-
जय सच्चिदानंद
-
जय सच्चिदानंद
-
आप सबके अंदर बैठे हुए परमात्मा को अत्यंत
-
भक्तिपूर्वक अभेद भाव से नमस्कार नमस्कार
-
नमस्कार।
-
जय सच्चिदानंद।
-
आज खास सभी बच्चों के लिए दीपकभाई के साथ
-
धमाल-मस्ती सेशन रखा है।
-
फिर ?
-
मैं बच्चों के नाम बोलूँगा,
-
वह खड़े होके उनका सवाल दीपकभाई से पूछेंगे
-
दीपकभाई आपके साथ धमाल मस्ती करेंगे
-
आपको कोई ज्ञान का जवाब नहीं देना है
-
बस धमाल करना है
-
पता नहीं अभी कितनी धमाल होगी
-
पर करेंगे कुछ
-
पहला सवाल यह है.. मेरा सवाल है
-
की दीपकभाई, आपको दादा भगवान नहीं मिले होते,
-
तो आप अभी क्या कर रहे होते ?
-
अरे! लड़के की शादी कराने के लिए लड़की की तलाश कर रहा होता
-
५४ साल हुए, २२ साल मे तो शादी हुई होती
-
और लड़का तो २४ उम्र मे हुआ होता, २० साल का लड़का होता
-
दादा बनने की तयारी!
-
अरे दादा नहीं...लड़की होती तो ऐसा कुछ लफड़ा होता सब
-
नहीं तो कहते...
-
तीसरे नंबर की लड़की की शादी करना बाकी हे,
-
जरा लड़के की तलाश मे हूँ, कहते है
-
यह तो ...
-
गुरुकुल मे गुरुकुल के बच्चों ने मिलके प्रोग्राम किया था न
-
तो कहा था, तुम्हारे दोस्त के बाल सफेद हो गये
-
तो पुछा, क्यू सफेद हो गये है?
-
तो, मेरा लड़का शादी करता नहीं, इसलिए चिंता और चिंता मे
-
सफेद हो गये
-
बाद मे कहते है, दीपकभाई को पूछते है
-
आपके क्यू सफेद हो गये
-
तो मेरा कोई लड़का शादी ना करले
-
इसकी चिंता मे सफेद हो गये
-
फिर...
-
फिर दूसरा सवाल है, सिधराज सोलंकी
-
जय सच्चिदानंद
-
आपको जनरल नॉलेज का एक सवाल पूछता हूँ
-
आप नीले (वादली )पेन से लाल लिखके बताओ
-
नीले(वादली ) पेन से लाल लिखके बताओ
-
नीले (वादली )पेन से लाल?
-
लाल लिखके बताओ
-
इसे तो लिखा जा सकता है न
-
टाइम कितना लगेगा
-
ला ल
-
यहा लिखके बताओ
-
लिखा न, वह नहीं पढ़ा?
-
कहा?
-
यह लिखा ला ल
-
नीले (वादली )पेन से
-
हाँ हाँ नीला(वादली ) ही है
-
गौरंग मुजमदार, मुंबई
-
दीपकभाई अगर आप मेरे बर्थडे मे आओगे
-
तो आप क्या गिफ्ट लेके आओगे?
-
तुझे आप्तपुत्र बना देंगे
-
पक्का?
-
हाँ पर तेरे बर्थडे के वक्त आशीर्वाद
-
लेने आना पड़ेगा।
-
पक्का बना दोगे?
-
हाँ पर तुझे आना पड़ेगा
-
फिर तुझे कहेंगे ऐसी तुझे चाबी इस्तेमाल
-
करना तो पक्का हो जाएगा
-
कब आओगे आप ?
-
तेरा बर्थ डे कब आता है?
-
१८ दिसम्बर
-
तो तुझे यहा आना पड़ेगा क्या? सीमंधर सिटी मे
-
हाँ
-
हमारी बड़ी शिबीर चलती है, पता है नं ?
-
आपको कौन सा केक पसंद है?
-
कौनसी चीज पसंद है ?
