कैसे मेरे काम ने मेरे कैंसर के इलाज के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
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0:01 - 0:04जून २०१६ |
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0:05 - 0:06मैं तीस साल की थी,
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0:07 - 0:09जब एक फोन कॉल आया
मेरे डॉक्टर के कार्यालय से -
0:09 - 0:11मेरे परीक्षण के परिणाम
बताने के लिए | -
0:12 - 0:17तो मैं लंच ब्रेक में
अपने डॉक्टर से मिलने गई. -
0:17 - 0:21उन्होंने खेद प्रकट करते हुए कहा
कि मुझे स्तन कैंसर है | -
0:22 - 0:27पहले तो मुझे विश्वास नही हुआ ,
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0:27 - 0:30मैं एक वकील हूँ ना ,
तो मुझे कुछ प्रमाण चाहिए था | -
0:31 - 0:33मुझे आपको यह बताते हुए
शर्म आ रही है कि -
0:33 - 0:37मैं उठके उनके पास गई
जहाँ वह बैठीं थी -
0:37 - 0:40ताकि मैं झाँक सकूँ कि
उनके सामने रखे हुए -
0:40 - 0:42पृष्ठ में क्या लिखा है|
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0:42 - 0:43(हंसी)
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0:43 - 0:45घातक कार्सिनोमा |
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0:46 - 0:49किंतु फिर भी विश्वास ना करते हुए
मैंने कहा, -
0:49 - 0:55"क्या आपको यकीन है कि
घातक कार्सिनोमा का मतलब कैंसर है?" -
0:55 - 0:56(हंसी)
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0:56 - 0:58उन्होंने कहा निःसंदेह यह कैंसर है|
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0:59 - 1:03जब काम पर मैं
अति आवश्यक कार्य सौंप रही थी -
1:03 - 1:06तब मुझमें कैंसर की वृद्धि
होने की जाँच चल रही थी | -
1:07 - 1:10लेकिन उस समय,
काम मेरी प्राथमिकता नहीं थी। -
1:11 - 1:14मैं सोच में थी कि कैसे मैं
अपने परिवार एवं मित्रों को बताऊँ -
1:14 - 1:15कि मुझे कैंसर है |
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1:16 - 1:18कैसे उनके सवालों के जवाब दूँ
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1:18 - 1:21कि कितना बुरा है
और क्या मैं ठीक हूँगी या नहीं, -
1:21 - 1:23जब मुझे खुद नहीं पता|
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1:24 - 1:26मैं सोच रही थी कि क्या कभी मुझे
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1:26 - 1:28अपने साथी के साथ
परिवार बसाने का अवसर मिलेगा| -
1:29 - 1:33और कैसे मैं अपनी माँ से कहूँ,
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1:33 - 1:36जो गर्भावस्ता में स्वयं
स्तन कैंसर से पीड़ित थीं | -
1:37 - 1:39वह अवश्य मेरी अवस्था समझेंगी
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1:39 - 1:42और जानेंगी कि मेरे लए आगे क्या है।
किंतु मैं यह भी -
1:42 - 1:46नहीं चाहती थी कि उन्हें
दोबारा कैंसर युक्त जीवन का अनुभव हो| -
1:48 - 1:50उस समय मैंने यह सराहना नहीं की थी
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1:50 - 1:54कि कैसे मेरा काम मेरे उपचार
एवं ठीक होने में विशेष भूमिका निभाएगा | -
1:55 - 1:59कि मेरे सहकर्मी और मेरा काम
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1:59 - 2:01मुझे मूल्यवान महसूस कराएगा
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2:01 - 2:03जब कभी मैं ख़ुद को
निरुपयोगी समझूँगी | -
2:04 - 2:09कि मेरा काम ही मुझे
नियमित और स्थिरता प्रदान करेगा -
2:09 - 2:11जब मुझे कठिन व्यक्तिगत निर्णय एवं
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2:11 - 2:13अनिश्चितता से गुज़रना होगा |
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2:13 - 2:17जैसे कि किस प्रकार का
मेरा स्तन पुनर्निर्माण होगा| -
2:19 - 2:20आप सोचेंगे कि ऐसे कठिन समय में
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2:20 - 2:24मैं अपने परिवार एवं
मित्रों का सहारा लूँगी | -
2:24 - 2:27निश्चित रूप से मैंने ऐसा ही किया था।
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2:28 - 2:30लेकिन अंत में मेरे यह सहकर्मी होंगे
