों में प्रेम बाँटता हूँ", कहते हैं शाहरुख खान, बॉलीवुड के सर्वोच सितारे, इस आकर्षक, मज़ेदार वार्ता में। खान अपने जीवन की टिप्पणी देते हैं, स्वतंत्रता सेनानी के बेटे के रूप में अति साधारण शुरूआत से 90 फ़िल्मों के बादअफवाहों से जूझते हुए, अपने नृत्य शैली की अदाएँ दिखाते हुए और चर्चा में बिताए जीवन से अर्जित विवेक की गाथा सुनाते हैं।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 17:49
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