एक आयरिश अंतिम संस्कार हमें जीवन और मृत्यु के बारे में क्या सिखाता है
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0:02 - 0:06एक बार खुदा ने एक बूढ़े राजा को सन्देश दिया
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0:07 - 0:09" हम तुम्हारा भेस बदल देंगे
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0:09 - 0:12जिससे तुम दुश्मन ख़ैमे में बिना पहचाने ...
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0:12 - 0:14घुस पाओगे और अपने बेटे के क़ातिल को ढूंढकर
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0:14 - 0:19उससे अपने बेटे के मृत शरीर को फिरौती के
बदले वापस लेने का प्रयत्न कर पाओगे। -
0:20 - 0:23जब बूढ़े राजा ने यह बात अपनी रानी को बताई,
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0:23 - 0:25वह बहुत घबरा गई !
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0:25 - 0:26"मत जाइये!
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0:26 - 0:30वह मनुष्यों कि हत्यारा अकिलीज़
आपकी भी हत्या कर देगा। " -
0:31 - 0:33लेकिन तब वह बूढ़ा आदमी,
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0:33 - 0:35ट्रॉय का राजा प्रायम,
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0:35 - 0:38कुछ ऐसा कहता है जो बहुत ही
अद्भुत और आश्चर्यजनक है -
0:38 - 0:43लेकिन हमारी आजकी पीढ़ी के लिए
उसे बूझ पाना बहुत ही मुश्किल है -
0:44 - 0:48" मुझे इसकी बिलकुल परवाह नहीं है
की कोई ग्रीक मेरी हत्या कर दे , -
0:48 - 0:54जब मैं अपने मृत बेटे को एक आखिरी
बार अपनी बाहों में भरकर -
0:54 - 0:58जी भर कर अपने कलेजे से लगा लूँ . "
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0:58 - 1:01" मेरा मरा हुआ बेटा मेरी बाहों में ? "
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1:02 - 1:05क्या वह बूढ़ा आदमी नहीं जनता था
कि -
1:05 - 1:07मृत शरीर किसी काम का नहीं,
बेकार है? -
1:07 - 1:09उसकी तलाश बेमानी है !
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1:09 - 1:13महज़ एक लाश के लिए कौन
अपनी ज़िन्दगी दांवपर लगाएगा ? -
1:14 - 1:19ये कहानी ली गयी है,
" द इलियड" कि बुक २४ से, -
1:19 - 1:22जो कि पश्चिमी सभ्यता के
नीव का एक पत्थर है। -
1:22 - 1:26जोकि होमर ने ७०० बी सी में लिखी थी।
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1:26 - 1:31जोकि उस युद्ध के बारे में है
जो १३०० बी सी में हुआ था। -
1:31 - 1:34द सीज ऑफ़ ट्रॉय।
ट्रॉय कि घेराबंदी ! -
1:34 - 1:37एक प्राचीन कविता,
हज़ारों सालों तक रटा गया , -
1:37 - 1:42गायन और अभिनीत किया गया.
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1:42 - 1:46आप सभी सुनते आये हैं,
इलियड के शब्द जाने कई बार -
1:46 - 1:52और इन शब्दों को सुनकर हमे वह
प्राचीन ज्ञान मिलता है जो -
1:52 - 1:55हमारे पूर्वज
जीवन एवं मृत्यु के बारे में समझते थे -
1:55 - 1:57दुःख में भी किस तरह बहादुर हुआ जाय ,
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1:57 - 2:00अपनी मौत का किस तरह
बहादुरी से सामना किया जाय -
2:00 - 2:04अपने बच्चो को कैसे बताया जाय
की मौत कैसी होनी चाहिए, -
2:04 - 2:07किस तरह एक बेहतर नश्वर प्राणी बना जाय,
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2:07 - 2:08एक बेहतर इंसान बना जाय
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2:09 - 2:15(In Greek) "Hṑs hoí g’ amphíepon
táphon Héktoros hippodámoio." -
2:15 - 2:20ये इलियड की सबसे आखिरी पंक्तियाँ
हैं जो की प्राचीन ग्रीक में लिखी गयी हैं, -
2:20 - 2:26एक ऐसा ज्ञान जिसे हमने
जानबूझकर भुला दिया और गुमा दिया , -
2:26 - 2:29खुद के द्वारा गढ़े गए मौत के
इस स्वार्थी डर मे। -
2:30 - 2:35दर असल हमने अपनी मौत
के सच को दर किनार कर दिया है -
2:36 - 2:42मौत की बेमानी आधुनिक समझ
मेडिकल का विषय बन कर रह गयी है -
2:42 - 2:45एक ऐसा विदेशी देश बनकर रह
गयी है जहाँ हम कभी नहीं जाते हैं, -
2:45 - 2:49जिसे हम केवल अपने
अंतिम समय में ही मिलते हैं . -
2:49 - 2:52मृत्यु का परम इनकार .
