< Return to Video

शरणार्थी होने का अर्थ क्या है? - बेनेडेट्टा बर्टी व एवेलियन बोर्गमन

  • 0:07 - 0:09
    इस पूरे संसार में
  • 0:09 - 0:13
    करीब ६० करोड़ लोग हैं जिनको
    अपना घर छोड़ने पर विवश कर दिया गया है,
  • 0:13 - 0:17
    युद्ध, हिंसा और अत्याचार से बचने के लिये।
  • 0:17 - 0:21
    इन में ज़्यादातर लोग देश के
    अन्दर ही विस्थापित बन चुके हैं,
  • 0:21 - 0:26
    जिसका अर्थ है कि वो अपने घरों से भाग
    चुके हैं, पर अभी भी अपने ही देश में हैं।
  • 0:26 - 0:31
    कुछ औरों ने सीमा पार कर
    अपने देश के बहार आश्रय माँगा है।
  • 0:31 - 0:34
    इनको आम तौर पर शरणार्थी कहते हैं।
  • 0:34 - 0:37
    पर इस शब्द का सही अर्थ है क्या?
  • 0:37 - 0:40
    इस विश्व ने सदियों से
    शरणार्थियों को देखा है,
  • 0:40 - 0:45
    पर इसकी आधुनिक परिभाषा का प्रारूप संयुक्त
    राष्ट्र के १९५१ के सम्मलेन में बनाया गया,
  • 0:45 - 0:47
    शरणार्थियों की अवस्था के सम्बन्ध में,
  • 0:47 - 0:52
    दूसरे विश्व युद्ध में हुए सामूहिक
    अत्याचारों और विस्थापन पर प्रतिक्रिया में।
  • 0:52 - 0:57
    इसकी परिभाषा में शरणार्थी एक ऐसा व्यक्ति
    है जो अपने देश की राष्ट्रीयता के बाहर है,
  • 0:57 - 1:00
    और ज़ुल्म के सु-आधारित भय से
  • 1:00 - 1:04
    अपने देश वापस नहीं जा पा रहा।
  • 1:04 - 1:09
    यह ज़ुल्म उनकी जाती, धर्म, राष्ट्रीयता,
  • 1:09 - 1:13
    किसी विशेष सामाजिक समूह की सदस्यता
    या राजनितिक मत के कारण हो सकता है,
  • 1:13 - 1:17
    और ज़्यादातर युद्ध और हिंसा
    से सम्बन्धित होता है।
  • 1:17 - 1:21
    इस समय, दुनिया के करीब
    आधे शरणार्थी बच्चे हैं,
  • 1:21 - 1:23
    उनमें से कुछ के साथ
    कोई वयस्क भी होता है,
  • 1:23 - 1:27
    एक ऐसी स्थिति जो उन्हें
    ख़ास तौर पर बाल श्रम
  • 1:27 - 1:30
    या यौन शोषण की चपेट में
    आसानी से ले सकती है।
  • 1:30 - 1:32
    हर शरणार्थी की कहानी अलग होती है,
  • 1:32 - 1:37
    और बहुतों को अनिश्चित परिणाम वाली
    खतरनाक यात्रा से गुज़ारना पड़ता है।
  • 1:37 - 1:39
    पर इससे पहले कि हम
    इनकी यात्रा के बारे में बात करें,
  • 1:39 - 1:41
    एक बात साफ़ करना ज़रूरी है।
  • 1:41 - 1:44
    "प्रवासी" और "शरणार्थी"
    शब्दों के बीच में
  • 1:44 - 1:47
    बहुत उलझन है।
  • 1:47 - 1:50
    आम तौर पर "प्रवासी" उन लोगों को कहते हैं
    जो अपना देश छोड़ देते हैं,
  • 1:50 - 1:53
    अत्याचार से सम्बन्धित कारणों से नहीं,
  • 1:53 - 1:55
    बल्कि बेहतर आर्थिक अवसर ढूंढने के लिये
  • 1:55 - 2:00
    या सूखे से त्रस्त जगह छोड़कर
    बेहतर परिस्थितियाँ खोजने।
  • 2:00 - 2:03
    विश्व में बहुत लोग ऐसे कारणों
    से भी विस्थापित हो गये हैं,
  • 2:03 - 2:05
    जैसे प्राकृतिक आपदा,
  • 2:05 - 2:07
    खाना न मिलने की असुरक्षा,
  • 2:07 - 2:08
    और अन्य कठिनाइयाँ।
  • 2:08 - 2:11
