WEBVTT 00:00:00.759 --> 00:00:04.700 मैं शुरुआत में ही एक बात कबूल करना चाहूंगी. 00:00:04.724 --> 00:00:07.349 मुझे नहीं पता आप सब 16 साल की उम्र में क्या कर रहे थे. 00:00:07.373 --> 00:00:10.272 पर मैं, हैरी पॉटर की बड़ी फैन, 00:00:10.296 --> 00:00:13.570 इंतज़ार कर रही थी अपने आमंत्रण पत्र का, 00:00:13.594 --> 00:00:17.023 जो कि मुझे उस काल्पनिक दुनिया के जादुई कॉलेज से आने वाला था. 00:00:17.047 --> 00:00:18.694 शायद मैं कक्षा 6 में दाखिला लेती . 00:00:19.143 --> 00:00:24.509 मैं स्टार वार्स के काल्पनिक मंदिर के आमंत्रण की भी प्रतीक्षा में थी. 00:00:24.533 --> 00:00:28.935 या शायद, रूपांतरण में सक्षम,एक्स-मेन समूह से जुड़ने के न्योते की प्रतीक्षा में. 00:00:29.464 --> 00:00:30.711 मैं ऐसी भोली बच्ची थी. NOTE Paragraph 00:00:31.846 --> 00:00:35.592 जब मैं 16 वर्ष की थी, तब मेरी इच्छा पूरी हो गयी. 00:00:36.910 --> 00:00:39.053 मुझे किसी डॉक्टर के पास ले जाया गया 00:00:39.077 --> 00:00:43.522 और बताया गया कि मैं ऐसे समूह का हिस्सा हूँ 00:00:43.546 --> 00:00:49.061 जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. 00:00:50.214 --> 00:00:52.188 मैं एक अंतरलैंगिक हूँ. 00:00:53.005 --> 00:00:54.368 यही मेरी खासियत है. NOTE Paragraph 00:00:55.388 --> 00:00:56.793 आप में से कई लोगों ने 00:00:56.817 --> 00:01:00.375 शायद पहली बार ये नाम सुना होगा. 00:01:00.399 --> 00:01:02.546 अंतरलैंगिक होना एक शारीरिक विसंगति है. 00:01:02.894 --> 00:01:06.434 ये उन लोगों को कहा जाता है जिनका शरीर लिंग-भेद के नियमों का 00:01:06.458 --> 00:01:09.234 पालन नहीं करता. 00:01:09.258 --> 00:01:13.863 यानी आपका लिंग, आपके हॉर्मोन, आपका डीएनए 00:01:13.887 --> 00:01:19.210 पुरुष एवं स्त्री की परिभाषाओं से परे होते हैं. 00:01:20.733 --> 00:01:22.242 या यूँ कहें कि 00:01:22.266 --> 00:01:26.899 हमारी प्रजाति के बारे में जो धारणाएं हैं -- 00:01:26.923 --> 00:01:30.487 जो हमें स्कूल में सिखाया जाता है कि लिंग सिर्फ दो प्रकार के होते हैं, 00:01:30.511 --> 00:01:33.326 पुरुष एवं स्त्री -- 00:01:33.350 --> 00:01:34.755 यह धारणा सही नहीं है. 00:01:35.682 --> 00:01:37.421 दुनिया की कई अन्य चीज़ों की तरह, 00:01:37.445 --> 00:01:40.124 यह भी काफी जटिल है. NOTE Paragraph 00:01:41.581 --> 00:01:46.444 जो लोग पुरुष या स्त्री की परिभाषा में सही नहीं बैठते, 00:01:46.468 --> 00:01:49.871 ऐसे लोग हमेशा से ही मानव इतिहास का हिस्सा रहे हैं. 00:01:50.929 --> 00:01:53.761 "हैरी पॉटर" के जादूगरों की तरह 00:01:53.785 --> 00:01:56.374 हम भी अदृश्य रहे हैं. 00:01:57.406 --> 00:02:00.016 कई तो यह जानते ही नहीं कि वे अंतरलैंगिक हैं. 00:02:01.072 --> 00:02:02.914 "एक्स-मेन" की तरह, 00:02:02.938 --> 00:02:06.591 हम में से कुछ लोगों के गुण जन्म के समय ही दिख जाते हैं, 00:02:06.615 --> 00:02:12.023 और कुछ के तब, जब वे युवावस्था में कदम रखते हैं. 