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समाज खबर और् मनोरन्जन वेब्सिट रेड्डिट के एक सह संस्थापक आज मृत पाये गाये
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वह निष्चिथ हि एक बुद्धिजॆवि था, परन्तु वो खुद को ऐस नहिं समझता था
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उसे खुद का करोबार करने मॆं अथवा
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पैसे कमने में कोई दिल्चस्पि नहिं थी
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सारे चहने वाले भुजाल के एक चम्क्ते हुए सितारे को अल्विदा केहते हुए
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हॆलेंड पार्क, आरोन स्वरट्झ के जन्म शेहर में आज कुछ खो जाने कि बडी गंभीरता फ़ैली हुई है
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स्वतन्त्रता संग़ामि ज्ञान को सबके लिए उप्लब्द होने कि प्रचार करने वाले और कंप्युटर संग़ामि उसको खो जाने का शोख़ मना रहे हैं
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उसको जनने वाले उसके बारे में "एक विस्मयकारी भुद्दिजीवि" कहते हैं
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उसकि हत्या सरकार ने की थी और म.ई.टी. ने अपनी सारी मूल सिद्धान्त को धोख़ा दिया
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वे उसको एक मिसाल बनाना चहथे थे?
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सरकारो में लोगों को वश में रखने की अतृप्य भवना होती है
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उसे संभवता 35 साल की कैद और 10 लाख दोल्लर जुर्माना हो सकती थी
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Raising questions of prosecutorial zeal,
and I would say even misconduct.
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क्या आपने इस् वीषय पे ध्यान दिया है और् कोइ नतिजे पे पहुंचे हैं?
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बडे होते हुए मुझे धिरे धिरे ये एहसास हो रहा था की मेरे अगल-बगल की सब चीजें जो
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लोग कहेते थे की सब चीजें बस स्वाभविक हैं, सब चीजें हमेशा एसे ही होगीं,
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वे सब बिलकुल स्वाभाविक नहीं थे, उन सबको बदला जा सकता था
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और सबसे जरुरि बात ये कि ये सब चीजें गलत थी और उनको बदलना चाहीये,
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और् जब मुझे ये एहसास हुआ तो वापस जाने का कोइ सवाल ही नहीं था!
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मेरे कहनी पढने के समय में आपका स्वागत है।
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किताब का नाम है "मॆले में पड्डिन्गटन"।
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वैसे उसका जन्म हॆलेंड पार्क में हुआ था और वो यहां पे बडा हुआ।
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एरोन के परीवार मॆं तीन भाई थे, सभी अथ्यन्त तेज।
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"अरे, डीब्बा उलट रही है. . . ." ""तुम अभी मुक्त हो . . . ."
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वैसे हुम सभी सबसे अच्चा बर्ताव करने वाले बच्चे नहीं थे।
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तीनो हुमेशा इधर-उधर भगते रेहते, गडबडी करते
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"अरे, नहीं,नहीं, नहीं ।"
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- एरोन। - क्या?
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मगर मुझे ये समझ में आ गया है की एरोन बहुत ही कम उम्र में सीख गया था की कैसे सीखना है।
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"एक, दो, तीन, चार, पांच, छे, सात, आट,नॊ, दस ।"
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-"टख, टख।" - "कौन है?"
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-"एरोन।" - "एरोन कौन?"
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- "एरोन हंसानेवाला । "
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उसे पता था उसको क्या चाहीए और वो हमेशा वही करना चाहता था।
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उसे जो चाहीए वो हमेशा उसको प्राप्त करता।
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उसकी कौतुहल कभी खतम नहीं होती।
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"ये एक चोटी तसवीर है जो ग्रहों के बारें में बताती हैं और हर ग्रह का एक चिऩ्ह है :"
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"बुध का चिऩ्ह, शुक्र का चिऩ्ह, भुमी का चिऩ्ह, मंगल का चिऩ्ह, गुरु का चिऩ्ह ।"
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एक दिन उसने सुसेन(एरोन कि मांं) से बोला, "ये क्या है हॆलेंड पार्क में परिवार का उचित मनोरंजन ?"
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"हॆलेंड पार्क में परिवार का उचित मनोरंजन ।"
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वो तब तीन साल का था।
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वो बोली, "तुम किसके बारे में बात कर रहे हो?"
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वो बोला,"देखो, फ़्रिडझ पे ऐसा लिखा है,"
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"हॆलेंड पार्क में परिवार का उचित मनोरंजन।"
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वो चौंक गयी की उसको पडना आता है।
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किताब का नाम है- "मेरे परिवार का सेदेर(पार्सियोन का त्योहार)"
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सेदेर कि रात बाकि सारीं रातों से अलग होति हैं
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मुझे याद है एक बार हम युनीवरसिटि ओफ़ छीकागो के ग्रंथालय में थे
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मॆंने शेल्फ़ से एक किताब निकाली जो उन्नीसवी शातक की थी
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और उसको दिखाते हुए कहा, "तुमें पता हे, ये एक असाधारण जगह हे"
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हम सभी बहुत ही कौतुहल बच्चे थे लेकिन एरोन को पडना और पडाना बहुत ही अच्चा लगता था।
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आज हम ABC(अंग्रेजी वर्णमाला) उलटा पडेंगे
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"z, y, x, w, v, u, t ...."
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मुझे याद हे वो अप्नी पेहली बीजगणित(आल्जेब्रा) कशा से घर लौटा
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और बोला: "नोहा, मुझे तुमेंहे बीजगणित सिखाने दो।"
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और मॆंने पुछा: "क्या हे बीजगणित?"
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और वो हमेशा वॆसा ही था।
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अभी मॆं बटन दबाता हुंं, बटन दबाओ, देखो, अभी उसको वो मिल (गेम खेलते हुए),
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अभी वो गुलाबी रंग का है ।
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जब वो 2-3 साल का था, बोब(एरोन के पिता)ने उसको कंप्युटर से परिचय करवाया,
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उसके बाद वो तेजी से उसको सिखने लगा
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[?]
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हम सबके पास कंप्युटर थे, मगर एरोन सही मायेने में उनसे बात करता था, सही मायेने में भुजाल से बात करता था
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क्या तुम कंप्युटर को देख रहे हो? नहीं, कैसे [?]
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"ऎसा कॆसे . . . मां, कुछ भी काम क्युं नहीं कर रहा हॆ?
