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आपका व्यक्तित्व आपकी राजनीति को कैसे आकार देता है

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    मैं एक राजनीतिक
    और सामाजिक मनोवैज्ञानिक हूँ ।
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    मैं अध्ययन करती हूं कि
    लोग दुनिया को कैसे समझते हैं
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    और यह समाज और
    लोकतंत्र के लिए क्या महत्व रखता है..
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    जो की, बहुत ज़्यादा है ।
    कुछ लोग दुनिया को
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    अच्छे और सुरक्षित नज़रों से देखते है,
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    और यह उन्हें अनुमति देता है
    अनिश्चितता के साथ ठीक होने
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    और समय के साथ खेलने के लिए।
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    बाकी लोगों को पूरी तरह से पता है
    उनके वातावरण में खतरों की,
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    इसीलिए वह आदेश और भविष्यवाणी
    की प्राथमिकता करते है
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    खुलापन और प्रयोग के ऊपर।
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    मेरे अकादमिक शोध में,
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    मैं अध्ययन करती हूं कि ये दोनों हमारे सोच
    और भावनाओ को कैसे आकर देते है
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    कला से लेकर राजनीति तक।
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    मैं यह भी देखती हूँ कैसे
    राजनीतिक अभिजात वर्ग
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    और पक्षपातपूर्ण मीडिया इस
    अंतर का इस्तेमाल करते है
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    नफ़रत और डर पैदा करने के लिए,
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    और हमारी मीडिया कैसे इन
    विभाजन का इस्तेमाल करते है।
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    मगर यह पढ़ने के बाद,
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    मुझे महसूस हुआ की हम
    विभाजित होने के लिए मजबूर नहीं है,
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    और यह हमारे ऊपर है, की हम दोनों पक्षों को
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    आवश्यक और मूल्यवान नज़रों से देखे।
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    जैसे की लीजिये, मेरे जीवन
    के दो प्रभावशाली इंसान।
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    पहले, मेरे मरहूम पति माइक।
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    वह एक कलाकार थे जो दुनिया को
    सुरक्षित और अच्छे नज़रों से देखते थे।
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    और अपने जीवन में
    अस्पष्टता का स्वागत करते थे।
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    हम भी इम्प्रोव
    कॉमेडी के द्वारा मिले थे
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    जिधर वह सिखाते थे हमे
    सुनने और समझने के लिए,
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    और आगे क्या आने वाला है,
    उस ज्ञान के न होते हुए भी
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    सहमत रहने के लिए।
    शादी के बाद हमें बीटा हुआ,
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    माइक को उसी दौरान ब्रेन ट्यूमर हुआ।
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    और सुरगरिएस के कहीं महीनो तक,
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    मैंने माइक की बातें मानी,
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    खुले दिमाग से सोचने की,
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    अनहोनी के साथ समझौता करने की।
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    माइक के अस्पष्टता के लिए
    सहिष्णुता के कारण
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    मैंने उन अनिश्चितता से भरे
    महीनों का सामना किया,
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    और ज़िन्दगी को नए नज़रिये से देखने की
    शक्ति थी उनके गुज़र जाने के बाद।
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    माइक के गुजरने के एक साल बाद ,
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    मैं अपने दुसरे पति पीजे से मिली।
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    पीजे एक वकील है
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    जो दुनिया को संभावित अच्छाई से देखते है,
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    जब तक हम आशंकाओं को अचे से संभाले।
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    वह भी अनुक्रम और
    पूर्वानुमान को गले लगते है
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    अपनी रोज़ की ज़िन्दगी में,
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    उनके खाने में ,
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    अपने कपड़ों के चयन में।
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    उनकी शातिर बुद्धि है,
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    मगर वह परंपरा से बंधे हुए भी है
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    कर्तव्य की मजबूत भावना के साथ।
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    वह परंपरा और परिवार को महत्व देते है,
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    इसिलए २८ की उम्र में भी
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    उन्होंने एक विद्वा से शादी की,
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    उसके बेटे को गोद लिया,
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    और अपने बेटे की तरह पाला।
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    पीजे की निश्चितता की ज़रूरत के कारण
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    हमारे जीवन में ठहराव आया।