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2:52 - 2:59हमने न सिर्फ किसी अपने के मृत शरीर
को गले से लगाना प्रतिबंधित कर दिया है, -
2:59 - 3:01बल्कि हमारे लिए उन्हें मारा
हुआ देखना तक भी ... -
3:02 - 3:04...वर्जित है.
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3:04 - 3:06चलिए एक टेस्ट लेते हैं !
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3:06 - 3:09अपने सीधे हाँथ की उंगलियों
को ऊपर कीजिये ... -
3:09 - 3:12हाँ ...आप ...आप सब ...
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3:12 - 3:17...और उनमे गिन कर बताइये की
आज तक की ज़िन्दगी में आपने , -
3:17 - 3:20कितने मृत शरीरो को देखा,
छुआ, चूमा या फिर गले से लगाया है ? -
3:21 - 3:23एक ?
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3:23 - 3:24या दो ?
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3:24 - 3:25या फिर एक भी नहीं ?
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3:26 - 3:31क्या मृत शरीर की गिनती इतनी है की
आपको उलटे हाँथ की उंगलियों की भी ज़रूरत पड़े ? -
3:31 - 3:33ऐसा कैसे संभव है ?
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3:33 - 3:36क्या हम सब नश्वर नहीं हैं ?
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3:37 - 3:41टीवी स्क्रीन्स पर हम होमर के...
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3:41 - 3:44... इस प्रेम को बहुत खूबसूरती से दिखाएंगे
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3:44 - 3:48मृत हेक्टर अपने पिता की बाहों मे...
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3:48 - 3:52लोगों की सहानुभूति और मज़े के बहाने ...
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3:52 - 3:54और एडवर्टाइज़िंग से पैसे कमाने के लिए...
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3:54 - 3:59लेकिन हमारे अस्तित्व की इस लड़ाई ने
हमें मज़बूत और बुद्धिमान नहीं बनाया है, -
3:59 - 4:01न ही मृत्यु के लिए साहसिक बनाया है !
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4:01 - 4:04इसने हमें सिर्फ और सिर्फ डरना सिखाया है
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4:04 - 4:07हम घबराते हैं और ...
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4:07 - 4:09दुखी हो जाते हैं अपनी
ही मौत के बारे में सोचकर... -
4:09 - 4:14मृत्यु की हमारी संकीर्ण धरना
सिर्फ "मैं " तक सिमित रह गयी है -
4:14 - 4:16"हम" कहीं नहीं है
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4:16 - 4:23जिन लोगों को जानलेवा बीमारी होती है...
वो शर्म महसूस करते हैं...और खुद को अलग थलग कर लेते हैं -
4:23 - 4:27हमें शर्मिंदगी महसूस होती है
उस कलीग से नज़रें मिलाने में ... -
4:27 - 4:29...जिसने किसी अपने को खो दिया है ...
हमेशा के लिए. -
4:30 - 4:33अपनी खुद की नश्वरता से
हम शर्मिंदगी महसूस करते हैं -
4:33 - 4:36हमें लगता है कि अगर हमने
कुछ कहा तो वे और दुखी हो जायेंगे -
4:37 - 4:40और....
दुखी होना तो गलत है, हैना ? -
4:41 - 4:43दुखी होने का आनंद...
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4:43 - 4:45और मिजुलकर साथ में रोना...
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4:45 - 4:48इन सब से हम अनजान हो चुके हैं .
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4:48 - 4:51हालाँकि कई बार 'इलियड' में कहा गया है
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4:51 - 4:55और एक माँ की सलाह की तरह कहा गया है कि...