00:02:13.957 --> 00:02:15.676 जब पता चलता है कि वे अंतरलैंगिक हैं, 00:02:15.700 --> 00:02:19.389 तो कुछ लोगों को लगता है कि दुनिया में ऐसे वे ही अकेले हैं. NOTE Paragraph 00:02:21.805 --> 00:02:27.041 जहां तक मेरी बात है, मेरे अंदर XY गुणसूत्र हैं, 00:02:27.065 --> 00:02:30.663 यानी मेरा डीएनए एक पुरुष का है. 00:02:31.734 --> 00:02:35.796 जन्म के समय मेरे पास पुरुष इन्द्रियाँ थी, स्त्री इन्द्रियाँ नहीं. 00:02:37.432 --> 00:02:42.105 इस मंच पर खड़े रहना मेरे लिए एक बुरे सपने सा होता 00:02:42.129 --> 00:02:44.352 मात्र 5 साल पहले तक. 00:02:45.706 --> 00:02:47.733 बिलकुल असंभव. NOTE Paragraph 00:02:49.100 --> 00:02:52.133 मैं भले ही खुद को आप से अलग प्रस्तुत करूं, 00:02:52.157 --> 00:02:54.980 पर असलियत में, मैं आप जैसी ही हूँ. 00:02:55.971 --> 00:03:01.052 माना जाता है कि अंतरलैंगिक हमारी जनसँख्या का 1.7% हिस्सा हैं. 00:03:01.788 --> 00:03:04.476 शायद कुछ देशों में यह अनुपात और अधिक है, 00:03:04.500 --> 00:03:05.859 पर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं. 00:03:06.546 --> 00:03:08.983 हम कभी कॉफ़ी की लाइन में आपके सामने लगे होते हैं; 00:03:09.007 --> 00:03:10.965 कभी ट्रैन में आपके बगल में बैठे होते हैं; 00:03:10.989 --> 00:03:13.854 कभी डेटिंग अप्प्स में आपको लेफ्ट या राइट स्वाइप कर रहे होते हैं -- NOTE Paragraph 00:03:13.878 --> 00:03:16.784 (दर्शकों में हंसी) NOTE Paragraph 00:03:16.808 --> 00:03:19.679 तो आपने कभी हमारे बारे में सुना क्यों नहीं? 00:03:21.497 --> 00:03:25.699 यदि हम बाकी लोगों की तरह ही हैं, तो आप हमें क्यों नहीं देख सकते? 00:03:26.559 --> 00:03:29.436 दुनिया हमारे साथ कैसा बर्ताव करती है? NOTE Paragraph 00:03:31.066 --> 00:03:35.109 हम सोचते हैं की चिकित्सा और कानून जैसे क्षेत्र 00:03:35.133 --> 00:03:37.638 निष्पक्ष हैं, पवित्र हैं -- 00:03:37.662 --> 00:03:38.976 पूर्वाग्रह से मुक्त. 00:03:40.015 --> 00:03:42.864 कानून को अंधा माना जाता है, जो सबको बराबरी से तौलता है. 00:03:43.721 --> 00:03:46.174 डॉक्टरों की प्रसिद्द शपथ कहती है, 00:03:46.198 --> 00:03:48.826 "संवेदना, सहानुभूति एवं दया-भाव 00:03:48.850 --> 00:03:53.285 किसी भी दवा या मलहम पर भारी पड़ सकते हैं." 00:03:54.372 --> 00:04:00.568 वास्तव में ये दो विधायें जो हमारे जीवन को इतना प्रभावित करती हैं, 00:04:00.592 --> 00:04:03.049 कई पूर्वाग्रहों से भरी हुई हैं. 00:04:03.516 --> 00:04:05.596 वे इन सब से अछूती नहीं है, 00:04:05.620 --> 00:04:10.101 वैसे ही जैसे कि हम उन पूर्वाग्रहों के प्रभावों से अछूते नहीं हैं. 00:04:10.125 --> 00:04:12.257 इसके परिणाम हानिकारक हो सकते हैं. NOTE Paragraph 00:04:13.769 --> 00:04:20.177 अंतरलैंगिक शिशु जो कि अस्पष्ट लिंग इन्द्रियों के साथ जन्म लेते हैं, 00:04:20.201 --> 00:04:25.622 उनका यूँ ही ऑपरेशन कर दिया जाता हैं, 00:04:25.646 --> 00:04:28.443 बिना ज़रुरत के, बिना सहमति के. 