कसे रशियाने चुराया अमरीकन चुनाव की जानकारी
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0:01 - 0:04चलिए मान लें कि आप पाश्चात्य लोकतंत्रसे
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0:04 - 0:05घृणा करते हैं।
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0:07 - 0:09लोकतंत्र का मतलब,
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0:09 - 0:11चुनाव, भाषण, लगातार चलती चर्चाएँ
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0:12 - 0:14की सरकार के सही माइने क्या है।
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0:14 - 0:16सब कुछ इतना जटिल,
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0:16 - 0:17इतना अनिश्चित,
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0:17 - 0:19जो कि आपके समझ में नहीं आता
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0:20 - 0:24जिस तरह से लोकतंत्र हमें उपदेश देते हैं
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0:24 - 0:26व्यक्तिगत अधिकार और आज़ादी के बारे में
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0:26 - 0:28ये आपको जुँझला देता है।
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0:29 - 0:31इसके बारे में क्या करें?
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0:32 - 0:37हम दोगुलेपन और पश्चात्यि लोकतंत्रों
की दुर्दशा के बारे में बात कर सकते हैं, -
0:37 - 0:40हमारे तरीक़े उनसे कितने बेहतर हैं,
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0:40 - 0:42लेकिन इन बातों से कुछ हासिल नहीं हुआ।
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0:43 - 0:45क्यूँ ना हम लोगों की मदद से
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0:45 - 0:49जिनकी मदद से ही लोकतंत्र खड़ा है,
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0:49 - 0:51उनसे कहें कि प्रणाली पर ही सवाल करें?
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0:52 - 0:55लोगों को
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0:55 - 0:59लोकतंत्र और उसकी
शाखाओं नें हमें धोखा दिया है, -
0:59 - 1:01अभिजात वर्ग और भ्रष्ट
नेताओं ने धोखा दिया है, -
1:01 - 1:04देश की दुर्दशा हो रही है।
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1:06 - 1:07ऐसा करने के लिए
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1:07 - 1:10आपको सूचना के क्षेत्र में
घुसने की आवश्यकता होगी -
1:10 - 1:11जो इन लोकतंत्रों में थी.
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1:11 - 1:15उनकी शक्तिशाली संसाधने इस्तेमाल करके
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1:15 - 1:17निर्भय एव खुले मनसे
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1:17 - 1:19लोकतंत्र की बुराइयो को उजगर कर
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1:20 - 1:22लोगोको सवाल करे सत्य प्रकशित करने
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1:24 - 1:29२०१६ में हुए हैकिंग और
लीक्स के बारे में आपने सुना होगा। -
1:29 - 1:32व्ह था एक लोकशाही राष्ट्रीय नेट वर्क
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1:32 - 1:35लोगों के ईमेल अकाउंट्स
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1:35 - 1:36जो विकिलीक़स
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1:37 - 1:39इस के बाद
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1:39 - 1:44एक रोमेनियायी साइबर क्रिमिनल
जिसे रोमेनियायी भाषा नहीं आती थी, -
1:44 - 1:48उसने लीक्स को पत्रकाओं तक इस समाचार
को बहुत आक्रामकता रूप से पहुँचाया। -
1:49 - 1:51मीडिया भी जाल में फँस गयी।
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1:51 - 1:54DNC बेरनिकी कितनी घृणा करती है
इस बात का प्रचार हुआ -
1:55 - 1:59समय, यह था कि कथा
कि अब तक खबर को दूर करना -
1:59 - 2:03रूसी सरकार द्वारा प्रायोजित हैकर्ज़
