वह सॉफ्टवेयर जिसने मनुष्य को चँद्रमा तक पहुँचाया - मैट पोर्टर तथा मार्गरेट हैमिलटन
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0:07 - 0:1120 जुलाई 1969 को लगभग श्याम के 4 बजे
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0:11 - 0:16मानवजाति चँद्रमा पर कदम रखने से
कुछ ही क्षण दूर थी। -
0:16 - 0:19पर अन्तरिक्ष यात्रियों के
आखरी अवतरण शुरू करने पहले ही -
0:19 - 0:21एक आपातकालीन चेतावनी की बत्ती जल उठी।
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0:21 - 0:23कुछ ऐसा था जो कम्प्यूटर पर
अधिभार कर रहा था -
0:23 - 0:26और भूमि पर अवतरण को
बीच में ही रोक देने वाला था। -
0:26 - 0:29वहाँ धरती पर
मार्गरेट हैमिलटन की साँस अटकी थी। -
0:29 - 0:32उन्होंने उड़ान के लिए पहला सॉफ्टवेयर
बनाने वाले दल का नेतृत्व किया था, -
0:32 - 0:35इसलिए वह जानती थीं
कि यहाँ कोई चूक नहीं हो सकती। -
0:35 - 0:38परन्तु इस आखिर से दूसरी
आपातकाल स्थिति की प्रकृति -
0:38 - 0:39जल्द ही यह सिद्ध कर देने वाली थी
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0:39 - 0:43कि उनका सॉफ्टवेयर
बिलकुल योजना अनुसार काम कर रहा था। -
0:43 - 0:4833 वर्ष पहले पेओली, इंडियाना में जन्मी
हैमिलटन हमेशा से ही जिज्ञासु थीं। -
0:48 - 0:50मैसैच्यूसैट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़
टेक्नोलॉजी में -
0:50 - 0:53अनुसंधान क्षेत्र में
कार्य आरम्भ करने से पहले -
0:53 - 0:56स्नातक विद्यालय के शुल्क का भार
उठाने के लिए उन्होंने महाविद्यालय में -
0:56 - 0:57गणित और दर्शनशास्र की पढ़ाई की।
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0:57 - 1:01यहाँ अराजकता सिद्धांत के
नए क्षेत्र में अनुसन्धान में सहायक -
1:01 - 1:05एक सॉफ्टवेयर को बनाते हुए
उनका परिचय उनके पहले कम्प्यूटर से हुआ। -
1:05 - 1:08उसके बाद MIT की लिंकन प्रयोगशाला में
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1:08 - 1:11हैमिलटन ने अमेरिका की पहली
वायु रक्षा प्रणाली के लिए -
1:11 - 1:13दुश्मन के विमान को
ढूँढने का सॉफ्टवेयर बनाया। -
1:13 - 1:17परन्तु जब उन्हें पता चला
कि जाने माने इंजीनियर चार्ल्स ड्रेपर -
1:17 - 1:19मनुष्य को चाँद तक पहुँचाने के लिए
मदद की खोज में थे -
1:19 - 1:22तब वह तुरन्त उनके दल में शामिल हो गयीं।
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1:22 - 1:25NASA ने ड्रेपर और उनके
400 से भी ज़्यादा इंजीनियरों के दल को -
1:25 - 1:29पहले सघन डिजिटल उड़ान कम्प्यूटर,
अपोलो गाइडेंस कम्प्यूटर (AGC), -
1:29 - 1:31के आविष्कार का काम सौंपा।
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1:31 - 1:33अन्तरिक्ष यात्रियों से जानकारी ले कर
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1:33 - 1:36यह यंत्र अन्तरिक्ष यान का मार्गदर्शन
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1:36 - 1:38और नियन्त्रण करने के लिए
जिम्मेदार होना था। -
1:38 - 1:42एक ऐसे समय में जब अविश्वसनीय कम्प्यूटर
पूरे कमरे जितने बड़े होते थे -
1:42 - 1:45AGC को बिना कोई गलती किए
संचालित होना था -
1:45 - 1:49और एक घन-फुट तक की जगह में आ जाना था।
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1:49 - 1:52ड्रेपर ने प्रयोगशाला को
दो दलों में विभाजित किया, -
1:52 - 1:55एक हार्डवेयर बनाने के लिए
और एक सॉफ्टवेयर बनाने के लिए। -
1:55 - 1:59हैमिलटन ने उस दल का नेतृत्व किया
जिसने आदेश और चँन्द्र सम्बन्धी मापांक -