00:04:28.467 --> 00:04:30.392 और इस बदलाव को वापस नहीं किया जा सकता. 00:04:30.416 --> 00:04:36.109 यह सब इसलिए, ताकि उनका शरीर "सामान्य" हो जाए. 00:04:37.951 --> 00:04:41.985 इतना सब, उस नवजात के पहले शब्द निकलने से पहले, 00:04:42.009 --> 00:04:46.465 उसकी लैंगिक पहचान बनने से पहले. NOTE Paragraph 00:04:48.382 --> 00:04:54.120 कई लोगों को उनके अंतरलैंगिक गुणों के बारे में नहीं बताया जाता, 00:04:54.144 --> 00:04:59.321 और जिन्हें बता दिया जाता हैं, उन्हें किसी से कहने को सख्ती से मना किया जाता है. 00:05:00.314 --> 00:05:04.157 गोपनीयता रखने को मजबूर किया जाता है, और इस चीज़ को शर्म की नज़र से देखा जाता है. 00:05:05.959 --> 00:05:07.204 कानून की किताबों में, 00:05:07.228 --> 00:05:11.711 अंतरलैंगिकों को कोई पहचान नहीं दी जाती, 00:05:11.735 --> 00:05:14.131 और न ही कोई कानूनी सुरक्षा. 00:05:15.231 --> 00:05:17.632 कोई भी छोटी या बड़ी चीज़ हमारे पक्ष में नहीं होती - 00:05:17.656 --> 00:05:20.277 चाहे वह फॉर्म भरते समय 00:05:20.301 --> 00:05:22.847 "स्त्री" या "पुरुष" का चयन हो, 00:05:22.871 --> 00:05:27.297 या मुसीबत आने पर कानूनी सुरक्षा. 00:05:27.321 --> 00:05:30.893 लैंगिक समानता पर आधारित नियम भी हमें पहचान अथवा मदद नहीं दिलाते. 00:05:32.609 --> 00:05:37.456 अंतरलैंगिक लोग अपनी लैंगिक पहचान को बदल भी नहीं सकते 00:05:37.480 --> 00:05:39.499 जो उन्हें जन्म के समय दी गयी थी. 00:05:39.523 --> 00:05:41.821 एकमात्र समाधान है - खुद को किन्नर बताना. 00:05:43.813 --> 00:05:46.853 दशकों की मेहनत के बाद, 00:05:46.877 --> 00:05:50.622 अब जाकर इन समस्याओं का समाधान खोजा जा रहा है. NOTE Paragraph 00:05:52.098 --> 00:05:57.144 तो, आप जैसे सामान्य लोगों के लिए यह सब क्यों मायने रखेगा? 00:05:57.168 --> 00:06:00.331 आप, जिनके लैंगिक गुण सामान्य हैं? 00:06:02.354 --> 00:06:05.846 शायद आप लोगों ने 00:06:05.870 --> 00:06:08.710 अपने निजी बाथरूम में कभी 00:06:08.734 --> 00:06:10.179 यह सोचा होगा .... 00:06:11.110 --> 00:06:13.127 "क्या मेरी योनि सही आकर की है?" 00:06:13.151 --> 00:06:14.604 "मेरे अंडकोष असामान्य हैं?" 00:06:14.628 --> 00:06:16.598 "क्या मेरा लिंग बहुत छोटा है?" 00:06:16.622 --> 00:06:19.312 "क्या मेरी योनि देखने में सामान्य है?" 00:06:19.336 --> 00:06:24.148 अधिकतर लोगों को यही चिंता होती है - 00:06:24.172 --> 00:06:26.337 "क्या मेरा लिंग सामान्य है?" 00:06:27.743 --> 00:06:33.041 शायद आप में से कई लोगों को यह विचार आता होगा 00:06:33.065 --> 00:06:37.386 लेकिन आप उसे दरकिनार करते हुए, जीवन में आगे बढ़ते जाते होंगे. 