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2:03 - 2:06जिनका नाम था
"अड्वैन्स्ट पर्सिस्टेंट थ्रीट २८", -
2:06 - 2:08या कहें "एपीटी२८",
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2:08 - 2:11अमेरिका के ख़िलाफ़
यह सारी गतिविधियाँ रच रही थी। -
2:12 - 2:14सबूतों की कोई कमी नहीं है।
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2:15 - 2:19यह रूसी सरकार प्रयोहित हैकर्ज़ गुट
यूँही नहीं प्रकट हो गए। -
2:19 - 2:20२०१६ में।
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2:20 - 2:23इस गुट पर हमने २०१४ से नज़र रखी हुई है।
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2:23 - 2:28APT28 जैसे साधन इस्तेमाल किये गये
जीससे की नेटवर्क को बळी का बकरा बनाया गया -
2:28 - 2:32सोची समझी चाल है।
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2:32 - 2:34जो कि पिछले १० सालों से चल रहा है
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2:34 - 2:36मॉस्को
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2:36 - 2:38सुबह ९ से शाम की ६ बजे तक।
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2:39 - 2:44चेचन्या मे तो APT28 को पत्रकारोके
ई मेल फोन हैक करना पसंदीदा काम था. -
2:44 - 2:48जॉर्जिया की सरकार पूर्व युरोप रक्षा योजना
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2:48 - 2:52लक्ष्य बना रशियन सरकारक
जिसका इन्कार नही हो सकता. -
2:52 - 2:54हम ही नहीं थे जो
उन पर नज़र रखे हुए थे, -
2:54 - 2:57विश्व की सरकारें, शोध दस्ते भी
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2:57 - 2:59समान निष्कर्ष पर पहुँच रही थीं।
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2:59 - 3:01वे भी समान गतिविधियों पर नज़र रखे थीं।
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3:02 - 3:05लेकिन २०१६ में रूस ने जो किया,
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3:05 - 3:07जासूसी के भी परे है।
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3:08 - 3:15DNC द्वारा चुराया डाटा इंटरनेट पर
प्रसारित करना अनेको मेसे एक मार्ग था . -
3:15 - 3:17सनसनीख़ेज़ तरीक़े से पेश किया गया,
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3:17 - 3:19सोशल मीडिया पर इसे बढ़ावा दिया गया
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3:19 - 3:22जिसे बिजली की
रफ़्तार से मीडिया ने अपनाया। -
3:25 - 3:27ख़तरे की घंटी तब भी नहीं बजी
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3:27 - 3:32एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र के
अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी करने -
3:32 - 3:34की कोशिश कर रहा था।
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3:34 - 3:39हमनें इस चीज़ की अपेक्षा क्यूँ नहीं की?
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3:39 - 3:43अमेरिका को इस बात को समझने में
महीने क्यूँ लगे? -
3:43 - 3:47सरकार द्वारा प्रायोजित
सूचना हमला सह रहे हैं। -
3:48 - 3:50इसका आसान सा जवाब है राजनीति।
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3:50 - 3:54ओबामा सरकार बड़ी दुविधा में फँस गई थी।
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3:54 - 3:58अगर वह कहती की रूसी सरकार
अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान में -
3:58 - 4:01
दखलंदाजी कर रही है, -
4:01 - 4:05तो यह लगता मानो ओबामा सरकार
चुनाव अभियान में दख़ल दे रही है। -
4:06 - 4:08मेरा मानना यह है,
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4:08 - 4:12अमरीका और यूरोप बिल्कुल
ही निपटने में असमर्थ थे। -
4:12 - 4:17आधुनिक सूचना संचालन को तुरंत
पहचानने में, प्रतिक्रिया दिखाने में, -
4:17 - 4:22सरकार को इसके बारे में पहले से जानकारी थी
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4:22 - 4:25कुछ ही समय में उन्हें बहुत जानकारी मिली.
