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कसे रशियाने चुराया अमरीकन चुनाव की जानकारी

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    चलिए मान लें कि आप पाश्चात्य लोकतंत्रसे
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    घृणा करते हैं।
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    लोकतंत्र का मतलब,
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    चुनाव, भाषण, लगातार चलती चर्चाएँ
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    की सरकार के सही माइने क्या है।
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    सब कुछ इतना जटिल,
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    इतना अनिश्चित,
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    जो कि आपके समझ में नहीं आता
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    जिस तरह से लोकतंत्र हमें उपदेश देते हैं
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    व्यक्तिगत अधिकार और आज़ादी के बारे में
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    ये आपको जुँझला देता है।
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    इसके बारे में क्या करें?
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    हम दोगुलेपन और पश्चात्यि लोकतंत्रों
    की दुर्दशा के बारे में बात कर सकते हैं,
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    हमारे तरीक़े उनसे कितने बेहतर हैं,
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    लेकिन इन बातों से कुछ हासिल नहीं हुआ।
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    क्यूँ ना हम लोगों की मदद से
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    जिनकी मदद से ही लोकतंत्र खड़ा है,
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    उनसे कहें कि प्रणाली पर ही सवाल करें?
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    लोगों को
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    लोकतंत्र और उसकी
    शाखाओं नें हमें धोखा दिया है,
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    अभिजात वर्ग और भ्रष्ट
    नेताओं ने धोखा दिया है,
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    देश की दुर्दशा हो रही है।
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    ऐसा करने के लिए
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    आपको सूचना के क्षेत्र में
    घुसने की आवश्यकता होगी
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    जो इन लोकतंत्रों में थी.
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    उनकी शक्तिशाली संसाधने इस्तेमाल करके
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    निर्भय एव खुले मनसे
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    लोकतंत्र की बुराइयो को उजगर कर
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    लोगोको सवाल करे सत्य प्रकशित करने
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    २०१६ में हुए हैकिंग और
    लीक्स के बारे में आपने सुना होगा।
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    व्ह था एक लोकशाही राष्ट्रीय नेट वर्क
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    लोगों के ईमेल अकाउंट्स
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    जो विकिलीक़स
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    इस के बाद
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    एक रोमेनियायी साइबर क्रिमिनल
    जिसे रोमेनियायी भाषा नहीं आती थी,
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    उसने लीक्स को पत्रकाओं तक इस समाचार
    को बहुत आक्रामकता रूप से पहुँचाया।
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    मीडिया भी जाल में फँस गयी।
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    DNC बेरनिकी कितनी घृणा करती है
    इस बात का प्रचार हुआ
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    समय, यह था कि कथा
    कि अब तक खबर को दूर करना
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    रूसी सरकार द्वारा प्रायोजित हैकर्ज़
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    जिनका नाम था
    "अड्वैन्स्ट पर्सिस्टेंट थ्रीट २८",
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    या कहें "एपीटी२८",
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    अमेरिका के ख़िलाफ़
    यह सारी गतिविधियाँ रच रही थी।
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    सबूतों की कोई कमी नहीं है।
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    यह रूसी सरकार प्रयोहित हैकर्ज़ गुट
    यूँही नहीं प्रकट हो गए।
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    २०१६ में।
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    इस गुट पर हमने २०१४ से नज़र रखी हुई है।
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    APT28 जैसे साधन इस्तेमाल किये गये
    जीससे की नेटवर्क को बळी का बकरा बनाया गया
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    सोची समझी चाल है।
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    जो कि पिछले १० सालों से चल रहा है
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    मॉस्को
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    सुबह ९ से शाम की ६ बजे तक।
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    चेचन्या मे तो APT28 को पत्रकारोके
    ई मेल फोन हैक करना पसंदीदा काम था.
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    जॉर्जिया की सरकार पूर्व युरोप रक्षा योजना
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    लक्ष्य बना रशियन सरकारक
    जिसका इन्कार नही हो सकता.
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    हम ही नहीं थे जो
    उन पर नज़र रखे हुए थे,
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    विश्व की सरकारें, शोध दस्ते भी
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    समान निष्कर्ष पर पहुँच रही थीं।
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    वे भी समान गतिविधियों पर नज़र रखे थीं।
