दफ़्तर में एक अच्छे सहकर्मी बनने के 3 तरीके
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0:01 - 0:052013 में, मैं सैन फ्रांसिस्को के एक
अंतरराष्ट्रीय इंजीनियरिंग कंपनी में -
0:05 - 0:06काम करती थी।
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0:06 - 0:08वह नौकरी मेरा सपना था।
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0:08 - 0:11मेरा हर कौशल वहाँ पर काम आता:
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0:11 - 0:14कहानियाँ बताना, सामाजिक प्रभाव,
व्यव्हार में बदलाव। -
0:14 - 0:16मैं विपणन और संस्कृति की मुखिया थी,
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0:16 - 0:19और मैंने देश के सबसे बड़े
हेल्थकेयर सिस्टम के साथ भी काम किया, -
0:19 - 0:21जिसमें तकनीक और सांस्कृतिक बदलाव का उपयोग
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0:21 - 0:24उनकी ऊर्जा और पानी के इस्तेमाल को कम करने
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0:24 - 0:26और सामाजिक प्रभाव को
बेहतर बनाने के लिए किया। -
0:26 - 0:28मैं दुनिया में वाक़ई बदलाव ला रही थी।
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0:30 - 0:33और यह मेरी ज़िंदगी का
सबसे बेकार पेशेवर अनुभव था। -
0:36 - 0:39मैं और आगे काम नहीं कर सकती थी।
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0:39 - 0:40बहुत बुरा महसूस होता था।
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0:42 - 0:44हालाँकि बड़े मसले भी थे,
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0:44 - 0:48कुछ प्रकार के व्यवहार के कारण
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0:48 - 0:52मेरी काम करने की क्षमता घटती गई।
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0:52 - 0:57मेरा नेतृत्व से आत्मविश्वास खोने लगा,
मेरी नवाचार करने की क्षमता भी घटती गई। -
0:57 - 1:00उदहारण के लिए,
कंपनी में मेरा पहला प्रदर्शन। -
1:00 - 1:02मैं कमरे में सबके सामने
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1:02 - 1:05कम्पनी के लिए सबसे अच्छी कार्यनीति पे
प्रदर्शन देने गई। -
1:05 - 1:07वही जिसके लिए मुझे नौकरी पे रखा था।
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1:07 - 1:09मैंने कमरे अपने सहकर्मियों को देखा।
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1:09 - 1:12वे अपने मोबाइल फोन उठाने लगे
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1:12 - 1:14और अपने लैपटॉप की तरफ़ देखने लगे।
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1:14 - 1:16वे ध्यान भी नहीं दे रहे थे।
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1:16 - 1:19और जैसे ही मैंने शुरुआत की,
वे अपने में कुछ बोलने लगे -
1:19 - 1:22और लोग मेरे होते हुए भी बातें कर रहे थे,
बार बार। -
1:22 - 1:26मेरे कुछ सुझावों को तो बिलकुल नकारा गया,
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1:26 - 1:29पर वही किसी और ने जब कहा तो उसको सुना गया।
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1:32 - 1:34मैं उस कमरे में एकलौती औरत थी।
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1:34 - 1:36काश कोई मेरा साथ निभा रहा होता।
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1:37 - 1:40रोज़ रोज़ ऐसे ही बर्ताव देखना,
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1:40 - 1:42वे आपको थका सा देते हैं।
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1:42 - 1:45जल्द ही, मैं पूरी तरह से ही थक गई थी।
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1:46 - 1:48मेरे सबसे मुश्किल वक़्त में
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1:48 - 1:52मैंने दफ़्तर में
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1:52 - 1:55सूक्ष्म आक्रमकता --
रोज़मर्रा ज़िंदगी में अपमान, -
1:55 - 1:57नकारात्मक मौखिक और
अशाब्दिक संचार, -
1:57 - 1:59चाहे जान-बूझकर किया हो या नहीं,
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1:59 - 2:01वे आपकी काम करने की
क्षमता को घटा देते हैं। -
2:02 - 2:04सुना सुना सा लगा।
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2:04 - 2:08मुझे एहसास हुआ कि मैं असफल नहीं हो रही थी।
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2:08 - 2:11मेरे आस पास का माहोल मुझे असफल बना रहा था।
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2:12 - 2:13और मैं अकेली नहीं थी।
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2:13 - 2:15ऐसे व्यवहार रोज़ ही दफ़्तर में