-
केक .. केक.. !!
-
कौनसी केक पसंद है ?
-
मुझे .. ? मै खाता ही नहीं
-
तो पसंद की बात ही कहा रही इसमे ?
-
तो भी कौनसी केक पसंद है ?
-
ये तो जो मिले उसका समभाव से निकल करना पसंद
-
है ।
-
आप छोटे थे तब कौनसी केक खायी थी ?
-
नहीं...नहीं ऐसे किसी केक के पीछे पड़ा ही
-
नहीं था।
-
ये सब केक और सभी..
-
मैंने ऐशों-आराम कीये ही नहीं कोई।
-
मुझे तो बहुत कंटाला आता था
-
आपका बर्थ्डै कब था ?
-
मेरा मई महीने मे था ।
-
तारीख ?
-
नौ...
-
नौ.....?
-
मई
-
जय सच्चिदानंद ।
-
बादमे प्रश्न है, वैशाली पनारा
-
जय सच्चितनन्द दीपकभाई..
-
बोलो ..
-
आप सफेद कपड़े ही क्यों पहनते हो
-
दूसरे कोई कलर के क्यों नहीं पहनते ?
-
उसका कारण है नं ..
-
दाग पड़े तो तुरंत दिखाई देता है।
-
तो दूसरे किसी कपड़े मे भी दाग तो लगता
-
ही है नं..
-
दूसरा तो रंगीला होता है नं
-
तो लोग रंगीले हो जाते है अपनेपर फिर
-
और एक प्रश्न है
-
आपके पीछे कुत्ता पड़े तो आप क्या करोगे?
-
पीछे पड़ जाए तो उस बेचारे
-
को खड़ा करूंगा मै तो ।
-
गिरे हुए को उठाना उतना ही काम है मेरा तो
-
किसीको गिरानेका काम मेरा नहीं है ।
-
फिर
-
कुत्ता पीछे भागे तो आपका हावभाव कैसा होगा
-
नहीं..उसको शुद्धात्मा देखना और दूसरा क्या
-
करने का ?
-
उसको कहना तू आ बेटा
-
शांती से बैठ ।
-
तुझे कुछ खाना है ?
-
बिस्किट खाएगा ? या टोस्ट खाएगा ?
-
उसको पुछके देखूँगा
-
फिर वो कहेगा बिस्किट तो बिस्किट देनी है ।
-
इन कुत्तों को तो जरा सा कुछ मुह मे पकड़ाओ न
-
"तो झगड़ना भूल जाते है.. बोलो..!"
-
"जय सच्चिदानंद "
-
"बादमें प्रश्न है.. गुंजन "
-
'जय सच्चिदानंद.. "
-
दीपकभाई आपको अलग-अलग स्टाइल मे बाल
-
काटनेका शौक है ?
-
शौक नहीं पर चेहरा अच्छा दिखे ऐसी थोडी
-
इच्छा जरूर है।
-
हा..नहीं तो कहेंगे,आप नींद मे से उठके
-
आए हो सत्संग में ? "मै कहूँ नहीं .. "
-
तो बाल ऐसे दिख रहे है। कटे हुए टेढ़े-मेढ़े।
-
इसलिए बाल काटनेवाले को कहता हु की अच्छे
-
से काटना। टी. व्ही . मे अच्छा चेहरा दिखे
-
और लोगों को देखना अच्छा लगे
-
पहले था ?
-
नहीं.. बस इतना ही हेतु की थोड़े संस्कारी
-
दिखने चाहिये ।छैल-छबीला नहीं दिखना चाहिये।
-
जय सच्चिदानंद।
-
संस्कारी मतलब समझ मे आता है न?
-
"सामान्य सभी को....
-
कुछ टेढ़ा-मेढ़ा काटा हो तो विशेषता उत्पन्न
-
होती है ।वो पसंद नहीं। और स्पेशल काटे हो
-
तो विशेषता खड़ी होती है। वो भी पसंद नहीं।
-
किसी भी प्रकार की विशेषता नहीं हो न,
-
वह पसंद आता है ।
-
जय सच्चिदानंद..