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उसने कंप्युटर पर योजनाये बनाना बहुत कम उम्र से हि शुरु कर दिया था।
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मुझे याद है मॆं ने उसके साथ सबसे पेहला कंप्युटर कि योजना बेसिक(कंप्युटर में योजनाये बनाने कि एक पुरानी भाषा) में लिखि थी
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और् वो एक चोटि सी तारों का युद्ध (बहुत ही लोकचरीत्र अंग्रेजी चलनचीत्र) का खेल था
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इस खेल की योजना बनाने के लिए वो कई घंटे
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तहखाना में जहां कंप्युटर रखा था मेरे साथ बैठा।
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मुझे उसके साथ काम करने में ये समस्या हो रही थी कि ऎसा कुछ नहिं था जो मॆं खत्म करना चाहथा था
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और उसको हमेशा ऎसा कुछ था जो वो करना चाहथा था,
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हमेशा एसा कुछ जो कंप्युटर योजनाओं से हल किया जा सकता था।
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एरोन हमेशा एसा सोचता कि, योजनायें जादु हैं।
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उनसे तुम ये सब प्राप्त कर सकते हो जो साधारण आदमी नहिं कर सकते ।
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एरोन ने बस एक 'मेकिंटोष' और एक गत्ता से बना डीब्बे से ऎ.टि.एम. (पॆसा विक्रेने का यंत्र)
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एक साल, हेल्लोवीन(पार्सीयों का त्योहार) के वक्त, मुझे नहीं पता था की मॆं क्या वेश पेहना चाहता हुं,
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और उसको लगा की बहुत ही अच्छा होगा अगर मॆं उसका
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उस समय का पसंदीदार कंप्युटर, ईमेक, दिखने जैसा वेश पेहनता।
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मेरा मतलब है, उसको हेल्लोवीन के लिये वेश पेहनना बिलकुल पसंद नहीं था मगर उसको दुसरों को
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जो वो देखना चहता था वो पेहनेने के लिए मनाना बहुत पसंद था।
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"मेजबान एरोन, रुखो! बच्छों, केमरा को देखो!"
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"मखडिपुरुष केमरा को देखा।"
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उसने ये वेब साइट बनाया जीसका नाम था, "द इन्फ़ो" जीसमें लोग आसानि से जानकारी भर सकते थे ।
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मुझे भरोसा है कोइ होग जीसको सोना, सोने का वर्क के बारे में सब कुछ पता होगा,
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क्युं नहीं वो इस वेबसाइट में इसके बारे में लिखें?
और फिर बकी लोग कभी इस वेबसाइट में आ सकते हें
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और इसके बारे पड सकते हैं और अगर उनको लगता है की सुचना गलत हे तो वो उसको बदल सकते हैं।
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विकीपीडीया से कफ़ी भिन्न नहीं हे ना?
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और ये विकीपीडीया शुरु होने से पेहले हि, और इसको बनाने वाला 12 साल का लडका,
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अपने हि कमरे में, अकेले हि, चोटे से सर्वर में चलाते हुए, बहुत हि अनाधुनीक तकीनीक़ उपयोग करते हुए ।
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और उसके एक सिकशख ने कहा,
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"ये बहुत हि खराब तरकिब हे . तुम किसी को भी ग्रंतकोश में लिखने नहीं दे सकते !।
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"हमारे बिच विध्वान इसी लिये हें की वे हमरे लिये ऎसी किताबे लिख सके।"
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"तुम को ऎसी खराब तरकिब आ भी कैसी सकती है?"
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मॆं और मेरा भाई, ये सोचते "हां, विकीपीडीया अच्छा है लेकिन ...."
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"हमारे घर में ऐसा ही कुच था, पांच साल पेहले । "
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एरोन की वेबसाइट, 'द इन्फ़ो.ओर्ग', ने एक विद्यालय की प्रतीयोगीता जीती जो
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-hosted by the Cambridge-based
web design firm ArsDigita.
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हम सभी केंब्रीड्झ गये जब वो आर्सडिजिटा का पुरस्कार जीता
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और हमें सुराग भी नहीं था की एरोन क्या कर रहा हॆ।
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ये स्पष्ट था की पुरस्कार बहुत ही महत्वपुर्ण हे ।
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एरोन उसके तुरंत बाद ओनलाइन योजनाये बनाने वाले समुदायों के साथ शामिल होने लगा,
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और फिर भुजाल के लिये एक नया साधन तॆयार करने में जुट गया।
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वो मेरे पास आकर बोला, "बेन(एरोन का भाई), मॆं एक बहुत ही अद्भुत चीज पे काम कर रहा हुं।"
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"तुमें उसके बारे में सुनना चाहिए ।"
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मॆंने उससे पुछा, "हां, मुझे उसके बारे में बताओ?"
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उसने बोला, "उसको केहते हॆं आर. एस. एस."
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और फिर वो आर. एस. एस. के बारे में समझाने लगा.
मॆं ने उससे पुछा, "उसकी क्या जरुरत हे, एरोन?"
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"क्या कोई साइट इसका उपयोग कर रही हॆ?
मॆं क्यों इसका उपयोग करुगां?"
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एक एमैल पट्टी थी जीसमें लोग अर.एस.एस और साधारणतः एक्स.एम.एल. में काम करते थे
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और उसमें ये आदमी था जीसका नाम था एरोन स्वार्ट्झ जो आक्रामक था परंतु बहुत ही चालक
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और जिसके पास बहुत सारे अच्छे विचार थे और
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वो कभी आमने-सामने होने वाले मुलाकातों में नहीं आता था और सभी ने उससे पुछा-
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"वैसे तुम कब कोई भी आमने-सामने होने वाले मुलाकातों में आओगे?"
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और वो बोला-"मुझे नहीं लगता मेरी मां मुझे आने देंगे । मॆं बस हाल फ़िहाल में चॊदाह साल का हुआ हुं।"
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और सब का पेहला प्रतिक्रीया यही था- "ये जो हुमरा सहकर्मी है जीसके साथ हम पुरा साल काम कर रहे हें
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तेरह साल का था और बस अभी ही वो चोदाह साल का हुआ हे ।
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और उनका अगला प्रतिक्रीया था की-
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"हम को जरुर इससे मिलना चाहिए । ये काफ़ी आसाधारण हे ।"
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वो आर.एस.एस. को लिखने वाले समिति का सदस्य था.