00:06:38.212 --> 00:06:39.903 हमारे शरीरों की ये असमानताएं, 00:06:39.927 --> 00:06:43.341 जैसे आँखों का रंग, हाथ-पैरों का आकार, 00:06:43.365 --> 00:06:45.656 हमारे जीवन को बहुत कम ही प्रभावित करते हैं NOTE Paragraph 00:06:47.366 --> 00:06:49.606 या यूँ सोचिये, 00:06:49.630 --> 00:06:54.081 उदहारण के तौर पर, 00:06:54.105 --> 00:06:56.859 कि जब आप एक नवजात शिशु थे, 00:06:56.883 --> 00:07:01.437 क्या होता अगर आपके माता-पिता आपकी योनि, 00:07:01.461 --> 00:07:05.113 लिंग अथवा अंडकोष को देखते, 00:07:05.137 --> 00:07:07.056 और सोचते, 00:07:07.080 --> 00:07:10.118 "देखने में तो स्वस्थ लग रहा है, 00:07:10.142 --> 00:07:13.388 पर सामान्य नहीं है." 00:07:13.412 --> 00:07:16.247 इससे पहले कि आप समझ सकते कि उनका क्या करना है, 00:07:16.271 --> 00:07:17.998 उन्हें किस तरह से इस्तेमाल करना है. NOTE Paragraph 00:07:18.022 --> 00:07:20.698 (दर्शकों में हंसी) NOTE Paragraph 00:07:21.090 --> 00:07:24.647 क्या होता अगर वे खुद की समझ से 00:07:24.671 --> 00:07:30.971 आपका अलग ही लिंग तय कर देते, आपके अंगों के माप के आधार पर .... 00:07:33.031 --> 00:07:35.729 और फिर इस बारे में आपसे झूठ बोलते रहते, जीवन भर? 00:07:38.709 --> 00:07:41.750 क्या होता अगर इन ऑपरेशन के बाद आप नपुंसक या बाँझ हो जाते? 00:07:44.024 --> 00:07:48.005 अगर इन ऑपरेशन के बाद आपको असहनीय पीड़ा होती या निशान पड़ जाते? 00:07:50.310 --> 00:07:54.233 क्या होता अगर आपको जीवन भर दवाइयां लेनी पड़ती 00:07:54.257 --> 00:07:57.876 ताकि आपके जो अंग हटा दिए गए उनकी भरपाई शारीरिक रूप से हो सके? 00:07:57.900 --> 00:08:00.106 और उन दवाइयों का खर्च आपको खुद ही देना पड़ता? 00:08:01.828 --> 00:08:06.970 और हर बार जब आप सर्दी होने पर डॉक्टर के पास जाते, 00:08:06.994 --> 00:08:10.705 तो आपसे आपके यौन संबंधों के बारे में पूछा जाता? 00:08:10.729 --> 00:08:12.262 आपकी लैंगिक पहचान पूछी जाती? 00:08:12.286 --> 00:08:14.554 यह पूछा जाता कि आपके आंतरिक अंग कैसे दिखते हैं? 00:08:15.107 --> 00:08:18.909 और फिर बाकी डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों को बुलाया जाता 00:08:18.933 --> 00:08:21.047 जो और भी ज़्यादा सवाल पूछते, 00:08:21.071 --> 00:08:23.338 आपसे पैंट नीचे करने को कहते, 00:08:23.362 --> 00:08:27.194 या अनावश्यक जांच करवाने को कहते? NOTE Paragraph 00:08:29.438 --> 00:08:35.680 अंतरलैंगिकों के साथ जो व्यवहार होता है, यह उसकी एक झलक मात्र है. 00:08:35.704 --> 00:08:39.747 दुनियाभर में, मुझ जैसे लोगों के साथ, हर रोज़. 00:08:41.006 --> 00:08:45.820 हमारा समुदाय चिकित्सा या स्वास्थ्य के खिलाफ नहीं है. 00:08:46.239 --> 00:08:51.057 परन्तु हमारे शरीर के साथ क्या होना है, यह तय करने का अधिकार हमें ही होना चाहिए. 00:08:51.081 --> 00:08:52.820 और जीवन का भी. 00:08:53.875 --> 00:09:00.804 अंतरलैंगिकों के साथ ऐसे व्यवहार की जड़ें, अप्रासंगिक हो चुके एक पुराने शोध में हैं, 00:09:00.828 --> 00:09:02.924 जिसे 50 साल पहले एक ऐसे व्यक्ति ने लिखा था 00:09:02.948 --> 00:09:07.345 जिसका मानना था कि आप किसी शिशु को किसी भी लिंग का मानकर पाल सकते हैं - 00:09:07.369 --> 00:09:10.377 उनके आंतरिक अंगों को बदल कर, उनसे इस बात को छिपा कर , 00:09:10.401 --> 00:09:14.095 और उनकी बदली हुई लैंगिक पहचान को बार बार जताकर. 00:09:15.603 --> 00:09:22.166 इसकी जड़ें इस तथ्य में भी हैं कि स्वस्थ अंतरलैंगिक अंगों को भी असामान्य 00:09:22.190 --> 00:09:23.650 या बेकायदा समझा जाता है. 