आप अपने लिए इतना तो कर सकते हैं कि संपूर्ण सूर्य ग्रहण का अनुभव करें
-
0:02 - 0:06इससे पहले कि मैं वहाँ पहुंचुं
जो मुझे कहना है, -
0:06 - 0:09मैं अपने बारे में कुछ बातें बताने के लिए
बाध्य महसूस कर रहा हूँ। -
0:10 - 0:13मैं कोई रहस्यवादी नहीं हूँ,
-
0:13 - 0:15कोई आध्यात्मिक प्रकार का इन्सान।
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0:16 - 0:18मैं विज्ञान का लेखक हूँ।
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0:18 - 0:20मैंने कॉलेज में भौतिक विज्ञान पढ़ा है।
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0:20 - 0:23मैं एनपीआर के लिए वैज्ञानिक संवाददाता था।
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0:24 - 0:26इतना कहने के बाद:
-
0:27 - 0:30राष्ट्रीय सार्जनिक रेडियो NPR
के लिए एक कहानी पर काम करते समय, -
0:30 - 0:32मुझे एक खगोलशास्त्री से कुछ सलाह मिली
-
0:32 - 0:34जिसने मेरे दृष्टिकोण को चुनौति दी,
-
0:34 - 0:36और सच कहूँ, मेरा जीवन बदल दिया।
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0:37 - 0:39देखिए, कहानी एक ग्रहण के बारे में थी,
-
0:39 - 0:44आंशिक सूर्य ग्रहण जो मई, १९९४ को
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0:44 - 0:46देश से गुज़रने वाला था।
-
0:46 - 0:49वह खगोलशास्त्री...
मैंने उनका इंटरव्यू लिया, -
0:49 - 0:52और उन्होंने समझाया कि क्या होने वाला है
और उसे कैसे देखना चाहिए, -
0:52 - 0:57पर उन्होंने जोर दिया,
चाहे आंशिक सूर्य ग्रहण कितना ही रोचक हो, -
0:57 - 1:02अधिक दुर्लभ संपूर्ण सूर्य ग्रहण
एकदम भिन्न होता है। -
1:02 - 1:06संपूर्ण सूर्य ग्रहण में,
पूरे दो या तीन मिनट के लिए, -
1:06 - 1:09चंद्रमा पूरी तरह सूर्य की सतह को
आच्छादित करके उसका सृजन करता है, -
1:09 - 1:14जिसे उन्होंने संपूर्ण प्रकृति में
अति-विस्मयकारी चमत्कार -
1:14 - 1:16के रूप में वर्णित किया।
-
1:17 - 1:19तो उन्होंने मुझे यह सलाह दी:
-
1:20 - 1:23उन्होंने कहा, "मरने से पहले,
-
1:23 - 1:27तुम्हें अपने लिए इतना करना होगा
कि खुद को संपूर्ण सूर्य ग्रहण का अनुभव करवाओ।" -
1:28 - 1:30सच कहूँ, मुझे थोड़ा अजीब लगा
-
1:30 - 1:33एक ऐसे इन्सान से यह सुनना
जिससे मैं भली-भांति परिचित भी नहीं था; -
1:33 - 1:35एक प्रकार से अंतरंग सा महसूस हुआ।
-
1:35 - 1:38पर उस बात ने मेरा ध्यान आकर्षित कर लिया,
और मैंने कुछ शोध किया। -
1:39 - 1:41संपूर्ण सूर्य ग्रहण की बात यह है,
-
1:41 - 1:43अगर आप इंतज़ार करेंगे
कि कोई आप तक आएगा, -
1:43 - 1:47तो बहुत लंबे समय तक इंतज़ार करना होगा।
-
1:47 - 1:51पृथ्वी पर कोई भी बिंदु ४०० सालों में
-
1:51 - 1:55एक बार संपूर्ण ग्रहण का अनुभव करता है।
-
1:55 - 1:59पर यदि आप यात्रा करने के लिए तैयार हों,
तो इतना इंतज़ार नहीं करना पड़ता। -
1:59 - 2:03और मैंने जाना कि कुछ साल बाद, 1998 में,
-
2:03 - 2:06एक संपूर्ण सूर्य ग्रहण
कैरिबियन से गुज़रने वाला था। -
2:07 - 2:11अब, एक संपूर्ण सूर्य ग्रहण
केवल एक संकीर्ण मार्ग पर दिखाई देता है, -
2:11 - 2:12लगभग सौ मील चौड़ा,
-
2:12 - 2:15और चंद्रमा की छाया वहीं पड़ती है।
