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एम आर यूनिवर्सिटी
अर्थशास्त्र सीखिये, अपने विश्व को समझिए
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♪ [संगीत] ♪
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अर्थशास्त्र के सिद्धान्त
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पैसा गुणक
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[एलेक्स] अब क्योंकि हम जान गए हैं
पैसा कैसे परिभाषित किया जाता है,
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हम सीखेंगे कि कैसे बैंक
पैसे की आपूर्ति को प्रभावित कर सकते हैं
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आंशिक आरक्षित बैंकिंग के माध्यम से।
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कल्पना करें कि
आप कॉलेज से स्नातकहैं
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और आपकी दादी आपको $ 1,000
नकदी में देती है --
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जिसे वह 1970 के दशक से
अपने गद्दे के नीचे रख कर बचा रही है।
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और आप इस नकदी को
अपने बचत खाते में जमा करते हैं।
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बैंक आपके पैसे के साथ क्या करता है?
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क्या यह आपके नाम के साथ एक वॉल्ट
में रखा जाता है?
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नहीं।
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बैंक उधार लेने के इच्छुक लोगों को
आपका अधिकांश पैसा उधार देते हैं।
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बैंक केवल आपके पैसे का एक अंश
आरक्षित रखते हैं --
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वे एटीएम के लिए नकदी रखते हैं
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या आहरण की मांगों को पूरा करने के लिए।
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यही कारण है कि इस प्रणाली को
"आंशिक आरक्षित बैंकिंग" कहते हैं।
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तो बैंक आपके जमा का कितना अंश
आरक्षित रखता है?
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खैर, संयुक्त राज्य अमरीका में बड़े बैंक
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जमा के हर $10 के लिए कम से कम
$1 आरक्षित रखते है।
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या हम कह सकते हैं कि बड़े बैंकों को
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कम से कम 10% का आरक्षित अनुपात
रखना आवश्यक है।
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लेकिन बैंकों के पास अक्सर
उच्च रिज़र्व अनुपात होता है
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जो इस पर निर्भर करता है कि
वे कितना तरल रहना चाहते हैं।
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अगर कोई बैंक चिंतित है कि
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उसके ग्राहक अपने अधिकांश
पैसे वापस ले सकते हैं
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या यदि बैंक ऋण सिर्फ लाभदायक नहीं हैं,
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तो बैंक अधिक रिज़र्व बनाएंगे।
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तो आरक्षित अनुपात 10% से अधिक हो सकता है
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और यह समय के साथ बदल सकता है।
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आंशिक आरक्षित बैंकिंग के कारण,
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पैसे की आपूर्ति पर बैंकिंग प्रणाली का
बड़ा प्रभाव पड़ता है।
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चलिए देखते हैं कि कैसे।
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मान लीजिए कि आपका बैंक आपके $1,000
जमा का 10% रखता है,
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या आरक्षित के रूप में $100।
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और मान लीजिए कि वह
90%, या $ 900,उधार देता है।
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मान लिजिए टायलर को जो व्यवसाय शुरू
करने में रूचि रखता है।
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उस $900 ऋण को टायलर के बचत खाते
में जमा किया जाता है।
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तो अब नए जमा में $1,900 है।
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और चूंकि बचत करने योग्य जमा,
पैसे की आपूर्ति का हिस्सा हैं,
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पैसे की आपूर्ति में वृद्धि हुई है।
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और यह वहां नहीं रुकता है।
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मान लीजिए कि बैंक रिज़र्व में टायलर की
जमा राशि का 10% रखता है
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और वह उसका 90%, यानि $ 810 उधार देता है,
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मान लिजिए जेनेट को।
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अब जमा $2,710 डॉलर से बढ़ गया है।
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और मान लीजिए कि जेनेट के पैसे का 10%
आरक्षित में आयोजित किया जाता है
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और बाकी का उधार दिया गया है।
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और इसलिए यह प्रक्रिया जारी रहती है।
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और जैसे ही बैंक अधिक ऋण लेते हैं -
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जो जमा की संख्या में वृद्धि करता है,
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जो ऋण की संख्या में वृद्धि करता है,
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जो जमा की संख्या में वृद्धि करता है।
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तो हम अंततः कितना पैसा पाते हैं?
