मानवता, यश और प्रेम पर विचार
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0:04 - 0:05नमस्कार।
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0:06 - 0:08मैं एक फ़िल्मी सितारा हूँ,
मैं 51 वर्षीय हूँ, -
0:10 - 0:12और अभी तक बोटोक्स इस्तेमाल नहीं किया।
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0:12 - 0:13हँसी
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0:13 - 0:17तो मैं साफ़ हूँ, पर मैं एक 21 वर्षीय जैसा
व्यवहार करता हूँ जैसा आपने मेरी फ़िल्मों में देखा होगा। -
0:18 - 0:20हाँ, मैं वह सब करता हूँ।
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0:20 - 0:25मैं सपने बेचते हूँ
और भारत के करोड़ों लोगों के लिए प्रेम फैलाता हूँ -
0:25 - 0:27जो मानते हैं
कि सँसार का सबसे बेहतर प्रेमी हूँ। -
0:27 - 0:29हँसी
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0:30 - 0:33अगर आप किसी से कहेंगे नहीं,
तो आपको बता दूँ मैं नहीं हूँ, -
0:33 - 0:35पर मैं इस मान्यता को चलने दे ता हूँ।
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0:35 - 0:36हँसी
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0:36 - 0:37मुझे यह भी समझाया गया है
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0:37 - 0:40कि आपमें से बहुत लोग ऐसे हैं
जिन्होंने मेरा काम नहीं देखा है, -
0:40 - 0:41और मैं आपके लिए काफ़ी दुखी हूँ।
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0:41 - 0:44हँसी
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0:44 - 0:46तालियाँ
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0:49 - 0:52यह उस तथ्य से दूर नहीं
कि मैं अपनी ही धुन में रहता हूँ -
0:52 - 0:53जैसा एक फ़िल्मी सितारे को होना चाहिए।
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0:53 - 0:55हँसी
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0:55 - 0:58ऐसे समय में मेरे दोस्तों,
क्रिस और जुलियेट ने मुझे यहाँ बुलाया -
0:58 - 1:00भविष्य के तुम के बारे में बात करने।
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1:00 - 1:03स्वाभाविक है,
मैं वर्तमान के मैं के बारे में बोलूँगा। -
1:03 - 1:05हँसी
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1:07 - 1:10क्योंकि मैं सच में मानता हूँ
कि मानवता मेरे ही जैसी है। -
1:10 - 1:11हँसी
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1:11 - 1:13वह है। वह है।
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1:13 - 1:14वह एक बूढ़े हो रहे
फ़िल्मी सितारे की तरह है, -
1:15 - 1:18अपने आस-पास की नवीनता से जूझती हुई,
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1:18 - 1:21सोचते हुए कि उसने पहली बार
में सही किया या नहीं, -
1:21 - 1:23और फिर भी रास्ता ढूँढते हुए
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1:23 - 1:25इस सबके बावजूद चमकते रहने के लिए।
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1:26 - 1:29मैं भारत की राजधानी, नई दिल्ली
की एक शरणार्थी बस्ती में पैदा हुआ। -
1:30 - 1:32और मेरे पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे।
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1:32 - 1:35मेरी माँ, बाकी माँओं की तरह एक लड़ाकू थीं।
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1:38 - 1:41और मौलिक मानव जाति की तरह,
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1:41 - 1:42हम जीने के लिए संघर्ष करते थे।
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1:43 - 1:45जब मैं अपने शुरू के 20 वर्ष में था,
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1:45 - 1:47मैंने अपने दोनों माता-पिता को खो दिया,
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1:47 - 1:50जो मुझे मानना होगा अब कुछ हद तक
मेरी लापरवाही लगती है, -
1:50 - 1:51परंतु...
