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SM -2.3 Preparation of washing soap HN

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    वाशिंग सोप बनाना
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    आपका पुनः स्वागत है।
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    इस कक्षा में आप सीखेंगे श्रेष्ठ प्रकार का वाशिंग सोप बनाना जो प्रभावी ढंग से सफाई के साथ साथ, हाथ व कपड़े के लिये भी सुरक्षित हो।
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    क्या आपको मालूम है कि अपना खुद का लांड्री साबुन बनाना कितना आसान है?
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    उम्मीद है आपको वाशिंग सोप बनाने में दिलचस्पी होगी।
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    इस कक्षा के अंत में आप जान जायंगे कि
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    1. कोल्ड प्रोसेस क्या है?
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    2. वाशिंग सोप बनाने के लिये क्या सामान चाहिये?
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    3. वाशिंग सोप किन घटकों से बनाता है?
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    4. वाशिंग सोप बनाने में चरण क्या हैं?
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    कोल्ड प्रोसेस साबुन बनाने का एक सरल तरीका है जिसमें बाहर से ताप देने की जरूरत नहीं पड़ती।
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    देखें कि वाशिंग सोप बनाने के लिये क्या सामान तथा घटक लगते हैं?
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    चरण 1 - वाशिंग सोप बनाने के लिये सब सामान इकट्ठा कर लें। वाशिंग सोप बनाने के लिये अवश्यक हैं
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    - एक प्लास्टिक बाल्टी कम से कम दस लिटर की, एक प्लास्टिक मग 1.5 से 2 लिटर का, एक छोटा मग आधे लिटर का, घोल हिलाने का डंडा,
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    तौलने की मशीन, सांचे, पेकिंग कवर, एक कपड़ा, संगमरमर की लंबी फर्शी, चार्ट पेपर, एक छोटा बर्तन, कुछ मझले बर्तन, सेलो टेप।
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    चरण -2. कार्य के लिये जरूरी सब घटक इकट्ठे कर लें।
    100 ग्राम प्रति बट्टी के मान से, 40 बट्टी के लिये चाहिये
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    नारियल का तेल 1500 ग्राम, कास्टिक सोडा 250 ग्राम, पानी एक किलो,
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    स्टोन पाउडर 750 ग्राम, सिलिकेट 750 ग्राम, कलर एक ग्राम तथा परफ्यूम 20 ग्राम।
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    व्यक्तिगत सुरक्षा का सामान न भूलें - जैसे ग्लोव, मास्क तथा एप्रन।
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    अब हम ठंडी प्रक्रिया से वाशिंग साबुन बनाने का सिलसिलेवार तरीका देखेंगे।
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    साबुन बनाने की क्रिया कुछ घंटे की ही है पर अंतिम उत्पाद तैयार होने में 9-10 दिन लग जाते हैं।
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    कास्टिक सोडा का घोल, साबुन बनाने के 4-5 घंटे पहले ही बना लिया जाता है या एक दिन पहले बना लिया जाता है।
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    क्योंकि पानी में कास्टिक सोडा मिलाने पर घोल गरम हो जाता है। और साबुन के घटकों में मिलाने के पहले इसका ठंडा होना बहुत जरूरी है।
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    अब कास्टिक सोडा घोल बनाने की विधि देखें ।
    दो लिटर का प्लास्टिक मग लो।
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    साबुन बनाने में हमेशा प्लास्टिक का बाल्टी-मगा लेना ठीक रहता है।
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    मग को तौल मशीन पर रखो तथा मशीन को 0.000 मार्क पर लाओ। अब 250 ग्राम कास्टिक सोडा तौलो।
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    अब एक लिटर के मग में एक किलो पानी तौलें और इसे कास्टिक सोडे के मग में डालें।
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    जैसे ही कास्टिक सोडा पानी में घुलता है घोल गरम हो जाता है।इसे हिलाते रहें ताकि सारा कास्टिक सोडा पानी में घुल जाय।
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    अब इसे 4-5 घंटे तक ठंडा होने के लिये छोड़ दें।
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    हमेशा पानी में कास्टिक सोडा मिलायें, कभी भी सोडे में पानी न डालें। यह खतरनाक है।
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    कास्टिक सोडे के कुछ ब्रेंड, धमाके के साथ फूट सकते हैं।
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    कास्टिक सोडा हमेंशा सही अनुपात में ही डालें, नहीं तो त्वचा में सूखापन व जलन होगी।
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    तुम कास्टिक सोडा घोल बनाना सीख गये हो। अब साबुन बनाने का तरीका देखो ।
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    पहले वाशिंग सोप बनाने में लगने वाले सब भाग तौलना है।
    नारियल के तेल के लिये एक बर्तन लें और उसे तौल मशीन पर रखें ।
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    मशीन पर बर्तन सहित दिख रहे वजन को 0.000 कर लेवें। अब नारियल तेल पेकेट खोलकर तेल बर्तन में उंडेलें।
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    हमें 1500 ग्राम तेल चाहिये। अतः मशीन द्वारा 1500 ग्राम बताये जाने तक तेल उंडेलते रहें। घटकों को तोलने का यही तरीका है।
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    अब 750 ग्राम स्टोन पाउडर तौलना है। हमारे पास स्टोन पाउडर का एक पेकेट पहले से मौजूद है।
