निर्देशित ध्यान - अस्तित्व की विशालता
-
0:03 - 0:06निर्देशित ध्यान - अस्तित्व की विशालता
(उपशीर्षक सहित) -
0:08 - 0:13[मूजी] आप स्वयं ही चैतन्य हैंं।
-
0:13 - 0:20आकाश की तरह यह कुछ नहीं छिपाता
-
0:20 - 0:27और ना ही कुछ रखता है ।
-
0:27 - 0:32यह ना तो पहले का रिकार्ड रखता है ,
-
0:32 - 0:38और ना ही कल की भविष्यवाणी।
-
0:38 - 0:42यह व्यक्ति होने का भाव ,
उसका सारा वृत्तांत , -
0:42 - 0:46यादें, इच्छाएँ और लगाव ,
-
0:46 - 0:53सिर्फ मायावी मन का खेल है।
-
0:53 - 0:56हमें यह जानना और समझना चाहिए,
-
0:56 - 0:59कि मन कैसे काम करता है,
-
0:59 - 1:03बिना उसमें उलझे।
-
1:08 - 1:11स्व विशाल विस्तार की तरह हैं,
-
1:11 - 1:13असल में, विस्तार से भी विशाल
-
1:13 - 1:22क्योंकि विस्तार भी इसमे देखा जा रहा है
और इसके द्वारा देखा जा रहा है। -
1:24 - 1:28व्यक्ति होने के इस भाव की तरफ देखें,
-
1:28 - 1:34और उसके चिपकने की प्रवृति को जानें।
-
1:34 - 1:43फिर भी, स्व के रूप में
कुछ भी आप से चिपक नहीं सकता है। -
1:43 - 1:50इसको साबित करने के इरादे से देखें।
-
1:50 - 1:56अपने आप के लिए देखें।
-
2:00 - 2:06इस वक्त, यहाँ
-
2:06 - 2:14अनासक्ति की भावना आपके लिए आसान होनी चाहिए।
-
2:14 - 2:17सहज।
-
2:17 - 2:27तो इस अनासक्ति की भावना को मज़बूत करना जारी रखें।
-
2:27 - 2:32सब सामने आने दें ,
-
2:32 - 2:37जाने दें,
-
2:37 - 2:41खाली रहें,
-
2:41 - 2:47हल्के और मुक्त।
-
2:47 - 2:59जब आप चेतना के असम्बद्ध विस्तार में रहते हैं,
-
2:59 - 3:08धारणाएँ अपना असर और शक्ति खो देती हैं।
-
3:08 - 3:12इसी जगह रहें, स्व की स्थिति मेंं,
-
3:12 - 3:17और यह खुद ही जांच करेगी और पुष्टि करेगी
-
3:17 - 3:25और खुदको साबित करेगी,
-
3:25 - 3:32पर यह आप को नहीं करेगी ।
-
3:32 - 3:38इस स्व को जो जानता है,
वह स्व ही है। -
3:44 - 3:51और फिर , आपके मन-शरीर की कोइ भी स्थिति हो
-
3:51 - 3:56जो सदा-सम्पूर्ण है, वह आपके हृदय में हैं।
-
4:01 - 4:07यह आपका सबसे सच्चा सच है,
-
4:07 - 4:12यह आपमें अकेला नित्य है ।
-
4:36 - 4:40कॉपीराइट 2020 मूजी मीडिया लि.।
सर्वाधिकार आरक्षित। -
4:40 - 4:43इस रिकॉर्डिंग का कोई भी भाग मूजी मीडिया लि.
-
4:43 - 4:46की प्रत्यक्ष अनुमति के बिना पुनः प्रस्तुत
नहीं किया जा सकता।
- Title:
- निर्देशित ध्यान - अस्तित्व की विशालता
- Description:
-
इस संक्षिप्तऔर स्वाभाविक तरीके़ से आए प्रभावशाली मार्गदर्शन में, मूजी हमें याद दिला रहें हैं कि, हम स्वयं ही चैतन्य हैंं; कि, हमारे व्यक्ति होने की भावना ,उसका सारावृत्तांत , यादें, इच्छाएँ और लगाव , सिर्फ मायावी मन का खेल है। वे हमें प्रोत्साहन देते हैं कि, हम सब कुछ सामने आने दें , जाने दें, खाली रहें, हलके और मुक्त।
"इस स्व को जो जानता है, वह स्व ही हैं।
चाहे, आपके मन-शरीर की कोइ भी स्थिति हो,
सदा-सम्पूर्ण वह है जो आपके हृदय में हैं।
यह आपका सबसे सच्चा सच है, नित्य, हमेशा।"
~ मूजी~
यह ऑडियो अंश है इस निर्देशित ध्यान से - "Remarkably, the Ever-Perfect One is Your Self," जो मौजूद है मूजी संघ शॅाप में इस एलबम के नाम से “The Immensity of Being” : https://shop.mooji.org/product/satsang/meditations/the-immensity-of-being/
यह और अन्य कई वीडियो Mooji.TV पर देखे जा सकते हैं:
http://bit.ly/moojitv
और
http://bit.ly/sahaja-express#मूजी #सत्संग #आध्यात्मिकता #अद्वैत #प्रबोधन #जागरण #ध्यान #मूजीबाबा #श्रीमूजी
- Video Language:
- English
- Duration:
- 04:54
Priyanka Jain edited Hindi subtitles for Guided Meditation — The Immensity of Being | ||
Priyanka Jain edited Hindi subtitles for Guided Meditation — The Immensity of Being | ||
Seema Sahai edited Hindi subtitles for Guided Meditation — The Immensity of Being | ||
Seema Sahai edited Hindi subtitles for Guided Meditation — The Immensity of Being | ||
Priyanka Jain edited Hindi subtitles for Guided Meditation — The Immensity of Being | ||
Priyanka Jain edited Hindi subtitles for Guided Meditation — The Immensity of Being | ||
Priyanka Jain edited Hindi subtitles for Guided Meditation — The Immensity of Being | ||
Priyanka Jain edited Hindi subtitles for Guided Meditation — The Immensity of Being |