-
बादमें दिव्या वीरपार्या सुपेरी
-
"दीपकभाई.. जय सच्चिदानंद"
-
आपको कही घूमने के लिए भेजा जाए तो आप कौनसी
-
जगह घूमना पसंद करेंगे ?
-
"सीमंधार सिटी ,त्रिमंदिर "
-
"क्यों ?"
-
भगवान के पास जाने को मिलेगा नं...
-
दर्शन होगे ,भक्ति होगी
-
उनके जैसे वीतराग बनेंगे।
-
भगवान तो दूसरी बहोत जगह पर है।
-
पर मुझे ये पसंद है तो मुझे जो पसंद हो वही
-
बताऊँगा ना मै तुमको
-
"जय सच्चिदानंद "
-
बादमें प्रश्न है, निखिल गोंडेलीया,राजकोट।
-
आपको कौनसी-कौनसी स्टाइल मे फोटो खिचवाना
-
पसंद है ?
-
मेरा फोटो खींचा ही नहीं जा सकता।
-
और जिसका फोटो खिंचते है वो मैं हु ही नहीं।
-
आप खिचाते हो छोटे थे तब नहीं खिंचवाते थे ?
-
नहीं..
-
मै खिंचवाने गया ही नहीं । हा पासपोर्ट
-
के फोटो खिचवाने गया था। याद आया मुझे ।
-
उसमे तो कहते है की,सीधे खड़े रहो, सिर नीचे
-
रखो, हँसना नहीं।
-
ऐसा फोटो खिंचवाया था। याद आया।
-
क्यू पसंद नहीं था आपको?
-
क्यूंकी फोटो मे गिर जाते है न हम,
-
तो फिर गिर जाते है। पता है।
-
जय सच्चिदानंद
-
पोरम पटेल
-
जय सच्चिदानंद दीपकभाई
-
दीपकभाई मुझे ऐसे लगता है की
-
लोगों को आपकी स्माइल इतनी पसंद है
-
तो आप इतनी अच्छी स्माइल कैसे करते हो ?
-
अहंकार जाता रहे न...तो ऐसी स्माइल आती है।
-
फिर
-
तो आपके गाल नहीं दुखते ?
-
नहीं..
-
मै हँसता होता तो बहुत दुखते
-
मै हँसता ही नहीं नं..
-
गाल तो ऊपर नीचे होते रहते है ।
-
तो आप अभी हँस तो रहे हो ।
-
ये तो हँसते ही है ना।
-
मै नहीं हँसता ।
-
हँसनेवाले को मै देखता हु ।
-
जय सच्चिदानंद..
-
चिराग गुरुकुल
-
दीपकभाई आपने..आपने कभी अमिताभ बच्चन की
-
ऐक्टिंग की है ?
-
ना..
-
मैंने दादा सिवाय किसी की भी नक्कल नहीं की।
-
क्यों नहीं की ?
-
उसका कारण है नं....
-
मैंने दादा सिवाय जिंदगी मे किसी को देखा
-
ही नहीं ।
-
और करे तो क्या होगा ?
-
आता ही नहीं नं देखा हो तो आएगा नं।
-
दुसरोंको शुद्धात्मा देखता था और दादा को
-
परमात्मा देखता था ।
-
क्यों नहीं देखा ?
-
उसका कारण है नं..
-
देखने जैसा क्या है खोके मे?
-
जो जल जाएगा उसको क्या देखना ?
-
अंदर भगवान को देखनेका ।
-
और आपको देखने को कहे तो?
-
तो शुद्धात्मा देख लूँगा खोके के अंदर ।
-
जय सच्चिदानंद ।
-
अंजना
-
जय सच्चिदानंद दीपकभाई
-
आप कभी चलती ट्रेन मे चढ़े हो ?
-
हा चढ़ा हु नं.. दादा की ट्रेन मे
-
ऐसा नहीं आप बॉम्बे मे थे तब
-
हा.. ये तो
-
चढ़ा था उतरा था सभी
-
तो क्या दिक्कत हुई ?
