मेरा मन कैसे जीवित वापस आया - और कोई नहीं जानता था
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0:01 - 0:06“मैं भूखा हूँ”, “मैं दर्द में हूँ”,
"धन्यवाद" या "मैं तुमसे प्यार करता हूँ," -
0:06 - 0:09ये कहने के लिए असमर्थ
होने की कल्पना कीजिए| -
0:09 - 0:11संवाद करने की क्षमता खोने,
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0:11 - 0:14एक शरीर जो आदेशों का जवाब नहीं देता।
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0:14 - 0:16लोगों से घिरा हुआ,
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0:16 - 0:17फिर भी पूरी तरह से अकेले।
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0:17 - 0:19जोड़ने के लिए, आराम करने के
लिए और भाग -
0:19 - 0:23लेने के लिए तुम्हारी बाहर
तक पहुंच चाहते है| -
0:23 - 0:2613 साल के लंबे अंतराल में
ये मेरी सच्चाई थी। -
0:28 - 0:33हममेसे ज्यादातर दो बार कभी नहीं सोचते
बात करने और संवाद करने के लिए| -
0:33 - 0:35मैं ने इसके बारे में बहुत सोचा था |
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0:35 - 0:38सोचने केलिए मेरे पास बहुत समय था|
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0:38 - 0:40मेरे जीवन के पहले 12 साल,
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0:40 - 0:43मैं एक साधारण, खुष,
तंदुरुस्त छोटा बच्चा था| -
0:43 - 0:45तब सबकुछ बदल गया|
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0:45 - 0:47मैं एक मस्तिष्क संक्रमण अनुबंधित किया।
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0:47 - 0:49वैद्योँ को यकीन नहीँ थी कि वह क्या था,
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0:50 - 0:52पर वे सबसे अच्छा इलाज़ किया
जितना उनसे हो सकता था| -
0:52 - 0:55हालाँ कि,मैँ उत्तरोत्तर बदतर होगया|
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0:55 - 1:00अंत में, मैं अपनी गतिविधियों को नियंत्रित
करने के अपनी क्षमता खो दिया था, -
1:00 - 1:01आंख से सँपर्क करने की,
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1:01 - 1:04और अंत मेँ,अपने बात करने की क्षमता|
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1:05 - 1:06जब आस्पताल मेँ था,
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1:07 - 1:09मैँ बुरी तरह से घर जाना चाहता था|
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1:09 - 1:12मैँने अपनी माँ को बोला,"कब घर?"
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1:12 - 1:17वो शब्द मेरे आखरी श्ब्द थे जो मैँने
खुद की आवाज मेँ बात किया| -
1:17 - 1:21अंत मेँ मैँ मानसिक जागरुकता की
हर परीक्षण मेँ विफल होगया| -
1:21 - 1:24मेरे माता- पिता को ये बताया गया
कि मैँ ना के बराबर हुँ| -
1:24 - 1:28एक सब्जी, जिसका खुफिया
तीन महीने की बच्चे की बराबर है| -
1:28 - 1:32उनको बोल दिया गया कि मुझे घर ले जायेँ
और आराम से रखने की कोशिश करेँ -
1:32 - 1:33जब तक मैँ मर जाता|
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1:34 - 1:38मेरेँ मता -पिता ,हालाँकि
मेरे पूरे परिवार की जिंदगियाँ , -
1:38 - 1:42नष्ट होगये मेरे ध्यान रखने मेँ
सबसे अच्छा तो वोही जानते हैँ कैसे| -
1:42 - 1:44उनके दोस्त दूर होगयेँ|
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1:44 - 1:46एक साल दो मेँ बदल गया,
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1:46 - 1:47दो तीन मेँ बदल गया|
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1:48 - 1:53ऐसा लगता था जैसे मैँ जो एक व्यक्ति था