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4:55 - 4:57सेक्स दुःख के समय
थेरेपी की तरह काम करता है . -
4:58 - 5:01और अपने निजी अनुभव से मैं ये कह सकता हूँ कि
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5:01 - 5:05ये सलाह एक दुखी आत्मा के लिए
अमृत की तरह काम करती है . -
5:05 - 5:06(हंसने की आवाज़ )
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5:06 - 5:10हमें मरने से बहुत ज़्यादा डर लगता है
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5:10 - 5:13ट्रॉय के मैदान में लड़ने वाले
उन योद्धाओं से भी अधिक. -
5:14 - 5:16मौत से हारे हुए हम !
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5:17 - 5:21और हाँ आप सब बहुत ज़्यादा
दुखी और डरे हुए रहेंगे -
5:21 - 5:25अगर आप ये सोचें कि मौत का
सामना आपको अकेले में और -
5:25 - 5:27भय के साथ करना पड़ेगा .
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5:27 - 5:30एक ही बार करने वाला मौत का अनुभव...
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5:30 - 5:34' मेरी ' मृत्यु न कि ' हमारी ' मृत्यु .
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5:35 - 5:37लेकिन सोचिये कि अगर आपको
मृत्यु का अभ्यास करवाया जाय -
5:37 - 5:40ठीक उस तरह जिस तरह
हम कार चलना सीखते हैं ? -
5:41 - 5:44एक इंस्ट्रक्टर से इसकी शिक्षा लें !
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5:44 - 5:47अपने पड़ोस में छोटे छोटे चक्कर लगाएं ,
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5:47 - 5:48एक पूरे टेस्ट से गुज़रें
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5:49 - 5:53और अगर फेल हो जाएँ तो
फिर इस प्रक्रिया को दुहराएँ -
5:53 - 5:57एक बहुत ही आम सा सामाजिक अभ्यास,
एक दिनचर्या का हिस्सा . -
5:58 - 6:00तब ये इतना कठिन नहीं जान पड़ता है, हैना ?
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6:00 - 6:03अगर आप कभी किसी 'ट्रोजन वेक ' या
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6:03 - 6:05फिर इसी का आइरिश वर्ज़न नहीं गए हैं
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6:05 - 6:07और आपने सिर्फ मूवी देखी है,
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6:07 - 6:12तब आप सोच रहे होंगे कि ये
सिर्फ कोई आयरिश बकवास है . -
6:12 - 6:15अगर आपको लग रहा है कि ये
सब बातें वैसी ही हैं जैसे कि कुछ -
6:15 - 6:19मदहोश शराबी, नशे में धुत्त, बार में
अपने किसी अंकल जॉनी को कोस रहे हैं -
6:20 - 6:23तो आप बिलकुल गलत हैं...
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6:24 - 6:27
मृत लोगों का अंतिम संस्कार करना
इंसानो कि सबसे पुरानी प्रथा है -
6:28 - 6:30जब मैं सिर्फ सात साल का था ...
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6:30 - 6:33मेरी माँ मुझे मेरे सबसे पहले
मुर्दे से मिलाने ले कर गयी -
6:33 - 6:38मेरे पूर्वजों के द्वीप में एक अंतिम संस्कार .
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6:38 - 6:41एक बूढ़ा आदमी जिसके नाक के बाल
बाहर झाँक रहे थे एक बक्से में लेटा हुआ था -
6:41 - 6:45जिसे देखते ही मुझे पता चल
गया कि वो सो नहीं रहा था -
6:45 - 6:48उस वक़्त अपने ममता के आँचल में भी
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6:48 - 6:52वो मुझे मौत के डर से उबरने
कि शिक्षा दे रहीं थीं -
6:52 - 6:56ठीक उसी तरह जिस तरह उनका
समाज इस डर से उबरता आया है -
6:56 - 6:59पिछले कई हज़ार सालों से...
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6:59 - 7:01मेरा परिवार आयरलैंड के उसी एक गांव...
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7:01 - 7:05जो की काउंटी मायो के तट से
कुछ दूर एक द्वीप में बस्ता है -
7:05 - 7:08में पिछले २५० सालों से रह रहा है.
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7:08 - 7:12एक अंतिम संस्कार में एक सच का
मुर्दा व्यक्ति होता है -
7:12 - 7:14हमारे बीच का ही एक मरा हुआ व्यक्ति .
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7:15 - 7:17हाँ वो ज़्यादा कुछ बोल नहीं पाते हैं
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7:17 - 7:21लेकिन फिर भी उनके पास आप
बहुत कुछ सीख सकते हैं -
7:22 - 7:26हर एक जीवित व्यक्ति जिसे आपने कभी ...
