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अलेक्सिस ऒहानियां: सोशल मीडिया में बोलबाला कैसे करें

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    तो, अब, बहुत से वेब २.० सलाहकार हैं जो बहुत पैसा बनाते हैं.
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    बल्कि वे इन तरह की चीज़ों से अपनी जीविका चलाते हैं.
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    मैं कोशिश करूंगा आपका समय और पैसा बचाने की
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    और अगले तीन मिनट में इसके बारे में बताऊंगा, तो कृप्या धैर्य रखिए.
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    मैंने २००५ में कुछ दोस्तॊं के साथ एक वेब्साइट शुरू करी थी,
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    रेडिट.कौम.
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    जिसे आप सामाजिक ख़बरों की वेब्साइट कह सकते हैं.
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    इसका मतलब सिर्फ़ इतना है कि जनतांत्रिक मुख्य पृष्ठ
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    वेब पर सब से अच्छी चीज़ है. आपको कुछ रोचक सामग्री मिलती है,
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    जैसे कोई टेड(TED) वार्ता,
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    उसे रेडिट पे डाल दें, और आपके साथियों का समुदाय
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    उसे पसंद करेगा तो उसे वोट कर के या तो ऊपर उठा देंगे या फिर नीचे गिरा देंगे.
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    और एसे मुख्य पृष्ट बनता है. वह हमेशा चढ़ता, गिरता रहता है, बदलता रहता है.
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    5 लाख लोग इसे रोज़ देखते हैं. लेकिन यह रेडिट के बारे में नहीं है.
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    यह है उन नई चीज़ों को ढूंढने के बारे में जो वेब पर उभरती रहती हैं.
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    क्योंकि पिछ्ले चार सालों में हमने हर तरह की धारणाएं देखी हैं,
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    हर प्रकार के रुझान हमारे मुख्य पृष्ट पर ही पैदा होते हैं.
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    लेकिन यह स्वयं रेडिट के बारे में भी नहीं है.
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    असल में यह कुबड़ा व्हेल मछ्ली के बारे में है.
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    अच्छा, ठीक है, तकनीकी तौर पे दरअसल ग्रीनपीस के बारे में ह,
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    यह पर्यावर्ण से जुड़ी संस्था है जो कि
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    जापानी सरकार को व्हेल के शिकार करने से रोकना चाहती थी.
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    ये व्हेल मारी जा रहीं थीं.
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    वो इसे रोकना चाहते थे. और एक तरीका जिसके ज़रिए वे एसा करना चाह्ते थे
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    था कि इन में से एक व्हेल के अन्दर नज़र रखने वाला चिप डालि जाये.
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    लेकिन इस आन्दॊलन को एक मानवी चेहरा देने के लिए, वे इसे नाम देना चाहते थे.
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    तो, असली वेब के विधान में उन्होंने एक सर्वेक्षण तैयार किया
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    जिसमें उनके पास बहुत विचारपूर्ण, सुलझे हुए नाम का झुंड था.
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    मेरे ख्याल से यह फ़ारसी में ’अमर’ है.
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    मेरे ख्याल से इसमा मतलब ’समुद्र की दैवीय शक्ति’ है
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    एक पोलिनेशियाई भाषा में.
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    और फ़िर ये था: "मिस्टर स्पलैशी पैंन्ट्स".
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    (ठहाके)
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    और ये, ये खास था. मिस्टर पैन्ट्स, या दोस्तॊं के लिए स्पलैशी,
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    इन्टरनेट पे काफ़ी लोकप्रिय था.
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    बल्कि, रेडिट पे किसी नें सोचा,
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    "ऒह, कितनी अच्छी चीज़ है, हमे इसके लिए वोट करना चाहिए."
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    और, पता है, रेडिट वालों ने प्रतिक्रियये दी और सब सहमत थे.
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    तो मतदान शुरू हुआ, और हम खुद भी इसके पीछे लग गये.
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    हमनें अपना पहचान चिन्ह, उस दिन के लिए, बाहरी ग्र्ह के वासी से बदल के
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    स्पलैशी कर दिया, मदद करने के लिए.
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    और कुछ ही देर में दूसरी वेबसाइट जैसे फ़ार्क
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    तथा बोइन्ग बोइन्ग और बाकी इन्टरनेट कहने लगा,
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    "हां! हमें स्पलॆशी पैंट्स बहुत पसंद है."
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    तो, यह तकरीबन पांच प्रतिशत से, जब यह शुरु हुआ था,
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    वोटिंग खत्म होने तक ७० प्रतिशत तक पहुंच गया.
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    जो कि काफ़ी प्रभावशाली है, है ना? हम जीत गये! मिस्टर स्पलैशी पैन्ट्स
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    चुन लिया गया. हमम, मजाक कर रहा हूं. ठीक है.
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    तो, ग्रीनपीस दरअसल इसके बारे मे इत्न दीवना नही था,
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    क्योंकि वे चाहते थे कि उनका कोई गम्भीर नाम जीते.
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    तो उन्होंने कहा, "नहीं नहीं, मज़ाक कर रहे थे. हम एक और हफ़्ते के लिए वोटिंग होने देंगे."
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    हमें इस बात से थोडा गुस्सा आया.
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    तो, हमने उसे लडाकू स्पलैशी में बदल दिया.
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    और रेडिट समुदाय, सच में,
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    और बल्कि सारा इन्टरनेट, सच में इस के पीछे हो गया.