वह गायब होना शुरू होगया | -
1:53 - 1:58लेगो ब्लॉक्सऔर एलक्ट्रानिक सर्किट्स मैँ
एक लडके के रूप मेँ चाहता था दूर रखे गये| -
1:58 - 2:02मैँ अपने कमरे से बाहर ले जाया गया था
दूसरे मेँ जो अधिक व्यवहारिक था| -
2:02 - 2:04मैँ एक भूत बनगया था,
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2:04 - 2:08एक लड्के की एक धुंधुला याद
जिसे लोग जानते और प्यार करते थे| -
2:08 - 2:12इस बीच,मेरे दिमाग एक साथ ही
वापस बुनायी शुरू कर दिया| -
2:12 - 2:15धीरे धीरे,मेरे जागरूकता
वापस आना शुरू होगया| -
2:16 - 2:19पर किसीको एहसास नहीँ हुआ कि
मैँ जिंदगी मेँ वापस आगया था | -
2:19 - 2:21मुझे सब कुछ के बारे मेँ पता था,
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2:21 - 2:23जैसे कोई साधारण व्यक्ति |
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2:23 - 2:25मैँ सबकुछ देख सकता था और समझ सकता था,
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2:25 - 2:28पर मैँ किसी को ये बात बताने का
रास्ता नही डूँढ पाया| -
2:29 - 2:33मेरे व्यक्तित्व शायद मूक शरीर के अन्दर
समाधि मेँ रखा गया था, -
2:33 - 2:36एक जीवंत मन एक कोषस्थ भीतर
सादे दृष्टि में छिपा हुआ है। -
2:37 - 2:40बुनियादी वास्तविकता
मुझे मारा कि मैँ -
2:40 - 2:42मैँ अपनी बची जिंदगी
अपने आप को अंदर बंद करके, -
2:42 - 2:44पूरे अकेले मेँ बिताने वाला हूँ|
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2:44 - 2:48मैँ फँस गया सिर्फ
मेरे विचारोँ के साथ जो मेरे साथी थे| -
2:48 - 2:50मैँ कभी भी बचाया जा नहीँ सकता|
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2:50 - 2:53कोई भी कभी भी मुझे
कोमलता नहीँ दिखा सकते| -
2:53 - 2:55मैँ कभी एक दोस्त के साथ बात नहीँ कर सकता|
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2:55 - 2:57कोई भी कभी भी मुझे प्यार नहीँ करेंगे|
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2:58 - 3:02मेरे पास सपने नहीँ थे,आशा नहीँ,
कुछ भी नहीँ जिसके लिये मैँ आगे देखूँ | -
3:02 - 3:05खैर, कुछ भी सुखद नहीँ
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3:05 - 3:06मैँ डर मेँ जीता था,
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3:06 - 3:07और इसे साफ साफ रखने से,
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3:08 - 3:11मौत के लिए इंतेजार कर रहा था,
अंत मेँ मुझे रिहा करने के लिए, -
3:11 - 3:14एक केयर होम में अकेले मरने के उम्मीद थी।
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3:15 - 3:18मुझे नहीँ मालूम कि ये सच मेँ
मुँकिन है कि श्ब्दोँ मेँ व्यक्त करना -
3:18 - 3:21कैसा लगता है जब हम
सँवाद नहीँ कर सकते| -
3:21 - 3:24आपकी व्यक्तित्व लगता है
गायब होगया एक घना कोहरा मेँ -
3:24 - 3:30और आप्के सारे भावनाओं और इच्छाओं
क्स जाते ,दबा दी और तुम्हारे भीतर मौन हैं। -
3:30 - 3:34मेरे लिये,सबसे बुरा तो बेबसी की भावना थी।
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3:35 - 3:36मैँ सिर्फ अस्तित्व मेँ था|
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3:37 - 3:39यह अपने आप को खोजने के लिए
एक बहुत ही गहरे जगह है -
3:39 - 3:42क्योंकि एक मायने में, आप गायब हो गये हैँ|
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3:43 - 3:46दूसरे लोग मेरे जिंदगी
का हर पहलू नियँत्रित करते थे| -
3:46 - 3:49वह निर्णय लेते थे मैँ
कब और क्या खाऊँगा | -
3:49 - 3:53मैं अपने पक्ष पर रहूँ या
मेरे पहिया की कुर्सी पर बन्दे रहूँ -
3:53 - 3:56मैं अक्सर मेरे दिन टीवी के सामने तैनात