-
2:15 - 2:17उसे कहते हैं "संपूर्णता का मार्ग।"
-
2:17 - 2:19और फरवरी १९९८ में,
-
2:19 - 2:23संपूर्णता का मार्ग अरूबा से
होकर गुज़रने वाला था। -
2:23 - 2:27तो मैंने अपने पति से कहा,
हमने सोचा; फरवरी? अरूबा? -
2:27 - 2:29वैसे भी अच्छा विचार लग रहा था।
-
2:29 - 2:30(हंसी)
-
2:30 - 2:32तो हम दक्षिण की ओर चल पड़े,
-
2:32 - 2:35सूर्य का आनंद उठाने
और देखने कि क्या होता है -
2:35 - 2:37जब सूर्य कुछ पल के लिए गायब हो जाए।
-
2:38 - 2:41ग्रहण के दिन हम और बहुत से अन्य लोग
-
2:41 - 2:43हयात रीजेंसी के पीछे, समुद्री तट पर,
-
2:43 - 2:44शो के शुरू होने की प्रतीक्षा में,
-
2:44 - 2:46इकट्ठे हो गए।
-
2:46 - 2:49और हमने ग्रहण देखने वाले चश्मे पहने थे
जिनकी गत्ते की फ्रेमें थीं -
2:49 - 2:53और बहुत गहरे लेंस
ताकि हम सूर्य को सुरक्षित देख सकें। -
2:54 - 2:58संपूर्ण सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण की
तरह ही शुरू होता है, -
2:58 - 3:02जब चंद्रमा धीरे-घीरे
सूर्य के आगे आ जाता है। -
3:02 - 3:06तो पहले ऐसे लगा कि सूर्य का किनारा
थोड़ा सा कटा हुआ था, -
3:06 - 3:09और फिर वह कटाव बढ़ा और बढ़ता गया,
-
3:09 - 3:11सूर्य को एक नवचंद्र के आकार का बना दिया।
-
3:12 - 3:16और वह सब बहुत रोचक था,
परंतु मैं उसे बहुत शानदार नहीं कहूँगा। -
3:16 - 3:18मेरा मतलब, दिन उतना ही उज्जवल रहा।
-
3:18 - 3:21अगर मैं नहीं जानता
कि आसमान में क्या हो रहा है, -
3:21 - 3:23तो मुझे कुछ भी अजीब ना दिखाई देता।
-
3:24 - 3:29जब संपूर्ण सूर्य ग्रहण के शुरू होने में
बस १० मिनट बचे थे, -
3:29 - 3:31अजीब बातें होनी शुरू हो गईं।
-
3:32 - 3:34शीतल पवन सी बहने लगी।
-
3:35 - 3:39दिन का प्रकाश कुछ विचित्र लगने लगा,
परछांइयाँ अनोखी सी दिखने लगीं; -
3:39 - 3:41उनमें अजीब सी स्पष्टता दिखने लगी,
-
3:41 - 3:45जैसे किसीने टीवी का वैषम्य बढ़ा दिया हो।
-
3:46 - 3:50तब मैंने खुले समुद्र में देखा,
और मैंने नौकाओं को प्रकाशित देखा, -
3:50 - 3:52तो स्पष्ट है कि अँधेरा हो रहा था,
-
3:52 - 3:54हालांकि मुझे एहसास नहीं हो रहा था।
-
3:54 - 3:56जल्द ही, जाहिर हो गया
कि अँधेरा हो रहा था। -
3:56 - 3:59ऐसा महसूस हुआ
कि मेरी आँखों की रोशनी जा रही थी। -
3:59 - 4:01और फिर अचानक,
-
4:01 - 4:02अँधेरा हो गया।
-
4:04 - 4:05उस पल,
-
4:05 - 4:08समुद्र तट से प्रसन्नता की लहर उभर आई,
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4:08 - 4:10और मैंने अपने ग्रहण वाले चश्मे उतार दिए,
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4:10 - 4:13क्योंकि संपूर्ण सूर्य ग्रहण में इस पल,
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4:13 - 4:16सूर्य को बिना चश्मे के देखना सुरक्षित था।
-
4:16 - 4:18और मैंने ऊपर की ओर देखा,
-
4:20 - 4:23और मैं हक्का-बक्का रह गया।
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4:26 - 4:30अब, सोचें कि इस समय,
मैं ३० के दशक के मध्य में था। -
4:30 - 4:37मैं पृथ्वी पर इतने साल जी चुका था
कि मैं जानता था आसमान कैसा दिखता है। -
4:38 - 4:39मेरा मतलब...
