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दुनिया कैसी दिखेगी
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यदि चरम जलवायु परिवर्तन
वास्तविकता बन जाता है?
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खैर, एक उदाहरण पर ज़रा गौर फ़रमाएँ।
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यदि तापमान में तीन और डिग्री
सेल्सियस की वृद्धि हुई,
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तो शंघाई, चीन में 2
करोड़ 40 लाख लोगों का शहर
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नक्शे से मिट जाएगा।
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और केवल यह एक अकेला तटीय शहर नहीं,
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जिसको समुद्र के बढ़ते स्तर के नीचे
गायब होने का खतरा है।
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विश्व स्तर पर 2019 को
दूसरा सबसे गर्म वर्ष दर्ज किया गया।
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दुनिया भर के शहरों ने,
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गर्मियों में अधिकतम तापमान महसूस किये।
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जून, 2019 में, चूरू, भारत में तापमान
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120 डिग्री फ़ारेनहाइट से अधिक हो गया,
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इतना कि सरकार ने नागरिकों को
चेतावनी दे डाली
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कि कॉफी, चाय, और शराब पीने से बचें
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ज़रूरत से ज़्यादा गरम होने के डर से।
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ग्रीष्म लहर और तीव्र
और सामान्य होती जा रही है
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जलवायु परिवर्तन के कारण।
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उसी दर से मौतें होने का अनुमान है
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जो सभी संक्रामक रोगों का एक साथ होता है।
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यह नक्शा, तीव्रता में होने वाली वृद्धि
और गर्मी की लहरों की
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व्यापकता को दर्शाता है
यदि दुनिया एक मध्यम गरमाने के
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परिदृश्य का अनुसरण करती है।
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2050 तक, गर्मियों में तापमान
95 डिग्री फ़ारेनहाइट उच्च स्तर,
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या 35 डिग्री सेल्सियस,
आमतौर पर बना रह सकता है,
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लगभग 1000 शहरों में
जो शहरों की उस संख्या से तिगुना है
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जहाँ वर्तमान में तपते
तापमान का अनुभव किया जाता है।
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लेकिन विडंबना यह है कि शहर
सिर्फ़ जलवायु परिवर्तन से प्रभावित ही नहीं
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बल्कि उसका कारण भी बन रहे हैं।
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शहर लगभग 60 से 80%
वैश्विक ऊर्जा संसाधनों उपभोग करते हैं
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और लगभग 70% हिस्सा है
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वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का।
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जैसा कि हम इस नक्शे में देख सकते हैं,
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हल्का नीला और पीला भाग
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उन क्षेत्रों को दर्शाता है
जहाँ उच्चतम
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जीवाश्म ईंधन पर आधारित कार्बन
डाइऑक्साइड उत्सर्जन है,
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और प्रमुख शहरी केंद्रों को भी।
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शहरों की ऊर्जा खपत के अलावा,
बढ़ते शहरी क्षेत्र,
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ग्रह की हरित सतहों को
परिवर्तित कर रहे हैं
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इमारतों और रास्तों में,
और यह सूर्य की ऊर्जा को
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उन प्राकृतिक घास के मैदानों
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और जंगलों की तुलना में
अधिक सोख सकते हैं
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जिनकी जगह वह बनाये गए हैं
जिससे शहरी क्षेत्र
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अपने आसपास के वातावरण की
तुलना में अधिक गर्म हो जाते हैं।
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इस प्रतिभास को
शहरी ताप द्वीप प्रभाव कहा जाता है।
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यहाँ सिंगापुर में,
शहर के केन्द्र के क्षेत्र
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सात डिग्री सेल्सियस
या 13 डिग्री फ़ारेनहाइट
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जितना ज़्यादा गरम हो सकते हैं,
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उन वर्षा वनों की तुलना में
जो कभी यहाँ थे।
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जहाँ यह सच है कि शहर
जलवायु परिवर्तन में
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योगदान देते हैं,