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7:26 - 7:28गुस्से में या प्यार में छुआ हो ..
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7:28 - 7:30अपने गरम खून की वजह से गरम होता है.
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7:30 - 7:35लेकिन मृत व्यक्ति बिलकुल संग-ए-मरमर
की तरह ठंडा होता है -
7:35 - 7:37आगे अपनी ज़िन्दगी में,
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7:37 - 7:40जब मैंने अपने भाई बर्नार्ड के मृत शरीर को
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7:40 - 7:42अपनी बाहों में लिया ,
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7:42 - 7:45चूमा और गले से लगाया ,
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7:45 - 7:47पहले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि...
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7:47 - 7:52इतना ठंडा पुतला कभी इंसान भी था.
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7:53 - 7:56और इसी तरह एक और हमारे अस्तित्व
से जुड़ा हुआ एहसास है . -
7:57 - 8:01जब यहाँ बैठकर मुझे सुन रहे हैं
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8:01 - 8:03आपका दिल तेज़ी से खून पंप कर रहा है
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8:03 - 8:05लेकिन अगर आप उस पंप को काट देते हैं ...
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8:05 - 8:07शरीर में दबाव ख़तम हो जाता है
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8:07 - 8:09खून बहकर निचले अंगो में चले जायेगा
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8:09 - 8:11आपके गाल लटक जायेंगे
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8:11 - 8:13आपका चेहरा काला पड़ने लगेगा
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8:13 - 8:16आपकी बिना खून की
पत्थर सी उँगलियाँ हो जाएँगी -
8:16 - 8:20और आपका हिलता काँपता हुआ व्यक्तित्व
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8:20 - 8:22किसी कार के इंजन की तरह
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8:22 - 8:24बंद पड़ जाता है
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8:24 - 8:27ऐसे वक़्त में फिर क्या होता है,
कहिये ? -
8:27 - 8:28उस वक़्त हम क्या करे ?
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8:28 - 8:31और हमारे पूर्वजों ने क्या कभी नहीं किया ?
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8:31 - 8:33वो ये की हमे उस वक़्त बेवकूफी
भरी बात नहीं करनी चाहिए! -
8:34 - 8:38जैसे कि,"ये सिर्फ मिट्टी का पुतला है ,
इसे भूल जाओ " -
8:38 - 8:40वो इंसान जिसे आपने ज़िन्दगी भर प्यार किया
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8:42 - 8:44उस शरीर के बाहर कभी मौजूद नहीं था
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8:44 - 8:47और जब उस इंसान के शरीर को
जीवित रहने में प्यार किया -
8:47 - 8:49तो मरने के बाद आप क्यों नहीं
उसके शरीर को सम्मान देंगे ? -
8:52 - 8:57रोमन, केल्ट और ग्रीक अपने मृत
लोगों का सम्मान करते थे -
8:57 - 9:00उसका ख्याल एक नवजात बच्चे कि तरह रखते थे
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9:00 - 9:01मृत को कभी अकेला नहीं छोड़ते थे।
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9:01 - 9:04कोई न कोई हमेशा उसकी
देखरेख करता था -
9:04 - 9:07जब तक कि उनका अंतिम संस्कार न कर दिया जाय
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9:08 - 9:10दुखी होना भी अच्छा था
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9:12 - 9:16ट्रॉय के आँगन में ... दुःख व्यक्त करना
किसी भी तरह शर्मनाक नहीं था -
9:16 - 9:20यहाँ तक कि वीर योद्धा अकिलिस भी
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9:20 - 9:23इतना रोया था कि उसका कवच भीग गया
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9:23 - 9:29और अंत्येष्टि में औरतें खुलकर रोती
और मातम करती थीं -
9:29 - 9:32मृत लोगों का शरीर भी मांयने रखता था
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9:34 - 9:39हमारे पूर्वज साथ मिलकर
पूरा एक अनुष्ठान करते थे -
9:39 - 9:42ताकि हमारी नश्वरता से उभरे
ज़ख्मो में मलहम लगाया जाय -
9:42 - 9:44पीड़ितों को सहारा मिले
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9:44 - 9:46उनके मृत को दफनाया जाय
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9:46 - 9:48और फिर आगे कि ज़िन्दगी का
सफर फिर से शुरू किया जाय -
9:48 - 9:51उन्होंने खुद को बहुत आज़ाद कर रखा था
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9:51 - 9:54और उन्होंने बहुत मज़ा भी किया है
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9:54 - 9:59अंत्येष्टि में खाना, पीना और
सेक्स करना सब . -
10:00 - 10:05मृत्यु ...