-
4:39 - 4:40(हंसी)
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4:40 - 4:43मैंने नीले आसमान और धुंधले आसमान
-
4:43 - 4:47और तारों से जगमगाते और गुस्से वाले आसमान
-
4:47 - 4:49और सूर्योदय के गुलाबी आसमान देखे थे।
-
4:50 - 4:53पर ऐसा आसमान मैंने आज तक नहीं देखा था।
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4:54 - 4:57पहले तो वे रंग थे।
-
4:57 - 5:00सबसे ऊपर, गहरा बैंगनी धुंधला सा रंग,
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5:00 - 5:01जैसे गोधूलि।
-
5:01 - 5:03पर क्षितिज पर नारंगी रंग था,
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5:03 - 5:04सूर्यास्त की तरह,
-
5:04 - 5:06३६० डिग्री।
-
5:06 - 5:09और ऊपर, गोधूलि में,
-
5:09 - 5:12चमकदार तारे और ग्रह बाहर आ गए थे।
-
5:12 - 5:13तो वहाँ बृहस्पति था,
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5:13 - 5:15और बुध था
-
5:15 - 5:16और शुक्र था।
-
5:17 - 5:19वे सभी एक रेखा में थे।
-
5:21 - 5:23और फिर, इसी रेखा के पास,
-
5:24 - 5:27यह चीज़ थी,
-
5:27 - 5:30यह शानदार, विस्मयकारी चीज़।
-
5:30 - 5:35चांदी की तारों से
बुने हुए हार की लग रही थी, -
5:35 - 5:38वह बस झिलमिलाती हुई सी
अंतरिक्ष में लटकी थी। -
5:41 - 5:44वह था सूर्य का बाहरी वातावरण,
-
5:44 - 5:46सौर प्रभामंडल।
-
5:46 - 5:48और तस्वीरें इसका सही विवरण नहीं कर पातीं।
-
5:48 - 5:53यह सूर्य के बाहर केवल एक छल्ला
या आभामंडल नहीं है; -
5:53 - 5:57इसकी बहुत ही महीन बनावट है,
जैसे यह रेशम के धागों से बना हो। -
5:58 - 6:00हालांकि वह हमारे सूर्य
जैसा बिल्कुल नहीं दिख रहा था, -
6:00 - 6:03मैं तो जानता था कि वह वही था।
-
6:03 - 6:06तो वह सूर्य था और ग्रह भी थे,
-
6:06 - 6:10और मैं देख सकता था कि ग्रह
सूर्य की परिक्रमा कैसे करते हैं। -
6:10 - 6:13ऐसा था कि मैं अपने सौर मंडल को छोड़कर
-
6:13 - 6:16किसी अनजान संसार में
-
6:16 - 6:18सृजन को देखते हुए खड़ा था।
-
6:19 - 6:21और जीवन में पहली बार,
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6:21 - 6:25मैं ब्रह्माण्ड से एक असंगत रूप में
-
6:25 - 6:27उसकी पूर्ण विशालता से जुड़ गया।
-
6:28 - 6:30समय थम गया,
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6:30 - 6:33या एक तरह से अवास्तविक सा महसूस हुआ,
-
6:33 - 6:36और जो मैंने अपनी आँखों से देखा...
-
6:36 - 6:38मैंने सिर्फ़ देखा ही नहीं,
-
6:38 - 6:40बल्कि अलौकिक सौंदर्य की तरह महसूस किया।
-
6:42 - 6:45और मैं उस निर्वाण में खड़ा रहा
-
6:46 - 6:51पूरे १७४ सेकंड्स... तीन मिनट से कुछ कम...
-
6:51 - 6:54जब अचानक सब सामप्त हो गया।
-
6:54 - 6:55सूर्य बाहर आ गया,
-
6:55 - 6:57नीला आसमान वापिस आ गया,
-
6:57 - 7:00सितारे और ग्रह और प्रतिभामंडल गुम हो गए।
-
7:00 - 7:02संसार सामान्य हो गया।
-
7:03 - 7:04पर मैं बदल गया था।
-
7:06 - 7:09और इस तरह मैं एक ग्रहण प्रेमी बन गया...