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3:56 - 3:58बार्नी रीरन्स देख बिताता था।
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3:58 - 4:01मुझे लगता है कि बार्नी
बहुत खुश और हंसमुख है, -
4:01 - 4:03और मैं बिल्कुल नहीँ,
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4:03 - 4:05यह उसको बहुत ज्यादा बुरा करदिया|
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4:06 - 4:09मेरे जिंदगी मेँ कुछ भी बदलने के लिए
मैँ पूरी तरह से शक्तिहीन था| -
4:09 - 4:12या लोगोँ की द्रुष्टिकोण बदलने के लिए|
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4:12 - 4:15मैं एक मूक, अदृश्य पर्यवेक्षक था
लोगों से व्यवहार कैसे की -
4:15 - 4:18जब उन्होंने सोचा कोई नहीं देख रहा था।
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4:18 - 4:21दुर्भाग्य से, मैं न केवल एक पर्यवेक्षक था।
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4:21 - 4:25बातचीत करने के लिए कोई रास्ता नहीं के साथ,
मैं सही शिकार बन गया: -
4:25 - 4:29प्रतीत होता है भावनाओँ
के रहित एक निरास्रय वस्तु -
4:29 - 4:33जो लोगोँ ने इस्तेमाल किया अपनी
अंधेरे इच्छाओँ को खेलने के लिए| -
4:33 - 4:37दस साल से ज्यादा,जो लोग
मेरे देखबाल के लिए रखे गये थे -
4:37 - 4:40शारीरिक रूप से मुझे गाली दी,
मौखिक रूप से और यौन। -
4:41 - 4:44उनके सोच्ने के बावजूद,
मैँ महसूस करता था| -
4:44 - 4:46जब यह पहली बार हुआ,
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4:46 - 4:49मैं चौंक गया और अविश्वास से भर गया।
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4:49 - 4:51मेरे साथ वे ऐसा कैसे कर सकते है?
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4:51 - 4:53मैं उलझन में था।
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4:53 - 4:55इस लायक करने के लिएमैँ क्या किया था?
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4:55 - 4:59मेरा एक हिस्सा रोना चाहता था
और दूसरे भाग लड़ना चाहता था। -
5:00 - 5:03चोट, उदासी और क्रोध मेरे माध्यम से बह गई।
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5:03 - 5:05मैं बेकार महसूस किया।
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5:05 - 5:07कोई नहीँ थे मुझे सँत्वना देने के लिए|
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5:08 - 5:11लेकिन मेरे माता पिता दोनोँ नहीँ जानते थे
कि ये हो रहा था| -
5:11 - 5:15मैँ डर मेँ रहता था,
जानते हुये कि ये बार बार होगा| -
5:15 - 5:18मुझे ये नहीँ मालूम था कब|
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5:18 - 5:20मुझे पता था कि मैँ
कभी पूर्वकथित नहीँ रहूँगा| -
5:21 - 5:25मैँ याद करता हूँ एक बार सुना हुआ
विट्नी हूस्टन को गाते हुये, -
5:25 - 5:30"कोई बात नहीँ वे मुझसे जो भी लेनेदो,
वे मेरी मर्यादा नहीँ लेजा सकते हैँ| -
5:30 - 5:33और मैँ अपने आप मेँ सोचा
"तुम शर्त लगाना चाहते हो?" -
5:35 - 5:39शायद मेरे माता पिता पता लगा सकते थेँ
और मदद कर सकते थेँ| -
5:39 - 5:41लेकिन सालोँ की लगातार देखभाल,
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5:41 - 5:44हर दो घंटे मेँ उठना मुझे पलटने के लिए,
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5:44 - 5:47अनिवार्य रूप से अपने बेटे के
खोने का दु:ख को मिला के, -
5:47 - 5:51मेरे माता पिता पर असर
दिखाना शुरू कर दिया था| -
5:51 - 5:54मेरे माता-पिता के बीच निम्नलिखित
एक और गरम बहस के बाद, -
5:54 - 5:57निराशा और हताशा का एक पल में,
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5:57 - 6:00मेरी माँ मेरे तरफ पलट गया