और एक बहुत सोचने वाली बात है कि ... -
10:05 - 10:09एक रोज़ मर्रा कि चीज़ हुआ करती थी.
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10:09 - 10:12जैसे कि आज भी आयरलैंड में आज भी
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10:12 - 10:17कई लोग अन्तेय्ष्टि और अंतिम संस्कार
में इकट्ठे होते हैं -
10:17 - 10:20और एक साधारण आदमी कम से कम दर्जन भर
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10:20 - 10:24या कई सौ मृत शरीरों को
अपनी ज़िन्दगी में देख चूका होता है -
10:25 - 10:29अंतिम संस्कार सच में दुःख
से भरा हो सकता है -
10:29 - 10:34लेकिन एक आयरिश अंत्येष्टि में कुछ
भी भवनात्मक या भावुक नहीं होता है -
10:35 - 10:36बॉक्स में वो एक बूढी औरत
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10:36 - 10:40या फिर कफ़न में लिपटी हुई लाल बालों वाली बच्ची
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10:40 - 10:42सब एक मृत मनुष्य हैं
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10:42 - 10:44हमारे बीच में का ही एक .
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10:45 - 10:46हालाँकि बस एक कपडे
में लिपटे हुए हैं -
10:46 - 10:50मुर्दों के साथ होने वाले
इस आमने सामने में -
10:50 - 10:53कई बहुत सारे प्रोटोकॉल होते हैं
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10:53 - 10:56देखिये ...इन संस्कार में आप
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10:56 - 10:59आप देखते हैं कि मौत ऐसी दिखती है ,
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10:59 - 11:01यह है मृत्यु !
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11:01 - 11:05आप कॉफिन में छूकर देख सकते हैं
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11:05 - 11:10और वो सारे प्रोटोकॉल्स आपको
इजाज़त देते हैं ये सब करने को -
11:10 - 11:12तो उदहारण के लिए ,
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11:12 - 11:15आपको लइसेंस है विलाप करने का.
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11:15 - 11:20गुस्सा होने का, रोने का, दुखी होने
का या आंसू बहाने का -
11:20 - 11:24उस चीज़ को स्वीकार करने का कि
एक अपरवर्तिन परिवर्तन हो चुका है -
11:24 - 11:27एक सामाजिक मृत्यु कि
तरह एक इंसान कि मृत्यु -
11:27 - 11:31एक सामाजिक स्वीकृत्ति
किसी के दुःख और विलाप की -
11:31 - 11:35एक बेहिचक नश्वर एकजुटता.
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11:36 - 11:40हमारी मृत्यु... न की ....मेरी मृत्यु
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11:41 - 11:45मृत शरीरों से अंतिम संस्कारों में मिलना
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11:45 - 11:51हमारी माओं के द्वारा दिया गया
पहला सबक होता था हमारी मृत्यु का -
11:51 - 11:54वो बिलकुल " कैसे जियें और कैसे मरें"
के गाइड थे -
11:54 - 11:57बहुत सारे निर्देशों के साथ , जैसे कि
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11:58 - 12:03नश्वरता एक ऐसा सत्य है जिसे
हम कभी नहीं बदल सकते हैं -
12:03 - 12:08और ये सोचना कि 'हम अमर हैं' एक बेवकूफी है
-
12:08 - 12:09और ये भी कि दुःख का आनंद
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12:09 - 12:14सामाजिक मातम और विलाप
एक दुखी आत्मा को शांत कर सकता है -
12:15 - 12:19और कैसे हम सब एक साथ
मृत्यु के डर से उभर सकते हैं -
12:19 - 12:21सुनने में अच्छा लगता है, हैना ?
