-
नमस्कार।
-
मैं एक फ़िल्म स्टार हूँ,
मैं 51 वर्ष का हूँ,
-
और मैंने अभी तक
बोटोक्स इस्तेमाल नहीं किया है।
-
(हँसी)
-
मैं शालीन हूँ, पर जैसा फ़िल्मों में देखा
होगा मैं 21 वर्षीय जैसा व्यवहार करता हूँ।
-
हाँ, मैं वह सब करता हूँ।
-
मैं सपने बेचता हूँ और
भारत के करोड़ों लोगों में प्रेम बाँटता हूँ
-
जो मानते हैं
कि मैं सँसार का सबसे बेहतर प्रेमी हूँ।
-
(हँसी)
-
अगर आप किसी से कहेंगे नहीं,
तो आपको बता दूँ कि मैं ऐसा नहीं हूँ,
-
पर मैं इस मान्यता ऐसे ही रहने देता हूँ।
-
(हँसी)
-
मुझे यह भी समझाया गया है
-
कि आपमें से बहुत लोग ऐसे हैं
जिन्होंने मेरा काम नहीं देखा है,
-
और मुझे आपके लिए सच में खेद है।
-
(हँसी)
-
(तालियाँ)
-
पर इसका मतलब यह नहीं है
कि मैं अपनी धुन में मस्त नहीं रहता,
-
जैसा एक फ़िल्म स्टार को होना चाहिए।
-
(हँसी)
-
ऐसे समय में मेरे दोस्तों, क्रिस और जुलियेट
-
ने भविष्य के "आप" के बारे
में बात करने मुझे यहाँ बुलाया।
-
स्वाभाविक है, मैं वर्तमान
के "स्वयं" के बारे में बात करूँगा।
-
(हँसी)
-
क्योंकि सच में मैं यह मानता हूँ
कि मानवता मेरे ही जैसी है।
-
(हँसी)
-
हाँ, ऐसा ही है।
-
वह एक बूढ़े हो रहे
फ़िल्म स्टार की तरह है,
-
अपने आस-पास की नवीनता से जूझती हुई,
-
सोचती हुई कि उसने पहली बार
में सही किया या नहीं,
-
और अभी भी रास्ता ढूँढती हुई
-
इस सबके बावजूद, चमकते रहने के लिए।
-
मैं भारत की राजधानी, नई दिल्ली
की एक शरणार्थी बस्ती में पैदा हुआ।
-
और मेरे पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे।
-
मेरी माँ भी,
हर माँ की तरह एक लड़ाकू थीं।
-
और मौलिक मानव जाति की तरह,
-
हम जीने के लिए संघर्ष करते थे।
-
जब मेरी उम्र 20 के आस-पास थी,
-
मैंने अपने माता-पिता को खो दिया,
-
जो मुझे मानना होगा
अब कुछ हद तक मेरी लापरवाही लगती है,
-
परंतु...
-
(हँसी)
-
मुझे याद है वह रात
जब मेरे पिता की मृत्यु हुई,
-
और मुझे याद है वह पड़ोसी का ड्राइवर
जो हमें अस्पताल लेकर जा रहा था।
-
उसने कुछ बड़बड़ाया
"मरे हुए लोग टिप भी अच्छी नहीं देते"
-
और अँधेरे में चला गया।
-
और मैं तब सिर्फ़ 14 का था,
-
और मैंने अपने पिता के मृत शरीर
को कार की पिछली सीट में रखा,
-
और मेरी माँ मेरे साथ बैठीं,
-
मैंने अस्पताल से घर की ओर
चलाना शुरू कर दिया।
-
और माँ ने सुबकते हुए मेरी ओर देखकर कहा,
-
"बेटा, तुमने गाड़ी चलाना कब सीखा?"
