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Shaun Leonardo: The Freedom to Move | Art21 "New York Close Up"

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    मैं एक एसी पृष्‍ठभूम‍ि से आता हूं ज‍िसमें
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    मैंने अपने किसी भी पुरूष पर‍िजन को रोते नहीं देखा
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    भावनाओं को व्‍यक्‍त न करने के उस स्‍तर के व‍िषय में मैं
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    प्रश्‍न करने लगा
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    जि‍समें दुर्बल और सुभेद्य होने की अनुमत‍ि नहीं है
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    कला मेरे ल‍िए वह मार्ग बन गयी
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    ज‍िसमें मैं इन दुर्बलताओं को अनुभव कर सकता था
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    उन्‍हें धारण कर सकता था और
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    एक न‍िकटतम श्रोता के साथ साझा कर सकता था।
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    [शॉन ल‍ियोनार्डो: संचरण की स्‍वतंत्रता]
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    एक पास फेंकता है जो
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    शॉन ल‍ियोनार्डो द्वारा लगभग उठा ल‍िया जाता है।
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    मैंने अपने जीवन के दस वर्षों से भी अध‍िक फुटबॉल खेला है।
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    मेरे सारे काम कलाकार और धावक के
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    बीच की उसी दोहरी पहचान के अनुभव से उपजते हैं।
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    मुझे लगता है जैसे यह कल ही की बात हो
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    एक प्रश‍िक्षक ज‍िसे मैं वास्‍तव में स्‍नेह करता हूं
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    और मेरे पास जि‍नकी प्‍यारी यादें हैं
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    मानों मुझे गुस्‍सा करने के ल‍िए कहते हैं
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    मैं चाहता हूं क‍ि तुम इस तरह खेलो
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    मानों उन्‍होंने तुम्‍हें राइकर्स से बाहर जाने द‍िया।
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    मैं उस समय 21 वर्ष का एक युवक था।
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    आपके तुम्‍हारे पास साधन नहीं होते
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    इसे स्‍वस्‍थ ढंग से ग्रहण करने के
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    और तब क्‍या होता है?
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    यह काम कर जाता है
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    मैं उस आक्रोश को बाहर लाता हूं जो वह खोज रहे हैं।
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    उद्घोषक: ल‍ियोनार्डो उसे भीतर धकेलने
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    और संभालने में सक्षम है
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    शॉन ल‍ियोनार्डो द्वारा बढ‍़‍िया प्रदर्शन
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    मैं अब 40 वर्ष का हूं और
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    मैं अब भी उस क्षण के बारे में सोचता हूं।
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    जब तुम्‍हें अपने अंतर से, अपने रंग से, अपनी सोची पहचान से चिन्‍ह‍ित क‍िया जाता है
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    अपनी सोची पहचान से चिन्‍ह‍ित क‍िया जाता है
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    तुम एक आसानी से द‍िखाई देने वाला लक्ष्‍य बन जाते हो
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    य‍ह वो बात है क‍ि आप वास्‍तव में अदृश्‍य हो जाते हो
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    क्‍यों‍क‍ि लोग आपके आर-पार देख सकते हैं।
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    क्‍या तुम तैयार हो?- हां!
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    कॉलेज के बाद
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    मेरे फुटबॉल के कर‍ियर के बाद
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    मैं मैक्‍स‍िकन कुश्‍ती मास्‍क में गया और
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    एक अदृश्‍य व‍िरोधी से लड़ा
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    लड़ाई की घंटी बजती है
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    दर्शक जोश बढ़ा रहे हैं
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    एल कॉनक्‍व‍िस्‍टाडोर और अदृश्‍य व्‍यक्‍त‍ि 2006
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    हर स्‍पर्धा के बाद यह महत्‍वपूर्ण था क‍ि
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    दर्शक शॉन ल‍ियोनार्डो के साथ रहती थी।
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    यह क‍ि वह चर‍ित्र अनावृत हो जाता था।
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    और आप उस व्‍यक्‍त‍ि के साथ रह जाओ
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    ज‍िसे स्‍वयं को देखने के ल‍िए इस संघर्ष
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    से गुजरने की आवश्‍यकता महसूस हो रही है।
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    क्‍या आप कल्‍पना कर सकते हो
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    क‍ि मेरे सामने कोई नहीं है?
