दुनिया के "थर्ड पोल" की रक्षा के लिए एक जरूरी चेतावनी
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0:00 - 0:0617 अक्टूबर, 2009 को,
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0:06 - 0:12मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने
कुछ असामान्य किया। -
0:12 - 0:15उन्होंने अपनी कैबिनेट बैठक
पानी के भीतर आयोजित की। -
0:20 - 0:24वह सचमुच अपने मंत्रियों को
स्कूबा डाइविंग के लिए ले गया, -
0:24 - 0:29दुनिया को चेतावनी देने के लिए
कि उसका देश डूब सकता है -
0:29 - 0:31जब तक हम ग्लोबल वार्मिंग
को वश में नहीं करते। -
0:32 - 0:35अब मुझे नहीं पता कि उसका संदेश
दुनिया भर में मिला या नहीं -
0:35 - 0:37पर उसने मेरा ध्यान खींचा|
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0:38 - 0:40मैंने एक राजनीतिक करतब देखा।
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0:41 - 0:43आप देखिए, मैं एक नेता हूं,
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0:43 - 0:45और मैं इन चीजों पर ध्यान देता हूं |
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0:45 - 0:47और चलो ईमानदार बनते है,
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0:47 - 0:51मालदीव दूर हैं
जहां मैं से आता हूँ - -
0:51 - 0:52मेरा देश भूटान है -
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0:53 - 0:56इसलिए मैंने कोई नींद नहीं गवाई
उनके आसन्न भाग्य पर। -
0:57 - 1:02बमुश्किल दो महीने बाद,
मैंने एक और राजनीतिक करतब देखा। -
1:02 - 1:06इस बार नेपाल के प्रधानमंत्री का ।
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1:06 - 1:10उन्होंने अपनी कैबिनेट बैठक
माउंट एवरेस्ट पर की। -
1:11 - 1:16वह सभी मंत्रियों को
एवरेस्ट के बेस कैंप तक ले गए -
1:16 - 1:18
दुनिया को चेतावनी देने के लिए -
1:18 - 1:20के हिमालय के ग्लेशियर पिघल रहे थे।
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1:21 - 1:23अब क्या इसकी मुझे चिंता थी?
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1:23 - 1:24हा, बिल्कुल थी।
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1:24 - 1:26मैं हिमालय में रहता हूं
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1:28 - 1:30लेकिन क्या मैं उसके संदेश से चिंतित था?
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1:31 - 1:32नहीं
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1:33 - 1:39में एक राजनीतिक करतब को अपनी नींद में
बाधा डालने देने को तैयार नहीं था -
1:39 - 1:41(हँसी)
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1:41 - 1:4210 साल बाद।
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1:44 - 1:46इस साल फरवरी में,
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1:46 - 1:49मैंने यह रिपोर्ट देखी।
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1:50 - 1:54यह रिपोर्ट मूल रूप से यह कहती है
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1:54 - 2:00हिंदू कुश हिमालय पहाड़ों पर
बर्फ का एक तिहाई -
2:00 - 2:02सदी के अंत तक पिघल सकता है।
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2:03 - 2:05लेकिन केवल,
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2:05 - 2:09अगर हम ग्लोबल वार्मिंग को
रोकने में सक्षम हैं -
2:09 - 2:131.5 डिग्री सेंटीग्रेड तक
पूर्व-औद्योगिक स्तरों पर। -
2:13 - 2:16वरना, यदि हम नहीं कर सकते,
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2:16 - 2:18तो ग्लेशियर बहुत तेजी से पिघलेंगे।
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2:21 - 2:241.5 डिग्री सेल्सियस।
"ये हो नहीं सकता" मैंने सोचा -
2:24 - 2:27यहां तक कि पेरिस समझौता का
महत्वाकांक्षी लक्ष्य -
2:28 - 2:31ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने का लक्ष्य
दो डिग्री सेंटीग्रेड तक है। -
2:31 - 2:361.5 डिग्री सेंटीग्रेड वे कहते हैं
सबसे बेहतरीन परिदृश्य हैं। -
2:37 - 2:39"अब यह सच नहीं हो सकता है," मैंने सोचा।
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2:40 - 2:42हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र
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2:42 - 2:46दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा
बर्फ का भंडार है, -
2:46 - 2:47उत्तर और दक्षिण ध्रुवों के बाद।
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2:47 - 2:50इसलिए हमें भी
"तीसरा ध्रुव" बुलाया जाता है| -
2:50 - 2:53इस क्षेत्र में बहुत अधिक बर्फ है।
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2:53 - 2:56और हां, ग्लेशियर, पिघल रहे हैं।
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2:56 - 2:58हम जानते हैं।
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2:58 - 3:00मैं अपने देश में उन जगह पर गया हूं।
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3:00 - 3:02मैंने उन्हें देखा, और हाँ,
वे पिघल रहे हैं। -
3:02 - 3:04
वे कमजोर हैं। -
3:04 - 3:07"लेकिन वे इतने कमजोर नहीं हो सकते,"
मुझे सोचकर याद आया। -
3:09 - 3:11लेकिन अगर वे हैं तो क्या होगा?