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2:15 - 2:19कम औदे में रहने वाले लोगों पर
प्रभाव डालते हैं। -
2:20 - 2:23और उसका प्रभाव
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2:23 - 2:25हमारे सहकर्मियों पर, हमारी कंपनियों पर
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2:25 - 2:28और हमारी नवाचार की क्षमता पर पड़ता है।
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2:30 - 2:33तकनीकी उद्योग में हमें समाधान
जल्दी चाहिए होते हैं। -
2:33 - 2:37पर विविधता और समावेश सुधारने के लिए
कोई जादुई छड़ी नहीं है -
2:37 - 2:39बदलाव एक समय में एक व्यक्ति से,
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2:39 - 2:42एक समय में एक बर्ताव से,
एक समय में एक शब्द से होता। -
2:43 - 2:46हम विविधता और समावेश को देखकर
अकसर गलतियाँ करते हैं, -
2:46 - 2:51हम उन लोगों को और उनके काम को
अपने से अलग मानते हैं, -
2:51 - 2:54जबकि यह कुछ ऐसी चीज़ें हैं
जिसके लिए हमें साथ काम करना होगा। -
2:56 - 2:57और उस काम की शुरुआत
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2:57 - 3:00हमें सफलता और अधिकारों के बारे में
जो पहले से पता है उसे भूलकर होगी। -
3:01 - 3:03हमें पूरी ज़िंदगी बताया जाता है
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3:03 - 3:06कि अगर हम मेहनत करें,
तो उसका फल हमें मिलेगा, -
3:06 - 3:08वह मिलेगा जिसके हम लायक हैं,
हमारे सपने सच होंगे। -
3:09 - 3:11पर वह सबके लिए सच नहीं है।
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3:11 - 3:13कुछ लोगों को 10 गुना मेहनत करनी पड़ती है
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3:13 - 3:15उसी मुकाम तक पहुँचने के लिए
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3:15 - 3:19क्योंकि बहुत से सामजिक अड़चनें भी आती हैं।
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3:19 - 3:21तुम्हारा लिंग, जाति, जातनियता,
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3:21 - 3:24तुम्हारा धर्म, विकलांगता,
तुम्हारा यौन अभिविन्यास, -
3:24 - 3:26तुम्हारा वर्ग, भूगोल,
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3:26 - 3:30यह सब तुम्हें सफलता के
ज़्यादा या कम मौके दे सकते हैं। -
3:30 - 3:33और वही मैत्री आती है।
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3:33 - 3:36मौकों में असंतुलन को समझना,
और उसकी ओर काम करना -
3:36 - 3:38मैत्री है।
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3:38 - 3:42मैत्री उस इंसान के बारे में समझना है
जो हमारे बगल में हो। -
3:42 - 3:45और उसके बारे में भी जो
हमारे बगल में खड़ा होना चाहिए। -
3:45 - 3:48सबसे पहले, बस यह समझना कि
उनकी स्तिथि क्या है। -
3:48 - 3:52और फिर, उनका साथ देकर
सफलता की ओर बढ़ना और बढ़ाना। -
3:53 - 3:57जब हम काम में विविधता और सम्मिल्लता
के साथ टीम बनाते हैं, -
3:57 - 4:01डेटा के मुताबिक इससे हम ज़्यादा अभिनव,
उत्पादक और लाभदायक बनते हैं। -
4:02 - 4:03तो एक मित्र कौन है?
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4:03 - 4:04हम सब।
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4:04 - 4:06हम सब एक दूसरे के मित्र बन सकते हैं।
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4:06 - 4:08मेरे एक अमरीकी गोरी औरत होने के नाते,
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4:08 - 4:10मेरे पास बहुत से विशेषाधिकार हैं।
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4:11 - 4:13और कुछ नहीं भी।
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4:13 - 4:14मैं रोज़ उन लोगों के लिए
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4:14 - 4:17मित्र बन्ने की मेहनत करती हूँ
जो मुझसे ज़्यादा वंचित हैं। -
4:17 - 4:18फिर भी मुझे मित्रों की ज़रूरत है।
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4:20 - 4:23तकनिकी उद्योग में,
अन्य उद्योगों की तरह, -
4:23 - 4:26ऐसे बहुत लोग हैं जिनका
कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, -
4:26 - 4:28या जिनके साथ भेदभाव होता है।
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4:28 - 4:30औरतें, कुछ अन्य लोग --
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4:30 - 4:33जैसे जो खुद को
न औरत और न ही मर्द मानते हो -- -
4:34 - 4:35जो अल्पसंख्यक जातियों के हो,
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4:35 - 4:39एलजीबीटीक्यूआईए, विकलांग लोग,
दीर्घानुभावी, -
4:39 - 4:41जिनकी उमर 35 से ज़्यादा हो।
