अंतरलैंगिक होने के मायने --
-
0:01 - 0:05मैं शुरुआत में ही एक बात
कबूल करना चाहूंगी. -
0:05 - 0:07मुझे नहीं पता आप सब 16 साल की उम्र में
क्या कर रहे थे. -
0:07 - 0:10पर मैं, हैरी पॉटर की बड़ी फैन,
-
0:10 - 0:14इंतज़ार कर रही थी अपने आमंत्रण पत्र का,
-
0:14 - 0:17जो कि मुझे उस काल्पनिक दुनिया के
जादुई कॉलेज से आने वाला था. -
0:17 - 0:19शायद मैं कक्षा 6 में दाखिला लेती .
-
0:19 - 0:25मैं स्टार वार्स के काल्पनिक मंदिर के
आमंत्रण की भी प्रतीक्षा में थी. -
0:25 - 0:29या शायद, रूपांतरण में सक्षम,एक्स-मेन समूह
से जुड़ने के न्योते की प्रतीक्षा में. -
0:29 - 0:31मैं ऐसी भोली बच्ची थी.
-
0:32 - 0:36जब मैं 16 वर्ष की थी,
तब मेरी इच्छा पूरी हो गयी. -
0:37 - 0:39मुझे किसी डॉक्टर के पास ले जाया गया
-
0:39 - 0:44और बताया गया कि मैं ऐसे समूह
का हिस्सा हूँ -
0:44 - 0:49जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.
-
0:50 - 0:52मैं एक अंतरलैंगिक हूँ.
-
0:53 - 0:54यही मेरी खासियत है.
-
0:55 - 0:57आप में से कई लोगों ने
-
0:57 - 1:00शायद पहली बार ये नाम सुना होगा.
-
1:00 - 1:03अंतरलैंगिक होना एक शारीरिक विसंगति है.
-
1:03 - 1:06ये उन लोगों को कहा जाता है जिनका शरीर
लिंग-भेद के नियमों का -
1:06 - 1:09पालन नहीं करता.
-
1:09 - 1:14यानी आपका लिंग, आपके हॉर्मोन, आपका डीएनए
-
1:14 - 1:19पुरुष एवं स्त्री की परिभाषाओं
से परे होते हैं. -
1:21 - 1:22या यूँ कहें कि
-
1:22 - 1:27हमारी प्रजाति के बारे में जो
धारणाएं हैं -- -
1:27 - 1:30जो हमें स्कूल में सिखाया जाता है
कि लिंग सिर्फ दो प्रकार के होते हैं, -
1:31 - 1:33पुरुष एवं स्त्री --
-
1:33 - 1:35यह धारणा सही नहीं है.
-
1:36 - 1:37दुनिया की कई अन्य चीज़ों की तरह,
-
1:37 - 1:40यह भी काफी जटिल है.
-
1:42 - 1:46जो लोग पुरुष या स्त्री की परिभाषा
में सही नहीं बैठते, -
1:46 - 1:50ऐसे लोग हमेशा से ही
मानव इतिहास का हिस्सा रहे हैं. -
1:51 - 1:54"हैरी पॉटर" के जादूगरों की तरह
-
1:54 - 1:56हम भी अदृश्य रहे हैं.
-
1:57 - 2:00कई तो यह जानते ही नहीं
कि वे अंतरलैंगिक हैं. -
2:01 - 2:03"एक्स-मेन" की तरह,
-
2:03 - 2:07हम में से कुछ लोगों के गुण
जन्म के समय ही दिख जाते हैं, -
2:07 - 2:12और कुछ के तब, जब वे युवावस्था में
कदम रखते हैं. -
2:14 - 2:16जब पता चलता है कि वे अंतरलैंगिक हैं,
-
2:16 - 2:19तो कुछ लोगों को लगता है कि
दुनिया में ऐसे वे ही अकेले हैं. -
2:22 - 2:27जहां तक मेरी बात है, मेरे अंदर
XY गुणसूत्र हैं, -
2:27 - 2:31यानी मेरा डीएनए एक पुरुष का है.
-
2:32 - 2:36जन्म के समय मेरे पास पुरुष इन्द्रियाँ थी,
स्त्री इन्द्रियाँ नहीं. -
2:37 - 2:42इस मंच पर खड़े रहना
मेरे लिए एक बुरे सपने सा होता -
2:42 - 2:44मात्र 5 साल पहले तक.
-
2:46 - 2:48बिलकुल असंभव.
-
2:49 - 2:52मैं भले ही खुद को आप से
अलग प्रस्तुत करूं, -
2:52 - 2:55पर असलियत में, मैं आप जैसी ही हूँ.