-
7:10 - 7:11ग्रहण का पीछा करने वाला।
-
7:11 - 7:12(हंसी)
-
7:12 - 7:16तो, मैं अपना समय और मेहनत से
कमाया पैसा इस तरह खर्च करता हूँ। -
7:17 - 7:23मैं हर दो सालों के बाद,
जहाँ भी चंद्रमा की छाया गिरेगी -
7:23 - 7:25अंतरिक्षीय आनंद के कुछ पलों का अनुभव लेने
-
7:25 - 7:27निकल पड़ता हूँ,
-
7:27 - 7:29ताकि आस्ट्रेलिया में दोस्तों से,
-
7:29 - 7:31जर्मनी के एक पूरे शहर से,
-
7:31 - 7:33अनेक लोगों से अपना अनुभव बांट सकूँ।
-
7:33 - 7:38१९९९ में, म्यूनिक में,
मैं हज़ारों के साथ था -
7:38 - 7:43जो सड़कों और छतों के ऊपर थे
और जब सौर प्रतिभामंडल उभरा -
7:43 - 7:45तो एक साथ चिल्ला रहे थे।
-
7:46 - 7:48और समय के साथ, मैं कुछ और भी बन गया हूँ:
-
7:48 - 7:51ग्रहण प्रचारक।
-
7:51 - 7:53मैं इसे अपना कर्त्तव्य समझता हूँ
-
7:54 - 7:59कि मुझे वर्षों पहले मिली
सलाह को आगे बढ़ाऊँ। -
7:59 - 8:01तो आपको बताता हूँ:
-
8:03 - 8:05इससे पहले कि आप मरें,
-
8:05 - 8:10आपको अपने लिए इतना करना होगा
कि खुद को संपूर्ण सूर्य ग्रहण का अनुभव करवाएँ। -
8:10 - 8:14यह विस्मय का चरम अनुभव है।
-
8:15 - 8:19अब, यह शब्द "विस्मयकारी"
इतना इस्तेमाल किया जाता है -
8:19 - 8:22कि इसने अपना मूल अर्थ ही खो दिया है।
-
8:22 - 8:26हमारे जीवन में कुछ विशाल और भव्य होने पर
-
8:26 - 8:29असली विस्मय, आश्चर्य की
भावना और निरर्थकता, -
8:29 - 8:30बहुत दुर्लभ है।
-
8:31 - 8:34पर जब उसका अनुभव करते हैं, वह प्रबल है।
-
8:34 - 8:37विस्मय अहंकार को लुप्त कर देता है।
-
8:37 - 8:39यह हमें जुड़ा हुआ महसूस करवाता है।
-
8:39 - 8:42दरअसल, यह सहानुभूति
और उदारता को बढ़ावा देता है। -
8:43 - 8:48कोई भी चीज़ संपूर्ण सूर्य ग्रहण से अधिक
विस्मयकारी नहीं हो सकती। -
8:48 - 8:51दुर्भाग्यवश, बहुत कम
अमरीकियों ने यह देखा है, -
8:51 - 8:53क्योंकि ३८ वर्ष हो गए हैं
-
8:53 - 8:56जब इसने अंतिम बार महाद्वीपीय
संयुक्त राज्य अमरीका को छुआ था -
8:56 - 9:00और ९९ वर्ष हो गए हैं जब अंतिम बार
पूरे देश की चौड़ाई से गुज़रा था। -
9:01 - 9:04पर वह बदलने वाला है।
-
9:04 - 9:06अगले ३५ वर्षों में,
-
9:07 - 9:11महाद्वीपीय संयुक्त राज्य अमरीका में
पाँच संपूर्ण सूर्य ग्रहण होंगे, -
9:11 - 9:14और उनमें से तीन खासकर शानदार होंगे।
-
9:15 - 9:20आज से छह हफ्तों बाद, २१ अगस्त, २०१७ को...
-
9:20 - 9:23(तालियाँ)
-
9:23 - 9:27चंद्रमा की छाया ओरेगॉन से
साउथ कौरोलाइना तक जाएगी। -
9:27 - 9:33८ अप्रैल, २०२४ को चंद्रमा की छाया
उत्तर की ओर टैक्सास से मेन तक जाएगी। -
9:33 - 9:35२०४५ में, १२ अगस्त को,
-
9:35 - 9:38मार्ग कैलिफ़ोर्निया से फ्लोरिडा तक जाएगा।
-
9:39 - 9:41मैं कहता हूँ:
-
9:42 - 9:44कैसा हो अगर हम इन्हें अवकाश घोषित कर दें?
-
9:44 - 9:45कैसा हो अगर हम...