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    मैंने माइक और पीजे की कहानी
    इसीलिए नहीं बताई
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    क्यूंकि वह निजी है,
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    मगर इसलिए, क्यूंकि वह उदाहरण देते है
    मेरे रिसर्च के दोनों पहलू का ।
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    पहला यह की हमारे मनोवैज्ञानिक लक्षण
    बताते है की हम दुनिया को कैसे देखते है,
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    और दूसरा,
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    की यह दोनों पहुँच हमे
    जीने में मदद करते है।
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    निराशाजनक बात यह है की, हमारे मीडिया के
    राजनीतिक और आर्थिकप्रोत्साहन राशि के कारण
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    वह इन अंतर का इस्तेमाल करते है
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    हमे गुस्सा दिलाने के लिए,
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    हमारा ध्यान आकर्षित करने के लिए,
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    हमारा ध्यान आकर्षित करने के लिए
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    हमें एक-दूसरे के
    खिलाफ करने के लिए।
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    और यह काम करता है।
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    वह इस लिए काम करता है क्यूंकि यही लक्षण
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    मूल राजनीतिक और सांस्कृतिक
    सोच में इस्तेमाल होते है ।
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    वर्षों से राजनीतिक
    मनोवैज्ञानिक ने अध्ययन किया है
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    कैसे हमारे मनोवैज्ञानिक लक्षण हमारे
    राजनीतिक मान्यताओं को जन्म देते है ।
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    हमने यह समझने के लिए
    कहीं प्रयोग किए हैं
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    की कैसे मनोविज्ञान और राजनीति से हम
    राजनीतिक उत्तेजनाओं का जवाब देते है ।
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    और अनुसंधान से पता चला है
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    की जो लोग खतरों से परे नहीं है,
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    अस्पष्टता को सहन करते है,
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    वह लोग सांस्कृतिक
    और सामाजिक रूप से उदार होते है
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    आव्रजन, अपराध या सुरक्षा के मामले में।
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    और क्यूंकि वह अस्पष्टता को सहन करते है,
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    वह नाज़ुक अंतर को भी सहते है,
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    और वह सोचने के लोए सोचते है,
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    जिसके कारण
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    सौंदर्य रूप से अंतर है
    बाएँ और दाएँ सोच में,
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    जहाँ उदारवादी परंपरावादियों से
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    ज़्यादा अमूर्त कला को पसंद करते है
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    या उन कहानियों को
    जिनका कोई अंत नहीं होता ।
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    मेरे प्रयोगात्मक काम में,
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    मैंने यह भी पाया की इन अंतरों के कारण
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    व्यंग्यात्मक राजनीतिक व्यंग्य
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    परंपरावादियों से ज़्यादा
    उदारवादी लोग समझते है।
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    जब की
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    वह लोग जो हमारे खतरों
    की निगरानी कर रहे है,
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    जो निश्चितता और बंद चाहते है,
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    वह राजनीतिक, सामाजिक और
    सांस्कृतिक रूप से परंपरावादि रहते है।
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    क्यूंकि वह चौकन्ने रहते है ,
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    वे जल्दी और प्रभावी
    ढंग से निर्णय लेते हैं,
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    और अंतर्ज्ञान और भावना पे चलते है ।
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    हमने पाया है की इन लक्षण के कारण
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    परंपरावादियों को राजनीतिक
    कार्यक्रमों में रुचि रहती है
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    जो हमें खतरों और दुश्मनों
    के बारे में बताते है ।
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    यह समझना ज़रूरी है
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    की यह झुकाव पूर्ण नहीं है,
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    न ही वह निश्चित है।
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    कहीं उदारवादी लोग
    खतरों की निगरानी करते है
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    और कहीं परंपरावादी लोग
    अस्पष्टता को समझते है ।
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    पीजे की राजनीतिक मान्यता
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    माइक के मान्यताओं से
    मौलिक रूप से अलग नहीं है।
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    मनोविज्ञान और राजनीति के बीच
    का सम्बन्ध संदर्भ पर आधारित है :
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    हम किसके साथ है और
    हमारे आस पास क्या चल रहा है।
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    समस्या यह है की अभी,