-
और मैंने उस बारे में सोचा और एहसास हुआ,
और माँ से कहा,
-
"बस अभी, माँ।"
-
(हँसी)
-
तो उस रात के बाद से,
-
मानवता की किशोरावस्था की तरह,
-
मैने जीने के रूखे तरीके सीख लिए।
-
और सच कहूँ तो,
उस समय जीने का अंदाज़ बहुत ही साधारण था।
-
जानते हैं, आपको जो मिलता था वह खा लेते थे
-
और जो कहा जाता था वह कर देते थे।
-
मैं सिलिएक को एक सब्ज़ी समझता था,
-
और वीगन, तो अवश्य ही स्टार ट्रेक
के मि. स्पॉक का बिछड़ा हुआ यार था।
-
(हँसी)
-
तुम शादी उस लड़की से करते थे
जिससे पहली बार मिलते थे,
-
और तुम टैकी थे अगर अपनी कार के कॉर्बुरेटर
को ठीक कर सकते थे।
-
मैं सच में सोचता था
कि गे खुश के लिए एक गूढ़ शब्द है।
-
और लेस्बियन तो अवश्य ही पुर्तगाल की
राजधानी थी, जैसा आप सब जानते हैं।
-
(हँसी)
-
मैं कहाँ था?
-
हम उन प्रणालियों पर निर्भर थे
-
जो हमारी रक्षा के लिए पुश्तों
-
ने मेहनत और त्याग से बनाई थीं,
-
और हम सोचते थे
कि सरकारें हमारे भले के लिए काम करती हैं।
-
विज्ञान सरल और तार्किक था,
-
एपल तब भी एक फल ही था
-
जो ईव के बाद न्यूटन का था,
-
तब तक स्टीव जॉब्स का नहीं हुआ था।
-
और तुम यूरेका चिल्लाते थे
-
जब गलियों में नंगे भागना चाहते थे।
-
काम के लिए ज़िंदगी जहाँ ले जाती,
वहाँ चले जाते थे,
-
और लोग तुम्हारा स्वागत करते थे।
-
तब प्रवासन एक शब्द था
-
साइबेरिया की ट्रेनों के संदर्भं
में कहते थे, मनुष्यों के लिए नहीं।
-
सबसे अहम, तुम वह थे जो तुम थे
-
और वही बोलते थे जो सोचते थे।
-
फिर मेरे 20 के बाद के वर्षों में,
-
मैं विशाल महानगर मुंबई चला गया,
-
मेरा सोचने-विचारने का तरीका,
-
एक नई औद्योगिकृत आकांक्षाओं
से भरी हुई मानवता,
-
की तरह परिवर्तित होने लगा।
-
अधिक आलंकृत जीवन की शहरी रफ्तार में,
-
चीज़ें कुछ अलग सी दिखने लगीं।
-
मैं सँसार भर से आए लोगों से मिला,
-
चेहरे, जातियाँ, लिंगों, साहूकारों से।
-
परिभाषाएँ बदलने लगीं।
-
उस वक्त काम आपको परिभाषित करने लगा
-
एक बहुत ही समान तरीके से,
-
और सभी प्रणालियाँ
मुझे विश्वास खोते हुए दिखाई देने लगीं,
-
मानवता की भिन्नता
-
और मनुष्य की आगे बढ़ने
और विकसित होने की ज़रूरत के लिए
-
उनका सहारा लेना मुश्किल होने लगा।
-
विचाार अधिक आज़ादी और गति से बहने लगे।
-
और मैंने मानव के नवप्रवर्तन
और सहयोग के चमत्कार को अनुभव किया,
-
और मेरी स्वयं की सृजनात्मकता,
-
ने इस सामूहिक प्रयास की
कुशलता की सहायता से
-
मुझे सर्वश्रेष्ठ सितारा बना दिया।
-
मुझे महसूस होने लगा
कि मैं मंज़िल पर पहुँच गया हूँ,
-
और सामान्यत: 40 तक पहुँचते हुए,
मैं बस सातवें आसमान पर था।
-
मेरा प्रभाव सब जगह था।
-
जानते हैं मैं तब तक 50 फ़िल्में कर चुका था
-
और 200 गाने,
-
और मुझे मलेशिया के लोगों
द्वारा सम्मानित किया गया।
-
फ़ाँस की सरकार
ने मुझे उनका सर्वोच नागरिक सम्मान दिया,
-
जिसका शीर्षक मैं आज तक
सही से बोल नहीं सकता हूँ।
-
(हँसी)
-
इसके लिए माफ़ी चाहता हूँ, फ़ाँस,
और मुझे वह देने के लिए शुक्रिया, फ़ाँस।
-
पर उससे भी ज़्यादा,
मुझे एंजेलीना जोली को मिलने का मौका मिला..
