अनुपम मिश्रा: जल संरक्षण की प्राचीन विद्वता
-
0:00 - 0:06भावनाएँ हैं, अतः हमें तुरंत रेगिस्तान की ओर नहीं बढ़ना चाहिए।
-
0:06 - 0:12इसलिए, पहले, एक छोटा सी घरेलू घोषणा:
-
0:12 - 0:14कृपया आपके दिमाग में इंस्टॉल
-
0:14 - 0:17सही अंग्रेजी जाँचने वाले प्रोग्राम्स
-
0:17 - 0:20बंद कर दें।
-
0:20 - 0:24(तालियाँ)
-
0:24 - 0:29तो, गोल्डन डेज़र्ट, भारतीय रेगिस्तान में आपका स्वागत है।
-
0:29 - 0:32जहाँ देश में सबसे कम बारिश होती है,
-
0:32 - 0:34न्यूनतम वर्षा।
-
0:34 - 0:38यदि आप इंच से भलीभाँति परिचित हैं, नौ इंच,
-
0:38 - 0:40सेण्टीमीटर, 16 इंच।
-
0:40 - 0:45जलस्तर 300 फ़ीट, 100 मीटर नीचे है।
-
0:45 - 0:50और अधिकांश भागों में यह खारा है, पीने योग्य नहीं है।
-
0:50 - 0:53तो आप हैण्ड पम्प नहीं लगा सकते या कुएँ नहीं खोद सकते,
-
0:53 - 0:56अधिकांश गाँवों में बिजली भी नहीं है।
-
0:56 - 1:01लेकिन मान लें कि आप हरित तकनीक का उपयोग करते हैं, सौर पम्प --
-
1:01 - 1:04वे इस क्षेत्र में उपयोगी नहीं हैं।
-
1:04 - 1:07तो, गोल्डन डेज़र्ट में आपका स्वागत है।
-
1:07 - 1:10इस भूभाग में बादल कभी कभी ही आते हैं।
-
1:10 - 1:19लेकिन यहाँ बोली जाने वाली भाषा में बादलों के 40 अलग-अलग नाम हैं।
-
1:19 - 1:22वर्षा संरक्षण की यहाँ कई तकनीकें हैं।
-
1:22 - 1:25यह नया काम है, एक नया कार्यक्रम है।
-
1:25 - 1:27लेकिन डेज़र्ट सोसायटी के लिए
-
1:27 - 1:31यह कोई कार्यक्रम नहीं; उनकी ज़िन्दगी है।
-
1:31 - 1:35और वे बहुत तरीकों से बारिश जमा करते हैं।
-
1:35 - 1:38तो, यह है वो पहला उपकरण जिसका वे उपयोग करते हैं
-
1:38 - 1:40वर्षा संरक्षण में।
-
1:40 - 1:43इन्हें कुण्ड कहा जाता है; कुछ जगह इन्हें टांका भी कहते हैं।
-
1:43 - 1:47और आप देख सकते हैं इन्हें एक बनावटी
-
1:47 - 1:50जलग्रह जैसा बनाया गया है।
-
1:50 - 1:53रेगिस्तान है, रेत का टीला, एक छोटा मैदान।
-
1:53 - 1:57और यह खड़ा हुआ बड़ा प्लेटफ़ॉर्म।
-
1:57 - 2:00आप देख सकते हैं छोटे छेद
-
2:00 - 2:02पानी इस जलग्रह में गिरता है,
-
2:02 - 2:04और वहाँ एक ढ़लान है।
-
2:04 - 2:08कई बार हमारे इंजीनियर और वास्तुकार
-
2:08 - 2:11स्नानघर में ढ़लान पर ध्यान नहीं देते
-
2:11 - 2:13लेकिन यहाँ वे अच्छी तरह से देंगे।
-
2:13 - 2:16और पानी जहाँ जाना चाहिए वहीं जाता है।
-
2:16 - 2:20और यह 40 फ़ीट गहरा है।
-