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    हमारा प्रमुख संदर्भ,
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    हमारे राजनीतिक और मीडिया का प्रसंग,
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    इन अंतरों को निरपेक्ष को आवश्यक मानते है,
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    प्रबलित करते है,
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    और उन्हें हथियार बनाते है ।
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    शक्ति और लाभ के लिए,
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    मीडिया और राजनीति में कुछ लोग
    चाहते है की हम
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    अपने से अलग विचार रखने वाले लोगों को--
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    चाहे वह माइक हो या पीजे,--
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    खतरनाक समझे।
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    और सोशल मीडिया तोल मोल करके
    लोगों को चुनते है
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    यह सन्देश पहुँचाने के लिए
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    हमारे रुचि की शैली में।
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    राजनीति, संस्कृति और जाति से भरे संदेश ।
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    और हम इन संदेश का रोज़
    विनाशकारी प्रभाव देखते है ।
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    अमेरिकन्स जो बहार के लोगों से डरते है।
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    बहार के लोग अमेरिका को नुक्सान पहुँचाने की कोशिश में है।
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    मगर एक क्षण के लिए सोचिये,
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    क्या होता अगर इन अंतरों को हम कभी
    हथियार की तरह इस्तेमाल नहीं करते?
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    उदारवादी लोगों की नम्यता की वजह से
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    हम अनिश्चितता का सामना कर सकते है
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    और नवाचार और रचनात्मकता
    की तरफ कदम बढ़ा सकते है --
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    वैज्ञानिक खोज कर सकते है।
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    अंतरिक्ष यात्रा और बीमारी
    के इलाज के बारे में सोचिये
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    या कला जो एक बेहतर
    दुनिया की कल्पना करता है।
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    और सुरक्षा के प्रति परंपरावादी सोच की
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    और परंपरा की।
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    यह सब हमें उत्साहित करते है
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    वह चीज़ करने के लिए
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    जो हमें स्थिर और संरक्षित रखे ।
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    हमारे जवानों के द्वारा उपलब्ध
    किये हुए सुरक्षा के बारे में सोचिये
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    या हमारे बैंक के सुरक्षा के बारे में।
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    या उस स्थिरता के बारे में
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    जो कोर्ट में मिलती है,
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    या इंडिपेंडेंस डे की परंपरा से ।
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    क्या अगर समाज और जनतंत्र को असली खतरा
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    दुसरे पक्ष से नहीं है?
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    क्या अगर असली खतरा मीडिया
    और राजनीतिक अभिजात वर्ग से है जो
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    हमें सोचने पे मजबूर करते है
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    की हम दुसरे पक्ष के बिना ही अच्छे है
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    और जो इस भेद भाव का फायदा उठाते है,
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    अपने निजी वित्तीय और राजनीतिक लाभ के लिए?
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    माइक और पीजे दुनिया को
    अलग नज़रिए से देखते थे ,
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    मगर यह नज़रिये मेरे रोज़ के
    जीवन को संपन्न बनाते है ।
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    राजनीतिक और मीडिया की बातों के बदले
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    जो हमें दुसरे पक्ष के खिलाफ करते है
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    और अपने आप को सही साबित करते है
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    क्या होगा अगर हम इस
    अपना सम्बन्ध खुद बनाये ?
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    असली लोग असली लोगों के साथ जुड़े
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    इन दोनों पक्षों को सराहते हुए:
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    एक उपहार जो हम सभी की मदद कर सकता हैं,
    एकता के साथ जीने के लिए।
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    धन्यवाद।
Title:
आपका व्यक्तित्व आपकी राजनीति को कैसे आकार देता है
Speaker:
दननगल ग यंग
Description:

सामाजिक मनोवैज्ञानिक दननगल ग यंग मनोविज्ञान और राजनीति के बीच संपर्क को देखते हुए, यह देखती है की अधिकतर व्यक्तित्व दो किस्म के होते है, वह जो खुलेपन और लचीलेपन को प्राथमिकता देते है (उदारवादी), और जो आदेश और निश्चितता पसंद करते है। सुनिए क्यों यह दोनों पक्ष ज़रूरी है हमारे समाज के लिए-- और कैसे हमारे अंतर का फायदा उठाया जा रहा है हमें एक दुसरे के खिलाफ करने के लिए। क्या होगा अगर चीज़ें इस तरह न हो और हमारी सोच बदले?

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
09:04

Hindi subtitles

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