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वो आधुनिक 'हॆपरटेक्ष्ट'की अंदरुनी हिस्सा बनाने में सहयोग कर रहा था।
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जीस हिस्से पे वो काम कर रहा था, आर.एस.एस., एक ऎसा साधन था,
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जीस से भुजाल के दुसरे वेबसाइट में लिखे चिजों का सारांश पाया जा सकता था।
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आम तॊर से आप इसको एक वेबदॆनिकी में उपयोग कर सकते हो ।
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आप 10-20 लोगों का वेबदॆनिकी पडना चाहते होंगें।
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आप उनकी आर.एस.एस. खाद्य (;)) उपयोग करते हुए, उनके वेबदॆनिकी में लिखे जाने सारे चीजों का सारांश
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ले कर एक ही एकग्रीत पट्टी बना सकते हैं।
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एरोन बहुत ही चोटा था किन्तु वो तकनीकि विज्ञान को समझता था और वो देख सकता था की तकनीकि विज्ञान अपूर्ण हे
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और उसको सुधारने के लिए रासतें खोझता था।
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इसीलिए उसकि माता ने उसको छिकागो से हवाई जाहज पे भेजना शुरु किया । हम उसको सान फ़्रान्सिसको (हवाई जाहज अड्डे)से उठा लिया करते थे ।
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हमने उसको बहुत सारे दीलचस्प लोगों से परिचय करवाया जीन्से वो तर्क कर सके और हम उसकी भयंकर खाने की आदतों से हॆरान होते थें।
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वो सिर्फ़ सफ़ेद खाना खाता था, बस भाप से बना चावल और ना की तला हुआ क्यों की वो यथेष्ट सफ़ेद नहीं था
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और सफ़ेद ब्रेड और ऐसा हि सब...
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और आप इसके स्वरुप अचम्भा होकर इस विवद के गुण को देखते
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जो इस नऩ्हे से बालक के मुहं से आते हुए दिखाई पडता,
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और आप सोचने लग जाते कि ये बालक जीवन में बहुत ही आगे भडेगा अगर वो उससे पेहले स्कर्वि से मर ना जाये तो ।
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एरोन, अगले तुम हो!
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मुझे लगता है की इससे बदलाव ये होगा की अब आप "डोटकोम" जॆसे कंप्नीया नहीं बना सकते ।
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एसी कंप्नीयां नहीं होनी चाहिए जो बेकार खाना भुजाल के द्वारा या मोबाइल के द्वारा आप को बेचती हों।
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किन्तु अभी भी खाफ़ि नवोत्पाद हो रहा हे ।
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मेरे समझ से अगर आप इन नवोत्पाद को नही देख पा रहे हो, तो हो सकता हे आप ने अपना सिर भालु में छिपाया हे ।
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वह एक पडाकु व्यक्तित्व ले लेता था जीसमें उसे लगता था
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कि-"मॆं तुमसे चालक हुं और क्योंकि मॆं तुमसे चालक हुं, मॆं तुमसे अच्छा हुं,"
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"और मॆं तुमहें बोल सकता हुं कि तुमहें क्या करना चाहिए ।"
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ये उसका एक खिझाऊ मनुष्य का स्वरूप था।
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तो आप इन सारे कंप्युटर को झोड दो और वे सब मिलकर काफ़ि बडे गुत्तीयों को सुलझा रहें हें
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जैसे की परग्रहि को धुंडने कि या केनसर का इलाज के लिए।
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मेरी उससे सबसे पेहली भेंट ऎ. आर. सी. (भुजाल से प्रसारित गुपशप) पे हुई थी।
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वो सिर्फ़ योजनायें नहीं बनाता था, वो दुसरें लोगों को भी उत्तेजीत करता था अपनी समस्यायें सुलझाने के लिए ।
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वो लोगों को जोडता था।
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स्वतंत्र संस्कृतिक आंदोलन ने उससे काफ़ी शक्ति पाया ।
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मुझे लगता हे, एरोन दुनिया को कामचलाऊ बना राहा था. वो उसको ठीक करना चाहता था।
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उसकी व्यक्तिव खाफ़ी उग्र था जो अवश्य कुछ लोगों को कभी-कभी अप्रसन्न् कर देता था ।
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ऎसा नहीं था की वो हमेशा इस दुनिया में संतुष्ट था
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और दुनिया भी उससे हमेशा संतुष्ट नहीं थी।
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एरोन उच्च विद्यालय में भर्ति लिया और बहुत ही जळि विद्यालय से नाराज होने लगा।
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उसको वाहं कुछ भी पसंद नहीं था। वाहं पडाने जाने वाले कोई भी पाठ उसको पसंद नहीं था। वाहं के कोई भी शिक्षक उसको पसंद नहीं थे ।
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एरोन को घ्यात था की उसको सुचना कहां से मिलेंगी।
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और वो बोलता- "मुझे इस शिक्षक की जरूरत नहीं हे रेखागणित सिखने के लिए ।"
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मॆं बस रेखागणित कि किताब पड सकता हुं,
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और मुझे इस शिक्षक के पास जा कर अमरीकि इथीहास के उसके विविरण सीखने की आवश्यकता नहीं हैं,
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मेरे पास यहीं इतिहास का 3 संकलन हे । मॆं बस इनहीं से पड सकता हुं,
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और मुझे इसमें कोई दिलचस्पि नहीं हे। मुझे भुजाल में दिलचस्पि हे ।
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मॆं विद्यालय में बहुत हताश रेहता था। मुझे लगता था की शिक्षकों को कुछ पता नहीं हे की वे क्या बोल रहीं हैं,
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और वे सभी निरंकुश और प्रतिबंधि थे, और गृहकार्य तो एक ढोंग था,
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और ये सब एक तरीखा था बच्छों को साथ में रखकर उनको मजबुरन व्यस्त काम करवाने के लिए।
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और मॆं ने किताबें पडना शुरु किया शिक्षा के इतिहास के बारे में
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और कैसे ये शिक्षा व्यव्स्था विकसित हुई,