और मुझे बताया था कि मैं मर जाना चाहिए| -
6:02 - 6:05मैं चौंक गया था, लेकिनजब मैंने सोचा था
जो उसने कहा के बारे में, -
6:05 - 6:09मैं अमित सहानुभूती ,और प्यार से भर गया था
मेरी माँ के लिए,फिरभी मैं -
6:09 - 6:11इसके बारे में कुछ भी नहीं कर सकता था।
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6:13 - 6:15बहुत सारे ऐसे पल थे
जब मैँने हार मान लिया था, -
6:15 - 6:17एक अन्धेरे रसातल मेँ डूब रहा था|
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6:17 - 6:21मैँ विशेष रूप से ऐसे एक
उदासीन पल याद करता हूँ| -
6:21 - 6:23मेरे पिताजी मुझे गाडी मेँ अकेले छोड दिये
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6:23 - 6:26जबकि वह जल्दी कुछ
खरीदने गये थे दुकान मेँ -
6:26 - 6:29एक याद्रच्चिक अजनबी
मेरे पास से गुजरते हुये गये, -
6:29 - 6:32मेरे तरफ देखेँ और उन्होँने मुस्कुराए|
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6:33 - 6:36मुझे पता नहीँ चल सकता है क्यों,
लेकिन वह साधारण कार्य , -
6:36 - 6:38मानव कनेक्शन की क्षणभंगुर पल,
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6:38 - 6:41बदल दिया कि मैं महसूस कर रहा था ,
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6:41 - 6:43मुझे जारी रखने के लिए बना रही है।
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6:44 - 6:47मेरे अस्तित्व एकस्वरता से पीडित थी,
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6:47 - 6:50एक सच्चाई जो सहन
करने के लिए बहुत ज्यादा थी| -
6:50 - 6:54अकेले मेरे विचार के साथ,
मैँ जटिल कल्पनायेँ बूनता था -
6:54 - 6:57जैसे चीटियाँ फर्श पर
सभी जगह घूमने के बारे मेँ| -
6:57 - 7:02मैँ अपने आप को परछाइयाँ देखकर
समय बताना सिखाया था| -
7:02 - 7:07जैसे मैँने सीखा परछायियाँ मैँ ले जाया गया
जैसे दिन की घंटे पारित होते हैँ , -
7:07 - 7:11मैँ समझता था मुझे उठाके घर ले जाने मेँ
और कितना वक्त लगेगा| -
7:11 - 7:15मेरे पिताजी को दर्वाजे के अन्दर से
मुझे लेने के लिए आना -
7:15 - 7:17मेरे दिन के बेहतरीन पल थे|
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7:18 - 7:20मेरा दिमाग एक साधन
बन गया जो मैँ इस्तेमाल -
7:20 - 7:23कर सकता हूँ बन्द करके
मेरे सच्चायी से पीछे हठने के लिए -
7:23 - 7:28या एक विशाल अंतरिक्ष मेँ विस्तार करके
जिसे मैँ कल्पनाओँ के साथ भरसकूँ| -
7:28 - 7:30मैँ आशा करता था कि मेरी यदार्थ बदल जायेगा
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7:30 - 7:33और कोई देखेगा कि
मैँ जिंदगी मेँ वापस आया हूँ| -
7:33 - 7:35पर मैँ एक रेत की
महल की तरह धुल गया था -
7:35 - 7:38लहरोँ के पास बना हो,
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7:38 - 7:42और मेरी जगह पर है एक इंसान
जैसा लोग मुझे होने की उम्मीद करते हैँ | -
7:42 - 7:46किसी के लिए मैँ मार्टिन था,
एक शून्य खोल,सब्जी, -
7:46 - 7:50गालियोँ के,अस्वीकार के,
और यहाँ तक की कुप्रथा की लायक| -
7:50 - 7:53दूसरोँ के लिए, मैँ दुर्भाग्य से
मस्तिष्क क्षतिग्रस्त लड़का -
7:53 - 7:55जो बढ कर बन गया एक पुरुष|
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7:55 - 7:58कोई होते हैँ वे किसी के लिए दयालू थे
और के लिए परवाह। -
7:58 - 8:01अच्छा हो या बुरा मैँ एक शून्य कांवास था
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8:01 - 8:04जिस पर मेरे अलग रूपंतर
पेश किये गये थे| -
8:05 - 8:08जो नया होगा उनको मेरे तरफ देखने का
अलग रस्ता होता था| -
8:08 - 8:13एक अरोमाथेरापिस्ट केर होम मेँ हफ्ते मेँ