-
कुछ नहीं ।
-
ये तो आता है ।
-
कुछ जगह से उतर सकते है।
-
फिर..
-
ऐसा कोई प्रसंग है के आप....
-
चलती ट्रेन मे चढ़ गया ?
-
हा।
-
हा। ऐसे तो प्रसंग होते है ना।
-
०७:२२ को पकड़नी हो और ०७:२२ पर हम स्टेशन
-
पर पहुचे हो तो वो चलती होगी तो दौड़कर पकड़
-
लेना पड़ता है उसे.. मतलब ट्रेन को..
-
जय सच्चिदानंद
-
फिर पार्थ सीमंधार सिटी
-
जय सच्चिदानंद दीपकभाई
-
दीपकभाई आपने कभी खाना बनाया है ?
-
बनाया है नं
-
वो पहली बार आपने किसको खिलाया ?
-
मतलब निरुमा ने सिखाया था..
-
पहली बार...
-
निरुमा ने सिखाया फिर बनाया फिर हम सब ने
-
खाया निरुमा ने भी खाया उस दिन
-
तो निरुमा को कैसा लगा था ?
-
कैसी मतलब...उन्होंने ही सिखाया था
-
इसलिए फिर अच्छा ही लगेगा न
-
तब आपने क्या बनाया था?
-
तीखी भाकरी।
-
आपको कैसे लगी थी?
-
अरे बहुत मीठी लगी थी
-
जय सच्चिदानंद
-
पूजा
-
जय सच्चिदानंद दीपकभाई
-
आपका निकनेम क्या है?
-
मेरा कुछ ....पता नहीं मुझे।
-
इग्ज़ैम्पल निरुमा को दादा नीरू कहते थे।
-
दादा को हम दादू कहते है
-
तो आपका निकनेम क्या है?
-
ऐसा कुछ रखा ही नहीं था।
-
दीपकभाई ही कहते है सब।
-
कभी तो आपकी मम्मी आपको बुलाती होगी न ?
-
दीपक कहते थे
-
आपके फ़्रेंड्स
-
दीपक ही कहते थे
-
कुछ तो कहते होंगे न प्यार से
-
हाँ एक स्कूल मे ऐसा बना था
-
उसमे चार... चार दीपक थे स्कूल मे
-
तो मुझे डि. आई. देसाई कहते थे
-
दीपक देसाई, फिर दीपक...दीपक देसाई दो थे
-
फिर ।
-
उसमे डि. आर. देसाई था और डि. आई . देसाई।
-
तो मुझे डि. आई. देसाई कहते। ऐसा बुलाते थे
-
जय सच्चिदानंद
-
माधव किरितभाई
-
दीपकभाई जय सचिदानंद
-
आपको जादुई चिराग मिले तो आप क्या करोगे?
-
जादुई चिराग से क्या फायदा होता है?
-
आपको क्या पसंद है जादुई चिराग से?
-
क्या क्या सब माँगोगे ऐसा?
-
हाँ
-
हाँ। तो दादा निरुमा को बुला लू फटाफट
-
यह नहीं दूसरा कुछ
-
पैसा या ऐसा कुछ क्यू नहीं मांगते?
-
लो, वह तो कोई मांगने की चीज है
-
और जादुई चिराग मिले ना तो सबको
-
ए बड़े हवाई जहाज बिठाके
-
सीमंधर स्वामी के पास लेके जाऊ
-
दीपकभाई
-
किसी को बाकी नहीं रहने दु
-
जिसकी इच्छा हो के ना हो
-
सबको बिठा देने का
-
और भगवान क पास लेके जानेका
-
दीपकभाई, सीमंधर स्वामी के पास ले जाने
-
के बदले सीधे मोक्ष ले जाने में क्या दिक्कत
-
है।
-
नहीं। हमे कायदे के हिसाब से काम
-
करना पागलपन करना नहीं।
-
दीपकभाई दूसरा सवाल
-
आपके मम्मी पापा का नाम क्या है?