-
(हँसी)
-
ढाई सेकंड के लिए।
-
(हँसी)
-
और मुझे विश्वास है
उन्हें भी वह मुलाकात कहीं याद होगी।
-
ठीक है, शायद नहीं होगी।
-
और मैं खाने की गोल मेज़
पर हाना मोंटाना के साथ बैठा था
-
जब अधिकतर समय उसकी पीठ मेरी तरफ़ थी।
-
जैसा मैंने कहा,
मैं माइली से जोली की तरफ़ उड़ रहा था,
-
और मानवता मेरे साथ उड़ रही थी।
-
हम दोनों काफ़ी हद तक हर जगह उड़ रहे थे।
-
और फिर आप जानते हैं क्या हुआ।
-
इंटरनेट शुरू हो गया।
-
मैं अपने 40 वें साल में था,
-
और पिंजरे में बैठे पक्षी की तरह
मैंने ट्वीट करना शुरू कर दिया
-
और यह मानकर कि जो लोग
मेरी दुनिया में ताक-झाँक करते हैं
-
उसकी प्रशंसा करेंगे
-
क्योंकि मैं उसे एक चमत्कार समझता था।
-
पर मेरे और मानवता के लिए
कुछ और ही लिखा था।
-
आप जानते हैं, हम सोचते थे
कि विचारों और सपनों का विस्तार होगा
-
सँसार में बढ़ती हुई क्नेक्टिविटी के साथ।
-
जिस जगह से आज़ादी
और क्रांति का जन्म हो रहा था,
-
हमने वहीं से गाँव की तरह
-
विचारों के, विवेक के, परिभाषा
-
के सिमटने का सौदा नहीं किया था।
-
जो कुछ मैं कहता,
उसका नया अर्थ निकाला जाता।
-
जो भी मैं करता... अच्छा, बुरा, भद्दा...
-
उसपर सारा सँसार अपनी टिप्पणी करता था।
-
असलियत में,
मैं जो कुछ नहीं भी करता या कहता
-
उसका भी वही हश्र हो रहा था।
-
चार साल पहले,
-
मेरी प्यारी बीवी गौरी
और मैंने तीसरे बच्चे का निर्णय लिया।
-
नेट पर दावा किया गया
-
कि वह हमारे पहले बेटे
-
जो 15 साल का था
-
की औलाद था।
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स्पष्ट तौर से, उसने रोमेनिया
में लड़की की कार चलाते हुए
-
ऐसा किया था।
-
और हाँ, इसके साथ एक नकली वीडियो भी था।
-
और इससे सारा परिवार परेशान था।
-
मेरा बेटा, जो अब 19 का है,
-
आप उसे अभी भी "हेलो" बोलो तो,
-
वह बस पलटकर कहता है,
-
"पर भाई, मेरे पास
तो यूरोप का ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था।"
-
(हँसी)
-
हाँ।
-
इस नए सँसार में,
-
धीरे-धीरे, हकीकत काल्पनिकता बन गई
और काल्पनिकता हकीकत,
-
और मुझे एहसास होने लगा
-
जो मैं बनना चाहता था, बन नहीं सकता,
या जो सोचता था, वह बोल नहीं सकता,
-
और इस वक्त मानवता
-
पूरी तरह से मेरी जैसी ही दिखती थी।
-
मेरे विचार में हम दोनों
अधेड़ उम्र के संक्रमण काल से गुज़र रहे थे,
-
और मानवता, मेरी ही तरह,
उद्भासित गायिका बनी जा रही थी।
-
मैंने सबकुछ बेचना शुरू कर दिया,
-
बालों के तेल से लेकर
डीज़ल के जेनरेटरों तक।
-
मानवता सब खरीद रही थी,
-
कच्चे तेल से लेकर
न्यूक्लियर रियेक्टरों तक।
-
जानते हैं, मैंने खुद
को नया परिचय देने के लिए
-
तंग सुपरहीरो सूट पहनने की कोशिश भी की।
-
मुझे मानना पड़ेगा कि बुरी तरह से असफल हुआ।
-
मैं सँसार के सभी बैटमेन, स्पाइडर-मेन
-
और सुपरमेन की तरफ़ से कहना चाहूँगा,
-
आपको उनकी प्रशंसा करनी चाहिए,
-
क्योंकि वह बहुत तंग होता है,
