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मेरा मन कैसे जीवित वापस आया - और कोई नहीं जानता था

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    “मैं भूखा हूँ”, “मैं दर्द में हूँ”,
    "धन्यवाद" या "मैं तुमसे प्यार करता हूँ,"
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    ये कहने के लिए असमर्थ
    होने की कल्पना कीजिए|
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    संवाद करने की क्षमता खोने,
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    एक शरीर जो आदेशों का जवाब नहीं देता।
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    लोगों से घिरा हुआ,
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    फिर भी पूरी तरह से अकेले।
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    जोड़ने के लिए, आराम करने के
    लिए और भाग
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    लेने के लिए तुम्हारी बाहर
    तक पहुंच चाहते है|
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    13 साल के लंबे अंतराल में
    ये मेरी सच्चाई थी।
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    हममेसे ज्यादातर दो बार कभी नहीं सोचते
    बात करने और संवाद करने के लिए|
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    मैं ने इसके बारे में बहुत सोचा था |
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    सोचने केलिए मेरे पास बहुत समय था|
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    मेरे जीवन के पहले 12 साल,
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    मैं एक साधारण, खुष,
    तंदुरुस्त छोटा बच्चा था|
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    तब सबकुछ बदल गया|
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    मैं एक मस्तिष्क संक्रमण अनुबंधित किया।
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    वैद्योँ को यकीन नहीँ थी कि वह क्या था,
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    पर वे सबसे अच्छा इलाज़ किया
    जितना उनसे हो सकता था|
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    हालाँ कि,मैँ उत्तरोत्तर बदतर होगया|
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    अंत में, मैं अपनी गतिविधियों को नियंत्रित
    करने के अपनी क्षमता खो दिया था,
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    आंख से सँपर्क करने की,
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    और अंत मेँ,अपने बात करने की क्षमता|
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    जब आस्पताल मेँ था,
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    मैँ बुरी तरह से घर जाना चाहता था|
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    मैँने अपनी माँ को बोला,"कब घर?"
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    वो शब्द मेरे आखरी श्ब्द थे जो मैँने
    खुद की आवाज मेँ बात किया|
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    अंत मेँ मैँ मानसिक जागरुकता की
    हर परीक्षण मेँ विफल होगया|
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    मेरे माता- पिता को ये बताया गया
    कि मैँ ना के बराबर हुँ|
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    एक सब्जी, जिसका खुफिया
    तीन महीने की बच्चे की बराबर है|
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    उनको बोल दिया गया कि मुझे घर ले जायेँ
    और आराम से रखने की कोशिश करेँ
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    जब तक मैँ मर जाता|
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    मेरेँ मता -पिता ,हालाँकि
    मेरे पूरे परिवार की जिंदगियाँ ,
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    नष्ट होगये मेरे ध्यान रखने मेँ
    सबसे अच्छा तो वोही जानते हैँ कैसे|
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    उनके दोस्त दूर होगयेँ|
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    एक साल दो मेँ बदल गया,
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    दो तीन मेँ बदल गया|
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    ऐसा लगता था जैसे मैँ जो एक व्यक्ति था
    वह गायब होना शुरू होगया |
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    लेगो ब्लॉक्सऔर एलक्ट्रानिक सर्किट्स मैँ
    एक लडके के रूप मेँ चाहता था दूर रखे गये|
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    मैँ अपने कमरे से बाहर ले जाया गया था
    दूसरे मेँ जो अधिक व्यवहारिक था|
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    मैँ एक भूत बनगया था,
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    एक लड्के की एक धुंधुला याद
    जिसे लोग जानते और प्यार करते थे|
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    इस बीच,मेरे दिमाग एक साथ ही
    वापस बुनायी शुरू कर दिया|
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    धीरे धीरे,मेरे जागरूकता
    वापस आना शुरू होगया|
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    पर किसीको एहसास नहीँ हुआ कि
    मैँ जिंदगी मेँ वापस आगया था |
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    मुझे सब कुछ के बारे मेँ पता था,
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    जैसे कोई साधारण व्यक्ति |
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    मैँ सबकुछ देख सकता था और समझ सकता था,
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    पर मैँ किसी को ये बात बताने का