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1:52 - 1:55हँसी
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1:57 - 1:59मुझे याद है वह रात
जब मेरे पिता की मौत हुई थी, -
1:59 - 2:04और मुझे याद है वह पड़ोसी का ड्राइवर
जो हमें अस्पताल लेकर जा रहा था। -
2:04 - 2:07उसने कुछ मरे हुए लोग टिप भी अच्छी नहीं देते
जैसा कहा -
2:07 - 2:08और अँधेरे में चला गया।
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2:09 - 2:11और मैं तब बस 14 का था,
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2:11 - 2:14और मैंने अपने पिता के मृत शरीर
को कार की पिछली सीट में रखा, -
2:14 - 2:16और मेरी माँ मेरे साथ बैठी थीं,
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2:16 - 2:18मैंने अस्पताल से घर की ओर
चलाना शुरू कर दिया। -
2:18 - 2:22और माँ ने सुबकते हुए मेरी ओर देखकर कहा,
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2:22 - 2:24बेटा, तुमने गाड़ी चलाना कब सीखा
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2:26 - 2:29और मैंने उस बारे में सोचा और एहसास हुआ,
और माँ से कहा, -
2:29 - 2:31बस अभी, माँ।
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2:31 - 2:33हँसी
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2:33 - 2:34तो उस रात के बाद से,
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2:34 - 2:37मानवता की किशोरावस्था की तरह,
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2:37 - 2:41मैने जीने के रूखे तरीकों को सीख लिया।
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2:41 - 2:45और सच कहूँ तो,
उस समय जीवन का ढाँचा बहुत ही साधारण था। -
2:45 - 2:48आप जानते हैं, आपको जो मिलता था वह खाते थे
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2:48 - 2:50और जो कहा जाता था वह करते थे।
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2:50 - 2:53मैं सिलिएक को एख सब्ज़ी समझता था,
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2:53 - 2:58और वेगन, तो अवश्य ही स्टार ट्रेक के मि. स्पॉक
का बिछड़ा हुआ यार था। -
2:58 - 2:59हँसी
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2:59 - 3:02जिस पहली लड़की से तुम मिलते थे
उसी से शादी करते थे, -
3:02 - 3:06और तुम टैकी थे अगर अपनी कार के कॉर्बुरेटर
को ठीक कर सकते। -
3:07 - 3:11मैं सच में सोचता था
कि गे खुश का एक जटिल शब्द है। -
3:12 - 3:15और लेस्बियन तो अवश्य ही पुर्तगाल की राजधानी थी,
जैसा आप सब जानते हैं। -
3:15 - 3:16हँसी
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3:16 - 3:18मैं कहाँ था
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3:21 - 3:23हम उन प्रणालियों पर निर्भर थे
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3:23 - 3:27जो हमारी रक्षा के लिए पुश्तों
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3:27 - 3:28ने मेहनत और त्याग से बनाई थीं,
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3:28 - 3:32और हम सोचते थे
कि सरकारें हमारे भले के लिए काम करती हैं। -
3:32 - 3:34विज्ञान सरल और तार्किक था,
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3:34 - 3:36एपल तब भी एक फल ही था
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3:37 - 3:39जो ईव के बाद न्यूटन का था,
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3:39 - 3:42तब तक स्टीव जॉब्स का नहीं था।
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3:42 - 3:43और तुम यूरेका चिल्लाते थे
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3:43 - 3:46जब गलियों में नंगे भागना चाहते थे।
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3:46 - 3:50काम के लिए ज़िंदगी जहाँ ले जोती,
वहाँ चले जाते थे, -
3:50 - 3:52और लोग तुम्हारा स्वागत करते थे।
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3:53 - 3:55तब प्रवासन एक शब्द था
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3:55 - 3:57साइबेरिया की ट्रेनों के लिए, मनुष्यों के लिए नहीं।
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3:58 - 4:01सबसे अहम, तुम वह थे जो तुम थे
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4:01 - 4:03और वही बोलते थे जो सोचते थे।
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4:03 - 4:05फिर मेरे बाद के 20 में,
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4:05 - 4:08मैं विशाल महानगर मुंबई चला गया,
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4:08 - 4:10और मेरा ढाँचा,
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4:10 - 4:13एक नई औद्योगिकृत आकांक्षाओं
से भरी हुई मानवता, -
4:13 - 4:14की तरह परिवर्तित होने लगा।
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4:15 - 4:18अधिक आलंकृत जीवन की शहरी जल्दी में,
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4:18 - 4:20चीज़ें कुछ अलग सी दिखने लगीं।
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4:20 - 4:23मैं सँसार भर से आए लोगों से मिला,
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4:24 - 4:27चेहरे, जातियाँ, लिंगों, साहूकारों से।
