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कंक्रीट हमारे चारों ओर है,
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लेकिन ज़्यादातर लोगों का
उस पर ध्यान भी नहीं जाता।
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हम अपनी सड़कों, इमारतों,
पुलों, हवाई अड्डों के
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निर्माण के लिए कंक्रीट का
उपयोग करते हैं, यह सर्वत्र है।
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अगर एकमात्र संसाधन है
जिसे हम कंक्रीट से अधिक उपयोग करते हैं
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तो वह है पानी।
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और जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण के साथ,
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हम कंक्रीट कि जरुरत
पहले से कहीं अधिक होगी।
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लेकिन एक समस्या है।
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सीमेंट वह गोंद है
जो कंक्रीट को एक साथ पकड़े रखता है।
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और सीमेंट बनाने के लिए,
आप अन्य अवयवों के साथ
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बहुत अधिक तापमान पर एक भट्टी
में चूना पत्थर जलाते हैं।
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उस प्रक्रिया के उपोत्पादों में से एक
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कार्बन डाइऑक्साइड, या CO2 है।
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निर्मित होने वाली हर टन सीमेंट के लिए,
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लगभग एक टन CO2 वायुमंडल
में उत्सर्जित होता है।
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परिणामस्वरूप, सीमेंट उद्योग
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CO2 का दूसरा सबसे बड़ा
औद्योगिक उत्सर्जक है,
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जो वैश्विक उत्सर्जन के
लगभग 8% का उत्तरदायी है।
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यदि हमें वैश्विक तापमान को कम करना हैं,
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तो सीमेंट उत्पादन और कार्बन उपयोग
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दोनों में नवीनीकरण
बिल्कुल आवश्यक है।
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अब, कंक्रीट बनाने के लिए,
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आप पत्थर, रेत और अन्य अवयवों
के साथ सीमेंट को मिलाते हैं,
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बहुत सारा पानी डालते हैं,
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और फिर इसके कठोर बनने का जमने का
इंतजार करते हैं।
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पहले से सांचे में ढले उत्पादों,
जैसे पेवर और ब्लॉक, को बनाने के लिए
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आप जमाने की प्रक्रिया में
तेजी लाने की कोशिश करने के लिए
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सुखाने वाले कक्ष में
वेग से भाप को डाल सकते हैं।
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इमारतों, सड़कों, और पुलों के लिए,
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हम कार्य स्थल पर एक सांचे में
एक तैयार मिश्रण कंक्रीट नाम का
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मिश्रण डालते हैं, और समय के साथ
उसके जमने का इंतजार करते हैं।
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अब, 50 से भी अधिक वर्षों से,
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वैज्ञानिकों का मानना था
कि यदि वह पानी के बजाय
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CO2 के साथ कंक्रीट को सुखाते हैं,
तो यह अधिक टिकाऊ होगा,
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लेकिन पोर्टलैंड सीमेंट के
रसायन विज्ञान के कारण
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वह अपंग हो गए थे।
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देखिये, यह पानी और CO2
दोनों के साथ प्रतिक्रिया करता है
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और यह परस्पर विरोधी रसायन प्रतिक्रियाएँ
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बहुत अच्छा कंक्रीट नहीं बनातीं।
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तो हमने एक नया
सीमेंट रसायन मिश्रण बनाया है।
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हम समान उपकरण और कच्चे
माल का उपयोग करते हैं,
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लेकिन कम चूना पत्थर का
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और हम कम तापमान पर
भट्ठे को आग लगाते हैं,
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जिसके परिणामस्वरूप CO2 उत्सर्जन में
30% तक की कमी आती है।
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हमारा सीमेंट पानी के साथ
प्रतिक्रिया नहीं करता।
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हम CO2 के साथ अपने
कंक्रीट को सुखाते हैं,
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और हम उस CO2 को
अमोनिया या इथेनॉल कारखानों जैसी
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औद्योगिक सुविधाओं से
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अपशिष्ट गैस को
इकठ्ठा करके प्राप्त करते हैं
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जो अन्यथा वातावरण में
