मौत का विचार ही भयावह है! लेकिन मौत के बाद आपके शरीर का जो होता है वो दिलचस्प है जो हम आपको आज दिखने जा रहे हैं चिंता मत कीजिये, यह भयावह नहीं होगा...... ज्यादा नहीं एक बार मनुष्य की सांस रुकने के बाद, रक्त कोशिकाएं ऑक्सीजन प्राप्त नहीं करती लेकिन कोशिकाएं कुछ समय तक जीवित रहती हैं और कार्बन डाइयाक्साइड पैदा करते रहती हैं कार्बन डाइयाक्साइड अम्लीय होता है, यह अम्ल बढ़ता है और कोशिकाओं की थैलोयों को खंडित करने लगता है इन थैलियों में एन्ज़ाइम्स होते हैं और यह एन्ज़इम्स, कोशिकाओं को हज़म करने लगते हैं और बनाते है छालों की तरह का तरल पदार्थ जो की पोषक होता है लगभग एक हफ्ते में, इन पोषक तत्वों से जीवाणुओं और कवक की सेना तैयार हो जाती है जो अंगो और मांसपेशियों को और तरल करती है रोगाणु शरीर के ऊतकों पर हमला करके ४०० से अधिक रासायनिक पदार्थ और गैसों को बनाते हैं जिसमे शामिल है freon, जी हाँ वही शीतलक जो फ्रिज में पाया जाता है बेंजीन, जो गैसोलीन का एक शक्तिशाली घटक है सलफर, जो सड़ी हुई बदबू देता है और एक अणु, जिसे कार्बन टेट्राक्लोराइड कहते हैं जिसे अग्निशामक और ड्राई क्लीनिंग में तब तक यूज़ किया गया जब तक वैज्ञानिकों ने उसे विषैला घोषित नहीं किया इस क्षण तक शरीर का सारा मांस ख़त्म हो चूका है और इसे ख़त्म करते हैं.... मग्गेट्स और बीटल्स। और ये कीड़े सिर्फ हड्डिया पीछे छोड़ जाते हैं। समय के साथ, हड्डियों का प्रोटीन भी घुल जाता है, और छूट जाता है एक खनिज जिसे हयड्रोक्सयपतिते कहते हैं जो अंततः धूल बन जाता है. हम इस बात पर संतोष कर सकते हैं की सारे पोषक तत्व और रसायन, धूल भी.... अपने महत्वपूर्ण पदार्थों से मिटटी को अत्यंत उपजाऊ बनाते हैं और पौधों और नए जीवन को अंकुरित करते हैं हमारा जीवन समाप्त होने के बाद राख से लेकर राख तक, धुल से लेकर धुल तक [मार्क फिस्चेत्ती द्वारा लिखित और सुनाई गई] [सहायक संपादक: कॅथ्रीन फ्री] [एरिक र. ओल्सॅन द्वारा उत्पादित, संपादित और एनिमेटेड]