    रास्ता नही डूँढ पाया|
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    मेरे व्यक्तित्व शायद मूक शरीर के अन्दर
    समाधि मेँ रखा गया था,
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    एक जीवंत मन एक कोषस्थ भीतर
    सादे दृष्टि में छिपा हुआ है।
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    बुनियादी वास्तविकता
    मुझे मारा कि मैँ
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    मैँ अपनी बची जिंदगी
    अपने आप को अंदर बंद करके,
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    पूरे अकेले मेँ बिताने वाला हूँ|
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    मैँ फँस गया सिर्फ
    मेरे विचारोँ के साथ जो मेरे साथी थे|
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    मैँ कभी भी बचाया जा नहीँ सकता|
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    कोई भी कभी भी मुझे
    कोमलता नहीँ दिखा सकते|
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    मैँ कभी एक दोस्त के साथ बात नहीँ कर सकता|
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    कोई भी कभी भी मुझे प्यार नहीँ करेंगे|
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    मेरे पास सपने नहीँ थे,आशा नहीँ,
    कुछ भी नहीँ जिसके लिये मैँ आगे देखूँ |
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    खैर, कुछ भी सुखद नहीँ
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    मैँ डर मेँ जीता था,
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    और इसे साफ साफ रखने से,
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    मौत के लिए इंतेजार कर रहा था,
    अंत मेँ मुझे रिहा करने के लिए,
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    एक केयर होम में अकेले मरने के उम्मीद थी।
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    मुझे नहीँ मालूम कि ये सच मेँ
    मुँकिन है कि श्ब्दोँ मेँ व्यक्त करना
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    कैसा लगता है जब हम
    सँवाद नहीँ कर सकते|
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    आपकी व्यक्तित्व लगता है
    गायब होगया एक घना कोहरा मेँ
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    और आप्के सारे भावनाओं और इच्छाओं
    क्स जाते ,दबा दी और तुम्हारे भीतर मौन हैं।
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    मेरे लिये,सबसे बुरा तो बेबसी की भावना थी।
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    मैँ सिर्फ अस्तित्व मेँ था|
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    यह अपने आप को खोजने के लिए
    एक बहुत ही गहरे जगह है
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    क्योंकि एक मायने में, आप गायब हो गये हैँ|
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    दूसरे लोग मेरे जिंदगी
    का हर पहलू नियँत्रित करते थे|
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    वह निर्णय लेते थे मैँ
    कब और क्या खाऊँगा |
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    मैं अपने पक्ष पर रहूँ या
    मेरे पहिया की कुर्सी पर बन्दे रहूँ
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    मैं अक्सर मेरे दिन टीवी के सामने तैनात
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    बार्नी रीरन्स देख बिताता था।
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    मुझे लगता है कि बार्नी
    बहुत खुश और हंसमुख है,
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    और मैं बिल्कुल नहीँ,
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    यह उसको बहुत ज्यादा बुरा करदिया|
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    मेरे जिंदगी मेँ कुछ भी बदलने के लिए
    मैँ पूरी तरह से शक्तिहीन था|
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    या लोगोँ की द्रुष्टिकोण बदलने के लिए|
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    मैं एक मूक, अदृश्य पर्यवेक्षक था
    लोगों से व्यवहार कैसे की
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    जब उन्होंने सोचा कोई नहीं देख रहा था।
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    दुर्भाग्य से, मैं न केवल एक पर्यवेक्षक था।
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    बातचीत करने के लिए कोई रास्ता नहीं के साथ,
    मैं सही शिकार बन गया:
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    प्रतीत होता है भावनाओँ
    के रहित एक निरास्रय वस्तु
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    जो लोगोँ ने इस्तेमाल किया अपनी
    अंधेरे इच्छाओँ को खेलने के लिए|
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    दस साल से ज्यादा,जो लोग
    मेरे देखबाल के लिए रखे गये थे
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    शारीरिक रूप से मुझे गाली दी,
    मौखिक रूप से और यौन।
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    उनके सोच्ने के बावजूद,
    मैँ महसूस करता था|
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    जब यह पहली बार हुआ,
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    मैं चौंक गया और अविश्वास से भर गया।
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    मेरे साथ वे ऐसा कैसे कर सकते है?
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    मैं उलझन में था।
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    इस लायक करने के लिएमैँ क्या किया था?