वह सुपरहीरो का सूट।
-
(हँसी)
-
हाँ, मैं सच कह रहा हूँ।
मुझे आपको यहाँ यह बताना होगा।
-
सच में।
-
और इत्तफाक से, मैंने नाचने
की एक नई शैली की भी रचना की
-
जो मुझे पता नहीं चला,
और वह बहुत लोकप्रिय हो गया।
-
तो अगर सही लगे तो,
-
और आप मुझे थोड़ा तो देख ही चुके हैं,
तो मैं बेशर्म तो हूँ, मैं आपको दिखाता हूँ।
-
उसे लूँगी डाँस कहते थे।
-
तो अगर सही लगे, मैं आपको अभी दिखाऊँगा।
मैं वैसे काफ़ी प्रतिभावान हूँ।
-
(चियर्स)
-
तो वह कुछ ऐसे था।
-
लुँगी डाँस। लुँगी डाँस।
लुँगी डाँस। लुँगी डाँस।
-
लुँगी डाँस। लुँगी डाँस।
लुँगी डाँस। लुँगी डाँस।
-
लुँगी डाँस। लुँगी डाँस।
लुँगी डाँस। लुँगी।
-
बस यह ही था। काफ़ी लोकप्रिय हो गया था।
-
(चियर्स)
-
सच में हो गया था।
-
जैसा आपने देखा, मेरे सिवा किसी को
कुछ पता नहीं चल रहा था कि क्या हो रहा है,
-
और मुझे परवाह नहीं, सच में,
-
क्योंकि सारा सँसार, और सारी मानवता,
-
उतनी ही उलझन में और गुमराह थी जितना मैं।
-
मैंने तब भी उम्मीद नहीं छोड़ी।
-
सोशल मीडिया पर मैंने फिर से
अपनी छवि बनाने की कोशिश की
-
जैसा कि सब करते हैं।
-
मैंने सोचा
कि अगर मैं दार्शनिक ट्वीटें डालूँगा
-
लोग सोचेंगे मैं वैसा हूँ,
-
पर उन ट्वीटों के बदले
में जो कुछ जवाब मुझे आए
-
बहुत ही उलझन भरी संक्षिप्तियाँ थीं
जो मैं समझ नहीं पाया। आपको पता है?
-
आरओएफ़एल, एलओएल।
-
किसीने मेरी एक विचारोत्तेजक ट्वीट
पर लिखा "एडीडास"
-
और मैं सोच रहा था
कि जूते का नाम क्यों लिखा होगा,
-
मेरा मतलब आप जूते का नाम लिखकर
मुझे क्यों भेजेंगे?
-
और मैंने अपनी 16-वर्षीय बेटी को पूछा,
और उसने मुझे बताया।
-
"एडीडास" का अब मतलब है
"ऑल डे आई ड्रीम अबाउट सेक्स।"
-
(हँसी)
-
सच में।
-
मुझ नहीं पता अगर आप वह जानते हैं।
-
तो मैंने मि. एडीडास को मोटे अक्षरों
में "वदफ" वापिस लिख दिया,
-
मन ही मन शुक्रिया करते हुए कि कुछ
संक्षिप्तियाँ और चीज़ें कभी बदलेंगी नहीं।
-
वदफ।
-
परंतु हम यहाँ पर हैं।
-
मैं 51 का हूँ, जैसा मैंने आपको बताया,
-
और दिमाग को हिलाने वाली संक्षिप्तियों
पर ध्यान ना देते हुए,
-
मैं बस आपको बताना चाहता हूँ
-
अगर मानवता के अस्तित्व
के लिए कोई महत्वपूर्ण समय है,
-
तो वह अभी है,
-
क्योंकि आज के आप साहसी हो।
-
आज के आप आशावादी हो।
-
आज के आप नवीन और साधन सम्पन्न हो,
-
और अवश्य ही, आज के आप अपरिभाष्य हो।
-
और इस मंत्र-मुग्ध करने वाले,
-
अस्तित्व के अपूर्ण क्षण में,
-
यहाँ आने से पहले
मैं थोड़ा सा साहसी महसूस कर रहा था,
-
मैंने अपने चेहरे पर
एक अच्छी, कड़ी निगाह डालने का निर्णय लिया।
-
और मुझे एहसास हुआ
कि मैं मैडम टुस्साड के मेरे मोम के पुतले
-
जैसा अधिक दिखने लगा हूँ।
-
(हँसी)
-
हाँ, और एहसास के उस पल में,
-
मैंने स्वयं और मानवता
से सबसे केंद्रीय और उपयुक्त सवाल पूछा:
-
मुझे अपने चेहरे को ठीक करने की ज़रूरत है?