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2:30 - 2:34जो मेरे दैनिक जीवन में
एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे| -
2:35 - 2:38और वे ही होंगे जो मुझे हँसाकर
बेहतर महसूस कराएँगे | -
2:38 - 2:41हम एक बहुत करीबी टीम थे,
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2:41 - 2:43और आपस में अच्छे चुटकुले सुनाते थे |
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2:43 - 2:47जैसे इस बार उन्होंने किसीको मुझसे
सवाल पूछते हुए सुना कि -
2:47 - 2:51मैं अपने बालों को इतना चमकदार
और उत्तम कैसे रखती हूँ -- -
2:52 - 2:55बिना जाने कि यह मात्र एक उपकेश है,
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2:55 - 2:57और आप जानते हैं, यह एक
अत्युत्तम उपकेश है -
2:57 - 3:00और यह सुबह तैयार होने में सुगम था|
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3:00 - 3:02(हंसी)
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3:02 - 3:06ऐसे क्षणों में मैंने उनके समर्थन की
महत्वपूर्णता को सराहा, -
3:06 - 3:10और सोचा की ऐसे संघ के बिना
मेरा क्या होता | -
3:11 - 3:15मैंने कई लोगों से बात की
विशेष रूप से महिलाएं, -
3:15 - 3:18जिनको ऐसे संघ का
मौका नहीं मिला -
3:18 - 3:22क्योंकि उन्हें अवसर नहीं दिया गया
उपचार के दौरान काम करने का | -
3:23 - 3:26और इसके लिए कई कारण हैं |
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3:26 - 3:30किंतु मुझे लगता है कि प्रमुख कारण है
अत्यधिक पैतृक नियोक्ता | -
3:30 - 3:35ये नियोक्ता चाहते हैं कि आप काम से दूर
जाकर स्वयं पर ध्यान केंद्रित करें। -
3:35 - 3:37और ठीक होने के बाद ही वापस आएं |
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3:38 - 3:41और वे उन प्रकार के वाक्यांशों का
उपयोग करते हैं। -
3:41 - 3:44हालांकि इन प्रतिक्रियाओं का
उद्देश्य नेक है, -
3:44 - 3:46मुझे जो लाभ मिला,
उसे मद्देनज़र रखते हुए, -
3:46 - 3:49मैं निराश हो जाति हूँ
जब लोगों को बताया जाता है -
3:49 - 3:53कि वे काम नहीं कर सकते
या नहीं करना चाहिए, -
3:53 - 3:56जबकि वे काम करना चाहते हैं
और शारीरिक रूप से प्रबल हैं | -
3:58 - 4:01तो मैंने देखा कि एक नियोक्ता को
क्या करना चाहिये -
4:01 - 4:04जब कोई कैंसर निदान
प्रस्तुत करता है| -
4:05 - 4:09मुझे पता चला कि ऑस्ट्रेलियाई कानून के तहत,
कैंसर को विकलांगता माना जाता है। -
4:10 - 4:13अगर आप सामान्य कार्य
सम्बंधित कर्तव्यों में असमर्थ हैं, -
4:13 - 4:17तो विकलांगता भेदभाव अधिनियम
के अनुसार, आपके नियोक्ता बाध्य है -
4:17 - 4:20आपके कामकाजी व्यवस्था के
उचित समायोजन करने के लिए, -
4:20 - 4:23
ताकि आप काम करना जारी रख सकें| -
4:24 - 4:27मेरे लिए उचित समायोजन क्या होगा?
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4:29 - 4:33मुझे पता था कि मेरे निदान का
मेरे काम पर क्या स्पष्ट प्रभाव होगा। -
4:33 - 4:36कार्यालय समय के दौरान,
चिकित्सा नियुक्तियां निर्धारित होंगी, -
4:36 - 4:41मुझे सर्जिकल प्रक्रियाओं से
ठीक होने के लिए समय लगेगा | -
4:41 - 4:44एक प्ररूपी वकील होने के नाते,
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4:44 - 4:48मैं तैयार थी कि मुझे
उपचार से क्या उम्मीद रखनी है| -
4:48 - 4:51बेशक, उसमें से बहुत कुछ
डॉक्टर गूगल के माध्यम से था| -
4:51 - 4:54शायद यह सही नहीं था और
मैं ऐसा करने की सलाह नहीं दूँगी -
4:54 - 4:55(हंसी)
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4:55 - 4:58भले ही मैं सभी भौतिक साइड इफेक्ट्स
के लिए तैयार थी, -
4:58 - 5:02वास्तव में मुझे कीमो मस्तिष्क--याने उपचार
के बाद कि अवस्था का डर था | -
5:03 - 5:06कीमो मस्तिष्क के अंतर्गत स्मृति हानि,
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5:06 - 5:08ध्यान ना केंद्रित कर पाने
एवं समस्याओं को हल -
5:08 - 5:11करने में असमर्थ
होने की संभावनाएं हैं| -
5:11 - 5:13और अगर यह मेरे साथ हुआ,
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5:13 - 5:16मैंने सोचा कि मैं कैसे
एक वकील का कार्य निभाऊंगी| -
5:16 - 5:18क्या मुझे काम छोड़ना पडेगा ?