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    मेरा एक हिस्सा रोना चाहता था
    और दूसरे भाग लड़ना चाहता था।
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    चोट, उदासी और क्रोध मेरे माध्यम से बह गई।
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    मैं बेकार महसूस किया।
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    कोई नहीँ थे मुझे सँत्वना देने के लिए|
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    लेकिन मेरे माता पिता दोनोँ नहीँ जानते थे
    कि ये हो रहा था|
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    मैँ डर मेँ रहता था,
    जानते हुये कि ये बार बार होगा|
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    मुझे ये नहीँ मालूम था कब|
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    मुझे पता था कि मैँ
    कभी पूर्वकथित नहीँ रहूँगा|
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    मैँ याद करता हूँ एक बार सुना हुआ
    विट्नी हूस्टन को गाते हुये,
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    "कोई बात नहीँ वे मुझसे जो भी लेनेदो,
    वे मेरी मर्यादा नहीँ लेजा सकते हैँ|
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    और मैँ अपने आप मेँ सोचा
    "तुम शर्त लगाना चाहते हो?"
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    शायद मेरे माता पिता पता लगा सकते थेँ
    और मदद कर सकते थेँ|
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    लेकिन सालोँ की लगातार देखभाल,
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    हर दो घंटे मेँ उठना मुझे पलटने के लिए,
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    अनिवार्य रूप से अपने बेटे के
    खोने का दु:ख को मिला के,
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    मेरे माता पिता पर असर
    दिखाना शुरू कर दिया था|
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    मेरे माता-पिता के बीच निम्नलिखित
    एक और गरम बहस के बाद,
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    निराशा और हताशा का एक पल में,
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    मेरी माँ मेरे तरफ पलट गया
    और मुझे बताया था कि मैं मर जाना चाहिए|
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    मैं चौंक गया था, लेकिनजब मैंने सोचा था
    जो उसने कहा के बारे में,
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    मैं अमित सहानुभूती ,और प्यार से भर गया था
    मेरी माँ के लिए,फिरभी मैं
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    इसके बारे में कुछ भी नहीं कर सकता था।
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    बहुत सारे ऐसे पल थे
    जब मैँने हार मान लिया था,
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    एक अन्धेरे रसातल मेँ डूब रहा था|
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    मैँ विशेष रूप से ऐसे एक
    उदासीन पल याद करता हूँ|
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    मेरे पिताजी मुझे गाडी मेँ अकेले छोड दिये
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    जबकि वह जल्दी कुछ
    खरीदने गये थे दुकान मेँ
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    एक याद्रच्चिक अजनबी
    मेरे पास से गुजरते हुये गये,
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    मेरे तरफ देखेँ और उन्होँने मुस्कुराए|
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    मुझे पता नहीँ चल सकता है क्यों,
    लेकिन वह साधारण कार्य ,
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    मानव कनेक्शन की क्षणभंगुर पल,
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    बदल दिया कि मैं महसूस कर रहा था ,
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    मुझे जारी रखने के लिए बना रही है।
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    मेरे अस्तित्व एकस्वरता से पीडित थी,
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    एक सच्चाई जो सहन
    करने के लिए बहुत ज्यादा थी|
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    अकेले मेरे विचार के साथ,
    मैँ जटिल कल्पनायेँ बूनता था
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    जैसे चीटियाँ फर्श पर
    सभी जगह घूमने के बारे मेँ|
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    मैँ अपने आप को परछाइयाँ देखकर
    समय बताना सिखाया था|
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    जैसे मैँने सीखा परछायियाँ मैँ ले जाया गया
    जैसे दिन की घंटे पारित होते हैँ ,
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    मैँ समझता था मुझे उठाके घर ले जाने मेँ
    और कितना वक्त लगेगा|
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    मेरे पिताजी को दर्वाजे के अन्दर से
    मुझे लेने के लिए आना
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    मेरे दिन के बेहतरीन पल थे|