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    फ़ेस्बुक ग्रुप बनाए जा रहे थे. फ़ेस्बुक एप्प्लीकेशन बनाई जा रही थीं.
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    विचार यह था कि, "अपने विवेक से वोट करें," मिस्टर स्पलैशी पैंन्ट्स के लिए वोट करें.
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    और वास्तविक दुनिया में लोग चिन्ह लगा रहे थे -
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    (ठहाके) - इस व्हेल के बारे में.
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    और अंतिम परिणाम यह था. जब सब साफ़ हुआ ...
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    ७८ प्रतिशत वोट, और भारी जीत का अंदाज़ा लगाने के लिए,
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    अगले नाम को तीन प्रतिशत ही मिले. ठीक है?
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    तो यहां पर एक साफ़ सबक था.
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    और वो ये था कि इन्टरनेट को मिस्टर स्प्लैशी पैंन्ट्स से प्यार है.
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    जो कि जाहिर है. यह बहुत अच्छा नाम है.
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    सब समाचार वक्ता को "मिस्टर स्प्लैशी पैंन्ट्स" कहते सुनना चाहते हैं.
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    और मेरे विचार से इसने इसे चलाने में मदद की.
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    लेकिन सही बात यह थी कि ग्रीनपीस के लिए परिणाम यह हुआ
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    कि उन्होंने इसके इर्द गिर्द एक पूरा विपणन अभियान बना दिया.
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    वो मिस्टर स्प्लैशी पैंन्ट्स की कमीज़ और बैज बेचते हैं.
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    यहां तक कि उन्होंने एक ई-कार्ड भी तैयार किया जिस से आप अपने दोस्त को नाचता हुआ स्प्लैशी भेज सकते थे.
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    पर और भी ज्यादा जरूरी बात यह थी कि वे वास्तव
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    में अपने मिशन में कामयाब हो गये. जापानी सरकार नें
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    अपना व्हेल के शिकार का अभियान रद्द कर दिया. मिशन कामयाब.
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    ग्रीन पीस अति प्रसन्न थी. व्हेल खुश थीं. यह एक कथन है.
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    और असल में, इन्टरनेट समुदाय में रेडिट वाले
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    भाग लेकर खुश थे, लेकिन वो व्हेल प्रेमी नहीं थे.
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    और उन में से कुछ निश्चित ही थे. लेकिन हम बहुत सारे लोगों की बात कर रहे हैं
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    जो असल में सिर्फ़ रुचि दिखा रहे थे और इस महान आंदोलन में भाग लिया
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    बल्कि ग्रीन पीस से किसी ने साइट पे वापस आकर
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    रेडिट को भाग लेने के लिए धन्यवाद किया.
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    लेकिन यह परोपकारिता के कारण नहीं था.यह कुछ मज़ेदार करने की रुचि के कारण था.
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    और यही तरीका है जिससे इन्टरनेट काम करता है.
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    यह वो बडा रहस्य है. क्योंकि इन्टरनेट एक समतल कार्य स्थल है.
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    आपका लिंक आपके लिंक जितना ही अच्छा है,
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    जोकि मेरे लिंक जितना ही अच्छा है. जब तक हमारे पास ब्राउज़र है,
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    कोई भी किसी वेबसाइट पे जा सकता है चाहे आपका बजट कितना भी बडा क्यों न हो.
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    ये तब तक है जब तक आप तटस्थता को बनाए रखते हैं.
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    दूसरी ज़रूरी बात ये है कि अब उस सामग्री को ओन्लाइन लाने में कुछ पैसे नहीं लगते.
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    बहुत से अच्छे प्रकाशन उपकर्ण उपल्ब्ध हैं,
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    अब कुछ तैयार करने में केवल आपका कुछ समय लगता है.
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    और सब बार बार करने की कीमत इतनी कम है कि आप को लगता है कि कर के देख ही लिया जाए.
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    और अगर आप करते हैं, तो इसके बारे में सच्चे रहें. इमानदार रहें. साफ़ बात करें.
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    सबसे बडा सबक जो ग्रीनपीस नें वास्तव में सीखा
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    वो था कि नियंत्रण खो देना बुरी बात नहीं है.
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    अपने आप को कुछ कम गंभीरता से लेना ठीक है,
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    ये देखते हुए कि, बशर्ते यह एक गंभीर मुद्दा है,
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    आप अंत में अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सके.
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    और यही अंतिम संदेश मैं आप सब के साथ बांटना चाहता हूं -
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    कि आप ओनलाइन अछा काम कर सकते हैं.
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    लेकिन अब संदेश सिर्फ़ उपर से नीचे की ओर नहीं आते.
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    अगर आप सफ़लता चाहते हैं तो आप को नियंत्रण छोडने के लिए तैयार होना होगा.
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    धन्यवाद.
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    (तालियां)
Title:
अलेक्सिस ऒहानियां: सोशल मीडिया में बोलबाला कैसे करें
Speaker:
Alexis Ohanian
Description:

एक मज़ाकिया, तेज़-तरार ४ मिनट, अलेक्सिस ऒहानियां जो कि रेडिट से हैं, एक सच्चि कहानी सुना रहे हैं जिसमें एक व्हेल मछ्ली वेब(इंटरनेट) का सितारा बन गयी. श्रिमान स्पलैशी पैन्ट्स का सबक फ़ेसबुक के युग में धारणा निर्माताऔं और विक्रेताओं के लिए आदर्श है.

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
04:06
Rohit Agarwal added a translation

Hindi subtitles

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