2:20 - 2:24अच्छे से वाटरप्रूफ़िंग की गई है,
-
2:24 - 2:27हमारे शहर के ठेकेदारों से बढ़िया,
-
2:27 - 2:32क्योंकि पानी की कोई बूँद भी इसमें बर्बाद नहीं जानी चाहिए।
-
2:32 - 2:37ये एक मौसम में 100 हज़ार लीटर पानी इकट्ठा कर लेते हैं।
-
2:37 - 2:41और शुद्ध पीने का पानी।
-
2:41 - 2:45उसके नीचे बहुत खारा पानी है।
-
2:45 - 2:49लेकिन अब साल भर के लिए आपके पास यह है।
-
2:49 - 2:51ये हैं दो घर।
-
2:51 - 2:54एक शब्द है जिसे हम अधिकतर काम में लेते हैं कानूनन।
-
2:54 - 2:58क्योंकि हमें लिखी हुई चीज़ों की आदत है।
-
2:58 - 3:01लेकिन यह है जो कानून में लिखित नहीं है।
-
3:01 - 3:04और लोग अपने घर बनाते हैं,
-
3:04 - 3:08और पानी के टैंक।
-
3:08 - 3:14इस स्टेज की तरह वे अपने प्लेटफ़ॉर्म खड़े करते हैं।
-
3:14 - 3:16वास्तव में वे 15 फ़ीट नीचे जाते हैं,
-
3:16 - 3:19और छत से पानी इकट्ठा करते हैं,
-
3:19 - 3:22एक छोटा पाइप है, और अपने आँगन से।
-
3:22 - 3:28अच्छे मानसून में यह 25 हज़ार के लगभग संरक्षण भी कर सकता है।
-
3:28 - 3:30एक और बड़ा,
-
3:30 - 3:36यह निस्संदेह एक पूर्णतया रेगिस्तानी इलाके से बाहर है।
-
3:36 - 3:40यह जयपुर के पास है। इसे कहते हैं जयगढ़ किला।
-
3:40 - 3:46और यह एक मौसम में 60 लाख गैलन बारिश का पानी इकट्ठा कर सकता है।
-
3:46 - 3:49यह 400 साल पुराना है।
-
3:49 - 3:53अर्थात, 400 सालों से यह हर मौसम में लगभग
-
3:53 - 3:58साठ लाख गैलन पानी आपको दे रहा है।
-
3:58 - 4:01आप इस पानी की कीमत का अंदाज़ा लगा सकते हैं।
-
4:01 - 4:06यह 15 किलोमीटर लंबी नाल से पानी लाता है।
-
4:06 - 4:11देखिये एक आधुनिक सड़क, मुश्किल से 50 साल पुरानी।
-
4:11 - 4:14कभी-कभी टूट जाती है।
-
4:14 - 4:17लेकिन ये 400 साल पुरानी नाल, जिसमें पानी बहता है,
-
4:17 - 4:20कई पीढ़ियों से बरकरार है।
-
4:20 - 4:24हाँ यदि आप अन्दर जाना चाहते हैं, तो दोनों दरवाज़े बंद हैं।
-
4:24 - 4:27लेकिन TED वालों के लिए ये खोले जा सकते हैं।
-
4:27 - 4:28(हँसी)
-
4:28 - 4:30हम उनसे निवेदन कर सकते हैं।
-
4:30 - 4:33यहाँ एक आदमी आ रहा है
-
4:33 - 4:35पानी के दो कनस्तरों के साथ।
-
4:35 - 4:38और पानी का स्तर -- ये खाली कनस्तर नहीं हैं --
-
4:38 - 4:41जल स्तर यहाँ तक है।
-
4:41 - 4:44इससे कई नगरपालिकाओं को जलन हो सकती है,
-
4:44 - 4:49पानी के रंग, स्वाद, शुद्धता से।
-
4:49 - 4:53और ये उस तरह का है जिसे वे ज़ीरो बी पानी कहते हैं,
