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तो हम उन सब तत्त्वों के बारे में बात कर रहे हैं
.
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एक मांग वक्र पर चलने के लिए
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जिन्हे समान मान लिया जाता है.
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आइये अब हम कुछ और की सूचि बनायें
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इस से पहले की मैं उनके बारे में बात करूँ,
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आओ हम जिनके बारे में बात कर चुके
हैं उन्हें दोहराएं
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तो पहला,हमने एक तत्त्व जो समान माना -
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मैं यह लिख लेता हूँ
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तो :[लिखते हुए-सामान मानते हैं ]
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तो एक तत्व जो हमने समान रखा
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एक मांग वक्र पर चलने के लिए,ताकि मांग
न खिसके,
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ताकि वक्र न खिसके-
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सम्बंधित पदार्थों की कीमत है। [लिखते हुए]
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हमारे पदार्थ की कीमत संभावनाएं
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दूसरा तत्व है जो हमने माना की समान
रहेगा।[लिखते हुए]
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अब हम कुछ ऐसे तत्वों की बात करेंगे जो
सहज ज्ञान से सम्बंधित हैं।
,
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किन्तु आप कुछ अगले वीडियोस में देखेंगे
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की इनके भी कुछ अपवाद होते हैं।
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तो आय एक और तत्व है जिसे हम
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समान मान रहे हैं एक मांग वक्र पर
टिकने के लिए.
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और यह एकदम सहज ज्ञान से ही सम्बंधित है।
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क्या होगा यदि सब लोगों की आय में
वृद्धि हो जाती है ?
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और वास्तव में वह बढ़ जाती तो ?
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अच्छा, तब अचानक उनके पास
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अधिक प्रयोज्य आय आ जाती -
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शायद अन्य वस्तुओं जैसे इ पुस्तकों पर
खर्चने के लिए
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तो ,किसी दिए हुए कीमत बिंदु पर ,
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मांग में वृद्धि हो जाएगी।
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और इसलिए, वह मांग बढ़ा देगा।
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और एक बार फिर, जब हम मांग में वृद्धि की
बात कर रहे हैं ,
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हम पूरे मांग वक्र को खिसकIने की बात
कर रहे हैं।
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हम मांग की किसी एक मात्रा की बात नहीं
कर रहे
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तो आय में वृद्धि, मांग को बढाती है.
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[लिखते हुए]मांग बढ़ जाती है।
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और याद रखिये जब मांग बढ़ जाती है
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तो हम बात कर रहे हैं पूरे मांग वक्र
दायीं तरफ खिसकने की।
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किसी भी दिए हुए कीमत बिंदु पर,
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हमारे पास मांग की अधिक मात्रा होगी।
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इसलिए, पूरा मांग वक्र,
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यह मांग तालिका बदल जाएगी।
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और इसी तरह, जब आय कम होगी, तो मांग भी कम
हो जाएगी।
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और जैसे हम एक आगे की वीडियो
में देखेंगे,
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यह वास्तव में बहुत रोचक है ,
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ऐसा हमेशा नहीं होता है।
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यह केवल सामान्य पदार्थों के लिए
सही होता है।
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[लिखते हुए]" सामान्य पदार्थ "
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और आगे के वीडियो में हम देखेंगे,पदार्थ
जिन्हे हम असामान्य पदार्थ कहते हैं ,
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जहां आवश्यक नहीं की ऐसा ही हो।
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या, परिभाषा के अनुसार ,एक असामान्य पदार्थ
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के लिए ऐसा नहीं होगा।
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अब कुछ और , जो कुछ सहज ज्ञान
से सम्बंधित है
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जनसंख्या। [लिखते हुए]
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फिर से , अगर जनसँख्या बढ़ती है ,
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एक निश्चित कीमत बिंदु पर,
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ज्यादा लोग उसकी मांग करंगे।
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तो यह मांग वक्र को दायीं तरफ खिसका
देगा -
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या मांग में वृद्धि करेगा।
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यदि जनसँख्या कम होती है,वह मांग भी कम
कर देगी,
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मतलब पूरा वक्र बायीं तरफ खिसकेगा।
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और अब अंतिम तत्व जिसके बारे में हम
बात करेंगे-
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और याद रखो की यह सब तत्व हम समान
मानते हैं
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ताकि मांग में परिवर्तन न हो।
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अंतिम है केवल प्राथमिकतायें।
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हम मानते हैं की लोगों के स्वाद और
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प्राथमिकताएं बदलते नहीं ,
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जब हम एक विशिष्ट मांग वक्र पर चलते हैं.
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जब प्राथमिकताएं बदलती हैं, तो मांग वक्र
भी बदलेगा
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तो, उदहारण के लिए,अगर किसी पुस्तक का लेखक
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किसी लोकप्रिय कार्यक्रम पर है-
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बातचीत कार्यक्रम -जो सबको बताता है
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की अब तक लिखी हुई यह सबसे
अच्छी पुस्तक है,
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प्राथमिकताएं बढ़ जाएँगी ,
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और कुल मांग भी बढ़ेगी।
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किसी दिए हुए कीमत बिंदु पर ,
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ज़्यादा लोग पुस्तक खरीदने को तैयार होंगे।
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दूसरी तरफ, यदि,उसी बातचीत कार्यक्रम में
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लेखक के अनैतिक अतीत पर
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रौशनी डालते हैं ,
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और [वह बताते हैं] की वह चोर लेखक है।
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तब मांग गिर जाएगी।
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पूरा वक्र,कीमत बिंदु की परवाह न करते हुए -
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किसी भी दिए हुए कीमत बिंदु पर ,
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मांग की मात्रा वास्तव में कम हो जाएगी।