1:59 - 2:01दोनों का उड़ान सॉफ्टवेयर बनाया।
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2:01 - 2:05यह कार्य, जिसको उन्होंने
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का नाम दिया, -
2:05 - 2:07बहुत ही ज़्यादा बड़ा दाँव था।
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2:07 - 2:12इन्सानी ज़िन्दगियाँ दाँव पर थीं,
इसलिए हर प्रोग्राम को बिलकुल सटीक होना था। -
2:12 - 2:16मार्गारेट का सॉफ्टवेयर
जल्दी से अप्रत्याशित त्रुटियों को भॉंपने -
2:16 - 2:18और उन्हें तुरन्त ठीक करने में
सक्षम होना चाहिए था। -
2:18 - 2:22परन्तु इस तरह का
अनुकूलनीय प्रोग्राम बनाना मुश्किल था, -
2:22 - 2:26क्योंकि शुरुआती सॉफ्टवेयर केवल पहले से
निर्धारित क्रम में ही काम पूरे कर सकता था। -
2:26 - 2:27इस समस्या को सुलझाने के लिए,
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2:27 - 2:30मार्गरेट ने अपने प्रोग्राम को
"अतुल्यकालिक" बनाया, -
2:30 - 2:36अर्थात्, सॉफ्टवेयर के ज़्यादा ज़रूरी कार्य
कम ज़रूरी कार्यों को बाधित कर सकते थे। -
2:36 - 2:39उनका दल हर कार्य की
एक अद्वितीय प्राथमिकता निर्धारित करता था -
2:39 - 2:42जिससे हर कार्य सही क्रम में
और सही समय पर घटित हो -
2:42 - 2:46अप्रत्याशित घटनाओं के बावजूद।
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2:46 - 2:47इस आविष्कार के बाद
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2:47 - 2:50मार्गरेट को एहसास हुआ कि उनका सॉफ्टवेयर
अन्तरिक्ष यात्रियों को -
2:50 - 2:53अतुल्यकालिक वातावरण में
काम करने में भी सहायक हो सकता था। -
2:53 - 2:57उन्होंने प्राथमिकता प्रदर्शनों की रचना की
जो अन्तरिक्ष यात्री को आपात स्थितियों की -
2:57 - 3:00चेतावनी देने हेतु
नियमित निर्धारित कार्य बाधित कर सकते थे। -
3:00 - 3:02उसके बाद अन्तरिक्ष यात्री
योजना नियंत्रण केंद्र से संवाद कर -
3:02 - 3:05सबसे बेहतर उपाय निर्धारित कर सकता था।
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3:05 - 3:09इससे पहली बार उड़ान का सॉफ्टवेयर
एक पायलट से -
3:09 - 3:12सीधे तथा अतुल्यकालिक रूप में
संवाद कर सकता था। -
3:12 - 3:14यही वह असफलता से बचाने वाले प्रोग्राम थे
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3:14 - 3:17जिन्होंने चँद्रमा पर उतरने से ठीक पहले
चेतावनियों की बत्तियाँ जला दीं। -
3:17 - 3:19बज़ ऑल्ड्रिन को जल्द ही
अपनी गलती का एहसास हुआ - -
3:19 - 3:23उन्होंने अनजाने में
मिलन राडार स्विच दबा दिया था। -
3:23 - 3:25यह राडार उनकी घर वापसी की यात्रा में
आवश्यक होना था, -
3:25 - 3:29परन्तु यहाँ वह उनके महत्वपूर्ण
कम्प्यूटेशनल संसाधनों का प्रयोग कर रहा था। -
3:29 - 3:34भाग्यवश, अपोलो गाइडेंस कम्प्यूटर
इसे सँभालने के लिए पूर्णतः लैस था। -
3:34 - 3:38इस अधिभार के दौरान, सॉफ्टवेयर के
पुनर्प्रारंभ करने वाले प्रोग्रामों ने -
3:38 - 3:40केवल सर्वोच्च प्राथमिकता वाले
कार्यों को ही पूरा होने दिया-- -
3:40 - 3:43जिसमें विमान को उतारने के लिए
ज़रूरी प्रोग्राम भी शामिल थे। -
3:43 - 3:46प्राथमिकता प्रदर्शनों ने
अन्तरिक्ष यात्रियों को -
3:46 - 3:49उतरने और न उतरने के विकल्प दिए।
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3:49 - 3:53नियंत्रण केंद्र ने समय के
कुछ ही क्षण रहते आदेश दे दिया। -
3:53 - 3:57अपोलो 11 का उतरना, अन्तरिक्ष यात्रियों,
नियंत्रण केंद्र, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, -