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    लेकिन २०१६ में रूस ने जो किया,
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    जासूसी के भी परे है।
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    DNC द्वारा चुराया डाटा इंटरनेट पर
    प्रसारित करना अनेको मेसे एक मार्ग था .
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    सनसनीख़ेज़ तरीक़े से पेश किया गया,
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    सोशल मीडिया पर इसे बढ़ावा दिया गया
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    जिसे बिजली की
    रफ़्तार से मीडिया ने अपनाया।
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    ख़तरे की घंटी तब भी नहीं बजी
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    एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र के
    अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी करने
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    की कोशिश कर रहा था।
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    हमनें इस चीज़ की अपेक्षा क्यूँ नहीं की?
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    अमेरिका को इस बात को समझने में
    महीने क्यूँ लगे?
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    सरकार द्वारा प्रायोजित
    सूचना हमला सह रहे हैं।
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    इसका आसान सा जवाब है राजनीति।
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    ओबामा सरकार बड़ी दुविधा में फँस गई थी।
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    अगर वह कहती की रूसी सरकार
    अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान में
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    दखलंदाजी कर रही है,
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    तो यह लगता मानो ओबामा सरकार
    चुनाव अभियान में दख़ल दे रही है।
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    मेरा मानना यह है,
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    अमरीका और यूरोप बिल्कुल
    ही निपटने में असमर्थ थे।
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    आधुनिक सूचना संचालन को तुरंत
    पहचानने में, प्रतिक्रिया दिखाने में,
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    सरकार को इसके बारे में पहले से जानकारी थी
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    कुछ ही समय में उन्हें बहुत जानकारी मिली.
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    अमरीका और यूरोप ने २० साल लगा दिए
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    साइबर सुरक्षा में पकडने--
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    बुनियादी ढांचे को समझने
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    जो समजना दुष्कर कम है
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    साइबर योद्धाओं की सेनाओं
    को स्थापित करने साइबर कमांड बनाने
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    रूस दूर की सोच रहा था।
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    सबसे पहले आइफ़ोन के आने के पहले,
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    रूसी सरकार टेक्नॉलजी द्वारा प्रदान किए गाए
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    जोखिम और अवसरों को समझ चुकी थी।
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    अंतर संचार और तुरंत बातचीत का ज़रिया
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    वास्तविकता अधिक से
    अधिक जानकारी पर आधारित है
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    जो हमें मोबाइल फ़ोन पर उपलब्ध हैं
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    जो वार्ता आती है जिसे हम पढते है
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    जो भी कथा हम सुनते है
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    रूसी सरकार ने इसे पहचाना
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    इस निजाद को
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    उन्होने विश्वभर उसे आपके दिमाग मे
    बम्ब भरकर विस्फोटक बाणा दिया है
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    आपका दिमाग विशेष तौर
    पर विस्फोटक बन जाता है।
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    यदि आप आदी हैं
    जानकारी के एक अज्ञात प्रवाह के लिए,
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    अपने बढ़ते लक्ष्य के लिए
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    आपको यह जानकारी रोचक लगती है
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    आपके दिमाग़ में घुसने का तरीक़ा यही है
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    सूचना संचालन का यह
    राज्य प्रायोजित का नया ब्रांड है
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    यह अधिक सफल हो सकता है,
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    छल और कपट से
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    और लक्षित दर्शकों के लिए समझना कठिन -
    जिसमें मीडिया शामिल है -
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    साकेतिक विशेषता के लिए।
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    यदि आप एक हैशटैग
    प्राप्त करे हैं ट्विटर पर,
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    या नकली खबर सुने दोस्तोसे
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    दर्शकों सूचित किया
    जाता है इसे प्राप्त करने
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    पत्रकारों कई ईमेल
    भेजकर प्रवृत्त किया जाता है
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    अप्रासंगिकता के एक प्रतिशत के लिए
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    रूसी परिचालनों में उपयोग
    की जाने वाली सभी रणनीतियां -
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    तब आपको प्रभावी ढंग से एक मोका मिला है
    अपने कार्य को नया पोशाख पहनानेका