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    मेरा दिमाग एक साधन
    बन गया जो मैँ इस्तेमाल
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    कर सकता हूँ बन्द करके
    मेरे सच्चायी से पीछे हठने के लिए
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    या एक विशाल अंतरिक्ष मेँ विस्तार करके
    जिसे मैँ कल्पनाओँ के साथ भरसकूँ|
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    मैँ आशा करता था कि मेरी यदार्थ बदल जायेगा
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    और कोई देखेगा कि
    मैँ जिंदगी मेँ वापस आया हूँ|
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    पर मैँ एक रेत की
    महल की तरह धुल गया था
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    लहरोँ के पास बना हो,
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    और मेरी जगह पर है एक इंसान
    जैसा लोग मुझे होने की उम्मीद करते हैँ |
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    किसी के लिए मैँ मार्टिन था,
    एक शून्य खोल,सब्जी,
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    गालियोँ के,अस्वीकार के,
    और यहाँ तक की कुप्रथा की लायक|
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    दूसरोँ के लिए, मैँ दुर्भाग्य से
    मस्तिष्क क्षतिग्रस्त लड़का
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    जो बढ कर बन गया एक पुरुष|
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    कोई होते हैँ वे किसी के लिए दयालू थे
    और के लिए परवाह।
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    अच्छा हो या बुरा मैँ एक शून्य कांवास था
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    जिस पर मेरे अलग रूपंतर
    पेश किये गये थे|
  • 8:05 - 8:08
    जो नया होगा उनको मेरे तरफ देखने का
    अलग रस्ता होता था|
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    एक अरोमाथेरापिस्ट केर होम मेँ हफ्ते मेँ
    एक बार आना शुरू कर दिया|
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    उनकी सहज ज्ञानसे या
    उनके बब्योरे पर ध्यान देने की आदत से
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    जो दूसरे ध्यान देने मेँ असफल हुये,
  • 8:18 - 8:22
    उनको विश्वास होगया कि मैँ
    जो कहा जा रहा था ओ समझ सकता हूँ|
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    उनहोँने मेरे माता पिता से आग्रह किया कि
    मेरे आगम और वैकल्पिक संचार मेँ
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    विशेषज्ञोँ से परीक्षण करवाये|
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    और एकही साल मेँ,
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    मैँ कँप्यूटर प्रोग्राम सँवाद करने के लिए
    इस्तेमाल करना शुरू करदिया|
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    यह प्राणपोषक था
    लेकिन समय पर निराशा|
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    मेरे मन मेँ इतने सारे शब्द थे,
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    कि मैँ उन्हेँ बाँटने के लिए
    इंतेजार नहीँ कर सकता था|
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    कभी कभी ,मैँ अपने आपसे चीजेँ कहता था
    सिर्फ इसलिये कि मैँ कर सकता था|
  • 8:47 - 8:50
    अपने आप मेँ ,मेरे पास एक तैयार श्रोता था,
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    और मैँ मानता था कि मेरे विचारों और
    इच्छाओं को व्यक्त करने से,
  • 8:53 - 8:55
    दूसरे लोग भी सुनेंगे|
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    जब से मैं ज्यादा संपर्क करना शुरू किया,
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    तो यह वास्तव में खुद के लिए एक नई
    आवाज बनाने की सिर्फ
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    शुरुआत थी करके मुझे एहसास हुआ।
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    मुझे एक नई दुनिया में ढ्केल दिया था जहाँ
    कैसा कार्य करना मुझे बिल्कुल पता नहीं था|
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    मैं केर होम जाना छोड दिया
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    और मेरे पहले नौकरी फोटो कापीस
    बनाने की प्रप्त करने मेँ सफल रहा|
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    सुनने मेँ ये सादा लगता होगा,
    लेकिन ये अद्भुत है|
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    मेरी नयी दुनिया वाकई उत्तेजक है
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    पर अक्सर बहुत भारी था और भयावह भी|
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    मैँ एक पुरुष-बच्चा जैसा था,
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    और अक्सर ये अक्सर
    स्वतंत्र जैसा लगता था,
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    मैँ संघर्ष करता था|
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    मैँने ये भी सीखा कि जो लोग