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    और इसल‍िए एक छोटे घूंसे जैसी कोई चीज़
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    आप इसे ऐसे ही दर्ज‍ कर सकते हो ।
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    और यद‍ि आप दर्शकों में हो
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    तो आप क्‍या समझ पाओगे?
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    मुझे समझना पड़ेगा
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    [खुली हथेली पर मुट्ठी के प्रहार की ध्‍वन‍ि]
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    मुझे इसे वास्‍तव में इस तरह नाटकीय बनाना है क‍ि
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    आप इसे होता देखो
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    और तब आप इसका अनुसरण होते देखो
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    मैं ह‍िंसा का दृश्‍य कर रहा हूं
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    और बहुधा एक काले शरीर से अत‍िपौरूषता
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    और आक्रोश की पहचान की अपेक्षा की जाती है।
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    और यह धारणा क‍ि एक काले
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    और भूरे शरीर के रूप में हम व‍िश्‍व में
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    घूमते हैं और श्‍वेत लोगों के प्रत‍िब‍िंब
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    के ल‍िए दर्पण की तरह काम करते हैं।
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    [दर्शक खुशी से च‍िल्‍लाते हैं]
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    एक!
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    दो!
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    तीन!
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    [दर्शक खुशी से च‍िल्‍लाते हैं]
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    स्‍व-च‍ित्र
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    और तब उस छव‍ि को ब‍िगाड़ने के तरीके खोजना
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    अपने पूर्णतर स्‍व को गहराई से
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    च‍ित्र‍ित और अनुभव करने के ल‍िए
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    जो क‍ि इन रुढ़ियों और इन प्रत‍िबिंबों में कैद नहीं है।
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    यही मेरी अन‍िवार्यता है।
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    यही वो वस्‍तु है जो मैं व‍िश्‍व को देना चाहता हूं।
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    क्‍या कोई वर्णन कर सकता है क‍ि उनके शरीर में क्‍या हो रहा था?
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    मेरे ल‍िए बहुत कष्‍टदायक था।
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    जैसे मुझे ल‍गा क‍ि मेरा शरीर गर्म हो गया है।
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    मैं इस खोज में अध‍िक से अध‍िक लोगों को लगाना चाहता हूं।
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    ताक‍ि यह स‍िर्फ मेरे वर्णन तक सीमि‍त न रहे।
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    शारीर‍िक न‍िरूपण की रणन‍ीत‍ि से ही
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    मैं अध‍िक लोगों को इसमें शाम‍िल कर सकता था।
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    मैं चाहता था क‍ि लोग इसे अनुभव करें और
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    जो यह प्रस्‍तुत‍ि कहना चाहती थी
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    उसे अपने शरीर को कहने दें।
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    [आद‍िकालीन खेल]
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    [दर्शक ताली बजाते हैं]
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    प्रत‍िभागि‍यों !
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    तैयार!
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    उसे ले आओ!
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    गोल भवन के चारों ओर ड्रम बजने की आवाज गूंजती है
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    बांया हां; दाह‍िना नहीं
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    क्‍या तुम अमेर‍िकी महसूस करते हो?
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    मैं सचमुच देखना चाहता था क‍ि
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    सामना करने और संघर्ष करने के हमारे अनुभवों
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    से गुजरकर हम दूसरे व्‍यक्‍त‍ि के शरीर में
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    क‍िसी तरह का सत्‍य अनुभव कर सकते हैं
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    और इसल‍िए हम दूसरे का आरंभ में
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    किस तरह पढ़ते हैं इस बारे में
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    अपनी धारणा पर प्रश्‍न उठाते हैं
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    ब्रास बैंड शवयात्रा की धुन बजाता है
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    [शोकगीत 2017]
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    तुम मुझसे क्‍या जानने की प्रतीक्षा कर रहे हो?