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    जो बस जाता है दिमाग मे
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    रूस मे लंबे समय से यही कहा जाता है
    "रिफ्लेक्सिव कंट्रोल।"
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    यह किसी और की जानकारी
    उपयोग करने की क्षमता है
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    उससे वे निर्णय लेते हैं
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    अपने स्वयं के समझौते पर
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    यह आपके लिए अनुकूल है।
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    यह राष्ट्र-राज्य-ग्रेड छवि नियंत्रण है
    और धारणा प्रबंधन,
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    और यह किसी भी माध्यम से
    आयोजित किया जाता है,
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    किसी भी उपकरण, नेटवर्क-आधारित के साथ
    या अन्यथा, यह इसे प्राप्त करेगा।
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    उदाहरण के तौर पर,
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    फरवरी २०१४ में रूस की
    क्रिमिया पर चढ़ाई के कुछ हफ़्ते पहले,
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    एक टेलीफ़ोन बातचीत यूटूब पर पोस्ट की गई।
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    इस बातचीत में दो अमरीकी दूत थे।
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    ऐसा लग रहा था मानो ये यूक्रेन में
    किंगमकेर की भूमिका निभा रहे थे।
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    पूर्व युरोप की धीमी गति और नेतृत्व
    एक शाप था।
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    इस दुरवस्था मे
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    माध्यमे फोन सुनती थी सुनती थी।
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    और फिर आगामी राजनयिक प्रतिक्रिया
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    वाशिंगटन और यूरोप रीलिंग करता है।
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    यह एक परेशान प्रतिक्रिया बनाता है
    और एक बेकार रवैया
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    यूक्रेन में रूस ने जमीन जकडी।
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    मिशन पूरा हुआ।
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    हैक किये गये फोनसे
    ,इ मेल से ,नेत्वओर्क से
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    मुख्य वार्ता दिखाई पडती है
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    लेकीन प्रभावी कार्य यह होता है
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    जो आपका निर्णय बदलता है।
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    जीसापर आप पहले कायम थे।
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    राष्ट्र के निर्णायक बाबी
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    आज माहिती युग है।
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    उह जानकारी मोहित करने वाली होती है।
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    जोकी प्रथमदर्शनी हि स्वीकृती पाती है
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    अगर वह आधिकारिक तूर पर हो.
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    किसको रूचि नही है वास्तव जानने की
    फोन इमेल द्वारा भेजे गए
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    जोकि सार्वजिक नही किये गये
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    उसका वास्तव कितना मायना रखता है
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    अगर आपको पताही न हो
    आप की जानकारी प्रकट हो रही है
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    हमे यह भलीभाती जानना चाहिये
    जिस जगह का हम इस्तेमाल करते है
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    इसे सायबरस्पेस कहा जाता है
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    जोकि केवल 0 और १ से नही बनती है
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    लेकीन इस जानकारी और इसके पीछे के लोक
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    यह नेटवर्क और संगणक से कहीं ज़्यादा है।
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    यह दिमाग़ों को बनता है
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    जो कम्प्यूटर और उपकरणों से सम्बंध रखता है।
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    और इस जाल में,
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    कोई एंक्रिप्शन या फ़ायरवाल नहीं है,
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    कोई दो तरीक़े का ऑथेंटिकेशन नहीं है,
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    कोई ऐसा पास्वर्ड नहीं
    जो पूरी तरह सुरक्षित हो।
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    जो सुरक्षा के तरीक़े आपके पास हैं,
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    जो अतिशक्तिशाली है,
    जिसका हमेशा लेटेस्ट वर्ज़न चलता रहता है,
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    वह है आपके सोचने की क्षमता,
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    जिससे झूठ का पता चल जाता है,
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    तथ्य की माँग करें।
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    साहसी होने की ज़रूरत है
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    सत्य की खोज में
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    (तालियाँ)
Title:
कसे रशियाने चुराया अमरीकन चुनाव की जानकारी
Speaker:
लारा गलान्ते
Description:

हैकिंग, नकली खबर, सूचना बुलबुले ... ये सभी और अधिक, हाल के वर्षों में स्थानीय प्रेस का हिस्सा बन गए हैं। लेकिन साइबरस्पेस विश्लेषक लौरा गैलेन्टे इस व्याख्यान में वर्णन करती हैं, भू-राजनीति को प्रभावित करने वाले किसी भी व्यक्ति का असली लक्ष्य बहुत ही सरल है: यह आप हैं।

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
09:33

Hindi subtitles

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