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और इसके विकल्प और कैसे लोग सही में कुछ सीख सकते हॆं
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ना कि बस उन सारे तत्वों को रट्टा मार कर जो शिक्षकों ने उनको बताया हे,
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और इससे मॆं सारे चिजों पे सवाल उटाने लगा। जॆसे ही मॆं अपने विद्यालय के बारे में सवाल उठाया,
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मॆं ने उस समाज पे सवाल उठाया जीसने उसको बनाया था, मॆं ने उन उद्योगों पे सवाल उठाया जीनके लिए विद्यालय लोगों को प्रशिक्षण दे रही थी,
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मॆं ने उस सरकार पे सवाल उठाया जीसने ये व्यव्स्था बनाई थी।
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एक चीज जीसमें वह सबसे ज्यादा जोशिला था, वो था मुद्राधिकार, खास तॊर पर अपने प्रारम्भ के दिनों में।
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मुद्राधिकार हमेशा से ही एक भोज रहा हे प्रकाशित करने वाले उद्योगों पर और पाठकों पर,
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लेकिन वो बहुत ही ज्यादा भोज नहीं था। वह एक यथोचित संस्था थी जीसका होना जरुरी था
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ये सुनिश्चित करने के लिए कि लोगों को भुगतान प्राप्त हो ।
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जो एरोन की पिडी ने अनुभव किया वो था टकराव एक चोर पर बहुत ही पुरानी मुद्राधिकार व्यव्स्था कि
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और दुसरे चोर पर एक अदभुत्त चीज कि जिसे हम बनाने की कोशिश कर रहें - - भुजाल।
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ये दोनों एक दुसरे से टकराया और उससे जो हमें मिला वो था कोलाहल।
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वो उसके बाद हारवर्ड के कानुन के शिक्षक लोरेन्स लेस्सिग से मिला,
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जो तब उच्चतिम न्यायालय में मुद्राधिकार कानुन का विरोध कर रहे थे ।
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जवान एरोन स्वार्ट्झ उच्चतिम न्यायालय के सुनवाई को सुनने के लिए वाशिंग्ठन हवाई जहाज से गया।
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मॆं एरोन स्वार्ट्झ हुं और मॆं यहां एल्डरेड को सुनने -- एल्डरेड के तर्क को देखने के लिए आया हुं।
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तुम क्यों छिकागो से इतनी दूर हवाई जाहज से उड कर आए एल्डरेड का तर्क सुनने के लिए?
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ये खाफ़ि कठिन सवाल हे ...
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मुझे नहीं मालुम हे । उच्चतिम न्यायालय को देखना काफ़ि रोमांचक हे,
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खास तॊर पर इस प्रकार के प्रतिष्ठित मुकदमे के लिए ।
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लेस्सिग भुजाल में मुद्रधिकार कि नयी परिभाषा देने के लिए काम कर रहा था।
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उसको कहेते थे, "क्रिएटिव कॉमन्स"।
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"क्रिएटिव कॉमन्स" एक सादा विचार था लोग जो रचयिता हें उनको
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एक सरल तरीखा देना जीससे वे अपनी रचना के साथ जुडे हुए स्वातंत्रताओं को अंकित कर सखें ।
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अगर मुद्रधिकार बस केहता हे, "सारे अधिकार आरक्षित हें", तब ये केहता हे "कुछ अधिकार आरक्षित हें"।
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मुझे आप से सरल तरिखे से ये केहना हे, "ये सारे चीजें हें जो आप मेरी रचना के साथ कर सकते हें,
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और अगर आप को कुछ अलग करना हे तो आप को मुझ से इजाजत लेनी पडेगी। "
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और इसमें एरोन कि भुमिका कंप्युटर का काम था।
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कॆसे आप अनुज्ञान पत्र का निर्माण करेंगें जीससे वे सरल हो और समझने योग्य हो,
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और कॆसे प्रकट किया जीससे यंत्र उसको प्रक्रम कर सखें?
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और लोग पुछते थे, "क्यों तुम ने "क्रिएटिव कॉमन्स" का विनिर्देश लिखने के लिए एक पंद्राह साल के बच्चे को दे दिया?
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क्या तुमको लगता नहीं है कि ये एक बहुत बडी गलती हे?"
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और लेरी कहता, "बहुत बडी गलती होगी अगर हम इस बच्चे को नहीं सुनेगें तो ।"
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वह मुशकिल से इतना लंबा था की वो मंच के ऊपर आ सकें,
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और क्योंकि वह मंच को हिलाया नहीं जा सकता था, तो वो काफ़ि लज्जाजनक चीज थी,
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और जब उसने एक बार अपना लेपटोप का स्क्रीन उपर किया तो कोई भी उसका चेहरा नहीं देख सकता था।
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जब आप हमारे वेबसाइट पे इधर आते हो , तो आप "अनुज्ञान पत्र का चयन कि जीए" में जांये।
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ये आप को ये विकल्पों कि सुछी देता हे, ये समझाता है कि इसका मतलब क्या हे और आपको सिर्फ़ तीन सरल सवाल पुछता हे:
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"क्या आप को आरोपण चाहिए?"
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"क्या आप अपने काम का व्यावसायिक रूप से उपयोग करने कि अनुमति देते हें?"
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"क्या आप अपने काम को बदलने कि अनुमति देते हें?"
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मॆं पुरी तरह चॊंक गयी कि ये सारे बडे लोग इसको भी अपनी तरह बडा मान रहे थे,
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और एरोन दर्शकों से भरे सभा में खडा हो कर,
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अपने "क्रिएटिव कॉमन्स" के लिए बनाये गये मंच के बारे में समझाने लगा,
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और सब कोई उसको सुन रहे थे,
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मॆं पीछे बॆठ कर सोच रहि थी, वो तो बस अभी बच्चा हे । ये सब इसको क्यों सुन रहे हें
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लेकिन वो सुन रहे थे ...
