एक छिपी कहानी बताने का साहस
-
0:01 - 0:04जब मैं १९ वर्ष की हुई, तब मैंने अपनी जीविका आरम्भ करी
-
0:04 - 0:06पहली महिला छाया पत्रकार की तरह
-
0:06 - 0:09फिलिस्तीन की गाज़ा पट्टी में
-
0:09 - 0:11एक महिला छायाकार के रूप में मेरा काम
-
0:11 - 0:13एक गंभीर अपमान माना गया
-
0:13 - 0:15स्थानीय परंपराओं के लिए
-
0:15 - 0:17यह स्थायी कलंक बन गया
-
0:17 - 0:20मेरे और मेरे परिवार के लिए
-
0:20 - 0:23पुरुष प्रधान क्षेत्र ने हर संभव तरीके से मेरी उपस्थिति को
-
0:23 - 0:26अनिष्ट कर दिया
-
0:26 - 0:28उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि एक महिला को
-
0:28 - 0:30पुरुषों का काम नहीं करना चाहिए
-
0:30 - 0:33गाज़ा में छाया संस्थानों ने मुझे प्रशिक्षित करने से मना कर दिया
-
0:33 - 0:35मेरे लिंग की वजह से
-
0:35 - 0:38"नहीं" काफी स्पष्ट था
-
0:38 - 0:39मेरे तीन सहकर्मी मुझे
-
0:39 - 0:44जंग के खुले मैदान में जितनी दूर हों सके लेकर गए
-
0:44 - 0:46जहाँ मैं सिर्फ विस्फोट की ध्वनियाँ ही
-
0:46 - 0:48सुन पा रही थी
-
0:48 - 0:51हवा में धूल उड़ रही थी
-
0:51 - 0:55और मेरे नीचे की ज़मीन झूले की तरह हिल रही थी
-
0:55 - 0:58मुझे बाद में एहसास हुआ कि हम वहाँ घटना को दस्तावेज़ करने नहीं गए थे
-
0:58 - 1:01जब वो तीनों बख़्तरबंद जीप में बैठ के
-
1:01 - 1:04मेरी ओर हाथ हिलाकर, मुस्कुराते हुए वापिस चले गये
-
1:04 - 1:08मुझे जंग के खुले मैदान में अकेला छोड़कर
-
1:08 - 1:11एक क्षण के लिए, मुझे भयभीत
-
1:11 - 1:16अपमानित महसूस हुआ, खुद के लिए काफी खेद हुआ
-
1:16 - 1:18मेरे सहकर्मियों के द्वारा दी गयी
-
1:18 - 1:20मौत की धमकी पहली नहीं थी
-
1:20 - 1:24परन्तु सबसे खतरनाक थी.
-
1:24 - 1:27गाज़ा में महिलाओं के जीवन की धारणा
-
1:27 - 1:29निष्क्रीय है
-
1:29 - 1:33हाल ही तक, काफी महिलाओं को
-
1:33 - 1:36काम या शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी
-
1:36 - 1:39ऐसे दुगने युद्ध के समय जिसमें
-
1:39 - 1:41महिलाओं पर सामाजिक प्रतिबंध था
-
1:41 - 1:44और इजरायल - फिलीस्तीनियों में संघर्ष,
-
1:44 - 1:48महिलाओं की काली एवम चमकदार कहानियाँ लुप्त होती जा रहीं थी
-
1:48 - 1:50पुरुषों के लिए, महिलाओं की कहानियाँ
-
1:50 - 1:52महत्वहीन थी.
-
1:52 - 1:55मैने गाज़ा में महिलाओं के जीवन पर
-
1:55 - 1:57करीब से ध्यान देना शुरू कर दिया
-
1:57 - 2:00मेरे लिंग की वजह से मुझे वहाँ जाने की अनुमति थी
-
2:00 - 2:05जहाँ मेरे सहकर्मियों का जाना वर्जित था
-
2:05 - 2:07सपष्ट दर्द और संघर्ष के परे,
-
2:07 - 2:09एक स्वस्थ खुराक थी
-
2:09 - 2:12हँसी और उपलब्धियों की
-
2:12 - 2:15गाज़ा शहर में पुलिस परिसर के सामने
-
2:15 - 2:18गाजा में पहले युद्ध के दौरान
-
2:18 - 2:22एक इजरायली हवाई हमला, परिसर को नष्ट करने में
-
2:22 - 2:24और मेरी नाक तोड़ने में कामयाब रहा.
