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मैं पेड़ों को झप्पी देने वाली हूँ।
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मैंने अपना बहुत बचपन बिताया
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चमचमाते ताँबे जैसी पत्तियों
वाले पेड़ों की शाखाओं के नीचे,
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बारी-बारी से आकाश की ओर देखते हुए पढ़ना
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इसकी शाखाओं के बीच से।
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मैं सुरक्षित महसूस करती
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और अपने आप को असीम रूप से
विशालकाय आकार से जुड़ा पाती।
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मुझे लगता कि पेड़ तो अमर हैं,
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कि वे हमेशा यहाँ रहेंगे।
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पर मैं ग़लत थी।
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पेड़ मर रहे हैं।
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जलवायु परिवर्तन मार रहा है
लेबनान के देवदारों को
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और पश्चिम अमेरिका के जंगलों को।
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और सिर्फ़ पेड़ ही नहीं।
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अत्यधिक गर्मी 1998 से,160,000
से अधिक लोगों को मार चुकी है
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व अनियंत्रित जलवायु परिवर्तन
आगे लाखों लोगों को मार डालेगा।
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ऐसे हालात में हम कैसे पहुँचे?
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बेशक, कई कारण हैं,
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लेकिन इनमें एक सबसे महत्वपूर्ण है
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यह कि पूंजीवाद ने राक्षसी रूप ले लिया है।
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मैं पूँजीवाद की बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ।
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आखिरकार, एक अर्थशास्त्री और
एक बिज़नेस स्कूल प्रोफेसर हूँ।
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मुझे लगता है कि वास्तव में
स्वतंत्र और निष्पक्ष बाज़ार
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मानव जाति के महान आविष्कारों में से हैं।
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लेकिन यहाँ पकड़ है: बाज़ार
केवल अपना जादू चलाते हैं
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जब कीमतें वास्तविक लागतों को दर्शाती हैं।
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और अभी, कीमतें बुरी तरह
से प्रहार कर रही हैं।
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जो कंपनियाँ जीवाश्म ईंधन
बेचती हैं उन्हें छोड़ रहे हैं
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और उन्हें भी जो ग्रीनहाउस
गैसों का उत्सर्जन करती हैं
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भारी क्षति पहुँचाती हैं जिसके
लिए वे भुगतान नहीं कर रही हैं,
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यह किसी भी सूरत में अच्छा नहीं है।
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कल्पना करें क्षण के
लिए कि मेरे हाथ भरे हों
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इलेक्ट्रॉनों के क्लाउड से
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दस डॉलर की कीमत वाली कोयले की बिजली
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जो आपके सेल फोन को 10 से अधिक
वर्षों तक चार्ज रख सकेगा।
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शायद यह एक अच्छा सौदा होगा।
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खूबी यह कि यह बहुत सस्ता है
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विडंबना है कि आप इसके लिए
कुछ भुगतान नहीं कर रहे।
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जलता कोयला पारे की तरह ज़हरीला है।
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और यह हवा में लेड फैलाता है,
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इससे पैदा बीमारियों पर खरबों खर्च होते हैं
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मौत के इस सबसे बड़े कारण से
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हर साल सैकड़ों लोग जान गँवाते हैं।
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इससे भारी तादाद में कार्बन
डाईऑक्साइड पैदा होता है।
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तो, यह कोयले के असली दाम का दूसरा पक्ष है
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मौसमी बदलाव से नुकसान हो रहा
है, उसके पहले भी बहुत हो चुका
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गर्मियों में कैलीफ़ोर्निया में
लाखों एकड़ जंगल राख हो चुके
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और भारी बाढ़ से एक तिहाई
बंगलादेश डूब चुका है।
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सैकड़ों शोध हो चुके हैं
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इस बदले जो कीमत चुकाई जा चुकी।
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इस बाबत मेरी समझ और दोस्तों पर भरोसा
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जन स्वास्थ्य संस्थाओं और
आर्थिक विशेषज्ञ मित्र,
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जिनका कहना है कि 10 डॉलर
कोयला से पैदा ऊर्जा से
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मानव स्वास्थ्य को औसतन 8
डॉलर कीमत की क्षति होती है
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दूसरा मौसमी बदलाव को कम से कम 8 डॉलर या
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इससे भी ज़्यादा क्षति।
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इसलिए, इस मुट्ठी भर इलेक्ट्रॉन से नुकसान,
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केवल 10 डॉलर नहीं होता।
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यह तकरीबन 26 डॉलर तक पहुँचता है।
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तेल और गैस जलाने जैसे
काम करने की असली लागत
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और गोमांस खाने से भी
इतना ही ज़्यादा ग़लत है।
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हर कोई जो एक स्वस्थ
अर्थव्यवस्था देखना चाहता है, उसे
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भारी सब्सिडी वाली फ़र्मों के
साथ प्रतिद्वंद्विता करनी होगी
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हमारे स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान
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तथा जलवायु परिवर्तन के क्षरण से।
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जिसकी मैं बात कर रही
हूँ वह पूँजीवाद नहीं है।
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यह ऐसा बाज़ार नहीं है जो
चिंतामुक्त या बेहतर हो।
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इसलिए...
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हम करें तो क्या?