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    पेकेट को मशीन पर रखकर चेक कर लें कि बराबर 750 ग्राम है या नहीं। यदि ज्यादा हो तो स्टोन पाउडर कम कर लेवें।
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    अगला आइटम एक ग्राम कलर है। हमारे पास एक ग्राम का पेकेट है, इसलिये पुनः तौलने की जरूरत नहीं है।
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    पर यदि रंग ज्यादा मात्रा में खरीद लिया गया हो तो चाही गई मात्रा तौल कर अलग कर लें। तौलने का तरीका
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    वही होगा जो हमने पहले नारियल तेल के लिये इस्तेमाल किया था।
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    अगला आइटम 750 ग्राम सिलिकेट है। कलर की तरह इसे भी तौलकर इसे एक बोतल में रखलेवें।
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    आखिरी आइटम है 20 ग्राम परफ्यूम। यह भी तौले हुए पेकेट में है अतः तौलने की जरूरत नहीं है।
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    लेकिन यदि परफ्यूम ज्यादा मात्रा में हो आवश्यक मात्रा तौलकर लेने की जरूरत पड़ेगी।
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    इसे तौलने का तरीका वही होगा जो पहले नारियल तेल तौलने के लिये था।
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    अगला कदम साबुन के सांचे तैयार करके रखने का है। क्योंकि साबुन का घोल तैयार होते ही उसे बिना विलम्ब सांचों में डालना होता है,
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    नहीं तो घोल कड़ा हो जायगा और सांचे में उंडेलना मुश्किल हो जायगा। इसलिये साबुन घोल बनाने के पहले ही सांचे
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    तैयार करके उन्हें सिलसिले से जमाकर रखना जरूरी है।
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    साबुन के सांचे तैयार करने के लिये बस इतना करना है कि सांचे के अंदर की तरफ तथा तले में तेल लगाना है।
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    और सांचों को तरतीब से सपाट सतह पर या संगमरमर की लंबी फर्शी पर रखना है।
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    हमेशा तौले हुए 1500 ग्राम तेल में से ही तेल लेवें। इससे यह निश्चित हो जायगा कि साबुन में अधिक तेल नहीं लिया गया है।
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    अब वाशिंग सोप बनाने का सिलसिलेवार तरीका देखें ।
    कास्टिक सोडा घोल अब तक ठंडा हो गया होगा।
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    हम साबुन बनाने को तैयार हैं। पहले 1500 ग्राम नारियल तेल प्लास्टिक बाल्टी में लेवें।
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    हमेशा नारियल तेल सही अनुपात में ही लेवें। यदि तेल अधिक हो गया और उसके अनुपात में प्रतिक्रिया के लिये
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    कास्टिक सोडा नहीं है तो वह तेल साबुन नहीं बनेगा बल्कि तेल ही रह जायेगा। और सांचे में घोल उंडेलते समय बह जायेगा।
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    बहते समय यह कुछ कलर और परफ्यूम भी अपने साथ ले जायगा।
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    नारियल तेल के स्टाक से, कुछ तेल छोटे बर्तन में लेवें।
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    उसमें कलर डाल कर घोल लें।
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    अब इस घोल को प्लास्टिक बाल्टी के साबुन घोल में मिला दें। घोल को अच्छी तरह मिलायें।
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    रंग को सीधे सारे घोल में न मिलायें बल्कि पहले थोड़े नारियल तेल में अच्छी तरह मिला लें और तब इसे साबुन घोल में मिलायें।
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    इस तरह रंग पूरे घोल में भली प्रकार मिल जाता है। कहीं कम कहीं ज्यादा नहीं रहता।
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    अब समय है ठंडे कास्टिक घोल को बाल्टी में डालने का। कास्टिक सोडा धीरे धीरे बाल्टी में डालें। घोल को अच्छी तरह मिलायें।
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    स्टोन पाउडर 750 ग्राम लेकर बाल्टी में बिखरा दें व अच्छी तरह मिला दें।
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    अब 750 ग्राम सिलिकेट बाल्टी में डालें।
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    साबुन की गुणवत्ता जाती रहेगी यदि स्टोन पाउडर तथा सिलिकेट जैसे भार बढ़ाने वाले पदार्थ अधिक मात्रा में ले लिये गये हों।
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    इसलिये इन्हें सही अनुपात में ही लेवें।
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    घोल को आधे घंटे तक खूब मिलायें। इस समय साबुन बनने की अवस्था आ गई है या नहीं,
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    यह जानने के लिये चमचे से घोल को ऊपर उठायें तथा वापस बाल्टी में गिरा दें।
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    जैसे जैसे साबुन बनेगा घोल गाढ़ा होता जायगा तथा ज्यादा देर में गिरेगा।
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    करीब आधे घंटे तक हिलाने के बाद घोल, अर्धठोस अवस्था में आ जायेगा। अब परफ्यूम मिलाकर खूब हिलायें।
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    परफ्यूम तभी मिलायें जब अर्धठोस अवस्था आ जाय।
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    इस अर्धठोस अवस्था में सेपोनिफिकेशन आरंभ हो चुका है। नारियल तेल व कास्टिक सोडा अपने मूल गुण खो चुके हैं।