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4:41 - 4:44(हँसते हैं)
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4:45 - 4:48तकनिकी उद्योग में युवा की ओर
पक्षपात होता है। -
4:49 - 4:50और अन्य लोग।
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4:50 - 4:53कोई न कोई हमेशा ऐसा होगा
जिसके अधिकार आपसे कम होंगे। -
4:53 - 4:55इस मंच पर, इस कमरे में।
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4:55 - 4:58आपकी कंपनी या टीम में,
आपके शहर में। -
5:00 - 5:03तो, लोग अलग अलग कारणों
के लिए दोस्त होते हैं। -
5:03 - 5:04अपना कारण ढूँढो।
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5:04 - 5:06वह व्यवसाय के लिए हो सकता है,
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5:06 - 5:09क्योंकि डेटा के अनुसार
विविध और सम्मिलित टीम -
5:09 - 5:12ज़्यादा उत्पादक, लाभदायक और
ज़्यादा अभिनव होती हैं। -
5:12 - 5:16यह विपक्षता
और सामजिक न्याय के लिए हो सकता है। -
5:16 - 5:20क्योंकि हमारा उत्पीड़न और अन्याय का
बड़ा इतिहास रहा है -
5:20 - 5:23जिस पर हमें साथ काम करना होगा।
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5:23 - 5:25या वह अपने बच्चों के लिए हो सकता है,
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5:25 - 5:29ताकि आपके बच्चे
समान अधिकारों के साथ बड़े हो। -
5:29 - 5:32और वे दूसरे के लिए भी वैसे अवसर बनाएँ।
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5:33 - 5:34अपनी वजह ढूँढिए।
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5:34 - 5:35मेरे लिए, यह तीनों हैं।
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5:35 - 5:40किसी और के लिए कुछ करने की वजह ढूँढें,
जिसे आपकी ज़रूरत हो। -
5:40 - 5:42तो आप एक मित्र बनके क्या कर सकते हैं?
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5:42 - 5:45किसी को ठेस न पहुँचाके शुरुआत करो।
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5:45 - 5:50मित्र होने के नाते हमारा फ़र्ज़ है कि हम
सूक्ष्म आक्रमकता को समझें और ऐसा न करें। -
5:50 - 5:53मित्र होने के नाते हमारा फ़र्ज़ है
सुनना, सीखना, -
5:53 - 5:56भूलना, और फिर सीखना,
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5:56 - 5:59और फिर गलतियाँ करके उनसे सीखना।
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6:00 - 6:02मुझे अपना पूरा ध्यान दें।
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6:04 - 6:05अपने लैपटॉप बंद रखें,
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6:05 - 6:08अपने फोन नीचे रखें और ध्यान दें।
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6:09 - 6:11अगर कोई नया हो या
कमरे में एकलौता वैसा व्यक्ति हो, -
6:11 - 6:13या फिर बस बेचैन सा हो,
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6:13 - 6:16यह चीज़ें उनके प्रदर्शन में
बहुत मायने रखेंगी। -
6:16 - 6:17टोकना मत।
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6:17 - 6:20कम अधिकारों वाले लोगों को टोका जाने की
संभावना ज़्यादा होती है, -
6:20 - 6:23एक क्षण रुककर उन्हें सुनिए।
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6:23 - 6:25उन्हें उसका श्रेय दो।
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6:25 - 6:27अगर मेरे पास कोई अच्छा विचार हो,
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6:27 - 6:30तो उसे दोहराओ और मुझे उसका श्रेय भी दो,
और हम साथ आगे बढ़ेंगे। -
6:32 - 6:35मेरी वह भाषा सीखो जिससे मैं
खुद के बारे में बताती हूँ। -
6:35 - 6:37मेरा नाम ठीक से बोलना सीखो।
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6:37 - 6:41मेरे सर्वनाम ठीक से जानो - वह, वे, आदि।
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6:41 - 6:45मेरी भाषा जानो जिससे मैं अपनी जातीयता,
धर्म या विकलांगता के बारे में बताती हूँ। -
6:47 - 6:51यह चीज़ें लोगों के लिए बहुत मायने रखती हैं,
अगर आपको पता न हो, तो पूछो। -
6:52 - 6:54सुनो और सीखो।
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6:55 - 7:00एक कर्मचारी ने मुझे बताया कि
उसके समूह में मैत्री निभाने के बाद, -
7:00 - 7:05सबने एक दूसरे को टोकने के लिए
ज़िम्मेदारी लेनी शुरू की और -
7:05 - 7:06माफ़ी भी मांगने लगे।
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7:07 - 7:11"मुझे टोकने के लिए माफ़ी करना,
तुम आगे बोलो।" -
7:11 - 7:14"हेई, वह कुछ अच्छा सुझाव दे रही है,
हमें सुनना चाहिए।" -
7:15 - 7:19दूसरा, कम औदे वाले लोगों की
छोटे छोटे तरीकों से मदद करो। -