00:09:24.578 --> 00:09:26.038 ठीक है. 00:09:26.062 --> 00:09:29.923 यदि आप किसी अवस्था को विसंगति कह रहे हैं, तो आप यह भी मानते हैं की उसका इलाज है. 00:09:30.913 --> 00:09:35.739 यह धारणा, अंतरलैंगिकों को डर और लांछन भरी निगाहों से देखना का परिणाम है. 00:09:35.763 --> 00:09:39.926 परिणाम है समलैंगिकों के प्रति असहिष्णुता का, लिंग-भेद का, 00:09:39.950 --> 00:09:42.529 और अंत में हमारी रूढ़िवादी मानसिकता का. NOTE Paragraph 00:09:44.839 --> 00:09:50.013 मेरा कहना यह नहीं है की पुरुष और स्त्री लिंग नहीं होते. 00:09:50.420 --> 00:09:53.286 मेरा कहना यह है कि दुनिया की कई चीज़ों की तरह, 00:09:53.310 --> 00:09:55.508 लिंग भी एक जटिल सिद्धांत है. 00:09:56.848 --> 00:09:58.102 इस दुनिया की जटिलता को, 00:09:58.126 --> 00:10:01.569 हम चाहें तो खूबसूरती की निगाहों से देखें, 00:10:01.593 --> 00:10:07.338 या हम उसकी जटिलता को नकारते रहें, 00:10:07.362 --> 00:10:11.538 लोगों को अपनी संकीर्ण मानसिकता में ज़बरदस्ती ढालने का प्रयास करते रहें, 00:10:11.562 --> 00:10:14.033 जो बिलकुल स्वस्थ है उसे ठीक करने का प्रयास करें, 00:10:14.057 --> 00:10:16.688 और अपनी दृष्टिकोण को सीमित रखें. NOTE Paragraph 00:10:18.816 --> 00:10:22.793 अंतरलैंगिकों को रोज़मर्रा के जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. 00:10:22.817 --> 00:10:26.064 उनमें से एक है, समाज में अपनी पहचान बनाना 00:10:26.088 --> 00:10:28.603 और साथ ही समाज में खुद को सुरक्षित रखना. 00:10:29.182 --> 00:10:34.144 हम सांसदों से लगातार अपील करते रहते हैं 00:10:34.168 --> 00:10:36.559 कि वे हमारी सुरक्षा के लिए कदम उठाएं 00:10:36.583 --> 00:10:39.590 और हमें समाज में पहचान भी दिलाएं, 00:10:39.614 --> 00:10:41.074 हमारी कहानियां सुनाएं, 00:10:41.098 --> 00:10:44.479 हमें समाज और सुमदाय का हिस्सा बनायें ... 00:10:45.807 --> 00:10:48.437 भले ही यह सुरक्षा कि दृष्टि से सही न हो. 00:10:50.613 --> 00:10:54.915 वे लोग जो मुझे सुन रहे हैं और जिनके बच्चे अंतरलैंगिक हैं, 00:10:54.939 --> 00:10:56.130 दर्शकों में बैठे वह लोग 00:10:56.154 --> 00:10:59.217 जो शायद कभी किसी अंतरलैंगिक बच्चे के माता-पिता बनेंगे, 00:10:59.241 --> 00:11:02.955 मैं उन्हें कहना चाहती हूँ कि मैं अपनी ज़िन्दगी में बहुत खुश हूँ, 00:11:04.222 --> 00:11:06.230 पर उसमें भी समस्याएं हैं, 00:11:06.254 --> 00:11:09.126 खासकर मेरे अंतरलैंगिक होने के सम्बन्ध में. 00:11:09.756 --> 00:11:11.448 समस्याएं सभी के जीवन में होती हैं. 00:11:12.103 --> 00:11:14.063 हर सिक्के के दो पहलू होते हैं. NOTE Paragraph 00:11:15.890 --> 00:11:17.830 एक ओर, 00:11:17.854 --> 00:11:21.672 मुझे डॉक्टरों के द्वारा अपमानित किया गया है. 