-
मम्मी और पापा का नाम पापा
-
ऐसा नहीं, नाम! आपका नाम दीपकभाई है तो उनका
-
नाम...ओह! उनका नाम!
-
ऋक्षमनीबेन ममी का नाम था।
-
और इंदुभाई पापा का नाम था।
-
जय सचिदानंद
जय सचिदानंद
-
पार्थ शाह
-
दीपकभाई, अगर मे आपके साथ वात्सल्य मे रहने
-
आऊ तो आप क्या करोगे?
-
मै तुझे, पढ़ने के लिए वापस घर भेज दूंगा।
-
लेकिन मुझे आपके साथ ही रहना हो तो
-
हाँ तो हमारे यहा एक कायदा है
-
एक लक्ष वाले साथ रह सकते है
-
लक्ष से साथ मे नहीं रह सकते हमेशा
-
जय सच्चिदानंद
-
पंचाल रक्षा
-
जय सचिदानंद दीपकभाई।
-
दीपकभाई आपको वात्सल्य मे सबसे जादा किसके
-
साथ मे बात करना पसंद है?
-
मै तो शुद्धात्मा के साथ ।
-
दीपक और शुद्धात्मा, दोनों की बातचीत मुझे
-
सबसे जादा पसंद है।
-
दूसरी कोई व्यक्ति है?
-
बाद मे निरुमा, दादा भगवान।
-
फिर सब आप्तपुत्र आएंगे एक के बाद एक
-
फिर आप्तपुत्रिया, फिर आप्तकुमार,
-
आप्तकुमारिया, ब्रह्मचारी भाई बहने और
-
महात्मा फिर सब लिस्ट ही आती है,
-
जो मिले उससे बात करनी पसंद है
-
ना मिले उसके साथ बात करने का रहता ही नहीं
-
जय सच्चिदानंद
-
सौरव शाह
-
दीपकभाई, मुझे माउंट एवरेस्ट जाना है
-
आप मुझे कंपनी (साथ) दोगे ?
-
नहीं
-
क्यू?
-
कारण उधर कौन ठंडी मै दुखी हो!
-
क्या फायदा उसमे!
-
उससे अच्छा,
-
सीमंधर सिटी मे हम दादा की भक्ति करेंगे,
-
ज्ञान मे रहेंगे, उधर आना हो तो चलेगा मुझे
-
नहीं पर माउंट एवरेस्ट मे सब लोग...
-
उन लोगों को ज्ञान तो मिलना तो चाहिए ना
-
आप उधर जाओगे तो सबको ज्ञान मिलेगा
-
नहीं नहीं बर्फ को ज्ञान की जरूरत नहीं
-
और दीपकभाई आपका शूटिंग चलता हो
-
तो तब आपको कैसा लगता है?
-
मेरा एक बार शूटिंग हुआ था
-
मेरा पैर हिलने लगे थे, पूरा पसीने छूटने
-
लगे थे।
-
नहीं, मतलब, मुझे कुछ करना नहीं है ना इसमे
-
क्या होता है जानते रहने का
-
मतलब शूटिंग मे कुछ...
-
शूटिंग हो रहा हे ऐसा ध्यान रखता ही नहीं
-
सिर्फ हम बात कर रहे है ऐसा लगता है मुझे
-
अच्छा हे न ?
-
जय सच्चिदानंद
जय सच्चिदानंद
-
त्रिशला देड़िया
-
जय सच्चिदानंद।
-
दीपकभाई अभी आप है ना थोडी देर के लिए
-
निरुमा बन जाओ
-
और निरुमा आप पर नाराज होते हो या दूसरे
-
किसी पर नाराज होते हो, ऐसी ऐक्टिंग करके बताइए
-
ऐक्टिंग! सबसे डिफीकल्ट मे डिफीकल्ट काम
-
हो तो नाराज हो जाने की ऐक्टिंग
-
मतलब मुझे कुछ हसाने के ऐक्टिंग कहो तो जमेगा
-
नाराज होने के ऐक्टिंग नहीं जमेगा।
-
प्लीज दीपकभाई एक बार
-
ये माइक पकड़ना आता नहीं क्या पूछ पूछ करते
-
हो।
-
जिसको आता है उसको माइक दे दो
-
ताकि अच्छा सवाल पूछ सके, क्या?
