-
दुनिया में जो हो रहा है उसे
जानना अद्भुत होता है।
-
किन्तु ऑनलाइन समाचार पढ़ना
पेचीदा हो सकता है।
-
आप जो देखते हैं वह ध्यान भटकाने वाला,
उलझाने वाला
-
या बिलकुल झूठ भी हो सकता है।
-
इसलिए यदि आप कोई लेख ऑनलाइन पढ़ रहे हों,
-
तो आपको इस बारे में पता होना चाहिए।
-
URL एक अद्वितीय पता होता है
-
प्रत्येक वेबपेज के लिए।
-
हमेशा दो बार जांचे कि आप
-
जिसे ढूंढ रहे थे उसी पेज पर हैं।
-
शाीर्षकों से हमें पता चलता है
कि लेख किस बारे में है
-
किन्तु कभी-कभी वे बढ़ा चढ़ा कर
कह सकते हैं
-
या लेख से अलग ही कुछ कहते हैं
-
ताकि आप उस पर क्लिक करें।
-
अधिकांश समाचार साइटों में आप जो पढ़ रहे हैं
उस लेख का प्रकार बताने के लिए
-
अलग खंड होते हैं।
-
यदि आपको तथ्य चाहिए,
-
तो सुनिश्चित करें कि आप
दृष्टिकोण वाले लेख पर तो नहीं हैं।
-
बाइलाइन लेखक का नाम है,
-
और तारीख वह जब वह छपा है।
-
कोई बाइलाइन या तारीख नहीं?
-
लेख अविश्वासनीय होगा।
-
इमेज और वीडियो शब्दों से अधिक बताते हैं,
-
मगर वे चित्र जो अविश्वसनीय लगते हैं
-
या वीडियो के पहले विज्ञापन बहका सकते हैं।
-
सम्बद्ध लेख सहायता कर सकते हैं,
-
मगर उनका ध्यान रखिए
जो केवल न्यूज़ नहीं रिपोर्ट करते।
-
प्रायोजित सामग्री लिंक है
अन्य वेबसाइटों पर मौजूद चीज़ों के लिए।
-
लेकिन क्लिकबेट से सावधान रहें;
-
चौंकाने वाली सुर्खियाँ न दें या जंगली छवियां
आपको क्लिक करने के लिएप्रेरित करती हैं।
-
विज्ञापन अन्य वेबसाइटों से लिंक होते हैं
जो आम तौर पर कुछ न कुछ बेच रहे होते हैं,
-
लेकिन कुछ विज्ञापन प्रच्छन्न होते हैं
समाचार की तरह दिखने के लिए.
-
टिप्पणी खंड में पाठकों की राय
और विचार होते हैं
-
किन्तु याद रखें कि यहां कोई भी किसी भी
चीज़ के बारे में लिख कर सकता है,
-
चाहे वह तुच्छ या बिलकुल झूठ ही
क्यों न हो।
-
ध्यान रखने के लिए यही बहुत है,
-
किन्तु यदि आप जानते हैं कि क्या खोजना है
और किस बात का ध्यान रखना है,
-
तो लेख सबसे पहले आपको मिलेगा।
-
[आप ऑनलाइन समाचार कैसे पढ़ते हैं?]