00:11:22.966 --> 00:11:27.742 मैंने भावी जीवनसाथियों के सामने खुद को डरा हुआ पाया है. 00:11:27.766 --> 00:11:30.049 खुद के कमतर या उनके लायक न होने की भावना रही है. 00:11:31.908 --> 00:11:34.774 मैंने राह चलते महिलाओं को देखा है 00:11:34.798 --> 00:11:38.979 और कल्पना की है की कितनी तरह से वे सब मुझसे ज़्यादा "स्त्री" हैं, 00:11:39.003 --> 00:11:40.369 मुझसे ज़्यादा मानवीय हैं. 00:11:42.092 --> 00:11:45.735 खुद से प्रश्न किया है कि क्या मेरे लिए दुनिया में कोई जगह भी है? NOTE Paragraph 00:11:48.473 --> 00:11:49.878 वहीँ दूसरी ओर, 00:11:49.902 --> 00:11:56.127 मुझे अपने वास्तविक रूप में ढेर सारा प्यार भी मिला है, 00:11:56.151 --> 00:11:58.465 दोस्तों से, प्रेम-संबंधों से. 00:12:00.178 --> 00:12:05.797 समाज के एक बड़े तबके के प्रति सहानुभूति एवं संवेदना का पाठ भी मिला है. 00:12:06.674 --> 00:12:10.008 मैंने सीखा है कि अपने शरीर से प्रेम करना चाहिए 00:12:10.032 --> 00:12:12.391 और दूसरों को उनकी काया से आंकना नहीं करना चाहिए. 00:12:13.997 --> 00:12:17.291 मुझे नयी आशा और मानसिक शक्ति मिली है 00:12:17.315 --> 00:12:21.965 जो शायद इस असामान्य जीवन के बिना नहीं मिल सकती थी. NOTE Paragraph 00:12:24.540 --> 00:12:30.825 बच्चों की भलाई के बारे में सोचना ज़रूर प्रशंसनीय एवं अनुपम है, 00:12:30.849 --> 00:12:35.096 परन्तु सत्य यह भी है कि प्रेम, स्वीकृति 00:12:35.120 --> 00:12:38.219 और सामाजिक लज्जा से संरक्षण 00:12:38.243 --> 00:12:43.323 उनकी ज़्यादा भलाई करेंगे, बनिस्बत इसके कि आप सामान्य शरीर को भी जबरन चीज़ ठीक करें. 00:12:44.711 --> 00:12:49.442 इसलिए हमें अंतरलैंगिक बच्चों को संरक्षण देना चाहिए 00:12:49.466 --> 00:12:51.385 और उन्हें दुनिया के सामने लाना चाहिए. 00:12:52.302 --> 00:12:57.358 जब तक समाज "सामान्य" को परिभाषित करता रहेगा 00:12:57.382 --> 00:12:59.436 ...तब तक 00:12:59.460 --> 00:13:04.333 सभी को किसी न किसी ढंग से "असामान्य" होने का डर सताता रहेगा. 00:13:06.730 --> 00:13:12.104 विविधता छुपाई जाती रहेगी, 00:13:12.128 --> 00:13:13.412 लाज का गुबार बनता जायेगा. NOTE Paragraph 00:13:16.683 --> 00:13:20.074 अंतरलैंगिक होने से मुझे वो ख़ास शक्तियां तो नहीं मिलीं 00:13:20.098 --> 00:13:23.136 जिनके बारे में मैं किशोरावस्था में सोचती थी ... 00:13:23.160 --> 00:13:28.347 बस यह सामर्थ्य मिला कि मैं देख सकूं कि ये त्रुटिपूर्ण लैंगिक परिभाषाएं 00:13:29.967 --> 00:13:32.125 किस प्रकार से नुकसानदायक हैं. मेरा मानना है 00:13:32.149 --> 00:13:37.140 कि जब अंतरलैंगिकों को समानता मिलेगी , 00:13:37.164 --> 00:13:38.924 पहचान मिलेगी, 00:13:38.948 --> 00:13:40.918 स्वीकृति मिलेगी, 00:13:40.942 --> 00:13:42.942 प्रेम मिलेगा, 00:13:42.966 --> 00:13:44.695 तभी ये शब्द असली मायने रखेंगे. NOTE Paragraph 00:13:44.719 --> 00:13:45.870 धन्यवाद. NOTE Paragraph 00:13:45.894 --> 00:13:49.203 (तालियां)