-
4:53 - 4:55क्योंकि यह बादलों से आता है,
-
4:55 - 4:58शुद्ध आसव पानी।
-
4:58 - 5:01हम एक छोटे से कमर्शियल ब्रेक के लिए रुकेंगे,
-
5:01 - 5:04और फिर पारंपरिक प्रणालियों पर वापस आएँगे।
-
5:04 - 5:07सरकार ने सोचा कि यह बहुत
-
5:07 - 5:09पिछड़ा इलाका है और हमें चाहिए कि
-
5:09 - 5:12एक मल्टी-मिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट लाएँ
-
5:12 - 5:15हिमालय से पानी लाने के लिए।
-
5:15 - 5:18यही कारण है कि मैंने कहा यह एक कमर्शियल ब्रेक है।
-
5:18 - 5:19(हँसी)
-
5:19 - 5:21लेकिन हम वापस आ गए हैं, दोबारा,
-
5:21 - 5:23पारंपरिक मुद्दे के साथ।
-
5:23 - 5:27तो, 300, 400 किलोमीटर दूर से पानी,
-
5:27 - 5:29जल्द ही ऐसा होता है।
-
5:29 - 5:31बहुत से भाग में, पानी के पौधे
-
5:31 - 5:36इस तरह से इन बड़े नाल को ढ़क लेते हैं।
-
5:36 - 5:38हाँ कुछ इलाके हैं जहाँ पानी पहुँच रहा है,
-
5:38 - 5:41मैं नहीं कह रहा कि यह बिल्कुल नहीं पहुँच रहा।
-
5:41 - 5:45लेकिन सबसे बाद का छोर, जैसलमेर इलाका,
-
5:45 - 5:48आप बीकानेर में इस तरह की चीज़ें देखेंगे:
-
5:48 - 5:50जहाँ पानी के पौधे नहीं उग सके
-
5:50 - 5:55इन नालों में रेत बह रही है।
-
5:55 - 5:59इसका बोनस ये है कि आपको इसके आसपास वन्यजीव मिल सकते हैं।
-
5:59 - 6:02(हँसी)
-
6:02 - 6:05फ़ुल-पेज विज्ञापन थे,
-
6:05 - 6:09कुछ 30 साल, 25 साल पहले जब यह नाल आई।
-
6:09 - 6:13जिनमें कहा गया था कि अपनी पारंपरिक प्रणालियों को हटा दो,
-
6:13 - 6:17ये नए सीमेण्ट टैंक आपको पाइप का पानी प्रदान करेंगे।
-
6:17 - 6:21यह एक सपना है। और यह एक सपना ही हो गया।
-
6:21 - 6:28क्योंकि पानी इन इलाकों तक नहीं पहुँच सकता था।
-
6:28 - 6:33और लोगों ने अपने ही ढ़ाँचे को पुनः बनाना शुरु किया।
-
6:33 - 6:36ये सब पारंपरिक पानी के ढाँचे हैं,
-
6:36 - 6:40जिन्हें एक छोटे से समय में हम नहीं समझ सकेंगे।
-
6:40 - 6:44लेकिन आप देख सकते हैं कि इन पर कोई औरत नहीं खड़ी है।
-
6:44 - 6:45(हँसी)
-
6:45 - 6:47और यहाँ काम कर रही है।
-
6:47 - 6:51(तालियाँ)
-
6:51 - 6:54जैसलमेर। रेगिस्तान का दिल।
-
6:54 - 6:58यह शहर 800 साल पहले बनाया गया था।
-
6:58 - 7:01उस समय जब शायद ही
-
7:01 - 7:03मुम्बई या दिल्ली,
-
7:03 - 7:06या चेन्नई या बैंगलोर थे।
-
7:06 - 7:09तो, सिल्क रूट के लिए यह टर्मिनल पॉइंट था।
-