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5:19 - 5:23मैं संभवतः कैसे अपने मैनेजर से
मेरी कामकाजी व्यवस्था के -
5:23 - 5:26उचित समायोजन के बारे में
विचार-विमर्श कर पाऊँगी -
5:26 - 5:29जब मुझे ही नहीं पता था
मैं कैसे प्रभावित हूँगी? -
5:30 - 5:33मैं भाग्यशाली थी कि
मेरे मैनेजर सहायक हैं -
5:33 - 5:37जो खुश थे कि कार्य जैसे तैसे चल रहा था
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5:37 - 5:40बजाय एक ठोस योजना की
आवश्यकता के | -
5:42 - 5:45मैं भाग्यशाली थी कि
बिना उचित समायोजन नामक -
5:45 - 5:48अवधारणा की जानकारी होते हुए,
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5:48 - 5:50उनके लिये यह केवल सामान्य ज्ञान था|
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5:51 - 5:54लेकिन मैंने जाना कि यह
सबके लिये सामान्य ज्ञान नहीं है | -
5:57 - 6:00सभी इलाज के माध्यम से
उसके प्रभाव और सीमाएं -
6:00 - 6:02जानते हैं|
और वे उसके हिसाब से -
6:03 - 6:05अनुकूलित होना भी सीख जायेंगे|
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6:05 - 6:10तो मैंने इलाज के बारे में
कुछ युक्तियाँ सींखी| -
6:10 - 6:11जैसे कि कीमो जाने से पूर्व,
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6:11 - 6:14आप सुनिश्चित करें कि
आपने पर्याप्त पानी पिया है -
6:14 - 6:17और कि आप गर्म रहें, इससे नर्सों को
आपकी नसें खोजने में आसानी होती है| -
6:17 - 6:20और ध्यान रखें कि आप
कीमो के पेहले या बाद में -
6:20 - 6:22अपना कोई पसंदीदा भोजन न खाएं
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6:22 - 6:25क्योंकि वो आप उलटी कर देंगे
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6:25 - 6:27और फिर कभी आप वो
देखना भी नहीं चाहेंगे| -
6:27 - 6:28(हंसी)
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6:28 - 6:30मैंने यह कठिन मार्ग से सीखा|
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6:30 - 6:33और कुछ युक्तियाँ थीं
मेरे कार्यप्रवाह के नियंत्रण की| -
6:34 - 6:36सोमवार की सुबह प्रथम कार्य
मैंने कीमो निर्धारित किया | -
6:37 - 6:40मुझे पता था कि
कैंसर देखभाल केंद्र से बहार निकलके, -
6:40 - 6:45मेरे पास चार घंटे होंगे
बिना कठिनाई के काम करने के लिये -
6:45 - 6:47तो मैं उस समय का उपयोग
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6:47 - 6:51अपूर्ण कार्यों की पूर्ती एवं
तत्काल फ़ोन कॉल के लिए करुँगी| -
6:52 - 6:56अधिकाँश अस्वस्थता
४८ घंटों के भीतर दूर हो जायेगी | -
6:56 - 6:58और शेष कार्य मैं घर से
लॉग इन करके पूरा करुँगी| -
7:00 - 7:03यह उपचार जारी रहा और
मुझे पता था कि क्या उम्मीद करनी है। -
7:03 - 7:07व्यापार भागीदारों के साथ
मैंने अपने काम करने की क्षमता -
7:07 - 7:09एवं उसे पूर्ण करने की समय सीमा के
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7:09 - 7:11उचित उम्मीदों को निर्धारित किया|
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7:11 - 7:15लेकिन मुझे अभी भी याद है
उनकी आवाज़ में हिचकिचाहट होती थी -
7:15 - 7:18मुझसे कुछ भी पूछने
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7:18 - 7:20और कार्य पूर्ती का समय निर्धारित करने में|
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7:21 - 7:23यकीन मानिये ये लोग आमतौर पर
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7:23 - 7:25समय सीमा निर्धारित करने से
घबराते नहीं हैं | -
7:25 - 7:26(हंसी)
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7:27 - 7:30मुझे लगा कि मेरे इलाज के दौरान
वे मुझ पर अतिरिक्त दबाव -
7:30 - 7:32नहीं डालना चाहते थे |
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7:32 - 7:35हालांकि मैं उनकी भावनाओं से कृतज्ञ थी,