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मुझे नहीं लगता कि वो जो बता रहा था मुझे पुरा समझ में आया।
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हालांकि आलोचक कहते हें कि "क्रिएटिव कॉमन्स" कलाकार को भुगतान मिलने कि दिश में बहुत कम मदद करती हे,
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लेकिन भी "क्रिएटिव कॉमन्स" अत्यंत सफ़ल रहा हे ।
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इस समय, बस वेबसाइट फ़्लिकर में ही 20 करोड लोग विभिन्न "क्रिएटिव कॉमन्स" अनुज्ञान पत्रों का उपयोग करते हें।
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वो अपने तकनीकी सामर्त्य से योगदान करता था, लेकिन उसके लिए ये सीर्फ़ नकनीकी ममला नहीं था।
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एरोन ज्यादतर खुलकर अपने वेबदॆनिकी में लिखता था:
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"मॆं चिझों के बारे में बहुत घेहराइयों में सोचता हुं और मॆं चाहता हुं कि दुसरे लोग भी ऐसा ही करें।
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मॆं विचारों के लिए काम करता हुं और लोगों से सिखता हुं। मुझे लोगों का वर्जित करना अच्चा नहीं लगता।
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मॆं एक पूर्णतावादि हुं मगर मॆं इस स्वभाव को प्रकाशन पे हावि नहीं होने देता हुं।
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शिक्षा और मनोरंजन को चोडकर, मॆं अपना समय ऎसे चिजों पे व्यर्थ नहीं कर सकता
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जीसका कोई प्रभाव ना हो ।
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मॆं सबके साथ दोस्ती रखने की कोशिश करता हुं मगर मुझे बहुत बुरा लगता हे जब तुम मुझे गंभीरता से नहीं लेते हो ।
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मॆं किसी पे ईर्ष्या नहीं रखता, वो लाभकारी नहीं है मगर मॆं अपने अनुभवों से सिखता हुं।
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मॆं दुनिया को एक बेहतर जगह बनाना चाहता हुं।
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2004 में स्वर्ट्झ हाहॆलेंड पार्क छोडकर स्टेंडफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में भर्ती हो गया।
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उसको "अलसरेटिव कोलॆटिस"(एक पोषण नाल कि बिमारी) थी जो बहुत ही समस्याजनक थी और हम उसकी दवाई के बारे में चिंतित थे ।
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उसको हस्पताल में दखिल होना पडा और हर दिन बहुत सारी दवाईं लेनी पडती थी,
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और इनमें से एक दवाई साद्रांभ थी जीसकि वजह से उसकि शारिरिक वृद्धि रुख गयी,
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और उसको किसी भी अन्य बच्चों से अलग मेहसुस होने लगा।
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मुझे लगता हे, एरोन स्टेंडफ़ोर्ड में पांडित्य करने कि उम्मिद से पहुंचा,
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और अपने आप को एक बहुत ही सरल और साधारण कार्यक्रम मे पाया जो उच्चविद्यालय के अतिसादक बच्चों के लिए बनाया गया था
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जीनसे चार साल बाद ऎसी आश थी कि वे उद्योगों और रइसों के अधिपति होंगे
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और मुझे लगता हे इससे वो काफ़ि उत्तेजित हो गया।
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2005 में, बस महाविद्यालय के एक ही साल बाद,
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"वाई कोंबिनेटर" जो एक नवनिन उद्योगों को सेने का व्यवसाय करती हे और पॊल ग्राहम के नेत्रुत्व में थी ने स्वार्ट्झ को एक जगह दी।
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उसने कहा, "मेरे पास एक वेबसाइट का योजना हे ।"
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और पॊल ग्राहम को पसंद था और उन्होने कहा, "हां, क्यों नही।"
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इस वजह से एरोन ने विद्यालय छोड दिया और इस कमरे में रहने लगा ...
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तो ये एरोन का कमरा हुआ करता था जब वो यांह रहने लगा।
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मुझे हलकि तरह से याद हे मेरे पिताजी कहेते हुए कि उनको कितनी मुशकिल हुइ थी ये कमरे को ठेके पे लेने के लिए
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क्योंकि एरोन के पास कोई उधार लेने कि शमता नहीं थी और उसने महाविद्यालय भी छोड दिया था।
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एरोन बॆठक के कमरे में रेहता था और अभी भी कुछ इश्तिहार लगे हुए हें जो एरोन के समय के हें।
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और ये ग्र्ंथालय... और भी बहुत किताबें हें लेकिन उनमें से काफ़ी किताबें एरोन कि हॆं।
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एरोन का "वाई कोंबिनेटर" में बनाये गये वेबसाइट का नाम था "इन्फ़ोगामि", एक वेबसाइट बनाने का साधन।
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लेकिन इन्फ़ोगामी को ग्राहक धुंडने में काफ़ि कठिनाई हुई और स्वर्ट्झ ने अंततः
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अपनी व्यवसाय को "वाई कोंबिनेटर" के दुसरे व्यवसाय के साथ मिला लीया जिनको मदद की जरुरत थी।
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ये परियोजना स्टिव हफ़मेन और एलेक्सिस ओहानियन के अद्यक्षता में थी और इसका नाम था ""रेड्डिट"।
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हमारी शुरुआत लगभग कुछ नहीं से हुई थी. ना उपभोक्ता थे, ना पॆसा, ना कंप्युटर योजना,
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और फ़िर भी हम दिन भर दिन बढते जा रहे थे एक बहुत ही लोकप्रिय वेबसाइट में,
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और ये कम होने कि कोई संकेत ही नहीं मिल रहा था।
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पेहले हमारे पास 1000 उपभोक्ता आये, फ़िर 10000 और फ़िर 20000 और ऎसे हि बढता गया। ये बहुत ही अविश्वासिय था।
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रेड्डिट बहुत ही लोकप्रिय बन गया और वह भूजाल में पडाकु लोगों का अड्डा जैसे बन गया।
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उसमें बहुत ही हास्य था, बहुत ही कला और लोग वाहं ऎसे ही एकत्र हो जाते थे,
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और उसको उन्होनें सबसे महत्वपुर्ण वेबसाइट बाना दिया था जहांसे वे हर सुबह अपना समाचार पढते थे ।
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रेड्डिट कुछ माइने में कोलहल के बहुत करिब हे,
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तो हालकि एक ओर से वह एक जगह हे जाहं लोग दॆनिक समचार, तकनीकि विज्ञान, राजनीति और भी बहुत सारे विषय,
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और दुसरे ओर से उसमें बहुत सी ऎसी चीझें हें जो कार्यालय में देखने लायक नहीं हे या बहुत ही घृणाजनक चीझें हें,
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और कुछ ऎसे भी विषय हें जो लोगों कि टांग खिचने के लिए उठाए जातें हें,
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और इस माइने में रेड्डिट हमेशा विवादों का कारण रहा हे ।
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रेड्डिट कुछ माइने में कोलहल के बहुत करिब हे ।
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रेड्डिट एक बहुत बडे पत्रिका, कोंडे नाश्ट, के नजरों में आया,
-
जिन्होंने उसको खरीदने का प्रस्ताव किया।
-
बहुत ही ज्यादा पॆसा था, इतना ज्यादा कि मेरे पापा को ऎसे सवाल पुछे जाने लगे:
-
"इस पॆसे को मॆं कॆसे संभाल के रखुं?"
