त्वचा के रंग का विज्ञानं- एंजेला कोइन फ्लिन्
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0:09 - 0:12जब अल्ट्रावायलेट सूरज की रोशनी
हमारी त्वचा पर गिरती है| -
0:12 - 0:15वे हम सबको थोड़े
अलग ढंगसे प्रभावित करती है| -
0:15 - 0:18आपकी त्वचा के रंग के आधार पर, इसके लिये
थोड़े ही मिनट काफी होते है| -
0:18 - 0:21एक व्यक्ति को चुकंदर गुलाबी रंग होने में,
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0:21 - 0:25जबकि किसीको ज्यादा घंटे लगेंगे
थोडासा परिवर्तन अनुभव करने में| -
0:25 - 0:27तो क्या है इस अंतर का राज़?
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0:27 - 0:32और शुरुसे कैसे हमारी त्वचा
अलग अलग रंग कैसे ले आती आई है? -
0:32 - 0:33जो बी रंग हो,
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0:33 - 0:38हमारी त्वचा महाकाव्य कहानी कहती है
मानव सहनशीलता और अनुकूलता की, -
0:38 - 0:43प्रकाशित करती है उसका भेद जीव
विज्ञान का काम| -
0:43 - 0:45मेलेनिन इसके केंदस्थानमे है,
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0:45 - 0:48रंगद्रव्य जो त्वचा और बालों
को उनका रंग देता है| -
0:48 - 0:51ये घटक त्वचा के कोशिकाओं
से आता है जिनका नाम है मेलानोसैतेस -
0:51 - 0:53और दो आधारभूत रूप लेता है|
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0:53 - 0:58एक है युमेलानिं, जो कई भूरे त्वचा के
रंगों को वृद्धि करता है, -
0:58 - 1:01उसके साथ काले, भूरे
और गोर्रबालों को भी, -
1:01 - 1:06दूसरा फेओमेलनिन, जो लाल भूरे चकतो
और लाल बालों को उत्पन्न करता है| -
1:06 - 1:09परंतु मनुष्य हमेशा ऐसे नहीं थे|
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1:09 - 1:12हमारे अलग-अलग त्वचा के रंग एक
उद्विकासी प्रक्रिया से बने थे -
1:12 - 1:14सूरज से प्ररित हो कर|
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1:14 - 1:20कुछ ५०,००० सालों पहले जब हमारे
पूर्वज अफ्रीका से उत्तर की तरफ जा बसे -
1:20 - 1:22और यूरोप और एशिया में|
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1:22 - 1:28ये प्राचीन मानव भूमध्य रेखा और "ट्रोपिक
ऑफ़ काप्रिकोर्ण" के बिच रहते थे, -
1:28 - 1:31एक जगह जो सूरज की
अतिनील किरणों से तर-बतर थी| -
1:31 - 1:35जब युव त्वचा पर लम्बे समयतक प्रकट होती है,
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1:35 - 1:38वे युव हमारे कोशिकाओं के अन्दर
के डीएनए को नुक़सान पोहचती है, -
1:38 - 1:41और हमारी त्वचा जलने लगती है|
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1:41 - 1:42अगर यह हानि काफी गंभीर हो, तो
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1:42 - 1:45कोशिकाओं का परिवर्तन मेलेनोमा
को ढावा दे सकता है, -
1:45 - 1:50एक प्राणनाशक कैंसर त्वचा के
मेलानोसैतेस में पैदा होता है| -
1:50 - 1:54सनस्क्रीन, जैसे हमे आज पता है, ५०,०००
सालों पहले मौजूद नहीं था| -
1:54 - 1:58हमारे पूर्वजोंने कैसे इस अतिनील
प्रकाश के हमलेका सामना किया? -
1:58 - 2:02उनके उत्तरजीविता की चाबी थी उनके
अपने निजी सनस्क्रीन में -
2:02 - 2:05विनिर्मित त्वचा के निचे मेलेनिन|
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2:05 - 2:08आपकी त्वचा में मेलेनिन का प्रकार
और उसकी मात्रा -
2:08 - 2:12निर्धारित करता है की आप सूरज से कम ये ज्यादा संरक्षित रहेंगे|
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2:12 - 2:15ये निर्भर है त्वचा की प्रतिक्रिया पे, जब
सूरज उसपे गिरता है| -
2:15 - 2:17जब युव रोशनी उसपे प्रकट होती है
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2:17 - 2:21वह शुरू करता है विशेष रोशनी-सेद्नशील
रिसेप्टर जिनका नाम है रेडोप्सीन, -
2:21 - 2:26जो मेलेनिन के उत्पादन को उत्तेजित करके
बचाता है कोशिकाओं को नुकसान से -
2:26 - 2:29गोरें लोंगों मे अधिक मेलेनिन,
त्वचा को काला करता है और टॅन पैदा करता है| -
2:31 - 2:33का उत्पादन करता है| कई पीढ़ियों से,
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2:33 - 2:37मनुष्य जो अफ्रीका के
सूरज से तर-बतर जगाओं में रहते थे -
2:37 - 2:40अनुकूलित हुए उच्चतर मेलेनिन
उत्पादन रखने के लिए -
2:40 - 2:42और ज्यादा यूमेलानिन के लिए,
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2:42 - 2:45अत त्वचा को गहेरा रंग दिया.