-
सच में। मैं एक अभिनेता हूँ,
जैसा मैंने आपको बताया,
-
मानव की सृजनात्मकता
की एक आधुनिक अभिव्यक्ति।
-
मैं जिस देश का वासी हूँ
-
अकथनीय परंतु अत्यंत सरल आध्यात्मिकता
का स्त्रोत है।
-
उसकी असीम उदारता में,
-
भारत ने किसी तरह निर्णय लिया
-
कि मैं, एक स्वतंत्रता सेनानी
का मुस्लिम बेटा
-
जो अनजाने में सपने बेचने
के कारोबार में आ गया,
-
को इसके रोमाँच का राजा बनना चाहिए,
-
बॉलीवुड का बादशाह,
-
देश का सबसे बेहतरीन प्रेमी...
-
इस चेहरे के साथ।
-
हाँ।
-
(हँसी)
-
जिसे बदले में भद्दा, अपरम्परागत,
-
और हैरानी की बात है
इतना चॉक्लेटी नहीं कहा गया है।
-
(हँसी)
-
इस प्राचीन भूमि के लोगों ने
-
अपने असीमित प्रेम से मुझे गले लगाया,
-
और मैंने इन लोगों से सीखा है
-
कि ना सत्ता ना ही गरीबी
-
आपके जीवन को अधिक शानदार
-
या कम जटिल बना सकते हैं।
-
मैंने अपने देश के वासियों से सीखा है
-
कि एक जीवन, एक मनुष्य,
-
एक संस्कृति, एक धर्म, एक देश की शान
-
उसकी करूणा और सहानुभूति
-
की क्षमता में ही बसती है।
-
मैंने सीखा है कि जो आपको हिला सकता है,
-
जो आपको प्ररित करता है,
रचना और निर्माण करने के लिए,
-
जो आपको असफलता से बचाता है,
-
जो आपको जीना सिखाता है,
-
वह है मानवता की सबसे पुरानी और सरल भावना,
-
और वह है प्रेम।
-
मेरे देश के एक आध्यात्मिक कवि ने लिखा था,
-
पोथी पढ़ी-पढ़ी जग मुआ,
-
पंडित भया ना कोई,
-
पोथी पढ़ी-पढ़ी जग मुआ,
-
भया ना पंडित कोई।
-
ढाई आखर प्रेम के
-
पढ़े सो पंडित होय।
-
जिसका अनुवाद है कि जो भी...
-
हाँ, अगर आप हिंदी जानते हैं,
कृपया ताली बजाएँ, हाँ।
-
(तालियाँ)
-
याद रखना बहुत मुश्किल है।
-
जिसका अनुवाद करें तो वास्तव में ऐसा होगा
-
कि आप ज्ञान की कितनी भी किताबें
क्यों ना पढ़ लें
-
और फिर अपना ज्ञान बाँटें
-
आविष्कार, सृजनात्मकता, तकनीक के द्वारा,
-
पर मानवता अपने भविष्य
को सही से नहीं जान पाएगी
-
जब तक इनके साथ अपने साथियों के लिए
प्रेम और सहानुभूति नहीं लाएगी।
-
"प्रेम" शब्द के ढाई अक्षर,
-
जिसका अर्थ है प्यार,
-
अगर आप यह समझ लें
-
और इसे अपनाएँ,
-
मानवता को प्रबुद्ध करने के लिए
बस इतना ही काफ़ी होगा।
-
तो यह मेरी पक्की धारणा है कि भविष्य के आप
-
एक ऐसे आप होने चाहिए जो प्रेम करे।
-
नहीं तो यह फलना-फूलना बंद कर देगा।
-
अपने ही स्व-अवशोषण में नष्ट हो जाएगा।
-
तो आप अपनी शक्ति का प्रयोग कर सकते हो,
-
दीवारें बनाने के लिए
-
और लोगों को बाहर रखने के लिए,
-
या आप इसका प्रयोग बाधाएँ तोड़कर
उन्हें अंदर लाने में कर सकते हो।
-
आप अपनी श्रद्धा का प्रयोग
-
लोगों को डराने में कर सकते हो
-
और डराकर समर्पण करवा सकते हो,
-
या आप उसका प्रयोग
लोगों की हिम्मत बढ़ाने में कर सकते हो
-
ताकि वे प्रबुद्धता
की चरम सीमा तक पहुँच पाएँ।