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4:27 - 4:30परिभाषाएँ बदलने लगीं।
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4:30 - 4:33उस वक्त काम आपकी परिभाषित करने लगा
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4:33 - 4:36एक बहुत ही समान तरीके से,
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4:36 - 4:39और सभी प्रणालियाँ
मुझे अपना भरोसा खोते हुए दिखाई देने लगीं, -
4:39 - 4:42उनका सहारा लेना मुश्किल होने लगा
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4:42 - 4:44मानवता की भिन्नता
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4:44 - 4:46और मनुष्य की आगे बढ़ने
और विकसित होने की ज़रूरत के लिए। -
4:48 - 4:50विचाार अधिक आज़ादी और गति से बहने लगे।
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4:51 - 4:57और मैंने मानव के नवप्रवर्तन
और सहयोग के चमत्कार को अनुभव किया, -
4:57 - 4:58और मेरी स्वयं की सृजनात्मकता,
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4:58 - 5:03ने इस सामूहिक प्रयास की कुशलता की सहायता से
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5:03 - 5:05मुझे सर्वश्रेष्ठ सितारा बना दिया।
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5:05 - 5:08मुझे महसूस होने लगा कि मैं पहुँच गया था,
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5:08 - 5:11और सामान्यत 40 तक पहुँचते हुए,
मैं बस हवा में ही था। -
5:11 - 5:12मैं सब जगह था।
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5:12 - 5:14जानते हैं मैं तब तक 50 फ़िल्में कर चुका था
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5:14 - 5:16और 200 गाने,
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5:17 - 5:19और मुझे मलेशिया के लोगों ने सम्मानित किया।
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5:19 - 5:22फ़ाँस की सरकार
ने मुझे उनका सर्वोच नागरिक सम्मान दिया, -
5:22 - 5:26जिसका शीर्षक मैं आज तक
सही उच्चारित नहीं कर सकता हूँ। -
5:26 - 5:27हँसी
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5:27 - 5:30माफ़ करना, फ़ाँस, और शुक्रिया, फ़ाँस मुझे वह देने के लिए।
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5:30 - 5:34पर उससे भी ज़्यादा,
मेरी मुलाकात एंजेलीना जोली से हुई... -
5:34 - 5:36हँसी
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5:36 - 5:38डाई सेकंड के लिए।
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5:38 - 5:39हँसी
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5:39 - 5:42और मुझे विश्वास है उन्हें भी वह भेंट कहीँ याद होगी।
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5:42 - 5:43ठीक है, शायद नहीं होगी।
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5:43 - 5:47और मैं खाने की गोल मेज़
पर हाना मोंटाना के साथ बैठा था -
5:47 - 5:49जब अधिकतर समय उसकी पीठ मेरी तरफ़ थी।
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5:50 - 5:52जैसा मैंने कहा,
मैं माइली से जोली की तरफ़ उड़ रहा था, -
5:53 - 5:56और मानवता मेरे साथ उड़ रही थी।
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5:56 - 5:59हम दोनों काफ़ी हद तक बोखला गए थे।
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5:59 - 6:01और फिर आप सब जानते हैं क्या हुआ।
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6:02 - 6:03इंटरनेट शुरू हो गया।
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6:04 - 6:06मैं अपने 40 वें साल में था,
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6:06 - 6:08और पिंजरे में बैठे पक्षी की तरह
मैंने ट्वीट करना शुरू कर दिया -
6:09 - 6:12और यह मानकर कि जो लोग
मेरी दुनिया में ताक-झाँक करते हैं -
6:12 - 6:14उसका आनंद उठाएँगे
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6:14 - 6:16क्योंकि मैं उसे एक चमत्कार समझता था।
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6:16 - 6:18पर मुझे औऱ मानवता को कुछ औऱ ही मिला।
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6:19 - 6:24आप जानते हैं, हमने चाहा था
विचारों औऱ सपनों का विस्तार -
6:24 - 6:26सँसार में बढ़ते हुए संबंधों के साथ।
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6:27 - 6:34हमने
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17:34 - 17:36
- Title:
- मानवता, यश और प्रेम पर विचार
- Speaker:
- Shah Rukh Khan
- Description:
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- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 17:49
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for Thoughts on humanity, fame and love | ||
Helene Batt approved Hindi subtitles for Thoughts on humanity, fame and love | ||
Helene Batt edited Hindi subtitles for Thoughts on humanity, fame and love | ||
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Monika Saraf edited Hindi subtitles for Thoughts on humanity, fame and love | ||
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