    मुझे बहुत दिनोँ से जानते थे
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    उन मेँ से कई लोगोँ को मार्टिन का रूप जो
    उनके दिमाग मेँ था उसको त्यागना असँभव होगा|
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    जबकि जिन लोगोँ से मैँ अभी मिला था
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    एक व्हीलचेयर में एक मूक आदमी की
    छवि अतीत देखने के लिए संघर्ष किया।
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    मुझे एहसास हुआ कि कुछ लोग
    सिर्फ मेरे बात सुनेंगे
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    अगर मैँ जो कहा वो उनके
    उम्मीद के साथ सहमत होगा|
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    अन्यथा अवहेलन किया जाता था
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    और वो लोग उनको क्या अच्छा मेहसूस हुआ
    वो काम करते थे|
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    मेरी खोज से ये पता चला कि सच संचार का
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    मतलब सिर्फ शरीरिक रूप से
    संदेश भेजने से भी ज्यादा है|
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    जैसे कि संदेश को सुनना और
    सम्मान देने के बारे में है।
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    फिर भी, सबकुछ ठीक चल रहा था|
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    मेरा शरीर धीरे धीरे मजबूत हो रहा था|
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    मुझे नौकरी कंप्यूटिंग में
    मिली, जो मुझे पसंद था,
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    और मुझे कोजक नामक कुत्ता मिला जिसके
    बारे में मैं कई सालों से सपना देख रहा था|
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    हालांकि, मैं किसी के साथ
    मेरी जिंदगी बाँटना चाहा।
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    मुझे याद है कि मैं खिड़की से बाहर घूर रहा
    जब मेरे पिताजी काम से मुझे घर ले आ रहे थे,
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    सोचरहा था कि मेरे अंदर इतना प्यार है
    और उसे लेने के लिए कोई नहीं हैं|
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    जब मैं ने फैसला लिया था कि मेरी
    जीवन की बाकी हिस्सा अकेले ही जीना है
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    मैं जोन से मिला |
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    जोन मेरे जीवन में सबसे
    अच्छी बात ही नही जो कभी भी मेरे साथ हुआ,
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    बल्कि जोन खुद के बारे में अपने खुद के गलत
    धारणाओं को चुनौती देने के लिए मेरी मदद की।
  • 10:43 - 10:48
    जोन ने कहा था कि मेरे शब्दोँ की वजह
    से उसको मेरे साथ प्यार हुआ था|
  • 10:48 - 10:50
    हालांकि, सब होते हुए भी मेरे माद्यम से
  • 10:50 - 10:52
    मुझे अभी भी विश्वास नहीं होता कि
  • 10:52 - 10:55
    कोई भी वास्तव में मेरे विकलांगता
    के पार देख सकता है
  • 10:55 - 10:58
    और मुझे स्वीकार करलेते जैसे मैं हूँ|
  • 10:58 - 11:02
    मैं एक आदमी था यह समझने के लिए
    भी सच में मैं ने संघर्ष किया।
  • 11:02 - 11:05
    पहली बार कोई मुझे आद्मी संदर्भित किया
  • 11:05 - 11:07
    यह मुझे मेरे पटरियों में रोक दिया।
  • 11:07 - 11:12
    चारों ओर देख कर और
    पूछने की इच्छा हुई कि "कौन,मैँ?"
  • 11:12 - 11:14
    ये सब जोन के साथ बदल गया है।
  • 11:14 - 11:16
    हमारे पास एक अद्भुत संबंध है
  • 11:16 - 11:21
    और मैंने ये सीखा है कि खुले तौर पर और
    ईमानदारी से संवाद करना कितना महत्वपूर्ण।
  • 11:21 - 11:25
    मैंने सुरक्षित महसूस किया, मुझे सही मायने
    में क्या सोचा कहने के लिए आत्मविश्वास दी।
  • 11:26 - 11:30
    मैं फिर से सँपूर्णमहसूस करना शुरू किया,
    एक पुरुष प्यार के काबिल था|
  • 11:30 - 11:32
    मैंने अपने भाग्य को नयी आकृति
    प्रदान करना शुरू किया।
  • 11:32 - 11:35
    मैं काम पर थोड़ा अधिक बातचीत की।
  • 11:35 - 11:39
    मैं ने मेरा आजाद रहने के लिए मेरे
    आसपास के लोगों से निवेदन किया|
  • 11:39 - 11:43
    मुझे संपर्क करने का जो साधन मिला
    उससे सब कुछ बदल गया।
  • 11:43 - 11:47
    मैंने पूर्वग्रहों को चुनौती देने के लिए
    शब्दों की शक्ति का इस्तेमाल किया
  • 11:47 - 11:51
    जो मेरे बगल में है और
    जो मेरे खुद का पास है|
  • 11:51 - 11:53
    संपर्क आसपास के लोगों से
    गहरे स्तर पर कनेक्ट करने के लिए
  • 11:53 - 11:56
    हमें सक्षम करने के लिए
    हमें मानव बनाता है --
  • 11:56 - 11:58
    जो हमारे आसपास के लोगों के साथ --
  • 11:58 - 11:59
    हमारी अपनी कहानियाँ बताते हुए,
  • 11:59 - 12:03
    चाहत, जरूरतों और इच्छाओं को व्यक्त करने,
  • 12:03 - 12:06
    या वास्तव में दूसरों के सुनने
    के द्वारा सुनवाई।
  • 12:06 - 12:09
    इन सब से दुनिया जानती हैं कि हम कौन हैं|
  • 12:09 - 12:11
    इसलिए हम इसके बिना कौन हैं?