-
"बहुत हि ज्यादा पॆसा था?"
"बहुत हि ज्यादा पॆसा था।"
-
जॆसे कि लगभग 10 लाख डोलर्स से भी ज्यादा, लेकिन मुझे सही में मालूम नहीं हे ।
-
- और वो कितना साल का था उस वक्त?
- 19,20।
-
तो वो सब इसी कमरे में हुआ था। वो यहां बॆठा करते थे और तब यहां ये कुर्सियां नहीं थी,
-
रेड्डिट के लिए योजनायें बनाते हुए और जब उन्होंने रेड्डिट को बेचा
-
तो एक बहुत बडि दावत रखि थी सब के लिए और अगले दिन वे केलिफ़ोर्निया उड कर गये,
-
और कमरे कि चावि मेरे पास छोड गये ।
-
ये बहुत ही हास्यमय था क्योंकि उसने अपना नविन उद्योग अभी ही बेचा था, तो हमने मान लिया कि
-
हम में से सबसे अमीर आदमी वहि हे
-
लेकिन उसने कहा, "अरे नहीं, मॆं ये छोटा सा जूता का डब्बा जीतना बडा कमारा में ले लुंगा।मुझे इतना कि ही जरुरत हे ।"
-
वह कमरा बस अलमारी से थोडा बडा था।
-
ऎसा कोई विचार कि वह अपना पॆसा कुछ महंगें चिजों पे खर्च करें बस अकल्पनीय हे ।
-
वह ऎसे समझाता था कि, "मुझे कमरे में रेहना पसंद हे तो मॆं कोई नये जगह में रेहने के लिए बहुत पॆसा खर्च नहीं करुंगा। मॆं कोई बंगला नहीं खरीदने वाला।"
-
और मुझे जीन्स और छोटी कमिज पेहना अच्चा लगता हे,
-
तो मॆं कपडों पे और पॆसे खर्च नहीं करुंगा।
-
इसीलिए ये कोई बडी बात नहीं हॆ।
-
स्वार्ट्झ को जो बडी बात थी वो थी भूजाल में बहने वाला यातायात,
-
और जीसके ऊपर हमारा द्यान जाना चाहिए।
-
प्रसारण के पुराने व्यवसथा में आप मुलत: सिमित हो जाते थे,
-
आकाश में वायु तरंगों के मात्रा से ।आप बस 10 सरिता भेज सकते थे वायु तरंगों से, या दूरदर्शन से या
-
तार से भी आप के पास सिर्फ़ 500 सरिताएं थी।
-
लेकिन भूजाल में, सब अपनी खुद कि सरिता पा सकते हें।
कोई भी वेबदॆनिकी पा सकता हे या "मॆस्पेस" में खुद के लिए पन्ना बना सकता हें ।
-
सबका अपना ही एक तरिखा होता हे खुद को प्रकट करने का।
-
इसीलिए अभी आप जो देख रहें हॆं, वह ये सवाल नहीं हे कि किसको वायु तरंगों को उपयोग करने कि अनुमति मिलेगि,
-
सवाल ये हॆ कि किसको वश मिलेगा उन तरिखों का जीससे भूजाल में लोगों को धुंडा जा सके ।
-
और आप देख सकते हें कि शक्ति कुछ ही वेबसाइट जॆसे गुगल में एकाग्रत हो रहीं हॆं जो एक द्वारपाल कि तरह काम करती हॆं और आप को बताती हें
-
कि आप को भूजाल में कहां जाना हे,
-
जो आपके समाचार और सूचाना के स्त्रोत्र हे।
-
तो अब ऎसा नहीं हे कि सिर्फ़ कुछ लोगों को बोलने कि अनुमति हे, अभी सब के पास
-
बोलने कि अनुमति हे । अब सवाल ये हे कि किसकि सुनि जायेगी।
-
जब वो सेन फ़्रान्सिसको में कोंडे नास्ट के लिए काम करना शुरु किया, वह कार्यालय पहुंचा
-
और उन्होंनें उसको एक कंप्युटर दिया जिसमें बहुत सारे बकवास योजनायें स्थापना किया गया था
-
और उन्होंनें उसको बोला कि वह कुछ भी और योजनायें उस कंप्युटर में स्थापित नहीं कर सकता,
-
जो कंप्युटर योजनायें विकास करने वालों के लिए बहुत ही चॊंका देने वाली बात थी।
-
पहले दिन से ही वह ऎसे चिजों के बारे में शिकायत कर रहा था।
-
"भुरा रंग का दिवार, भुरा मेज, भुरा शोर. मॆं पेहले दिन काम के लिए पहुंचा यहां और मॆं इसको सेहन नहीं कर पाया।
-
मद्यान्ह के भोजन के समय तक में मॆं अपने आप को शॊचालय में बंद करके रोना शूरु कर दिया था।
-
मॆं सोच भी नहीं सकता कि कॆसे मॆं अपने आप को संतुलित रख सकता जब कोई पूरा दिन मेरे कान में भनभना रहा हो,
-
कुछ काम करना तो अलग बात हे ।
-
वॆसे भी, कोई और भी यहां काम नहीं कर पाता।
-
हर कोइ हमेशा हमारे कमरे में आतें हें बात करने के लिए या हमें खेलने को बुलाने के लिए
-
नया विडियो खेल व्यव्स्था जिसको "वॆर्ड" परीक्षा कर रही हे।
-
उसको सही में अलग महत्वाकांक्षा थी जो राजनॆतिक थी,
-
और "सिलिकोन वॆलि" में ऎसे लोगों को बढावा नहीं मिलता
-
जो तकनीकि विज्ञान के काम को अपने राजनॆतिक लक्ष्य के लिए उपयोग करें।
-
एरोन को किसी बडे उद्योग के लिए काम करना बिल्कुल पसंद नहीं था।
-
उन सबको "कोंडे नास्ट" के लिए काम करना पसंद नहीं था लेकिन एरोन अकेला था जो इसको एकदम सेहन नहीं कर पाया।
-
और एरोन काम के लिए नहीं जाने कि वजह से
-
अपने आप को काम से निकलवाने में कामियाब हुआ।
-
कहा जाता हे कि उन दोनों का संबध बहुत बुरी तरह टुटा।
स्टिव हफ़मेन और एलेक्सिस ओहानियन, दोनों ने
-
इस फ़िल्म के लिए बातचित करने से इनकार कर दिया।
-
उसने उद्योंगों कि दुनिया को ठुकरा दिया। एक बहुत ही महत्वपुर्ण चिज जो हमें याद रखनी चाहिए
-
उसके इस चयन का, कि जब एरोन ने नविन उद्योग के समूह को छोडा, तो वह उसके साथ
-
ऎसि चीजों को भी छोड रहा था जीस कि वजह से वह लोकप्रिय बना था और सब उसको चाहते थे और वह अपने चाहने वालों को निराश करने का जोखिम उठा रहा था।
-
वह जहां जाना चाहता था, वहां पहुचां और उसमें इतनी जगरुकता
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और द्रुडता थी समझने में कि उसने एक गुलाब के फ़ूल के लिए
-
मल के पर्वत को छडा और उसे अनुभव हुआ कि उसने महकने कि शमता हि खो दिया हे,
-
और इसके बजाय कि वह वहां बॆटा रहे और ये सोचता रहे कि इतना बुरा नहीं हे जीतना लगता हे,
-
और उसको वॆसे भी गुलाब का फ़ूल तो मिला हि,
-
वह फ़िर से पर्वत के नीचे उतरा, जो वाकॆ हि काबिले तारिफ़ हे ।
-
एरोन को योजनायें बनाना जादू लगता था
-
बस योजनाओं से आप वह सब कर सकते हो जो एक साधारण मनुष्य नहीं कर सकता ।
-
तो अगर आप के पास जादुई शक्ति हे, तो आप उसका उपयोग अच्छे कामों के लिए करोगे या बहुत सारा पॆसा कमाने के लिए?