    पर अन्तर्राष्ट्रीय कानून,
    चाहे सही हो या गलत,
  • 2:11 - 2:17
    केवल उनको ही शरणार्थी मानता है
    जो संघर्ष और हिंसा के कारण भागते हैं।
  • 2:17 - 2:21
    तो जब कोई अपने देश से भागता है,
    तो क्या होता है?
  • 2:21 - 2:24
    ज़्यादातर शरणार्थियों की यात्रा
    लम्बी और जोखिम भरी होती है,
  • 2:24 - 2:28
    जिसमें आश्रय, जल और खाना
    सीमित रूप से ही मिल पाता है।
  • 2:28 - 2:31
    क्योंकि प्रस्थान अचानक और
    अप्रत्याशित हो सकता है,
  • 2:31 - 2:33
    अपनी सम्पत्ति पीछे छोड़नी पड़ती है,
  • 2:33 - 2:38
    और जो लोग संघर्ष से निकल रहे होते हैं,
    उनके पास अकसर ज़रूरी दस्तावेज़ नहीं होते,
  • 2:38 - 2:43
    जैसे विमान में यात्रा कर दूसरे देश में
    कानूनी तौर पर प्रवेश करने के लिये व्हिसा।
  • 2:43 - 2:46
    आर्थिक और राजनीतिक कारण भी
    उनको सामान्य रास्तों से जाने से
  • 2:46 - 2:48
    रोक सकते हैं।
  • 2:48 - 2:52
    जिसका अर्थ है कि वो अक्सर केवल भूमि
    या पानी के रास्ते ही यात्रा कर सकते हैं,
  • 2:52 - 2:55
    और उन्हें अपना जीवन
    तस्करों को सौंपना पड़ सकता है,
  • 2:55 - 2:57
    ताकि वो उन्हें सीमा पार करने में
    सहायता कर सकें।
  • 2:57 - 3:00
    जहाँ कुछ लोग अपने परिवार
    के साथ सुरक्षा ढूंढते हैं,
  • 3:00 - 3:04
    वहीँ अन्य लोग अपने प्रियजनों को पीछे छोड़
    अकेले ही यात्रा का प्रयास करते हैं,
  • 3:04 - 3:07
    बाद में पुनर्मिलन की आशा के साथ।
  • 3:07 - 3:10
    यह जुदाई दर्दनाक और
    असहनीय रूप से लंबी हो सकती है।
  • 3:10 - 3:14
    जहाँ विश्व के आधे से ज़्यादा शरणार्थी
    शहरों में हैं,
  • 3:14 - 3:18
    कभी-कभी एक संघर्ष से भागे हुए व्यक्ति का
    पहला विराम, शरणार्थी शिविर होता है,
  • 3:18 - 3:23
    जिसे अकसर सँयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था
    या स्थानीय सरकार चलाती है।
  • 3:23 - 3:27
    शरणार्थी शिविर अस्थायी ढांचे होते हैं,
  • 3:27 - 3:31
    जो थोड़े समय का आश्रय प्रधान करते हैं, जब
    तक उनके निवासी घर वापस सुरक्षित न पहुँचें,
  • 3:31 - 3:33
    मेज़बान देश में सम्मिलित न हो जाएं,
  • 3:33 - 3:35
    या किसी अन्य देश में न बस जाएं।
  • 3:35 - 3:40
    पर बसने या सम्मिलित होने के
    विकल्प अकसर सीमित होते हैं।
  • 3:40 - 3:44
    बहुत सारे शरणार्थियों के पास
    सालों, कभी-कभी दशकों तक
  • 3:44 - 3:47
    शिविर में रहने के अलावा
    कोई रास्ता नहीं रहता।
  • 3:47 - 3:51
    नए देश में पहुँचने के बाद, एक विस्थापित
    व्यक्ति के लिये पहला कदम
  • 3:51 - 3:53
    आश्रय के लिये आवेदन करने का होता है।
  • 3:53 - 3:56
    इस समय पर, वो आश्रय के लिये
    एक आवेदनकर्ता होते हैं
  • 3:56 - 4:01
    और जब तक उनकी अर्ज़ी स्वीकार नहो होती, उनको
    अधिकृत रूप से शरणार्थी नहीं माना जाता।
  • 4:01 - 4:05
    जहाँ सभी देश कुल मिलकर शरणार्थी