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12:21 - 12:22(दर्शकों की आवाज़ )
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12:22 - 12:24
क्या कोई ये सोचता होगा कि -
12:24 - 12:26ये सब आज के अमेरिका में काम नहीं करेगा
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12:27 - 12:29मुझे तो ये भी नहीं मालूम कि
मेरे पड़ोस में कौन रहता है -
12:30 - 12:31परिवार बिखर गए हैं
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12:31 - 12:35ऐसा कोई समाज ही बाकी नहीं रह गया है
जिसके साथ ये अंतिम संस्कार किया जा सके -
12:36 - 12:37लेकिन फिर भी ,
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12:37 - 12:40आप बिलकुल ही गलत होंगे
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12:40 - 12:42हम सबमें खुदमें ये ताकत है कि
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12:42 - 12:46हम अपने पूर्वजों के इन बुद्धिमता
को फिर से जीवित करें -
12:46 - 12:48जब हमारा खुदकी नश्वरता से सामना होता है
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12:48 - 12:51हम बहुत ही कमज़ोर महसूस करते हैं
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12:51 - 12:52बिलकुल मरा हुआ
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12:54 - 12:58लेकिन असल में आपको
खुदको फिर से ढूँढना है -
12:58 - 13:01थोड़ा सा आयरिश हो जाएँ ....अगर आप चाहें तो
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13:01 - 13:02(हंसी की आवाज़ )
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13:02 - 13:06हो सकता है कि आपने खुदको कभी
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13:06 - 13:08एक नश्वर समाज का हिस्सा ही न समझा हो
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13:09 - 13:14लेकिन फिर से जुड़ना बहुत आसान है
अगर आप कोशिश करें -
13:14 - 13:17इसका ये कतई मतलब नहीं है
कि आप परोपकारी हो रहे हैं -
13:17 - 13:20बल्कि ये एक बहुत ही स्वार्थी पहल है
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13:20 - 13:23मुफ्त का मृत्यु ज्ञान .
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13:24 - 13:27और कोन आपको सिखा सकता
है कि मारा कैसे जाय -
13:27 - 13:31सिवाय किसी दूसरे मरने वाले व्वक्ति के ?
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13:32 - 13:35आपको सिर्फ इतना करना है कि
अपने डर से बाहर आना है -
13:35 - 13:38उन्हीं औजारों का इस्तेमाल करते हुए
जो पहले से आपके पास हैं -
13:39 - 13:41जैसे कि आपके फ़ोन
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13:41 - 13:45तो अगर किसी दिन आप सुने कि
किसी ने अपने प्रिय को खो दिया है -
13:45 - 13:47आप इंतज़ार नहीं करें
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13:47 - 13:49आप उसी वक़्त फ़ोन करें
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13:49 - 13:54और कहें, "मुझे बहुत
अफ़सोस है आपके दुःख का " -
13:54 - 13:56और बीमार और मरने वाले से जाकर मिलें
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13:56 - 13:59और हो सके तो उसमे मरने के समय मौजूद रहें
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13:59 - 14:02गवाह के लिए और सोच विचार के लिए
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14:02 - 14:06इसके अलावा ऐसा कुछ भी नहीं जो
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14:06 - 14:10आपको गहरा और ज़िन्दगी
से जुड़ने का अनुभव देगा -
14:10 - 14:12या फिर ज़्यादा से ज़्यादा
अंतिम संस्कारों में जाएँ -
14:12 - 14:16अगर आप मृत व्यक्ति को
नहीं जानते हैं तब भी ! -
14:17 - 14:21यकीन मानिये कि जब तक आप सांस ले रहे हैं
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14:21 - 14:23आप उस इंसान को जानते हैं
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14:24 - 14:26
अपने आपको पूरा आज़ाद कीजिये -
14:26 - 14:30क्यूंकि इन छोटे छोटे कदमों से,
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14:30 - 14:35आप खुद को इस विशाल नश्वरता
का हिस्सा महसूस करने लगेंगे -
14:36 - 14:38बिलकुल उतना ही इंसान
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14:38 - 14:39उतना ही कमज़ोर
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14:39 - 14:42
जितना कि आपके आस पास कि ज़िंदगियाँ -
14:44 - 14:47
मौत मायने रखती है क्यूंकि
ज़िन्दगी मायने रखती है -
14:47 - 14:50ये दोनों ही एक दूसरे से जुडी हुई हैं
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14:50 - 14:53
कोई बात नहीं अगर शुरू शुरू में आपको अजीब लगे -
14:53 - 14:56
अभ्यास , अभ्यास और अभ्यास -
14:56 - 14:58जब तक कि आपके लिए ये सिर्फ कार में बैठना
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14:58 - 15:03और वहां जाना बन जाय , बिना अजीब लगे