-
आप अपनी शक्ति का प्रयोग
-
परमाणु बम बनाकर
विनाश का अँधकार फैला सकते हो,
-
या आप उसके प्रयोग से करोड़ों
के जीवन में खुशी का दीपक जला सकते हो।
-
आप संवेदनाहीन बनकर महासागरों को दूषित
कर सकते हैं और वनों को नष्ट कर सकते हो।
-
आप पर्यावरण को नष्ट कर सकते हो,
-
या उन्हें प्रेम से सींचते हुए
-
पानी और वृक्षों से नए जीवन
का आरम्भ कर सकते हो।
-
आप मंगल ग्रह पर जा सकते हैं
-
और सशस्त्र किले बना सकते हैं,
-
या आप जीवन की प्रजाती और रूप ढूँढकर
उनका सम्मान करके उनसे सीख सकते हैं।
-
और आप हम सभी के कमाए
पैसे का प्रयोग करते हुए
-
व्यर्थ के युद्ध छेड़ सकते हो
-
और नन्हें बच्चों के हाथों में बंदूकें दे सकते हो
-
ताकि वे एक-दूसरे को मार सकें,
-
या आप उसका प्रयोग कर सकते हैं
-
उनका पेट भरने के लिए
-
अधिक भोजन उगाने में।
-
मेरे देश ने मुझे सिखाया है
-
एक मनुष्य की प्रेम की क्षमता
धार्मिकता के बराबर है।
-
यह उस सँसार में दमकती है
-
जिसे मेरे खयाल में,
सभ्यता बहुत अधिक उजाड़ चुकी है।
-
पिछले कुछ दिनों में,
यहाँ की वार्ताएँ, कमाल के लोग
-
जो आकर अपनी प्रतिभा दिखा रहे थे,
-
व्यक्तिगत उपलब्धियों, आविष्कारों,
तकनीक, विज्ञान के बारे में बात कर रहे थै
-
यहाँ होने की वजह
से जो ज्ञान हम पा रहे हैं
-
टेड टॉक्स औऱ आप सबकी उपस्थिति में
-
पर्याप्त कारण हैं
हमें भविष्य के "हम" का जश्न मनाने के लिए।
-
परंतु उस जश्न में
-
हमारी प्रेम और सहानुभूति
की क्षमता को बढ़ावा देने की हमारी खोज
-
को दृढ़ता से सामने लाना होगा,
को दृढ़ता से सामने लाना होगा,
-
उतनी ही बराबरी से।
-
तो मेरा मानना है कि भविष्य के "आप"
-
एक अनन्त आप हैं।
-
इसे भारत में चक्र कहते हैं,
एक वृत्त की तरह।
-
वह सम्पूर्ण होने के लिए
जहाँ से शुरू होता है वहीं पर अंत होता है।
-
एक "आप" जो समय और अंतरिक्ष
को अलग नज़रिये से देखते हैं
-
दोनों को समझते हैं
-
आपका अकल्पनीय
-
और गज़ब का महत्व
-
और सृष्टि के संदर्भ
में आपकी पूर्ण महत्वहीनता।
-
एक "आप" जो वापिस जाते हो
-
मानवता की मौलिक मासूमियत में,
-
जो हृदय की पवित्रता से प्रेम करते हो,
-
जो सत्य की आँखों से देखते हो,
-
जो एक अक्षत दिमाग
की स्पष्टता से सपने लेते हो।
-
भविष्य के "आप"
-
एक बूढ़ हो रहे
फ़िल्म स्टार की तरह होना चाहिए
-
जिसे यह मानने पर मजबूर किया गया है
-
कि एक ऐसे सँसार की सम्भावना है
-
जो पूर्ण रूप से अपने ही जुनून में
-
अपने ही प्रेम में संलिप्त हो।
-
एक सँसार ... सच में, एक "आप" चाहिए
-
जो उस सँसार की रचना करे
-
जो अपना ही बेहतरीन प्रेमी हो।
-
मेरा मानना है, देवियों औऱ सज्जनों, वह
-
होंगे भविष्य के "आप"।
-
बहुत-बहुत शुक्रिया।
-
शुक्रिया।
-
(तालियाँ)
-
शुक्रिया।
-
(तालियाँ)
-
शुक्रिया।
-
(तालियाँ)