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2:45 - 2:48ये निर्मित-में सूरज कवच ने उन्हें
मेलेनोमा से बचाने में मदद की, -
2:48 - 2:50संभाव्य उन्हें उद्विकासी लायक बनाया
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2:50 - 2:55और सक्षम बनाया ये उपयोगी विशेषता
नयी पीढ़ियों को देने के लिए. -
2:55 - 3:00लेकिन शीघ्र ही, हमारे कुछ पूर्वज उत्तर
की ओर बस गए -
3:00 - 3:02"ट्रॉपिकल" क्षेत्र के बहार,
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3:02 - 3:05दूर और व्यापक आर-पार पृथ्वी पर
फैलाने लगे| -
3:05 - 3:08जितना आगे उत्तर की तरफ वो
गए, उतनी कम धूप उन्हें दिखी| -
3:08 - 3:12यह एक समस्या थी क्यूंकि हालांकि युवी
रोशनी त्वचा को हनी पहुंचा सकती है, -
3:12 - 3:15उसका एक महत्वपूर्ण समांतर लाभ है|
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3:15 - 3:18युव हमारे शरीर को विटामिन डी उत्पादित
करने में मदद करता है, -
3:18 - 3:22एक घटक जो हड्डियां मजबूत करके हमे
अहम खनिज पदार्थ लेने में मदद करता है| -
3:22 - 3:26करता है, जैसे की कैल्शियम, आयरन,
मैग्नीशियम, फॉस्फेट और झिंक| -
3:26 - 3:31उसके बिना, मनुष्य गंभीर थकान तथा
हड्डियांमे कमजोरी लगती है -
3:31 - 3:34जो एक अवस्था पैदा कर सकती है
जिसका नाम है रिकेट्स| -
3:34 - 3:38साँवली त्वचा सूरज की रोशनी
को अवरुद्ध करती थी, -
3:38 - 3:42उनके लिए विटामिन डी की कमी ने
गंभीर आशंका पैदा की होगी, उत्तर में| -
3:42 - 3:45लेकिन उनमे से कुछ कम
मेलेनिन उत्पादित करते थे| -
3:45 - 3:49वे रोशनी के छोटी पर्याप्त मात्रा से
प्रकाशित हुए थे इसलिए मेलेनोमा की -
3:49 - 3:53संभावना कम थी, और उनकी गोरी त्वचा
युवी किरणों को बेहतर अवशोषित कर सकी| -
3:53 - 3:55अतः वे लाभान्वित हुए विटामिन डी से,
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3:55 - 3:57हड्डियों को मज़बूत बनाया,
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3:57 - 4:01और आचे से जीवित रहें
स्वस्थ संतति उत्पादित करने के लिए| -
4:01 - 4:03चयन की कई पीढ़ियों से अधिक,
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4:03 - 4:06त्वचा का रंग उन क्षेत्रों में
धीरे-धीरे हल्का हुआ| -
4:06 - 4:10हमारे पपूर्वजों की
अनुकूलनशीलता के परिणाम स्वरूप, -
4:10 - 4:14आज ग्रह कई त्वचा के रंगवाले
लोंगों से भरा हुआ है, -
4:14 - 4:19गहरे रंग यूमेलानिन-तर त्वचा गरम,
इक्वेटर के पास वाले पट्टे में, -
4:19 - 4:24और तेजी से गोरे फेओमेलनिन-तर
त्वचा के रंग बहार की तरफ -
4:24 - 4:26जैसे सूरज की रोशनी कम होती जाती है|
यानि, त्वचा का -
4:26 - 4:30रंग बस थोडा ही ज्यादा है
एक अनुकूली लक्षण एक चट्टान पे रहने के लिए -
4:30 - 4:33जो सूरज को गृह्पथित करता है,
यह शायद -
4:33 - 4:37रोशनी को सोखता है परंतु यह निस्संदेह
चरित्र को प्रतिबिंबित नहीं करता|
- Title:
- त्वचा के रंग का विज्ञानं- एंजेला कोइन फ्लिन्
- Speaker:
- Angela Koine Flynn
- Description:
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पूरा उपदेश/ "लेसन" देखिये: https://ed.ted.com/lessons/the-science-of-skin-color-angela-koine-flynn
जब अल्ट्रावायलेट सूरज की रोशनी हमारी त्वचा पर गिरती है, वे हम सबको थोड़े अलग ढंगसे प्रभावित करती है. आपकी त्वचा के रंग के आधार पर, बस अनावरण के थोड़े ही मिनट लगते हैं एक व्यक्ति को चुकंदर गुलाबी रंग होने में, जबकि कोई और को घंटो लगेंगे थोडा सा भी परिवर्तन अनुभव करने में. तो क्या है इस अंतर का राज़ और शुरुसे कैसे हमारी त्वचा अलग अलग रंग लेती आई है?
उपदेश/ "लेसन" एंजेला कोइन फ्ल्यन्न से, एनीमेशन तोमस पिचार्दो-एस्पैल्लत से.
- Video Language:
- English
- Team:
closed TED
- Project:
- TED-Ed
- Duration:
- 04:54
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Michelle Mehrtens edited Hindi subtitles for The science of skin color | |
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Abhinav Garule approved Hindi subtitles for The science of skin color | |
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Abhinav Garule edited Hindi subtitles for The science of skin color | |
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Abhinav Garule edited Hindi subtitles for The science of skin color | |
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Abhinav Garule edited Hindi subtitles for The science of skin color | |
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Arvind Patil accepted Hindi subtitles for The science of skin color | |
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Arvind Patil edited Hindi subtitles for The science of skin color | |
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Arvind Patil edited Hindi subtitles for The science of skin color |