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इसका सबसे "सरल" उत्तर है सरकार का ज़ोर हो
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कि जो कोई ग्रीनहाउस गैसें बना रहा है
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उससे क्षति की भरपाई करे।
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हालांकि, मौजूदा दौर में
ऐसा कोई संकेत नहीं दिखता
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कि सरकार इसके लिए प्रयासरत हो,
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आंशिक रूप से क्योंकि जीवाश्म ईंधन कंपनियों
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ने 20 साल बर्बाद कर दिए हैं
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अपने भारी सब्सिडी जनित लाभ से
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जिससे मौसमी बदलाव के ख़तरों पर पर्दा डालने
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और राजनीतिज्ञों को अपने वश में रखना
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जोकि मात्र से नियंत्रित होते हैं।
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इसलिए, यह मेरा उत्साही विचार है।
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मैं मानती हूँ कि व्यापार करना चाहिए।
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सोचती हूँ व्यापार पूँजीवाद पर नकेल कसे।
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मैं जानती हूँ
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आप में से कुछ सोच रहे होंगे "बड़ा फ़ायदा"।
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मैं कह सकती हूँ कि कंपनियाँ
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विज्ञान को नकार रही हैं,
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बाज़ार को बर्बाद करना
और नेताओं की लॉबी करना?
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मैंने किया।
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इसे करते हुए
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निजी क्षेत्र के हितों के लिए।
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सच तो यह है कि व्यापार चौपट होगा
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यहि हम जलवायु बदलाव को काबू ना कर पाए।
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पैसा कमाना बहुत मुश्किल हो रहा है
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जब बड़े तटीय शहर पानी में डूब रहे हैं
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और लाखों आक्रोशित लोग उत्तर
की ओर पलायन कर रहे हैं
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क्योंकि फ़सलें भी बर्बाद हो रही हैं
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स्वतंत्र करोबार को बचा
पाना दुष्कर हो रहा है
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यदि बहुत से लोग सोचते हैं कि अमीर और गोरे
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इस ग्रह को अपने निजी लाभ
के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
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तो, मैं आपको बता दूँ कि
ज़मीन पर यह कैसे दिखता है।
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मेरे मित्र एरिक ऑस्मंड्सन
ने मोटी निजी नौकरी छोड़ी
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एक कचरा ढोने की कंपनी
का सीईओ बनने की ख़ातिर।
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यह अजीब बात लगती है,
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लेकिन ऐरिक कुछ अलग करना चाहते थे,
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और वे कचरा प्रबंधन के
सलीके को बदलना चाहते थे
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यह अरबों टन उत्सर्जन को कम कर सकता है।
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इससे वह भारी संकट से घिर गया:
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यह धंधा पूरी तरह भ्रष्ट था।
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फ़र्में ग़ैरकानूनी तरीके से लागत
कम करने को कचरा डंप करने लगीं
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नियम कायदों को ताक पर रखते हुए,
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उल्लंघन करने वालों पर
जुर्माना बहुत मामूली था।
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ऐरिक ने कोशिश की ईमानदार बनने की
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और लागत कम करने के लिए दम बढ़ दिए।
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कंपनी में उसके कई वरिष्ठों
को लगा कि वो पागल हो गया है।
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उन्में से आधे ने नौकरियाँ छोड़ दीं।
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ऐसा ही उनके ग्राहकों से भी किया।
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वे ग़लत प्रतियोगिता के शिकार हो गए
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उद्योग को विवाद में लाने के लिए
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और उन्हें व्यक्तिगत धमकियाँ मिलने लगीं।
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लेकिन भ्रष्टाचार जब ढका
होता है तभी अच्छा होता है।
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जैसे ही एरिक लोगों के
बीच गए, लोग भी साथ आए।
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लेकिन भुगतान देने कुछ ही लोग सामने आए।
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निवेशकों को भी लगा कि इससे
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बहुत फ़ायदा होने जा रहा है।
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वो कर्मचारी साथ रहे
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जिनको रुख पर दृढ़ रहने का विचार भाया
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और लागत कम करने के लिए सभी
प्रकार के कानूनी तरीके अपनाए।
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एरिक ने अपने कई प्रतियोगियों को समझाया
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कोशिश की कि कचरे का अवैध निष्पादन रुके
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लेकिन यह और भी मुश्किल हो गया
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नियामकों को पक्ष में रखना मुश्किल हो गया।
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आज, एरिक की कंपनी Norsk Gjenvinning,
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स्कैंडेनेविया में सबसे बड़ी
रीसाइक्लिंग कंपनियों में है।
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मुझे एक बात कहने दें।
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ये परिवर्तन के चार स्तंभ हैं :
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व्यापार बढ़ाने के लिए सही दाम तय करने होंगे
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लेकिन वो लाभकारी हो,
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अपने प्रतियोगियों को भी
वैसा ही करने को कहें,
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सुनिश्चित करें कि निवेशक बात समझें,
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पैसा बनाना चाहिए,
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लेकिन सरकार को प्रेरित भी
करना चाहिए कानूनन सही दाम हो
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जिससे निचले लालची तत्व ज़िंदा ना रह सकें
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मैं यह दावा नहीं कर रही
हूँ कि हमने सब सुधार लिया।
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चीज़ें कुछ मुश्किल हैं।
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लेकिन एरिक जैसे हज़ारों कारोबारी हैं,
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और हमारे जैसे लाखों लोग हैं,
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और हम ग्राहक, कर्मचारी,
निवेशक और नागरिक हैं।
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पूंजीवाद त्यागने के बजाय, इसे दुरुस्त करें
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सुनिश्चित करें कि बाज़ार वास्तव
में निष्पक्ष व स्वतंत्र है
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और कोई भी हम कचरा नहीं थोप सकता
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बिना भुगतान के कोई बच निकल नहीं सकता।
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हमारे पास संसाधन और तकनीक है
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जलवायु परिवर्तन सुधारने के लिए।
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हम मिलकर, पेड़ों और एक
दूसरे को बचा सकते हैं।
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धन्यवाद।