-
9:46 - 9:47(हंसी)
-
9:47 - 9:50(तालियाँ)
-
9:50 - 9:55कैसा हो अगर चंद्रमा की छाया में,
-
9:55 - 9:57हम सब एक साथ खड़े हों,
-
9:57 - 9:59जितने ज़्यादा लोग हो सकते हैं,
-
9:59 - 10:05हो सकता है, यह विस्मय का साझा अनुभव
हमारे मतभेदों को सुलझाने में मदद करे, -
10:05 - 10:08हम एक-दूसरे से थोड़ा अधिक
मानवीय व्यवहार करने लगें। -
10:09 - 10:15अब, बेशक, कुछ लोग
मेरे इस प्रचार को थोड़ा सा -
10:15 - 10:17मेरा जुनून, मेरी सनक समझते हैं।
-
10:18 - 10:23मेरा मतलब, इतनी संक्षिप्त घटना पर
अपना ध्यान केंद्रित क्यों करें? -
10:23 - 10:27क्यों उसके लिए दुनिया को पार करना,
या राज्य सीमाओं के पार जाना... -
10:27 - 10:30जो बस तीन मिनट तक ही रहता है?
-
10:31 - 10:32जैसा मैंने कहा:
-
10:33 - 10:35मैं कोई आध्यात्मिक इन्सान नहीं हूँ।
-
10:36 - 10:39मैं ईश्वर को नहीं मानता।
-
10:39 - 10:40काश मैं मानता होता।
-
10:41 - 10:43पर जब अपनी नश्वरता
के बारे में सोचता हूँ... -
10:44 - 10:46और मैं बहुत अधिक सोचता हूँ...
-
10:47 - 10:51जब मैं सोचता हूँ कितनों को खो चुका हूँ,
-
10:51 - 10:52विशेषकर मेरी माँ,
-
10:54 - 10:56मुझे आरूबा के उस विस्मय के पल से
-
10:56 - 10:59सांत्वना मिलती है।
-
11:00 - 11:03मैं उस समुद्र तट पर खुद को देखता हूँ,
-
11:03 - 11:04आसमान की ओर देखते हुए,
-
11:05 - 11:07और वह एहसास याद करता हूँ।
-
11:09 - 11:11मेरा अस्तित्व चाहे अस्थायी हो,
-
11:12 - 11:14पर वह ठीक है, क्योंकि, हे ईश्वर,
-
11:15 - 11:17देखो तो मैं किसका हिस्सा हूँ।
-
11:18 - 11:20तो, मैंने यह सबक सीखा,
-
11:20 - 11:23और यह सामान्य रूप से
जीवन में लागू होता है: -
11:24 - 11:28अनुभव की अवधि प्रभाव के बराबर नहीं होती।
-
11:28 - 11:33एक सप्ताहांत, एक वार्तालाप... एक नज़र...
-
11:33 - 11:35सब बदल सकता है।
-
11:37 - 11:40दूसरे लोगों से गहरे संबंध,
प्राकृतिक संसार से संबंध, -
11:40 - 11:41उन पलों को संजो के रखें
-
11:41 - 11:43और उन्हें प्राथमिकता बनाएँ।
-
11:43 - 11:46हाँ, मैं ग्रहणों का पीछा करता हूँ।
-
11:46 - 11:48आप किसी और का पीछा कर सकते हैं।
-
11:48 - 11:51पर यह उन १७४ सेकंडों के बारे में नहीं है।
-
11:52 - 11:55यह उस बारे में है कि वह कैसे
-
11:55 - 11:57आने वाले वर्षों को बदल देते हैं।
-
11:57 - 11:58धन्यवाद।
-
11:58 - 12:03(तालियाँ)
- Title:
- आप अपने लिए इतना तो कर सकते हैं कि संपूर्ण सूर्य ग्रहण का अनुभव करें
- Speaker:
- डेविड बैरन
- Description:
-
अगस्त २१, २०१७ को चंद्रमा की छाया ओरगॉन से साउथ कैरोलाइना तक जाएगी जिसे कुछ लोग प्रकृति का एक अत्यंत विस्मयकारी दृश्य कहते हैं। ग्रहण का पीछा करने वाले डेविड बैरन विश्व भर में ऐसी ही दुर्लभ घटनाओं का पीछा करते हैं, और सौर प्रतिभामंडल देखने की खुशी में इस भाषण में वह बताते हैं कि क्यों हमें अपने लिए इतना तो करना होगा कि खुद को एक संपूर्ण सूर्य ग्रहण का अनुभव करवाएँ।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 12:16
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