वहीं कम कार्बन उत्सर्जन पथों को बनाने के
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प्रमुख कर्ताधर्ता भी वह ही हैं।
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उदाहरण के लिए,
न्यू यॉर्क और टोक्यो जैसे घने शहरों में,
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एक आम निवासी
प्रति व्यक्ति दो टन से भी अधिक
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कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का
ज़िम्मेदार है।
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यह अमेरिका में
एक यात्री गाड़ी के
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एक पूरे वर्ष जितने उत्सर्जन से भी कम है।
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दुनिया भर के शहर कदम बढ़ा रहे हैं
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ऐसी महत्वाकांक्षी नीतियों के ज़रिए
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए
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जो अकसर राष्ट्रीय सरकारों की
आवश्यकता कहीं ज़्यादा है।
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उदाहरण के लिए
कोपेनहेगन को ही लें,
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यह 2025 तक कार्बन विरक्त
बनने के लिए प्रतिबद्ध है
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और स्कॉटलैंड में ग्लासगो की भी योजना है
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2030 तक कार्बन विरक्त बनना।
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आज, दुनिया भर में,
10,000 से अधिक शहर हैं
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जो अपने स्वयं के महत्वाकांक्षी
जलवायु कार्यों के लिए,
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प्रतिबद्ध हो रहे हैं
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ऐसी योजनाएँ जिनमें
उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य शामिल हैं,
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स्वच्छ ऊर्जा और स्थायी पारगमन परियोजनाएं,
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और ऊर्जा दक्षता नीतियां भी,
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जो लोगों और शहरों,
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पैसा, ऊर्जा और उत्सर्जन को
बचा सकती हैं।
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हाल के विश्लेषण से पता चलता
है कि सिर्फ़ 6,000 शहर हैं
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जो क्षेत्रों और कंपनियों
के साथ संयुक्त रूप से,
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ऐसे जलवायु पहल आरंभ कर रहे हैं
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जो वैश्विक उत्सर्जन को
2030 तक दो गीगाटन
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कार्बन डाइऑक्साइड जितना तक
कम कर सकते हैं।
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यह दुनिया के वार्षिक उत्सर्जन का
लगभग 4% है
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राष्ट्रीय सरकारों के संकल्प के ऊपर।
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और यह सिर्फ शुरुआत है,
कल्पना कीजिए कि क्या हो सकता है
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अगर 20,000 शहर एक साथ जुड़ जाएँ
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जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने के लिए।
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जबकि शहर की जलवायु
कार्रवाई के लिए यह क्षमता
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वाकई आशाजनक है, शहरों को यह
सुनिश्चित करने को काम करना चाहिए
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कि इन नीतियों को निष्पक्ष और
समान रूप से लागू किया जाएगा।
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आप शहर में कहाँ रहते हैं,
आपकी आय, आपकी जाति,
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शोध बताता है कि यह कारक
निर्धारित कर सकते हैं
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पर्यावरणीय लाभों तक आपकी पहुँच
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जैसे हरित स्थान और टिकाऊ पारगमन,
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और वह आपकी भागीदारी का
निर्धारण भी कर सकते हैं
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पर्यावरणीय बोझ जैसे वायु प्रदूषण
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और जलवायु परिवर्तन में।
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हम इन पड़ोस-स्तर की असमानताओं
का निरीक्षण करते हैं,
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ख़ासतौर से स्पष्ट रूप से,
लॉस एंजिल्स की साथ साथ छवियों में
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बाईं ओर की आय की तुलना,
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दाईं ओर में पेड़ों से ढकाव से।
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सबसे गहरे हरे रंग के
पड़ोस की औसत वार्षिक आय है
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सौ हजार अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति।
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और इसका 70% से अधिक
पेड़ों से ढका है।
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नक्शे के नीचे की ओर
नीले अड़ोस-पड़ोस की