7:09 - 7:14अच्छे से जुड़ा हुआ, 800 साल पहले, यूरोप से।
-
7:14 - 7:18हम में से कोई भी यूरोप नहीं जा सकता था,
-
7:18 - 7:21लेकिन जैसलमेर इससे अच्छे से जुड़ा था।
-
7:21 - 7:25और यह है 16 सेण्टीमीटर वाला क्षेत्र।
-
7:25 - 7:28बहुत ही कम वर्षा,
-
7:28 - 7:34पर इन क्षेत्रों में ज़िंदगी काफ़ी रंगो भरी है।
-
7:34 - 7:37इस स्लाइड में आपको पानी नहीं मिलेगा।
-
7:37 - 7:39लेकिन वह अदृश्य है।
-
7:39 - 7:43यहाँ से कोई नदी या नाला
-
7:43 - 7:46कहीं बह रहा है।
-
7:46 - 7:50या, यदि आप रंग भरना चाहें, तो आप सारा नीला भर सकते हैं
-
7:50 - 7:54क्योंकि इस तस्वीर में दिख रही सभी छतें
-
7:54 - 7:56बारिश की बूँदें इकट्ठी करती हैं
-
7:56 - 8:01और कमरों में जमा करती हैं।
-
8:01 - 8:04लेकिन इस प्रणाली के अलावा,
-
8:04 - 8:10उन्होंने इस कस्बे में 52 सुन्दर पानी के होद बनाए।
-
8:10 - 8:14और जिन्हें हम प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप कहते हैं
-
8:14 - 8:17आप इसमें एस्टेट भी जोड़ सकते हैं।
-
8:17 - 8:21तो, एस्टेट, पब्लिक और प्राइवेट एण्टरप्राइज़
-
8:21 - 8:25इस सुन्दर पानी की होद को बनाने में एक साथ काम करते हैं।
-
8:25 - 8:30और यह सभी मौसमों के लिए एक प्रकार की पानी की होद है।
-
8:30 - 8:34आप इसकी प्रशंसा करेंगे। साल भर इस सुंदरता को निहार सकते हैं।
-
8:34 - 8:36भले ही पानी का स्तर ऊपर या नीचे हो,
-
8:36 - 8:38सुंदरता बनी रहती है।
-
8:38 - 8:41एक और पानी की होद, निश्चित ही सूखती है,
-
8:41 - 8:43गर्मी के दौरान,
-
8:43 - 8:48लेकिन आप देख सकते हैं कि पारंपरिक समाज किस प्रकार
-
8:48 - 8:53दिल से इंजीनियरिंग में सुंदरता मिलाता है।
-
8:53 - 8:56ये प्रतिमाएँ, शानदार प्रतिमाएँ,
-
8:56 - 8:59आपको पानी के स्तर की जानकारी देती हैं।
-
8:59 - 9:04जब बारिश होती है तो पानी इस टैंक में भरना शुरू हो जाता है,
-
9:04 - 9:07और इन सुन्दर प्रतिमाओं को डुबा लेता है
-
9:07 - 9:10जिसे आज हम अंग्रेजी में "मास कम्यूनिकेशन" कहते हैं।
-
9:10 - 9:13यह मास कम्यूनिकेशन के लिए था।
-
9:13 - 9:17कस्बे का हर आदमी जान लेगा कि हाथी डूब चुका है,
-
9:17 - 9:20मतलब अब सात महीने, नौ महीने या 12 महीने तक
-
9:20 - 9:22इसमें पानी रहेगा।
-
9:22 - 9:25और फिर वे आएँगे और कुण्ड की पूजा करेंगे,
-
9:25 - 9:28सम्मान देंगे, धन्यवाद देंगे।
-
9:28 - 9:31एक और छोटी पानी की होद, जिसे जसेरी कहते हैं।