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3:12 - 3:16अगर मेरी उम्मीद से ज्यादा जल्दी
हमारे ग्लेशियर पिघल जाएं तो ? -
3:16 - 3:21क्या होगा अगर हमारे ग्लेशियर
पहले से अधिक कमजोर हैं -
3:21 - 3:24और क्या होगा अगर, परिणामस्वरूप,
हिमनद झीलें - -
3:24 - 3:27अब ये झीलें बने हैं
ग्लेशियर के पिघलने से - -
3:27 - 3:31क्या होगा अगर वे झीलें फट जाती हैं
अतिरिक्त पानी के वजन से? -
3:33 - 3:35और क्या अगर वे बाढ़
हिमनदी झील में मिल जाए, -
3:35 - 3:37और भी बड़ा प्रकोप पैदा करते है?
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3:38 - 3:42वह मेरे देश में अभूतपूर्व बाढ़ पैदा करेगा।
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3:43 - 3:45इससे मेरा देश बर्बाद हो जाएगा।
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3:46 - 3:49जो मेरे देश में कहर ढाएगा।
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3:49 - 3:52उसमे क्षमता होगी नष्ट करने की
हमारी जमीन को , -
3:53 - 3:55हमारी आजीविका,
हमारा जीवन जीने के तरीके को। -
3:58 - 4:02तो उस रिपोर्ट ने मेरा ध्यान खींचा
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4:02 - 4:06उन तरीकों से जो राजनीतिक स्टंट
नहीं कर सकते। -
4:06 - 4:07इसे एक साथ रखा गया था
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4:07 - 4:12अंतर्राष्ट्रीय केंद्र या ICIMOD द्वारा
एकीकृत पर्वत विकास के लिए, -
4:12 - 4:13जो नेपाल में स्थित है।
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4:14 - 4:18वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने
दशकों के लिए ग्लेशियर का अध्ययन किया है -
4:18 - 4:23और उनकी रिपोर्ट ने मुझे रात भर जगाए रखा,
बुरी खबर की यातना में -
4:23 - 4:25और मेरे देश के लिए इसका क्या महत्व था
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4:25 - 4:27और मेरे लोगो के लिए।
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4:28 - 4:30कई रातों की नींद हराम होने के बाद,
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4:30 - 4:33मैं ICIMOD की यात्रा के लिए नेपाल गया था।
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4:35 - 4:39मुझे वहां अत्यधिक सक्षम
और समर्पित वैज्ञानिक की टीम मिली, -
4:39 - 4:41और उन्होंने मुझे कहा।
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4:42 - 4:43नंबर एक:
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4:44 - 4:48हिंदू कुश हिमालय के ग्लेशियर
कुछ समय के लिए पिघल रहे है -
4:50 - 4:53उदाहरण के लिए, उस ग्लेशियर को ही लीजिए।
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4:53 - 4:55यह माउंट एवरेस्ट पर है
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4:55 - 5:01जैसा कि आप देख सकते हैं, एक समय पर के बड़े
ग्लेशियर ने पहले से बहुत बर्फ खो दिया। -
5:02 - 5:04नंबर दो:
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5:04 - 5:06ग्लेशियर अब बहुत जल्दी
पिघलने लगे हैं- -
5:06 - 5:12इतनी जल्दी, वास्तव में, कि बस 1.5
डिग्री सेंटीग्रेड की ग्लोबल वार्मिंग में, -
5:12 - 5:15एक तिहाई ग्लेशियर पिघल जाएगे।
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5:16 - 5:19दो डिग्री सेंटीग्रेड
ग्लोबल वार्मिंग पर, -
5:19 - 5:22आधे ग्लेशियर गायब हो जाते।
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5:22 - 5:25और अगर चालू प्रवुतिया जारी रखे,
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5:25 - 5:28एक पूर्ण दो तिहाई
हमारे ग्लेशियर गायब हो जाएंगे। -
5:30 - 5:31नंबर तीन :
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5:32 - 5:37ग्लोबल वार्मिंग का मतलब हमारे पहाड़