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15:03 - 15:07वैसे तो आपकी खुद की मौत को होने
के लिए पूरी ज़िन्दगी लगेगी -
15:07 - 15:09ताकि वो सही तरीके से हो
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15:09 - 15:13तो जब मैंने विदेशी जंगों में जाना छोड़ दिया
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15:13 - 15:16और थोड़ी समझदारी आयी
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15:16 - 15:18मैं एक लोक कवी बन गया
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15:18 - 15:24और मैंने ये प्रशंसा गीत लिखा अपने
द्वीप की माओं के सम्मान में -
15:24 - 15:28जोकि पिछले हज़रों सालों में
कभी नहीं हिचकिचाईं -
15:28 - 15:31हमारे मृत लोगों को सहारा देने से
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15:31 - 15:33इसका शीर्षक है, " अगर मैं गा सकता "
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15:33 - 15:35अगर मैं गा सकता,
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15:35 - 15:39मैं नहीं गाता उस हारे हुए
इलियड शहर के बारे में , -
15:39 - 15:41या फिर उस बीते हुए गौरव के लिए
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15:41 - 15:45या फिर हेक्टर के खून के
लिए जो धरती को रंग गया -
15:45 - 15:46नहीं
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15:46 - 15:49मैं गाता उस आइलैंड के बारे में
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15:49 - 15:50जो कि पश्चिम में स्थित है
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15:50 - 15:56बढ़ते हुए समुद्र से लदा पानी कि फुहारों से
भीगा हुआ, पत्थरों से बना एक किला -
15:56 - 15:59गहरे नीले सागर में खड़ा
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15:59 - 16:02एक और ट्रॉय, एक आयरिश ट्रॉय
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16:02 - 16:05डूबते सूरज के बिलकुल करीब
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16:05 - 16:07अविजित.
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16:07 - 16:10अगर तुम सुन सकते ये गीत
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16:10 - 16:13तुम भी उत्साह से सुनते ,
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16:13 - 16:15उस अम्रो किंचा को
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16:15 - 16:18मातम करतीं , रोती हुई उन औरतों को
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16:18 - 16:20विलाप और दुखी ह्रदय
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16:20 - 16:23अंत्येष्टि में गूंजता हुआ एक अनंत गान
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16:23 - 16:28जहाँ इंसानियत कि आखिरी उम्मीद धड़कती है
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16:28 - 16:31एक शरीर के साथ जन्मा वो मृत
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16:31 - 16:35न अकेले जिए, प्यार करे और मरे.
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16:37 - 16:39और अगर मैं गा सकता
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16:39 - 16:42अगर हम सब साथ में गा सकते
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16:42 - 16:44ऐ मेरे भाई और बहनों
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16:44 - 16:49तब बिलकुल ही हमें ...
हमेशा ही गीत गाना चाहिए -
16:51 - 16:52शुक्रिया
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16:52 - 16:56(तालियों कि आवाज़ )
- Title:
- एक आयरिश अंतिम संस्कार हमें जीवन और मृत्यु के बारे में क्या सिखाता है
- Speaker:
- केविन टूलिस
- Description:
-
सदियों से आयरिश अंतिम संस्कार एक ऐसा समय है जब लोग आपस में मिलजुल कर न सिर्फ मृत व्वक्ति का शोक करते हैं बल्कि उसके जीवन का जश्न भी एक साथ मनाते है। इस एक बहुत ही गहरी और एक कविता कि तरह बातचीत में कवी केविन टूलिस मौत के डर और उसके इंकार की निंदा करते हैं जोकि हमारे आज के समाज में बढ़ती हुई दूरियां और अकेलेपन की उपज है. वो बताते हैं की किस तरह जीना तभी पूरा है जब हम इस सच को स्वीकार करते हैं कि हम नश्वर हैं -- और वो साधारण और आसान से तरीके भी बताते हैं ताकि हम फिर से समाज से जुड़ सकें, उनसे जुड़ सकें जिन्हे हम प्यार करते हैं और खुद से भी!
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 17:09
Arvind Patil approved Hindi subtitles for What the Irish wake teaches us about living and dying | ||
Arvind Patil accepted Hindi subtitles for What the Irish wake teaches us about living and dying | ||
Arvind Patil edited Hindi subtitles for What the Irish wake teaches us about living and dying | ||
Noor Afsha edited Hindi subtitles for What the Irish wake teaches us about living and dying | ||
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