एक बार आना शुरू कर दिया| -
8:13 - 8:16उनकी सहज ज्ञानसे या
उनके बब्योरे पर ध्यान देने की आदत से -
8:16 - 8:18जो दूसरे ध्यान देने मेँ असफल हुये,
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8:18 - 8:22उनको विश्वास होगया कि मैँ
जो कहा जा रहा था ओ समझ सकता हूँ| -
8:22 - 8:25उनहोँने मेरे माता पिता से आग्रह किया कि
मेरे आगम और वैकल्पिक संचार मेँ -
8:25 - 8:29विशेषज्ञोँ से परीक्षण करवाये|
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8:29 - 8:30और एकही साल मेँ,
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8:30 - 8:34मैँ कँप्यूटर प्रोग्राम सँवाद करने के लिए
इस्तेमाल करना शुरू करदिया| -
8:34 - 8:38यह प्राणपोषक था
लेकिन समय पर निराशा| -
8:38 - 8:40मेरे मन मेँ इतने सारे शब्द थे,
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8:40 - 8:43कि मैँ उन्हेँ बाँटने के लिए
इंतेजार नहीँ कर सकता था| -
8:43 - 8:47कभी कभी ,मैँ अपने आपसे चीजेँ कहता था
सिर्फ इसलिये कि मैँ कर सकता था| -
8:47 - 8:50अपने आप मेँ ,मेरे पास एक तैयार श्रोता था,
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8:50 - 8:53और मैँ मानता था कि मेरे विचारों और
इच्छाओं को व्यक्त करने से, -
8:53 - 8:55दूसरे लोग भी सुनेंगे|
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8:55 - 8:57जब से मैं ज्यादा संपर्क करना शुरू किया,
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8:57 - 9:00तो यह वास्तव में खुद के लिए एक नई
आवाज बनाने की सिर्फ -
9:01 - 9:03शुरुआत थी करके मुझे एहसास हुआ।
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9:03 - 9:08मुझे एक नई दुनिया में ढ्केल दिया था जहाँ
कैसा कार्य करना मुझे बिल्कुल पता नहीं था| -
9:08 - 9:09मैं केर होम जाना छोड दिया
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9:10 - 9:13और मेरे पहले नौकरी फोटो कापीस
बनाने की प्रप्त करने मेँ सफल रहा| -
9:13 - 9:17सुनने मेँ ये सादा लगता होगा,
लेकिन ये अद्भुत है| -
9:17 - 9:19मेरी नयी दुनिया वाकई उत्तेजक है
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9:19 - 9:22पर अक्सर बहुत भारी था और भयावह भी|
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9:22 - 9:24मैँ एक पुरुष-बच्चा जैसा था,
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9:24 - 9:26और अक्सर ये अक्सर
स्वतंत्र जैसा लगता था, -
9:26 - 9:27मैँ संघर्ष करता था|
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9:27 - 9:31मैँने ये भी सीखा कि जो लोग
मुझे बहुत दिनोँ से जानते थे -
9:31 - 9:36उन मेँ से कई लोगोँ को मार्टिन का रूप जो
उनके दिमाग मेँ था उसको त्यागना असँभव होगा| -
9:36 - 9:37जबकि जिन लोगोँ से मैँ अभी मिला था
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9:37 - 9:41एक व्हीलचेयर में एक मूक आदमी की
छवि अतीत देखने के लिए संघर्ष किया। -
9:42 - 9:45मुझे एहसास हुआ कि कुछ लोग
सिर्फ मेरे बात सुनेंगे -
9:45 - 9:48अगर मैँ जो कहा वो उनके
उम्मीद के साथ सहमत होगा| -
9:48 - 9:50अन्यथा अवहेलन किया जाता था
-
9:50 - 9:52और वो लोग उनको क्या अच्छा मेहसूस हुआ
वो काम करते थे| -
9:53 - 9:55मेरी खोज से ये पता चला कि सच संचार का
-
9:55 - 9:58मतलब सिर्फ शरीरिक रूप से
संदेश भेजने से भी ज्यादा है| -
9:58 - 10:01जैसे कि संदेश को सुनना और
सम्मान देने के बारे में है। -
10:03 - 10:05फिर भी, सबकुछ ठीक चल रहा था|
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10:05 - 10:08मेरा शरीर धीरे धीरे मजबूत हो रहा था|