3:57 - 4:02सबके एक साथ प्रणालियों की एक
एकीकृत प्रणाली की तरह कार्य करने जैसा था। -
4:02 - 4:07हैमिलटन का योगदान उन इंजीनियरों और
वैज्ञानिकों के कार्य के लिए अनिवार्य था -
4:07 - 4:11जो राष्ट्रपति जॉन फि. केनेडी के चँद्रमा तक
पहुँचने के लक्ष्य से प्रेरित थे। -
4:11 - 4:14और उनका जीवन बचाने वाला यह कार्य
अपोलो 11 के भी कहीं आगे तक गया-- -
4:14 - 4:18अपोलो के किसी भी
कर्मी दल सहित जाने वाले मिशन में -
4:18 - 4:20इस उड़ान सॉफ्टवेयर में
कभी कोई दोष नहीं पाया गया। -
4:20 - 4:22अपोलो पर उनके काम के बाद,
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4:22 - 4:26हैमिलटन ने एक कम्पनी बनाई जो अपनी अद्वितीय
सार्वत्रिक प्रणाली भाषा का प्रयोग कर -
4:26 - 4:29प्रणालियों और सॉफ्टवेयर का
अविष्कार करती है। -
4:29 - 4:342003 में NASA ने उनकी उपलब्धियों को
किसी भी व्यक्ति को दिए गए -
4:34 - 4:37सबसे बड़े वित्तीय पुरस्कार से नवाज़ा।
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4:37 - 4:39और उनके सॉफ्टवेयर के
अन्तरिक्ष यात्रियों को -
4:39 - 4:42पहली बार चँन्द्रमा पर मार्गदर्शन करने के
47 वर्षों बाद -
4:42 - 4:45हैमिलटन को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में
हमारी सोच में बदलाव लाने के लिए -
4:45 - 4:48राष्ट्रपति पद के स्वतन्त्रता पदक से
पुरुस्कृत किया गया।
- Title:
- वह सॉफ्टवेयर जिसने मनुष्य को चँद्रमा तक पहुँचाया - मैट पोर्टर तथा मार्गरेट हैमिलटन
- Speaker:
- मैट पोर्टर तथा मार्गरेट हैमिलटन
- Description:
-
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पूरा पाठ पढ़ें: https://ed.ted.com/lessons/the-software-that-sent-humans-to-the-moon-matt-porter-and-margaret-hamilton
अपोलो 11 का उतरना, अन्तरिक्ष यात्रियों, नियंत्रण केंद्र, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, सबके एक साथ एक सहज एकीकृत प्रणाली की तरह कार्य करने जैसा था। और यह कुछ भी एक इंजीनियर के योगदान के बिना हासिल न हो पाता: मार्गरेट हैमिलटन। यह प्रथम अन्वेषक कौन थीं? मैट पोर्टर तथा मार्गरेट हैमिलटन विस्तृत करते हैं कि कैसे एक नारी व उनके दल ने उस सॉफ्टवेयर की रचना की जिसने मनुष्य को चँद्रमा तक पहुँचाया।
पाठ मैट पोर्टर तथा मार्गरेट हैमिलटन द्वारा, TOTEM स्टूडियो द्वारा निर्देशित।
- Video Language:
- English
- Team:
closed TED
- Project:
- TED-Ed
- Duration:
- 04:49
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Abhinav Garule approved Hindi subtitles for NASA's first software engineer: Margaret Hamilton | |
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Arvind Patil accepted Hindi subtitles for NASA's first software engineer: Margaret Hamilton | |
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Arvind Patil edited Hindi subtitles for NASA's first software engineer: Margaret Hamilton | |
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Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for NASA's first software engineer: Margaret Hamilton | |
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Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for NASA's first software engineer: Margaret Hamilton | |
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Adisha Aggarwal edited Hindi subtitles for NASA's first software engineer: Margaret Hamilton |