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आप इसे पता कर सकते हैं
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"पैसा गुणक" के उपयोग करके।
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पैसा गुणक हमें बताता है
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रिज़र्व के हर अतिरिक्त डॉलर के साथ
कितने डॉलर कमाए जाते हैं।
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और पैसा गुणक सरल है।
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यहाँ केवल एक को आरक्षित अनुपात से
विभाजित किया गया है।
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तो यदि आरक्षित अनुपात 10% है,
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पैसा गुणक में एक को 0.1 से विभाजित
करते हैं, यानि 10
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और इसका मतलब यह है कि नए रिजर्व में $1
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अंततः गुणक प्रक्रिया के माध्यम से
अतिरिक्त पैसे में $10 तक पहुंच जाएगा,
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जैसा कि मापा जाता है, एम 1 या एम 2
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अब चलिए अपने पिछले उदाहरण
को स्पष्ट करते हैं
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और यह क्यों महत्वपूर्ण था कि दादी अपनी
गद्दे के नीचे से नकद निकाल रही थीं।
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अगर दादी ने आपको $1,000 के लिए
चेक दिया होता,
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वह बस अपने खाते से पैसे आपके खाते
में स्थानांतरित कर देती,
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जो नए रिज़र्व नहीं बनाता --
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और इसलिए यहाँ हम इस गुणक प्रभाव
को नहीं देख पाएंगे।
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और, वास्तव में,
यहां मुख्य खिलाड़ी दादी नहीं है -
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यह अंकल सैम है।
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फ़ेडरल रिज़र्व कंप्यूटर बटन के क्लिक के साथ,
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नया पैसा बना सकता है,
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नया पैसा, जिसका उपयोग वित्तीय संपत्तियों
को खरीदने के लिए किया जा सकता है,
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इस प्रकार बैंकिंग प्रणाली में
नए रिज़र्व डाले जाते है।
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लेकिन फ़ेड का नियंत्रण
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पैसे आपूर्ति प्रक्रिया पर अप्रत्यक्ष है।
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यदि बैंक आवश्यक रिज़र्व की
न्यूनतम राशि रखता है--
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10%, जैसा कि हमने पहले माना था -
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फिर पैसा गुणक 10 के करीब होगा।
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और अगर यह मामला है,
फ़ेड का बहुत लाभ होगा
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रिज़र्व में एक छोटे से बदलाव के साथ
एम 1 और एम 2 को स्थानांतरित करने मे।
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लेकिन सामान्य परिस्थितियों में,
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वास्तविक पैसा गुणक 3 के करीब है।
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कैसे?
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याद रखें, बैंक रिज़र्व में 10% से कम
नहीं रख सकते हैं।
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वे हमेशा अधिक रख सकते हैं।
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और बैंक जितना अधिक रिज़र्व रखते हैं,
वे पैसे गुणक को उतना कम करते हैं।
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तो समझना महत्वपूर्ण है कि
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पैसा गुणक एक निश्चित संख्या नहीं है।
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और गुणक प्रक्रिया में
कोई यांत्रिक संबंध नहीं है।
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यहाँ एक और कारक है।
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अगर टायलर ने अपने ऋण का कुछ भाग
अपने गद्दे के नीचे रखा होता
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इसे बैंक में जमा करने के बजाय,
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तब उसका बैंक --
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उसके पास उधार देने के लिए
जमा पैसा नहीं होता,
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और पैसा गुणक कम हो गया होता।
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और मंदी के दौरान,
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ये दोनों चीजें एक ही समय में हो सकती हैं।
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बैंक उधार देने में अनिच्छुक हो सकते हैं
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और वे शायद रिज़र्व में
अधिक नकदी डाल सकते हैं।
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इसके अलावा लोग अधिक नकदी रखना चाहते हैं
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और मंदी के दौरान बैंकों में
अपने पैसे जमा नहीं करते हैं।
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इन दोनों कारकों में पैसा गुणक गिरने
का कारण बनता है।
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तो फ़ेडरल रिज़र्व को कड़ी मेहनत
करनी पड़ सकती है
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एक मंदी के दौरान पैसे की आपूर्ति
में वृद्धि करने के लिए
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एक उछाल के दौरान की तुलना में।
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हम आगे गहराई से जानने जा रहे हैं
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कैसे फ़ेड पैसे की आपूर्ति को
नियंत्रित करता है,
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और महामंदी के बाद से यह कैसे बदल गया है
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हमारे अगले वीडियो में।
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[वाचक] अब आप अर्थशास्त्र के
गुरू बनने वाले हैं।
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अभ्यास के कुछ प्रश्न करना ना भूलें
ताकि यह वीडियो याद रहे।
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या, अगर आप अधिक
समष्टि अर्थशास्त्र के लिए तैयार है,
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