-
9:31 - 9:33इसका अंग्रेजी में अनुवाद करना मुश्किल है,
-
9:33 - 9:35विशेषकर मेरी अंग्रेजी में तो।
-
9:35 - 9:38लेकिन सबसे निकट होगा "ग्लोरी", एक प्रतिष्ठा।
-
9:38 - 9:42रेगिस्तान में इस छोटी पानी की होद की प्रतिष्ठा है
-
9:42 - 9:45कि ये कभी नहीं सूखती।
-
9:45 - 9:48सूखे की गंभीर परिस्थितियों में भी
-
9:48 - 9:50किसी ने नहीं देखा कि ये पानी की होद
-
9:50 - 9:52सूख गई हों।
-
9:52 - 9:59और संभवतः वे भविष्य भी जानते थे।
-
9:59 - 10:02यह लगभग 150 साल पहले बनाई गई थी।
-
10:02 - 10:06लेकिन संभवतः वे जानते थे कि छ नवंबर 2009 को
-
10:06 - 10:10एक TED ग्रीन व ब्लू सेशन होगा,
-
10:10 - 10:12इसलिए उन्होंने इसे ऐसा रंग दिया है।
-
10:12 - 10:13(हँसी)
-
10:13 - 10:18(तालियाँ)
-
10:18 - 10:21सूखी होद। बच्चे इस पर खड़े हैं
-
10:21 - 10:24इस यंत्र का वर्णन करना बहुत मुश्किल है।
-
10:24 - 10:29इसे कुँई कहते हैं। जैसे धरातल का पानी और नींव का पानी होता है।
-
10:29 - 10:31लेकिन यह नींव का पानी नहीं है।
-
10:31 - 10:33नींव का पानी आप कुएँ से प्राप्त कर सकते हैं।
-
10:33 - 10:36लेकिन यह कोई सामान्य कुआँ नहीं है।
-
10:36 - 10:40यह वो नमी सोखता है
-
10:40 - 10:42जो मिट्टी में होती है।
-
10:42 - 10:46और उन्होंने इस पानी को तीसरे रूप में बदला है जिसे रेजानी कहते हैं।
-
10:46 - 10:51और इसके नीचे जिप्सम की पट्टी चलती है।
-
10:51 - 10:55यह धरती माँ द्वारा जमा किया गया था,
-
10:55 - 10:58कुछ 30 लाख साल पहले।
-
10:58 - 11:01और जहाँ यह जिप्सम की पट्टी है
-
11:01 - 11:03वे इस पानी को जमा कर सकते हैं।
-
11:03 - 11:05यह वही सूखी पानी की होद है,
-
11:05 - 11:08इस समय, आपको कोई रानी नहीं दिखेगी;
-
11:08 - 11:10वे सब विलीन हो चुकी हैं।
-
11:10 - 11:13लेकिन जब पानी नीचे चला जाता है तो वे
-
11:13 - 11:16उन प्रतिमाओं से पानी ले पाते हैं, साल भर।
-
11:16 - 11:20इस साल केवल छ सेण्टीमीटर वर्षा ही हुई।
-
11:20 - 11:23छ सेण्टीमीटर वर्षा,
-
11:23 - 11:25लेकिन वे आपको टेलीफ़ोन कर सकते हैं
-
11:25 - 11:28कि यदि आपको अपने शहर में पानी की समस्या है,
-
11:28 - 11:30दिल्ली, मुम्बई, बैंग्लोर, मैसूर,
-
11:30 - 11:34कृपया हमारे छ सेण्टीमीटर वाले क्षेत्र में आएँ, हम आपको पानी दे सकते हैं।
-
11:34 - 11:35(हँसी)
-
11:35 - 11:37वे इसे कैसे बनाए रखते हैं?