अधिक बारिश और कम बर्फ प्राप्त करते है। -
5:39 - 5:42और, बर्फबारी के विपरीत,
बारिश बर्फ को पिघला देती है, -
5:43 - 5:45जो सिर्फ ग्लेशियरों के स्वास्थ्य को
दर्द दे सकता है। -
5:46 - 5:48नंबर चार:
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5:49 - 5:52क्षेत्र में प्रदूषण से ब्लैक कार्बन
की मात्रा बढ़ गई है। -
5:52 - 5:55यह हमारे ग्लेशियरों पर जमा है।
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5:55 - 5:56ब्लैक कार्बन कालिख जैसा है।
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5:56 - 5:58ब्लैक कार्बन गर्मी को सोखता है
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5:58 - 6:01और तेज़ी आती है ग्लेशियर्स के पिघलने में ।
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6:02 - 6:03संक्षेप में,
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6:04 - 6:07हमारे ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं,
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6:08 - 6:11और ग्लोबल वार्मिंग उन्हें
बहुत जल्दी पिघला रहे है। -
6:13 - 6:14लेकिन इसका क्या मतलब है?
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6:16 - 6:20इसका मतलब है कि 240 मिलियन लोग
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6:20 - 6:23जो हिंदू कुश में रहते हैं
हिमालय क्षेत्र - -
6:23 - 6:28अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत,
चीन, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार में -
6:28 - 6:31और मेरा अपना प्यारा देश, भूटान में -
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6:31 - 6:33ये लोग सीधे प्रभावित होंगे।
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6:35 - 6:37जब ग्लेशियर पिघलते हैं,
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6:37 - 6:39जब अधिक वर्षा और कम हिमपात होता है,
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6:39 - 6:43भारी बदलाव होंगे
जिस तरह से पानी व्यवहार करता है। -
6:44 - 6:45अधिक चरम सीमाएं होंगी:
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6:47 - 6:50अधिक तीव्र वर्षा,
अधिक बाढ़, अधिक भूस्खलन, -
6:50 - 6:53अधिक हिमाच्छादित झील
बाढ़ का प्रकोप करती है। -
6:53 - 6:57यह सब कारण होगा
अकल्पनीय विनाश का -
6:57 - 7:02एक ऐसे क्षेत्र में जहा पहले से ही
पृथ्वी पर सबसे गरीब लोग रहते है। -
7:04 - 7:07लेकिन यह सिर्फ तत्काल क्षेत्र
के लोग नहीं है -
7:07 - 7:08जो प्रभावित होंगे।
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7:08 - 7:12नीचे रहने वाले लोग
भी मारा जाएगे। -
7:14 - 7:18ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी 10 प्रमुख नदियां
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7:18 - 7:21हिंदू कुश के हिमालय पर्वत में
उत्पन्न होती है। -
7:22 - 7:27ये नदियाँ कृषि के लिए
महत्वपूर्ण पानी प्रदान करती हैं -
7:27 - 7:28और पीने का पानी
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7:28 - 7:331.6 बिलियन से अधिक लोगों को जो
नीचे की ओर रेहते है। -
7:33 - 7:36वह पांच मनुष्यों में से एक है।
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7:37 - 7:39इसलिए हिंदू कुश
हिमालय पर्वत को -
7:39 - 7:42"एशिया के पानी के टॉवर।" भी कहा जाता है
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7:44 - 7:45लेकिन जब ग्लेशियर पिघलते हैं,
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7:46 - 7:48जब मानसून गंभीर हो जाता है,
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7:48 - 7:51उन नदियों में बाढ़ आ जाएगी,
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7:51 - 7:54वहाँ प्रलय होगा