-
2:56 - 3:01माना जाता है कि अंतरलैंगिक
हमारी जनसँख्या का 1.7% हिस्सा हैं. -
3:02 - 3:04शायद कुछ देशों में यह अनुपात और अधिक है,
-
3:04 - 3:06पर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं.
-
3:07 - 3:09हम कभी कॉफ़ी की लाइन में
आपके सामने लगे होते हैं; -
3:09 - 3:11कभी ट्रैन में आपके बगल में बैठे होते हैं;
-
3:11 - 3:14कभी डेटिंग अप्प्स में आपको
लेफ्ट या राइट स्वाइप कर रहे होते हैं -- -
3:14 - 3:17(दर्शकों में हंसी)
-
3:17 - 3:20तो आपने कभी हमारे बारे में
सुना क्यों नहीं? -
3:21 - 3:26यदि हम बाकी लोगों की तरह ही हैं,
तो आप हमें क्यों नहीं देख सकते? -
3:27 - 3:29दुनिया हमारे साथ कैसा बर्ताव करती है?
-
3:31 - 3:35हम सोचते हैं की चिकित्सा
और कानून जैसे क्षेत्र -
3:35 - 3:38निष्पक्ष हैं, पवित्र हैं --
-
3:38 - 3:39पूर्वाग्रह से मुक्त.
-
3:40 - 3:43कानून को अंधा माना जाता है,
जो सबको बराबरी से तौलता है. -
3:44 - 3:46डॉक्टरों की प्रसिद्द शपथ कहती है,
-
3:46 - 3:49"संवेदना, सहानुभूति एवं दया-भाव
-
3:49 - 3:53किसी भी दवा या मलहम पर भारी पड़ सकते हैं."
-
3:54 - 4:01वास्तव में ये दो विधायें जो हमारे जीवन को
इतना प्रभावित करती हैं, -
4:01 - 4:03कई पूर्वाग्रहों से भरी हुई हैं.
-
4:04 - 4:06वे इन सब से अछूती नहीं है,
-
4:06 - 4:10वैसे ही जैसे कि हम उन पूर्वाग्रहों के
प्रभावों से अछूते नहीं हैं. -
4:10 - 4:12इसके परिणाम हानिकारक हो सकते हैं.
-
4:14 - 4:20अंतरलैंगिक शिशु जो कि अस्पष्ट लिंग
इन्द्रियों के साथ जन्म लेते हैं, -
4:20 - 4:26उनका यूँ ही ऑपरेशन कर दिया जाता हैं,
-
4:26 - 4:28बिना ज़रुरत के, बिना सहमति के.
-
4:28 - 4:30और इस बदलाव को वापस नहीं किया जा सकता.
-
4:30 - 4:36यह सब इसलिए, ताकि उनका शरीर
"सामान्य" हो जाए. -
4:38 - 4:42इतना सब, उस नवजात के
पहले शब्द निकलने से पहले, -
4:42 - 4:46उसकी लैंगिक पहचान बनने से पहले.
-
4:48 - 4:54कई लोगों को उनके अंतरलैंगिक
गुणों के बारे में नहीं बताया जाता, -
4:54 - 4:59और जिन्हें बता दिया जाता हैं, उन्हें
किसी से कहने को सख्ती से मना किया जाता है. -
5:00 - 5:04गोपनीयता रखने को मजबूर किया जाता है,
और इस चीज़ को शर्म की नज़र से देखा जाता है. -
5:06 - 5:07कानून की किताबों में,
-
5:07 - 5:12अंतरलैंगिकों को कोई पहचान नहीं दी जाती,
-
5:12 - 5:14और न ही कोई कानूनी सुरक्षा.
-
5:15 - 5:18कोई भी छोटी या बड़ी चीज़
हमारे पक्ष में नहीं होती - -
5:18 - 5:20चाहे वह फॉर्म भरते समय
-
5:20 - 5:23"स्त्री" या "पुरुष" का चयन हो,
-
5:23 - 5:27या मुसीबत आने पर कानूनी सुरक्षा.
-
5:27 - 5:31लैंगिक समानता पर आधारित नियम भी
हमें पहचान अथवा मदद नहीं दिलाते. -
5:33 - 5:37अंतरलैंगिक लोग अपनी लैंगिक पहचान को
बदल भी नहीं सकते -
5:37 - 5:39जो उन्हें जन्म के समय दी गयी थी.
-
5:40 - 5:42एकमात्र समाधान है - खुद को किन्नर बताना.