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    उसका नाम ट्रेवॉन मार्ट‍िन था। [बैंड बजता है]
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    और वह नि‍हत्‍था था
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    जब मैंने समाचार में ट्रेवॉन मार्ट‍िन की तस्‍वीर देखी
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    भय का मेरा अपना अनुभव और
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    दुन‍िया में मेरे बारे में ज‍िस तरह सोचा जा रहा है
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    सब सतह पर उफनने लगा
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    वे बातें ज‍िन्‍हें मैं क्‍वीन्‍स में बड़े होने वाले
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    छोटे भूरे बच्‍चे के रूप में दफन कर चुका था
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    मैं उन छोटे भाइयों के बारे में सोचने लगा
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    ज‍िन्‍हें मैं पीछे छोड़ जाऊंगा
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    तब अपने आप से पूछने लगा, “ठीक है, मैं ही क्‍यों?”
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    मैं ही क्‍यों यह सब कर सका
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    अच्‍छे स्‍कूल गया
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    MFA की पढ़ाई की
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    अपनी चाह के अनुरूप जि‍या
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    मुझे यह समझने में लंबा समय लगा क‍ि
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    मैं स‍िर्फ दुन‍िया में अपनी तरह
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    द‍िखने वाले लोगों को चाहता हूं
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    जो दुन‍िया में उस प्रकार की स्‍वतंत्रता के साथ
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    व‍िचरण कर सकें
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    ठीक है हम स‍िर्फ चलेंगे
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    स्‍वाभाव‍िक ढंग से
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    ज‍ितना हो सके उतनी जगह लो
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    अपनी चाल चलो।
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    शॉन असेम्‍बली के सह संस्‍थापक हैं
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    अलाभकारी संस्‍था जो अपराध न्‍याय है।
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    [यहां दुव्‍यवहार अपराध और हथि‍यार के आपराध‍िक संग्रहण
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    में आरोप‍ित युवा वैकल्‍प‍िक सजा में भाग लेते हैं]
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    हम ज‍िसे मैं दृश्‍य कथा पाठ्यक्रम कहता हूं
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    वहां से गुजरते हैं।
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    हम उस कहानी या स्‍मृत‍ि के दृश्‍य को गढ़ते हैं।
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    इसल‍िए कथाकार को उसकी कहानी को
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    ब‍िल्‍कुल अलग नजर‍िए से देखने द‍िया जाता है।
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    उन्‍हें समझ आने लगता है क‍ि कैसे वह वर्णन एक व्‍यक्‍ति का है
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    और आपराध‍िकता की पूर्वग्रह युक्‍त धारणा नहीं है।
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    यद‍ि वह भागेगा तो हम सबको भागना है।
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    मुझे वास्‍तव में दार्शन‍िक संकट का
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    सामना करना पड़ा कि एक कला स्‍थान
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    कार्यक्रम का न‍िर्माण क्‍या होता है ज‍िसमें
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    मेरा व‍िश्‍वास है क‍ि उसका केन्‍द्रीय गुण और
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    और लक्ष्‍य स्‍वतंत्रता होती है।
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    और फ‍िर भी
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    यह अपराध न्‍याय स्‍थान में संचालन करता है।
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    दर्पण गूंज झुकाव 2019 मेलेन‍ि क्रीन और
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    सेबल एल‍िस स्‍म‍िथ के सहयोग से
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    वह जो चीज ज‍िस पर मैं पहुंचा
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    जो मुझे काम पर लगाए रखती है
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    वह इन लोगों में आया व्‍यक्‍त‍िगत पर‍िवर्तन है
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    ज‍िसे मैं अनुभव कर सकता हूं।
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    इन युवा लोगों में ज‍िनक साथ मैं बड़ा हुआ हूं।
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    मैं हमेशा उसी बात पर लौटता हूं।
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    कला ही वह वस्‍तु है ज‍िसमें इस अंतर‍िक्ष में शक्‍त‍ि है
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    क्‍योंकि वह अन‍िश्‍च‍ित है।
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    उसे वास्‍तव में अपने शरीर में रहकर
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    पर‍िभाष‍ित नहीं किया जा सकता है।
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    और समझ‍िए क‍ि आपको के अनुभव से
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    पर‍िभाषित होने की आवश्‍यकता नहीं है।
Title:
Shaun Leonardo: The Freedom to Move | Art21 "New York Close Up"
Description:

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Video Language:
English
Team:
Art21
Project:
"New York Close Up" series
Duration:
11:29

Hindi subtitles

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