जब पानी की आवश्यकता नहीं होगी -
7:54 - 7:57और सूखा बहुत आम होगा,
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7:57 - 7:59जब पानी की सख्त आवश्यकता होती है।
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7:59 - 8:05संक्षेप में, एशिया का जल मीनार
टूट जाएगा, -
8:05 - 8:11और वह विनाशकारी होगा
मानवता के एक-पांचवें के लिए। -
8:15 - 8:16क्या दुनिया को चिंता करनी चाहिए?
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8:18 - 8:20आप, उदाहरण के लिए, चिंता करना चाहेंगे?
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8:20 - 8:24याद रखें, मुझे परवाह नहीं थी
जब मैंने सुना कि मालदीव -
8:24 - 8:26पानी के नीचे गायब हो सकता है।
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8:26 - 8:29और वह मर्म है समस्या का,हेना ?
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8:29 - 8:30हम परवाह नहीं करते।
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8:32 - 8:35हम परवाह नहीं करते जब तक
निजी तौर से प्रभावित नहीं हो। -
8:36 - 8:38मेरा मतलब हैं, हम जानते हैं कि
जलवायु परिवर्तन असली है। -
8:38 - 8:41हम जानते हैं हम उग्र और
नाटकीय बदलाव का सामना करते हैं। -
8:41 - 8:43हम जानते हैं तेजी से आ रहा है।
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8:43 - 8:44फिर भी हम में से अधिकांश
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8:46 - 8:49बर्ताव करते है मानो सबकुछ सामान्य था।
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8:50 - 8:52तो हमें ध्यान रखना चाहिए,
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8:53 - 8:54हम सब को,
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8:54 - 8:59और अगर आप उन लोगों की परवाह नहीं कर सकते
जो ग्लेशियर के पिघलने से प्रभावित हैं -
8:59 - 9:01आपको कम से कम अपनी देखभाल करनी चाहिए।
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9:02 - 9:05ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदू कुश
हिमालय पर्वत - -
9:05 - 9:09पूरा क्षेत्र ग्रह की नब्ज की तरह है।
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9:11 - 9:13यदि क्षेत्र बीमार पड़ता है,
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9:13 - 9:16पूरा ग्रह अंततः पीड़ित होगा।
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9:17 - 9:18और अभी,
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9:19 - 9:22हमारे ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने के साथ,
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9:22 - 9:24यह क्षेत्र सिर्फ बीमार नहीं है -
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9:24 - 9:25यह मदद के लिए चिल्ला रहा है।
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9:28 - 9:30और इसका क्या असर पड़ेगा
बाकी दुनिया पर? -
9:30 - 9:35एक स्पष्ट परिदृश्य
संभावित अस्थिरता है -
9:35 - 9:39लाखों जलवायु शरणार्थियों के कारण,
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9:39 - 9:42जिन्हें मजबूरी जाना पड़ेगा क्योंकि
उनके पास थोड़ा या पानी नहीं है, -
9:42 - 9:45या इसलिए कि उनकी आजीविका
नष्ट हो गई हैं -
9:45 - 9:46ग्लेशियरों के पिघलने से।
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9:47 - 9:51एक और परिदृश्य
जिसे हम हल्के में नहीं ले सकते -
9:51 - 9:54वह है पानी को लेकर संघर्ष की संभावना
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9:55 - 10:02और राजनीतिक अस्थिरता ऐसे क्षेत्र में
जिसकी तीन परमाणु शक्तियां हैं -
10:02 - 10:07चीन, भारत, पाकिस्तान।