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4:26 - 4:30अमरीका और यूरोप ने २० साल लगा दिए
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4:30 - 4:32साइबर सुरक्षा में पकडने--
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4:32 - 4:33बुनियादी ढांचे को समझने
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4:33 - 4:36जो समजना दुष्कर कम है
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4:36 - 4:40साइबर योद्धाओं की सेनाओं
को स्थापित करने साइबर कमांड बनाने -
4:40 - 4:43रूस दूर की सोच रहा था।
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4:45 - 4:49सबसे पहले आइफ़ोन के आने के पहले,
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4:49 - 4:53रूसी सरकार टेक्नॉलजी द्वारा प्रदान किए गाए
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4:53 - 4:55जोखिम और अवसरों को समझ चुकी थी।
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4:55 - 4:59अंतर संचार और तुरंत बातचीत का ज़रिया
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5:00 - 5:04वास्तविकता अधिक से
अधिक जानकारी पर आधारित है -
5:04 - 5:06जो हमें मोबाइल फ़ोन पर उपलब्ध हैं
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5:06 - 5:08जो वार्ता आती है जिसे हम पढते है
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5:08 - 5:11जो भी कथा हम सुनते है
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5:11 - 5:14रूसी सरकार ने इसे पहचाना
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5:14 - 5:16इस निजाद को
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5:16 - 5:21उन्होने विश्वभर उसे आपके दिमाग मे
बम्ब भरकर विस्फोटक बाणा दिया है -
5:23 - 5:25आपका दिमाग विशेष तौर
पर विस्फोटक बन जाता है। -
5:25 - 5:29यदि आप आदी हैं
जानकारी के एक अज्ञात प्रवाह के लिए, -
5:29 - 5:33अपने बढ़ते लक्ष्य के लिए
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5:35 - 5:38आपको यह जानकारी रोचक लगती है
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5:38 - 5:44आपके दिमाग़ में घुसने का तरीक़ा यही है
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5:45 - 5:49सूचना संचालन का यह
राज्य प्रायोजित का नया ब्रांड है -
5:49 - 5:51यह अधिक सफल हो सकता है,
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5:51 - 5:52छल और कपट से
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5:52 - 5:56और लक्षित दर्शकों के लिए समझना कठिन -
जिसमें मीडिया शामिल है - -
5:56 - 5:58साकेतिक विशेषता के लिए।
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5:59 - 6:01यदि आप एक हैशटैग
प्राप्त करे हैं ट्विटर पर, -
6:01 - 6:04या नकली खबर सुने दोस्तोसे
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6:04 - 6:06दर्शकों सूचित किया
जाता है इसे प्राप्त करने -
6:07 - 6:09पत्रकारों कई ईमेल
भेजकर प्रवृत्त किया जाता है -
6:09 - 6:11अप्रासंगिकता के एक प्रतिशत के लिए
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6:11 - 6:14रूसी परिचालनों में उपयोग
की जाने वाली सभी रणनीतियां - -
6:14 - 6:18तब आपको प्रभावी ढंग से एक मोका मिला है
अपने कार्य को नया पोशाख पहनानेका -
6:18 - 6:20जो बस जाता है दिमाग मे
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6:22 - 6:26रूस मे लंबे समय से यही कहा जाता है
"रिफ्लेक्सिव कंट्रोल।" -
6:27 - 6:31यह किसी और की जानकारी
उपयोग करने की क्षमता है -
6:31 - 6:33उससे वे निर्णय लेते हैं
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6:33 - 6:34अपने स्वयं के समझौते पर
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6:34 - 6:36यह आपके लिए अनुकूल है।
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6:38 - 6:42यह राष्ट्र-राज्य-ग्रेड छवि नियंत्रण है
और धारणा प्रबंधन, -
6:42 - 6:45और यह किसी भी माध्यम से
आयोजित किया जाता है, -
6:45 - 6:49किसी भी उपकरण, नेटवर्क-आधारित के साथ
या अन्यथा, यह इसे प्राप्त करेगा। -
6:50 - 6:51उदाहरण के तौर पर,
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6:51 - 6:56फरवरी २०१४ में रूस की
क्रिमिया पर चढ़ाई के कुछ हफ़्ते पहले, -
6:56 - 6:58एक टेलीफ़ोन बातचीत यूटूब पर पोस्ट की गई।
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6:58 - 7:01इस बातचीत में दो अमरीकी दूत थे।
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7:01 - 7:04ऐसा लग रहा था मानो ये यूक्रेन में
किंगमकेर की भूमिका निभा रहे थे। -
7:04 - 7:08पूर्व युरोप की धीमी गति और नेतृत्व
एक शाप था। -