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    वे अब गाढ़े सोप के रूप में बदल चुके हैं। अब परफ्यूम मिलाने पर वह साबुन से अच्छी तरह मिल जायगी तथा सुगंध भी
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    साबुन में देर तक टिकेगी।परंतु यदि हम परफ्यूम पहले ही डाल देते तो तेज कास्टिक
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    सोडा परफ्यूम पर क्रिया करके उसे कुछ और बना देता तथा सुगंध जाती रहती।
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    दो मुख्य लक्षण, जिनसे पता चल जाता है कि साबुन घोल, सांचों में डाले जाने योग्य हो गया है।
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    पहला - नारियल तेल अपनी खुशबू छोड़ देगा और ग्लिसरीन की गंध आने लगेगी।
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    दूसरा - शुरू में घोल को चलाना आसान था पर अब भारी हो गया है। यह इस बात की पहचान है कि घोल साबुन में बदल रहा है।
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    घोल को सांचों में डालने का सही समय भी पता होना जरूरी है। घोल बहुत गाढ़ा ना हो जाय, नहीं तो सांचों में उंडेलते नहीं बनेगा।
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    इसलिये अर्ध ठोस हालत आते ही बिना देरी किये तत्काल सांचों में उंडेल देना चाहिये।
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    तभी तुम साबुन को सही फिनिश भी दे पाओगे।
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    अर्धठोस घोल सांचों में उंडेल दें।
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    साबुन की ऊपरी सतह को समतल करें ताकि वह सुंदर दिखे ।
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    इसे 24 घंटे के लिये छोड़ दें, ताकि कड़ा हो जाय।
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    अगले दिन साबुन कड़ा हो जायगा। अब साबुन को सांचों से अलग कर लें और एक साफ कागज पर, सिलसिलेवार जमा लें।
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    साबुन सांचे से अलग करने का सर्वोत्तम तरीका है दोनों अंगूठि से निकालना।
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    नाखून से निकालेंगे तो साबुन पर खरोंच पड़ जायगी।
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    साबुन सुंदर दिख रहे हैं पर अभी पेकिंग के योग्य नहीं हैं। याद करें कि हमने इस
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    साबुन में एक किलो पानी भी डाला है, और वह साबुन में है। इसलिये इस साबुन को
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    सूखने के लिये एक सप्ताह तक और रखना होगा। तभी वे पेक किये जा सकेंगे।
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    सांचों से अलग करने के बाद साबुन को और सात दिन तक रखना चाहिये तभी वे कड़े हो पायेंगे नहीं तो उपयोग के समय जल्दी घुल जायंगे।
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    साबुन को कभी धूप में नहीं सुखायें, नहीं तो वह पिघल जायेगा।
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    सात दिन बाद साबुन सूख चुके हैं तथा अपनी नमी खो चुके हैं।
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    अब इन्हें पेक किया जा सकता है।
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    साबुन कवर में लपेटें तथा किनारे सेलो टेप से चिपकायें।
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    अब 11 आसान स्टेप फिर से देख लें -
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    1.कास्टिक सोडे का घोल साबुन बनाने के 4-5 घंटे पहले या एक दिन पहले ही बना लें।
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    2.1500 ग्राम नारियल तेल एक प्लास्टिक बाल्टी में रखें ।
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    3.थोड़ा सा नारियल तेल एक छोटे बर्तन में लेकर रंग घोल लें।
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    4.इस रंग को नारियल तेल से अच्छी तरह मिला दें।
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    5.ठंडा किया हुआ कास्टिक घोल बाल्टी में उंडेल दें, तथा उसमें पड़े घटकों से अच्छी तरह मिलायें।
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    6.750 ग्राम स्टोन पाउडर बाल्टी में छिड़कें तथा अच्छी तरह मिला दें।
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    7.750 ग्राम सिलिकेट बाल्टी में डालकर आधे घंटे तक अच्छी तरह हिलायें।
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    8.अर्ध ठोस घोल में परफ्यूम मिलायें।
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    9.अर्ध ठोस घोल सांचों में उंडेलें और कड़ा करने के लिये उसे 24 घंटे छोड़ दें।
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    10. अगले दिन साबुन बट्टियों को सांचे से अलग करें और कागज पर जमायें।
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    11. सात दिन बाद, जब साबुन की सारी नमी खतम हो चुकी है, तब पेक करें।
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    तुमने कोल्ड प्रासेस सीख ली है। जान लिया है कि वाशिंग सोप बनाने के लिये, क्या सामान चाहिये तथा क्या घटक चाहियें।
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    और यह कि वाशिंग सोप बनाने का सिलसिलेवार तरीका क्या है।
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    शानदार! हमने सफलतापूर्वक वाशिंग सोप बना लिया है।
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    एक बार फिर धन्यवाद!!
Title:
SM -2.3 Preparation of washing soap HN
Duration:
19:13

Hindi subtitles

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