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10:08 - 10:10मुझे नौकरी कंप्यूटिंग में
मिली, जो मुझे पसंद था, -
10:10 - 10:15और मुझे कोजक नामक कुत्ता मिला जिसके
बारे में मैं कई सालों से सपना देख रहा था| -
10:15 - 10:19हालांकि, मैं किसी के साथ
मेरी जिंदगी बाँटना चाहा। -
10:19 - 10:24मुझे याद है कि मैं खिड़की से बाहर घूर रहा
जब मेरे पिताजी काम से मुझे घर ले आ रहे थे, -
10:24 - 10:28सोचरहा था कि मेरे अंदर इतना प्यार है
और उसे लेने के लिए कोई नहीं हैं| -
10:28 - 10:33जब मैं ने फैसला लिया था कि मेरी
जीवन की बाकी हिस्सा अकेले ही जीना है -
10:33 - 10:35मैं जोन से मिला |
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10:35 - 10:38जोन मेरे जीवन में सबसे
अच्छी बात ही नही जो कभी भी मेरे साथ हुआ, -
10:38 - 10:43बल्कि जोन खुद के बारे में अपने खुद के गलत
धारणाओं को चुनौती देने के लिए मेरी मदद की। -
10:43 - 10:48जोन ने कहा था कि मेरे शब्दोँ की वजह
से उसको मेरे साथ प्यार हुआ था| -
10:48 - 10:50हालांकि, सब होते हुए भी मेरे माद्यम से
-
10:50 - 10:52मुझे अभी भी विश्वास नहीं होता कि
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10:52 - 10:55कोई भी वास्तव में मेरे विकलांगता
के पार देख सकता है -
10:55 - 10:58और मुझे स्वीकार करलेते जैसे मैं हूँ|
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10:58 - 11:02मैं एक आदमी था यह समझने के लिए
भी सच में मैं ने संघर्ष किया। -
11:02 - 11:05पहली बार कोई मुझे आद्मी संदर्भित किया
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11:05 - 11:07यह मुझे मेरे पटरियों में रोक दिया।
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11:07 - 11:12चारों ओर देख कर और
पूछने की इच्छा हुई कि "कौन,मैँ?" -
11:12 - 11:14ये सब जोन के साथ बदल गया है।
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11:14 - 11:16हमारे पास एक अद्भुत संबंध है
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11:16 - 11:21और मैंने ये सीखा है कि खुले तौर पर और
ईमानदारी से संवाद करना कितना महत्वपूर्ण। -
11:21 - 11:25मैंने सुरक्षित महसूस किया, मुझे सही मायने
में क्या सोचा कहने के लिए आत्मविश्वास दी। -
11:26 - 11:30मैं फिर से सँपूर्णमहसूस करना शुरू किया,
एक पुरुष प्यार के काबिल था| -
11:30 - 11:32मैंने अपने भाग्य को नयी आकृति
प्रदान करना शुरू किया। -
11:32 - 11:35मैं काम पर थोड़ा अधिक बातचीत की।
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11:35 - 11:39मैं ने मेरा आजाद रहने के लिए मेरे
आसपास के लोगों से निवेदन किया| -
11:39 - 11:43मुझे संपर्क करने का जो साधन मिला
उससे सब कुछ बदल गया। -
11:43 - 11:47मैंने पूर्वग्रहों को चुनौती देने के लिए
शब्दों की शक्ति का इस्तेमाल किया -
11:47 - 11:51जो मेरे बगल में है और
जो मेरे खुद का पास है| -
11:51 - 11:53संपर्क आसपास के लोगों से
गहरे स्तर पर कनेक्ट करने के लिए -
11:53 - 11:56हमें सक्षम करने के लिए
हमें मानव बनाता है -- -
11:56 - 11:58जो हमारे आसपास के लोगों के साथ --
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11:58 - 11:59हमारी अपनी कहानियाँ बताते हुए,
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11:59 - 12:03चाहत, जरूरतों और इच्छाओं को व्यक्त करने,
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12:03 - 12:06या वास्तव में दूसरों के सुनने
के द्वारा सुनवाई। -
12:06 - 12:09इन सब से दुनिया जानती हैं कि हम कौन हैं|
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12:09 - 12:11इसलिए हम इसके बिना कौन हैं?