-
5:44 - 5:47दशकों की मेहनत के बाद,
-
5:47 - 5:51अब जाकर इन समस्याओं का
समाधान खोजा जा रहा है. -
5:52 - 5:57तो, आप जैसे सामान्य लोगों के लिए
यह सब क्यों मायने रखेगा? -
5:57 - 6:00आप, जिनके लैंगिक गुण सामान्य हैं?
-
6:02 - 6:06शायद आप लोगों ने
-
6:06 - 6:09अपने निजी बाथरूम में कभी
-
6:09 - 6:10यह सोचा होगा ....
-
6:11 - 6:13"क्या मेरी योनि सही आकर की है?"
-
6:13 - 6:15"मेरे अंडकोष असामान्य हैं?"
-
6:15 - 6:17"क्या मेरा लिंग बहुत छोटा है?"
-
6:17 - 6:19"क्या मेरी योनि देखने में सामान्य है?"
-
6:19 - 6:24अधिकतर लोगों को यही चिंता होती है -
-
6:24 - 6:26"क्या मेरा लिंग सामान्य है?"
-
6:28 - 6:33शायद आप में से कई लोगों को
यह विचार आता होगा -
6:33 - 6:37लेकिन आप उसे दरकिनार करते हुए,
जीवन में आगे बढ़ते जाते होंगे. -
6:38 - 6:40हमारे शरीरों की ये असमानताएं,
-
6:40 - 6:43जैसे आँखों का रंग, हाथ-पैरों का आकार,
-
6:43 - 6:46हमारे जीवन को बहुत कम ही प्रभावित करते हैं
-
6:47 - 6:50या यूँ सोचिये,
-
6:50 - 6:54उदहारण के तौर पर,
-
6:54 - 6:57कि जब आप एक नवजात शिशु थे,
-
6:57 - 7:01क्या होता अगर आपके माता-पिता
आपकी योनि, -
7:01 - 7:05लिंग अथवा अंडकोष को देखते,
-
7:05 - 7:07और सोचते,
-
7:07 - 7:10"देखने में तो स्वस्थ लग रहा है,
-
7:10 - 7:13पर सामान्य नहीं है."
-
7:13 - 7:16इससे पहले कि आप समझ सकते कि
उनका क्या करना है, -
7:16 - 7:18उन्हें किस तरह से इस्तेमाल करना है.
-
7:18 - 7:21(दर्शकों में हंसी)
-
7:21 - 7:25क्या होता अगर वे खुद की समझ से
-
7:25 - 7:31आपका अलग ही लिंग तय कर देते,
आपके अंगों के माप के आधार पर .... -
7:33 - 7:36और फिर इस बारे में आपसे झूठ बोलते रहते,
जीवन भर? -
7:39 - 7:42क्या होता अगर इन ऑपरेशन के बाद
आप नपुंसक या बाँझ हो जाते? -
7:44 - 7:48अगर इन ऑपरेशन के बाद आपको
असहनीय पीड़ा होती या निशान पड़ जाते? -
7:50 - 7:54क्या होता अगर आपको जीवन भर
दवाइयां लेनी पड़ती -
7:54 - 7:58ताकि आपके जो अंग हटा दिए गए
उनकी भरपाई शारीरिक रूप से हो सके? -
7:58 - 8:00और उन दवाइयों का खर्च आपको
खुद ही देना पड़ता? -
8:02 - 8:07और हर बार जब आप सर्दी होने पर
डॉक्टर के पास जाते, -
8:07 - 8:11तो आपसे आपके यौन संबंधों
के बारे में पूछा जाता? -
8:11 - 8:12आपकी लैंगिक पहचान पूछी जाती?
-
8:12 - 8:15यह पूछा जाता कि आपके आंतरिक अंग
कैसे दिखते हैं? -
8:15 - 8:19और फिर बाकी डॉक्टरों और
मेडिकल छात्रों को बुलाया जाता -
8:19 - 8:21जो और भी ज़्यादा सवाल पूछते,
-
8:21 - 8:23आपसे पैंट नीचे करने को कहते,
-
8:23 - 8:27या अनावश्यक जांच करवाने को कहते?
-
8:29 - 8:36अंतरलैंगिकों के साथ जो व्यवहार होता है,
यह उसकी एक झलक मात्र है. -
8:36 - 8:40दुनियाभर में, मुझ जैसे लोगों के साथ,
हर रोज़. -
8:41 - 8:46हमारा समुदाय चिकित्सा या स्वास्थ्य के
खिलाफ नहीं है. -
8:46 - 8:51परन्तु हमारे शरीर के साथ क्या होना है,
यह तय करने का अधिकार हमें ही होना चाहिए. -
8:51 - 8:53और जीवन का भी.