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10:09 - 10:14मेरा मानना है कि हमारे क्षेत्र में स्थिति
पर्याप्त गंभीर है -
10:14 - 10:19
सृष्टि का निर्माण करना
एक नई अंतर सरकारी एजेंसी -
10:20 - 10:24तो मूल निवासी के रूप में
दुनिया के उस हिस्से से, -
10:24 - 10:27मैं यहाँ, आज, प्रस्ताव करना चाहता हूँ
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10:27 - 10:30
स्थापना
तीसरा ध्रुव परिषद का, -
10:32 - 10:35एक उच्च स्तर,
अंतर सरकारी संगठन का -
10:35 - 10:39एक जिम्मेदारी के साथ काम दिया
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10:39 - 10:42विश्व के बर्फ के तीसरे सबसे बड़ा भंडार
की रक्षा के लिए -
10:44 - 10:46एक तीसरा ध्रुव परिषद
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10:46 - 10:50क्षेत्र में स्थित सभी आठ देशों
से मिलकर बनेगा -
10:50 - 10:51सदस्य देशों के रूप में,
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10:51 - 10:54समान सदस्य देशों के रूप में,
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10:54 - 10:57और प्रतिनिधि संगठनों को
भी शामिल कर सकते हैं -
10:57 - 11:00और अन्य देश
जिनके क्षेत्र में निहित स्वार्थ हैं -
11:00 - 11:02गैर-मतदान सदस्यों के रूप में
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11:02 - 11:04लेकिन बड़ा विचार यह है की
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11:04 - 11:08सभी हितधारकों को एक साथ ला के
एक साथ काम करना। -
11:08 - 11:12मिलकर निगरानी करना
ग्लेशियरों के स्वास्थ्य के लिए ; -
11:12 - 11:17साथ काम करके आकार और कार्यान्वयन नीतियो को
देकर हमारे ग्लेशियरों की रक्षा के लिए , -
11:17 - 11:19और, विस्तार से,
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11:19 - 11:24करोड़ों लोगों की रक्षा के लिए
जो हमारे ग्लेशियरों पर निर्भर हैं। -
11:26 - 11:27हमें मिलकर काम करना होगा
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11:29 - 11:33क्योंकि सोच विश्व स्तर पर ,
अभिनय स्थानीय स्तर पर ... -
11:35 - 11:36काम नहीं करता।
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11:36 - 11:37हमने भूटान में कोशिश की है।
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11:38 - 11:43हमने बहुत बड़ा बलिदान दिया है
स्थानीय रूप से कार्य करने के लिए ... -
11:45 - 11:50और जबकि व्यक्तिगत स्थानीय प्रयास
महत्वपूर्ण रहेगा, -
11:50 - 11:53वे खड़े नहीं हो सकते
जलवायु परिवर्तन के हमले के लिए। -
11:54 - 11:57जलवायु परिवर्तन के सामने खड़े होने के लिए,
हमें मिलकर काम करना चाहिए। -
11:58 - 12:02हमें विश्व स्तर पर सोचना चाहिए और
क्षेत्रीय रूप से कार्य करना चाहिए। -
12:03 - 12:07हमारे पूरे क्षेत्र को एक साथ आना होगा,
-
12:07 - 12:08एक साथ काम करना होगा,
-
12:09 - 12:10
जलवायु परिवर्तन से एक साथ लड़ने के लिए, -
12:11 - 12:13
हमारी आवाज को एक साथ सुनने के लिए। -
12:16 - 12:20और इसमें भारत और चीन शामिल हैं।
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12:21 - 12:23उन्हें अपने खेल को आगे बढ़ाना होगा।
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12:24 - 12:29उन्हें स्वामित्व लेना होगा
ग्लेशियरों की रक्षा के लड़ाई के लिए। -
12:29 - 12:33और उसके लिए, ये दोनों देश,
ये दो शक्तिशाली दिग्गज को, -
12:33 - 12:35अपने ग्रीनहाउस गैसों को कम करना चाहिए,
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12:37 - 12:39उनके प्रदूषण को नियंत्रित करें,
और लड़ाई का नेतृत्व करें। -
12:41 - 12:44वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करें
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ। -
12:46 - 12:49और ये सब एक तात्कालिकता की भावना से।