-
माइक आता नहीं तो बैठ जाओ
-
दीपकभाई और कोई दूसरी ऐक्टिंग
-
नहीं अभी बैठ जानेका, क्या?
-
निरुमा जा रहे है...
-
निरुमा को ज्यादा परेशान करना नहीं
-
चिढ़ने का... ऐसा कुछ काम...
-
उनके पास से ज्ञान की बात लेनी होती है
-
ऐसे डाटने का काम करवाते होंगे?
-
फिर?
-
बस। जय सच्चिदानंद
सवाल खतम हो गया ना, अभी बैठ जानेका
-
आकांक्षा चौहान
-
जय सच्चिदाननद दीपकभाई
-
आप क्यू इतने शांत हो?
-
क्यूंकी दुनिया की उपाधि देखके ठंडा हो गया
-
हु।
-
आप छोटे थे तब भी ऐसे ही थे?
-
नहीं। तब मै अलग था
-
कैसे थे?
दादा मिलने के बाद समझदार बना
-
पहले तो बरकत बगैर का था
-
दादा को मिले उससे पहले का कहिए न
-
कुछ भी नहीं
-
'घर से स्कूल तक, जाता वापस घर'
-
धमाल मस्ती करते थे?
-
नहीं नही, ऐसा कुछ आता नहीं था
-
और कोई परेशान करे तो मुझे पसंद नहीं आता।
-
झगड़ा करने का नहीं पसंद,
-
कोई गुस्सा करता हो, तो लगता के...
-
शांति हो जाए तो अच्छा
-
बंद करदों यह झगड़ा नहीं करना
-
कभी तो हुआ होगा न?
-
हाँ याने... किसिने मेरे साथ किया होगा,
-
मैंने किसी के साथ किया नहीं
-
एक वृतांत कहो न ऐसा
-
याने ऐसा कोई खेलते खेलते दखल अंदाजी हो
-
जाती हे न तो सामने वाला गुस्सा कर देता
-
मुझपर बाद मे मुझे लगता के, अरे इतना जादा
-
दुख होता है तो छोड़ देता सब
-
मम्मी ने मारा है आपको कभी?
-
नहीं
-
कभी भी?
-
कभी भी नहीं
-
मम्मी और पापा का तो सब काम करता था
-
ममी पापा को कभी दुख हो ऐसा कभी नहीं करता
-
था। भाई और बहनों के लिए?
-
नहीं। भाई... भाई और बहन पापा मम्मी को दुख
-
देते थे इसलिए वह देखके ही मुझे लगता की
-
यह मुझे नहीं करना है
-
इनको दुख नहीं देना चाहिए
-
दुख मतलब क्या? थोड़ा...
-
उनका हाईपर स्वभाव था, भाई बहन का
-
तो थोड़ा गुस्सा वुस्सा करते थे
-
बात-बात पे पापा मम्मी...पापा के साथ टकरा
-
जाते थे तो मुझे ऐसा होता था के ऐसा नहीं
-
करना चाहिए...ऐसा नहीं करना चाहिए
-
उल्टा अंदर खुद का दुःख बड़ जाता है
-
के ऐसा नहीं करना चाहिए। किसी को दुःख
-
नहीं देना चाहिए। जय सच्चिदानंद।
-
जैत जैन
-
दीपकभाई, आपने कभी (हिन्दी )
-
आपने काभी आपके पेरेंट्स को दुख दिया है (हिन्दी )
-
मैंने दिया नहीं था (हिन्दी )
-
परेशान किया नहीं कभी लेकिन में सत्संग
-
में आने लगा न तब पापा थोड़े परेशान हो गए
-
थे...के लड़का बिगड़ गया। उलटे रस्ते पे चढ़
-
गया है। ऐसा उन्हें लगा इसलिए उन्हें दुःख
-
रहेता था थोड़ा। और दूसरा में शादी नहीं कर
-
रहा था इसलिए थोड़ा दुःख रेहता था। लेकिन
-
पांच-सात साल के बाद तो वे खुश हो गए। के
-
नहीं तूने शादी नहीं की तो अच्छा हुआ...