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प्रति व्यक्ति आय केवल एक तिहाई है
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और 5% से भी कम पेड़ों से ढका है
70% बनाम पाँच।
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इस असमानता के वास्तविक परिणाम हैं।
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हरित स्थल अकसर सार्वजनिक स्थान होते हैं,
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और वह सामाजिक
और आर्थिक कल्याण के साथ
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संबद्ध होने के लिए जाने जाते हैं।
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वह अपराध कम कर सकते हैं और
सामाजिक सामंजस्य बढ़ा भी सकते हैं।
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पेड़ हानिकारक वायु प्रदूषण
छानकर शुद्ध करने में भी मदद करते हैं
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और वाष्पीकरणीय शीतलन
और छाया प्रदान करते हैं
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और उच्च तापमान में कुछ राहत पहुँचाते हैं।
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तो न केवल वह गरीब क्षेत्र
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हरित स्थल पर पहुँच ना होने से
प्रतिकूल परिस्थिति झेलते हैं,
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बल्कि वह वायु प्रदूषण
और जलवायु परिवर्तन की
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चपेट में भी ज़्यादा आते हैं ।
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हम विशेष रूप से स्पष्ट
असमानताओं की समीक्षा कर सकते हैं
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शहरी गर्मी की।
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हमारे नवीनतम शोध से पता चलता है कि 97%
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प्रमुख शहरी क्षेत्र
संयुक्त राज्य अमेरिका के,
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अश्वेत आबादी और रंग के
अनुसार लोगों पर असर दिखता है,
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पूरे डिग्री सेल्सियस की अधिक शहरी गर्मी का
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उनके गोरे समकक्षों की तुलना में।
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मेरे गृहनगर के इस नक्शे पर एक नज़र डालें
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ग्रीनविले, साउथ कैरोलिना, नाम के विपरीत
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यह हरेक के लिए हरा नहीं है।
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काउंटी के सबसे गर्म क्षेत्र
नक्शे पर लाल रंग में दिखाए हैं
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जहाँ उच्चतम प्रतिशत है
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अश्वेत और ग़रीब आबादी का।
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और हम सभी शहरों में
समान पैटर्न देख रहे हैं,
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पूरे अमेरिका में।
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इन असमानताओं को दूर करने के लिए,
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शहर योजनाएं बनाना और विकसित
करना शुरू कर रहे हैं,
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यह सुनिश्चित कर सकता है जलवायु लाभ
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सभी नागरिकों को समान रूप से उपलब्ध हो।
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उदाहरण के लिए कोलंबिया
की राजधानी बोगोटा को लें,
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यह सबसे व्यापक बाइक नेटवर्क में से एक है
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पूरे लैटिन अमेरिका में,
लोगों को नौकरियों से जोड़ना,
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शिक्षा केंद्र, और मनोरंजक
अवसर उपलब्ध कराना।
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नई बाइक राजमार्ग परियोजना
से अनुमति मिलती है
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लगभग 42,000 दैनिक साइकिल
यात्राओं की, और संभावित रूप से
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बचाव होता है 270,000 टन
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से।
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अफ़्रीका में, जहाँ कई शहर हैं
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जहाँ बिजली की सार्वभौमिक कमी है,
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कई ग्रिड लगभग 730 लाख
घरों को प्रदान कर रहे हैं
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स्वच्छ बिजली।
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तो जैसा कि हम इन उदाहरणों से देख सकते हैं,
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जलवायु परिवर्तन से निपटने के
लिए शहरों में शुरुआत करनी होगी।
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कई शहर कुछ क्रांतिकारी काम करने भी लगे हैं
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जलवायु परिवर्तन पर, जो समाधान
का हिस्सा साबित हो रहा है
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ना कि समस्या का ।
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और उस तरह के अभिनव
समाधान लाना जो हमें चाहिए
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अधिक न्यायपूर्ण और स्थायी
दुनिया के लिए, धन्यवाद।