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12:49 - 12:53तभी - और वह भी, केवल शायद -
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12:53 - 12:55हमारा क्षेत्र
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12:55 - 12:57और अन्य क्षेत्र
जो ग्लेशियरों पर निर्भर करते है -
12:57 - 13:02बचने का कोई मौका है
बड़ी तबाही से। -
13:04 - 13:05समय समाप्त हो रहा है।
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13:06 - 13:10हमें अब साथ काम करना चाहिए।
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13:10 - 13:17नहीं तो अगली बार
माउंट एवरेस्ट पर नेपाल की कैबिनेट की बैठक -
13:17 - 13:19
वह शानदार पृष्ठभूमि ... -
13:21 - 13:22काफी अलग लग सकती है।
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13:25 - 13:26और अगर ऐसा होता है,
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13:28 - 13:30यदि हमारे ग्लेशियर पिघलते हैं,
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13:30 - 13:34बढ़ता समुद्र का स्तर
मालदीव को अच्छी तरह से डुबो सकता है। -
13:35 - 13:40और जब वे पानी के भीतर
उनकी कैबिनेट बैठक रखते हैं -
13:40 - 13:42दुनिया में एक एसओएस भेजने के लिए,
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13:42 - 13:45उनका देश विद्यमान रह सकता है
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13:45 - 13:49केवल अगर उनके द्वीप मौजूदा रहते हैं।
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13:51 - 13:56मालदीव अभी भी दूर हैं।
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13:57 - 14:01उनके द्वीप दूर हैं
जहाँ मैं रहता हूँ। -
14:02 - 14:07लेकिन अब, मैं करीब से ध्यान देता हूं
वहाँ क्या होता है। -
14:09 - 14:12आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
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14:12 - 14:17
(तालियां)
- Title:
- दुनिया के "थर्ड पोल" की रक्षा के लिए एक जरूरी चेतावनी
- Speaker:
- शेरिंग तोबगे
- Description:
-
हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र उत्तर और दक्षिण ध्रुवों के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बर्फ का भंडार है - और अगर वर्तमान में पिघलने की दर जारी रहती है, तो इसके ग्लेशियरों के दो तिहाई हिस्से इस सदी के अंत तक जा सकते हैं। अगर हम उन्हें पिघल ने दें तो क्या होगा? भूटान के पर्यावरणविद् और भूतपूर्व प्रधान मंत्री टर्शिंग टोबगे ने "एशिया के जल मीनारों" से नवीनतम साझा किया, जिससे ग्लेशियरों की रक्षा के लिए एक अंतर सरकारी एजेंसी बनाने के लिए एक तत्काल चेतावनी देने के लिए - और लगभग दो बिलियन लोगों को विनाशकारी बाढ़ से बचाने के लिए जो भूमि और आजीविका को नष्ट कर देगी ।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 14:33
Arvind Patil approved Hindi subtitles for An urgent call to protect the world's "Third Pole" | ||
Arvind Patil edited Hindi subtitles for An urgent call to protect the world's "Third Pole" | ||
Mishel Shah accepted Hindi subtitles for An urgent call to protect the world's "Third Pole" | ||
Shery Jain edited Hindi subtitles for An urgent call to protect the world's "Third Pole" | ||
Shery Jain edited Hindi subtitles for An urgent call to protect the world's "Third Pole" | ||
Shery Jain edited Hindi subtitles for An urgent call to protect the world's "Third Pole" | ||
Shery Jain edited Hindi subtitles for An urgent call to protect the world's "Third Pole" | ||
Shery Jain edited Hindi subtitles for An urgent call to protect the world's "Third Pole" |