-
11:37 - 11:40तीन बातें हैं: विचार की योजना बनाना,
-
11:40 - 11:43वास्तविक चीजें बनाना, और उन्हें बनाए रखना।
-
11:43 - 11:45यह एक संरचना है बनाए रखने के लिए,
-
11:45 - 11:50सदियों के लिए, पीढ़ियों द्वारा, बिना किसी विभाग के,
-
11:50 - 11:52बिना किसी कोष के,
-
11:52 - 11:57तो रहस्य है "श्रद्धा", आदर।
-
11:57 - 12:01आपकी अपनी चीज़, निजी सम्पत्ति नहीं,
-
12:01 - 12:04मेरी सम्पत्ति, हर बार।
-
12:04 - 12:06तो, यह पत्थर स्तंभ
-
12:06 - 12:10आपको बता देंगे कि आप एक पानी की होद वाले क्षेत्र में आ गए हैं।
-
12:10 - 12:12थूके नहीं, कुछ गलत न करें,
-
12:12 - 12:15ताकि यह साफ़ पानी भरा जा सके।
-
12:15 - 12:18एक और स्तंभ, पत्थर स्तंभ आपकी दायीं ओर।
-
12:18 - 12:21यदि आप ये पांच छ सीढियाँ चढ़ते हैं
-
12:21 - 12:24तो आपको कुछ बढ़िया दिखाई देगा।
-
12:24 - 12:27यह ग्यारहवीं सदी में बनाया गया था।
-
12:27 - 12:30और आपको थोड़ा नीचे जाना होगा।
-
12:30 - 12:33यूँ कहें कि यह तस्वीर हज़ार शब्द कहती है,
-
12:33 - 12:36तो हम एक हज़ार शब्द अभी कह सकते हैं,
-
12:36 - 12:38और एक हज़ार शब्द।
-
12:38 - 12:40यदि पानी का स्तर नीचे जाता है,
-
12:40 - 12:42आपको और सीढियाँ मिल जाती हैं।
-
12:42 - 12:46यदि यह ऊपर आता है, तो कुछ डूब जाती हैं।
-
12:46 - 12:48तो, साल भर
-
12:48 - 12:53यह सुन्दर संरचना आपको खुशी देती है।
-
12:53 - 12:55तीन तरफ़ ऐसी ही सीढियाँ, चौथी तरफ़
-
12:55 - 12:57एक चार मंजिला इमारत
-
12:57 - 13:02जहाँ आप कभी भी ऐसी TED सभाएँ लगा सकते हैं।
-
13:02 - 13:08(तालियाँ)
-
13:08 - 13:12माफ़ कीजियेगा, ये संरचनाएँ किसने निर्मित कीं?
-
13:12 - 13:14वे आपके सामने हैं।
-
13:14 - 13:18हमारे बेहतरीन सिविल इंजीनियर, बेहतरीन योजना बनाने वाले,
-
13:18 - 13:20बेहतरीन वास्तुकार।
-
13:20 - 13:22हम कह सकते हैं कि इन्हीं के कारण,
-
13:22 - 13:24उनके पूर्वजों के कारण,
-
13:24 - 13:27भारत ने पहला इंजीनियरिंग कॉलेज खोला
-
13:27 - 13:301847 में।
-
13:30 - 13:33उस समय कोई इंग्लिश मीडियम स्कूल नहीं थे,
-
13:33 - 13:36बल्कि हिंदी स्कूल भी नहीं, कोई स्कूल नहीं।
-
13:36 - 13:39लेकिन इन लोगों ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को विवश किया,
-
13:39 - 13:43जो यहाँ व्यापार करने आए थे, एक गंदा व्यापार...
-
13:43 - 13:45(हँसी)
-
13:45 - 13:48इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने नहीं,
-
13:48 - 13:52लेकिन इनकी वजह से, पहला इंजीनियरिंग कॉलेज बनाया गया
-
13:52 - 13:55एक छोटे गाँव में शहर में नहीं।
-
13:55 - 14:00आखिरी बिंदु, हम सब जानते हैं कि हमारे प्राथमिक स्कूलों में
-
14:00 - 14:03ऊँट रेगिस्तान का जहाज होता है।
-
14:03 - 14:06तो, आप अपनी जीप से ढ़ूँढ़ सकते हैं,
-
14:06 - 14:09ऊँट और ऊँटगाड़ी।
-
14:09 - 14:13यह टायर हवाई जहाज का है।
-
14:13 - 14:16तो आप देखें डेज़र्ट सोसायटी की सुंदरता
-
14:16 - 14:18जो वर्षा का पानी जमा कर सकती है,