-
स्वार्ट्झ प्रेरित हुआ था एक दुरदर्षि से अपने बचपन में मिलकर,
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वह आदमी जिसने भूजाल का अविष्कार किया था, टिम बरनर्स-लि।
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1990 के सालों में, बरनर्स-लि ने बिसविं सदि का
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सबसे ज्यादा लभदायक अविष्कार किया,
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लेकिन उससे बहुत पॆसा कमाने के बजाये, उसने उसको मुफ़्त में दे दिया।
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वही एक कारण हे जिसकी वजह से भूजाल आज अस्तित्व में हे ।
-
एरोन निश्चय ही टिम से बहुत हि प्रभावित हुआ था।
-
टिम निश्चय हि भूजाल के बहुत बडे प्रतिष्ठित विज्ञानी थे जीन्होंने इससे कुछ भी लाभ नहीं उठाया।
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उसको कोई दिलचस्पी नहीं थी कि वह इससे कॆसे अरोबों कमा सकता हे ।
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लोग कह रहे थे, "देखो, इससे बहुत पॆसा बनाया जा सकता हे,"
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तो इससे बहुत सारे छोटे भूजाल होते,
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एक बडे भूजाल के बदले,
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और एक छोटी भूजाल और अनेक भूजाल अस्तित्व में नहीं कर सकते
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क्योंकि आप उनमें एक से दुसरे का सम्पर्क नहीं पिछा कर सकते ।
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आप को क्रांतिक द्रव्यमान चाहिएअ था और इसके लिए आप को धरती के सारे लोग चाहिए थे,
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इसीलिए ये काम नहीं करता अगर धरती के सारे लोग इसका इस्तमाल नहीं करते तो ।
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मुझे बहुत जरुरी लगता हे कि बस इतना काफ़ी नहीं हे कि सिर्फ़ दुनिया में ऎसे हि रहो जॆसा हे,
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जीतना दिया गया हे उतना हि लेकर खुश रहो और उसीका पालन करो जॆसे बडें बोलते हें ,
-
और जो आप के मां-बाप बोलते हें, और जो आपको समाज बोलता हे। मुझे लगता हे आप को हमेशा प्रश्न उठाना चाहिए।
-
मॆं बहुत ही वैज्ञानिक नजरीये से देखता हूं जहां सब कुछ जो आप ने सीखा हे वह सब बस अल्पकालीन हे,
-
जीसका आप कभी भी खण्डन कर सकते हो, प्रत्याहार कर सकते हो और जीसको आप हमेशा प्रश्न कर सकते हो और मुझे लगता हे ये सब समाज के उपर भी लागू हे ।
-
जब मुझे समझ में आया की समाज में असली में बहुत हि गंभीर समस्यायें हे -- मूल समस्यायें--
-
जीनको हल करने के लिए मॆं कुछ कर सकता हूं, मॆं किसी भी तरह इससे मुहं नहीं फ़ेर सकता था। मुझे न करने का कारण भी नहीं दिखा।
-
हमने साथ में बहुत समय बिताना शुरु किया,
-
बस दोस्त जॆसे ।
-
हम घंटों के लिए रात भर बात करते रहते।
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मुझे समझ में आ जाना चाहिए था कि वह मेरे साथ इशकबाजी कर रहा था।कुछ हद तक मुझे लगता हे मॆं सोच रही थी
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कि ये बहुत हि खराब तरकिब हे और नामुम्किन हे और इसीलिए में मान लेती हुं कि ऎसा नहीं हो रहा हे ।
-
जॆसे जॆसे मेरा शादी टूट रहा था, मॆं सही में फ़स गयी थी क्योंकि मेरे पास कहीं और जानेके लिए नहीं था,
-
और हम लोग साथ में रहने लगे और मॆं अपनी बेटी को भी साथ में ले आयी।
-
हम साथ में रहने लगे और घर को सजाया और सब कुछ बहुत ही शांतिपूर्ण था।
-
मेरा जीवन बहुत समय से शांतिपूर्ण नहीं था और सही में ना उसका।
-
हम एक दुसरे के बहुत हि करीब थे हमारे प्यार के संबंध के शुरुआती दिनों से हि।
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हम लोग निरन्तर सम्पर्क में थे ।
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लेकिन हम दोनों ही बहुत ही कठिन लोग थे झेलने के लिए [हंसकर]।
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बहुत ही मजाकिया बातचीत में एक बार उसने मुझसे स्वीकार किया कि उसका एक पसंदिदार गाना हे और मॆं ने उसको मेरे लिए वह गाना गाने को मना लिया।
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वह था "फ़ियोना एप्पल" द्वारा गाया हुआ "असाधारण यंत्र"।
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मुझे लगता हे उसको यह गाना पसंद आया क्योंकि इस गाने में एक तरह का संकटग्रस्त कि भावना हे
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और साथ हि में उसमें आशा भी हे।
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♪ नंगे पांव चलने से धीरे छड पाउंगी लेकिन मॆं बॆचेनी हालातों में निपुण हुं तो इसी लिए में हमेशा
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अपने आप को बदलते हुए नहीं रोक सकती ♪
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अनेक माइने में, एरोन जीवन के बारे में अत्यंत आशवादि था। उसे भी नहीं लगता था,
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कि वह जीवन के बारे में अत्यंत आशवादि हो सकता था।
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♪ मॆं एक "असाधारण यंत्र" हुं ♪
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(एरोन) - तुम क्या कर रही हो?