7:08 - 7:09इस दुरवस्था मे
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7:10 - 7:13माध्यमे फोन सुनती थी सुनती थी।
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7:13 - 7:16और फिर आगामी राजनयिक प्रतिक्रिया
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7:17 - 7:20वाशिंगटन और यूरोप रीलिंग करता है।
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7:21 - 7:25यह एक परेशान प्रतिक्रिया बनाता है
और एक बेकार रवैया -
7:25 - 7:27यूक्रेन में रूस ने जमीन जकडी।
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7:28 - 7:30मिशन पूरा हुआ।
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7:31 - 7:34हैक किये गये फोनसे
,इ मेल से ,नेत्वओर्क से -
7:34 - 7:36मुख्य वार्ता दिखाई पडती है
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7:36 - 7:39लेकीन प्रभावी कार्य यह होता है
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7:39 - 7:42जो आपका निर्णय बदलता है।
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7:42 - 7:43जीसापर आप पहले कायम थे।
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7:43 - 7:47राष्ट्र के निर्णायक बाबी
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7:48 - 7:50आज माहिती युग है।
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7:52 - 7:55उह जानकारी मोहित करने वाली होती है।
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7:55 - 7:59जोकी प्रथमदर्शनी हि स्वीकृती पाती है
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7:59 - 8:00अगर वह आधिकारिक तूर पर हो.
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8:01 - 8:06किसको रूचि नही है वास्तव जानने की
फोन इमेल द्वारा भेजे गए -
8:06 - 8:09जोकि सार्वजिक नही किये गये
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8:10 - 8:12उसका वास्तव कितना मायना रखता है
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8:12 - 8:14अगर आपको पताही न हो
आप की जानकारी प्रकट हो रही है -
8:16 - 8:20हमे यह भलीभाती जानना चाहिये
जिस जगह का हम इस्तेमाल करते है -
8:20 - 8:22इसे सायबरस्पेस कहा जाता है
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8:22 - 8:25जोकि केवल 0 और १ से नही बनती है
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8:25 - 8:28लेकीन इस जानकारी और इसके पीछे के लोक
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8:29 - 8:32यह नेटवर्क और संगणक से कहीं ज़्यादा है।
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8:32 - 8:35यह दिमाग़ों को बनता है
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8:35 - 8:38जो कम्प्यूटर और उपकरणों से सम्बंध रखता है।
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8:39 - 8:41और इस जाल में,
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8:43 - 8:46कोई एंक्रिप्शन या फ़ायरवाल नहीं है,
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8:46 - 8:48कोई दो तरीक़े का ऑथेंटिकेशन नहीं है,
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8:48 - 8:51कोई ऐसा पास्वर्ड नहीं
जो पूरी तरह सुरक्षित हो। -
8:52 - 8:54जो सुरक्षा के तरीक़े आपके पास हैं,
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8:54 - 8:58जो अतिशक्तिशाली है,
जिसका हमेशा लेटेस्ट वर्ज़न चलता रहता है, -
8:59 - 9:02वह है आपके सोचने की क्षमता,
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9:02 - 9:04जिससे झूठ का पता चल जाता है,
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9:04 - 9:05तथ्य की माँग करें।
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9:07 - 9:11साहसी होने की ज़रूरत है
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9:11 - 9:14सत्य की खोज में
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9:16 - 9:21(तालियाँ)
- Title:
- कसे रशियाने चुराया अमरीकन चुनाव की जानकारी
- Speaker:
- लारा गलान्ते
- Description:
-
हैकिंग, नकली खबर, सूचना बुलबुले ... ये सभी और अधिक, हाल के वर्षों में स्थानीय प्रेस का हिस्सा बन गए हैं। लेकिन साइबरस्पेस विश्लेषक लौरा गैलेन्टे इस व्याख्यान में वर्णन करती हैं, भू-राजनीति को प्रभावित करने वाले किसी भी व्यक्ति का असली लक्ष्य बहुत ही सरल है: यह आप हैं।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 09:33
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Abhinav Garule rejected Hindi subtitles for How (and why) Russia hacked the US election | ||
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