-
8:54 - 9:01अंतरलैंगिकों के साथ ऐसे व्यवहार की जड़ें,
अप्रासंगिक हो चुके एक पुराने शोध में हैं, -
9:01 - 9:03जिसे 50 साल पहले एक ऐसे व्यक्ति ने लिखा था
-
9:03 - 9:07जिसका मानना था कि आप किसी शिशु को
किसी भी लिंग का मानकर पाल सकते हैं - -
9:07 - 9:10उनके आंतरिक अंगों को बदल कर,
उनसे इस बात को छिपा कर , -
9:10 - 9:14और उनकी बदली हुई लैंगिक पहचान को
बार बार जताकर. -
9:16 - 9:22इसकी जड़ें इस तथ्य में भी हैं कि
स्वस्थ अंतरलैंगिक अंगों को भी असामान्य -
9:22 - 9:24या बेकायदा समझा जाता है.
-
9:25 - 9:26ठीक है.
-
9:26 - 9:30यदि आप किसी अवस्था को विसंगति कह रहे हैं,
तो आप यह भी मानते हैं की उसका इलाज है. -
9:31 - 9:36यह धारणा, अंतरलैंगिकों को डर और
लांछन भरी निगाहों से देखना का परिणाम है. -
9:36 - 9:40परिणाम है समलैंगिकों के प्रति
असहिष्णुता का, लिंग-भेद का, -
9:40 - 9:43और अंत में हमारी रूढ़िवादी मानसिकता का.
-
9:45 - 9:50मेरा कहना यह नहीं है की पुरुष और
स्त्री लिंग नहीं होते. -
9:50 - 9:53मेरा कहना यह है कि दुनिया की
कई चीज़ों की तरह, -
9:53 - 9:56लिंग भी एक जटिल सिद्धांत है.
-
9:57 - 9:58इस दुनिया की जटिलता को,
-
9:58 - 10:02हम चाहें तो खूबसूरती की निगाहों से देखें,
-
10:02 - 10:07या हम उसकी जटिलता को नकारते रहें,
-
10:07 - 10:12लोगों को अपनी संकीर्ण मानसिकता में
ज़बरदस्ती ढालने का प्रयास करते रहें, -
10:12 - 10:14जो बिलकुल स्वस्थ है
उसे ठीक करने का प्रयास करें, -
10:14 - 10:17और अपनी दृष्टिकोण को सीमित रखें.
-
10:19 - 10:23अंतरलैंगिकों को रोज़मर्रा के जीवन में
कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. -
10:23 - 10:26उनमें से एक है, समाज में अपनी पहचान बनाना
-
10:26 - 10:29और साथ ही समाज में खुद को सुरक्षित रखना.
-
10:29 - 10:34हम सांसदों से लगातार अपील करते रहते हैं
-
10:34 - 10:37कि वे हमारी सुरक्षा के लिए कदम उठाएं
-
10:37 - 10:40और हमें समाज में पहचान भी दिलाएं,
-
10:40 - 10:41हमारी कहानियां सुनाएं,
-
10:41 - 10:44हमें समाज और सुमदाय का हिस्सा बनायें ...
-
10:46 - 10:48भले ही यह सुरक्षा कि दृष्टि से सही न हो.
-
10:51 - 10:55वे लोग जो मुझे सुन रहे हैं
और जिनके बच्चे अंतरलैंगिक हैं, -
10:55 - 10:56दर्शकों में बैठे वह लोग
-
10:56 - 10:59जो शायद कभी किसी अंतरलैंगिक बच्चे के
माता-पिता बनेंगे, -
10:59 - 11:03मैं उन्हें कहना चाहती हूँ कि
मैं अपनी ज़िन्दगी में बहुत खुश हूँ, -
11:04 - 11:06पर उसमें भी समस्याएं हैं,
-
11:06 - 11:09खासकर मेरे अंतरलैंगिक होने के सम्बन्ध में.
-
11:10 - 11:11समस्याएं सभी के जीवन में होती हैं.
-
11:12 - 11:14हर सिक्के के दो पहलू होते हैं.
-
11:16 - 11:18एक ओर,
-
11:18 - 11:22मुझे डॉक्टरों के द्वारा
अपमानित किया गया है. -
11:23 - 11:28मैंने भावी जीवनसाथियों के सामने
खुद को डरा हुआ पाया है. -
11:28 - 11:30खुद के कमतर या
उनके लायक न होने की भावना रही है. -
11:32 - 11:35मैंने राह चलते महिलाओं को देखा है
-
11:35 - 11:39और कल्पना की है की कितनी तरह से
वे सब मुझसे ज़्यादा "स्त्री" हैं, -
11:39 - 11:40मुझसे ज़्यादा मानवीय हैं.