-
मेरी सेवा में रेह सका। भाई शादी करके उसकी
-
बीबी उसे ले गयी। बहने शादी करके चले गई।
-
तो घर पर में पापा के साथ अकेला रेह गया था।
-
(हिन्दी ) फिर, मैंने आपके दादा के साथ बहुत वीडियोज़ देखे है
-
(हिन्दी ) आप एकदम शांत थे
-
(हिन्दी ) और आप अभी इतना जोक्स मारते हो
-
(हिन्दी ) ये सड़नली सेन्स ऑफ ह्यूमर कैसे पैदा हुआ आपमे?
-
(हिन्दी ) नहीं, ये तो पहले से ही था
-
मतलब ये पता नहीं था...लेकिन ये तो सब लोगो
-
के संपर्क में आया तो ये सब खुल्ला हुआ।
-
नहीं तो में बहौत संपर्क में आता भी नहीं
-
था। और लोगो को लगता कि कुछ बोलते नहीं है
-
थोड़ा थोड़ा...मस्करी के बदले आनंदी स्वाभाव
-
थोड़ा आनंद होना चाहिए सबको। दुःख नहीं
-
होना चाहिए...ऐसा स्वभाव है।
-
(हिन्दी ) मैंने एक क्वेशन बहुत लोगों लो पूछा
-
(हिन्दी ) पर मेरे को आन्सर नहीं मिला
-
(हिन्दी ) अभी आपको पूछता हु
-
(हिन्दी ) पहले अंडा आया था की मुर्गी?
-
(हिन्दी ) नहीं इन दोनों से पहले आत्मा था
-
(हिन्दी ) नहीं पर इन दोनों मे पहले कौन आया?
-
(हिन्दी ) नहीं, यंदा और मुर्गी के पहले दूसरे जीव थे
-
(हिन्दी ) उससे धीरे धीरे डेवलपमेंट मे आया सब
-
(हिन्दी ) पहले कौन आया?
-
(हिन्दी ) अंडा की मुर्गी ?
-
(हिन्दी ) ये अपने आप डिवेलप जीव का डेवलपमेंट होता है
-
(हिन्दी ) उसमे ऐसे नेचुरली हो जाता है।
-
(हिन्दी ) बाद मे ऐसे, ऐसे बोल नहीं सकते
-
(हिन्दी ) के पहले अंडा था के पहले मुर्गी थी
-
(हिन्दी ) मगर नेचुरली ऐसे एनवायरनमेंट हो जाता है
-
(हिन्दी ) तो जीव क्रीऐट हो जाता है
-
(हिन्दी ) उसको, बादमे, उसको अपने आप
-
(हिन्दी ) हज़्बन्ड और वाइफ होके बच्चे हो जाते है
-
(हिन्दी ) अपने आप जीव हो जाता है
-
(हिन्दी ) सबसे पहले अपने आप हो गया था?
-
(हिन्दी ) हम्म ... आत्मा की प्रेज़न्स हो ऐसे एनवायरनमेंट मिल गया
-
(हिन्दी ) तो आत्मा की प्रेज़न्स उसमे या जाती है
-
(हिन्दी ) और जीव क्रीऐशन दिखाता है
-
जय सच्चिदानंद
-
(हिन्दी )बाकी अंडा की जरूरत नहीं है
-
(हिन्दी ) अपने आप पैदा हो जाता है
-
(हिन्दी ) ऐसे तो बहुत प्रकार के जीव
-
(हिन्दी ) एटमोंस्फियर मे उत्पन्न हो जाते है
-
(हिन्दी ) मनुष्यों मे भी ऐसा है
-
(हिन्दी ) ऐसे अपने आप उत्पन्न हो जाते है
-
(हिन्दी ) बाद मे हज़्बन्ड वाइफ होके बचे होते रहते है
-
जय सच्चिदानन्द