    की एक परिभाषा पर सहमत हैं,
  • 4:05 - 4:10
    हर मेज़बान देश आश्रय के निवेदन की
    जाँच के लिये, और आवेदनकर्ता को
  • 4:10 - 4:14
    शरणार्थी का पद दिया जाये, यह निर्णय
    लेने के लिये खुद ज़िम्मेदार है।
  • 4:14 - 4:17
    भिन्न देशों के दिशा निर्देश
    काफी हद तक भिन्न हो सकते हैं।
  • 4:17 - 4:20
    मेज़बान देशों के कई कर्तव्य होते हैं,
  • 4:20 - 4:23
    जिन लोगों को उन्होंने शरणार्थी
    माना है, उनकी तरफ,
  • 4:23 - 4:28
    जैसे एक न्यूनतम स्तर का बरताव
    और भेदभाव ना किये जाने का भरोसा।
  • 4:28 - 4:32
    शरणार्थियों की तरफ सबसे मौलिक कर्तव्य
    उनका निष्कासन न करना होता है,
  • 4:32 - 4:35
    एक ऐसा सिद्धान्त जो राष्ट्र को
    एक व्यक्ति को एक ऐसे देश में भेजने,
  • 4:35 - 4:39
    से रोकता है, जहाँ उनका जीवन
    और स्वतन्त्रता खतरे में हो।
  • 4:39 - 4:42
    जबकि वास्तविकता में शरणार्थी अकसर
  • 4:42 - 4:45
    अनुचित बरताव और भेदभाव
    के शिकार हो जाते हैं।
  • 4:45 - 4:49
    उनको ज़्यादातर अपना जीवन जातिवाद और
    नापसन्द किये जाने के बीच
  • 4:49 - 4:51
    फिर से बनाना पड़ता है।
  • 4:51 - 4:54
    और ज़्यादातर, उनको काम करने की
    अनुमति नहीं मिलती
  • 4:54 - 4:57
    और वो पूरी तरह मानवीय
    सहायता पर आश्रित होते हैं।
  • 4:57 - 5:01
    इसके साथ-साथ, अब तक बहुत सारे
    शरणार्थियों के बच्चे विद्यालय से बहार हैं,
  • 5:01 - 5:05
    शिक्षा योजनाओं में धन की कमी के कारण।
  • 5:05 - 5:07
    अगर आप अपने खुद के
    परिवार का इतिहास देखेंगे,
  • 5:07 - 5:11
    सम्भवतः आप पाएंगे कि किसी समय में,
  • 5:11 - 5:14
    आपके पूर्वजों को अपना घर छोड़ने
    पर विवश कर दिया गया था,
  • 5:14 - 5:19
    युद्ध से बच निकलने के लिये
    या भेदभाव और ज़ुल्म से भागने के लिये।
  • 5:19 - 5:23
    हमारे लिये अच्छा होगा कि
    हम उनकी कहानियाँ याद रहें,
  • 5:23 - 5:26
    जब हम आज के विस्थापित
    शरणर्थियों के बारे में सुनते हैं,
  • 5:26 - 5:28
    जो अपने लिये नया घर ढूंढ रहे हैं।
Title:
शरणार्थी होने का अर्थ क्या है? - बेनेडेट्टा बर्टी व एवेलियन बोर्गमन
Speaker:
Benedetta Berti and Evelien Borgman
Description:

पूरा पाठ देखें: http://ed.ted.com/lessons/what-does-it-mean-to-be-a-refugee-benedetta-berti-and-evelien-borgman

इस पूरे संसार में, करीब ६० करोड़ लोगों को अपना घर छोड़ने पर विवश कर दिया गया है, युद्ध, हिंसा और अत्याचार से बचने के लिये। इन में ज़्यादातर लोग देश के अन्दर ही विस्थापित बन चुके हैं, अर्थात, वो अपने घरों से भाग चुके हैं, पर अभी भी अपने ही देश में हैं। कुछ औरों ने अपने देश के बहार आश्रय माँगा है, जिन्हें शरणार्थी कहते हैं। पर इस शब्द का सही अर्थ है क्या? बेनेडेट्टा बेरटी व एवेलियन बोर्गमन समझती हैं।

more » « less
Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TED-Ed
Duration:
05:43

Hindi subtitles

Revisions