-
11:42 - 11:46खुद से प्रश्न किया है कि क्या
मेरे लिए दुनिया में कोई जगह भी है? -
11:48 - 11:50वहीँ दूसरी ओर,
-
11:50 - 11:56मुझे अपने वास्तविक रूप में
ढेर सारा प्यार भी मिला है, -
11:56 - 11:58दोस्तों से, प्रेम-संबंधों से.
-
12:00 - 12:06समाज के एक बड़े तबके के प्रति
सहानुभूति एवं संवेदना का पाठ भी मिला है. -
12:07 - 12:10मैंने सीखा है कि अपने शरीर से
प्रेम करना चाहिए -
12:10 - 12:12और दूसरों को उनकी काया से
आंकना नहीं करना चाहिए. -
12:14 - 12:17मुझे नयी आशा और मानसिक शक्ति मिली है
-
12:17 - 12:22जो शायद इस असामान्य जीवन के बिना
नहीं मिल सकती थी. -
12:25 - 12:31बच्चों की भलाई के बारे में सोचना
ज़रूर प्रशंसनीय एवं अनुपम है, -
12:31 - 12:35परन्तु सत्य यह भी है कि प्रेम, स्वीकृति
-
12:35 - 12:38और सामाजिक लज्जा से संरक्षण
-
12:38 - 12:43उनकी ज़्यादा भलाई करेंगे, बनिस्बत इसके कि
आप सामान्य शरीर को भी जबरन चीज़ ठीक करें. -
12:45 - 12:49इसलिए हमें अंतरलैंगिक बच्चों
को संरक्षण देना चाहिए -
12:49 - 12:51और उन्हें दुनिया के सामने लाना चाहिए.
-
12:52 - 12:57जब तक समाज "सामान्य" को
परिभाषित करता रहेगा -
12:57 - 12:59...तब तक
-
12:59 - 13:04सभी को किसी न किसी ढंग से
"असामान्य" होने का डर सताता रहेगा. -
13:07 - 13:12विविधता छुपाई जाती रहेगी,
-
13:12 - 13:13लाज का गुबार बनता जायेगा.
-
13:17 - 13:20अंतरलैंगिक होने से मुझे वो
ख़ास शक्तियां तो नहीं मिलीं -
13:20 - 13:23जिनके बारे में मैं
किशोरावस्था में सोचती थी ... -
13:23 - 13:28बस यह सामर्थ्य मिला कि मैं देख सकूं कि
ये त्रुटिपूर्ण लैंगिक परिभाषाएं -
13:30 - 13:32किस प्रकार से नुकसानदायक हैं.
मेरा मानना है -
13:32 - 13:37कि जब अंतरलैंगिकों को समानता मिलेगी ,
-
13:37 - 13:39पहचान मिलेगी,
-
13:39 - 13:41स्वीकृति मिलेगी,
-
13:41 - 13:43प्रेम मिलेगा,
-
13:43 - 13:45तभी ये शब्द असली मायने रखेंगे.
-
13:45 - 13:46धन्यवाद.
-
13:46 - 13:49(तालियां)
- Title:
- अंतरलैंगिक होने के मायने --
- Speaker:
- सुसैना तेमको
- Description:
-
अंतरलैंगिक, अर्थात वे लोग जो स्त्री या पुरुष की प्रचलित परिभाषा से परे होते हैं. ऐसे लोगों पर "सामान्य" होने का दबाव बना रहता है. अपने अनुभवों को बांटते हुए सुसैना बताती हैं कि कैसे उन्हें लज्जा, पक्षपात और मानसिक यातनाओं का सामना करना पड़ता है, कैसे स्त्री अथवा पुरुष की प्रचलित परिभाषा के दायरे में रहना उनकी जीवन में कठिनाइयां एवं दुःख लाता है. वे आव्हान करती हैं कि हमें लिंग की संकीर्ण परिभाषा से ऊपर उठकर, इसकी जटिलता को समझना तथा स्वीकारना चाहिए.
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 14:04
Arvind Patil approved Hindi subtitles for What it means to be intersex | ||
Arvind Patil accepted Hindi subtitles for What it means to be intersex | ||
Arvind Patil edited Hindi subtitles for What it means to be intersex | ||
Arvind Patil edited Hindi subtitles for What it means to be intersex | ||
Anshul Bhargava edited Hindi subtitles for What it means to be intersex | ||
Anshul Bhargava edited Hindi subtitles for What it means to be intersex | ||
Anshul Bhargava edited Hindi subtitles for What it means to be intersex | ||
Anshul Bhargava edited Hindi subtitles for What it means to be intersex |