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12:12 - 12:16सच्ची संचार समझ को बढावा देती है
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12:16 - 12:19और अधिक देखभाल और
करुणामय दुनिया बनाती है। -
12:20 - 12:23एक बार, मुझे एक निर्जीव
वस्तु जो एक व्हीलचेयर में -
12:23 - 12:26एक लड़के की एक नासमझ
प्रेत माना जाता था| -
12:26 - 12:28आज, मैं उससे इतना अधिक हूँ।
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12:29 - 12:31एक पति, एक बेटा, एक दोस्त,
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12:31 - 12:35एक भाई, एक व्यवसाय के मालिक,
एक प्रथम श्रेणी सम्मान स्नातक, -
12:35 - 12:38एक गहरी शौकिया फोटोग्राफर।
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12:38 - 12:41मेरी बातचीत करने की क्षमता ने
मुझे यह सबकुछ दिया है। -
12:42 - 12:46ये कहा जाता हैं कि कथनी से
अधिक करनी बोलती है। -
12:46 - 12:48लेकिन मुझे आश्चर्य
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12:48 - 12:49क्या वे?
-
12:51 - 12:54हमारे शब्दों, जैसे भी हम संवाद करें
-
12:54 - 12:56बस उतना हीं शक्तिशाली हैं।
-
12:56 - 12:58हम अपने ही आवाज में शब्द बोलते हैं,
हमारी आंखों -
12:58 - 13:00के साथ उन्हें टाइप करें, या,
-
13:00 - 13:04उन्हें हमारे लिए बोलती है जो किसी के लिए
गैर-मौखिक रूप से उन्हें संवाद करते हुए, -
13:04 - 13:07शब्द हमारी सबसे शक्तिशाली
उपकरणों में से एक हैं। -
13:08 - 13:11मैं एक भयानक अंधेरे के
माध्यम से आप के पास आया हूँ, -
13:11 - 13:13जहाँ सए मुझे ध्यान रखने
वाली आत्माओं ने और -
13:13 - 13:16भाषा से हीं मैं खींचा गया हूँ|
-
13:16 - 13:20आज आप मुझे सुनने का कार्य,
मुझे भविष्य में रोशनी में लाता है। -
13:20 - 13:22हम एक साथ यहाँ चमक रहे हैं।
-
13:22 - 13:26मेरे संवाद करने के रास्ते में अगर कोई
कठिन बाधा होनेसे -
13:26 - 13:28मैं कभी कभी चिल्लाना चाहता हूँ
-
13:28 - 13:33और अगली बार बस प्यार या कृतज्ञता
का एक शब्द फुसफुसाना चाहता हूँ| -
13:33 - 13:35यह सब एक ही लग रहा है।
-
13:35 - 13:36लेकिन आप कर सकते हैं तो,
-
13:36 - 13:40इन अगले दो शब्दों अपने
दिलसे कल्पना कीजिए : -
13:42 - 13:44थैंक यु|
(धन्यवाद)| -
13:44 - 13:55(तालियाँ)
- Title:
- मेरा मन कैसे जीवित वापस आया - और कोई नहीं जानता था
- Speaker:
- मार्टिन पिस्टोरियस
- Description:
-
“मैं भूखा हूँ”, “मैं दर्द में हूँ”, "धन्यवाद" या "मैं तुमसे प्यार करता हूँ," ये कहने के लिए असमर्थ होने की कल्पना कीजिए -- संवाद करने की क्षमता खोने, आपके शरीर के अंदर फंस जाना, पूरी तरह से लोगों से घिरे हुए भी अकेलेपन मेहसूस करना। 13 साल के लंबे अंतराल के लिए, ये मार्टिन पिस्टोरियस की वास्तविकता थी। बारह साल की उम्र में एक मस्तिष्क के संक्रमण से ग्रस्त होने के बाद पिस्टोरियस ने अपनी गतिविधियों को नियंत्रित और बात करने की अपनी क्षमता खो दिये थे, और अंततः वह मानसिक जागरूकता के लिए हर परीक्षण में विफल हुए। वह एक भूत जैसा बन गये थे। लेकिन फिर एक अजीब चीज की शुरूआत हुई - उनके मन एक साथ ही वापस बुनना शुरू कर दिया। इस चलते बात में, पिस्टोरियस अपने ही शरीर के अंदर बंद अपनी जीवन से खुद को कैसे मुक्त किये बताते है।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 14:08
Abhinav Garule approved Hindi subtitles for Martin Pistorius | ||
Abhinav Garule accepted Hindi subtitles for Martin Pistorius | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for Martin Pistorius | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for Martin Pistorius | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for Martin Pistorius | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for Martin Pistorius | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for Martin Pistorius | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for Martin Pistorius |