-
2:24 - 2:28एक क्षण के लिए तो मुझे सब कुछ सफ़ेद, चमकदार सफ़ेद दिखाई दिया,
-
2:28 - 2:31इन रोशनियों की तरह
-
2:31 - 2:34मुझे लगा या तो में अंधी हो गयी हुँ
-
2:34 - 2:37या स्वर्ग में आ गयी हुँ
-
2:37 - 2:40जब तक मैने अपनी आँखें खोली
-
2:40 - 2:45तब तक मैने उस क्षण को दर्ज कर लिए था
-
2:45 - 2:47मुहम्मद खादर, एक फिलिस्तीनी कार्यकर्ता
-
2:47 - 2:50जिन्होने दो दशक इसराइल में गुज़ारे,
-
2:50 - 2:52अपनी सेवानिवृत्ति योजना के रूप में,
-
2:52 - 2:55उन्होने एक चार मंजिल घर बनाने का फैसला किया,
-
2:55 - 3:00उनके पड़ोस में पहले मैदानी ऑपरेशन के दौरान उनका
-
3:00 - 3:03घर भूमि पर चपटा हो गया
-
3:03 - 3:07कबूतरों को छोड़कर कुछ भी नहीं बचा
-
3:07 - 3:10और एक स्पा, एक बाथटब
-
3:10 - 3:12वह तेल अवीव से लाये थे
-
3:12 - 3:14मुहम्मद बाथटब को उठा कर
-
3:14 - 3:16मलबे के शीर्ष पर ले आये
-
3:16 - 3:18और अपने बच्चों को
-
3:18 - 3:22हर प्रातः उसमें बुलबुला स्नान देना शुरू कर दिया
-
3:22 - 3:25मेरा काम युद्ध के निशान छिपाना नहीं,
-
3:25 - 3:28बल्कि गाज़न्स की
-
3:28 - 3:31अनदेखी कहानियों को पूर्ण रूप से दिखाना है
-
3:31 - 3:34एक फिलिस्तीनी महिला फोटोग्राफर के रूप में,
-
3:34 - 3:39संघर्ष , उत्तरजीविता और रोजमर्रा की जिंदगी ने
-
3:39 - 3:42मुझे समुदाय वर्जना से उभरने के लिए प्रेरित किया है
-
3:42 - 3:47और युद्ध और उसके परिणाम के अलग पक्ष को देखने के लिए प्रेरित किया है
-
3:47 - 3:51मैं एक विकल्प के साथ एक गवाह बन गई:
-
3:51 - 3:55या तो भाग जाऊं या निस्तभता से खड़ी रहूँ
-
3:55 - 3:57धन्यवाद!
-
3:57 - 3:59(तालियाँ)
- Title:
- एक छिपी कहानी बताने का साहस
- Speaker:
- एमन मोहम्मद
- Description:
-
एमन मोहम्मद गाज़ा पट्टी में कुछ चुनी हुई महिला छायाकारों में से एक हैं . खुले तौर पर अपने पुरुष सहकर्मियों के द्वारा अस्वीकार किये जाने के बावजूद, उन्हें उन क्षेत्रों में बेमिसाल प्रवेश मिला जहाँ पुरुषों का जाना निषेध था. इस संक्षिप्त सम्भाषण में उन्होने, छिपी कहानियों को प्रकाश में लाकर अपने समुदाय में प्रचलित लिंग मानदंड की आलोचना की है.
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 04:12
Gaurav Gupta approved Hindi subtitles for The courage to tell a hidden story | ||
Omprakash Bisen accepted Hindi subtitles for The courage to tell a hidden story | ||
Omprakash Bisen edited Hindi subtitles for The courage to tell a hidden story | ||
Omprakash Bisen edited Hindi subtitles for The courage to tell a hidden story | ||
Omprakash Bisen edited Hindi subtitles for The courage to tell a hidden story | ||
Parul Tomar edited Hindi subtitles for The courage to tell a hidden story | ||
Parul Tomar edited Hindi subtitles for The courage to tell a hidden story | ||
Parul Tomar edited Hindi subtitles for The courage to tell a hidden story |