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7:35 - 7:37मुझे वास्तव में समय सीमा की आवश्यकता थी|
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7:37 - 7:40यह मेरे नियंत्रण में था
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7:40 - 7:43और जो मेरे नियंत्रण में रह सकता है
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7:43 - 7:45जब बाकि सब मेरे नियंत्रण में नहीं थी|
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7:46 - 7:48घर से काम करते समय
मैं सोचती थी कि कैसे -
7:48 - 7:52नियोक्ता इस उचित समायोजन की
अवधारणा को -
7:52 - 7:54हमारी वर्तमान उम्र में
लागू कर सकते हैं, -
7:55 - 7:58जहाँ दो में से एक
ऑस्ट्रेलियाई पुरुष और महिलाएँ, -
7:58 - 8:01८५ साल की उम्र के भीतर
कैंसर से निदान किये जायेंगे| -
8:02 - 8:07जैसे जैसे वृद्धावस्था में भी हम
काम करना जारी रखेंगे, -
8:07 - 8:10कार्यावस्था में गंभीर बीमारी
होने की संभावना भी -
8:10 - 8:11बढ़ रही है|
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8:13 - 8:18प्रौद्योगिकी हमें सक्षम बना रही है
कहीं भी, किसी भी समय काम करने के लिए| -
8:18 - 8:21उचित समायोजन अब प्रासंगिक नहीं हैं
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8:21 - 8:24कि यदि आप शारीरिक रूप से कार्यालय में
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8:24 - 8:26आ सकते है या नहीं|
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8:27 - 8:30उचित समायोजन
बैठने के लिए एक आरामदायक कुर्सी -
8:30 - 8:34या एक लंबा अंतराल देना भी नहीं हैं,
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8:34 - 8:36हालांकि वे चीजें भी अच्छी ही होंगी|
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8:37 - 8:38कम से कम,हमें उन नीतियों का
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8:38 - 8:41आवेदन करने की आवश्यक्ता है
जो हमने अन्य -
8:41 - 8:43परिदृश्यों के लिए
विकसित किये हैं| -
8:43 - 8:47जैसे की लोग जिन्की
पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ हैं| -
8:48 - 8:52किंतु हम यह कैसे सुनिश्चित करें
कि लोगों के लिये -
8:52 - 8:56उचित समायोजन
की चर्चा क्या होगी -
8:56 - 8:59अगर एक प्रबंधक का जवाब हो,
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8:59 - 9:02"अरे नहीं, काम पर वापस मत आओ
जब तक आप बेहतर न हों। " -
9:03 - 9:05और तभी मुझे ख़याल आया |
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9:06 - 9:08यह प्रबंधकों के लिए अनिवार्य होना चाहिए
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9:08 - 9:11कि वे अपने कर्मचारियों के साथ
इस विषय पर चर्चा करें, -
9:12 - 9:14और मेरे जैसे लोगों से सबक लें
जो उपचार के दौरान -
9:14 - 9:17काम करने से वास्तव में लाभान्वित हुए हैं|
इसे व्यापक रूप से -
9:17 - 9:19साझा करने की आवश्यकता है।
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9:20 - 9:24मैंने सोचा कि इन बातचीत को कैसे
मार्गदर्शन दिया जाये | -
9:24 - 9:28और फिर मेरी प्रिय सहयोगी,
कैमिला गन्न ने -
9:28 - 9:30"कैंसर के साथ कार्य करण" नामक
टूलकिट विकसित किया। -
9:31 - 9:34जो कैंसर से निदान लोगों के लिए
एक ढांचा प्रदान करता है, -
9:35 - 9:37जिससे उनके प्रबंधकों, देखभाल करने वालों
एवं सहकर्मियों को -
9:38 - 9:41मौका मिले कैंसर पर चर्चा
और कार्य समर्थन उपलब्ध करने के लिये | -
9:42 - 9:45कैमिला और मैंने अन्य संगठनों के साथ इस
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9:45 - 9:46टूलकिट के बारे चर्चा की
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9:46 - 9:48और यह कैसे कैंसर संबंधित
बातचीत में मार्गदर्शन करेगा -
9:48 - 9:52जो अन्यथा दुस्साध्य होती है |