-
14:18 - 14:21और ऐसा कुछ बना सकती है
-
14:21 - 14:25एक जेट प्लेन के टायर से,
-
14:25 - 14:27ऊँटगाड़ी के उपयोग हेतु।
-
14:27 - 14:30आखिरी तस्वीर, यह एक टेटू है,
-
14:30 - 14:322000 साल पुराना टेटू।
-
14:32 - 14:35इसका उपयोग शरीर पर किया जाता था।
-
14:35 - 14:37एक समय टेटू
-
14:37 - 14:39कुछ ब्लैक लिस्ट हो गया था
-
14:39 - 14:42कुछ बुरी चीज़, लेकिन अब वापस आ गया।
-
14:42 - 14:44(हँसी)
-
14:44 - 14:46(तालियाँ)
-
14:46 - 14:49आप इस टेटू को कॉपी कर सकते हैं। मेरे पास इसके कुछ पोस्टर हैं।
-
14:49 - 14:52(हँसी)
-
14:52 - 14:57जीवन के केन्द्र में पानी है।
-
14:57 - 14:59ये सुन्दर लहरें हैं।
-
14:59 - 15:02ये सुन्दर सीढ़ियाँ हैं
-
15:02 - 15:05जिसे हमने अभी एक स्लाइड में देखा था।
-
15:05 - 15:08ये पेड़ हैं।
-
15:08 - 15:10और ये फूल हैं जो
-
15:10 - 15:14हमारे जीवन में खुशबू फैलाते हैं।
-
15:14 - 15:17तो, यह रेगिस्तान का संदेश है।
-
15:17 - 15:19आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
-
15:19 - 15:45(तालियाँ)
-
15:45 - 15:49क्रिस एण्डरसन: सबसे पहले तो मैं दुआ करता हूँ कि मैं भी आप जितना अच्छा बोल सकूँ, सच में, किसी भी भाषा में।
-
15:49 - 15:56(तालियाँ)
-
15:56 - 16:02ये शिल्पकारी और संरचनाएँ बहुत प्रेरणा देने वाली हैं।
-
16:02 - 16:05क्या आपको लगता है कि इनका उपयोग और कहीं किया जा सकता है,
-
16:05 - 16:07ताकि इससे दुनिया कुछ सीख पाए?
-
16:07 - 16:09या यह इस जगह के लिए ही सही है?
-
16:09 - 16:12अनुपम मिश्रा: नहीं, मूल उद्देश्य है कि
-
16:12 - 16:15अपने इलाके में गिरने वाले पानी को काम में लेना।
-
16:15 - 16:19इसलिए, कुण्ड, खुली होद सब जगह हैं,
-
16:19 - 16:24श्रीलंका से कश्मीर तक, अन्य जगहों पर भी।
-
16:24 - 16:27और ये टाँके, जो पानी जमा करते हैं,
-
16:27 - 16:29दो तरह के हैं।
-
16:29 - 16:31एक पुनः बनाते हैं और एक हैं जो जमा करते हैं।
-
16:31 - 16:34तो, यह उस भू-भाग पर निर्भर करता हैं।
-
16:34 - 16:37लेकिन कुँई, जो जिप्सम बेल्ट को काम में लेती है,
-
16:37 - 16:41के लिए आपको कैलेण्डर में पीछे जाना होगा,
-
16:41 - 16:43तीस लाख साल पहले।
-
16:43 - 16:45यदि वहाँ ऐसा हुआ तो उसे अब भी किया जा सकता है।
-
16:45 - 16:47वरना, नहीं हो सकता।
-
16:47 - 16:48(हँसी)
-
16:48 - 16:50(तालियाँ)
-
16:50 - 16:52CA: आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
-
16:52 - 16:54(तालियाँ)
- Title:
- अनुपम मिश्रा: जल संरक्षण की प्राचीन विद्वता
- Speaker:
- Anupam Mishra
- Description:
-
ज्ञान और चतुराई युक्त, अनुपम मिश्रा बता रहे हैं जल संरक्षण हेतु गोल्डन डेज़र्ट के लोगों द्वारा सदियों पहले बनाए गए इंजीनियरिंग के अद्भुत निर्माणों के बारे में। ये निर्माण आज भी उपयोगी हैं -- और कुछ संदर्भ में आधुनिक जल परियोजनाओं से बेहतर भी।
- Video Language:
- English
- Team:
closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 16:55