(क्विन्न) - फ़्लिकर में अभी विडियो का प्रावधान हे।
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स्वार्ट्झ ने अपनी शक्ति बहुत सारे नये परियोजना में डाला
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जो जनता कि जानकारि के आगमन के बारें में था
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जीसमें एक जवाबदेहि वेबसाइट "वाच्चढोग.नेट(watchdog.net)" भी था
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और एक परियोजना जीसका नाम था "खुला ग्रंथालय(दि ओप्न लॆबरेरि)"।
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"खुला ग्रंथालय" परियोजना एक वेबसाइट हे जीसको आप "ओप्न लॆबरेरि.ओअरजी(openlibrary.org)" में देख सकते हॆ,
-
और इसका प्रयत्न था की वह एक बडा सा विकि बनें, एक वेबसाइट जीसको कोई भी सम्पादित कर सकता हे और जीसमें हर किताब को एक पन्ना हो ।
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इसलिए हर किताब जो कभी प्रकाशित हुई हो, हम चाहते हॆं कि उसका एक भूजाल में पन्ना हो जीसमें
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प्रकाशक द्वारा, किताब विक्रेता द्वारा, ग्रंथालय द्वारा और पाठको द्वारा दिये गये सूचनायें हो
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इस एक वेबसाइट में हो और आप को वे सारे सम्पर्क दें जीनसे आप इसको खरिद सकेते हो, या कर्ज ले सकते हो या आप भूजाल में पड सकते हो ।
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मुझे ग्रंथालय पसंद हे ।मॆं उस तरह का इनसान हुं जो जब कभी नये शहर में जाता हे, वह तुरंत वहां के ग्रंथालय धुंडता हे ।
-
वही "खुला ग्रंथालय(दि ओप्न लॆबरेरि)" का सव्पन हे, कि ऎसा वेबसाइट बनायें जीसमें आप
-
एक किताब से दुसरा किताब, आदमी से लेखक, या विषय से योजना में खुद सकते हो और इस बडे और विशाल
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ज्ञान के पेड पे छड सकते हो जो अभी हमारे दॆहिक ग्रंथालय में झडि हुई हें और खो गयी हें और जीसको धूंडना बहुत मुश्किल हे,
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और ये लोगों को भूजाल में भी आसानी से उपलब्ध नहीं हे । ये बहुत ही आवश्यक हे क्योंकि किताबें हमारे सांस्कृतिक विरासत हे ।
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किताबें वे जगह हें जहां लोग अपनी मन्न कि बात लिखने जाते हें,
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और ये सब एक उद्योग में ही सिमित हो जाए ... बहुत हि डरावनी बात हे ।
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जनता के सूचाना को आप जनता को उपलब्ध कॆसे कर सकते हो?
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ये बहुत ही जाहिर सी बात लगेगी कि जनता के सूचाना को जनता के लिए उपलब्ध हे,
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लेकिन सचाई में ऎसा नहीं हे । हालाकि जनता कि सूचना सब के लिए मुफ़्त होनी चाहिए लेकिन वह ज्यादातर मुक्त नहीं हे ।
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ज्यादातर वह पींझरों में बंद हे. जॆसा कि वह राष्ट्रिय उद्यान में हे लेकिन खाइ से घिरा हुआ हे,
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और उससे बंदुक का कंगुरा निकले हुए, अगर कोई सही में आ जाए और जनता के सूचाना का लाभ उठाना चाहे थो ।
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एक ऎसी परियोजना जीसमें एरोन को बहुत ही दिलचस्पी थी, वह था जनता के सूचाना को जनता के लिए उपलब्ध कराना।
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और यही वह चीझ थी जीसकी वजह से बहुत सारे मुशकिलों में फ़ंसा।
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मॆं संयुक्त राज्य अमरीका में संघीय न्यायालयों के दस्तावेजों को प्राप्त करने कि कोशीश कर रहा था।
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जो मॆं ने खोज निकाला वह था ये पेचीदा व्यवस्था जीसका नाम था, "पेसर(PACER)"
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जीसका विस्तार हे "न्यायालय के अंकीय दस्तावेजों को जनता को उपलब्ध कराना"।
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मॆं ने भूजाल में धुंडना शुरु किया और तब मुझे कार्ल मालमुद के बारे में पता चला।
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संयुक्त राज्य अमरीका में कानूनी दस्तावेजों को उपलब्ध कराना हर साल हजार करोड डोलर का उद्योग हे ।
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पेसरे एक अविश्वासनीय घ्रूणिता योग्य सरकारी सेवायें हे । उसमें हर पन्ने का दस सेंट्स लगता हें,
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ये एक सबसे ज्यादा दिमागरहीत योजना होगी जो आपने कभी देखी होगी. आप इसमें कुछ भी धुंड नहीं सकते । आप कुछ भी आगे के उपयोग के लिए बचा नहीं सकते ।
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आप के पास इसको इस्तमाल करने के लिए खर्जे का पत्ता(क्रेडिट कार्ड) होना चाहिए और ये सारे जनता के दस्तावेज हें।
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