7:19 - 7:22पहल करो; आप एक बदलाव ला सकते हैं।
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7:22 - 7:26अगर कमरे में एक ही वैसा व्यक्ति हो,
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7:26 - 7:28और उनका टोककर या किसी और तरह से
अपमान हो रहा है, -
7:28 - 7:30तो कुछ करो, कुछ बोलो।
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7:32 - 7:34उन लोगों को और बोलने के मौके दो।
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7:34 - 7:39और यह देखो कि उनका भी प्रतिनिधित्व हो।
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7:40 - 7:41उनको नौकरी दिलवाने में मदद करो,
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7:41 - 7:45और उनको वह नौकरी लेने और नए काम
लेने के लिए प्रोत्साहित करो। -
7:45 - 7:49और सबसे महत्वपूर्ण --
मैत्री को और बढ़ावा दो। -
7:49 - 7:51अगर आप एक विशेषाधिकारी व्यक्ति हैं,
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7:51 - 7:53आपके लिए दूसरों की मदद करना
ज़्यादा आसान है। -
7:53 - 7:56तो उस अधिकार को बदलाव लाने के लिए
इस्तेमाल करो। -
7:57 - 8:00तीन, किसी की ज़िंदगी में बदलाव लाओ।
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8:00 - 8:03तो, किसी के व्यवसाय के दौरान उनका साथ दो।
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8:03 - 8:07उनकी मदद करो, उन्हें आगे बढ़ने के मौके दो।
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8:08 - 8:12स्टेम प्रोग्राम के लिए अपना हाथ बटाएँ,
जो युवा की मदद करेगा। -
8:12 - 8:14अपनी टीम ऐसी बनाओ कि
वह विविध और सम्मिलित हो। -
8:14 - 8:18और इसमें बदलाव लाने की तरफ़
प्रतिबद्धता रखें। -
8:18 - 8:21खुद को और अपनी टीम को
बदलाव के लिए ज़िम्मेदार बनाएँ। -
8:22 - 8:24और आखिर में,
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8:24 - 8:27अपनी पूरी कंपनी में
बदलाव लाने की कोशिश करें। -
8:27 - 8:29जब कंपनी में ही मैत्री सिखाई जाती है,
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8:29 - 8:32विविधता और समावेश बढ़ता है।
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8:32 - 8:34हम और आप एक दूसरे के मित्र बन सकते हैं,
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8:34 - 8:37दफ़्तर में या उसके बाहर।
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8:40 - 8:43तो, मुझे हाल ही में एहसास हुआ
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8:44 - 8:48कि मुझे अब भी उस चीज़ का डर है
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8:48 - 8:51तब से जब से अपने व्यवसाय में
मैं एकदम अकेला महसूस करती थी, -
8:51 - 8:53जब मेरा कोई साथ देने वाला नहीं था।
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8:54 - 8:58मेरे जैसे लाखों लोग हैं
जो अब भी वैसा महसूस करते हैं। -
8:58 - 9:01और एक दूसरे का साथ देने में
इतनी मेहनत नहीं लगती। -
9:01 - 9:04और जब हम एक दूसरे का साथ देते हैं,
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9:04 - 9:06हम साथ में आगे बढ़ते हैं।
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9:06 - 9:09और जब वह होता है, तब हम बेहतर टीम,
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9:09 - 9:11बेहतर उत्पादन, और बेहतर कंपनी बनाते हैं।
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9:13 - 9:15मैत्री प्रभावशाली है।
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9:16 - 9:17करके देखो।
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9:18 - 9:19धन्यवाद।
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9:19 - 9:22(तालियाँ)
- Title:
- दफ़्तर में एक अच्छे सहकर्मी बनने के 3 तरीके
- Speaker:
- मेलिंडा एप्लर
- Description:
-
हमें हमेशा से सिखाया गया है कि मेहनत और लगन से ही सफलता प्राप्त होती है, पर यह ज़रूरी नहीं है। लिंग, जाति, धर्म, विकलांगता, यौन अभिविन्यास, और अन्य कुछ ऐसे पहलूओं में से हैं जो हमारी सफलता पर प्रभाव दाल सकते हैं, लेखक और अधिवक्ता मेलिंडा एप्लर कहती हैं, और यह हमारे ऊपर है कि हम उनकी सहायता करें जिनके साथ भेदभाव प्रचलित है। इस वाद-योग्य टॉक में, एप्लर कम औदे, या कम प्रतिनिधित्व वाले लोगों की सहायता करने के तीन तरीके बताती हैं।
"विविधता और समावेश सुधारने के लिए कोई जादुई छड़ी नहीं है," वे कहती हैं।
"बदलाव एक समय में एक व्यक्ति से, एक समय में एक बर्ताव से, एक समय में एक शब्द से होता।" - Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 09:37
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