  • 12:12 - 12:16
    सच्ची संचार समझ को बढावा देती है
  • 12:16 - 12:19
    और अधिक देखभाल और
    करुणामय दुनिया बनाती है।
  • 12:20 - 12:23
    एक बार, मुझे एक निर्जीव
    वस्तु जो एक व्हीलचेयर में
  • 12:23 - 12:26
    एक लड़के की एक नासमझ
    प्रेत माना जाता था|
  • 12:26 - 12:28
    आज, मैं उससे इतना अधिक हूँ।
  • 12:29 - 12:31
    एक पति, एक बेटा, एक दोस्त,
  • 12:31 - 12:35
    एक भाई, एक व्यवसाय के मालिक,
    एक प्रथम श्रेणी सम्मान स्नातक,
  • 12:35 - 12:38
    एक गहरी शौकिया फोटोग्राफर।
  • 12:38 - 12:41
    मेरी बातचीत करने की क्षमता ने
    मुझे यह सबकुछ दिया है।
  • 12:42 - 12:46
    ये कहा जाता हैं कि कथनी से
    अधिक करनी बोलती है।
  • 12:46 - 12:48
    लेकिन मुझे आश्चर्य
  • 12:48 - 12:49
    क्या वे?
  • 12:51 - 12:54
    हमारे शब्दों, जैसे भी हम संवाद करें
  • 12:54 - 12:56
    बस उतना हीं शक्तिशाली हैं।
  • 12:56 - 12:58
    हम अपने ही आवाज में शब्द बोलते हैं,
    हमारी आंखों
  • 12:58 - 13:00
    के साथ उन्हें टाइप करें, या,
  • 13:00 - 13:04
    उन्हें हमारे लिए बोलती है जो किसी के लिए
    गैर-मौखिक रूप से उन्हें संवाद करते हुए,
  • 13:04 - 13:07
    शब्द हमारी सबसे शक्तिशाली
    उपकरणों में से एक हैं।
  • 13:08 - 13:11
    मैं एक भयानक अंधेरे के
    माध्यम से आप के पास आया हूँ,
  • 13:11 - 13:13
    जहाँ सए मुझे ध्यान रखने
    वाली आत्माओं ने और
  • 13:13 - 13:16
    भाषा से हीं मैं खींचा गया हूँ|
  • 13:16 - 13:20
    आज आप मुझे सुनने का कार्य,
    मुझे भविष्य में रोशनी में लाता है।
  • 13:20 - 13:22
    हम एक साथ यहाँ चमक रहे हैं।
  • 13:22 - 13:26
    मेरे संवाद करने के रास्ते में अगर कोई
    कठिन बाधा होनेसे
  • 13:26 - 13:28
    मैं कभी कभी चिल्लाना चाहता हूँ
  • 13:28 - 13:33
    और अगली बार बस प्यार या कृतज्ञता
    का एक शब्द फुसफुसाना चाहता हूँ|
  • 13:33 - 13:35
    यह सब एक ही लग रहा है।
  • 13:35 - 13:36
    लेकिन आप कर सकते हैं तो,
  • 13:36 - 13:40
    इन अगले दो शब्दों अपने
    दिलसे कल्पना कीजिए :
  • 13:42 - 13:44
    थैंक यु|
    (धन्यवाद)|
  • 13:44 - 13:55
    (तालियाँ)
Title:
मेरा मन कैसे जीवित वापस आया - और कोई नहीं जानता था
Speaker:
मार्टिन पिस्टोरियस
Description:

“मैं भूखा हूँ”, “मैं दर्द में हूँ”, "धन्यवाद" या "मैं तुमसे प्यार करता हूँ," ये कहने के लिए असमर्थ होने की कल्पना कीजिए -- संवाद करने की क्षमता खोने, आपके शरीर के अंदर फंस जाना, पूरी तरह से लोगों से घिरे हुए भी अकेलेपन मेहसूस करना। 13 साल के लंबे अंतराल के लिए, ये मार्टिन पिस्टोरियस की वास्तविकता थी। बारह साल की उम्र में एक मस्तिष्क के संक्रमण से ग्रस्त होने के बाद पिस्टोरियस ने अपनी गतिविधियों को नियंत्रित और बात करने की अपनी क्षमता खो दिये थे, और अंततः वह मानसिक जागरूकता के लिए हर परीक्षण में विफल हुए। वह एक भूत जैसा बन गये थे। लेकिन फिर एक अजीब चीज की शुरूआत हुई - उनके मन एक साथ ही वापस बुनना शुरू कर दिया। इस चलते बात में, पिस्टोरियस अपने ही शरीर के अंदर बंद अपनी जीवन से खुद को कैसे मुक्त किये बताते है।

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
14:08
Abhinav Garule approved Hindi subtitles for Martin Pistorius
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