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9:53 - 9:57मुझे खुशी है कि
इस टूलकिट की मांग बढ़ रही है| -
9:58 - 10:01तो क्या होनी चाहिए
एक प्रबंधक की पहली प्रतिक्रिया -
10:01 - 10:03जब कोई कहता है कि वे बीमार हैं
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10:03 - 10:06और वे नहीं जानते कि
इससे उनके काम पर कैसा प्रभाव पड़ेगा? -
10:06 - 10:09यह होनी चाहिए:
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10:09 - 10:12"आपकी क्षमता और इच्छा के अनुसार,
हम आपके लिए चिकित्सा के दौरान -
10:13 - 10:15काम जारी रख पाने की
व्यवस्था करना चाहेंगे" -
10:15 - 10:17हमें सकारात्मक रूप से
गंभीर बीमारी वाले -
10:18 - 10:21लोगों के साथ संलग्न
होने की आवश्यकता है -
10:21 - 10:24जिससे वे कार्यबल में रह सकें,
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10:24 - 10:27बजाय पैतृक रूप से उन्हें बहार धकेलें|
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10:28 - 10:32मैंने आपको अपनी कहानी सुनाई
ताकी आप लाभ जान सकें -
10:32 - 10:34मेरे इलाज के दौरान काम करने का|
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10:35 - 10:37मैं आपकी धारणाओं को भी बदलना चाहती हूँ
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10:37 - 10:39अगर आपके हिसाब से
उपचार का मतलब -
10:39 - 10:43केवल उदास, दुर्बल एवं उल्टी
करने वाले लोग हों | -
10:44 - 10:47और हाँलांकि ये चीजें
कुछ हद्द तक सच हैं -
10:47 - 10:49हमेशा नहीं,
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10:49 - 10:51मैंने तय किया कि
हमेशा की तरह मैं कार्य को -
10:51 - 10:53प्रबल रूप से पूरा कर सकूँ|
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10:54 - 10:58और मैं ऐसा कर पाई
क्योंकि मेरे नियोक्ता ने मुझे विकल्प दिया| -
10:59 - 11:02सबसे महत्वपूर्ण रूप से
मैं बता रहीं हूँ -
11:02 - 11:06क्यूंकि यह हमेशा प्रस्तुत
या प्रोत्साहित नहीं होता -
11:06 - 11:09जबकि यह लोगों के लिये
स्पष्ट विकल्प है -
11:09 - 11:10और होना भी चाहिए|
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11:12 - 11:13धन्यवाद |
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11:13 - 11:17(तालियाँ)
- Title:
- कैसे मेरे काम ने मेरे कैंसर के इलाज के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
- Speaker:
- सारा डोनेली
- Description:
-
जब वकील सारा डोनेली स्तन कैंसर से निदान हुईं, उन्होंने न केवल अपने परिवार एवं मित्रों का सहारा लिया - उसके साथ काम में अर्थ, केंद्रण और स्थिरता पाया | इस व्यक्तिगत बात में अपने अनुभव से वह अपनी अंतर्दृष्टि साझा कर रहीं हैं कि कार्यस्थलों में बड़ी बीमारियों से गुज़रने वाले लोगों को कैसे समायोजित किया जा सकता है ताकी वे नौकरी पर क्यों और कैसे रह पायें -- क्योंकि लाभ दोनों तरफ़ से है |
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 11:30
Omprakash Bisen approved Hindi subtitles for How work kept me going during my cancer treatment | ||
Arvind Patil accepted Hindi subtitles for How work kept me going during my cancer treatment | ||
Arvind Patil edited Hindi subtitles for How work kept me going during my cancer treatment | ||
Anup Kumar edited Hindi subtitles for How work kept me going during my cancer treatment | ||
Anup Kumar edited Hindi subtitles for How work kept me going during my cancer treatment | ||
Anup Kumar edited Hindi subtitles for How work kept me going during my cancer treatment | ||
Anup Kumar edited Hindi subtitles for How work kept me going during my cancer treatment | ||
Anup Kumar edited Hindi subtitles for How work kept me going during my cancer treatment |