रिहा कर दी जाती।
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सुखाने के दौरान, हमारे सीमेंट
के साथ हो रही रासायनिक प्रतिक्रिया
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CO2 को तोड़ देती है,
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जो चूना पत्थर बनाने के
लिए कार्बन को इकठ्ठा करती है,
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और उस चूना पत्थर का उपयोग
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कंक्रीट को एक साथ बांधने के लिए
किया जाता है।
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अब, यदि हमारे कंक्रीट से बने एक पुल कंक्रीट को
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कभी ढहा जाए,
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तो CO2 के उत्सर्जन का कोई डर नहीं है
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क्योंकि वह अब मौजूद ही नहीं है।
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जब आप सीमेंट उत्पादन के दौरान
CO2 के हुए उत्सर्जन की कमी को
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कंक्रीट उत्पादन के दौरान
प्रयोग की गयी CO2 से मिला देते हैं
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तो हम सीमेंट के कार्बन प्रभाव को
70% तक कम कर देते हैं।
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और क्योंकि हम पानी का
इस्तेमाल नहीं करते,
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इसलिए हम खरबों लीटर पानी भी बचाते हैं।
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अब, एक ऐसे 2000-वर्षीय उद्योग को
आश्वस्त करना
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जो पिछले 200 वर्षों
में विकसित नहीं हुआ है,
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आसान नहीं है,
लेकिन बहुत से नए और मौजूदा उद्योग
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इस चुनौती पर आक्रमण कर रहे हैं
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हमारी रणनीति समाधानों को अपनाने में
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आसानी करना है
जो कि केवल स्थिरता के लक्ष्य से आगे हैं।
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हम उसी प्रक्रिया, कच्चे माल
और उपकरणों का उपयोग करते हैं
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जो पारंपरिक कंक्रीट बनाने
के लिए उपयोग किए जाते हैं,
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लेकिन हमारा नया सीमेंट
CO2 se से सुखाया गया कंक्रीट बनाता है
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जो मजबूत, अधिक टिकाऊ,
हलके रंग वाला होता है,
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और यह 28 दिनों के बजाय
24 घण्टों में ठोस हो जाता है।
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तैयार-मिश्रण के लिए हमारी नई तकनीक
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परीक्षण और बुनियादी ढांचे के
अनुप्रयोगों में है,
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और हमने एक ऐसे कंक्रीट को विकसित
करने के लिए अपने शोध को
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और भी आगे बढ़ाया है
जो कार्बन की ग़ार बन सकता है।
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इसका मतलब है कि हम सीमेंट उत्पादन के दौरान
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उत्सर्जन होने वाले CO2 से अधिक
उपभोग करेंगे।
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चूँकि हम निर्माण स्थल पर CO2
गैस का उपयोग नहीं कर सकते,
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हम जानते थे कि हमें इसे
ठोस या तरल रूप में
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अपने कंक्रीट तक पहुँचाना होगा।
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तो, हम उन कंपनियों के
साथ साझेदारी कर रहे हैं
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जो बेकार CO2 को लेकर
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ऑक्सालिक एसिड या साइट्रिक एसिड
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जैसे उपयोगी रसायनों में बदल रही हैं,
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वही जो आप संतरे के रस में उपयोग करते हैं।
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जब वह एसिड हमारे सीमेंट के
साथ प्रतिक्रिया करता है,
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तो हम कंक्रीट में चार गुना अधिक
कार्बन मिला सकते हैं,
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जिससे यह कार्बन नकारात्मक हो जाता है।
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इसका मतलब है कि एक किलोमीटर
सड़क खंड के लिए,
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हम एक वर्ष के दौरान
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लगभग 100,000 पेड़ों से भी अधिक
CO2 का उपभोग करेंगे।
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इसलिए, रसायन विज्ञान
और बेकार CO2 का भला हो,
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जिसके कारण हम कंक्रीट उद्योग,
जो ग्रह पर दूसरी सबसे अधिक
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उपयोग की जाने वाली सामग्री है,
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को ग्रह के लिए कार्बन की ग़ार में
बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
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शुक्रिया।